Posted on 22 May 2014 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि लोकतंत्र में चुनावों में हार-जीत एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। सन् 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को कांग्रेस कुशासन की प्रतिक्रिया में जीत मिल गई लेकिन अब उसके प्रदेशीय स्तर के नेता जो अनर्गल बयानबाजी करने लगे हैं उससे लगता है कि जीत का नशा उनके दिमाग पर चढ़ गया है। अहंकार का ऐसा प्रदर्शन अशोभनीय और अलोकतांत्रिक है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को अभी ही तीन साल आगे का सपना नजर आने लगा है। उनके अपने चश्मे के रंग में ही पूरा उत्तर प्रदेश रंगा नजर आता है। जाने कहां से उन्हें सरकार में अंतर्विरोध भी दिखाई देने लगा है। उनकी दशा बसपा अध्यक्षा की तरह हो गई है जो प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के दिन से ही समाजवादी पार्टी सरकार और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के खिलाफत में लग गई है।
भाजपा के ही एक दूसरे नेता भूतपूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में नया जनादेश लेने की सलाह मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को देने लगे हैं। उन्हें प्रचंड बहुमत की समाजवादी सरकार “अस्तित्वहीन“ दिखाई देने लगी है। इसे क्या कहेगें सिवाय इसके कि उन्हें वास्तविकता का आभास नहीं है।
यह कैसी विडम्बना है कि श्री नरेन्द्र मोदी संसद भवन की चैखट पर पहुॅचते ही उसका नमन करते हैं और लोकतंत्र के प्रति अपनी निष्ठा जताते है जिसे लगता है भाजपा के प्रदेश नेताओं ने नहीं देखा है। वे विपरीत आचरण कर रहे हैं। ऐसे लोगों में न तो संविधान के प्रतिनिष्ठा है और नहीं वे लोकतंत्र में जनादेश का मतलब समझते है। उनके इस तरह के व्यवहार के चलते तो केन्द्र में बैठे भाजपा नेताओं को संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि प्रदेश में अहंकार का ऐसा प्रदर्शन उन्हें जल्दी ही ले डूबेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 May 2014 by admin
भारत निर्वाचन आयोग ने निर्णय लिया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29ए के अन्तर्गत वर्तमान मेें मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या राज्यीय राजनैतिक दलों के हिन्दी, अंग्रेजी या किसी क्षेत्रीय भाषा में अनूदित नाम अथवा मिलते जुलते नाम से राजनैतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन अब नहीं किया जाएगा। ऐसी पार्टियों को अब राष्ट्रीय या राज्यीय राजनैतिक दलों से भिन्न संशोधित या परिवर्तित नाम से पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा।
भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए हैं कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अन्तर्गत पंजीकरण चाहने वाली पार्टियों का नाम किसी धार्मिक गुणार्थ नाम वाला नहीं होना चाहिए और साथ ही पंजीकृत तथा वर्तमान में राजनैतिक पार्टियों के नाम के अनुरूप वाला नाम भी नहीं होना चाहिए ताकि किसी तरह के भ्रम की स्थिति पैदा न हो।
गौरतलब है कि आयोग को यह शिकायत मिली थी कि अनूदित नाम से नई पार्टियों को पंजीकृत करने के कारण पहले से पंजीकृत प्रमुख पार्टियों के हितों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है और उनकी साख व लोकप्रियता का अनुदित नाम से पंजीकृत पार्टियां अनुचित फायदा उठा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय लिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 May 2014 by admin
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने आज यहां कहा कि समाजवादी पार्टी से मजबूत किसी और दल का संगठन नहीं है। समाजवादी पार्टी की प्रदेश में सरकार है जिसकी योजनाओं से प्रदेश में विकास हुआ। उन्होने कहा राजनीति में उतार चढ़ाव आते रहते हैं। हमने इसके कई दौर देखें हैं इसलिए हारजीत की ज्यादा चिन्ता नहीं करनी चाहिए। कार्यकर्ता और नेता जनता का काम करें। समाजवादी पार्टी में सबसे ज्यादा निष्ठावान कार्यकर्ता है जिनकी समाजवादी विचारधारा के लिए प्रतिबद्धता है।
