Archive | May, 2015

समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव एवं राज्यमंत्री स्वतन्त्र प्रभार श्री अरविन्द सिंह गोप ने कहा है कि

Posted on 18 May 2015 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव एवं राज्यमंत्री स्वतन्त्र प्रभार श्री अरविन्द सिंह गोप ने कहा है कि अधिवक्ता बुद्धिजीवी है जिसका समाज में बहुत सम्मान है। अपने तर्क से वे पीडि़तों को न्याय दिलाते हैं। अधिवक्ताओं पर लोग भरोसा करते हैं। सन् 2012 में उनके परिश्रम के फलस्वरूप प्रदेश में बहुमत की समाजवादी सरकार बनी अब 2017 में पहले से ज्यादा जोश के साथ श्री अखिलेश यादव को दुबारा मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लेना होगा।
श्री गोप आज यहाॅ पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष श्री जगन्नाथ यादव की अध्यक्षता में समाजवादी अधिवक्ता, सभा, उ0प्र0 की राज्य कार्यकारिणी के पदािधकारियों, जिला/महानगर अध्यक्षों की बैठक को संबोधित कर रहे थेे। उन्होंने अधिवक्ताओं को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का शीघ्र निदान होगा। जिन अधिवक्ताओं के ऊपर पिछली बसपा सरकार के समय मुकदमे लगे हैं उन्हें वापस कराने के लिए प्रयास करेंगे।
श्री अरविन्द सिंह गोप ने कहा कि समाजवादी पार्टी संघर्ष की पार्टी है और श्री मुलायम सिंह यादव का संघर्ष का लंबा इतिहास है। श्री यादव ने वकीलों की सबसे ज्यादा मदद की है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का हमारे पास शानदार नेतृत्व है। इस सरकार में गरीबों, कमजोरों की सुनवाई हो रही है। विकास के काम तेजी से हो रहे हैं।
बैठक में उ0प्र0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री रामआसरे विश्वकर्मा  ने कहा कि आजादी के समय से आपात काल तक की लड़ाई में वकीलों ने नेतृत्व किया है। समाजवादी सरकार ने वकीलों को सबसे ज्यादा सुविधाएं दी हैं। उनके लिए बजट में प्रावधान किया गया है।उनके लिए चेम्बर, पेंशन, लाइबे्ररी की व्यवस्था की गई है।
समाजवादी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गौरव भाटिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव की लड़ाई सच्चाई और एडवरीटाइजिंग के बीच थी। अब जनता सच्चाई जान गई है। सन् 2017 समाजवादी पार्टी की जीत का नया इतिहास लिखेगा। अधिवक्ता सभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगन्नाथ यादव ने अधिवक्ताओं का आव्हान किया कि वे ब्लाक स्तर तक पार्टी की नीतियों और समाजवादी सरकार की उपलब्धियों को पहुॅचाए। उन्होंने कहा कि वे अधिवक्ताओं के हितों की लड़ाई मजबूती से लड़ते रहेगे। मृत अधिवक्ताओं के आश्रितों को मुख्यमंत्री जी द्वारा 05 लाख रूपए की मदद दिए जाने की सराहना की गई।
समाजवादी अधिवक्ता सभा की बैठक में अपर महाधिवक्ता श्री राज बहादुर यादव, स्थायी अधिवक्ता श्री इन्द्रपाल सिंह, मुन्ना सिंह, डीजीसी, शिवशरण उपाध्याय, सहजराम यादव, राष्ट्रीय महासचिव श्री देवीबख्श सिंह, प्रदेश महासचिव श्री इन्द्र प्रकाश कश्यप, कर्नल सत्यवीर सिंह यादव आदि ने अपने विचार रखे। इनके अतिरिक्त सर्वश्री बलराम सिंह, श्रवण कुमार यादव, राजेश श्रीवास्तव राज, शमीश खान, जय सिंह, सलाउद्दीन शीबू, एसडी सिंह समदर्शी, संजय यादव, देवतादीन निषाद, अजीत यादव, आर0पी0 यादव, आदर्श दीपक मिश्रा, धर्मेन्द्र सिंह, दिनेश यादव, जे0पी मिश्रा, विद्यार्थी, हाजी मोहम्मद इस्लामुद्दीन किशोरी लाल, दिग्विजय सिंह, संतोष यादव, उमाशंकर आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठायें -शिवपाल सिंह यादव

Posted on 18 May 2015 by admin

प्रदेश के लोक निर्माण, सिंचाई, राजस्व एवं सहकारिता मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने अधिकारियों  को निर्देश दिये कि प्रदेश की गरीब जनता की परेशानियों को देखते हुए उनके प्रार्थना पत्रों पर अविलम्ब-निर्णय लेकर कार्यवायी सुनिश्चित की जायें तथा एक निश्चित समय सीमा के अन्दर उनकी समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रत्येक दिन एक निश्चित समय पर कार्यालय में बैठकर जनता की समस्याओं को सुनकर सम्बंधित अधिकारियों को निस्तारण के निर्देश दें। श्री यादव ने कहा कि अधिक से अधिक प्रदेश की जनता का भला हो तथा अपनी परेशानियों के लिये इधर-उधर भटकना न पड़े यही प्रदेश सरकार का लक्ष्य है। श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उ0प्र0 सरकार चाहती है कि सभी प्रदेशवासियों को साफ-सुथरी, पारदर्शी एवं न्यायपूर्ण व्यवस्था उपलब्ध हो इसके लिए आवश्यक कदम उठाये जायें तथा जनता की समस्या ही प्रदेश सरकार की उच्च प्राथमिकता है तथा उनकी समस्याओं का समाधान ही प्रदेश सरकार का उद्देश्य है।
श्री यादव आज जनसुनवाई भवन कालिदास मार्ग पर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आयी हुई जनता की समस्याओं को सुन रहे थे। उन्होंने कहा कि गाॅव, गरीब और किसानों के विकास के लिये प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है और उन्हें लाभ पहॅुचानें के उद््देश्य से कई लाभकारी योजनायें चलाई जा रही है। श्री यादव नें कहा कि प्रदेश के विकास के लिये आप सभी का सहयोग आपेक्षित है। उन्होंने कहा कि बिना आप सभी के सहयोग से हम प्रदेश को विकास के रास्ते पर नहीं ले जा सकते।
श्री यादव नेे सभी से प्रदेश सरकार को सहयोग देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सभी लोग प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ उठायें । श्री यादव ने कहा कि एक दूसरे से मिलकर लाभकारी योजनाओं को जनता के बीच पहुॅचाकर उन्हंे उनके लाभ व अधिकारों के प्रति जागरूक करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

कालीन नगरी के नाम से विश्व विख्यात भदोही में निर्माणाधीन कारपेट सिटी का निर्माण प्रत्येक दशा में आगामी अक्टूबर, 2016 तक पूर्ण कराना होगा: मुख्य सचिव

