Posted on 29 September 2014 by admin
’भारत अपनी विशिष्टताओं के कारण विश्व गुरु के रुप मंे जाना जाता रहा है और यहां की संस्कृति तथा ऐतिहासिक आकर्षण युगांे युगांे से देश विदेश के लोगों को आकर्षित करते रहे हंै। उत्तर प्रदेश के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती, देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों में यूपी का अभूतपूर्व योगदान है’।
विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन में प्रदेश के पर्यटन मंत्री श्री ओम प्रकाश ने यह विचार व्यक्त किए। पर्यटन मंत्री ने पर्यटन भवन के प्रेक्षागृह में विभिन्न कार्यक्रमों के शुभारंभ करते हुए कहा ’उत्तर प्रदेश अपनी इन विशेषताओं और उनके संरक्षण तथा प्रचार-प्रसार के लिये चिन्तन-मनन का अवसर प्रदान कर रहा है। हम सबकों अपनी पर्यटन परम्पराओं के प्रति जागरुक होते हुये उसके विकास तथा उसमे देश-समाज के हर वर्ग की अधिकाधिक भागीदारी के लिये प्रयत्नशील होना चाहिये।’
पर्यटन मंत्री ने विश्व पर्यटन दिवस के आयोजन में पर्यटन उद्योग की विभिन्न विधाआंे से जुडे़ लोंगों और संस्थाओं के साथ-साथ छात्रों व युवा वर्ग की भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि सामूहिक और सामुदायिक सहभागिता से ही सफलता विस्तृत फलक पर प्राप्त की जा सकती है और पर्यटन उद्योग भी इसका अपवाद नही है। विश्व पर्यटन संगठन द्वारा इस वर्ष घोषित की गयी थीम भी इसी ओर संकेत करती है: इस वर्ष की थीम है ’टूरिज्म एंड कम्युनिटी डेवलेपमेंट’ यानी पर्यटन एवं सामुदायिक विकास।
इस अवसर पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित ‘‘लखनऊ कैमरे की दृष्टि से ’’ शीर्षक फोटोग्राफी प्रतियोगिता का उद्घाटन भी पर्यटन मंत्री ने किया। चित्र प्रदशर्नी में श्री आजेश जायसवाल के लखनऊ के बड़े इमामबाड़े पर केन्द्रित आकर्षक चित्र एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिता में प्राप्त लखनऊ के विभिन्न स्मारको और सांस्कृतिक परम्पराओं पर आधारित चित्र आकर्षण का केन्द्र रहे। विश्व पर्यटन दिवस पर आॅन स्पाॅट पेन्टिंग प्रतियोगिता एवं क्वीज़ प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गयीं। इसी क्रम में प्रेक्षागृह में आयोजित सास्कृतिक कार्यक्रम का भी लोगों ने आनन्द उठाया।
इस अवसर पर महानिदेश पर्यटन श्री अमृत अभिजात ने कहा प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास कर रही है। हाल ही में जारी पर्यटन नीति इसमें काफी सहायक सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि पर्यटन को एक विचार कि रूप में देखें तो सामुदायिक और सामूहिक प्रयास व गतिविधियों के अन्र्तनिहित अटूट सम्बन्ध स्वतः ही दृष्टिगत हो जाते हैं। जब कोई पर्यटक अपने घर की सीमाओं से निकलकर किसी स्थान के भ्रमण के लिए निकलता है, तो स्वाभाविक रूप से उसे वहाॅ विभिन्न पर्यटक आवश्यकताओं की आवश्यकता होती है। इस क्रम में उसे दैनिक जीवन की आवश्यक सामग्रियों के साथ-साथ स्थानीय परिवहन एवं विभिन्न उत्पादों को क्रय करने और विभिन्न सेवाओं का भी उपयोग करना पड़ता है। इससे जहाॅ पर्यटक की आवश्यकताओं की पूर्ति होती है और जिसके फलस्वरूप वह अपने भ्रमण में सहजता की अनुभूति करने के कारण पूरे दिल-दिमाग से भ्रमण का आनन्द उठाता है, तो वहीं इस क्रम में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी सुलभ होते हैं, जो स्थानीय लोगों को जीवकोपार्जन के साथ-साथ उनके बेहतर भविष्य की संभावनाओं के द्वार भी खोलते हैं।
