Posted on 05 August 2014 by admin
वंशानुगत राजनीति का विरोध करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी द्वारा आज एक जनसभा में अपने पुत्र को उत्तर प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत किये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता डाॅ0 हिलाल अहमद ने कहा है कि उ0प्र0 की जनता आने वाले विधानसभा चुनावों में निश्चित रूप से किसी भी ऐसे राजनीतिक दल को जो जाति, क्षेत्र व धर्म के नाम पर अलगाववादी राजनीति करती हो, उसको सत्ता में नहीं आने देगी।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डाॅ0 हिलाल अहमद ने कहा कि सम्पूर्ण प्रदेशवासी श्री वरूण गांधी के पीलीभीत में दिये गये भाषण को कभी नहीं भूल सकते, जिसमें उन्होने स्पष्ट रूप से प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने की घृणित कोशिश की थी।
डाॅ0 हिलाल अहमद ने कहा कि आने वाले वर्ष 2017 में उ0प्र0 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता निश्चित रूप से कंाग्रेस पार्टी को अपना पूर्ण समर्थन प्रदान कर एक स्थिर एवं विकासशील सरकार प्रदेश में बनायेगी।
प्रवक्ता ने कहा कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की जिस प्रकार की भ्रष्ट सरकारें पिछले 15 वर्ष से प्रदेश में शासन कर रही हैं जिससे प्रदेश आज देश के सबसे पिछड़े हुए राज्यों में गिना जाने लगा है, निश्चित तौर पर इन क्षेत्रीय दलों से जनता का मोह पूरी तरह भंग हो चुका है। भारतीय जनता पार्टी जो कि मंहगाई के मुद्दे एवं झूठे तथ्यों को रखकर पिछला लोकसभा चुनाव जीती है अब धीरे-धीरे उसकी सच्चाई सबके सामने आ रही है। आज देश में भारतीय जनता पार्टी की खराब आर्थिक नीतियों एवं बिचैलियांे को प्रोत्साहन के कारण आम जनता सब्जी, फल, जिन्स, रेल भाड़ा के बढ़ते हुए दामों से परेशान हो चुकी है और जिस प्रकार से जनता ने उत्तराखण्ड में भारतीय जनता पार्टी को नकारा है उसी तरह से उत्तर प्रदेश के आने वाले विधानसभा चुनाव में भी नकारेगी तथा कंाग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन देगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 August 2014 by admin
वास्तविक रूप में अब 4 मार्च, 2014 के काफी समय बाद शेष रू. 7000 करोड़ को एकत्रित करने का काम शुरू होगा।
सामान्य रूप में कहा जाए तो अब विश्वास उभरेगा और अस्थिरता के चलते हुयी अस्पृश्यता की स्थिति दूर होगी।
आज श्री सुब्रत राॅय सहारा को तिहाड़ जेल के कान्फ्रेंस रूम में स्थानांतरित कर दिया गया। 22 जुलाई को माननीय कोर्ट ने सहारा की विदेश स्थित तीन होटल प्रापर्टीज को बेचने/मोर्टगेज करने से व्यावसायिक प्रतिषेध हटा दिया। इससे पूर्व क्योंकि श्री राॅय को अनेक फिजिकल गतिरोध के कारण इस प्रकार की डील में शामिल होने में अनेक रूकावटें थीं और सहारा के संस्थापक और चेयरमैन श्री सुब्रत राॅय सहारा की सम्पूर्ण अनुपस्थिति के चलते कई वास्तविक डील्स हिचकिचाहट के चलते सहारा से दूरी बनाए हुयी थीं। अब क्योंकि श्री राॅय ग्रुप बिजनेस अफेयर्स में सक्रिय हो गए हैं तो सहारा अपनी अंतरराष्ट्रीय सम्पत्तियों के लिए विविध वित्तीय विकल्पों को लेकर तैयार बैठा है। इस हेतु वह उन इच्छुक पार्टियों से सम्वाद शुरू करेगा। श्री राॅय की व्यावसायिक कुशाग्रता और वित्तीय माामलों में गहरी पकड़ संस्था को शीघ्रता से एक बेहतर डील तैयार करने में मददगार होगी। वास्तविक रूप में अब कुल रू. 10000 करोड़ में से शेष जमानत राशि को एकत्रित किये जाने का काम शुरू होगा।