Posted on 18 May 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिये है कि कालीन नगरी के नाम से विश्व विख्यात भदोही में निर्माणाधीन कारपेट सिटी का निर्माण प्रत्येक दशा में आगामी अक्टूबर, 2016 तक पूर्ण कराना होगा। उन्होंने कारपेट सिटी के निर्माण कार्य से सम्बन्धित अधिकारियों को चेतावनी दी कि निर्माण कार्य निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण न होने पर तथा निर्धारित अवधि में निर्माण कार्य पूर्ण न होने की स्थिति पर शिथिलता क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कारपेट सिटी में समस्त बुनियादी सुविधायें उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कारपेट सिटी बन जाने से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा और कालीन व्यापार में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने  अधिकारियों को यह भी हिदायत दी कि उद्यमियों की समस्याओं का निराकरण नियमानुसार यथाशीघ्र न कराये जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों को बख्शा नही जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि उद्यमियों को नियमानुसार प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं से लाभान्वित कराया जाय और आम नागरिकों की समस्याओं का समाधान तत्काल स्थानीय स्तर पर ही कराना सुनिश्चित हो, जिसका अनुपालन प्रत्येक  दशा में सम्बन्धित अधिकारियों को करना होगा।
मुख्य सचिव आज जनपद भदोही में विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ उद्यमियों, जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों से भेंट कर रहे थे। उन्होंने किसान दुर्घटना बीमा से लाभान्वित लाभार्थियों को 05-05 लाख रूपये का चेक, कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षित युवक/युवतियों को प्रमाण पत्र वितरित करने के साथ-साथ लाभार्थियों को साइकिलें भी वितरित कीं।
श्री रंजन ने कालीन निर्यातकों एवं उद्यमियों के साथ बैठक केे दौरान सम्बन्धित अधिकारियों  को निर्देश दिए कि निर्यातकों तथा उद्यमियों की प्रत्येक समस्याओं का नियमानुसार प्राथमिकता से समाधान कराया जाय।  उन्होंने कहा कि कालीन नगरी भदोही से बाबतपुर तक फोर-लेन सड़क निर्माण भी जल्द से जल्द पूर्ण कराया जाय। उन्होंने कहा कि फोर-लेन निर्माण में यदि कोई बाधा आये तो विशेष टीम गठित कर दूर कराया जाय। उन्होंने कहा कि कालीन नगरी भदोही में फोर-लेन बन जाने से भदोही में अधिक से अधिक लोग कालीनें खरीदने के लिए आते रहेंगे जिससे निर्यातक लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि कामधेनु मिनी डेयरी योजना के अन्तर्गत लाभान्वित लाभार्थियों को अधिक से अधिक लाभान्वित कराने के लिए उनका दूध पराग डेयरी को क्रय करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक के दौरान शासकीय दायित्वों में लापरवाही बरतने अधिशासी अभियन्ता जल निगम, परियोजना प्रबन्धक राजकीय निर्माण निगम तथा प्रबन्धक पी0सी0एफ0 का स्पष्टीकरण प्राप्त कर सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध तत्काल नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समस्त अधिकारियों को प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुपालन में विकास कार्यों को समयबद्धता के साथ गुणवत्ता व पारदर्शिता के साथ पूर्ण कराने होंगंे। उन्होंने कहा कि जनपदीय अधिकारियों को भी विकास कार्यों का औचक निरीक्षण करने एवं आम नागरिकों की समस्याओं से अवगत होने हेतु फील्ड में जाना होगा।
मुख्य सचिव के साथ बैठक में प्रबन्ध निदेशक विद्युत पारेषण श्री संजय प्रसाद, आयुक्त एवं निदेशक उद्योग श्री एल0 वेंकटेश्वर लू, विशेष सचिव,  पशुधन श्री सुरेन्द्र सिंह, मण्डलायुक्त श्री अनिल कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में रविवार 17.05.2015 को संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह, संगीत नाटक

Posted on 18 May 2015 by admin

उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान एवं हेल्प यू एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में रविवार 17.05.2015 को संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह, संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ में आयोजित ”21वीं सदी में महिलाओं की सामाजिक चुनौतियाँ एवं योगदान” पर व्याख्यान एवं महिला काव्य गोष्ठी कार्यक्रम की प्रेस विज्ञप्ति के संन्दर्भ में

कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात कार्यक्रम में माननीय पद्मभूषण डाॅ0 श्री गोपाल दास नीरज जी, कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान, उत्तर प्रदेश, मुख्य अतिथि माननीया श्रीमती अरूण कुमारी कोरी जी, मंत्री, महिला कल्याण व संस्कृति, उत्तर प्रदेश, बाॅलीवुड़ अभिनेता श्री ओम पूरी जी एवं श्रीमती सीमा कपूर, श्री बृजेश चन्द्र, अपर निदेशक, उ0प्र0 भाषा संस्थान, श्रीमती जरीना उस्मानी,(मा. अध्यक्ष, महिला आयोग), श्रीमती जूही सिंह,(मा. अध्यक्ष, बाल अधिकार संरक्षण आयोग), श्रीमती सुतापा सान्याल,(ए.डी.जी., महिला प्रकोष्ठ, उ0प्र0), श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, फाउन्डर ट्रस्टी, हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट व डा0 (श्रीमती) रूपल अग्रवाल, मैनेजिंग ट्रस्टी, हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट के फाउन्डर ट्रस्टी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने माननीय पद्मभूषण डाॅ0 श्री गोपाल दास नीरज जी, कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान, उत्तर प्रदेश, मुख्य अतिथि माननीया श्रीमती अरूण कुमारी कोरी जी, मंत्री, महिला कल्याण व संस्कृति, उत्तर प्रदेश, बाॅलीवुड़ अभिनेता श्री ओम पूरी जी एवं निर्माता-निर्देशक श्रीमती सीमा कपूर जी, श्री बृजेश चन्द्र, अपर निदेशक, उ0प्र0 भाषा संस्थान सम्मान अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह व पुष्प गुच्छ द्वारा किया गया। साथ ही साथ माननीय डा0 श्री गोपाल दास नीरज जी, माननीया श्रीमती अरूण कुमारी कोरी जी, बाॅलीवुड़ अभिनेता श्री ओम पूरी जी एवं श्रीमती सीमा कपूर, श्री ब्रजेश चन्द्र जी मुख्य अतिथि माननीया श्रीमती अरूण कुमारी कोरी जी द्धारा वक्तागणों व कवियत्रियों का अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह व पुष्प गुच्छ द्वारा सम्मान किया गया।
वक्तागण-
1.    श्रीमती जरीना उस्मानी,(मा. अध्यक्ष महिला आयोग),
2.    श्रीमती जूही सिंह,(मा. अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग),
3.    श्रीमती सुतापा सान्याल,(ए.डी.जी., महिला प्रकोष्ठ, उ0प्र0),
4.    डाॅ रूपल अग्रवाल,(प्रबन्ध न्यासी, हेल्प यू ट्रस्ट),
5.    डाॅ प्रेम लता,(मंगलायतन विश्वविद्यालय, अलीगढ़),

