- राज्य सरकार का बजट पारित होने के फौरन बाद लघु व सीमान्त किसानों की फसली ऋण माफी की समतुल्य धनराशि बैंकों को उपलब्ध कराते हुए, किसानों को ऋण माफी सम्बन्धी प्रमाण-पत्र प्रदान किये जाएं: मुख्यमंत्री
- कर्ज माफी प्रमाण-पत्र 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों के बीच जाकर उपलब्ध कराए जाएंगे
- सभी बैंकों को यह निर्देश दे दिये जाएं कि राज्य सरकार का बजट पास होने तक वे इस योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों को कोई नोटिस न जारी करें
- योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित
- योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों के बैंक खातों को आधार से लिंक कराया जाए
- यह सरकार किसानों के कल्याण व उनकी खुशहाली के लिए संकल्पबद्ध
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने फसली ऋण योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए वित्त विभाग को प्रभावी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने राज्य सरकार का वर्ष 2017-18 का बजट पारित होने के तत्काल बाद लघु व सीमान्त किसानों की फसली ऋण माफी की समतुल्य धनराशि बैंकों को उपलब्ध कराते हुए, किसानों को ऋण माफी सम्बन्धी प्रमाण-पत्र प्रदान किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी प्रमाण-पत्र 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानांे के बीच जाकर उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने आज यहां शास्त्री भवन में लघु व सीमान्त किसानों की फसली ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिए कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत बजट पारित कराकर योजना को लागू किया जाए।
योगी जी ने कहा कि सभी बैंकों को स्पष्ट निर्देश दे दिये जाएं कि राज्य सरकार का बजट पास होने तक वे इस योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों को ऋण अदाएगी के लिए कोई नोटिस न जारी करें। उन्होंने निर्देशित किया कि तत्काल राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक आहूत कर इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किये जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके लिए जनपद स्तर पर सम्बन्धित जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाए, जिसमें कृषि तथा विकास से जुड़े विभागों एवं सूचना विभाग के जिलास्तरीय अधिकारी सदस्य के रूप में नामित किये जाएं। जिला कृषि अधिकारी इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि योजना का लाभ प्रत्येक लाभान्वित होने वाले किसान तक पहुंचे और सूचना वृहद् रूप से गांव-गांव तक पहुंचाई जाए।
यह भी तय किया गया कि योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों के बैंक खातों को आधार से लिंक कराया जाए। ऐसे किसानों से अपने बैंक खातों को आधार से जोड़े जाने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इस सम्बन्ध में बैंकों से आवश्यक समन्वय बनाते हुए आवश्यकतानुसार किसानों की के०वाई०सी० औपचारिकताएं भी पूर्ण करवाएं।
योगी जी ने कहा कि यह सरकार किसानों के कल्याण व उनकी खुशहाली के लिए संकल्पबद्ध है। वर्तमान सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में लघु व सीमान्त किसानों के 31 मार्च, 2016 तक के एक लाख रुपये तक के फसली ऋण को माफ किये जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था।
यह उल्लेखनीय है कि प्रदेश में मूल्य समर्थन योजना के तहत अब तक
32.16 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है, जो पिछले साल से 04 गुना अधिक है। अब तक गन्ना किसानों को 22,190 करोड़ रुपये से अधिक के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है। प्रदेश में चीनी का रिकाॅर्ड उत्पादन हुआ है।
बैठक में वित्त मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर, अपर मुख्य सचिव वित्त डाॅ० अनूप चन्द्र पाण्डेय तथा प्रमुख सचिव कृषि श्री रजनीश गुप्ता उपस्थित थे।