Posted on 11 May 2015 by admin
उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ की मण्डलीय समिति की बैठक आज काली चरन इण्टर कालेज, लखनऊ में संगठन की प्रदेशीय कार्य समिति के वरिष्ठ सदस्य श्री रमाशंकर मिश्र ‘मुन्ना’ की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक का संचालन मण्डलीय मंत्री श्री सुशील पाण्डेय ने किया। बैठक में मुख्य रूप से संगठन के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डा0 महेन्द्र नाथ राय तथा लखनऊ जनपद के जिलाध्यक्ष श्री निर्मल श्रीवास्तव, जिला मंत्री श्री आर0एस0 विश्वकर्मा, हरदोई के जिलाध्यक्ष श्री श्रीनिवास अग्निहोत्री, जिला मंत्री श्री ज्ञानेन्द्र उपाध्याय, लखीमपुर जिलाध्यक्ष-श्री ओ0पी0 यादव, जिला मंत्री-श्री रमेश वर्मा, सीतापुर जिलाध्यक्ष-कमलेश कुमार मिश्रा, उन्नाव के जिलाध्य उपाध्यक्ष-जोशी, सुलतानपुर के श्री गौरव शुक्ला आदि लोग उपस्थित थे। बैठक में संगठन की सदस्यता की बात हुई और दिनांक 17/18 व 19 जून 2015 को शिक्षकों का सम्मेलन सम्पन्न होगा इस पर चर्चा हुई और साथ ही जनपदीय समस्याओं पर भ चिन्तन मनन किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि हाईस्कूल, इण्टरमीडिएट की काॅपियों के मूल्यांकन के दौरान संगठन द्वारा लड़े गये संघर्ष के परिणामस्वरूप् जो उपलब्धियाॅ प्राप्त हुई तथा जिनके भविष्य में प्राप्त होने की संभावना है उन मुद्दों को लेकर संगठन के पदाधिकारी शिक्षकों से सम्पर्क करें तथा संगठन की शक्ति बढ़ाने का प्रयास करें।
बैठक में संभावना व्यक्त की गयी कि जनपदीय तथा विद्यालय स्तर पर शिक्षकों का किसी भी प्रकार उत्पीड़न होता है तो वहाॅ पर संगठन के पदाधिकारी वहाॅ पहुॅच कर शिक्षकों के संघर्ष में साथ दें। बैठक में विभिन्न सदस्यों द्वारा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति समस्याओं को उठाया गया तथा उनके प्रभावी निराकरण के लिये मण्डलीय नेतृत्व तथा प्रदेशीय नेताओं से सहयोग की अपेक्षा की गई।
बैठक में हरदोई जनपद में व्यवसायिक शिक्षकों के संगठन द्वारा किये जा रहे आमरण-अनशन का नैतिक समर्थन करते हुए वहाॅ के जिला अध्यक्ष श्री श्रीनिवास अग्निहोत्री ने कल से अनशन पर बैठने की घोषणा की है तथा संगठन ने उनका सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 May 2015 by admin
लखनऊ में आज आम आदमी पार्टी की नई जिला कार्यकारिणी का गठन अवध ज़ोन ने केंद्रीय पर्यवेक्षक की उपस्थिती में करके कई महीनों से चल रहे गतिरोध को समाप्त किया। मुंशी पुलिया स्थित प्राइम प्लाज़ा में शुक्रवार सुबह 9 बजे से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता इकट्ठा हुए और एक मैराथन बैठक करके कार्यकर्ताओं में से नई टीम का चयन किया। उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह के निर्देश पर अवध ज़ोन संयोजक अविनाश त्रिपाठी ने यह बैठक बुलाई। केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में आशुतोष सेंगर दिल्ली से आए और सभा को सुचारु रूप से तथा नियमानुसार चलाया।
सभा के प्रारम्भ में वैभव माहेश्वरी ने सदस्यों के चयन के तरीके को समझाया और फिर कार्यकर्ताओं से जिला कार्यकारिणी के लिए नामों के प्रस्ताव मांगे। सभी प्रस्तावित और अनुमोदित नामों पर खुले सदन में चर्चा हुई और सदस्यों की आपत्ति और समर्थन को दर्ज़ किया। चार घंटे की लंबी प्रक्रिया के बाद लखनऊ कार्यकारिणी के 17 सदस्यों का चयन किया गया। इसके उपरांत इन सदस्यों में से पदाधिकारी चुने गए। गौरव माहेश्वरी को लखनऊ का नया संयोजक और श्री एस पी बागी को सचिव पद पर नियुक्त किया गया। सह संयोजक के रूप में श्रीमति शबीना सिद्दीकीए कोशाध्यक्ष नीरज श्रीवास्तवए संगठन सचिव कमलेन्द्र सिंह बनाए गए। इसके अतिरिक्त मीडिया और सोशल मीडिया के समन्वय की ज़िम्मेदारी क्रमशः प्रीतपाल सिंह सलूजा और आशुतोष तिवारी को दी गयी और ललित तिवारी को नगर प्रभारी बनाया गया। इन पदाधिकारियों के अतिरिक्त डा० अमित गोयलए वैभव माहेश्वरीए कर्नल सलिल शुक्लए शबरेज रिजवीए हुस्नाराएसत्येंद्र उपाध्यायए श्याम सिंहए अनिल उज्जवल और रणजीत बग्गा भी कार्यकारिणी के सदस्य चुने गए।
