Posted on 09 June 2017 by admin
- आगामी सितम्बर, 2017 तक आधार बेस्ड पी0ओ0एस0 मशीनों को स्थापित एवं संचालित कराये जाने का लक्ष्य: राहुल भटनागर
- वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रदेश में 312 करोड़ डिजिटल ट्रान्जेक्शन के लक्षित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये राज्य में भुगतान से सम्बन्धित इन्फ्रास्ट्रक्चर का लक्ष्य निर्धारित करते हुये शीघ्रता से प्रयोग में लाना होगा: मुख्य सचिव
- नागरिकों को डिजिटल पेमेण्ट के माध्यम से भुगतान करने हेतु प्रेरित कर जागरूक किया जाये कि आगामी 03 माह के बाद डिजिटल पेमेण्ट के माध्यम से ही भुगतान करना आवश्यक होगा: राहुल भटनागर
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में डिजिटल पेमेण्ट को बढ़ावा देने हेतु सम्बन्धित विभागों को विभागवार लक्ष्य निर्धारित कर कार्य योजना को क्रियान्वित कराना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 63 प्रतिशत बैंक खातों को आधार कार्ड से लिंक कराया जा चुका है, अवशेष बैंक खातों को भी आधार कार्ड से लिंक कराने हेतु अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद एवं उर्वरकों का नियमानुसार उचित भुगतान भी डिजिटल पेमेण्ट के माध्यम से करने हेतु प्रेरित किया जाये। उन्होंने कहा कि डिजिटल पेमेण्ट के माध्यम से पेमेण्ट कराने हेतु सम्बन्धित उर्वरक एजेन्सियों द्वारा आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराने की जानकारी उपलब्ध करायी गई है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को डिजिटल पेमेण्ट के माध्यम से भुगतान करने हेतु प्रेरित कर उन्हें जागरूक किया जाये कि आगामी 03 माह के बाद डिजिटल पेमेण्ट के माध्यम से ही भुगतान करना आवश्यक होगा।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में डिजिटल पेमेण्ट को बढ़ावा देने हेतु सम्बन्धित विभागों की बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डिजिटल पेमेण्ट को बढ़ावा देना भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से है, जिसके माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जाना है। उन्होंने कहा कि बैंकों को 10 लाख नयी पी0ओ0एस0 मशीनों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि आगामी सितम्बर, 2017 तक आधार बेस्ड पी0ओ0एस0 मशीनों को स्थापित एवं संचालित कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि डाकघर, एफ0पी0एस0 तथा बैंकिंग संवाद्दाताओं के माध्यम से ग्रामीण एवं अर्द्धशहरी क्षेत्रों में डिजिटल पेमेण्ट्स को प्रोत्साहित किया जाये।
श्री भटनागर ने यह भी निर्देश दिये कि पेट्रोल पम्प, उर्वरक डिपो, नगर निकायों, ब्लाक आॅफिस, सड़क परिवहन कार्यालयों, विश्वविद्यालयों, काॅलेजों, अस्पतालों सहित अन्य संस्थानों में डिजिटल पेमेण्ट को प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में 312 करोड़ डिजिटल ट्रान्जेक्शन के लक्षित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये राज्य में भुगतान से सम्बन्धित इन्फ्रास्ट्रक्चर का लक्ष्य निर्धारित करते हुये शीघ्रता से प्रयोग में लाना होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन करने वाले उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिये आवश्यकतानुसार योजना बनाकर क्रियान्वित करायी जायें।
बैठक में अपर मुख्य सचिव सचिव आई0टी0 श्री संजीव सरन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
Posted on 09 June 2017 by admin
- योगाभ्यास कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराने के लिये सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिंग एवं नुक्कड़ कार्यक्रमों के माध्यम से आम नागरिकों को योग के प्रति जागरूक किया जाये: राहुल भटनागर
- कार्यक्रम स्थलों सहित समस्त स्थानों पर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराने हेतु व्यापक अभियान चलाया जाये: मुख्य सचिव
- प्रत्येक कार्यक्रम स्थल पर आवश्यकतानुसार आकस्मिक चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था अवश्य उपलब्ध हो: राहुल भटनागर