कवियत्रियाँ-

1.    श्रीमती अरूण चैहान,(रायपुर)
2.    डाॅ कमल मुसद्दी,(कानपुर)
3.    श्रीमती रेहाना शाहीन,(अलीगढ़)
4.    श्रीमती नीलम कश्यप,(जालौन)
5.    श्रीमती सबा बलरामपुरी,(बलरामपुर)
6.    श्रीमती प्रेरणा ठाकरे,(इन्दौर)
7.    सुश्री कीर्ति माथुर,(दिल्ली)
8.    श्रीमती कविता किरन,(झालना)
9.    श्रीमती पूनम वर्मा,(मथुरा)
10.    सुश्री महक भारती,(चण्डीगढ़)
11.    श्रीमती पद्मिनी शर्मा,(दिल्ली)
12.    श्रीमती वसुन्धरा पाण्डेय,(इलाहाबाद)
13.    सुश्री गीतिका वेदिका,(इन्दौर)
14.    श्रीमती दीपिका माही,(उदयपुर)

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माननीया श्रीमती अरूण कुमारी कोरी जी, विशिष्ट अतिथि बाॅलीवुड़ अभिनेता श्री ओम पूरी जी एवं निर्माता-निर्देशक श्रीमती सीमा कपूर व डा0 रूपल अग्रवाल, द्धारा ”21वीं सदी में महिलाओं की सामाजिक चुनौतियाँ एवं योगदान” काव्य गोष्ठी कार्यक्रम मंे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान हेतु 11 गणमान्य अतिथियों का प्रतीक चिन्ह द्वारा हेल्प यू सम्मान से सम्मानित किया गया।
सम्मानित किये जाने वाले अतिथिः-
1.    चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु डॉ रेनू चन्द्राए उरई ;जिला जालौन उप्रद्धण्
2.    शिक्षा सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु श्रीमती पुष्पलता अग्रवालए लखनऊण्
3.    लोकसंस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु श्रीमती कुसुम वर्मा लखनऊण्
4.    साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु श्रीमती शीला पाण्डेयए लखनऊण्
5.    पत्रकारिता के क्षेत्र में सुश्री पायल लक्ष्मी सोनीए बनारसण्
6.    स्त्री.विमर्श लेखन व सम्पादन के  क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु श्रीमती प्रज्ञा पाण्डेय लखनऊण्
7.    कथा लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु श्रीमती आशा श्रीवास्तव, लखनऊ
8.    पुलिस सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु डॉ नन्दा शुक्ला उपनिरीक्षकए उण् प्रण् पुलिस मुरादाबाद
9.    समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु डॉण् निर्मला सिंहए लखनऊ ण्
10.    अभिनय के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु सुश्री सोनी सिंहए लखनऊ ण्
11.    विधि.क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु सुश्री मीनाक्षी सिंहए अधिवक्ताए लखनऊ
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये श्री बृजेश चन्द्र जी, अपर निदेशक, उ0प्र0 भाषा संस्थान ने कहा, “

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बाॅलीवुड़ अभिनेता श्री ओम पूरी जी ने कहा, “

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बाॅलीवुड़ निर्माता-निर्देशक श्रीमती सीमा कपूर जी ने कहा, “

कार्यक्रम में विशेष अतिथि माननीय पद्मभूषण डा0 (कवि) श्री गोपाल दास नीरज जी ने कहा, “नारी शक्ति ही भारत की प्रगति हो सकती है। आदि शक्ति वो, मार्त शक्ति वो झुककर उसे प्रणाम करो। सबला है वो, अबला यह कह कर मत उसका अपमान करो।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीया श्रीमती अरूण कुमारी कोरी जी ने कहा, “ बहुधा हम देखते है कि किसी महिला का समाज में परिचय देते समय यह भी उल्लेख किया जाता है कि वह कामकाजी है या घरेलू। घरेलू माने जाने वाली महिलाओं के मन में कहीं न कहीं मे रोष रहता है कि क्या घरेलू महिलाएं कामकाजी नही होती है और दफ्तरों में काम करने वाली महिलाओं के मन मे इस बात की ग्लानि रहती है कि वो अपने घर व बच्चों को पूरा उचित समय नही दे पा रहीं स्थिति चाहे जो हो आज के बदलते परिवेष व भाग दौड़ भरे जीवन में भारतीय महिलओं की जिन्दगी चुनौतियों से भरी हुई है, परन्तु इस चुनौती को स्वीकार करते हुए आज की सदी की महिला स्वंय के व्यक्तित्व के विस्तार के साथ ही साथ सामाजिक योगदान में भी पूरी तरह से सहभागिता निभा रही है, चाहे वो अध्यापिका के रूप में, या बैंक में, सलाहकार, राजनीति, खेलकूद, अभिनय या घर ही क्यों न हो, क्योंकि घर पर बच्चों के विकास व संस्कार के विस्तार में माॅं की अहम् भूमिका होती है और बच्चे इस समाज के, इस देष के भावी कर्णधार है।
घर हो बाहर महिलाओं का जीवन चुनौतियों से पूर्ण है, बाहरी समाज मे भी महिलाओ को अपने स्वाभिमान की सुरक्षा करते हुए कार्य करना पड़ता है, इन सब परेषानियों को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए इक्कीसवीं सदी की स्त्री सत्त आगे बढ़ रही है और अपने व्यक्तित्व को दृढ़ व साकार रूप देते हुए सामाजिक योगदान में अहम् भूमिका निभा रही है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी महिलओं के उत्थान के लिए सत्त प्रयासरत है व इनके कल्याण के लिए तथा उन्हें जागरूक करने हेतु कटिबद्व है। महिलाओं की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए सरकार ने 1090 सेवा जारी की है, जिस पर कभी भी वो अपने साथ होने वाली अनैतिक हरकतों की शिकायत करके स्वंय को सुरक्षित कर सकती है तथा अभी हाल ही में चलाई गई श्डल ूपदहे ;गुलाबी बसद्धश् जो कि सिर्फ महिलाओं के लिए ही है, इस तरह के प्रयास हमारी सरकार द्वारा सतत जारी है।
हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा आयोजित व्याख्यान एवं महिला काव्य गोश्ठी संध्या एक सराहनीय प्रयास है, ये संस्था समाज एवं महिलाओं की उन्नति एवं उत्तरोत्तर प्रगति के लिए निरन्तर प्रयत्नरत रहती है तथा आज का ये कार्यक्रम निष्चित रूप से ही महिलाओं के लिए चुनौतियों और समाज में उनके योगदान के लिए लाभदायक होगा। इसके सफल आयोजन और इतने उत्तम, उच्चकोटि और प्रशंसनीय कार्यक्रम के लिए मै आयोजको को बधाई देते हुए उनका आभार व्यक्त करती हूॅ।

