Archive | January 26th, 2010

एलोपैथी व आयुर्वेदिक डॉक्टर लगाते हैं दूसरे की दवाओं में सेंध

Posted on 26 January 2010 by admin

लखनऊ- आयुर्वेद व एलोपैथी के बीच छिड़ी महाभारत के पीछे उनके बीच यह कैसी यारी है, आयुर्वेदिक दवा कंपनियां अपने कारोबार के लिए अब ऐलोपैथी के डॉक्टरों की मोहताज हो गई हैं। कानून की नज़र में यह सांठगांठ भले ही अपराध की कैटिगरी में आती हो लेकिन दोनों एक दूसरे की वजह से खूब फल-फूल रहे हैं। विदेशों में आयुर्वेद पर हमलों के बाद अब ये कंपनियां एलोपैथी के डॉक्टरों की और अधिक मोहताज हो जाएंगी।

भारत के आधुनिक पद्धति के डॉक्टरों के लिए बाइबिल समझी जाने दवा की किताब मिम्स इण्डिया के सबसे ताजा इशु में पहले पन्ने पर यही चेतावनी लिखी है- एलोपैथी के डॉक्टर मरीजों को आयूर्वेदिक दवा न लिखें, यह कानूनी अपराध है। लेकिन इस मामले में कानून के उल्लंघन का यह आलम है कि दिल्ली सहित दूसरे राज्यों की सरकारी ऐलोपैथिक डिस्पेंसरियों के लिए धड़ल्ले से आयुर्वेदिक दवाइयों की खरीद हो रही है और मॉडर्न तरीके से इलाज करने वाले डॉक्टर पुर्जे पर उन दवाइयों को लिख रहे हैं। आयुर्वेदिक कंपनियों की आवभगत के प्रभाव में आकर आम एलोपैथी के डॉक्टर आयुर्वेदिक दवाइंया लिखते हैं, हालांकि उन्हें खुद यह पता नहीं होता कि लिखी गई दवाई कितनी कारगर है।

देश में डॉक्टरों द्वारा दी जाने वाली सलाह और उनकी पर्ची की निगरानी में लगी एक एजेंसी से जुड़े सफदजंग अस्पताल के दवा एक्सपोर्ट के मुताबिक हाल के कुछ सालों में भारी संख्या में एलोपैथी के डॉक्टर अपने पुर्जो में आयुर्वेदिक दवाइंया लिखने लगे हैं।

आयुर्वेदिक कंपनी के एक आला अधिकारी ने कहा कि एलोपैथी के डॉक्टर भले ही आयुर्वेद पर लगातार हो रहे हमलों के मजे ले रहे हो लेकिन वे आयुर्वेदिक कंपनियों के हाथों मजे लूट रहे हैं। उन्होनें माना कि कारोबार के लिए देश के 4 लाख से अधिक एलोपैथी के डॉक्टरों पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। देश में करीब 1 लाख आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं लेकिन उनमें से अधितर, मरीजों का इलाज एलोपैथी दवा से करते हैं। मॉडर्न तरीके से इलाज करने वाले डॉक्टर अदालत के फैसले का हवाला देकर कहते हैं कि आयुर्वेदिक डॉक्टरों द्वारा एलोपैथी दवा लिखना गैरकानूनी है। वहीं आयुर्वेदिक डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें ऐसा करने  का अधिकार हैं।

सिंगापुर व अमेरिका में च्यवनप्राश सहित कई दवाइयों को हेवी मेटल की खासी मात्रा होने के नाम पर जहरीला करार देने के बाद एलोपैथी के डॉक्टरों का मनोबल थोड़ा बढ़ गया है। दवा के कारोबार के मामले में एलोपैथी व आयुर्वेद के बीच जो घालमेल है, वह उनकी इस लड़ाई की कलई खोलता है। आयुर्वेदिक हों या एलोपैथी के दोनों तरह के डॉक्टर एक दूसरे की दवा में सेंध लगा रहे है।,

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

पर्यटन विकास की पहल कब

Posted on 26 January 2010 by admin

ललितपुर -  जैसा कि नाम से ही उद्घोषित होता है सुन्दर नगर जो अपने आंचल में पर्यटकों को आकर्षित करने योग्य अनेक अनूठे स्थल छुपाये है जिस पर सरकार द्वारा थोड़ा सा ध्यान देने पर विश्व मानचित्र पर बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में ललितनगरी को स्थापित होने के साथ-साथ यहां के युवाओं को रोजगार के नये संसाधन उपलब्ध कराने का स्थल बन सकता है।lalit-pur-4

