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रेशम उद्योग को बढ़ावा देने हेतु रेलिंग मशीन के माध्यम से धागे का उत्पादन कराया जायेगा

Posted on 30 November 2018 by admin

ककून का उत्पादन 300 से बढ़ाकर 500 मैट्रिक टन किया जायेगा
-सत्यदेव पचैरी

रेशम उद्योग मंत्री द्वारा पांच दिवसीय ‘‘सिल्क एक्सपो-सिल्क कुम्भ’’ का शुभारम्भ

लखनऊ: 30 नवम्बर, 2018

उत्तर प्रदेश के रेशम उद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा कि रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रेलिंग मशीन लगाकर धागे का उत्पादन कराया जायेगा। जब धागे का उत्पादन बढे़गा, तभी किसानों को ककून का सही मूल्य मिलेगा। इससे किसान सम्पन्न हांेगे और उनकी आय भी दोगुनी होगी। उन्हांेने कहा कि वर्तमान में 300 मैट्रिक टन ककून का उत्पादन हो रहा है, जल्द ही इसको बढ़ाकर 500 मैट्रिक टन किया जायेगा।
श्री पचैरी ने यह बातें आज उ0प्र0 पर्यटन भवन में पांच दिवसीय ‘‘सिल्क एक्सपो-सिल्क कुम्भ 2018-19’’ का शुभारम्भ के अवसर पर कही। यह एक्सपो आगामी 04 दिसम्बर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रेशम उद्योग के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार सुलभ कराने, रेशम उद्योग का विकास कराने एवं जनसामान्य में रेशमी वस्त्रों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सिल्क एक्सपो का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिए नई पद्धति से पौधों का रोपण कराया जायेगा।
रेशम मंत्री ने कहा कि रेशम उद्योग के माध्यम से उन ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है, जिनके पास अपनी जमीन नही है। इससे लोगों का शहरों की ओर पलायान रूका है और ग्रामीणों को उनके ही गांव में रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि टसर रेशम उत्पादन की खपत प्रदेश में ही सुनिश्चित कराई जायेगी, जिससे व्यापारी टसर रेशम के वस्त्रों की बुनाई प्रदेश में ही करा सकें। उन्होंने कहा कि रेशम धागे की मांग एवं वर्तमान उत्पादन के मध्य उत्पन्न गैप को कम करने हेतु प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। रेशम उत्पादन के साथ-साथ रेशम उत्पादकों की आय दो-गुनी करने के लिए विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि सिल्क एक्सपो-सिल्क कुम्भ में स्वायल टू सिल्क की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से रेशम उत्पादन से वस्त्र उत्पादन तक की सभी विधाओं यथा-गुणवत्तायुक्त रेशम कीटाण्ड उत्पादन, रेशम कीटपालन, कोया उत्पादन, धागाकरण एवं वस्त्र निर्माण तक की गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया, जिससे आमजनमानस को शुद्ध सिल्क की पहचान तथा परीक्षण की व्यवस्था सिल्क एक्सपो मे करायी गई है।
सिल्क एक्सपो में सिल्क ट्रेडर्स द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी, रेशम विभाग द्वारा प्रदर्शित रेशम कीटपालन एवं उत्पादन का 05 दिवसीय (30 नवम्बर, 2018 से 04 दिसम्बर, 2018 तक) सजीव प्रदर्शन का अवलोकन किया जा सकता है। आयोजित सिल्क एक्सपो मे उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, झारखण्ड एवं मध्यप्रदेश राज्यों के 40 रेशम वस्त्र उत्पादकों एवं व्यापारियों द्वारा रेशम उत्पाद प्रदर्शित किये गये हैं।

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