सभा के उपरांत वैभव माहेश्वरी ने बताया कि लखनऊ कार्यकारिणी में सदस्यों की कुल संख्या 25 होगी और जल्द ही इसका विस्तार करके रिक्त स्थानों को भरा जाएगा। इसके अलावा जिला कार्यकारिणी सभी विधानसभाओं और वार्डों की टीम भी बारी बारी गठित करेगी जिससे पार्टी के प्रचार प्रसार को बल मिले और आने वाले दिनों में पार्टी सशक्त रूप से जनता की आवाज़ उठा सके। ये भी जानकारी दी गई कि पदाधिकारियों को ये ज़िम्मेदारी तीन महीनों के लिए दी गई है और इस अवधि के बाद जिम्मेदारियों को ज़रूरत के मुताबिक दूसरे सदस्यों को दी जा सकती है। इसके अलावा दूसरे चरण में कई प्रकोष्ठ बनाए जाएंगे जो महिलाओंए छात्रोंए किसानोंए शिक्षकोंएव्यापारियों इत्यादि की समस्याओं को समझने और उनके निदान का तरीका निकालने का कार्य करेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 May 2015 by admin
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल कोलकाता में देश को तीन सामाजिक सुरक्षा की योजना समर्पित करेंगे। यह योजना प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनाए अटल पेंशन योजनाए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के नाम से होगी। उ0प्र0 के विभिन्न शहरों में भी यह योजना केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा देश को समर्पित की जायेगी। लखनऊ में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ए आगरा में श्री कलराज मिश्र ए मेरठ में श्री चौधरी बीरेन्द्र सिंहए इलाहाबाद में श्री मुख्तार अब्बास नकवीए कानपुर में सुश्री उमा भारतीए वाराणसी में श्री एम वैंकैय़ा नायडू और बरेली में श्रीमती मेनका गांधी इस योजना का शुभारम्भ करेंगी।
यह योजनाएं पूरे देश में 09 मई 2015 को एक साथ सायं 6ण्00 बजे देश को समर्पित की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 May 2015 by admin
श्री अरविंद सक्सेसना की संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यर के रूप में नियुक्ति की गई है। श्री सक्से्ना का कार्यकाल आयोग के सदस्यय के रूप में कार्यालय में उनके प्रवेश की तारीख से शुरू होगा। इस समय वह विमानन अनुसंधान केन्द्र ;एआरसीद्ध में निदेशक और पदेन विशेष सचिव हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 May 2015 by admin
केन्द्री य कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने आज इस्तां बुलए तुर्की में आयोजित जी.20 कृषि मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंबने कहा कि अधिक पहल शामिल करने की अपेक्षा वर्तमान पहलों के लिए जवाबदेही और निगरानी के लिए स्वोयं को अधिक निर्देशित करने की जरूरत है। मंत्री महोदय ने उत्पारदन और उत्पाोदकता बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में अनुसंधान की जरूरत पर जोर दियाए जिससे मूल्यन अस्थिरता से निपटने में मदद मिलेगी। उन्होंेने खाद्य सुरक्षाए मूल्यग स्थिरताए खाद्य पदार्थों की बर्बादी और हानि कम करने जैसे विभिन्नं मुद्दों पर भी जोर दिया। श्री सिंह ने किसानों की भलाई के लिए सरकार की पहलों के बारे में भी जानकारी दी।
कृषि मंत्री के संबोधन का मूल पाठ इस प्रकार है .