श्री मुलायम सिंह यादव यहां पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में प्रदेश भर से आये समाजवादी पार्टी के जिला/महानगर अध्यक्षों तथा महासचिवों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष/मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने की। इसमें जिलाध्यक्षों ने चुनावो में अपने लोकसभा क्षेत्रों के बारे में रिपोर्ट दी। उनकी बातों को नेताजी तथा मुख्यमंत्री जी ने गम्भीरता से सुना। इस मौके पर वरिष्ठ मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एवं मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रदेश महासचिव श्री सी0पी0 राय तथा प्रदेश सचिव श्री एस0आर0एस0यादव उपस्थित रहे।
नेताजी ने जिलाध्यक्षों से संगठन को और मजबूत बनाने तथा मौजूदा राजनैतिक चुनौतियों का मुकाबला करने का आवाहन किया। उन्होने कहा कि समाजवादी पार्टी सस्ती लोकप्रियता की नहीं सिद्धांत की राजनीति करती है। वह गरीबों और किसानों के हितों के लिए सतत् संघर्ष करती रही है।
जिलाध्यक्षों ने लोकसभा चुनावों पर अपनी रिपोर्टो में कहा कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने यद्यपि पूरी ईमानदारी से दो वर्ष के अंदर ही विकास का एजेण्डा लागू किया तथापि भाजपा द्वारा पानी की तरह बेतहाशा धन बहाया और मतदाताओं को भ्रमित करने की साजिश की गई। यह स्थिति लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। जिलों से आए प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि सभी दल चुनावों में समाजवादी पार्टी पर हमलावर हो गए थे। उन्होने मुख्यमंत्री जी तथा नेताजी को भरोसा दिलाया कि चुनाव के नतीजों से सबक लेते हुए अब संगठन को और ज्यादा चुस्त-दुरूस्त बनाने का वे प्रयास करेगें तथा जनता को विकास योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही उनकी समस्याओं का भी समाधान कराने में जुटेगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 May 2014 by admin
उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री राघवेन्द्र कुमार ने बताया कि प्रदेश के 23 जनपदों में प्रथम चरण में जनोपयोगी सेवाओं हेतु स्थायी लोक अदालतें कार्यरत हैं। आगरा, अलीगढ़, आजमगढ़, इलाहाबाद, बरेली, बस्ती, बुलन्दशहर, चित्रकूट, फैजाबाद, गाजियाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, झांसी, कानपुर नगर, कानपुर देहात, लखनऊ, मेरठ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, रायबरेली, सहारनपुर, शाहजहांपुर एवं वाराणसी में स्थायी जनोपयोगी लोक अदालतें गठित की गयी हैं। इन अदालतों में वादों के निस्तारण की सुदृढ़ व्यवस्था की गयी है। वादकारी इन स्थायी अदालतांे के माध्यम से वादों का निस्तारण करायें।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री राघवेन्द्र कुमार ने बताया कि लोक उपयोगी सेवाओं हेतु जनपदों में गठित स्थायी लोक अदालतों में वायु, सड़कों, जलमार्ग द्वारा यात्रियों अथवा माल के वहन के लिए यातायात सेवा डाक-तार, टेलीफोन सेवा, जनता को विद्युत प्रकाश या जल का प्रदाय या सार्वजनिक मल वहन या स्वच्छता प्रणाली या अस्पताल या औषधालय सेवा या बीमा सेवा संबंधी वादों की सुनवाई की जाती है।
सदस्य सचिव ने बताया कि लोक उपयोगी सेवाओं हेतु गठित की गयी इन सभी स्थायी लोक अदालतों में जनोपयोगी सेवाओं के वादकारियों को किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना होगा। वाद प्रस्तुत होने पर त्वरित निर्णय किया जायेगा। प्रक्रिया जटिल नहीं है बल्कि सरल है। निर्णय के विरूद्ध कोई अपील नहीं होगी। इन स्थायी लोक अदालतों में जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित वादों/मामलों की सुनवाई की जाती है। स्थायी लोक अदालतों द्वारा जनोपयोगी सेवाओं के विवादों के संज्ञान हेतु यह अनिवार्य है कि किसी भी पक्षकार द्वारा दीवानी न्यायालय में वाद दायर नहीं किया गया हो। लोक उपयोगी सेवाओं हेतु गठित स्थायी लोक अदालतों का अन्य विशिष्ट फोरम जैसे उपभोक्ता फोरम की अधिकारिता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा। वादकारी का यह अधिकार है कि वह अपने स्वविवेक से किसी भी न्यायालय या फोरम के समक्ष अपने वाद को दायर कर सकता है। न्याय हेतु विवादों का निस्तारण सुलह कार्रवाई द्वारा किया जायेगा। सुलह कार्रवाई के विफल होने पर वादों को गुण-दोष पर निस्तारित किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 May 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के वाणिज्य कर आयुक्त श्री मृत्युंजय कुमार नारायण ने एक करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक टर्न ओवर करने वाले सभी