जन अभियान समिति के अध्यक्ष पूर्व मेयर प्रत्याशी चन्द्र कुमार छाबड़ा ने आरोप लगाया है कि पिछले एक सप्ताह से कलेक्ट्रेट और तहसील से आम आदमी बेहद परेशान हो चुका है और उसके सभी सम्बन्धी काम ठप पडे है। हड़ताल समाप्त कराने मे प्रशासन असफल रहा है। ऐसे में सरकार को मामले को अपने हाथ मे लेते हुए मजिस्ट्रेट जांच कराने का फैसला कर हड़ताल समाप्त कराने की प्रभावी पहल करनी चाहिए।
उन्होने उ0प्र0 के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश सिंह यादव को समूचे प्रकारण से अवगत कराते हुए कहा कि वकीलो और तहसील कर्मचारियों के बीच हुई मारपीट ने जिस तरह से अराजकता तालाबंदी और हडताल हुई है उससे निपटने के स्थान पर प्रशासन के रवैये से चिंगारी आग का रुप धारण कर चुके है और अब कार्मचारियों के साथ-साथ वकील भी हडताल पर उतर आए है। यह स्थिति तब और भी भयानक हो जाएगी जब प्रशासनिक कार्य के साथ-साथ न्यायीक कार्य भी ठप हो जाएगा। ऐसे में हालात और बिगडने से पहले स्थिति को ठंडा करना चाहिए।
उन्होने मुख्यमंत्री को हालात से अवगत कराते हुए कहा कि रजिस्ट्री कार्यालय मैं प्रतिदिन हजारो लोग सम्पति तथा सम्बन्धी कार्यो के लिए आते है साथ ही प्रशासन स्तर से आय निवास प्रमाण पत्र आयोजनो हेतु अनुमति जिसमे धरना, प्रर्दशन, जुलुस आदि सभी कार्य शामिल है वह पूर्णता ठप पडे है। रजिस्ट्री कार्यालय से प्रतिदिन करोड़ो का राजस्व सरकार के खजाने मे जाता है।
श्री छाबडा ने मुख्य मंत्री को दिये ज्ञापन मे कहा है कि आरोप प्रत्यारोप और आपसी बातचीत या पंचायत से यह मामला सुलटने वाला नही है। समस्या से निपटने के लिए सरकार को पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराने का फैसला करना चाहिए जिसके आधार पर घटना के दोषियों को दण्डीत किया जांए, और तब तक हडताल को आवश्यक सेवाओं के अन्तरगत लाते हुये समाप्त करने का कडा फैसला लेने में और देर नही करनी चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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