Archive | June, 2017

मुख्यमंत्री ने भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के ई-वेब पोर्टल को लाँच किया

Posted on 09 June 2017 by admin

मुख्यमंत्री ने एक लाभार्थी को ई-ट्रांज़िट पास भी प्रदान किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां शास्त्री भवन में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा तैयार कराए गए ई-वेब पोर्टल को लाँच किया। इस पोर्टल के लागू हो जाने से अब खनिजों के परिवहन के लिए ई-ट्रांज़िट पास की व्यवस्था उपलब्ध हो गई है। इस अवसर पर उन्होंने एक लाभार्थी को ई-ट्रांज़िट पास प्रदान भी किया।

ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश में अभी तक खनिजों का परिवहन नियमानुसार राजकीय मुद्रणालयों में मुद्रित एम0एम0 11 प्रपत्रों पर होलोग्राम लगाकर किया जाता रहा है, जिसमें खनिजों की राॅयल्टी अग्रिम रूप से जमा करा कर खनिज कार्यालय द्वारा पट्टाधारकों को एम0एम0 11 की पुस्तकें जारी की जाती थीं। इसमें दो प्रतिपर्ण पट्टाधारक/परिवहनकर्ता को दिया जाता था तथा एक प्रतिपर्ण कार्यालय में जमा करा लिया जाता था। काफी अधिक संख्या में एम0एम0 11 की पुस्तकें होने के कारण इनके रख-रखाव में जिला खनिज कार्यालयों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही, इसके दुरुपयोग की भी सम्भावना बनी रहती थी। साथ ही, जनपदों से खनिजों के परिवहन में उपयोग होने वाले एम0एम0 11 की कूटरचित होने की शिकायतें भी शासन स्तर पर प्राप्त होती रहती थीं।
नई व्यवस्था के अंतर्गत प्रत्येक पट्टाधारक को लाॅगिन आई0डी0 व पासवर्ड उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके माध्यम से पट्टाधारक ई0 एम0एम0 11 जनरेट कराए जाने हेतु प्रोफार्मा भरकर मात्रा के सापेक्ष देय धनराशि आॅनलाइन जमा करेगा। तत्पश्चात् पट्टाधारक का ई-अभिवहन प्रपत्र जनरेट हो जाएगा, जिसे वह प्रिन्ट के माध्यम से हार्ड काॅपी में प्राप्त कर सकता है तथा वह उसकी साॅफ्ट काॅपी को भी प्रयोग में ला सकता है।
ई एम0एम0 11 लागू होने से अभिवहन प्रपत्र जारी करने की पूरी प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिसमें पट्टेधारकों को कार्यालय की जटिल प्रक्रिया से निजात मिलेगी। इसमें एक तरफ पट्टेधारकों को बार-बार कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी। ई-अभिवहन प्रपत्र पर सम्पूर्ण डाटा Encrypted Data के रूप में बार कोड में मौजूद रहेगा, जो आसानी से Decrypt नहीं किया जा सकता है, जिससे इसके दुरुपयोग की सम्भावना न के बराबर होगी। अब खनिजों के डिस्पैच को ट्रैक किया जाना आसान होगा। इसके अलावा खनिज विभाग के अधिकारियों को प्रपत्र एम0एम0 11 के रख-रखाव की समस्या से भी निजात मिलेगी। एम0एम0 11 के दुरुपयोग की ऐसी शिकायतें प्राप्त होती थीं कि एक ही रवन्ने से कई-कई वाहन निकाले जाते हैं तथा एम0एम0 11 पर ओवर राइटिंग/कूटरचित करके प्रयोग में लाया जाता है, अब इस समस्या से भी निजात मिलेगी।
एम0एम0 11 प्रपत्र के मुद्रण व होलोग्राम में लगभग 35 लाख रुपए का प्रतिवर्ष व्यय होता है। ई एम0एम0 11 जारी होने से इस शासकीय धनराशि की बचत होगी। प्रदेश में समस्त खनिजों के परिवहन के लिए ई एम0एम0 11 की व्यवस्था की जा रही है। खनिजों की उपलब्धता व पट्टों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए साधारण बालू/मौरंग हेतु 02 माह में पूर्ण रूप से ई एम0एम0 11 एवं स्वस्थाने किस्म की चट्टानों के लिए 06 माह में ई एम0एम0 11 की व्यवस्था लागू कर दी जाएंगी। तब तक तक दोनों व्यवस्थाएं समान रूप से चलेंगी। इसके पश्चात् सम्पूर्ण प्रदेश में खनिजों के परिवहन हेतु ई-अभिवहन प्रपत्र का प्रयोग किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने जन शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण में सबसे ज्यादा खराब प्रदर्शन करने वाले 10 जनपदों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगें जाने के निर्देश दिए