मैं सबसे पहले जी.20 देशों का अध्येक्ष बनने पर तुर्की को बधाई देता हूँ। इसके साथ ही मैं बैठक में शामिल होने वाले सभी प्रतिनिधियों का खुले दिल से स्वासगत करता हूँ एवं आतिथ्यद के लिए मेजबान देश का आभार व्यरक्त करता हूँ।
हाल ही में जी.20 देशों का योगदान और भूमिका खाद्य असुरक्षा और वैश्व्कि रूप से कुपोषण की समस्याह का सामना करने के लिए बहुत महत्वनपूर्ण हो गया है। सतत खाद्यान्नय प्रणाली को प्राप्त करने की ओर सहायता देने के लिए हमारे देशों की जिम्मे दारी और अधिक बढी है।
वर्ष 2008.09 में विश्वि समुदाय द्वारा सामना की गई मन्दीा से यह निष्क र्ष निकला कि वैश्वि।क समस्या0ओं का समाधान वैश्वििक रूप से एकजुट होकर कार्य करने में है। विकास पर बहुवर्षीय कार्य योजना के तहत सियोल सम्मेालन के दौरान हमारे नेताओं ने वैश्वि क कृषि और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम ;जीएएफएसपीद्ध और अन्या द्विपक्षीय और बहुपक्षीय चैनलों के माध्यनम से की गई प्रतिबद्धताओं का स्वािगत किया और कृषि के विकास के लिए निवेश और वित्तीहय सहायता को बढ़ाने पर जोर दिया। फ्रांस की अध्याक्षता के दौरान खाद्य मूल्यत अस्थियरता और कृषि पर एक कार्य योजना तैयार की गई थी ताकि बढ़ती हुई वैश्विकक खाद्य मांग और मूल्यप अस्थिपरता की समस्यार से निपटा जा सके। इन पहलों की शुरूआत के बाद से विशेषतरू कृषि मण्डीप सूचना प्रणाली ;एएमआईएसद्धए रैपिड रेस्पों स फोरम ;आरआरएफद्ध और आकस्मिाक मानवीय खाद्यान्नू रिजर्व के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। ब्रिस्बेन सम्मे लन में जी.20 नेताओं द्वारा खाद्य सुरक्षा और पोषण फ्रेमवर्क तैयार किया गया था जिसमें चुनौतियों का समाधान करने के लिए दीर्घावधिक प्राथमिकता उद्देश्यों हेतु तीन परिणाम चिन्हिकत किए गए थे। टर्की की अध्य क्षता में भी इन वैश्विदक हित चिन्तातओं के समाधान को प्राथमिकता दी गई है।
भारत का मत है कि हमारा यह समूह जारी पहलों में और कुछ न जोड़कर इनकी जबावदेही और मॉनिटरिंग की ओर स्वायं को अग्रसर करे। भारत की हमेशा यह स्थिबति रही है कि अधिक खाद्य मूल्यी अस्थिमरता की समस्याभ के समाधान के लिए कृषि उत्पाहदन को बढ़ावा देना महत्वकपूर्ण है। कृषि उत्पाथदन को बढायें बिना खाद्य मूल्योंक में वृद्धि को रोक पाना सम्भदव नहीं होगा। तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण कृषि के लिए घटते भू आकार के साथ भारत का विश्वाीस है कि घटते संसाधनों के साथ उत्पातदन और उत्पातदकता में वृद्धि केवल कृषि क्षेत्र में अनुसंधान से ही सम्भहव है।
खाद्य सुरक्षा के सिद्धान्ता में महत्वापूर्ण परिवर्तन हुए है क्यों कि खाद्य उपलब्धषता और स्थि रता को पहले खाद्य सुरक्षा सुनिश्चिंत करने के लिए अच्छा उपाय माना जाता था और इसे विकसित देशों द्वारा उच्चे प्राथमिकता दी जाती थी। तथापि इससे गम्भी र पारिवारिक खाद्य असुरक्षा की समस्याा का समाधान नहीं होता है। खाद्य सुरक्षा के मूल्यांिकन में अब पारिवारिक स्तरर पर खाद्यान्नक ऊर्जा ग्रहण करने को महत्वम दिया गया है हालांकि इसके लिए स्था पित मापदण्डोंक पर भी पोषणविदों ने सवाल खडे किए हैं। इस मामले में नीति तैयार करते हुए अस्था्यी और गम्भी र खाद्य असुरक्षा के बीच अंतर समझना आवश्य क है। इस समस्या से निपटने का समाधान गरीब को खाद्य उपलब्धाता में सुधार और सुनिश्चि त आहार उपलब्धाता के लिए गरीबों की क्रय शक्ति को बढाने में है।