उत्तर मध्य रेलवे स्टेशन पर बीना-झांसी जंकशन के बीच स्थित ललितपुर रेलवे स्टेशन पर सभी प्रमुख सबारी गाड़ी रूकने के कारण बड़ी सख्या में पर्यटक आते है, यहां के ऐतिहासिक, पुरातत्वीय, पौराणिक, धार्मिक, औद्योगिक, प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक महत्व के स्थल एक ही जनपद में अन्यत्र कहीं मौजूद नहीं है। प्रकृति के अद्भुत नजारे आदिवासियों का कौतुहल पूर्ण जीवन, विंध्य पर्वत श्रृख्लाओं की गुफाओं में आदिमानवों द्वारा निर्मित शैलचित्रों की विविधता वेतवा नदी पर बना प्राकृति का अनूठा उपहार करकरावल का जल प्रपात, बारह मासी नदियां, हरे-भरे जंगल आध्यित्मक अनुभूतियों से साक्षात्कार कराती युग्म मूर्तियों से सुसज्जित देवगढ़  जहां किले के अन्दर चालीस जैन मिन्दरों की श्रृख्ला के अलावा अवतारवाद की परम्परा का वोध कराता दशावतार मिन्दर, जहां नर से नारायण बनने की कथा पाषाण खंड़ो पर उकेर कर शिल्पी ने आश्चर्य चकित कर दिया, सिद्ध की गुफा नवृराह मिन्दर, राजघाटी, थोड़ी दूरी पर स्थित रणछोर जी का मिन्दर, मुचकुन्द ऋषि की गुफा, जराखों, चान्दपुर जहांजपुर के चन्देल कालीन मिन्दर, दुधई के तन्त्र प्रणाली का ऐतिहासिक मिन्दर पाली का नीलकण्डेश्वर मिन्दर, मदनपुर की आल्हा ऊदल की बैठकी, पटना का पंाडवन, वालावेहट किले के महागणपति, अमृतझरा घाटी, बानपुर का किला, बार का चन्दनवन तथा झूमरनाथ मिन्दर, तालवेहट का मानसरोवर तालाव तथा महाराजा मर्दन सिंह का किला, सेरोन के जैन तथा हिन्दु मिन्दर, देवा माता, सिरसी की गढ़ी, ललितपुर नगर में सीतापाठ, नो मणि बत्तीस खम्मा युक्त बाबा सदन शाह की मजार, बजरिया का बांसा ग्यानानाला के पास स्थित हस्त कुठारों की निर्माण स्थली सुम्मेरा तालाब, जखौरा का पीतल शिल्पकला, कैलगंवा की गौरा पत्थर की कला के साथ बुढ़वार की चन्देरी साड़ी के साथ घने जंगलों में दहाड़ते शेर, गुर्राते तेन्दुए वन भैंसे, गौर, चीतल, हिरण, नीलगाय, आदि वन प्रणियों के संरझण के लिऐ बना भगवान महावीर वन्य विहार में तेन्दु, बीजा, साज, सेमल, खैर सागौन, बेर, जामुन, वेल, आंवला, करघई, गुरार, इमली, महुआ, चिरौंजी, वहेड़ा के साथ वनौषधि  नैसर्गिक रूप से पाई जाती है उनमें मुख्य है अश्वगंधा, सर्पगंधा, शतावर, हरी, वहेड़ा, सफेद मूसली, गुड़मार चिरायता, अर्जुन, ब्रजदन्ती, मोरसखा, घृतकुमारी, भृगंराज, क्रौचबीज, पीपल, गोखरू, निम्ब प्रमुख है। आधुनिक तीर्थ के रूप में विशाल जलराशि को बांधकर बनाये गये माताटीला बांध गोविन्द सागर बांध, रानी लक्ष्मी सागर, जामनी बांध, रोहिणी बांध, सजनाम बांध , शहजाद बांध जो पर्यटन के लिऐ आकर्षण का केन्द्र बन सकता है।lalitpur-2

ललितपुर अपने लालित्य के रूप में पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित 85 स्थलों के अतरिक्त प्राकृतिक और पौराणिक महत्व के अनेक अद्भुत स्थल छुपाये है लेकिन पर्यटन विकास के नाम पर सारे संसाधनों का उपयोग देवगढ़ तक ही सीमित रह गया है जिसमें मात्र एक पर्यटक आवास गृह तथा देवगढ़ किले तक सड़क निर्माण ही हो पाया है। टूटी-फूटी संड़को पर हिचकोले खाते पर्यटकों के लिए पर्यटन परिपथों एवं महत्वपूर्ण स्थलों पर आवासीय सुविधा, जलाशयों में मोटरवोट, ऐडवेंचर टूरिजम तथा इकोटूरिजम, शिल्प ग्राम तथा देवगढ़ के दशावतार मिन्दर प्रागण में प्रतिवर्ष नृत्य महोत्सव, ललितपुर महोत्सव जैसे आयोजन पर्यटकों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते है उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थल उत्तराखण्ड राज्य बन जाने के कारण उत्तराखण्ड में चले जाने के बाद प्रदेश ही नहीं अपितु देश में इतने विविधता पूर्ण शैव, वैष्णव जैन तथा मुस्लिम संप्रदायों के मठ, मिन्दर और मजारों के साथ आदि मानव से आधुनिक मानव की कला कृतियों से सुसज्जित एक आश्चर्य जनक मूर्ति लोक के रूप में उत्तर प्रदेश के अन्तिम छोर पर होने का अभिशाप सहने को मजबूर है लखनऊ और दिल्ली में पर्यटन विकास की योजना बनाने वाले आला अधिकारी यहां की सच्चाई से रूबरू न होने के कारण उपेक्षा का दंश देते रहते है जबकि ललितपुर में हर तरह के पर्यटन के लिए सभी कुछ तो मौजूद है।lalitpur-3