- योगाभ्यास कार्यक्रम को पर्व के रूप में मनाने हेतु व्यापक व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित करा ली जायें: मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर ने निर्देश दिये हैं कि आगामी 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर लखनऊ मुख्यालय सहित प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालय एवं ब्लाक एवं तहसील मुख्यालयों पर योगाभ्यास के भव्य कार्यक्रम आयोजित कराये जायें। उन्होंने कहा कि योगाभ्यास में आम जनसहभागिता सुनिश्चित कराने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये। कार्यक्रम स्थलों सहित समस्त स्थानों पर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराने हेतु व्यापक अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि योगाभ्यास के प्रशिक्षण की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराते हुये यह सुनिश्चित कराया जाये कि प्रत्येक कार्यक्रम स्थल पर आवश्यकतानुसार आकस्मिक चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था अवश्य उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि योगाभ्यास कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराने के लिये सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिंग एवं नुक्कड़ कार्यक्रमों के माध्यम से आम नागरिकों को योग के प्रति जागरूक किया जाये।
मुख्य सचिव आज योजना भवन में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से आगामी 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को पर्व के रूप में मनाये जाने हेतु मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों सहित पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि योगाभ्यास कार्यक्रम में सुरक्षा में ड्यिूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि योगाभ्यास कार्यक्रम का सजीव प्रसारण लखनऊ मुख्यालय से लेकर जनपद मुख्यालय एवं तहसील/ब्लाक मुख्यालय पर कराने हेतु इण्टरनेट की व्यवस्था भी सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि योगाभ्यास कार्यक्रम प्रारम्भ होने एवं समाप्त होने के दौरान आने जाने वाले प्रतिभागियों सहित आम जनता की सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जाये, ताकि एक साथ अधिक संख्या में लोगों के आने जाने में किसी प्रकार की असुरक्षा एवं असुविधा न होने पाये।
वीडियो कान्फ्रेन्सिंग में प्रमुख सचिव गृह श्री अरविन्द कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री सुलखान सिंह, सचिव आयुष मिशन श्री सुधीर दीक्षित एवं सूचना निदेशक श्री अनुज झा ने भी योगाभ्यास कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अपने विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।
Posted on 09 June 2017 by admin
सूचना विभाग में चल रही सोशल मीडिया कार्यशाला का समापन
प्रदेश के सूचना राज्य मंत्री डा0 नीलकंठ तिवारी ने कहा कि किसी भी सत्ता का सफल संचालन मजबूत सूचना तंत्र के बिना नहीं चल सकता। जनता के हित की सरकार के संचालन के लिए जनता के साथ संवाद होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत में सरकार और सत्ता के बीच विकसित सूचना तंत्र की समृद्ध परम्परा रही है, महाभारत काल में भी यही व्यवस्था थी। वैदिक काल में भी प्रबल सूचना तंत्र के पुष्ट प्रमाण मौजूद हैं।
श्री तिवारी ने आज सूचना भवन में ‘सरकारी कार्यों में सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग‘ के दूसरे दिन का शुभारम्भ करते हुए कहा कि सरकार का सूचना तंत्र राज्य की नीतियों, निर्णयों और योजनाओं को समयबद्ध एवं शीघ्रता से पहुंचाता है साथ ही जनता की पीड़ा सत्ता तक अवश्य पहुंचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतिम छोर पर बैठे हर व्यक्ति को सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार के हर निर्णय और नीति से अवगत कराना चाहिए। उन्होंने कहा सोशल मीडिया के माध्यम से कोई भी व्यक्ति सकारात्मक एवं रचनात्मक कार्य कर सकता है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के संचालन के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, हमारी कोशिश रहेगी कि प्रत्येक सूचनाकर्मी को समय-समय पर इसका प्रशिक्षण कराया जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव सूचना, श्री अवनीश अवस्थी ने कहा कि सोशल मीडिया एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिससे हम देश मे ही नहीं बल्कि विदेश के लोगों से भी तत्काल द्विपक्षीय संवाद स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ तथा सेवानिवृत्त व्यक्तियों के लिए तो सोशल मीडिया एक वरदान बन कर आया है। श्री अवस्थी ने कहा कि सूचना विभाग के समस्त अधिकारियों को जल्द ही हाई स्पीड इण्टरनेट कनेक्शन सहित स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जाएगा।
सूचना निदेशक श्री अनुज कुमार झा ने कार्यशाला में कहा कि सूचना विभाग तथा अन्य विभागों से आए अधिकारियों ने ट्विटर, फेसबुक तथा व्हाट्सएप आदि के बारे में बहुमूल्य सूचनाएं तथा जानकारियां हासिल की। उन्होंने इस प्रकार की कार्यशालाओं के नियमित आयोजन की बात कही।