व्यापारियों को अब मासिक रिटर्न प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने एक करोड़ रुपये से कम वार्षिक टर्न ओवर करने वाले व्यापारियों को पूर्व की भांति त्रैमासिक रिटर्न प्रस्तुत करने के आदेश जारी किये हैं। प्रदेश के वाणिज्य कर आयुक्त श्री नारायण ने कतिपय संवदेनशील वस्तुओं के आधार पर रिटर्न के प्रस्तुतीकरण की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। उन्होंने इसके साथ ही वार्षिक विवरण प्रस्तुत करने वाले व्यापारियों के स्पष्ट आनलाइन चिन्हीकरण हेतु भी आवश्यक संशोधन कर दिया है और इस संबंध में जिस भी समाधान योजना को अपनाने के कारण व्यापारी को ऐसे विवरण प्रस्तुत करने है उसका चयन भी ड्रापडाउन से करते हुये वेबसाइट पर अंकित किया जा सकेगा। चिन्हीकरण का यह कार्य 15 जून तक किये जाने के निर्देश निर्गत कर दिये हैं। यह कार्रवाई संबंधित संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) की अनुमति से ही की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि व्यपारियों के समुचित मासिक रिटर्न/त्रैमासिक रिटर्न वार्षिक विवरण प्रस्तुतीकरण के चिन्हीकरण के बाद रिटर्न मानीटरिंग का कार्य सरल हो जायेगा। इस प्रकार शत-प्रतिशत रिटर्न फाईलिंग के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा। सभी पंजीकरण व्यापारी समय से अपना रिटर्न देय कर से जमा होने के साक्ष्य सबूत सहित जमा करेंगे तो निश्चय ही यह राजस्व प्राप्ति के लिए लाभदायक होगा।
वाणिज्य कर आयुक्त श्री मृत्युंजय कुमार नारायण ने वाणिज्य कर विभाग के समस्त जोनल एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन, ग्रेड-टू, संयुक्त आयुक्तों को विस्तृत दिशा-निर्देश वित्तीय वर्ष 2014-15 के निर्धारित लक्ष्य 47,500 करोड़ रुपये की शत-प्रतिशत वसूली हेतु भेज दिये हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 May 2014 by admin
शासन द्वारा भारतीय पुलिस सेवा के दो अधिकारियों के स्थानान्तरण किये गये है।
रामपुर के पुलिस अधीक्षक श्री राम कृष्ण भारद्वाज को डीजीपी मुख्यालय से सम्बद्ध किया गया है।
सुश्री साधना गोस्वामी, पुलिस अधीक्षक प्रशासन, डीजीपी मुख्यालय, लखनऊ को रामपुर का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 May 2014 by admin
मा0 लोक निर्माण मंत्री, श्री शिवपाल सिंह यादव एंव मा0 राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह पटेल, द्वारा लोक निर्माण की गरिमामयी उपस्थिति में दिंनाक 21.मई.2014 को गोमती नगर में स्थित उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम के मुख्यालय परिसर में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित लोक निर्माण विभाग की कुल 28 भवन परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया, जिनकी कुल लागत रु0 62.76 करोड़ है। इन परियोजनाओं में एक सर्किट हाउस, 07 निरीक्षण भवन, 05 ट्रांजिट हास्टल, 12 जनपदो में राजकीय आवास तथा 02 कार्यालय भवन सम्मिलित है। उल्लेखनीय है कि उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम मुख्यालय “विश्वेश्वरैया भवन” का जीर्णोद्धार आधुनिक परिवेश के अनुरुप किया गया है, जिसमें वाहय स्तर पर ग्रेनाइट स्टोन, एल्यूमीनियम कम्पोजिट पैनल क्लैडिंग तथा स्टेनलैस स्टील रेलिंग लगायी गयी है। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव, लोक निर्माण डा0 रजनीश दुबे, प्रमुख अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग तथा प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 May 2014 by admin
बी.एस.पी. की आल-इण्डिया की अति महत्वपूर्ण बैठक में सुश्री मायावती जी द्वारा 16वीं लोकसभा आमचुनाव परिणाम की गहन समीक्षा एवं आगे की तैयारियों के लिए संगठनात्मक ढाँचे में आवश्यक परिवर्तन व विशेष नये दिशा-निर्देंश जारी किये गये।
लखनऊ, 20 मई, 2014: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ आयोजित पार्टी की आल-इण्डिया की अति महत्वपूर्ण बैठक में, देश में 16वीं लोकसभा के लिये हुये आमचुनाव में आये अप्रत्याशित व अभूतपूर्व परिणामों की समीक्षा की और बी.एस.पी. के जनाधान को बहुत तेजी से व योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने हेतु आगे की तैयारियों के सम्बन्ध में नई रणनीति के तहत् संगठन में जरूरी परिवर्तन करने के साथ-साथ विशेष दिशा-निर्देंश जारी किये।
