Posted on 22 May 2015 by admin
मुख्य विकास अधिकारी लखनऊ श्री योगेश कुमार की अध्यक्षता में आज सौ प्राथमिक स्कूलों के रूपान्तरण के सम्बन्ध में एक दीर्धकालिक कार्यक्रम के विषय में बैठक की गयी जिसमे राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एवं आई केयर इण्डिया के सलाहकार अध्यक्ष श्री अतुल कुमार गुप्ता, सी0बी0एस0ई0 के पूर्व अध्यक्ष , पूर्व सूचना सचिव श्री दिवाकर त्रिपाठी, लखनऊ के चीफ वार्डेन श्री पी0के0चैधरी, आर0एल0बी0 के संस्थापक श्री मधुसूदन दीक्षित, फिक्की के सदस्य व अन्य संस्थाओं के गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
बैठक में ज्यादातर सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के खस्ता हाल होने पर विचार करते हुए निजी क्षेत्रों के लोगों के ऊर्जा एवं कौशल का उपयोग करके उसमे सुधार लाने के प्रयास को अपनी तरह का अनूठा प्रयास बताया गया। शिक्षा के माहौल को सुधारने उद्देश्य से इस कार्यक्रम को चरणबद्ध तरीके से चलाया जायेगा बैठक मे बताया गया कि अभी इस कार्यक्रम को पायलट स्तर पर चलाया जायेगा और इस कार्यक्रम से जुडे सभी स्कूलों मे आई केयर इण्डिया के सूचना प्राद्यौगिकी तंत्र के मार्ग निर्देशन में सुधार कार्यक्रम चलाया जायेगा और इसी तरह बच्चों के शैक्षिक विकास को केन्द्र मे रखकर उनकी शिक्षा दीक्षा को निजी स्कूलों की प्रतियोगिता मे लाते हुए अच्छे परिणाम प्राप्त किये जायेगें। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत आवश्यक न्यूनतम अवस्थापना विकास, हरी भरी बाउण्ड्री, हरियाली, जागरूकता, के माध्यम से स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा दाखिले सुनिश्चित कराने ,बच्चों मे सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित कराने अन्र्तस्कूल प्रतियोगिताएं और कार्यक्रम सुनिश्चित कराने स्वास्थ्य कैम्प लगाने आदि कार्यक्रम चलाये जायेगें। आई केयर इण्डिया के अन्तर्गत शिक्षा सुधार में पढे लिखे लोगों खास कर महिलाओं और सामाजिक रूप से सक्रिय छात्र स्वयंसेवकों को शामिल किया जायेगा।
मुख्य विकास अधिकारी श्री योगेश कुमार ने इस कार्यक्रम में सहयोग के लिए सरकारी कर्मचारियों को प्रेरित किया और कहा कि वे भारत के भविष्य के लिए बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए सकारात्मक पूर्ण सहयोग प्रदान करें।
पूर्व मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता और अशोक गांगुली ने आईकेयर इण्डिया को इसके सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु सहयोग देने का आश्वासन दिया। श्री दिवाकर त्रिपाठी जो लखनऊ के माननीय सांसद के प्रतिनिधि है ने आश्वस्त किया है िकवे स्कूलों मे पेयजल और शौचालय और पेयजल की सुविधाओं को बढवाएगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 May 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि मस्तिष्क ज्वर जापानीज़ इन्सेफ्लाइटिस (जे0ई0)/एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिण्ड्रोम (ए0ई0एस0) रोग हेतु प्रदेश के संवेदनशील जनपदों में रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अंतर्विभागीय समन्वय एवं सहभागिता सुनिश्चित कर तत्काल प्रभावी कार्यवाहियां सुनिश्चित करायी जायें। उन्होंने कहा कि गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के समस्त जनपदों में मस्तिष्क ज्वर रोगी की शीघ्र पहचान एवं निवास के निकट ही त्वरित उपचार उपलब्ध कराने के लिये ब्लाक स्तर पर स्थापित एवं क्रियाशील 104 इन्सेफ्लाइटिस ट्रीटमेण्ट सेण्टर (ई0टी0सी0) में उपचार कराने के लाभ के सन्दर्भ में जनता को व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूक किया जाये। