उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में रविवार 17.05.2015 को संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह, संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ में आयोजित ”21वीं सदी में महिलाओं की सामाजिक चुनौतियाँ एवं योगदान” पर व्याख्यान एवं महिला काव्य गोष्ठी कार्यक्रम की प्रेस विज्ञप्ति के संन्दर्भ में
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात कार्यक्रम में माननीय पद्मभूषण डाॅ0 श्री गोपाल दास नीरज जी, कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान, उत्तर प्रदेश, मुख्य अतिथि माननीया श्रीमती अरूण कुमारी कोरी जी, मंत्री, महिला कल्याण व संस्कृति, उत्तर प्रदेश, बाॅलीवुड़ अभिनेता श्री ओम पूरी जी एवं श्रीमती सीमा कपूर, श्री बृजेश चन्द्र, अपर निदेशक, उ0प्र0 भाषा संस्थान, श्रीमती जरीना उस्मानी,(मा. अध्यक्ष, महिला आयोग), श्रीमती जूही सिंह,(मा. अध्यक्ष, बाल अधिकार संरक्षण आयोग), श्रीमती सुतापा सान्याल,(ए.डी.जी., महिला प्रकोष्ठ, उ0प्र0), श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, फाउन्डर ट्रस्टी, हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट व डा0 (श्रीमती) रूपल अग्रवाल, मैनेजिंग ट्रस्टी, हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट के फाउन्डर ट्रस्टी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने माननीय पद्मभूषण डाॅ0 श्री गोपाल दास नीरज जी, कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान, उत्तर प्रदेश, मुख्य अतिथि माननीया श्रीमती अरूण कुमारी कोरी जी, मंत्री, महिला कल्याण व संस्कृति, उत्तर प्रदेश, बाॅलीवुड़ अभिनेता श्री ओम पूरी जी एवं निर्माता-निर्देशक श्रीमती सीमा कपूर जी, श्री बृजेश चन्द्र, अपर निदेशक, उ0प्र0 भाषा संस्थान सम्मान अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह व पुष्प गुच्छ द्वारा किया गया। साथ ही साथ माननीय डा0 श्री गोपाल दास नीरज जी, माननीया श्रीमती अरूण कुमारी कोरी जी, बाॅलीवुड़ अभिनेता श्री ओम पूरी जी एवं श्रीमती सीमा कपूर, श्री ब्रजेश चन्द्र जी मुख्य अतिथि माननीया श्रीमती अरूण कुमारी कोरी जी द्धारा वक्तागणों व कवियत्रियों का अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह व पुष्प गुच्छ द्वारा सम्मान किया गया।
वक्तागण-
1. श्रीमती जरीना उस्मानी,(मा. अध्यक्ष महिला आयोग),
2. श्रीमती जूही सिंह,(मा. अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग),
3. श्रीमती सुतापा सान्याल,(ए.डी.जी., महिला प्रकोष्ठ, उ0प्र0),
4. डाॅ रूपल अग्रवाल,(प्रबन्ध न्यासी, हेल्प यू ट्रस्ट),
5. डाॅ प्रेम लता,(मंगलायतन विश्वविद्यालय, अलीगढ़),
कवियत्रियाँ-
1. श्रीमती अरूण चैहान,(रायपुर)
2. डाॅ कमल मुसद्दी,(कानपुर)
3. श्रीमती रेहाना शाहीन,(अलीगढ़)
4. श्रीमती नीलम कश्यप,(जालौन)
5. श्रीमती सबा बलरामपुरी,(बलरामपुर)
6. श्रीमती प्रेरणा ठाकरे,(इन्दौर)
7. सुश्री कीर्ति माथुर,(दिल्ली)
8. श्रीमती कविता किरन,(झालना)
9. श्रीमती पूनम वर्मा,(मथुरा)
10. सुश्री महक भारती,(चण्डीगढ़)
11. श्रीमती पद्मिनी शर्मा,(दिल्ली)
12. श्रीमती वसुन्धरा पाण्डेय,(इलाहाबाद)
13. सुश्री गीतिका वेदिका,(इन्दौर)
14. श्रीमती दीपिका माही,(उदयपुर)