कृषि वस्तुओं का उत्पािदन और उत्पाुदकता को बढ़ाना ही केवल चिन्ताल का विषय नहीं है बल्किर खाद्य अपशिष्टउ और हानि को रोकने के लिए भी पहल की जानी चाहिए। खाद्य अपशिष्टब को रोकने के लिए एक कार्यान्वकयन योजना की आवश्यीकता है जिसमें केवल जी.20 देशों का ही नहीं बल्किो कम आय वाले और विकासशील देशों की चिन्तायओं और उनके मत को भी ध्याान में रखा जाना चाहिए। हमें उत्पािद भण्डाीरण और रख.रखाव प्रोटोकॉल पर अनुसंधान करनेए कृषि से जुड़े उद्योगों में निवेश बढाने और फसलोंपरांत और मण्डीख से जुड़ी आपूर्ति श्रृंखला में संयुक्त रूप से उत्कृ ष्टोता केन्द्रं स्थाडपित करने का प्रयास करना चाहिए। भारत कृषि के लिए कृषि उत्पाकदकता अवसंरचना निर्माण में निवेश को बढानेए उत्पा्दकता बढाने और लघु जोत कृषि में मानव क्षमता बढाने और खाद्य हानि और अपशिष्टे को रोकने के लिए शीत और सामान्यि भण्डाारण एवं कोल्डप चेन विकास की व्याकपक योजनाएं चला रहा है जिससे खाद्य अपशिष्टि एवं हानि में गिरावट आयी है। भारत का यह मत है कि खाद्य हानि और अपशिष्टज को न्यूिनतम करने के लिए विकसित प्रौद्योगिकियां कम आय वाले देशों के अनुरूप होनी चाहिए।
भारत में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों का देश की जीडीपी में 17ण्2ः और कुल निर्यात में 14ः हिस्साृ है । देश की लगभग आधी जनसंख्याी अपनी आय के प्राथमिक स्रोत के रूप में कृषि पर निर्भर है और बहुत से उद्योगों के लिए कच्चेी माल का मुख्यअ स्रोत कृषि है। इसलिए भारत को अर्थव्यहवस्थाद की लक्षित वृद्धि के लिए और बढ़ती एवं विविध खाद्य मांग को पूरा करने के लिए कृषि क्षेत्र की वृद्धि की गति को बनाये रखना होगा । हमने अपने कृषि क्षेत्र में तेजी से उन्नकति की है जो इस तथ्यि से व्यहक्तअ होती है कि हमारे खाद्यान्नं उत्पािदन में 2000.2001 में 197 मिलियन टन से 2014.15 में 266 मिलियन टन की वृद्धि हुई हैए जिससे न केवल हमारी घरेलू आवश्यिकता की पूर्ति होती है बल्किह वैश्विेक खाद्य सुरक्षा में भी हमारा योगदान होता है।
हमें विश्वा स है कि सार्वजनिक निवेश में वृद्धि द्वारा और निजी क्षेत्र सहभागिता में वृद्धि के लिए अनुकूल वातावरण बनाकर कृषि में प्रेरित वृद्धि के लिए इस रणनीति के सकारात्मकक परिणाम होंगे । स्कीरमों की योजना बनाने और कार्यान्वएयन में राज्योंम को अधिक स्वा यतता और छूट प्रदान करते हुए हम कृषि जलवायु स्थिबतियोंए प्राकृतिक संसाधन मुद्दों और प्रौद्योगिकी तथा समेकित पशुधनए कुक्कुवट और मात्यिों् की के लिए कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए राज्यु सरकारों को प्रोत्साुहित कर रहे हैं।
हमारे बहुत से किसान अपने खेतों से अधिकतम उपज प्राप्त करने में असमर्थ हैं क्योंाकि वे अपनी मृदा स्थिोतियों के बारे में जागरूक नहीं हैं । हमारा उद्देश्य किसानों को मृदा स्वांस्य्वे के लाभों के बारे में बताना है ताकि वे उत्पाैदकता और लाभ बढ़ाने के लिए उर्वरकों की उचित मात्रा का उपयोग कर सकें। हमारी सरकार ने प्रत्येमक किसान को मृदा स्वांस्य् औ कार्ड प्रदान करने की नई योजना शुरू की है जिसे नियमित अंतराल में अद्यतन किया जाएगा।