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क ज्वर रोगियों को उपचार केन्द्र/सन्दर्भित उपचार केन्द्र पहुंचाने के लिये निःशुल्क एवं समस्त आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित एम्बुलेंस (108 एवं 102) की सुविधा के उपयोग हेतु जनता को जागरूक एवं प्रेरित किया जाये।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश प्रदेश के गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, बहराइच, गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती, हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, रायबरेली, कानपुर देहात एवं सहारनपुर के जिलाधिकारियों को परिपत्र निर्गत कर दिए। उन्होंने निर्देश दिये कि ए0ई0एस0/जे0ई0 रोग नियंत्रण हेतु चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण, ग्राम्य विकास, जल निगम, नगर विकास, पंचायतीराज, बाल विकास एवं पुष्टाहार, विकलांग कल्याण, मत्स्य, बेसिक शिक्षा द्वारा जनपद स्तर पर की जा रही कार्यवाहियों का प्रभावी क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण नियमित रूप से प्रत्येक माह जिलाधिकारी द्वारा किया जाये एवं जनपद में कृत कार्यवाहियों की संकलित रिपोर्ट प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें को प्रेषित की जाये।
श्री रंजन ने कहा कि गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के समस्त जनपद एवं जनपद बहराईच के जिला चिकित्सालयों एवं ओपेक चिकित्सालय, कैली बस्ती में 10 शैय्यायुक्त पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 स्थापित एवं क्रियाशील हैं, जिनमें जनपद के मस्तिष्क ज्वर रोग के रोगी अधिक से अधिक संख्या में भर्ती एवं उपचारित किये जायें एवं बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में अतिविशिष्ट उपचार की आवश्यकता होने पर ही चिकित्सकों द्वारा रोगी सन्दर्भित किये जायें।
श्री रंजन ने निर्देश दिये जनपद लखीमपुर के जिला चिकित्सालय में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 में उपकरणों की स्थापना कर तत्काल क्रियाशील किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि ए0ई0एस0/जे0ई0 से प्रभावित 20 जनपदों में कम से कम एक बाल रोग विशेषज्ञ अवश्य उपलब्ध रहें। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क ज्वर से उत्पन्न हुई विकलांगता के उपचार एवं काउन्सिलिंग हेतु जनपद मुख्यालयों स्थापित डिस्ट्रिक डिसएबिलिटी रिहैबिलिटेशन सेण्टर (डी0डी0आर0सी0) जिन जनपदों में क्रियाशील नहीं हैं, उन्हें यथाशीघ्र क्रियाशील कराया जाये। उन्होंने कहा कि प्रभावित जनपदों में शुद्ध एवं गुणवत्तापरक पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि प्रभावित जनपदों के घरों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वच्छ शौचालय की स्थापना के लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धि एवं पूर्व से स्थापित स्वच्छ शौचालयों के रख-रखाव का नियमित अनुश्रवण इनके उपयोग हेतु जनता को जागरूक एवं प्रेरित किया जाये। उन्होंने कहा कि जनपद में स्थापित सूकर बाड़ों को जाली से ढकने, साफ-सफाई एवं कीटनाशक छिड़काव हेतु सूकरपालकों को समुचित जानकारी प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुये प्रेरित किया जाये।
मुख्य सचिव ने बच्चों में कुपोषण की रोकथाम एवं प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के लिये आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों को पुष्टाहार/टेक होम राशन उपलब्ध कराये जाने का विशेष अनुश्रवण कर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने मच्छर जनित जापानी इन्सेफ्लाइटिस की रोकथाम के लिये विशेष प्रयास करते हुये नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत जे0ई0 टीकाकरण जे0ई0 वैक्सीन की दो डोज देकर दो वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को प्रतिरक्षित किये जाने के लक्ष्य की शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की