श्री अभिजात ने कहा कि भारतीय मनीषा ने तो इस सामूहिकता और सामुदायिक भावना की अवधारणा प्राचीनकाल में ही ’’वसुधैव कुटुम्बकम्’’ के मन्त्र के सूत्र वाक्य के रूप में दी थी। पर्यटन के संदर्भ में इस सूत्र की प्रासंगिकता एवं महत्व स्वतः ही स्पष्ट है, क्योंकि पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसके माध्यम से विश्व के लोगों को आपसी प्रेम-सदभाव एवं भाईचारे के सूत्र में बांधा जा सकता है। पर्यटन केवल किसी स्थल का भ्रमण करने का उद्देश्य ही नहीं पूरा करता है अपितु यह लोगों के सामाजिक-आर्थिक उन्नयन एवं उनके जीवन यापन के प्रचुर अवसर भी सुलभ कराता है।
श्री अभिजात ने कहा कि पर्यटन व्यक्तियों पर आधारित एक आर्थिक गतिविधि है जो सामाजिक भागीदारी होने से वह और समृद्ध होती है। वैसे भी उत्तर प्रदेश देश के उन प्रदेशों के सापेक्ष अपनी एक अलग पहचान एवं अस्तित्व रखता है। यहां वाराणसी, आगरा, इलाहाबाद, चित्रकूट, प्रयाग, वृन्दावन, अयोध्या, लखनऊ जैसे पर्यटन स्थल हैं जहां विश्व भर के पर्यटक आते हैं। ये पर्यटक जब गंगा, यमुना, सरयु, मन्दाकनी जैसी नदियों के तट पर स्थित इन स्थलों का अवलोकन करते हैं तब उनको यहां से विश्व बन्धुता एवं भईचारे का संदेश मिलता है।
विश्व पर्यटन दिवस के संदेश के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा आज प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर भी आयोजन कराये जा रहे हैं। इसी क्रम में पर्यटन विभाग द्वारा संचालित पर्यटन प्रबन्ध संस्थान, लखनऊ द्वारा पर्यटन विभाग की हेल्पलाइन (0522-3303030) हेतु पाॅच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ भी आज महानिदेशक पर्यटन श्री अमृत अभिजात ने किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 September 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के 44 जिलों में इस वर्ष भयंकर सूखे से प्रभावित किसानों को अधिकाधिक राहत प्रदान करने के उद्देश्य से कृषि उत्पादन आयुक्त श्री वी0एन0गर्ग ने सूखा राहत के अध्ययन के लिये प्रदेश भ्रमण पर आयी केंद्रीय टीम से आग्रह किया है कि राज्य सरकार द्वारा राहत के लिये मांगी गयी 6138 करोड़ रुपये की पूरी धनराशि प्रदान की जाये, ताकि प्रभावित किसानों की भरपाई की जा सके।
आज अपने कार्यालय कक्ष में कृषि उत्पादन आयुक्त ने केंद्रीय टीम को बताया कि सूखे के कारण प्रभावित जिलों में किसानों की फसलों को गम्भीर क्षति हुई है। उन्होंने बताया कि तालाब, पोखरे सूखने के साथ ही हैण्ड पम्प भी सूख गये और बरसात के बजाय पूरी वर्षा ऋतु में कड़ी धूप के कारण खेतों में दरारे आयीं और फसलें नहीं हो पायी हैं। उन्होंने कहा कि अब इन जिलों में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिये सभी क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों की मरम्मत कराये जाने अथवा नये ट्रांसफार्मर लगाये जाने की जरूरत है, जिसके लिये तत्काल मदद की आवश्यकता है।
नौ सदस्यीय केंद्रीय टीम का नेतृत्व कर रहे भारत सरकार के संयुक्त सचिव कृषि श्री उत्पल कुमार सिंह ने अपने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अपनी तीन टीमों के भ्रमण के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ हो रही उपसंहारात्मक बैठक में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दी गयी सूचना को टीम ने अपने भ्रमण के दौरान भौतिक रूप से और किसानों से बातचीत के माध्यम से उपयुक्त पाया है और वह चाहते हैं कि कृषि, सिंचाई, पशुधन, मत्स्य, जल निगम, बिजली, विद्युत आपूर्ति आदि विभागों द्वारा दी गयी सूचनाओं पर केंद्रीय टीम द्वारा वांछित अनुषांगिक सूचनायें शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध करा दी जायें, ताकि उत्तर प्रदेश को सूखा राहत के सम्बन्ध में केंद्र सरकार के लिये संस्तुति भेजी जा सके।
