लखनऊ- देवरिया सीट से चुनाव जीते संजीव द्विवेदी अब उच्च सदन के ‘माननीय‘ सदस्य हो गए हैं। उधर उन्हें जीत का प्रमाण मिला और इधर सरकार को उनकी सुरक्षा की फिक्र हो गई। यह वही ‘माननीय‘ संजीव द्विवेदी हैं, जिनके खिलाफ लखनऊ में ही गैंगस्टर एक्ट के तहत दो मुकदमें चल रहे हैं। आर्म्स एक्ट का भी उनके खिलाफ एक मुकदमा विचाराधीन है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 147, 148, 149, 447 के तहत भी वह आरोपी है। यह उनका मुकम्मल परिचय नहीं है। हत्या के प्रयास, लूट और गैंगस्टर एक्ट के पांच मुकदमों में सबूतों के अभाव में उन्हें ‘बाइज्जत‘ बरी भी किया जा चुका है।
‘माननीय’ सूरज भान इलाहाबाद सीट से विधान परिषद का चुनाव जीते हैं। सदन की गैलरी से जब गुजरेंगे उन्हें सैल्यूट मिलेंगे। प्रोटोकाल के तहत उन्हें डीएम और एसपी सलाम बजाएंगे लेकिन इलाहाबाद की कोर्ट में पेशी की तारीखों पर उनकी पुकार कत्ल के मुल्जिम के रूप में ही होगी। उनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, जान से मारने की धमकी, क्रिमनल एक्ट एससीएसटी एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमें चल रहे हैं।
बदायूं से चुनाव जीतने वाले जितेंद्र यादव भी क्रिमनल एक्ट के तहत आरोपी हैं लेकिन अब उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी यूपी पुलिस की हो गई है। उनके खिलाफ गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में दो मुकदमें चल रहे हैं। सरकारी कामकाज में बाधा, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी देना जैसे आरोपों में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 147, 353, 332, 504, 506 के तहत उन पर मुकदमें हैं। खैर अब वह भी ‘माननीय‘ सदस्य हो गए हैं। बलिया से चुनाव जीतने वाले रवि शंकर पप्पू के खिलाफ तो हत्या, लूट, साजिश रचने, जान से मारने की धमकी देने के आरोप में भारतीय दण्ड संहिता की धाराओं के साथ क्रिमनल एक्ट के तहत भी चार मुकदमें चल रहे हैं। लखनऊ से चुनाव जीतने वाले अरविंद त्रिपाठी राज्यसभा सदस्य बृजेश पाठक के साले हैं। सरकारी रिकार्डो में अब तक जब भी अरविंद त्रिपाठी का परिचय दर्ज होता था तो लिखा जाता था कि वह जमीन पर कब्जा करने, घर में घुसकर मारपीट करने, बलवा के आरोपी हैं। क्रिमनल एक्ट भी उनके खिलाफ लगा हुआ है लेकिन अब विधान परिषद के माननीय सदस्य हो गए हैं। अब वह सरकारी सुरक्षा में चलेंगे। आजमगढ़ से चुनाव जीतने वाले कैलाश अभी तक महाराष्ट्र में मुकदमा लड़ने के लिए जाते थे, तो एक साधारण नागरिक की हैसियत से जाते थे। उनके खिलाफ वहां आर्म्स एक्ट के साथ-साथ फर्जी अभिलेख तैयार करने, उसका इस्तेमाल करने जैसे संगीन अपराध में एक मुकदमा चल रहा है लेकिन अब अब जब वह अगली पेशी के लिए जाएंगे, वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के माननीय सदस्य के रूप में जाने जाएंगे। उनके साथ यूपी पुलिस भी होगी, जो उनकी सुरक्षा में तैयार होगी। मिर्जापुर-सोनभद्र से चुनाव जीतने वाले श्याम नारायन भी अब माननीय सदस्य हो गए हैं। उनके खिलाफ वाराणसी में आर्म्स एक्ट के तहत एक मुकदमा चल रहा है। प्रतापगढ़ से चुनाव जीतने वाले अक्षय प्रताप सिंह हत्या के प्रयास, बलवा, धोखाधड़ी, फर्जी अभिलेख तैयार करने, उनका इस्तेमाल करने जैसे संगीन अपराधों के मुल्जिम हैं। उनके खिलाफ तीन मुकदमें चल रहे हैं। एक मुकदमा आर्म्स एक्ट का भी है। वैसे पूर्व में भी वह विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। पिछली लोकसभा में वह प्रतापगढ़ के सांसद भी थे। झांसी-जालौन-ललितपुर से चुनाव जीते डा. संतराम, इनकी सिर पर किसी की जान लेने का आरोप है, यह बात और है उन पर यह आरोप गैर इरादतन है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 304 ए के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है। उरई में वह एक स्टील कम्पनी में निदेशक थे और दो मजदूरों की मौत जलकर हो गई थी। खैर डां संतराम अब विधान परिषद के सदस्य हो गए हैं। सोनिया गांधी के निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली से कांग्रेस के ही टिकट पर चुनाव जीतने वाले दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ भी तीन मुकदमें चल रहे हैं। रामपुर-बरेली से चुनाव जीते केसर सिंह के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 353 और 188 के तहत मुकदमा चल रहा है।
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Vikas Sharma
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