गोष्ठी “21वीं सदी में महिलाओं की सामाजिक चुनौतियां व योगदान“ विषय पर बोलते हुये श्रीमती जरीना उस्मानी जी ने कहा, “ 21वीं सदी में महिलाओं के समक्ष हजारों चुनौतियाँ आती है, परन्तु इन चुनौतियों से टक्कर लेते हुये महिलायें हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। आज की नारी समाज के प्रत्येक क्षेत्र में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने के लिये तत्पर है एवं ऐसे भी दृष्टांत हैं जहां कुछ क्षेत्रों में पुरूषों से भी आगे बढ़कर अपना योगदान दे रही हैं, जैसे शिक्षा, व्यापार, कृषि, खेल, राजनीति का क्षेत्र इसके साथ-साथ आज महिलायें शासन-प्रशासन में उँचे पदों पर आसीन होकर प्रशासन के काम-काज में भी सहयोग प्रदान करती हैं।
इस प्रकार महिलायेंह र क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं और आगे भी आने वाले समय में उत्पन्न चुनौतियों से निपटते हुए हर क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिये हमेशा तत्पर रहेंगी।

श्रीमती जूही सिंह ने बताया कि, “

श्रीमती सुतापा सान्याल ने बताया कि, “आज की नारी घर व बाहर दोनो स्थानों पर अपना परचम लहरा रही है। लेकिन हमें उन तमाम महिलाओं के लिये खडा होना है जो समाज में अपना उचित स्थान पाने में असमर्थ हैं। उत्तर प्रदेश महिला सम्मान प्रकोष्ठ महिलाओं के अधिकारों व सुरक्षा के लिये निरन्तर प्रयत्नशील है।“

डाॅ रूपल अग्रवाल ने कहा, “आज की महिलाओं को जीवन के हर क्षेत्र में कठिनाइयों व चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हम 21वीं सदी में रह जरूर रहे हैं पर अभी भी हम अपनी सोंच में अधिक बदलाव नहीं ला पाये हैं। अब समय आ गया है कि प्रत्येक लड़की को उसका अधिकार मिले। “चूड़ी वाले हाथों में अब हथियार जरूरी है, बेटी को भी अब उसका अधिकार जरूरी है।“

डाॅ प्रेम लता जी ने कहा, “सूर्य नहीं निकलेगा तो धूप कहां से लाओगे बौर को तोडा़ेगे तो आम कहां से लाओगे मारते रहोगे इनको आने से पहले तुम तो अपने बेटों के लिये बहुयें कहां से लाओगे।

गोष्ठी के बाद आमंत्रित कवियत्रियों द्धारा महिला काव्य गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कवियत्रियांः-

डा0 कमल मुसद्दीः-     लोग लड़की की मौत को एक हादसा ही क्यों मानते है,
वे ये बात क्यों नही जानते है कि लड़की का मरना पूरे
घर या देश का मरना होता है या यूॅ कहा जाये कि समूची
संस्कृति का अंधे कुए में उतरना होता है।

रेहाना शाहीनः-             उसने मेरी वफाओं का कैसा सिला दिया
चाहत की साजिषो से मेरा घर जला दिया
सारे बदन से नूर टपकने लगा मेरे
ये किसने मुझको काॅंच से हीरा बना दिया।

सबा बलरामपुरीः-        तलाश करती रही मै मगर नही आया
कोई भी तुझसा जहान में नज़र नही आया
मै सोचती थी हो जाउॅ उसके जैसी मगर
ये बेवफाई का मुझको हुनर नही आया।

श्रीमती अरूणा चैहानः-    तुम्हरे दिल की मै चैन क़रार हो जाउॅ
तमाम ग़म को मिटाकर मै प्यार हो जाउॅ
निभाना चाहो अगर साथ जिन्दगी भर तुम
तुम्हारी होके मै तुम पर निसार हो जाउॅ।

प्रेरणा ठाकरेः-        दुनिया में वक़्त से बड़ा नही कोई तख़्त
वक़्त ही किसी की तक़दीर बन जाता है
वक़्त हो बुरा तो कोई ठोकरों में रहता है
वक़्त हो भला तो वो ही पीर बन जाता है
वक़्त पे वक़्त की नज़ाकत को भाॅंप ले तो
कभी-कभी प्यादा भी वज़ीर बन जाता है
वक़्त पे तो वक़्त की नज़ाकत को न मानकार
महलो का राजा भी फ़क़ीर बन जाता है।

कीर्ति माथुरः-          अश्व पे सवार होके हाथ तलवार लेके,
रानी लक्ष्मीबाई इतिहास रच जाती है,
नारी गर ठान ले तो नारी यम से भी पति प्राण माॅंग लाती है।

कविता किरनः-         नए साॅंचे में ढलना चाहती हॅू, नियम सारे बदलना चाहती हूॅं
इरादों की बुलंद चट्टान बनकर हवा का रूख़ बदलना चाहती हूॅ।

पूनम वर्माः-               नज़र जो मिलती तो जान लेते तुम्हारे दिल में हुजूर क्या है
जो तुमने पलकें झुकायें रखी तो फिर हमारा कसूर क्या है।

महक भारतीः-        माटी का पुतला बनाके बोले बहना,
सुनना हमारी भैया अपनी भी कहना
जा मेरी माई की तू बाॅंहो में सिमट जा,
जा मेरे बाबा के तू पाॅंव से लिपट जा,
बन के सहारा बूढ़ी आखियों का रहना।

पद्मिनी शर्माः-         प्यारा मुझे बहुत था मगर छोड़के आई हॅंसतें हुए,
बचपन का नगर छोडके आई,
बस इक इल्तेजा है मेरा दिल न दुखाना,
तेरे लिए माॅं बाप का घर छोडके आई।

नीलम कश्यपः-         गीत हमारे राजकुॅंवर है गज़ले है पटरानी,
सब उनके दीवाने है मै उनकी दीवानी।

गीतिका वेदिकाः-         तुम डुबाते ही रहे हम डूब जाते ही रहे
वो तुम्हारा प्यार था पर ये हमारा प्यार है।

दीपिका माहीः-          मै शाकुन्तलय लिए अॅगूठी जल प्रेम की ज्वाला में,
पर मेरे दुश्यंत खो गए आज किसी रंगशाला में।

