उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि मस्तिष्क ज्वर जापानीज़ इन्सेफ्लाइटिस (जे0ई0)/एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिण्ड्रोम (ए0ई0एस0) रोग हेतु प्रदेश के संवेदनशील जनपदों में रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अंतर्विभागीय समन्वय एवं सहभागिता सुनिश्चित कर तत्काल प्रभावी कार्यवाहियां सुनिश्चित करायी जायें। उन्होंने कहा कि गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के समस्त जनपदों में मस्तिष्क ज्वर रोगी की शीघ्र पहचान एवं निवास के निकट ही त्वरित उपचार उपलब्ध कराने के लिये ब्लाक स्तर पर स्थापित एवं क्रियाशील 104 इन्सेफ्लाइटिस ट्रीटमेण्ट सेण्टर (ई0टी0सी0) में उपचार कराने के लाभ के सन्दर्भ में जनता को व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूक किया जाये। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क ज्वर रोगियों को उपचार केन्द्र/सन्दर्भित उपचार केन्द्र पहुंचाने के लिये निःशुल्क एवं समस्त आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित एम्बुलेंस (108 एवं 102) की सुविधा के उपयोग हेतु जनता को जागरूक एवं प्रेरित किया जाये।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश प्रदेश के गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, बहराइच, गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती, हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, रायबरेली, कानपुर देहात एवं सहारनपुर के जिलाधिकारियों को परिपत्र निर्गत कर दिए। उन्होंने निर्देश दिये कि ए0ई0एस0/जे0ई0 रोग नियंत्रण हेतु चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण, ग्राम्य विकास, जल निगम, नगर विकास, पंचायतीराज, बाल विकास एवं पुष्टाहार, विकलांग कल्याण, मत्स्य, बेसिक शिक्षा द्वारा जनपद स्तर पर की जा रही कार्यवाहियों का प्रभावी क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण नियमित रूप से प्रत्येक माह जिलाधिकारी द्वारा किया जाये एवं जनपद में कृत कार्यवाहियों की संकलित रिपोर्ट प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें को प्रेषित की जाये।
श्री रंजन ने कहा कि गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के समस्त जनपद एवं जनपद बहराईच के जिला चिकित्सालयों एवं ओपेक चिकित्सालय, कैली बस्ती में 10 शैय्यायुक्त पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 स्थापित एवं क्रियाशील हैं, जिनमें जनपद के मस्तिष्क ज्वर रोग के रोगी अधिक से अधिक संख्या में भर्ती एवं उपचारित किये जायें एवं बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में अतिविशिष्ट उपचार की आवश्यकता होने पर ही चिकित्सकों द्वारा रोगी सन्दर्भित किये जायें।
श्री रंजन ने निर्देश दिये जनपद लखीमपुर के जिला चिकित्सालय में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 में उपकरणों की स्थापना कर तत्काल क्रियाशील किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि ए0ई0एस0/जे0ई0 से प्रभावित 20 जनपदों में कम से कम एक बाल रोग विशेषज्ञ अवश्य उपलब्ध रहें। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क ज्वर से उत्पन्न हुई विकलांगता के उपचार एवं काउन्सिलिंग हेतु जनपद मुख्यालयों स्थापित डिस्ट्रिक डिसएबिलिटी रिहैबिलिटेशन सेण्टर (डी0डी0आर0सी0) जिन जनपदों में क्रियाशील नहीं हैं, उन्हें यथाशीघ्र क्रियाशील कराया जाये। उन्होंने कहा कि प्रभावित जनपदों में शुद्ध एवं गुणवत्तापरक पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि प्रभावित जनपदों के घरों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वच्छ शौचालय की स्थापना के लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धि एवं पूर्व से स्थापित स्वच्छ शौचालयों के रख-रखाव का नियमित अनुश्रवण इनके उपयोग हेतु जनता को जागरूक एवं प्रेरित किया जाये। उन्होंने कहा कि जनपद में स्थापित सूकर बाड़ों को जाली से ढकने, साफ-सफाई एवं कीटनाशक छिड़काव हेतु सूकरपालकों को समुचित जानकारी प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुये प्रेरित किया जाये।
मुख्य सचिव ने बच्चों में कुपोषण की रोकथाम एवं प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के लिये आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों को पुष्टाहार/टेक होम राशन उपलब्ध कराये जाने का विशेष अनुश्रवण कर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने मच्छर जनित जापानी इन्सेफ्लाइटिस की रोकथाम के लिये विशेष प्रयास करते हुये नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत जे0ई0 टीकाकरण जे0ई0 वैक्सीन की दो डोज देकर दो वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को प्रतिरक्षित किये जाने के लक्ष्य की शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की जाये। उन्होंने जनपद की चिन्हित नगर पालिका की मलिन बस्तियों में पेयजल की उपलब्धता हेतु नगर विकास विभाग एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिये इण्डिया मार्क-2 हैण्डपम्प एवं टैंक टाईप स्टैण्ड पोस्ट (टी0टी0एस0पी0)/मिनी पब्लिक वाटर सप्लाई (एम0पी0डब्ल्यू0एस0) की स्थापना कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग द्वारा वातावरणीय स्वच्छता के दृष्टिगत घरों में तथा बेसिक शिक्षा विभाग एवं आई0सी0डी0एस0 विभाग द्वारा स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्वच्छ वाटर सील्ड शौचालयों के निर्माण हेतु लक्ष्यों के अनुरूप उपलब्धि एवं उपलब्ध करायी गई धनराशि का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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