उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिचाई मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गोमती नदी के दोनों किनारों से आने वाले नालों के पानी के बहाव को गोमती नदी में सीधे प्रवाह न होने से रोकने हेतु दोनो ओर इन्टरसेप्टिंग डेªन बनाया जाये। उन्होंने कहा कि इन्टरसेप्टिंग डेªनों के साइज लेवल इत्यादि के निर्धारण हेतु प्रबन्ध निदेशक जल निगम, एवं लखनऊ विकास प्राधिकरण व सिंचाई विभाग के अधिकारी बैठक करके दो दिन के अन्दर परियोजना की लागत प्रस्तुत करें।
सिंचाई मंत्री आज कुकरैल सीवेज पम्प के पास गोमती नदी पर कराये जा रहे कार्योें का निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गोमती नदी मेें डिस्चार्ज बढ़ानें के लिए लखनऊ से पीलीभीत तक वाटर बाडीज को गहरा करनें की परियोजना बनाकर तत्काल प्रस्तुत किया जाये।
श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गोमती नदी रिवरफ्रन्ट के कार्य 24 घंटे चलाने के लिए अवर अभियन्ता एवं सहायक अभियन्ताओं की तीन शिफ्ट में ड्यूटी लगाई जाये एवं 15 जून 2015 तक गोमती बैराज से निशातगंज तक का डायाफ्राम वाल का निर्माण पूरा हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोमती नदी तट गोमती नदी तट विकास कार्य हेतु कन्सलटेट का अविलम्ब चयन कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि कुडि़या घाट पर बने अस्थाई बन्ध व बाई पास चैनल की सुरक्षा हेतु वर्षा ऋतु हेतु कन्टीजेन्सी प्लान बना लिया जाये।
श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देेश दिये कि जनेश्वर मिश्र पार्क से शहीद पथ तक तत्काल निर्णय लेकर नदी के दोनो किनारों में डायाफ्राम वाल व गोडवोले वीयर नदी के बायीं तरफ डायफ्राम वाल व गोडवेले वीयर तथा पीचिंग व गोडवेले वीयर का तुलनात्मक विवरण व लागत को प्रस्तुत करें।
श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गोमती नदी में गिरने वाले नालों को ढंक दिया जाये एवं इसके ऊपर हरा-भरा बनाकर सौन्दर्यीकरण कर दिया जायें
निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव सिंचाई श्री दीपक सिंघल, प्रमुख अभियन्ता, मुख्य अभियन्ता, अधिशासी अभियन्ता तथा सहायक अभियन्ता एवं अवर अभियन्ता के साथ ही निर्माण कम्पनियों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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