वसुन्धरा पाण्डेंयः-         बचपन मे माॅ को सिन्दूर लगाते देख,
जिद की थी मैने भी माॅं मुझे भी लगाना है सिन्दूर,
मुझंे भी लगा दो माॅं,
तब माॅं ने समझाया था,
ऐसे नही लगाते बहुत कीमती होता है यह।

कार्यक्रम के अन्त में श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी का धनयवाद दिया व कहा आप सभी के सहयोग से कार्यक्रम का सफल आयोजन हो सका है आशा है आप भविष्य में इसी तरह हमारा साथ देते रहेंगे।

कार्यक्रम का संयुक्त संचालन श्रीमती अमिता दुबे एवं डा0 अलका निवेदन द्वारा किया गया।

विशेष निवेदन:-किसी प्रकार की जानकारी के लिये कृपया - 9415020720, 9415786000 पर वार्ता करने का कष्ट करें।

हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट से संबन्धित समस्त जानकारियां इंटरनेट पर निम्न अनुसार उपलब्ध है-

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

मुख्यमंत्री को हकीकत में नहीं, प्रचार में भरोसा-डा0 चन्द्रमोहन

Posted on 16 May 2015 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री की नकल कर सुर्खियों में बने रहने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की हकीकत सबके सामने आ रही है। कानपुर समेत राज्य के कई क्षेत्र में उद्योग लगाने और उसके लिए तमाम रियायतों की घोषणा अब छलावा सिद्ध होे लगी है। राज्य के उद्यमी अब खुद को ठगे हुए महसूस कर रहे हैं और समाजवादी सरकार पर धोखा देने का आरोप भी लगा रहे हैं।
प्रदेश मुख्यालाय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मेक इन इंडिया के तर्ज पर मेक इन यूपी का जुमला तो उछाल दिया, लेकिन वास्तव में उद्यमियों को न तो बिजली मिल रही है, ना सीवर कनेक्शन मिल रहा है और ना समय पर उनकी कागजी कार्रवाई पूरी हो रही है। प्रदेश के अधिकारी हमेशा की तरह बहानेबाजी, लेटलतीफी और टाल मटोल में लगे हैं। भाजपा प्रवक्ता डाॅ0 चन्द्रमोहन ने आरोप लगाया है कि बिना किसी तैयारी, इंतजाम और नेकनीयती के मुख्यमंत्री सिर्फ प्रचार के जरिए सपने बेचने में लगे है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मालूम हो कि अखिलेश यादव ने बड़े जोर शोर से कानपुर में एक नया औद्योगिक सेक्टर बनाने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री ने बड़बोलेपन का परिचय देते हुए यह भी दावा किया था कि जब तक मेक इन यूपी नहीं होगा तब तक प्रधानमत्री श्री नरेन्द्र मोदी क्षरा घोषित मेक इन इंडिया का कार्यक्रम सफल नहीं होगा। उन्होंने यूपीएसआईडीसी के जरिए स्कीम की घोषणा भी करवा दी। लेकिन पहले से भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा यह विभाग इस स्कीम को सफल बनाने में पूरी तरह विफल रहा। अब प्रदेश के उद्यमी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। लाखों करोड़ों खर्च करने के बावजूद ना तो उन्हें अपनी इकाई चलाने के लिए आवश्यक सुविधाएं मिल रही है और ना अधिकारियों का सहयोग। अभी तक ना तो बिजली की व्यवस्था दुरूस्त हुई है और ना ही सीवर आदि के कनेक्शन मिले हैं। उद्यमी लाचार घूम रहे हैं। उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उद्यमियों के साथ नाइंसाफी की है। उन्होंने कहा कि सिर्फ प्रचार के जरिए ही समाजवादी पार्टी विकास का ख्याली खाका खींच रही है, जबकि हकीकत है कि ना तो प्रदेश में कानून व्यवस्था उद्योगों के अनुरूप है और ना ढ़ाचागत सुविधाएं। अधिकारी भी मुख्यमंत्री की घोषणाओं को गंभीरता से नही ले रहे हैं जिसका परिणाम यह मिल रहा है कि प्रदेश में ना कोई निवेश आ रहा है और ना रोजगार के अवसर बन रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव न सिर्फ वादाखिलाफी कर रहे है, बल्कि अपने कारनामों से उत्तर प्रदेश की विश्वसनीयता पर बेवजह प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

नेपाल को भेजी जाने वाली राहत सामग्री में भूकम्प पीडि़तों की जरूरत के अनुसार वस्तुओं को वरीयता दी जाए: मुख्यमंत्री

Posted on 16 May 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि नेपाल को भेजी जाने वाली राहत सामग्री में भूकम्प पीडि़तों की जरूरत के अनुसार वस्तुओं को वरीयता पर उपलब्ध कराया जाए। इस क्रम में टेण्ट, गद्दे, तिरपाल, कम्बल, पानी शुद्धिकरण की दवाइयां, स्वच्छता किट, बर्तन एवं अन्य इसी प्रकार की सामग्रियों को वरीयता देते हुए राहत सामग्री भेजी जा रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि नेपाल में आए भूकम्प के मद्देनजर राहत सामग्री के रूप में अब तक सोनौली इण्डो-नेपाल बार्डर होते हुए कुल 1064 ट्रक राहत सामग्री भेजी गयी है, जिसमें 681 ट्रक में खाद्य सामग्री (चावल, दाल, आटा, आलू, प्याज, नमक इत्यादि), 219 ट्रक बिस्कुट एवं अन्य ड्राई फूड, 103 ट्रक मिनरल वाटर, 12 ट्रक मैगी/नूडल्स इत्यादि, 29 ट्रक दवाइयां/क्लीनिकल सामग्री, 145 ट्रक कम्बल/तिरपाल/टेण्ट, 10 ट्रक बर्तन, 07 ट्रक गद्दे, 05 ट्रक कपड़े तथा 84 ट्रक जिनमें ट्रांसफार्मर/इलेक्ट्रिकल उपकरण शामिल हैं। इसके साथ ही, 60,814 कम्बल, 55,620 तिरपाल/प्लास्टिक शीट्स, 8,583 तौलिया, 9,495 चटाई, 2,931 टार्च, 2,850 सोलर लालटेन तथा 11 कुन्तल रस्सी भी भेजी गयी है।
प्रवक्ता के अनुसार परिवहन निगम की बसों से काठमाण्डू एवं भैरहवा/सोनौली से अब तक 12,316 भूकम्प पीडि़तों को गोरखपुर लाया गया है। अन्य साधनों से सोनौली 8,327 भूकम्प पीडि़तों को शामिल करते हुए लगभग 20,643 भूकम्प पीडि़त विभिन्न साधनों से अपने गंतव्य को प्रस्थान कर चुके हैं।
राज्य सरकार द्वारा सीमावर्ती जनपदों-बहराइच (रुपईडीहा), सिद्धार्थनगर (बढ़नी), महराजगंज (सोनौली), बलरामपुर-नेपाल सीमा (कोइलाबासा-नेपाल) स्थित सीमा चैकियों पर राहत शिविर स्थापित किए गए थे। नेपाल से आ रहे भूकम्प पीडि़त शरणार्थियों एवं राहत सामग्री के अनुश्रवण एवं समन्वयन हेतु राहत शिविर वर्तमान में मुख्यतः सोनौली (महराजगंज) में संचालित है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित राहत शिविर में नेपाल से आने वाले भूकम्प पीडि़तों के सहायतार्थ स्थापित शिविर में कुल 11,238 भूकम्प पीडि़तों को भोजन, चिकित्सा, विदेशी मुद्रा परिवर्तन तथा परिवहन सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी थीं। यात्रियों का आगमन बन्द हो जाने पर शिविर की आवश्यकता न होने के कारण इसे अब बन्द कर दिया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