जाये। उन्होंने जनपद की चिन्हित नगर पालिका की मलिन बस्तियों में पेयजल की उपलब्धता हेतु नगर विकास विभाग एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिये इण्डिया मार्क-2 हैण्डपम्प एवं टैंक टाईप स्टैण्ड पोस्ट (टी0टी0एस0पी0)/मिनी पब्लिक वाटर सप्लाई (एम0पी0डब्ल्यू0एस0) की स्थापना कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग द्वारा वातावरणीय स्वच्छता के दृष्टिगत घरों में तथा बेसिक शिक्षा विभाग एवं आई0सी0डी0एस0 विभाग द्वारा स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्वच्छ वाटर सील्ड शौचालयों के निर्माण हेतु लक्ष्यों के अनुरूप उपलब्धि एवं उपलब्ध करायी गई धनराशि का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 May 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के विकास हेतु शासन का विकास एजेण्डा वर्ष 2015-16 का मण्डल एवं जनपद पर कार्यान्वयन हेतु निरन्तर समीक्षा सुनिश्चित की जाय। उन्हांेने कहा कि समीक्षा हेतु उपलब्ध कराये जा रहे प्रपत्रों में निर्धारित सूत्रों से सम्बन्धित कोई महत्वपूर्ण बिन्दु छूट गया हो अथवा कोई बिन्दु प्रासंगिक न हो या उस प्रपत्र को भरने में कोई कठिनाई अथवा समस्या हो तो उसका स्पष्ट विवरण देते हुए विलोपन, परिवर्द्धन या संशोधन सम्बन्धी अभिमत एवं सुझाव यथाशीघ्र कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग को प्रेषित कर दिये जायं ताकि उनका परीक्षण करके प्रपत्र को शुद्ध एवं और अधिक उपयोगी बनाया जा सके।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियो को परिपत्र निर्गत कर दिए। उन्हांेने कहा कि एजेण्डा बिन्दुओं पर निर्धारित किये गये प्रपत्रों मंे से 71 प्रपत्र कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग की वेबसाइट ीजजचरूध्ध्चपकण्नचण्दपबण्पद पर उपलब्ध हैं अवशेष 04 एजेण्डा बिन्दुओं के प्रपत्र संख्या-33,35,69 तथा 73 यथाशीघ्र निर्धारित कर उपलब्ध करा दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर डाटा इन्ट्री का कार्य जनपद स्तर पर किया जाय। उन्होंने कहा कि मण्डलायुक्त अपने अधीन मण्डलों के जिलों के जिलाधिकारियों द्वारा फीड किये गये आंकड़ो की समीक्षा करें परन्तु मण्डल स्तर पर डाटा में किसी भी प्रकार का संशोधन न किया जाय।
श्री रंजन ने कहा कि डाटा इन्ट्री हेतु आवश्यक अनुदेश एवं जनपदवार यूजर आई0डी0 एवं पासवर्ड पूर्व में ही उपलब्ध कराये जा चुके हैं। डाटा इन्ट्री के समय यदि किसी प्रकार की समस्या आती है तो उस सम्बन्ध में एन0आई0सी0 उत्तर प्रदेश के अधिकारी श्री नवीन कपूर को ई-मेल दंअममदणंचववत/दपबण्पद के माध्यम से अवगत करायें जिससे समस्या का समाधान यथाशीघ्र किया जा सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 May 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आम आदमी बीमा योजना का अपने जनपद में प्रत्येक स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करें। ताकि जन सामान्य को इस महत्वपूर्ण एवं जन उपयोगी योजना की जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जिले में सभी पात्र परिवारों को चिन्हित कर उनका शत-प्रतिशत बीमा आच्छादन कराया जाना सुनिश्चित करते हुए बीमा दावों एवं छात्रवृत्ति का समयबद्ध ढंग से निस्तारण करने की प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा मासिक समीक्षा बैठकों में आम आदमी बीमा योजना की प्रगति की समीक्षा भी सुनिश्चित की जाय।