Posted on 30 November 2018 by admin
आगामी डेढ़ माह के अन्दर सोलर पम्प स्थापित किये जाने के निर्देश
-कृषि मंत्री
बैंक ड्राफ्ट अपलोड करने की अंतिम तिथि 12 दिसम्बर निर्धारित
लखनऊ: 30 नवम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने आज यहां अपने कार्यालय कक्ष में सोलर फोटोवोल्टाईक सिंचाई पम्प की स्थापना में ‘पहले बैंक ड्राफ्ट लाओ पहले सोलर पम्प पाओ’ योजना की अब तक के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन किसानों ने योजना के तहत अब तक बैंक ड्राफ्ट जमा कर दिए हैं, उनके यहां आगामी डेढ़ माह के अन्दर सोलर पम्प स्थापित कर दिए जाएं। इस कार्य में किसी भी तरह की शिथिलता नहीं आनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सोलर पम्प की स्थापना के लिए 125.94 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गये हैं।
बैठक में बताया गया कि अब तक 5307 किसानों ने योजना के तहत बैंक ड्राफ्ट जमा कर दिए हैं, जिसमें 3725 सोलर पम्पों की आपूर्ति किसानों को कर दी गयी है तथा अवशेष पर कार्यवाही चल रही है। इस योजना के तहत बैंक ड्राफ्ट विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने की अंतिम तिथि 12 दिसम्बर, 2018 तक कर दी गयी है।
बैठक में विशेष सचिव कृषि श्री प्रभात शर्मा, निदेशक नेडा श्रीमती अमृता सोनी, निदेशक कृषि श्री सोराज सिंह के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
Posted on 30 November 2018 by admin
ककून का उत्पादन 300 से बढ़ाकर 500 मैट्रिक टन किया जायेगा
-सत्यदेव पचैरी
रेशम उद्योग मंत्री द्वारा पांच दिवसीय ‘‘सिल्क एक्सपो-सिल्क कुम्भ’’ का शुभारम्भ
लखनऊ: 30 नवम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के रेशम उद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा कि रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रेलिंग मशीन लगाकर धागे का उत्पादन कराया जायेगा। जब धागे का उत्पादन बढे़गा, तभी किसानों को ककून का सही मूल्य मिलेगा। इससे किसान सम्पन्न हांेगे और उनकी आय भी दोगुनी होगी। उन्हांेने कहा कि वर्तमान में 300 मैट्रिक टन ककून का उत्पादन हो रहा है, जल्द ही इसको बढ़ाकर 500 मैट्रिक टन किया जायेगा।
श्री पचैरी ने यह बातें आज उ0प्र0 पर्यटन भवन में पांच दिवसीय ‘‘सिल्क एक्सपो-सिल्क कुम्भ 2018-19’’ का शुभारम्भ के अवसर पर कही। यह एक्सपो आगामी 04 दिसम्बर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रेशम उद्योग के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार सुलभ कराने, रेशम उद्योग का विकास कराने एवं जनसामान्य में रेशमी वस्त्रों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सिल्क एक्सपो का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिए नई पद्धति से पौधों का रोपण कराया जायेगा।
रेशम मंत्री ने कहा कि रेशम उद्योग के माध्यम से उन ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है, जिनके पास अपनी जमीन नही है। इससे लोगों का शहरों की ओर पलायान रूका है और ग्रामीणों को उनके ही गांव में रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि टसर रेशम उत्पादन की खपत प्रदेश में ही सुनिश्चित कराई जायेगी, जिससे व्यापारी टसर रेशम के वस्त्रों की बुनाई प्रदेश में ही करा सकें। उन्होंने कहा कि रेशम धागे की मांग एवं वर्तमान उत्पादन के मध्य उत्पन्न गैप को कम करने हेतु प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। रेशम उत्पादन के साथ-साथ रेशम उत्पादकों की आय दो-गुनी करने के लिए विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि सिल्क एक्सपो-सिल्क कुम्भ में स्वायल टू सिल्क की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से रेशम उत्पादन से वस्त्र उत्पादन तक की सभी विधाओं यथा-गुणवत्तायुक्त रेशम कीटाण्ड उत्पादन, रेशम कीटपालन, कोया उत्पादन, धागाकरण एवं वस्त्र निर्माण तक की गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया, जिससे आमजनमानस को शुद्ध सिल्क की पहचान तथा परीक्षण की व्यवस्था सिल्क एक्सपो मे करायी गई है।
