वास्तविक रूप में अब 4 मार्च, 2014 के काफी समय बाद शेष रू. 7000 करोड़ को एकत्रित करने का काम शुरू होगा।
सामान्य रूप में कहा जाए तो अब विश्वास उभरेगा और अस्थिरता के चलते हुयी अस्पृश्यता की स्थिति दूर होगी।
आज श्री सुब्रत राॅय सहारा को तिहाड़ जेल के कान्फ्रेंस रूम में स्थानांतरित कर दिया गया। 22 जुलाई को माननीय कोर्ट ने सहारा की विदेश स्थित तीन होटल प्रापर्टीज को बेचने/मोर्टगेज करने से व्यावसायिक प्रतिषेध हटा दिया। इससे पूर्व क्योंकि श्री राॅय को अनेक फिजिकल गतिरोध के कारण इस प्रकार की डील में शामिल होने में अनेक रूकावटें थीं और सहारा के संस्थापक और चेयरमैन श्री सुब्रत राॅय सहारा की सम्पूर्ण अनुपस्थिति के चलते कई वास्तविक डील्स हिचकिचाहट के चलते सहारा से दूरी बनाए हुयी थीं। अब क्योंकि श्री राॅय ग्रुप बिजनेस अफेयर्स में सक्रिय हो गए हैं तो सहारा अपनी अंतरराष्ट्रीय सम्पत्तियों के लिए विविध वित्तीय विकल्पों को लेकर तैयार बैठा है। इस हेतु वह उन इच्छुक पार्टियों से सम्वाद शुरू करेगा। श्री राॅय की व्यावसायिक कुशाग्रता और वित्तीय माामलों में गहरी पकड़ संस्था को शीघ्रता से एक बेहतर डील तैयार करने में मददगार होगी। वास्तविक रूप में अब कुल रू. 10000 करोड़ में से शेष जमानत राशि को एकत्रित किये जाने का काम शुरू होगा।
सहारा अब इस गतिरोध को समाप्त करने की हर सम्भव कोशिश करेगा जो कि नवम्बर 2013 से सहारा की सम्पत्तियों पर व्यावसायिक प्रतिषेध लागू होने से ýका था और श्री राॅय की पिछले 5 माह से कैद का कारण बना। इन डीलों से एकत्रित फंड को सिर्फ और सिर्फ माननीय कोर्ट के फैसले का सम्मान करने के वास्ते जमा किया जाएगा क्योंकि सहारा के पास ऐसी कोई देनदारी किसी भी निवेशक के प्रति नहीं है और वास्तविकता में यह भुगतान एकल देनदारी के बदले में दोहरा भुगतान का उदाहरण होगा। यद्यपि सहारा को विश्वास है कि सेबी के पास रखी रू. 8700 करोड़ की राशि और अन्य राशियां जो सहारा को जमा करनी हैं वह सभी तब सहारा को वापस मिल जाएंगी, जब सेबी निवेशकों की पड़ताल शुरू करने के साथ ही उसे समाप्त करेगा और साथ ही यह भी जांच लेगा कि सहारा द्वारा 93 प्रतिशत निवेशकों का रिफण्ड वापस किया जा चुका है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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