उत्तर प्रदेश बी.एस.पी. स्टेट कार्यालय, 12 माल एवेन्यू में आयोजित इस आपात बैठक में उत्तर प्रदेश के विधानसभा स्तर तक के प्रमुख पार्टी पदाधिकारियों के साथ-साथ देश के लगभग सभी प्रमुख राज्यों में से बी.एस.पी. के प्रमुख पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इस बैठक में अलग-अलग राज्यों से अलग-अलग बैठकें कर उनके सम्बन्धित राज्यों की चुनावी रिपोर्ट ली गयी और चुनाव परिणामों की समीक्षा भी की गयी। साथ ही, आगे की तैयारियों के लिये संगठन में कुछ परिवर्तन व उससे सम्बन्धित नये दिशा-निर्देंश जारी किये गये। इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश की समीक्षा के लिए अलग से विशेष बैठकों का दौर कल से आयोजित होगा।
बी.एस.पी. की इस आल-इण्डिया की अति महत्वपूर्ण बैठक को सम्बोधित करते हुये पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने कहाकि इस बार के लोकसभा आमचुनाव में बीजेपी व इनके एन.डी.ए. गठबन्धन ने हालांकि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार की घोर नाकामियों का जमकर फायदा उठाने के साथ-साथ हर प्रकार के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों अर्थात् इन्होंने जाति, धर्म, सफेद झूठ व छल-कपट एवं गलत बयानबाजी आदि का सहारा लेकर जनता को काफी बड़े पैमाने पर गुमराह कर लोकसभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लिया है, परन्तु इन सबके बावजूद भी बीजेपी को देश स्तर पर मात्र 31 प्रतिशत ही वोट मिले हैं, अर्थात् देश के लगभग 70 प्रतिशत वोटरों ने बीजेपी को नकार दिया है, फिर भी इनकी सरकार बनेगी और इनकी विभाजनकारी नीतियों को देश में थोपा जायेगा।
देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब मात्र 31 प्रतिशत वोट हासिल कर किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत प्राप्त हो गया है। इस अप्रत्याशित परिणाम का खास कारण गैर-मिशनरी मुस्लिम, अन्य पिछड़ा वर्ग व अपरकास्ट समाज के वोटरों का अधिकांश बंट कर सपा व बीजेपी में चले जाना है अर्थात् दलित समाज का वोट जिस ‘‘मजबूत चट्टान‘‘ की तरह बी.एस.पी. के आत्म-सम्मान के मूवमेन्ट के साथ जुड़ा रहा है, उसमें इन वर्गांे के लोगांे का थोड़ा-थोड़ा वोट भी जुड़ जाता तो बीजेपी को इतनी अप्रत्याशित सफलता कभी भी नहीं मिल सकती थी और साथ ही बी.एस.पी. का प्रदर्शन काफी अच्छा होता और वह केन्द्र में बैलेन्स आफ पावर बनकर उभरती।
उन्होंने कहाकि अब जो वर्तमान में नई परिस्थितियां हैं, वह नई-नई चुनौतियों को जन्म देने वाली हैं, जिसके प्रति बी.एस.पी. के जनाधार को सर्वसमाज में बढ़ाने के लिए विशेष परिश्रम करने की जरूरत है और इसके लिए नये दिशा-निर्देंश के तहत् काफी जी-जान से हर स्तर पर काम करना होगा, जिसके लिये लोगों ने जोरदार नारों के साथ उन्हें भरोसा दिलाया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 May 2014 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि चुनावों मे इतनी करारी शिकस्त के बावजूद समाजवादी कुनबा मुगालते में है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि लोकतंत्रिक मूल्यों की दुहाई देती समाजवादी पार्टी यह तो बताये कि क्या चुनावी हार के बाद सरकार में बैठे लोग अस्पताल में ईलाज के लिए, बिजली के लिए सवाल खड़े करेंगे कि चुनावों में वोट नही दिया इसलिए नही दिया जायेगा।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर बुधवार को संवाददताओं से बातचीत करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था का आलम यह है कि एक बार फिर पसंद-नापसंद के अधिकारियों की तैनाती का खेल शुरू हो गया। कानून व्यवस्था कैसे पटरी पर आयेगी सोचने के बजाये कद्दावर मंत्रियों के दबाव में फिर अधिकारियों की तैनाती की बिसात बिछनी शुरू हो गयी। हार से हताशा के दौर में पहंुच चुकी समाजवादी पार्टी कार्यवाही के नाम पर जिन दर्जाप्राप्त मंत्रियों से पिण्ड छुडाया है। उससे स्पष्ट हो गया कि इनकी नियुक्ति वोट की जुगाड़ के लिए की गई थी, वोट का जुगाड़ नही कर पाये, इसलिए इन्हे पदमुक्त होना पड़ा। सरकार की इस कार्यवाही से भाजपा के आरोपों की पुष्टि हुई की वोट के जुगाड़ में रेवडि़यों की तरह लाल बत्ती बांटी जा रही थी, सरकार धन का अपव्यय किया जा रहा था। वोट न मिलने के कारण इन महानुभावों से पीछा छुड़ा लिया गया, पर इन पर जो जनता का पैसा शासकीय सुविधाओं के नाम पर खर्च हुआ उसका क्या होगा?