श्री सिंह ने बताया कि उनकी तीन टीमों में से पहली टीम जिसमें श्री डी0के0 बाखला, श्री डी0एस0 चैहान और श्री पी0के0 वैद्य थे, ने मथुरा, अलीगढ़, बदायूं में भ्रमण किया। दूसरी टीम जिसमें श्री रामानन्द, श्री आर0बी0 कौल और श्री शान्तनु विश्वास रहे, ने आगरा, एटा और उन्नाव का भ्रमण किया है। उन्होंने बताया कि तीसरी टीम जिसमें वह स्वयं, सुश्री भावना सिंह, डाॅ0 एम0सी0 दिवाकर और श्री एस0के0 सिन्हा सदस्य रहे, ने कानपुर नगर, कानपुर देहात, जालौन का भ्रमण किया। उन्होंने कहा कि भ्रमण के दौरान सूखा राहत के सम्बन्ध में किसानों को हुई क्षति और सूखा सम्बन्धी आंकड़ों का भौतिक सत्यापन करते हुये किसानों से बातचीत भी की गयी है। उन्होंने अपेक्षा की कि राज्य सरकार नलकूपों, हैण्ड पम्पों, डीजल सब्सिडी, चारे की व्यवस्था आदि के बारे में अविलम्ब सूचनायें उपलब्ध करायेगी। केंद्रीय टीम ने इसके पूर्व मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन से भी भेंट कर सूखा राहत पर चर्चा की।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री वी0एन0 गर्ग ने बैठक में प्रतिभाग कर रहे राजस्व, कृषि, पशु पालन, सिंचाई, विद्युत, जल निगम आदि विभागों के प्रमुखों को 01 अक्टूबर तक सभी वांछित सूचनायें केंद्रीय टीम को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव, राजस्व श्री किशन सिंह अटोरिया, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री अनन्त कुमार सिंह, राहत आयुक्त श्रीमती लीना जौहरी और विभिन्न संबंधित विभागों के विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 September 2014 by admin
पशु चिकित्सा में घातक दवा डाइक्लोफिनेक के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है। डाईक्लोफिनेक दवा खाने वाले पशुओं की नेचुरल डेथ के पश्चात गिद्धों द्वारा उनके शव के मांस के, खाने से उनकी मृत्यु की पुष्टि हुई हैं। गिद्धों की संख्या में तीव्र गति से गिरावट का सबसे बड़ा महत्वपूर्ण कारण गिद्धों द्वारा डाईक्लोफिनेक नामक औषधि जो मृत जानवरों मंे अवशेष रह जाती है के शवों को खाने से हुई है। गिद्धों में गुर्देगाउट नाम बीमारी हो जाती है, जिससे वे शीघ्र मृत्यु को प्राप्त होते है। इसी से गिद्धों की संख्या में तेजी से गिरावट आयी है।
यह जानकारी उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ0 बी0बी0एस0 यादव ने दी। उन्होंने बताया कि ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इण्डिया ने ड्रग कंट्रोलर को डाईक्लोफिनेक के वेटनरी उपयोग हेतु दिए गये लाइसेंस को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। इसे तीन माह की अवधि में फेजआउट करने के भी निर्देश दिये गये हैं।
डाॅ0 यादव ने बताया कि शासन ने प्रदेश के समस्त मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों तथा पशुधन विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को उक्त दवा को पशुओं के इलाज में उपयोग न करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि गिद्धों की दिनों-दिन घटती संख्या चिंतनीय है। गिद्धों के संरक्षण हेतु जागरुकता अभियान संचालित किया गया है। गिद्धों की तीनों प्रमुख प्रजातियों का बचाव किया जा रहा है। बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के सदस्यों सुश्री अल्का दुबे तथा डाॅ0 अनन्या मुखर्जी के मार्ग निर्देशन में जागरुकता कार्यक्रम 6 जनपदों में संचालित किये जा रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 September 2014 by admin