सरकार जैविक खेती के संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है जिससे मृदा स्वा।स्य्हम में सुधार होगा और गुणवत्ता फसलें बेहतर होंगी । वर्तमान वित्तीदय वर्ष से जैविक कलस्ट्र विकसित करने के लिए और किसानों को रसायन मुक्तर आदानों की उपलब्ध्ता के लिए एक नई योजना ष्परम्पयरागत कृषि विकास योजनाष् का कार्यान्व यन किया जायेगा। हमने एक गोकुल मिशन की भी शुरूआत की है जो पशुवंश में सुधार के लिए एक समर्पित कार्यक्रम है ताकि दूध का उत्पाभदन और किसानों की आय में सुधार किया जा सके। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा तथा जल कृषि के किसानों की आजीविका में सुधार हेतु नीली क्रान्ति ;मात्यिसु कीद्ध ओर भी हमारा देश बढ़ रहा है।
कृषि उत्पाआदन एवं उत्पातदकता में बढ़ोत्त री के साथ किसानों की आय में वृद्धि तथा प्रति बूंद अधिक उपज हेतु ष्हर खेत को पानीष् यानी सिंचाई की सुविधा सुनिश्चिआत करने हेतु प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना हमारे देश में कार्यान्विमत की जा रही है।
गरीब किसानों की क्रय शक्तिे को बढ़ाने और मूल्यी अस्थिसरता को रोकने दोनों में समान रूप से प्रभावी एक सतत खाद्य प्रणाली प्राप्तढ करने की हमारी कोशिश में हम एक बाधामुक्तन राष्ट्री य कृषि मण्डीक शुरू करने की ओर अग्रसर है। प्रान्तीीय टैरिफ और गैर टैरिफ बाधाओं को कम करने के साथ हमारी सारे देश को एक राष्ट्री य स्त्रीय ई.प्लेटटफॉर्म पर लाने की योजना है जिससे किसानों को सम्पूशर्ण देश की मण्डिसयों तक पहुंच की सुविधा होगी और ग्राहकों के पास खाद्यान्ना वस्तुरओं को प्राप्ते करने के बेहतर विकल्प होंगे।
भारत में लगभग 85ः किसानों के पास लघु कृषि जोत हैं। चूंकि कृषि की उत्पांदकता बढाने के लिए कृषि का यंत्रीकरण किया जा रहा हैए अतरू इन छोटे किसानों के हितों की रक्षा करना और अधिक महत्वकपूर्ण व जरूरी हो गया है। इनमें से अधिकांश किसानों के पास संसाधनों का अभाव है और वे सहायता के लिए पूरी तरह से सरकार पर निर्भर है। अतरू पारिवारिक खेती को और अधिक मजूबत किए जाने की आवश्यसकता है ताकि इन किसानों को गरीबी और कुपोषण के शिकंजे से बचाया जा सके और इस प्रकार वे देश का दायित्वअ न होकर स्वबयं सक्षम बन सके। यह उल्लेसख करना भी ठीक रहेगा कि हमने अटल पेंशन योजना के तहत हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्माहन में बुजुर्ग किसानों के लिए एक पेंशन कार्यक्रम की शुरूआत की है।
अपना भाषण समाप्त करने से पूर्व मैं इस सम्मेलन के सफल आयोजन और सभी प्रतिनिधियों को दिए गए आतिथ्यक सत्कासर के लिए टर्की सरकार को धन्येवाद देता हूँ। आज मैं सफल विचार.विमर्श की कामना करता हूँ जिसमें विश्वे समुदाय की खाद्य सुरक्षा आवश्यिकताओं और हमारे किसानों को प्राथमिकता देने पर ध्यासन दिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 May 2015 by admin