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियो को परिपत्र निर्गत कर दिए। उन्होंने कहा कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मण्डल स्तर, जिला स्तर, तहसील स्तर, ब्लाक स्तर तथा ग्राम स्तर पर योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय ताकि भूमिहीन परिवारों को समुचित लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने इस योजना का प्रचार-प्रसार प्रदेश के सभी जिलों में हर ग्राम में किये जाने हेतु समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं। उन्होंने विकास खण्ड, तहसील, जिला एवं मण्डल स्तर पर होने वाली बैठकों में भी इस योजना के बारे में नागरिकों को अवगत कराने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त भूमिहीन परिवारों को चिन्हित करते हुए इसकी सूचना कार्यदायी संस्था जीवन बीमा निगम को उपलब्ध करा दी जाय। और निगम द्वारा समयबद्ध रूप से सभी पात्र व्यक्तियों का बीमा किया जाना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा बीमित व्यक्तियों की सूचना राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ के माध्यम से पाक्षिक रोक से निर्धारित प्रारूप पर शासन को उपलब्ध कराई जाय।
श्री रंजन ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों के भूमिहीन एवं निर्धन परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान किये जाने एवं उन्हें तात्कालिक सहायता पहुँचाने की यह एक अत्यन्त जनहितकारी योजना है। उन्होंने कहा कि आम आदमी बीमा योजना शासन के विकास एजेण्डा में सम्मिलित है जिसकी शासन स्तर पर निरन्तर समीक्षा सुनिश्चित कराई जाय। उन्होंने कहा कि इस योजना के कार्यदायी संस्था भारतीय जीवन बीमा निगम है तथा प्रदेश स्तर पर आयुक्त एवं सचिव, राजस्व परिषद नोडल अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी बीमा योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र के 18 वर्ष से 59 वर्ष आयु के भूमिहीन व्यक्तियों को लाभ प्रदान करने हेतु ग्रामीण भूमिहीन परिवार के मुखिया अथवा धनोपार्जन करने वाले का व्यक्ति का बीमा किया जाता है। उन्होंने कहा कि बीमा का प्रीमियम 200 रूपये है, इसमंें से 100 रूपये राज्य सरकार द्वारा एवं 100 रूपये भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है। उन्होंने कहा कि बीमित व्यक्ति के प्राकृतिक कारणों से मृत्यु पर 30 हजार रूपये, दुर्घटना के कारण मृत्यु पर 75 हजार रूपये तथा पूर्णतः अपंग होने पर 75 हजार रूपये, आंशिक रूप से अपंग होने पर 37,500 रूपये सहायता राशि दी जाती है। इसके अलावा लाभान्वित परिवार के अधिकतम दो बच्चों जो क्रमशः कक्षा 9 से 12 तक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, को 100 रूपये प्रतिमाह की दर से छमाही छात्रवृत्ति भी दी जाती है। उन्होंने कहा कि योजना की विस्तृत रूप रेखा, आवेदन पत्र एवं नामांकन फार्म, दावा प्रपत्र, छात्रवृत्ति दावा प्रपत्र एवं अन्य सभी बिन्दुओं पर विस्तृत दिशा निर्देश राजस्व परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 May 2015 by admin
प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल ने कहा कि मंुशी द्वारिका प्रसाद उफ़ुक़ की शायरी, गंगा-जमुनी तहजीब का एक ऐसा प्रकाश स्तम्भ है, जिसकी रौशनी से सभी साहित्य प्रेमी लाभान्वित हो रहे हैं। उर्दू भाषा को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाते हुए मुंशी जी ने शायरी और पत्रकारिता के नये आयाम से पाठकों को परिचित कराया।
श्री सहगल आज यहां लाल बहादुर शास्त्री भवन, एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, उ0प्र0 द्वारा प्रकाशित उर्दू मासिक पत्रिका ‘नया दौर’ के ‘मंुशी द्वारिका प्रसाद उफ़ुक़ विशेषांक’ का विमोचन करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस विशेषांक का हिन्दी संस्करण भी शीघ्र प्रकाशित कराया जाएगा। मंुशी जी ने महाभारत, गीता और रामायण जैसे महाकाव्यों का उर्दू कविता में अनुवाद कर एक नई परम्परा की शुरुआत की थी। उन्होंने एक पाक्षिक अखबार ‘नज़्म’ का सम्पादन भी किया था, जिसमें सारी खबरें उर्दू काव्य के रूप मंे प्रकाशित होती थीं। इसके माध्यम से उफुक़ लखनवी ने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जन चेतना पैदा करने का काम किया। वे सही मायने में कलम के सिपाही थे। मुंशी जी ने विभिन्न अंग्रेजी उपन्यासों का उर्दू में अनुवाद भी किया। उनकी ग़ज़लें और अन्य कविताएं आज भी बेहद लोकप्रिय हैं। मुंशी जी को अपने लखनवी होने पर गर्व था, जिसका उल्लेख उनकी शायरी में जगह-जगह मिलता है।