भक्ति संघ के अध्यक्ष प्रेमनारायण पाठक कहते है ललितपुर को पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए राज्य सरकार के दृढ़ संकल्पित न रहने के कारण महत्वपूर्ण मूर्तियों पर तस्करों की गिद्ध दृष्टि लगी हुई है नृवराह की मूर्ति वर्षो बाद भी पुलिस माल खाने में कैद है। स्थानीय दैनिक समाचार पत्र के संपादक विनीत चतुर्वेदी कहते है युवाओं को रोजगार दिलाने में सहायक पर्यटन उद्योग को विकसित करने के लिए सरकार के साथ जन भागीदारी सुनिश्चित की जाये होटल उद्योग को कई सुविधा देनी होगी तभी पर्यटकों को अच्छी आवासीय व्यवस्था सुलभ हो सकेगी पर्यटको के लिऐ स्थलों पर पहुचने के लिए सुगम मार्ग से लेकर सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था जरूरी है। आखिर एक पर्य क क्या चाहता है। दर्शनीय नैसर्गिक सौदंर्य, ऐतिहासिक धरोहर सुविकसित संस्कृति, विशिष्ट कलाऐं और पर्यटकों के लिऐ ढ़ेर सारी सुविधाए ही ललितपुर के लालित्य को निखार सकती है बस जरूरत है एक ठोस पहल की जो काम ज्यादा करे और ढिढोरा पीटे कम।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

गणतन्त्र दिवस पर कार्यक्रम आयोजित हुए

Posted on 26 January 2010 by admin

सुलतानपुर -  गणतन्त्र दिवस के मौके पर आज पुलिस लाईन प्रांगण में जिले के कई विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। सांस्कृतिक कार्यक्रम में कमला विद्या मन्दिर प्रथम, महर्षि विद्या मन्दिर द्वितीय व सेंट जेवियर्स विद्यालय तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त पुलिस परेड में अच्छे प्रदर्शन के लिए पुलिसकर्मियों में यातायात उप निरीक्षक राजेश मिश्रा, महिला थानाध्यक्ष पूनम अवस्थी आदि को जिला जज की  पत्नी के हाथों को पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम में विशेष रूप से पर्यटन मन्त्री विनोद सिंह, जिलाधिकारी शंकर लाल पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र वीर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी अजय मोहन शर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी अशोक कुमार शुक्ला व सभी क्षेत्राधिकारी गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहें

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

तीन दिवसीय युवा चेतना शिविर का शुभारंभ

Posted on 26 January 2010 by admin

सुलतानपुर -   व्यसनों में सलंग्न होकर दिशा हीन हो रही युवा पीढ़ी को सही दिशा देने के लिए शान्ति  कुंज हरिद्वार की ओर से गायत्री शक्ति पीठ पर तीन दिवसीय युवा चेतना शिविर का शुभारंभ हुआ।

इतिहास साक्षी है युवाओं के योगदान का विषय को केंद्रित कर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से युवाओं को शान्तिकुंज के साधक जमुनारानी अग्रवाल ने व्यवसनों में न भटकने शहीदों के स्वपनों का भारत निर्माण की परामर्श देते हुए उन्हें युवाओं का युग धर्म और आध्यात्म जीवन में अति आवश्यक है, तथा अभी नहीं तो  कभी नहीं का मिशन ने नारा याद दिलाया। श्रीमती जमुनारानी अग्रवाल ने कहा कि आज युवा पीढ़ी पश्चात्य संस्कृति की चकाचौंध में भटक कर तमाम व्यवसनों में संलग्न हो गई जिससे वह दिशाहीन हो रही है। युवा पीढ़ी का इतिहास में योगदान ही भारत के अस्तित्व को अभी तक कायम किये हुए है। युवा पीढ़ी के जीवन में परिवर्तन का एक मात्र साधन आध्यात्म ही है।

