समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि लोकतंत्र में चुनावों में हार-जीत एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। सन् 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को कांग्रेस कुशासन की प्रतिक्रिया में जीत मिल गई लेकिन अब उसके प्रदेशीय स्तर के नेता जो अनर्गल बयानबाजी करने लगे हैं उससे लगता है कि जीत का नशा उनके दिमाग पर चढ़ गया है। अहंकार का ऐसा प्रदर्शन अशोभनीय और अलोकतांत्रिक है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को अभी ही तीन साल आगे का सपना नजर आने लगा है। उनके अपने चश्मे के रंग में ही पूरा उत्तर प्रदेश रंगा नजर आता है। जाने कहां से उन्हें सरकार में अंतर्विरोध भी दिखाई देने लगा है। उनकी दशा बसपा अध्यक्षा की तरह हो गई है जो प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के दिन से ही समाजवादी पार्टी सरकार और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के खिलाफत में लग गई है।
भाजपा के ही एक दूसरे नेता भूतपूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में नया जनादेश लेने की सलाह मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को देने लगे हैं। उन्हें प्रचंड बहुमत की समाजवादी सरकार “अस्तित्वहीन“ दिखाई देने लगी है। इसे क्या कहेगें सिवाय इसके कि उन्हें वास्तविकता का आभास नहीं है।
यह कैसी विडम्बना है कि श्री नरेन्द्र मोदी संसद भवन की चैखट पर पहुॅचते ही उसका नमन करते हैं और लोकतंत्र के प्रति अपनी निष्ठा जताते है जिसे लगता है भाजपा के प्रदेश नेताओं ने नहीं देखा है। वे विपरीत आचरण कर रहे हैं। ऐसे लोगों में न तो संविधान के प्रतिनिष्ठा है और नहीं वे लोकतंत्र में जनादेश का मतलब समझते है। उनके इस तरह के व्यवहार के चलते तो केन्द्र में बैठे भाजपा नेताओं को संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि प्रदेश में अहंकार का ऐसा प्रदर्शन उन्हें जल्दी ही ले डूबेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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