प्रमुख सचिव सूचना ने यह भी कहा कि अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने के लिए इस तरह के प्रयास जरूरी हैं, ताकि मौजूदा पीढ़ी अपने अतीत से जुड़ी रहें। साथ ही, प्रदेश के गुमनाम शायर और साहित्यकारों की प्रतिभाओं को सामने लाना भी समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही ‘नया दौर’ का ‘अली ब्रादरान नम्बर’ भी प्रकाशित किया जाएगा। इसके अलावा हिन्दी पाठकों के लिए ‘मज़ाज़’, ‘ख़ुमार बाराबंकवी’, ‘इंकि़लाब-1857’, ‘उर्दू पत्रकारिता’ तथा ‘शकील बदायूनी विशेषांक’ के अनुवाद का कार्य भी जारी है। उन्होंने कहा कि नया दौर के विशेषांक अपनी स्तरीय पाठ्य सामग्री की बदौलत हमेशा से साहित्य जगत में चर्चा का विषय रहे हैं और पाठकों ने उन्हें भरपूर सराहा है। उन्होंने कहा कि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा उर्दू मीडिया को शासन की विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और नीतियों की जानकारी उर्दू भाषा के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही है, ताकि वे उसका सदुपयोग कर सके।
इस अवसर पर सूचना सलाहकार श्री ए0एम0 खान ने ‘नया दौर’ के मंुशी द्वारिका प्रसाद उफ़ुक़ विशेषांक के महत्व को उजागर करते हुए मुंशी जी की साहित्यिक यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उर्दू शायरों और अदीबों के साहित्य से पाठकों को वाकि़फ़ कराने का महत्वपूर्ण कार्य अंजाम दे रही है।
प्रमुख सचिव सूचना ने मुंशी द्वारिका प्रसाद की सुपौत्री डाॅ0 कोमल भटनागर का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उन्हीं की प्रेरणा से इस विशेषांक को मूर्तरूप दिया जाना सम्भव हो सका है। इस अवसर पर उन्होंने ‘नया दौर’ के सम्पादक डाॅ0 वज़ाहत हुसैन रिज़वी को इस विशेषांक के कुशल सम्पादन के लिए साधुवाद देते हुए अपेक्षा की कि वे और उनके सहयोगी भविष्य में भी इसी प्रकार अपनी क्षमताओं से विभाग को खास पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि उर्दू मासिक पत्रिका नया दौर का प्रकाशन विगत 69 वर्षाें से सफलतापूर्वक किया जा रहा है।
सम्पादक ‘नया दौर’ डाॅ0 वज़ाहत हुसैन रिज़वी ने कहा कि यह कार्य प्रमुख सचिव सूचना तथा निदेशक सूचना श्री आशुतोष निरंजन के सार्थक मार्ग दर्शन में सफलतापूर्वक सम्पादित हो सका है। उन्होंने विशेषांक में प्रकाशित सूचना निदेशक के संदेश का उल्लेख किया। इस संदेश में श्री निरंजन ने मुंशी द्वारिका प्रसाद उफुक़ लखनवी के साहित्यिक और पत्रिकारिता की सेवाओं के सिलसिले में सूचना विभाग की जानिब से मासिक ‘नया दौर’ का उफुक़ नम्बर प्रकाशित करने का अहम निर्णय लिया गया। ‘उफुक़’ लखनवी तहज़ीब का सही अर्थाें में प्रतिनिधित्व करते हैं। आगे भी ‘नया दौर’ इसी तरह के विशेषांक निकालता रहेगा, ताकि उर्दू साहित्य और भाषा का विकास होता रहे।
डाॅ0 कोमल भटनागर ने इस अवसर पर बताया कि मुंशी द्वारिका प्रसाद उफुक़ की तमाम रचनाएं पटना की खुदा बख्श लाइब्रेरी और अन्य संस्थानों में उपलब्ध हैं। ‘नया दौर’ के विशेषांक के प्रकाशन से जहां एक ओर इस अजीम शायर पर शोध करने वालों को उपयोगी जानकारी मिलेगी वहीं दूसरी ओर उफुक़ के साहित्यिक योगदान के सम्बन्ध में पाठकों में जिज्ञासा भी बढ़ेगी, जो भविष्य में और शोध किए जाने का आधार बनेगी। उन्होंने विशेषांक के प्रकाशन के लिए प्रमुख सचिव एवं अन्य अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