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माननीया श्रीमती अरूण कुमारी कोरी जी, विशिष्ट अतिथि बाॅलीवुड़ अभिनेता श्री ओम पूरी जी एवं निर्माता-निर्देशक श्रीमती सीमा कपूर व डा0 रूपल अग्रवाल, द्धारा ”21वीं सदी में महिलाओं की सामाजिक चुनौतियाँ एवं योगदान” काव्य गोष्ठी कार्यक्रम मंे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान हेतु 11 गणमान्य अतिथियों का प्रतीक चिन्ह द्वारा हेल्प यू सम्मान से सम्मानित किया गया।
सम्मानित किये जाने वाले अतिथिः-
1. चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु डॉ रेनू चन्द्राए उरई ;जिला जालौन उप्रद्धण्
2. शिक्षा सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु श्रीमती पुष्पलता अग्रवालए लखनऊण्
3. लोकसंस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु श्रीमती कुसुम वर्मा लखनऊण्
4. साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु श्रीमती शीला पाण्डेयए लखनऊण्
5. पत्रकारिता के क्षेत्र में सुश्री पायल लक्ष्मी सोनीए बनारसण्
6. स्त्री.विमर्श लेखन व सम्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु श्रीमती प्रज्ञा पाण्डेय लखनऊण्
7. कथा लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु श्रीमती आशा श्रीवास्तव, लखनऊ
8. पुलिस सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु डॉ नन्दा शुक्ला उपनिरीक्षकए उण् प्रण् पुलिस मुरादाबाद
9. समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु डॉण् निर्मला सिंहए लखनऊ ण्
10. अभिनय के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु सुश्री सोनी सिंहए लखनऊ ण्
11. विधि.क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु सुश्री मीनाक्षी सिंहए अधिवक्ताए लखनऊ
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये श्री बृजेश चन्द्र जी, अपर निदेशक, उ0प्र0 भाषा संस्थान ने कहा, “
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बाॅलीवुड़ अभिनेता श्री ओम पूरी जी ने कहा, “
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बाॅलीवुड़ निर्माता-निर्देशक श्रीमती सीमा कपूर जी ने कहा, “
कार्यक्रम में विशेष अतिथि माननीय पद्मभूषण डा0 (कवि) श्री गोपाल दास नीरज जी ने कहा, “नारी शक्ति ही भारत की प्रगति हो सकती है। आदि शक्ति वो, मार्त शक्ति वो झुककर उसे प्रणाम करो। सबला है वो, अबला यह कह कर मत उसका अपमान करो।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीया श्रीमती अरूण कुमारी कोरी जी ने कहा, “ बहुधा हम देखते है कि किसी महिला का समाज में परिचय देते समय यह भी उल्लेख किया जाता है कि वह कामकाजी है या घरेलू। घरेलू माने जाने वाली महिलाओं के मन में कहीं न कहीं मे रोष रहता है कि क्या घरेलू महिलाएं कामकाजी नही होती है और दफ्तरों में काम करने वाली महिलाओं के मन मे इस बात की ग्लानि रहती है कि वो अपने घर व बच्चों को पूरा उचित समय नही दे पा रहीं स्थिति चाहे जो हो आज के बदलते परिवेष व भाग दौड़ भरे जीवन में भारतीय महिलओं की जिन्दगी चुनौतियों से भरी हुई है, परन्तु इस चुनौती को स्वीकार करते हुए आज की सदी की महिला स्वंय के व्यक्तित्व के विस्तार के साथ ही साथ सामाजिक योगदान में भी पूरी तरह से सहभागिता निभा रही है, चाहे वो अध्यापिका के रूप में, या बैंक में, सलाहकार, राजनीति, खेलकूद, अभिनय या घर ही क्यों न हो, क्योंकि घर पर बच्चों के विकास व संस्कार के विस्तार में माॅं की अहम् भूमिका होती है और बच्चे इस समाज के, इस देष के भावी कर्णधार है।