मुख्यमंत्री ने किसानों को सहायता राशि त्वरित और पारदर्शी ढंग से वितरित किए जाने के निर्देश दिए

Posted on 16 May 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को सहायता राशि त्वरित और पारदर्शी ढंग से वितरित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उनके निर्देशों के क्रम में अब तक 34 लाख 11 हजार 417 किसानों को 1524.73 करोड़ रुपए की धनराशि का वितरण किया जा चुका है। ओलावृष्टि से किसानों को राहत प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कुल 1954.55 करोड़ रुपए की धनराशि प्रभावित जनपदों को स्वीकृत की जा चुकी है। प्रदेश में हुई ओलावृष्टि से किसानों को हुई क्षति का मुख्यमंत्री द्वारा निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के 73 जनपदों में बोई गई 127.34 लाख हेक्टेयर कृषि फसल में ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से 89.46 लाख हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। प्रभावित कृषि फसल में 58.92 लाख हेक्टेयर कृषि फसल में 33 प्रतिशत या इससे अधिक की क्षति हुई है।
प्रवक्ता ने बताया कि जनपद बलरामपुर एवं बिजनौर को छोड़कर प्रदेश के 73 जनपदों द्वारा ओलावृष्टि मेमोरेण्डम हेतु कृषि क्षति एवं जन-धन हानि की सूचना के आधार पर 75 अरब 43 करोड़ 14 लाख रुपए का संशोधित मेमोरेण्डम भारत सरकार को भेजकर क्षति के सापेक्ष धनराशि स्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया गया है। इसके पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से किसानों की राहत के लिए 1000 करोड़ रुपए की धनराशि अग्रिम रूप से स्वीकृत किए जाने के लिए भी अनुरोध किया जा चुका है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