Posted on 07 June 2017 by admin

10 जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों का जवाब-तलब किए जाने के भी निर्देश
लखनऊ, हरदोई, गौतमबुद्ध नगर, कानपुर नगर, गोरखपुर, इलाहाबाद, सीतापुर, आगरा, जौनपुर तथा खीरी जनपदों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाए
लखनऊ, हरदोई, गोरखपुर, खीरी, सीतापुर, बहराइच, जौनपुर, इलाहाबाद, फिरोजाबाद तथा मैनपुरी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों का जवाब-तलब किया जाए
जन-शिकायतों का समयबद्ध तथा गुणवत्तापूर्ण निस्तारण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल, इस सम्बन्ध में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जन शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण में सबसे ज्यादा खराब प्रदर्शन करने वाले 10 जनपदों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगें जाने के निर्देश दिए है। इसी क्रम में उन्होंने 10 जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों का जवाब-तलब किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जन-शिकायतों का निर्धारित समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण निस्तारण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है और इस सम्बन्ध में लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री जी ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि वे इन अधिकारियों का स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुए जन-शिकायतों के निस्तारण में अपेक्षित गति लाया जाना सुनिश्चित करें। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री जी द्वारा लोक-शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा की गईं थी। उन्होंने अधिक संख्या में संदर्भाें के अनिस्तारित रहने को चिन्ताजनक बताते हुए इन अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किए जाने का फैसला लिया है।
जन-शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण में सर्वाधिक खराब प्रदर्शन करने वाले 10 जनपदों के तहत लखनऊ, हरदोई, गौतमबुद्ध नगर, कानपुर नगर, गोरखपुर, इलाहाबाद, सीतापुर, आगरा, जौनपुर तथा खीरी जनपदों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए हैं। इसी प्रकार मुख्यमंत्री जी ने लखनऊ, हरदोई, गोरखपुर, खीरी, सीतापुर, बहराइच, जौनपुर, इलाहाबाद, फिरोजाबाद तथा मैनपुरी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों का जवाब-तलब किए जाने के निर्देश दिए हैं।

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मुख्यमंत्री ने जनता की समस्याओं को सुना

Posted on 06 June 2017 by admin

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर जनता की समस्याओं को सुना। प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों से आए लोगों ने अपनी विभिन्न समस्याओं से सम्बन्धित आवेदन पत्र मुख्यमंत्री जी को दिए। मुख्यमंत्री जी ने जनता को उनकी शिकायतों पर शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया तथा अधिकारियों को जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए।

01-10जनपद सम्भल से आयीं सुश्री कमर जहां ने मुख्यमंत्री जी से राशन कार्ड के लिए आग्रह किया। वहीं कन्नौज की सुश्री वैशाली ने अपनी पुत्री के स्कूल में दाखिले व फीस माफी का अनुरोध किया। इसी प्रकार बस्ती निवासी श्री राजेश ने वृद्धावस्था पेंशन का निवेदन किया।
इनके अलावा भी बड़ी संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर अपनी-अपनी समस्याओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री जी ने सभी मामलों में प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।

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मुख्यमंत्री से यू0एस0 इण्डिया बिजनेस काउंसिल के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की

Posted on 06 June 2017 by admin

  • शिक्षा, स्वास्थ्य, विश्वस्तरीय मेडिकल डिवाइसेज जैसे स्टेण्ट के उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, पेयजल तकनीक, टेक्नोलाॅजी, पर्यटन इत्यादि क्षेत्रों में सहयोग की इच्छा जतायी
  • प्रतिनिधिमण्डल ने वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णयों की खुले मन से प्रशंसा की
  • मुख्यमंत्री ने राज्य की नीतियों एवं उद्देश्यों के अनुरूप आपसी सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करने की इच्छा व्यक्त की

