भारतीय जनता पार्टी विधान मण्डल दल के नेता ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि बसपा द्वारा भाजपा पर लगाया गया यह आरोप निराधार एवं अविवेकपूर्ण है कि भाजपा दलित मुख्यमंत्री को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। भाजपा द्वारा जारी 100 घोटालों पर किसी प्रकार बिन्दुवार टिप्पणी करने के बजाए भाजपा को मुद्दा बिहीन कहना यह बसपा के अविवेकपूर्ण बयान है। प्रदेश सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों से त्यागपत्र देना भ्रष्टाचार की पुष्टि करता है। भाजपा आज भी सीएमओ हत्याकांड एवं परिवार कल्याण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कराने की मांग पर कायम है। प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच से बचने के लिए आनन-फानन दो मंत्रियों एवं अधिकारियेां को हटाने का निर्णय लिया।
श्री सिंह आज पाटी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। श्री सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय मंत्री किरीट सुमैया ने 100 घोटालों का दस्तावेज एफआईआर के रूप में जारी किया था। इसके बिन्दुवार टिप्पणी करने के बजाय बसपा ने उसी तरह टिप्पणी की है जिस तरह रंगे हाथ पकड़े जाने पर कोई अपराधी अपने बचाव के लिए करता है। उन्होंने कहा कि ग्राम विकास विभाग में जो धनराशि ग्राम प्रधानों को आवंटित की जाती है उसमें से 30प्रतिशत धनराशि जिले पर ही ले ली जाती है। 2 प्रतिशत जांच करने वाला अधिकारी लेता हेै, इसीप्रकार मनरेगा की धनराशि में भी 30 से 35 प्रतिशत की धनराशि आवंटित धनराशि में से काट ली जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता स्मारक एवं भ्रष्टाचार ही है। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष का बयान अविवेकपूर्ण है। जिस सरकार का विधायक बलात्कार व जेल में हो, भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर मंत्री को हटाया जाता हो जिस सरकार में जगह-जगह लूट हो हर जगह हिस्सेदारी बंटी हुई हो, बजट का धन सरकार में बैठे लोग ले रहे हों ऐसी सरकार द्वारा भाजपा को मुद्दाबिहीन कहा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। आज देश का सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार ही है। 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला तथा मायावती सरकार के 100 घोटालों का दस्तावेजी प्रमाणों के साथ भाजपा ने ही जारी किया है। फिर उसे झूठा कहना अविवेकपूर्ण ही है।
उन्होंने कहा बसपा द्वारा भाजपा पर दलित विरोधी आरोप लगाना कहां तक उचित है जबकि 2 जून को भाजपा ने ही मुख्यमंत्री जी की जान बचाई थी। उसी ने मायावती जी को दो-दो बार मुख्यमंत्री बनाया। वह मुख्यमंत्री बनाने का एहसान माने न माने कम से कम भाजपा द्वारा उनकी जान बचाने का एहसान तो मानना चाहिए। इससे ज्यादा गैर जिम्मेदाराना बयान क्या हो सकता है कि सरकार ने घोटालों का तथ्यपूर्ण जवाब नहीं दिया। इससे सिद्ध होता है कि उनके पास जवाब ही नही है। जिस सरकार के नियम लूट के लिए बनाए जाते हों उसका बयान नियमानुसार नहीं जनविरोधी है। यह बयान एक तानाशाही पूर्ण है। जे0पी0 समूह और पाॅंण्टी चढढा को लाभ पहुंचाने के लिए नियम बनाए गए हैं। ये नियम जनहित के नियम नहीं हो सकते। मनमाने आदेश हो सकते हैे। दो मंत्रियों के इस्तीफे ने यह प्रमाणित कर दिया है कि इस सरकार में व्यापक भ्रष्टाचार है और सरकार की जानकारी में भ्रष्टाचार होता है। जब जनता में भ्रष्टाचार का खुलासा हो जाता है तभी मंत्री हटाए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने अपने-आप को बचाने के लिए मंत्रियों के इस्तीफे लिए हैं। अभी ओैर मंत्रियों के इस्तीफे होंगे, जैसे-जैसे भ्रष्टाचार उजागर होगें मंत्रियों के इस्तीफे होते रहेंगे। भाजपा ने 2 लाख 54 हजार रू0 के घोटालों का दस्तावेजों समेत पर्दाफाश किया है। अन्य भ्रष्टाचार के प्रकरण के दस्तावेजी सबूतों के साथ 12 जून को भाजपा महामहिम राष्ट्रपति को सारे दस्तावेज सौंप देगी।
नेता विधानमंडल दल ओमप्रकाश सिंह ने मांग की है कि बसपा अगर अपने आप को साफ सुथरी मानती है तो वो पत्थर खरीद फरोख्त पर श्वेत पत्र जारी करे। मेरी जानकारी में पत्थर कटने के बाद उसका मूल्य 142 से 150 घन फुट है जबकि सरकार द्वारा 4000 से 5000 रू0 में भुगतान किया गया हेै। इसको सरकार द्वारा उजागर करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि जे0पी0 समूह और पाॅण्टी चढढा को कोैन-कौन से ठेके दिए गए, इन्हीं दो ही ठेकेदारों को क्यों दिए गए इस पर श्वेत पत्र जारी करे। जनता और स्वयं में यह जानना चाहता हॅॅू। उन्होंने परिवार कल्याण भ्रष्टार तथा सी0एम0ओ0 हत्याकांड की सी0बी0आई0 जांच की मांग दोहराई।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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