कार्यक्रम में शिविर प्रभारी प्रभाकर सक्सेना ने बताया कि शिविर में युवाओं से एक व्यवसन छोड़ने का संकल्प लिया जायेगा। कार्यक्रम में योगदान देने वालों में गौरव पाण्डेय, राकेश सिंह, पीयूष, सरजू आदि समाज सेवक मौजूद रहें

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

स्वतन्त्रता तथा राष्ट्र के स्वाभिमान की लड़ाई लड़नें को तत्पर

Posted on 26 January 2010 by admin

लखनऊ - लम्बे संघर्षो और बलिदानों के बाद मिली आजादी के बाद बने देश के संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की गारंटी दी गई। वाणी की स्वतन्त्रता,शान्तिपूर्ण विरोध को मान्यता दी गई। लेकिन आज प्रदेश की सरकार गांधी-लोहिया के सपनों को संजोए संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। प्रदेश में लोकतन्त्र का मजाक बना हुआ है। आज के दिन हम संकल्प लें कि लूट, भ्रष्टाचार और दमन की सरकार को हटाकर ही दम लेगें। समाजवादी पार्टी एकजुट होकर व्यक्ति की गरिमा, स्वतन्त्रता तथा राष्ट्र के स्वाभिमान की लड़ाई लड़नें को तत्पर हैं।26-01-2010-a1

उक्त उद्गार आज यहां नेता विरोधी दल श्री शिवपाल सिंह यादव ने गणतन्त्र दिवस पर पार्टी राज्य मुख्यालय में ध्वजारोहण के बाद उपस्थित कार्यकर्ताओं तथा नेताओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में ऐसी सरकार है जिसे देश के बलिदानी हीदों का सम्मान करना नहीं आता। उनकी मूर्तियॉ यहां नहीं लगती हैं। गांधी जी का कद छोटा किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी के 19 जनवरी के आन्दोलन को, जो मंहगाई, बेकारी,      भ्रष्टाचार पीड़ित जनता की मांगों को लेकर हुआ था, दबाने के लिए सत्ता का दुरूपयोग किया गया और कार्यकर्ताओं पर लाठियॉ बरसाई गई। मौलिक अधिकार छीने जा रहे हैं। पर हम डरने वाले नहीं, संघर्ष करने वाले लोग हैं।

इस अवसर पर सॉसद राम नारायण साहू, नेता प्रतिपक्ष श्री अहमद हसन तथा विधायक दाब फातिमा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन श्री राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश प्रवक्ता ने किया। गणतन्त्र दिवस समारोह में सॉसद भगवती सिंह, यशवन्त सिंह एमएलसी, विशम्भर प्रसाद निषाद एमएलए, प्रदेश कोषाध्यक्ष श्री राज किशोर मिश्र, सचिव श्री एस0आर0एस0 यादव, श्री जगजीवन प्रसाद, जिलाध्यक्ष अशोक यादव, महानगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित, श्रीमती लीलावती कुशवाहा, पूर्व विधायक रविदास मेहरोत्रा एवं शारदा प्रताप शुक्ला, डा0मधु गुप्ता, की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

इसके अतिरिक्त समारोह में सर्वश्री मो0शाहिद, जगन्नाथ यादव,एडवोकेट, मीरा शुक्ला, शान्ति यादव, जगदीप यादव, हनीफ खॉ, देवेन्द्र सिंह, राजपाल कश्यप, प्रवीन अय्यूब, एबाद हुसैन, विजय सिंह यादव, चन्द्रा रावत, धर्मानन्द तिवारी, आर0बी0 भाश्कर, जरीना उस्मानी, सहजराम,एडवोकेट, माला द्विवेदी, सागर यादव, राजा चतुर्वेदी, प्रेम प्रकाश वर्मा, बुक्कल नबाव, वी0सी0 मिश्रा, एडवोकेट, अशोक देव, फिदा हुसैन अंसारी, अनिल यादव, अशोक राय, रामशंकर यादव, नानकदीन भुर्जी, सुनील यादव, नरेन्द्रमणि त्रिपाठी, मुन्नी पाल, अर्चना राठौर, श्रीपति सिंह, श्रीमती विद्या यादव, श्रीमती अल्पना बाजपेयी, जय सिंह जयन्त, लता बंसल भी उपस्थित रहे।

गणतन्त्र दिवस पर 5, विक्रमादित्य मार्ग श्री मुलायम सिंह यादव के लखनऊ आवास पर प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने कन्नौज प्रस्थान करने के पूर्व राष्ट्रीय ध्वज फहराया। युवा संगठनों के प्रदेश कार्यालय पर छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री सुनील यादव ने झण्डा फहराया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

January 2010
M T W T F S S
    Feb »
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
-->









 Type in