उ0प्र0 को-आपरेटिव बैंक के प्रबन्ध निदेशक श्री एस0सी0 द्विवेदी ने बताया कि चालू वर्ष 2014-15 में प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों द्वारा अल्पकालीन फसली ऋण वितरण का लक्ष्य 3956 करोड़ रुपये निर्धारित था। इस ऋण वितरण का लक्ष्य खरीफ फसलों हेतु था। जिला सहकारी बैंकों द्वारा माह अगस्त 2014 तक 4193.23 करोड़ रुपये ऋण वितरण की उपलब्धि प्राप्त की गयी। इस प्रकार यह उपलब्धि 106 प्रतिशत है, जबकि गत वर्ष इस अवधि तक फसली ऋण वितरण की उपलब्धि 3095.55 करोड़ रुपये थी। इस प्रकार गत वर्ष की तुलना में 1097.68 करोड़ रुपये का अधिक फसली ऋण का वितरण हुआ है।
श्री द्विवेदी ने कहा कि जिला सहकारी बैंकों के सभी शाखा प्रबन्धकों को निर्देशित किया गया है कि वह किसानों को फसली ऋण स्वीकृत करने में किसी भी प्रकार की हिलाहवाली न करें, जिससे किसान समय से इस ऋण का सही उपयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि जिला सहकारी बैंकों तथा उ0प्र0 को-आपरेटिव बैंकों में आर0बी0आई0 के मानक के अनुसार व्यवसायिक बैंकों की भांति सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। इसलिए सभी बैंकों में सी0बी0एस0 की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ बैंकों में सी0सी0टी0वी0 कैमरा तथा नेट बैंकिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जायेगी। इसके साथ ही बैंकों का कायाकल्प किया जा रहा है। इससे बैंक ग्राहकों की संख्या में बढ़ोत्तरी के साथ साथ बैंकों में डिपाजिट भी पहले से काफी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि इन बैंकों में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं फिजूलखर्ची पर भी रोक लगाई गयी है जिससे बैंकों का मुनाफा पिछले वर्षों की अपेक्षा बढ़ा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 September 2014 by admin
उ0प्र0 सरकार ने ग्रामीण व्यक्तियों, किसानों के उत्थान तथा उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत प्रदेश के 55 जनपदों में सघन मिनी डेयरी परियोजना को सक्रियता से लागू किया है। परियोजना के अन्तर्गत दो दुधारू पशुओं की मिनी डेयरियों की इकाइयों की स्थापना हेतु वित्तीय सहायता शासकीय अनुदान तथा बैंक ऋण के माध्यम से प्रदत्त की जायेगी। इस परियोजना में लाभार्थी को एक से पाँच यूनिट हेतु दुधारू दो-दो पशुओं की संख्या रखी जायेगी तथा उसी हिसाब से प्रत्येक मिनी डेयरी यूनिट हेतु धनराशि लाभार्थी को उपलब्ध करायी जायेगी।
यह जानकारी प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री मा0 श्री राममूर्ति वर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि दो दुधारू पशुओं की मिनी डेयरी की एक इकाई में दो पशुओं की कुल इकाई लागत 113480 रुपये है। इसमें सामान्य जाति के लाभार्थियों को 28370 रुपये शासकीय अनुदान तथा 85110 रुपये बैंक ऋण तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों को 37448 रुपये शासकीय अनुदान तथा 76032 रुपये बैंक ऋण मिलेगा।
दुग्ध विकास मंत्री श्री वर्मा ने बताया कि दो यूनिट में चार दुधारू पशुओं की इकाई में डेयरी लागत 2,26,960 रुपये है इसमें सामान्य वर्ग के लाभार्थी को 56740 रुपये शासकीय अनुदान तथा 170220 रुपये बैंक ऋण दिया जाता है। अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थी को 74897 रुपये का शासकीय अनुदान तथा 1,52,263 रुपये की बैंक ऋण प्रदत्त किया जाता है।
श्री वर्मा ने बताया कि दो दुधारू पशुओं की तीन इकाइयों के कुल 6 दुधारू पशुओं हेतु 3,40,440 रुपये लागत निर्धारित की गयी है। इसमें सामान्य वर्ग के लाभार्थी को 85110 रुपये अनुदान तथा 2,55,330 रुपये बैंक ऋण एवं अनुसूचित जाति/जन जाति के लाभार्थियों को 1,12,345 रुपये शासकीय अनुदान तथा 2,28,095 रुपये बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