सिल्क एक्सपो में सिल्क ट्रेडर्स द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी, रेशम विभाग द्वारा प्रदर्शित रेशम कीटपालन एवं उत्पादन का 05 दिवसीय (30 नवम्बर, 2018 से 04 दिसम्बर, 2018 तक) सजीव प्रदर्शन का अवलोकन किया जा सकता है। आयोजित सिल्क एक्सपो मे उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, झारखण्ड एवं मध्यप्रदेश राज्यों के 40 रेशम वस्त्र उत्पादकों एवं व्यापारियों द्वारा रेशम उत्पाद प्रदर्शित किये गये हैं।
Posted on 30 November 2018 by admin
समस्त जनपदों में 15 दिसम्बर तक यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए
स्टाक में पहले से उपलब्ध डी0ए0पी0 खाद का वितरण पहले करायें
मिलावटी खाद के विरूद्ध सघन चेकिंग अभियान चलाया जाय
-कृषि मंत्री
लखनऊ: 30 नवम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश में धान खरीद की धीमी रफ्तार पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए सम्बन्धित क्रय एजेन्सियों को धान खरीद की गति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नियमित रूप से क्रय केन्द्रों पर अधिकारी उपस्थित रहें तथा किसानों से धान की खरीद सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह शिकायत नहीं मिलनी चाहिए कि किसान क्रय केन्द्रों से बिना धान बेचे वापस लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर धान बेचने के लिए बाध्य न हो।
कृषि मंत्री आज यहां कृषि उत्पादन आयुक्त के सभागार में धान, मक्का, दलहन-तिलहन खरीद व उर्वरक वितरण के सम्बन्ध में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने मक्का खरीद के सम्बन्ध में निर्देश दिए कि जिन-जिन जिलों में मक्के की खरीद की जानी है, वहां इस बात की जानकारी किसानों को विज्ञापन के माध्यम से दी जाए कि कहां-कहां मक्के की खरीद किसानों से की जाएगी क्योंकि बहुत से मक्का किसानों को यह पता ही नहीं है कि वे अपना मक्का किस केन्द्र पर बेचें। इसी तरह उन्होंने उड़द, मूंग, मूंगफली आदि की खरीद की भी समीक्षा की।
कृषि मंत्री ने किसानों को समय से डी0ए0पी0 खाद का वितरण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह दुःख की बात है कि उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता होने के बावजूद यह शिकायत प्राप्त हो रही है कि किसानों को सहकारी समितियों से समय पर उर्वरक नहीं मिल पा रहा है, यह स्थिति अत्यन्त सोचनीय है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पहले से स्टाक में उपलब्ध उर्वरक को पहले किसानों में वितरण सुनिश्चित करायें तथा यह भी सुनिश्चित हो कि उन्हें पहले के एम0आर0पी0 पर ही खाद उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि डी0ए0पी0 1076 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक के मूल्य पर उपलब्ध है। ऐसी स्थिति में कम एम0आर0पी0 वाले खाद का वितरण पहले करें तथा स्टाक खत्म होने के बाद ही बढ़ी हुई दरों की खाद वितरित की जाय। उन्होंने अधिकारियों को सचेत करते हुए निर्देश दिए कि खाद वितरण में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि कम मूल्य की खाद को विशेष लोगों तक ही न वितरित किया जाय, बल्कि सर्व सामान्य किसानों को भी यह खाद आसानी से प्राप्त हो। साथ ही सभी जनपदों में आगामी 15 दिसम्बर तक पर्याप्त मात्रा में यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि मिलावटी खाद बाजार में न बिकने पाये। उन्होंने मिलावटी खाद के विरूद्ध विशेष रूप से बुलन्दशहर, मुजफ्फरनगर, बहराइच, गोंडा, सीतापुर आदि जनपदों में सघन चेकिंग कराये जाने के निर्देश दिए।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त डा0 प्रभात कुमार, विशेष सचिव श्री प्रशान्त शर्मा, निदेशक कृषि श्री सोराज सिंह के अलावा, सहकारिता, नेफेड, खाद्य विभाग, यूपी एग्रो आदि के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।