उन्होने कहा कि बुलन्दशहर में डाक्टर ने गंभीर झुलसे मरीज को बिजली सुविधा देने से मना किया, कहा वोट दिया मोदी को और बिजली मांगते हो सपा सरकार से। यहीं हाल प्रदेश भर में हो रहा है। बदले की भावना से जनता से कार्यवाही के प्रयास हो रहे है। आखिर जब यह समाचार प्रमुख चैनलों पर दिखाया गया तो सपा सरकार ने कार्यवाही क्यों नही की? वैसे तो पूरे प्रदेश में समाजवादी पार्टी का सफाया हो गया है। जीता है तो केवल कुनबा फिर क्या पूरे प्रदेश में यह भेदभाव किया जायेगा।
श्री पाठक ने कहा कि सपा प्रवक्ता भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के बयान को अशोभनीय और अलोकतंत्रिक बता रहे है। शायद लोकतंत्रिक मूल्यों में उनकी आस्था नही है। उन्होंने सवाल किया कि दो से ढ़ाई साल पहले प्रत्याशी खड़ा कर अंतिम समय तक प्रत्याशी बदलते सपाईयों को क्या इतनी बड़ी जीत के बाद भाजपा की अगले चुनाव की तैयारी भी अलोकतंत्रिक लगती है। दरसल कथनी और करनी में विभेद करते समाजवादी पार्टी के नेता संविधान के प्रति निष्ठा और लोकतंत्र में जनादेश का मतलब तो हमे समझाा रहे है, पर यह तो बताये की क्या यहीं लोकतंत्र है कि चुनावों में हार के बाद जनता से प्राथमिक सुविधाएं मात्र इसलिए छीनी जायेंगी की उन्होंने मोदी को वोट दिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 22 May 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रशासनिक कार्यों में लापरवाही बरतने एवं जनता की समस्याओं की उपेक्षा करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। यह जानकारी देते हुए शासन के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनके कार्यालय द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में जिलाधिकारियों/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों की उपस्थिति की औचक जानकारी दूरभाष द्वारा प्राप्त की गई, जिसमें 08 जनपदों के जिलाधिकारी एवं 10 जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुपस्थित पाए गए।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन सभी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि निर्धारित समय के दौरान कार्यालय में उपस्थित न रहने वाले तथा जनता की समस्याओं की अनदेखी करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा पहले ही अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है कि वे अपने कार्यालयों में प्रत्येक कार्य दिवस पर पूर्वान्ह 10 से 12 बजे तक उपस्थित रहकर जनता की शिकायतों एवं समस्याओं को सुनें और उनका समाधान कराएं। परन्तु मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा आज जब दूरभाष पर अधिकारियों की उपस्थिति की जानकारी ली गई तो 08 जिलाधिकारी और 10 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मौजूद नहीं पाए गए।
प्रवक्ता ने बताया कि जिन जनपदों के जिलाधिकारी अनुपस्थित पाए गए उनमें गोरखपुर, इटावा, बरेली, जौनपुर, गोण्डा, बलिया, मिर्जापुर तथा फिरोजाबाद शामिल हैं, जबकि संभल के जिलाधिकारी किसी बैठक में सम्मिलित थे। इसी प्रकार जनपद महराजगंज, अमेठी, शाहजहांपुर, महोबा, शामली, ललितपुर, श्रावस्ती, उन्नाव, मऊ तथा अमरोहा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुपस्थित पाए गए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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