विकास का झूठा ढंढोरा पिटने में जुटी सरकार

Posted on 16 May 2015 by admin

त्यूनी से धारचूला पदयात्राः उत्तराखण्ड बचाओ आंदोलन का शंखनाद  रुउत्तराखण्ड में  सभी पार्टियों ने जनता को केवल गुमराह ही किया रु सरकार अपनी कल्याणकारी भूमिका से पीछे  ६७ साल बाद भी उत्तराखण्ड के गाँव एक अच्छी सुबह देखने से वंचित  रुसाढे ६ लाख गाँव स्वतन्त्रता का दम नही भर सकते रुगाँव की पहचान चुनावों में मतदाता से ज्यादा नही रुउत्तराखण्ड राज्य गठन के १५ वर्ष  रुउत्तराखण्ड राज्य से जुडी आशाएं ध्वस्तरुलोगों के सपने ढेर  रुआन्दोलनकारी ताकतें हताश व निराश रुसब खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं  रु उत्तराखण्डियों को आशा थी कि रु नीतियां उनके अनुरूप बनेंगी रु जलए जंगलए जमीन पर लोगों के हक हकूक बनें रहेंगे रु शिक्षा स्वास्थ्य तक आम आदमी की पहुंच होगी रु गांवों में रोजगार के अवसर पैदा होने से पलायन रूकेगा। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ रुराज्य में प्राकृतिक संसाधनों की लूट  रुशिक्षा.स्वास्थ्य की स्थिति बदहाल   रु बेरोजगारी के हालात बदस्तूर  रु रोजगार के अवसर समाप्त कर नियुक्तियां ठेके पर  रुन पंचायत नियमावली में संशोधन कर उन्हें वन विभाग के नियंत्रण में दे दिया   रु तराई की वेशकीमती जमीनें कौडयों के भाव उद्योगपतियों को दी रु  उर्जा प्रदेश के नाम पर ५५६ से अधिक बांध बनाकर उपजाउ जमीनों को डुबोने की तैयारी  रु पीण्पीण्पीण्मोड के जरिये आम जनता को शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी अधिकारों से वंचित रु  उत्तराखण्ड में १६ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पीण्पीण्पीण्मोड में  रु १८०० राजकीय प्राथमिक विद्यालय कम छात्रों की संख्या होने के कारण बंदी के कगार पर  रु अल्मोडा तथा पौडी जैसे समृद्ध जिलों में राज्य बनने के बाद आबादी का घटना सरकार के विकास के दावों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। लगभग ३६०० गाँव वीरानी की ओर अग्रसर हैं। रु चन्‍द्रशेखर जोशी सम्‍पादक द्वारा प्रस्‍तुत एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट. लॉग ऑन करें. ूूूण्ीपउंसंलंनाण्वतह ;न्ज्ञ स्मंकपदह छमूेचवतजंसद्ध  उत्‍तराखण्‍ड के सामाजिक सरोकारों के लिए प्रतिबद्व वेब पोर्टल
प्रख्यात समाजसेवी तथा पदमश्री डा० अनिल प्रकाश जोशी के नेतृत्व में त्यूनी से धारचूला: गांव बचाओ आंदोलन का शंखनांद शुरू होने जा रहा हैए इसके लिए २४ मई २०१५ को राज्य के गांवों से सन्दर्भित एक गोष्‍ठी का आयोजन देहरादूनए उत्तराखण्ड में किया गया है। आज आवश्‍यकता महसूस की जाने लगी है कि उत्तराखण्ड बनने के १५ वर्षो में गांव का दमखम लगातार बिगडता चला गया। वहीं दूसरी तरफ सरकारें विकास का झूठा ढंढोरा पिटने में जुटी रही। इन्हीं गांवों ने उत्तराखण्ड के सृजन में कई तरह की बलि दी हैं पर आज वे हताश और भौचक्कें है। गांव के बिगडते हालातों व सरकारों का नकारापन एक नयी चुनौती के रूप में फिर से हमारे बीच में हैं। इन तमाम मुददों पर बातचीत करने के लिए व अगामी गांव बचाओं आन्दोलन की रणनीति पर चर्चा के लिए आम जन सहभागिता की अपील की गयी है। डा० अनिल जोशी ने आह्वान किया है कि
भाई बहनों
स्वतन्त्रता के ६७ साल बाद भी उत्तराखण्ड के गाँव एक अच्छी सुबह देखने से वंचित हैं। यह कहानी सारे देश की है। आज देश की पहचान ८००० शहर और २२००० कस्बे तक ही सीमित है। साढे ६ लाख गाँव आज भी देश की स्वतन्त्रता का दम नही भर सकते। देश की प्रगति एक पक्षीय दिखाई देती है। सरकारों की मंशा गाँव से अलग विकास के चारों तरफ केन्द्रित है। गाँवों में रोशनी और निराशा को कभी भी स्वतन्त्रता के बाद मुहांसा नही मिला गाँव की आज बडी पहचान चुनावों में मतदाता से ज्यादा नही समझी जाती।
नवोदित उत्तराखण्ड राज्य इस कडी का एक बडा उदाहरण है। राज्य की कल्पना के पीछे इसके गाँव की व्यथा राज्य की मांग का बडा हिस्सा रही है। इस आन्दोलन में उत्तराखण्ड के हर गाँव की उपस्थिति प्रमुख रूप से दर्ज थी। इसके पीछे एक बडी आशा थी कि राज्य मिलने के बाद गाँव के हालात बहुरेंगें।
उत्तराखण्ड राज्य गठन के १५ वर्ष होने जा रहे हैं। इन वर्षो में उत्तराखण्ड राज्य से जुडी आशाएं ध्वस्त हो गयी हैं। नये राज्य को लेकर लोगों के सपने ढेर हो गये हैं। आन्दोलनकारी ताकतें हताश व निराश हैं। सब खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं।
उत्तराखण्डियों को आशा थी कि राज्य बनने के बाद इस हिमालयी राज्य में उनकी अपनी सरकार होगीए जो यहां के घर बाहर के मुद्दों को भलिभांति समझेगी। नीतियां उनके अनुरूप बनेंगी। जलए जंगलए जमीन पर लोगों के हक हकूक बनें रहेंगे। शिक्षा स्वास्थ्य तक आम आदमी की पहुंच होगी। गांवों में रोजगार के अवसर पैदा होने से पलायन रूकेगा। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके विपरीत राज्य में प्राकृतिक संसाधनों की लूट तेज हो गयी। शिक्षा.स्वास्थ्य की स्थिति बदहाल हुई। महंगाई से आम आदमी त्रस्त हुआ। बेरोजगारी के हालात बदस्तूर हैं। रोजगार के अवसर समाप्त कर नियुक्तियां ठेके पर चल पडी हैं। उद्योगों में रोजगार के नाम पर युवाओं का अत्यधिक शोषण हो रहा है। सरकार पहाड पर चढने में असमर्थ हुई है। गैरसैंण राजधानी के मसले पर अब तक सत्ता में काबिज रही सभी पार्टियों ने जनता को केवल गुमराह ही किया है।
राज्य बनने के तत्काल बाद २००१ में वन पंचायत नियमावली में संशोधन कर उन्हें वन विभाग के नियंत्रण में दे दिया गया। उसी वर्श वन अधिनियम में संशोधन कर आरक्षित वनों तक वनोत्पाद को लाना अपराध की श्रेणी में डाल दिया गया। तराई की वेशकीमती जमीनें कौडयों के भाव उद्योगपतियों को दी गयी हैं। लचीले भू कानूनों के चलते समूचे राज्य में काश्‍तकारों की जमीनों की बडे पैमाने पर खरीद फरोख्त हुई है। उर्जा प्रदेश के नाम पर ५५६ से अधिक बांध बनाकर उपजाउ जमीनों को डुबोने की तैयारी की जा रही हैए जबकि इसका कोई लाभ यहां की जनता के पक्ष में नही पडने वाला।
सरकार अपनी कल्याणकारी भूमिका से पीछे हट चुकी है। पीण्पीण्पीण्मोड के जरिये आम जनता को शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड में १६ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पीण्पीण्पीण्मोड में दिये जा चुके हैं। इन अस्पतालों में की जा रही लूट के खिलाफ जनता आन्दोलित हैए लेकिन सरकार के कान में जूं नही रेंगती। स्वास्थ्य केन्द्र रैफरल सेन्टर बनकर रह गये हैं। और शिक्षा के हालात भी इतने ही दयनीय हैं। राज्य में १८०० राजकीय प्राथमिक विद्यालय कम छात्रों की संख्या होने के कारण बंदी के कगार पर हैं।
भूमि बंदोबस्त व चकबंदी के सवाल पर सभी सरकारें मौन हैं। समय पर भूमि बन्दोबस्त ना होने से गाँवों में पलायन बढा है। हमारी युवा षक्ति श्रमषील है। लेकिन भूमि के अभाव में बैरोजगार है। भूमि बन्दोबस्त व साथ में चकबन्दी भी एक बडा मुद्दा है। कठोर वन एवं भू कानूनों के चलते ग्रामीणों के कृशि एवं पषुपालन जैसे पुष्तैनी व्यवसायों पर सीधा हमला हुआ है। रही.सही कसर जंगली जानवरों ने पूरी कर दी है। आज उत्तराखण्ड के गाँवों की पहली समस्या वन्य जीवों से खेती व जान को बचाना है। इनके संरक्षण के नाम पर नये सिरे से इकोसेन्सीइटव जोन बनाने के प्रयास जारी है। उत्तराखण्ड में वन्य जीवों की तुलना में आदमी को बोना कर दिया गया है। अब संरक्षित क्षेत्रों की सीमा से लगे १० किलोमीटर के दायरे को इको सेंसटिव जोन बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। दूसरी तरफ लम्बे संघर्श के बाद २००६ में अस्तित्व में आये वनाधिकार कानून को लागू करने में सरकार नाकाम रही हैं।
पहाडों में घटती जनसंख्या और षहरों में बढता दबाव राजनैतिक असन्तुलन पैदा करने की कगार पर आ चुका है।पलायन की गति सुविधाओं के अभाव में तेजी से बढने वाली है। जनसंख्या के आधार पर किये गये परिसीमन ने पर्वतीय राज्य की अवधारणा पर गहरी चोट पहुंचाई है। अब विधानसभा में पहाडों का प्रतिनिधित्व नये समीकरणों से घटता जायेगा। अल्मोडा तथा पौडी जैसे समृद्ध जिलों में राज्य बनने के बाद आबादी का घटना सरकार के विकास के दावों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। लगभग ३६०० गाँव वीरानी की ओर अग्रसर हैं।
इन परिस्थितियों में उत्तराखण्ड के तमाम सामाजिक संगठनों ने गहन विचार मंथन के बाद गांव बचाओं आंदोलन करने की ठानी है। इसके लिए सितम्बर २०१५ में संपूर्ण उत्तराखण्ड में यात्रा करने के बाद देहरादून में विशाल प्रदर्शन कर आगे की रणनीति बनाना तय किया गया है। त्यूनी से धारचूला की यह यात्रा पहाड के सामाजिकए राजनैतिक व आर्थिक प्रश्नों को लोगों के बीच में उतारेगी। हमारा जनपक्षीय उत्तराखण्ड निर्माण की पक्षधर जनता से अनुरोध है कि आम जन की अपेक्षा के अनुरूप राज्य निर्माण हेतु गांव बचाओ आंदोलन में भागीदारी कर अपनी जागरूकता व कर्तव्य का परिचय दें।