press-01-2उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से आज यहां शास्त्री भवन, लखनऊ में यू0एस0 इण्डिया बिजनेस काउंसिल के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की। डाॅ0 मुकेश आघी के नेतृत्व में आए इस प्रतिनिधिमण्डल ने वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णयों की खुले मन से प्रशंसा की और कहा कि ये सभी फैसले प्रदेश के विकास में निर्णायक साबित होंगे।
प्रतिनिधिमण्डल ने राज्य में शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, विश्वस्तरीय मेडिकल डिवाइसेज जैसे स्टेण्ट के उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, पेयजल तकनीक, टेक्नोलाॅजी, पर्यटन इत्यादि क्षेत्रों में सहयोग की इच्छा जतायी। श्री आघी ने बताया कि यह काउंसिल भारत और अमेरिका के मध्य व्यापार को प्रोत्साहन देने का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में काउंसिल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के विकास कार्यक्रमों में अपना सहयोग देना चाहती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमण्डल के प्रस्तुतिकरण को ध्यान से देखा और राज्य की नीतियों एवं उद्देश्यों के अनुरूप आपसी सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की गरीब, शोषित, वंचित जनता के उत्थान के लिए कटिबद्ध है और वह इसी दिशा में काम कर रही है।
बैठक में मौजूद मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर ने राज्य सरकार की ओर से यू0एस0 इण्डिया बिजनेस काउंसिल के प्रतिनिधियों को प्रदेश की विभिन्न नीतियों एवं कार्यक्रमों के विषय में जानकारी दी और भविष्य में आपसी सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करने की इच्छा जतायी।
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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6 माह में राज्य के 100 चिकित्सालयों को ई-हाॅस्पिटल योजना से आच्छादित किया जाएगा

Posted on 06 June 2017 by admin

  • जिन वादों में राज्य सरकार पक्षकार है, उन सभी मुकदमों की समीक्षा करते हुए प्रदेश सरकार यथावश्यक निर्णय लेगी: मुख्यमंत्री
  • त्वरित न्याय के लिए 10 वर्ष से पूर्व के मुकदमों की भी समीक्षा की जाएगी
  • झांसी एवं गोरखपुर में एक-एक हजार तथा चित्रकूट में पांच सौ सीटों का बी०पी०ओ० खोले जाने के निर्देश
  • वाराणसी एवं अयोध्या में एन0आई0ई0एल0आई0टी0 की स्थापना के लिए राज्य सरकार हर सम्भव सहयोग प्रदान करेगी: योगी जी
  • डिजिटल पेमेण्ट को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के सभी विभागों का लक्ष्य निर्धारित
  • सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार समाप्त करने तथा पारदर्शिता लाने के लिए आधार से जोड़ने का प्रयास
  • राज्य सरकार को कम से कम वर्तमान की अपेक्षा तीन गुना आई0टी0 साॅफ्टवेयर निर्यात करने के लिए गम्भीरता से काम करना होगा: रविशंकर प्रसाद
  • मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय विधि एवं न्याय तथा संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की