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रम मोदी ने आज स्वारमी चिन्म।यानन्दक की जन्मि शताब्दीर के अवसर पर एक स्मृरति सिक्काी जारी किया। इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने स्वाजमी चिन्म यानन्दि द्वारा शिक्षा और समाज सुधार के क्षेत्र में किये गये अग्रणी कार्य का स्म्रण किया।
उन्होंसने स्वािमी चिन्मियानन्द को एक दूरदर्शी व्येक्ति बताया जिन्होंतने कुलीन वर्ग के उन लोगों को अंग्रेजी माध्याम से भारत की महान संस्कृदति और आध्या त्मिबक परम्पगराओं के बारे में समझाने की जरूरत महसूस की जो इस विरासत से दूर हो गए थे।
स्वापमी चिन्मायानन्दे के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब स्वाामीजी गीता के बारे में बात करते थे तो वे एक ज्ञान.मार्गी ;ज्ञान के पथ का अनुसरण करने वालेद्ध बन जाते थे और जब वे अपने स्कू लों तथा अस्परतालों में कार्य करते थे तो वे एक कर्म.मार्गी ;कार्य के मार्ग का अनुसरण करने वालेद्ध बन जाते थे। उन्होंेने कहा कि इस तरह से स्वाऔमी चिन्म्यानन्दर का जीवन दूसरों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।
प्रधानमंत्री ने स्वा मी चिन्मदयानन्दा के साथ अपनी मुलाकातों का स्म्रण करते हुए कहा कि यह एक बहुत गर्व की बात है कि उनकी जन्मग शताब्दी के अवसर पर एक स्मृाति सिक्काए जारी किया जा रहा है।
केन्द्री य वित्ता मंत्री श्री अरुण जेटलीए वित्तर राज्यस मंत्री श्री जयंत सिन्हारए चिन्म या मिशन के वैश्विक प्रमुख स्वा मी तेजोमायानन्दणए चिन्मरया युवा केन्द्र के राष्ट्रीयय निदेशक स्वा्मी मित्रानन्द भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 May 2015 by admin
नन्ही कोमल ने पापा की डांट ही सुनी थी लेकिन जब उसने उन्हें स्टेज पर मोहम्मद रफी के दर्द भरे तराने गाते सुना तो एकबारगी उसे विशवास ही नहीं हुआण् वैशाली अपनी मम्मी को खाना पकाते, सब्जी काटते या बर्तन धोते ही देखती आई है लेकिन जब उन्होंने स्टेज पर फिल्मी धुन पर थिरकना शुरू किया तो नन्हे मुन्ने बच्चों के बीच स्टेज पर चढ़कर उनका साथ देने की होड़ सी मच गयी. फिर क्या था पूरा मैदान तालियों की गडगडाहट से गूँज उठा. मौका था न्यू रहीमाबाद, सरोजिनी नगर में स्थित यूनीवर्सल सिटी कान्वेंट में आयोजित पैरेंट्स डे का. तनाव भरी दिनचर्या में फुर्सत के दो पल मिले तो अभिभावकों ने कला और हुनर का ऐसा नजराना पेश किया कि बच्चो ने दांतों तले उंगलिया दबा ली. आकाशवाणी आर्टिस्ट अर्चना श्रीवास्तव ने अपनी मधुर वाणी में सरस्वती वंदना पेश करते हुए कार्यक्रम की शुरूआत की. मीनाक्षी सिंह और श्वेता सिंह ने स्टेज संचालन को बखूबी अंजाम दिया. डांस कैटेगरी में गणेश वंदना और ओम साई राम को प्रथम स्थान. चिपको आन्दोलन पर आधारित लघु नाटिका को द्वितीय स्थान तथा भाषण कैटेगरी में आज की कन्या कल का भविष्य को तृतीय स्थान मिला. शत प्रतिशत उपस्थिति और स्टूडेंट आफ द इयर के लिए सौम्या को शील्ड प्रदान की गई. जसप्रीत कौर द्वितीय और श्लोक तृतीय स्थान पर रहे. कोमल, काव्या, ओम, प्रवीण और आदर्श को सांत्वना पुरस्कार से संतोष करना पड़ा. पैरेंट्स के लिए निम्न कैटेगरी में पुरूस्कार घोषित किये गए. मोस्ट केयरिंग पैरेंट्स, मोस्ट सपोर्टिव पैरेंट्स, मोस्ट केयरिंग पैरेंट्स, मोस्ट न्यूट्रीशियस टिफिन, मोस्ट फ्यूचिरास्टिक पैरेंट्स इत्यादि. चीफ गेस्ट पश्चिम