कार्यशाला के दूसरे दिन पाॅलिसी प्रोग्राम मैनेजर, फेसबुक साउथ एशिया श्री नितिन सलूजा ने फेसबुक के समस्त तकनीकी तथा सृजनात्मक पक्षों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फिलहाल भारत में फेसबुक के 184 मिलियन यूजर हैं जिनमें 178 मिलियन यूजर मोबाइल फोन वाले हैं, और इनमें 95 मिलियन एक्टिव यूजर हैं। उन्होंने फेसबुक के सरकारी इस्तेमाल पर जोर देते हुए भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का उदाहरण दिया कि वह कितनी सफलता से फेसबुक के माध्यम से अपने शासकीय कार्य कर रहा है।
सोशल मीडिया एक्सपर्ट श्री निखिल श्रीवास्तव ने कहा कि सोशल मीडिया की भाषा वही होनी चाहिए जो आम बोलचाल की भाषा होती है। सरकारी कार्यालयों में प्रयोग होने वाली भाषा को सोशल मीडिया पर लोकप्रियता नहीं मिलती है।
इस अवसर पर ओ0एस0डी0 श्री कृपा शंकर यादव, विशेष सचिव श्री आर0पी0 सिंह, अपर निदेशक सूचना डा0 ज्ञानेश्वर त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक सूचना श्री अशोक कुमार बनर्जी सहित सूचना विभाग के समस्त अधिकारियों तथा 55 विभागों के अधिकारी इस कार्यशाला में शामिल हुए।
Posted on 09 June 2017 by admin
मुख्यमंत्री ने एक लाभार्थी को ई-ट्रांज़िट पास भी प्रदान किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां शास्त्री भवन में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा तैयार कराए गए ई-वेब पोर्टल को लाँच किया। इस पोर्टल के लागू हो जाने से अब खनिजों के परिवहन के लिए ई-ट्रांज़िट पास की व्यवस्था उपलब्ध हो गई है। इस अवसर पर उन्होंने एक लाभार्थी को ई-ट्रांज़िट पास प्रदान भी किया।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश में अभी तक खनिजों का परिवहन नियमानुसार राजकीय मुद्रणालयों में मुद्रित एम0एम0 11 प्रपत्रों पर होलोग्राम लगाकर किया जाता रहा है, जिसमें खनिजों की राॅयल्टी अग्रिम रूप से जमा करा कर खनिज कार्यालय द्वारा पट्टाधारकों को एम0एम0 11 की पुस्तकें जारी की जाती थीं। इसमें दो प्रतिपर्ण पट्टाधारक/परिवहनकर्ता को दिया जाता था तथा एक प्रतिपर्ण कार्यालय में जमा करा लिया जाता था। काफी अधिक संख्या में एम0एम0 11 की पुस्तकें होने के कारण इनके रख-रखाव में जिला खनिज कार्यालयों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही, इसके दुरुपयोग की भी सम्भावना बनी रहती थी। साथ ही, जनपदों से खनिजों के परिवहन में उपयोग होने वाले एम0एम0 11 की कूटरचित होने की शिकायतें भी शासन स्तर पर प्राप्त होती रहती थीं।
नई व्यवस्था के अंतर्गत प्रत्येक पट्टाधारक को लाॅगिन आई0डी0 व पासवर्ड उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके माध्यम से पट्टाधारक ई0 एम0एम0 11 जनरेट कराए जाने हेतु प्रोफार्मा भरकर मात्रा के सापेक्ष देय धनराशि आॅनलाइन जमा करेगा। तत्पश्चात् पट्टाधारक का ई-अभिवहन प्रपत्र जनरेट हो जाएगा, जिसे वह प्रिन्ट के माध्यम से हार्ड काॅपी में प्राप्त कर सकता है तथा वह उसकी साॅफ्ट काॅपी को भी प्रयोग में ला सकता है।
ई एम0एम0 11 लागू होने से अभिवहन प्रपत्र जारी करने की पूरी प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिसमें पट्टेधारकों को कार्यालय की जटिल प्रक्रिया से निजात मिलेगी। इसमें एक तरफ पट्टेधारकों को बार-बार कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी। ई-अभिवहन प्रपत्र पर सम्पूर्ण डाटा Encrypted Data के रूप में बार कोड में मौजूद रहेगा, जो आसानी से Decrypt नहीं किया जा सकता है, जिससे इसके दुरुपयोग की सम्भावना न के बराबर होगी। अब खनिजों के डिस्पैच को ट्रैक किया जाना आसान होगा। इसके अलावा खनिज विभाग के अधिकारियों को प्रपत्र एम0एम0 11 के रख-रखाव की समस्या से भी निजात मिलेगी। एम0एम0 11 के दुरुपयोग की ऐसी शिकायतें प्राप्त होती थीं कि एक ही रवन्ने से कई-कई वाहन निकाले जाते हैं तथा एम0एम0 11 पर ओवर राइटिंग/कूटरचित करके प्रयोग में लाया जाता है, अब इस समस्या से भी निजात मिलेगी।
एम0एम0 11 प्रपत्र के मुद्रण व होलोग्राम में लगभग 35 लाख रुपए का प्रतिवर्ष व्यय होता है। ई एम0एम0 11 जारी होने से इस शासकीय धनराशि की बचत होगी। प्रदेश में समस्त खनिजों के परिवहन के लिए ई एम0एम0 11 की व्यवस्था की जा रही है। खनिजों की उपलब्धता व पट्टों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए साधारण बालू/मौरंग हेतु 02 माह में पूर्ण रूप से ई एम0एम0 11 एवं स्वस्थाने किस्म की चट्टानों के लिए 06 माह में ई एम0एम0 11 की व्यवस्था लागू कर दी जाएंगी। तब तक तक दोनों व्यवस्थाएं समान रूप से चलेंगी। इसके पश्चात् सम्पूर्ण प्रदेश में खनिजों के परिवहन हेतु ई-अभिवहन प्रपत्र का प्रयोग किया जाएगा।