press-4उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने केन्द्रीय विधि एवं न्याय तथा संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद के साथ आज यहां शास्त्री भवन में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। इस बैठक में प्रदेशवासियों को त्वरित एवं पारदर्शी सुविधा प्रदान करने एवं नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न इलेक्ट्राॅनिक्स योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही, वादकारियों को त्वरित न्याय उपलब्ध कराने के लिए भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। इस मौके पर फैसला किया गया कि केन्द्र सरकार राज्य के 100 चिकित्सालयों को अगले 6 माह में ई-हाॅस्पिटल योजना से आच्छादित करेगी। इसके लिए राज्य सरकार आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी। इस समय राज्य के 3 चिकित्सालयों में ही यह योजना लागू हैं, जिनमें डाॅ0 राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय, डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय एवं के०जी०एम०यू० शामिल हैं। स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टिकोण से इस योजना के तहत लोगों को घर बैठे पंजीयन की सुविधा मिलेगी।
लम्बित वादों की संख्या को देखते हुए योगी जी ने कहा कि जिन वादों में राज्य सरकार पक्षकार है, उन सभी मुकदमों की समीक्षा करते हुए प्रदेश सरकार यथावश्यक निर्णय लेते हुए प्रकरणों को न्यायालय से बाहर सुलझाने का काम करेगी, जिससे वादों की संख्या घटे और लोगों को त्वरित न्याय मिले। इसी प्रकार, 10 वर्ष से पूर्व के मुकदमों की भी समीक्षा करते हुए राज्य सरकार की तरफ से हर सम्भव सहयोग प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, जिससे इन मुकदमों का शीघ्र निपटारा हो सके।
इस मौके पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आई०टी० के उपयोग की अपार संभावनाएं हैं। केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी के सपनों को साकार करने के लिए पूरी गम्भीरता से काम कर रही है। बैठक में केन्द्र सरकार के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि केन्द्र सरकार द्वारा छोटे नगरों में आई०टी० के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कुल 52 हजार सीटों के बी०पी०ओ० स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के लिए 8,880 सीट लक्षित की गई हैं। इस क्रम में, बरेली व गाजीपुर में 200-200, कानपुर में 300, लखनऊ में 830, उन्नाव, झांसी एवं इलाहाबाद में 100-100 तथा टी०सी०एस० के माध्यम से वाराणसी में 1000 सीट का बी०पी०ओ० स्थापित किया जा रहा है। वाराणसी के बी०पी०ओ० में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इस क्रम में, मुख्यमंत्री जी ने झांसी में 1000, चित्रकूट में 500 के अलावा गोरखपुर में 1000 सीट क्षमता के बी०पी०ओ० की स्थापना कराने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों को आवश्यक प्रबन्ध करने के निर्देश दिए।
योगी जी ने कहा कि इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम करने की योजना बनायी गयी है। राज्य सरकार शीघ्र नई औद्योगिक नीति लागू करेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि नई औद्योगिक नीति के फलस्वरूप अगले 02 सालों में प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश सम्भव हो सकेगा, जिससे यहां के नौजवानों को राज्य में ही रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि इलेक्ट्राॅनिक्स कम्पनियां नोएडा के अलावा प्रदेश के अन्य शहरों में भी निवेश के लिए आगे आएं। उन्होंने उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग का हब बनाने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार गे्रटर नोएडा में स्थापित हो रहे तीनों इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए पूरा सहयोग प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के नौजवानों में डिजिटल स्किल बढ़ाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ इलेक्ट्राॅनिक्स एण्ड आई0टी0 (एन0आई0ई0एल0आई0टी0) की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि इसके अधिक से अधिक केन्द्र उत्तर प्रदेश में खोले जाने चाहिए। उन्होंने पहले से स्थापित लखनऊ एवं गोरखपुर एन0आई0ई0एल0आई0टी0 की कठिनाइयों को दूर करने का आश्वासन देते हुए कहा कि वाराणसी और अयोध्या में भी इस प्रकार के केन्द्र स्थापित करने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव सहयोग प्रदान करेगी।
योगी जी ने कहा कि भारत नेट के माध्यम से गांवों को आॅप्टिकल फाइबर के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश के सभी सांसदों द्वारा चयनित तीन-तीन आदर्श गांवों को वाईफाई की सुविधा से जोड़ने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि इन गांवों में प्रदेश व केन्द्र सरकार की सभी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कराया जाएगा। डिजिटल पेमेण्ट को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के सभी विभागों को लक्ष्य निर्धारित कर दिए गए हैं। सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार समाप्त करने तथा पारदर्शिता लाने के लिए योजनाओं को आधार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। नई खनन नीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें ई-टेण्डरिंग एवं जी0आई0एस0 बेस्ड माइनिंग की व्यवस्था की गई है।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश द्वारा अभी करीब 18 हजार करोड़ रुपए का निर्यात साॅफ्टवेयर के क्षेत्र में किया जाता है, जो सम्भावना से काफी कम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को कम से कम वर्तमान की अपेक्षा तीन गुना निर्यात करने के लिए गम्भीरता से काम करना होगा। उन्होंने वर्तमान राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि बहुत कम समय में नोएडा में सैमसंग कम्पनी को अपनी यूनिट विस्तारित करने का मौका दे दिया गया। दिनांक 07 जून, 2017 को इस कम्पनी का काम शुरू होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश मोबाइल मैनुफैक्चरिंग का हब बन चुका है, जिसके माध्यम से करीब 30 हजार लोगों को डायरेक्ट तथा 60 हजार लोगों को इनडायरेक्ट रोजगार के अवसर मिले हैं।
बैठक में औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना, विधायी एवं न्याय मंत्री श्री बृजेश पाठक, सचिव आई0टी0, भारत सरकार सुश्री अरुणा सुन्दराजन, सचिव विधि एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार सुश्री स्नेहलता श्रीवास्तव, अपर सचिव आई0टी0, भारत सरकार श्री अजय कुमार, केन्द्र एवं राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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राज्य सरकार गरीबों, वंचितों, महिलाओं को त्वरित, सस्ता एवं सुलभ न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री