घर हो बाहर महिलाओं का जीवन चुनौतियों से पूर्ण है, बाहरी समाज मे भी महिलाओ को अपने स्वाभिमान की सुरक्षा करते हुए कार्य करना पड़ता है, इन सब परेषानियों को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए इक्कीसवीं सदी की स्त्री सत्त आगे बढ़ रही है और अपने व्यक्तित्व को दृढ़ व साकार रूप देते हुए सामाजिक योगदान में अहम् भूमिका निभा रही है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी महिलओं के उत्थान के लिए सत्त प्रयासरत है व इनके कल्याण के लिए तथा उन्हें जागरूक करने हेतु कटिबद्व है। महिलाओं की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए सरकार ने 1090 सेवा जारी की है, जिस पर कभी भी वो अपने साथ होने वाली अनैतिक हरकतों की शिकायत करके स्वंय को सुरक्षित कर सकती है तथा अभी हाल ही में चलाई गई श्डल ूपदहे ;गुलाबी बसद्धश् जो कि सिर्फ महिलाओं के लिए ही है, इस तरह के प्रयास हमारी सरकार द्वारा सतत जारी है।
हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा आयोजित व्याख्यान एवं महिला काव्य गोश्ठी संध्या एक सराहनीय प्रयास है, ये संस्था समाज एवं महिलाओं की उन्नति एवं उत्तरोत्तर प्रगति के लिए निरन्तर प्रयत्नरत रहती है तथा आज का ये कार्यक्रम निष्चित रूप से ही महिलाओं के लिए चुनौतियों और समाज में उनके योगदान के लिए लाभदायक होगा। इसके सफल आयोजन और इतने उत्तम, उच्चकोटि और प्रशंसनीय कार्यक्रम के लिए मै आयोजको को बधाई देते हुए उनका आभार व्यक्त करती हूॅ।
गोष्ठी “21वीं सदी में महिलाओं की सामाजिक चुनौतियां व योगदान“ विषय पर बोलते हुये श्रीमती जरीना उस्मानी जी ने कहा, “ 21वीं सदी में महिलाओं के समक्ष हजारों चुनौतियाँ आती है, परन्तु इन चुनौतियों से टक्कर लेते हुये महिलायें हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। आज की नारी समाज के प्रत्येक क्षेत्र में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने के लिये तत्पर है एवं ऐसे भी दृष्टांत हैं जहां कुछ क्षेत्रों में पुरूषों से भी आगे बढ़कर अपना योगदान दे रही हैं, जैसे शिक्षा, व्यापार, कृषि, खेल, राजनीति का क्षेत्र इसके साथ-साथ आज महिलायें शासन-प्रशासन में उँचे पदों पर आसीन होकर प्रशासन के काम-काज में भी सहयोग प्रदान करती हैं।
इस प्रकार महिलायेंह र क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं और आगे भी आने वाले समय में उत्पन्न चुनौतियों से निपटते हुए हर क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिये हमेशा तत्पर रहेंगी।
श्रीमती जूही सिंह ने बताया कि, “
श्रीमती सुतापा सान्याल ने बताया कि, “आज की नारी घर व बाहर दोनो स्थानों पर अपना परचम लहरा रही है। लेकिन हमें उन तमाम महिलाओं के लिये खडा होना है जो समाज में अपना उचित स्थान पाने में असमर्थ हैं। उत्तर प्रदेश महिला सम्मान प्रकोष्ठ महिलाओं के अधिकारों व सुरक्षा के लिये निरन्तर प्रयत्नशील है।“
डाॅ रूपल अग्रवाल ने कहा, “आज की महिलाओं को जीवन के हर क्षेत्र में कठिनाइयों व चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हम 21वीं सदी में रह जरूर रहे हैं पर अभी भी हम अपनी सोंच में अधिक बदलाव नहीं ला पाये हैं। अब समय आ गया है कि प्रत्येक लड़की को उसका अधिकार मिले। “चूड़ी वाले हाथों में अब हथियार जरूरी है, बेटी को भी अब उसका अधिकार जरूरी है।“
डाॅ प्रेम लता जी ने कहा, “सूर्य नहीं निकलेगा तो धूप कहां से लाओगे बौर को तोडा़ेगे तो आम कहां से लाओगे मारते रहोगे इनको आने से पहले तुम तो अपने बेटों के लिये बहुयें कहां से लाओगे।