सहारा अब इस गतिरोध को समाप्त करने की हर सम्भव कोशिश करेगा जो कि नवम्बर 2013 से सहारा की सम्पत्तियों पर व्यावसायिक प्रतिषेध लागू होने से ýका था और श्री राॅय की पिछले 5 माह से कैद का कारण बना। इन डीलों से एकत्रित फंड को सिर्फ और सिर्फ माननीय कोर्ट के फैसले का सम्मान करने के वास्ते जमा किया जाएगा क्योंकि सहारा के पास ऐसी कोई देनदारी किसी भी निवेशक के प्रति नहीं है और वास्तविकता में यह भुगतान एकल देनदारी के बदले में दोहरा भुगतान का उदाहरण होगा। यद्यपि सहारा को विश्वास है कि सेबी के पास रखी रू. 8700 करोड़ की राशि और अन्य राशियां जो सहारा को जमा करनी हैं वह सभी तब सहारा को वापस मिल जाएंगी, जब सेबी निवेशकों की पड़ताल शुरू करने के साथ ही उसे समाप्त करेगा और साथ ही यह भी जांच लेगा कि सहारा द्वारा 93 प्रतिशत निवेशकों का रिफण्ड वापस किया जा चुका है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 August 2014 by admin
जन अभियान समिति के अध्यक्ष पूर्व मेयर प्रत्याशी चन्द्र कुमार छाबड़ा ने आरोप लगाया है कि पिछले एक सप्ताह से कलेक्ट्रेट और तहसील से आम आदमी बेहद परेशान हो चुका है और उसके सभी सम्बन्धी काम ठप पडे है। हड़ताल समाप्त कराने मे प्रशासन असफल रहा है। ऐसे में सरकार को मामले को अपने हाथ मे लेते हुए मजिस्ट्रेट जांच कराने का फैसला कर हड़ताल समाप्त कराने की प्रभावी पहल करनी चाहिए।
उन्होने उ0प्र0 के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश सिंह यादव को समूचे प्रकारण से अवगत कराते हुए कहा कि वकीलो और तहसील कर्मचारियों के बीच हुई मारपीट ने जिस तरह से अराजकता तालाबंदी और हडताल हुई है उससे निपटने के स्थान पर प्रशासन के रवैये से चिंगारी आग का रुप धारण कर चुके है और अब कार्मचारियों के साथ-साथ वकील भी हडताल पर उतर आए है। यह स्थिति तब और भी भयानक हो जाएगी जब प्रशासनिक कार्य के साथ-साथ न्यायीक कार्य भी ठप हो जाएगा। ऐसे में हालात और बिगडने से पहले स्थिति को ठंडा करना चाहिए।
उन्होने मुख्यमंत्री को हालात से अवगत कराते हुए कहा कि रजिस्ट्री कार्यालय मैं प्रतिदिन हजारो लोग सम्पति तथा सम्बन्धी कार्यो के लिए आते है साथ ही प्रशासन स्तर से आय निवास प्रमाण पत्र आयोजनो हेतु अनुमति जिसमे धरना, प्रर्दशन, जुलुस आदि सभी कार्य शामिल है वह पूर्णता ठप पडे है। रजिस्ट्री कार्यालय से प्रतिदिन करोड़ो का राजस्व सरकार के खजाने मे जाता है।
श्री छाबडा ने मुख्य मंत्री को दिये ज्ञापन मे कहा है कि आरोप प्रत्यारोप और आपसी बातचीत या पंचायत से यह मामला सुलटने वाला नही है। समस्या से निपटने के लिए सरकार को पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराने का फैसला करना चाहिए जिसके आधार पर घटना के दोषियों को दण्डीत किया जांए, और तब तक हडताल को आवश्यक सेवाओं के अन्तरगत लाते हुये समाप्त करने का कडा फैसला लेने में और देर नही करनी चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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