विमोचन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए सुश्री परवीन तलहा ने कहा कि डाॅ0 कोमल भटनागर ने अपने पितामह के साहित्यिक योगदान को सामने लाने के लिए रिटायरमेन्ट के बाद उर्दू भाषा सीखी। इसकी बदौलत वे तमाम किताबों और दस्तावेजों में मौजूद उफुक़ लखनवी की रचनाओं को खोजने में कामयाब हुईं। उन्होंने विशेषांक के प्रकाशन के लिए सूचना निदेशक की भी प्रशंसा की।
अपर निदेशक, सूचना डाॅ0 अरविन्द कुमार चैरसिया ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि विभाग उर्दू के विकास के प्रति गम्भीरता से प्रतिबद्ध है।
इस मौके पर उपनिदेशक सूचना श्री सैय्यद अमजद हुसैन, सहायक निदेशक श्री यशोवर्धन तिवारी सहित विभागीय अधिकारी/कर्मचारी, साहित्य प्रेमी एवं मीडिया के प्रतिनिधि मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 May 2015 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि गत दिवस हाशिमपुरा (मेरठ) और मलियाना के पीडि़तों ने आकर अपना दर्द नेताजी से बयान किया। ये वे लोग थे जो 28 वर्षो से उत्पीड़न के शिकार रहे है। हाशिमपुरा और मलियाना में कांग्रेस के शासनकाल में 115 लोग मारे गए थे। इनके परिवारीजन भयंकर त्रासदी में जी रहे हैं। श्री मुलायम सिंह यादव ने उनकी मदद का भरोसा दिलाया, उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया और समाजवादी सरकार ने मृतक आश्रितों को 5-5 लाख रूपए की आर्थिक मदद कर दी तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ा ? पीडि़तों की सुध लेना कहां से वोट बैंक की राजनीति हो गई ? कुछ विपक्षी दल तो इतने अमानवीय हो गए हैं कि उनकी पीडि़तों के प्रति कोई संवेदना नहीं है, उन्हें तो बस हर काम में राजनीति ही दिखती है।
समाजवादी पार्टी हमेशा गरीबों, मजलूमों की हमदर्द रही है। नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव हमेशा उनके प्रति संवेदनशील रहे हैं। उन्होने बिना किसी भेदभाव के हिन्दू-मुस्लिम या अगड़ा पिछड़ा अथवा दलित सोचकर नहीं, जो भी अपना दर्द लेकर पहुॅचा, उसकी भरसक मदद की। किसान, नौजवान, अल्पसंख्यक सहित समाज के सभी वर्गो के हित में समाजवादी सरकार ने कदम उठाए है। किसानों को बेमौसम बरसात की मार झेलनी पड़ी। पीडि़त किसानों एवं उनके परिजनों को राहत देने का काम मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने किया है। केन्द्र की मदद आने की परवाह किए बगैर उन्होने प्रदेश के खजाने से किसानों की मदद की है।
सच तो यह है कि कुछ ताकतें प्रदेश में साप्रदायिकता का जहर फैलाने की साजिशें लम्बे समय से करती रही है। ये ताकतें चाहती है कि सामाजिक तानाबाना टूटे, परस्पर सद्भाव का माहौल खराब हो और विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच नफरत की दीवारें खड़ी कर दी जाएं। समाजवादी पार्टी और सरकार इन ताकतों का खेल भलीभांति समझती है और वह इन्हें अपने खोल में बंद रहने का मजबूर किए है। प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की उनकी साजिशें इसलिए सफल नहीं हो सकी है।
समाजवादी सरकार जब समाज के कमजोर वर्गो की हिमायत में कोई कदम उठाती है तो उसे तुष्टीकरण की संज्ञा दी जाने लगती है। विकास के एजेण्डा पर काम कर रही समाजवादी सरकार के कामों में रोड़ा अटकाने की कोशिशें शुरू हो जाती है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने सही कहा है कि सांप्रदायिक होना आसान है, धर्मनिरपेक्ष होना कठिन। प्रदेश में ऐसे भी दल और लोग हैं जो समाज में गैर बराबरी बनाए रखना चाहते हैं।उनका धंधा समाज में फूट डालना है। वे संवेदनाविहीन हैं और गरीबों, पीडि़तों की तकलीफों को कम करने की समाजवादी पार्टी की नीतियों की खिलाफत करते हैं। वे जो चाहते हैं वह सफल नहीं होगा क्योंकि समाजवादी पार्टी और सरकार के रहते सांप्रदायिकता कभी खुराक नहीं पा सकेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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