दुग्ध विकास मंत्री ने बताया कि मिनी डेयरी की चार इकाइयों में 8 पशुओं की यूनिट हेतु कुल लागत 4,53,920 रुपये निर्धारित है। इसमें सामान्य वर्ग के लाभार्थी को 1,13,480 रुपये अनुदान तथा 3,40,444 रुपये बैंक ऋण और अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थी को 1,49,794 रुपये शासकीय अनुदान तथा 3,04,126 रुपये बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
श्री वर्मा ने बताया कि दो दुधारू पशुआं की पांच इकाई कुल 10 पशुओं की मिनी डेयरी इकाई की कुल लागत 6,21,400 रुपये है। इसमें सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 1,55,350 रुपये अनुदान तथा बैंक ऋण 4,66,050 रुपये की धनराशि प्रदत्त की जाती है। अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थी को इस मिनी डेयरी इकाई की स्थापना हेतु 2,05,062 रुपये शासकीय अनुदान तथा 4,16,338 रुपये बैंक ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 September 2014 by admin
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने आजमगढ़ के वरिष्ठ समाजवादी नेता श्री कृष्ण मुरारी अग्रवाल के निधन पर गहरा शोक जताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।
83 वर्षीय श्री कृष्ण मुरारी अग्रवाल जिला समाजवादी व्यापारी सभा के अध्यक्ष के अलावा प्रदेश व्यापार सभा में भी पदाधिकारी रहे थे। पार्टी के चुनाव चिन्ह पर तीन बार उन्होने नगरपालिका चुनाव भी लड़ा था।
श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि श्री अग्रवाल ने पार्टी हित में लोकसभा चुनावो में बहुत मेहनत की थी। श्री अखिलेश यादव ने कहा कि श्री अग्रवाल की पहचान एक समाजसेवी व्यापारी नेता के रूप में थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 September 2014 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने जनपद रामपुर के समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष पद पर श्री अखिलेश कुमार पुत्र श्री सिपाही लाल, कल्याण कुटीर, नैनीताल रोड, रामपुर तथा महानगर अध्यक्ष पद पर मो0 आसिम रजा, घेर सैफुद्दीन खान, रामपुर को नामित किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 September 2014 by admin
27 सितम्बर सुप्रीम कोर्ट के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश आर.एस.लोढा के बयान कि जाति के आधार पर नही होना चाहिए न्यायालय में आरक्षण एवं स्वामी प्रसाद मौर्य के घृणित बयान पर थू थू कार्यक्रम के विषय पर इण्डियन सवर्ण समाज पार्टी के लखनऊ महानगर के सैकडो कार्यकर्ताओं द्वारा पार्टी कार्यालय में की जा रही बैठक की अध्यक्षता प्रदेश प्रभारी ठा. वीरेन्द्र प्रताप सिंह व मुख्य वक्ता प्रदेश अध्यक्ष डा. तेज कुमार शुक्ल होंगे। पार्टी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जहां मुख्य न्यायाधीश की न्यायोचित विचारों का सम्मान किया जायेगा वही हिन्दुस्तान की रोटी, पानी, हवा, खाकर हिन्दू देवी देवताओं व धर्म पर कुठारा घात करने वाले राक्षसी प्रवृत्ति वाले स्वामी प्रसाद मौर्य पर थू थू कार्यक्रम के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने जनहित याचिका दायर करने सम्बन्धी रणनीति भी बनाई जायेगी। कार्यक्रम संचालन प्रदेश संयोजक अरूणेश मिश्र करेंगे। जब कि आयोजनकर्ता गण कमल दुबे जिला प्रभारी, अवधेश पाण्डेय महानगर अध्यक्ष, नीलम श्रीवास्तव अध्यक्षा महानगर, अनुज कनोडिया, एम.एन.राय, अनिल उपाध्याय, अवकाश प्राप्त इंजिनियर हंस राज सिंह, बलभद्र सिंह, एवं सवर्ण सेना सरदार सर्वजीत सिंह, अभिषेक सिंह, प्रेमा सिंह, महमूद आलम, डा.एम.एस.खान आदि होंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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