चन्‍द्रशेखर जोशी

सम्‍पादक

द्वारा प्रस्‍तुत एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट

Comments (0)

भारतीय राष्ट्रिय छात्र संगठन ; ( NSUI ) द्वारा सूचनाधिकार सहायता शिविर के बहाने असंतुलित BHU परिसर में रचनात्मक राजनीती का सन्देश।

Posted on 16 May 2015 by admin

आज दिनांक 14 ध् 05 ध्2015 को लंका स्थित टंडन टी स्टाल के पास भारतीय राष्ट्रिय छात्र संगठन ;छैन्प्द्ध द्वारा सुचना का अधिकार सहायता शिविर लगाया गया। शिविर के माध्यम से कई जरुरतमंदों को जरुरी जानकारी आदि दी जा रही हैए ज्यादातर केस पेंशन ए निधि और सामाजिक कल्याण जैसे वृद्धा समाजवादी पेंशन आदि से सम्बंधित आ रहे हैए लंका आसपास के ठेला पटरी व्यवसायी भी अपने केंद्रीय कानून जिसके अनुसार उन्हें ठेला की दुकान लगाने का विधिक रूप से अधिकार प्राप्त है ए के बाबत भी नगर निगम और जिला प्रशासन से लगातार पत्राचार कर जानकारी और अधिकार प्राप्त कर रहे है।
आजमगढ़ से पेंशन के बाबत पत्र लेखन हेतु सहायता लेने आए एक वृद्ध सज्जन अशोक सिंह ने कार्यकर्ता छात्रों को आशीर्वाद देते हुए कहा की बेटा हम कल से ही आए हुए है अस्पताल में दवा लिए और फिर शाम के बाद परिसर में दर्शनपूजा किये और परिवार के साथ मालवीय जी के आँगन में टहल रहे थेए कल कुछ लड़के कुलपति आवास के पास धरना प्रदर्शन कर रहे थे और सुरक्षाकर्मियों के साथ भी बदतमीजी से पेश आ रहे थेए आज सुबह समाचार देखा तो पता चला की गुंडागर्दी के आरोप में निकाले गए छात्र रहे शायदए बहुत दुखद है एक ओर आप लोग शताब्दी वर्ष मना रहे हैं देश विदेश के लोग बनारस आ रहे है और मालवीय जी की कर्मभूमि से ऊर्जाआशीर्वाद ले रहे है और दूसरी ओर ऐसे लड़के भी है जो परिसर को अराजक और अनुशासनहीन बनाना चाह रहे हैं शायद ए आपलोग जरूरतमंदों को सहायता कर रहे है ए बहुत बहुत आशीर्वाद आप लोगो को।
शिविर के बाद छात्रों की एक बैठक में उक्त अराजक स्थिति के लिए वि वि प्रशासन को ही जिम्मेवार बताया गया है और कहा गया की परिसर में सुरक्षाकर्मी केवल तन्खवाह उठा रहे है और आम छात्र मार खा रहा है अपना मोबाइल लैपटॉप आदि छिनैती में खो रहा है और प्रशासनिक अधिकारी ध् शिक्षक ऐसे कुछेक अराजक छात्रों और कुछ बाहरी गुंडों पर अंकुश लगाने की जगह अपने रूम में बैठाकर चाय पान करवा रही थी तो ये स्थिति तो आनी ही थीए हम छैन्प् के सदस्य प्रशासन से माँग करते है की शताब्दी वर्ष की गरिमा को देखते हुए परिसर के वातावरण को ततकाल शांत करने के लिए समुचित कदम उठाये और हम छात्रों के लायक कोई जिम्मेवारी हो तो वो भी बतायेए छैन्प् हर संभव मदद के लिए तैयार है।
शिविर में प्रमुख रूप से चिंतामणि सेठए धनञ्जय त्रिपाठीए अमित कुमार राय ; प्रदेश उपाध्यक्ष द्धए ओम शंकर शुक्ल ; पूर्व जिलाध्यक्ष द्धएअस्पताली सोनकरए श्रीकांत सिंहए विनोद टंडनए कल्पजीत दीक्षितए बाबू सोनकरए डॉ प्रवीण शुक्ल आदि मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

मुख्यमंत्री से क्रोएशिया गणराज्य के राजदूत ने भेंट की

Posted on 15 May 2015 by admin

press-cm-1

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से आज यहां उनके सरकारी आवास पर क्रोएशिया गणराज्य के राजदूत श्री आमिर मोहर्रमी ने भेंट की। मुलाकात के दौरान प्रदेश व क्रोएशिया के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग और सम्पर्क बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया गया। इस मौके पर विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय भी मौजूद थे।
राजदूत श्री मोहर्रमी ने खेल सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए इस क्षेत्र में अपने देश के सहयोग की पेशकश की। उन्होंने प्रस्ताव किया कि प्रदेश के फुटबाल खिलाडि़यों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण देने के लिए उनका देश राज्य सरकार को सहयोग प्रदान करना चाहता है। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति जताते हुए खेल विभाग के अधिकायिों को इस सम्बन्ध में अग्रेतर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि फुटबाल जगत में क्रोएशिया की अपनी खास पहचान है। वहां के प्रशिक्षकों से ट्रेनिंग हासिल करने से प्रदेश के युवा फुटबाल खिलाडि़यों की प्रतिभा में निखार आएगा।
बैठक के दौरान श्री मोहर्रमी ने प्रदेश के छोटे शहरों में ट्राम के संचालन में अपने देश की ओर से तकनीकी परामर्श एवं सहयोग प्रदान करने का प्रस्ताव भी किया। ज्ञातव्य है कि क्रोएशिया में अनेक नगरों में ट्राम चलती हैं, जिसके परिणाम स्वरूप इस देश को नगरीय परिवहन की इस सेवा के संचालन का व्यापक अनुभव और दक्षता हासिल है। राजदूत श्री मोहर्रमी ने मुख्यमंत्री तथा विधान सभा अध्यक्ष को क्रोएशिया गणराज्य की यात्रा के लिए आमंत्रित भी किया।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी भी मौजूद थे।

press-2cm2

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2015
M T W T F S S
« Apr   Jun »
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
-->









 Type in