गोष्ठी के बाद आमंत्रित कवियत्रियों द्धारा महिला काव्य गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कवियत्रियांः-
डा0 कमल मुसद्दीः- लोग लड़की की मौत को एक हादसा ही क्यों मानते है,
वे ये बात क्यों नही जानते है कि लड़की का मरना पूरे
घर या देश का मरना होता है या यूॅ कहा जाये कि समूची
संस्कृति का अंधे कुए में उतरना होता है।
रेहाना शाहीनः- उसने मेरी वफाओं का कैसा सिला दिया
चाहत की साजिषो से मेरा घर जला दिया
सारे बदन से नूर टपकने लगा मेरे
ये किसने मुझको काॅंच से हीरा बना दिया।
सबा बलरामपुरीः- तलाश करती रही मै मगर नही आया
कोई भी तुझसा जहान में नज़र नही आया
मै सोचती थी हो जाउॅ उसके जैसी मगर
ये बेवफाई का मुझको हुनर नही आया।
श्रीमती अरूणा चैहानः- तुम्हरे दिल की मै चैन क़रार हो जाउॅ
तमाम ग़म को मिटाकर मै प्यार हो जाउॅ
निभाना चाहो अगर साथ जिन्दगी भर तुम
तुम्हारी होके मै तुम पर निसार हो जाउॅ।
प्रेरणा ठाकरेः- दुनिया में वक़्त से बड़ा नही कोई तख़्त
वक़्त ही किसी की तक़दीर बन जाता है
वक़्त हो बुरा तो कोई ठोकरों में रहता है
वक़्त हो भला तो वो ही पीर बन जाता है
वक़्त पे वक़्त की नज़ाकत को भाॅंप ले तो
कभी-कभी प्यादा भी वज़ीर बन जाता है
वक़्त पे तो वक़्त की नज़ाकत को न मानकार
महलो का राजा भी फ़क़ीर बन जाता है।
कीर्ति माथुरः- अश्व पे सवार होके हाथ तलवार लेके,
रानी लक्ष्मीबाई इतिहास रच जाती है,
नारी गर ठान ले तो नारी यम से भी पति प्राण माॅंग लाती है।
कविता किरनः- नए साॅंचे में ढलना चाहती हॅू, नियम सारे बदलना चाहती हूॅं
इरादों की बुलंद चट्टान बनकर हवा का रूख़ बदलना चाहती हूॅ।
पूनम वर्माः- नज़र जो मिलती तो जान लेते तुम्हारे दिल में हुजूर क्या है
जो तुमने पलकें झुकायें रखी तो फिर हमारा कसूर क्या है।
महक भारतीः- माटी का पुतला बनाके बोले बहना,
सुनना हमारी भैया अपनी भी कहना
जा मेरी माई की तू बाॅंहो में सिमट जा,
जा मेरे बाबा के तू पाॅंव से लिपट जा,
बन के सहारा बूढ़ी आखियों का रहना।
पद्मिनी शर्माः- प्यारा मुझे बहुत था मगर छोड़के आई हॅंसतें हुए,
बचपन का नगर छोडके आई,
बस इक इल्तेजा है मेरा दिल न दुखाना,
तेरे लिए माॅं बाप का घर छोडके आई।
नीलम कश्यपः- गीत हमारे राजकुॅंवर है गज़ले है पटरानी,
सब उनके दीवाने है मै उनकी दीवानी।
गीतिका वेदिकाः- तुम डुबाते ही रहे हम डूब जाते ही रहे
वो तुम्हारा प्यार था पर ये हमारा प्यार है।
दीपिका माहीः- मै शाकुन्तलय लिए अॅगूठी जल प्रेम की ज्वाला में,
पर मेरे दुश्यंत खो गए आज किसी रंगशाला में।
वसुन्धरा पाण्डेंयः- बचपन मे माॅ को सिन्दूर लगाते देख,
जिद की थी मैने भी माॅं मुझे भी लगाना है सिन्दूर,
मुझंे भी लगा दो माॅं,
तब माॅं ने समझाया था,
ऐसे नही लगाते बहुत कीमती होता है यह।
कार्यक्रम के अन्त में श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी का धनयवाद दिया व कहा आप सभी के सहयोग से कार्यक्रम का सफल आयोजन हो सका है आशा है आप भविष्य में इसी तरह हमारा साथ देते रहेंगे।
कार्यक्रम का संयुक्त संचालन श्रीमती अमिता दुबे एवं डा0 अलका निवेदन द्वारा किया गया।
विशेष निवेदन:-किसी प्रकार की जानकारी के लिये कृपया - 9415020720, 9415786000 पर वार्ता करने का कष्ट करें।
हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट से संबन्धित समस्त जानकारियां इंटरनेट पर निम्न अनुसार उपलब्ध है-
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com