Posted on 19 November 2011 by admin
जनगणना की रिपोर्ट से पता चलता की है कि जनपद की आबादी काफी बढ़ चुकी है। दो दर्जन ब्लाकों की रिपोर्ट यह कह रही है कि ग्रामीणों के आंगन में बिटिया की किलकारी नहीं गूंज रही है यह हकीकत सरकारी सर्वे के सामने आने पर सरकारी अधिकारी हैरान और परेषान है। जानकारी के मुताबिक बाल विकास एवं पुष्टाहार योजना के अनुसार गरीब परिवार मंे जन्मी बिटिया के लिए बीस हजार की एफडी दी जाती है। जो महामाया गरीब बालिका आर्षीवाद योजना के अनुसार की जाती है। यह काम आंगनबाड़ी की मद्द से बाल विकास पुष्टाहार आर्षीवाद योजना के तहत मिलती है। जो बालिका के 18 वर्ष पूरा होने पर एक लाख रूपए में दी जाती है। जो बिटिया की पढ़ाई और सारा खर्चा मां बाप उम्र पूरी होने पर उठाते है। फिर भी पात्रों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जब रिकाॅर्ड ख्ंागाला गया तो सात ब्लाॅकों के बाइस गांवों में यह लाभ किसी को नहीं मिला। लोग हैरान है परेषान है डीपीओ ओमप्रकाष चैरसिया इस मामले में विभाग को जिम्मेदार बता रहे है। परियोजना के जिम्मेदारों से जबाव तलब करके सीडीपीओ से स्पष्टीकरण दिए जा चुके है और लाभार्थी को लाभ देने का फरमान भी वह जारी कर रहे है। इन गांवों मंे शाहाबाद के गौरिया, बारीपुर, नोरेग्राम, मीरपुर गन्नू, सराॅय खास, मंगलीपुर भरखनी के अहमदपुर, मैकपुर, बिनयकामिनी, दौलतपुर, हरियावां के कलवरी ग्रांट, हिल्लापुर, खजुआ, सकूराबाद, हल्दौरा आदि ग्रामों की हकीकत है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com
Posted on 19 November 2011 by admin
नई दिल्ली से आई केंद्रीय जांच एजेंसी ने शहर के नामी गिरामी नर्सिग होम पर छापे की खबर फैलते ही मीडिया सहित शहर के निवासी जमा हो गए। बताते है कि जब केंद्रीय टीम लखनऊ से आई तो सीएमओ डा. एसके तिवारी से मुलाकात के बाद पूरे तथ्य सामने रखे तब डिप्टी सीएमओं डा. अष्वनी कुमार को उनके साथ रवाना करके टीम लखनऊ चंुगी पर जाकर रूकी और इमली रोड होते हुए रफी अहमद किदवई काॅलेज के सामने स्थित नर्सिग होम पर पहुंचकर उनका काफिला रूका। छापा डालते वक्त मरीजों व तीमारदारों मंे हड़कंप मच गया। टीम द्वारा सारा रिकाॅर्ड खंगाला गया। टीम ने लिंग परीक्षण की सिलसिलें वार जांच की और कर्मचारियों से पूंछताछ भी की। उस वक्त इन सदस्यों ने मीडिया से काफी दूरी बनाकर कार्यवाही को अंजाम दिया। शाम तक चली कार्यवाही के बाद टीम बाहर आने पर मीडिया की फ्लष लाइट चमकने लगी। टीम मंे शामिल महिलाओं और पुरूषकर्मी बचने का प्रयास करते हुए कैमरे की नजर से हुए ओझल हो गए। कार्यवाही के वक्त सिटी मजिस्ट्रेट लालमणि मिश्रा, डिप्टी सीएमओ तथा डा. समषुल हसन के साथ पुलिस फोर्स काफी संख्या में मौजूद रही। कार्यवाही के समय डा. सहित नर्सिग होम का पूरा स्टाफ मूकदर्षक बना रहा। इस प्रारंभिक जांच में पुलिस मौजूद नहीं थी फिर ऐसी क्या जरूरत आ पड़ी जो पुलिस बुलानी पड़ी और फिर कंेद्रीय टीम के सदस्य पेपर फाइल और महिलाएं दुपट्टे या हाथों से अपना चेहरा छुपाए हुए निकली। यह सब चर्चा का विषय मीडिया और उपस्थित लोगों में रहा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com