बंगाल से आये शिक्षाविद प्रो. केएन राठोर ने अपने संबोधन में कहा कि आज के युग में सुख सुविधा जुटाने के प्रयास में अभिभावक इस कदर उलझ गए हैं कि उनके पास अपने बच्चो को देने के लिए समय नहीं बचा है. आज बच्चे एकाकी जीवन जीने को अभिशप्त है जिसका भयावह परिणाम अक्सर हमें देखने को मिलते हैं. बच्चो का मस्तिष्क कच्ची मिटटी के सामान होता है जिसे समझना प्रत्येक अभिभावक का फर्ज है. बच्चों को विलासिता और वैभवपूर्ण जीवन देने से अधिक महत्वपूर्ण है घर में बच्चो को अच्छे संस्कार युक्त वातावरण देना. स्कूल मैनेजर पंकज सिंह ने भूकंप पीडितो की सहायता के लिए इक्कीस हजार रूपये की राहत राशि देने की घोषणा की. फाउंडर मैनेजर उमाकांत चैधरी ने कार्यक्रम में आये हुए समस्त अभिभावकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 May 2015 by admin
महाराणा प्रताप जयंती पर शासन द्वारा 9 मई,2015 सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने पर प्रदेश की जनता ने मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के प्रति आभार जताया है। मुख्यमंत्री जी की यह घोषणा देश के स्वाभिमान और शौर्य को सम्मान देने वाली है। पूरे देश में इस निर्णय की प्रशंसा हो रही है।
महाराणा प्रताप का नाम देश के लिए मर मिटनेवाले योद्धा के रूप में विख्यात है। वे राष्ट्रीय आनबान और शान के प्रतीक माने जाते हैं। अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी उन्होने राष्ट्रीय अस्मिता के लिए कठिन संघर्ष किया और जंगलों में भटकते हुए घास की रोटी खाई। उनका परिवार भी इस संघर्ष में उनके साथ रहा।
महाराणा प्रताप की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर मुख्यमंत्री जी ने देशभक्ति और स्वाभिमान के प्रति भी समाजवादी सरकार की कृतज्ञता व्यक्त की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 May 2015 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार ने विकास के एजेण्डा को जो नई गति दी है उससे विपक्षी बुरी तरह हताश और निराश हैं। उनके पास आलोचना के जब कोई मुद्दे नहीं रह जाते हैं तो वे अफवाहबाजी पर उतर आते हैं। अनर्गल बयान देकर जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश करते हैं। भाजपा और उसका मातृ संगठन आरएसएस अफवाहे फैलाने के माहिर हैं। लेकिन उनकी हर चाल जनता खूब समझती है।
भाजपा को जब कोई विषय नहीं मिला तो वह भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाने के साथ बसपा पर समाजवादी पार्टी की कृपा की कल्पित कथा भी सुनाने लगी है। एक और दल तो बसपा अध्यक्ष की उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाओं मांग को खुद भी तोते की तरह रटने में लग गया है। इन सबको न तो तथ्यों से कोई मतलब है और नहीं उन्हें सार्वजनिक मर्यादाओं की फिक्र है। समाजवादी सरकार में प्रदेश में कानून का राज है और शांति व्यवस्था कायम है।
सच तो यह है कि उत्तर प्रदेश में कन्या विद्याधन, लैपटाप वितरण और समाजवादी पेंशन जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं प्रचलन में हैं किन्तु कहीं और कभी भी उनमें अनियमितताओं के होने की खबरें नहीं आई। विधान मण्डल की बैठको में भी कभी सरकार के विरूद्ध भ्रष्टाचार के आरोप किसी दल की ओर से नहीं लगे। मुख्यमंत्री की बेदाग छवि और उनकी शालीनता की प्रशंसा निर्विवाद रूप से सभी विपक्षी करते हैं।
भाजपा जब से लोकसभा चुनाव जीती है उसके नेताओं में अहंकार बहुत बढ़ गया है। प्रदेश में हो रहे विकास में रोड़ा अटकाने के लिए वे सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिशें करते रहे हैं। लेकिन प्रदेश में समाजवादी सरकार के रहते उन्हें कभी सफलता मिलनेवाली नहीं है। अभी फरेन्दा और चरखारी के विधान सभा उपचुनावो में भाजपा को जनता ने करारा सबक सिखाया है। जनता के निर्णय को सिर माथे रखकर भाजपा और दूसरे विपक्षी दलों को प्रदेश सरकार पर झूठे, निराधार और अनर्गल आरोप लगने से संकोच करना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 07 May 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिचाई मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गोमती नदी के दोनों किनारों से आने वाले नालों के पानी के बहाव को गोमती नदी में सीधे प्रवाह न होने से रोकने हेतु दोनो ओर इन्टरसेप्टिंग डेªन बनाया जाये। उन्होंने कहा कि इन्टरसेप्टिंग डेªनों के साइज लेवल इत्यादि के निर्धारण हेतु प्रबन्ध निदेशक जल निगम, एवं लखनऊ विकास प्राधिकरण व सिंचाई विभाग के अधिकारी बैठक करके दो दिन के अन्दर परियोजना की लागत प्रस्तुत करें।
सिंचाई मंत्री आज कुकरैल सीवेज पम्प के पास गोमती नदी पर कराये जा रहे कार्योें का निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गोमती नदी मेें डिस्चार्ज बढ़ानें के लिए लखनऊ से पीलीभीत तक वाटर बाडीज को गहरा करनें की परियोजना बनाकर तत्काल प्रस्तुत किया जाये।
श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गोमती नदी रिवरफ्रन्ट के कार्य 24 घंटे चलाने के लिए अवर अभियन्ता एवं सहायक अभियन्ताओं की तीन शिफ्ट में ड्यूटी लगाई जाये एवं 15 जून 2015 तक गोमती बैराज से निशातगंज तक का डायाफ्राम वाल का निर्माण पूरा हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोमती नदी तट गोमती नदी तट विकास कार्य हेतु कन्सलटेट का अविलम्ब चयन कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि कुडि़या घाट पर बने अस्थाई बन्ध व बाई पास चैनल की सुरक्षा हेतु वर्षा ऋतु हेतु कन्टीजेन्सी प्लान बना लिया जाये।
श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देेश दिये कि जनेश्वर मिश्र पार्क से शहीद पथ तक तत्काल निर्णय लेकर नदी के दोनो किनारों में डायाफ्राम वाल व गोडवोले वीयर नदी के बायीं तरफ डायफ्राम वाल व गोडवेले वीयर तथा पीचिंग व गोडवेले वीयर का तुलनात्मक विवरण व लागत को प्रस्तुत करें।
श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गोमती नदी में गिरने वाले नालों को ढंक दिया जाये एवं इसके ऊपर हरा-भरा बनाकर सौन्दर्यीकरण कर दिया जायें
निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव सिंचाई श्री दीपक सिंघल, प्रमुख अभियन्ता, मुख्य अभियन्ता, अधिशासी अभियन्ता तथा सहायक अभियन्ता एवं अवर अभियन्ता के साथ ही निर्माण कम्पनियों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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