Posted on 06 June 2017 by admin

वर्तमान न्यायिक व्यवस्था में नये प्रयोगों को बढ़ावा देते हुए लोगों को शीघ्र न्याय उपलब्ध कराया जाए
‘टेली लाॅ सर्विस काॅमन सर्विस सेण्टर्स’ की स्थापना गरीबों, वंचितों, महिलाओं और जरूरतमन्दों को सस्ता, सुलभ और त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
प्राचीन भारत की न्याय व्यवस्था काफी उन्नत, समृद्ध और तार्किक रही है, क्योंकि यह सामाजिक मूल्यों और अवधारणाओं पर टिकी
मुख्यमंत्री ने पंच परमेश्वर की अवधारणा को पुनर्जीवित करने की वकालत की
‘काॅमन सर्विस सेण्टर्स’ गरीबों को विभिन्न मामलों पर न्यायिकपरामर्श देने के साथ-साथ सस्ता न्याय भी शीघ्र उपलब्ध करा सकेंगे
डिजिटल इण्डिया का न्यायिक श्रीगणेश आज इस कार्यक्रम के माध्यम से हो रहा है: केन्द्रीय विधि, न्याय एवं आई०टी० मंत्री
डिजिटल इण्डिया एक ‘ट्रांसफाॅर्मेशन प्रोग्राम’
आई०टी० के प्रयोग से आज गरीब इम्पावर्ड महसूस कर रहा है
मुख्यमंत्री जी ने ‘मेनस्ट्रीमिंग आॅफ टेली लाॅ सर्विस थ्रू काॅमन सर्विस सेण्टर्स’ कार्यक्रम को सम्बोधित किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार गरीबों, वंचितों, महिलाओं को त्वरित, सस्ता एवं सुलभ न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह तभी सम्भव है जब वर्तमान न्यायिक व्यवस्था में नये प्रयोगों को बढ़ावा देते हुए लोगों को शीघ्र न्याय उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि लोक अदालत की वर्तमान व्यवस्था इस दिशा में कारगर साबित हो रही है।
press-2मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘मेनस्ट्रीमिंग आॅफ टेली लाॅ सर्विस थ्रू काॅमन सर्विस सेण्टर्स’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के गरीबों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के सपने को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण तथा उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सम्मिलित प्रयासों से ‘टेली लाॅ सर्विस काॅमन सर्विस सेण्टर्स’ की स्थापना गरीबों, वंचितों, महिलाओं और जरूरतमन्दों को सस्ता, सुलभ और त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न्याय के क्षेत्र में एक नई क्रान्ति का शुभारम्भ है। उन्होंने जनता को सस्ता, सुलभ व त्वरित न्याय दिलाने के लिए लागू की जा रही इस सर्विस का स्वागत करते हुए कहा कि इसके माध्यम से न्यायालय के वादों का त्वरित निस्तारण सम्भव हो सकेगा और लोगों को शीघ्र न्याय मिल सकेगा।
वर्तमान न्याय प्रणाली का जिक्र करते हुए योगी जी ने कहा कि इस पर मुख्य रूप से ब्रिटेन का प्रभाव दिखता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत की न्याय व्यवस्था काफी उन्नत, समृद्ध और तार्किक रही है, क्योंकि यह सामाजिक मूल्यों और अवधारणाओं पर टिकी थी। धर्म का दायरा काफी व्यापक एवं जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में व्याप्त था। उसी क्रम में न्याय व्यवस्था भी धर्म में समाहित थी। वैदिक साहित्य, धर्म सूत्रों और स्मृति ग्रन्थों में न्याय प्रक्रिया तथा दण्ड निरूपण का वर्णन विस्तार से मिलता है। प्राचीन न्याय व्यवस्था में व्यवहार तथा अपराध को परिभाषित करने, उनकी सीमाएं निश्चित करने तथा उनके उल्लंघन से सम्बन्धित समाधान का भी उल्लेख मिलता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राचीन व्यवस्था में धर्म की मान्यता संकुचित न होकर काफी व्यापक है। धर्म की मान्यता दैव निर्मित एक आचार संहिता के रूप में मान्य थी। राजा, जिसे धर्म रक्षक के तौर पर मान्यता मिली हुई थी वह स्वयं धर्म के आधीन था। धर्म का निर्देशन वेदों ने किया, कालान्तर मंे धर्मशास्त्र ग्रन्थों की रचना हुई। जिसमें धर्म का निर्देशन करने के साथ ही, धर्म विरुद्ध कार्य करने वाले के लिए अनेक प्रायश्चितों के साथ ही विभिन्न प्रकार के दण्डों का निर्धारण भी किया गया। इस प्रकार, पाप और प्रायश्चित तथा अपराध एवं दण्ड की अवधारणाएं हमारे देश में विकसित हुईं।
योगी जी ने कहा कि प्राचीन भारत की राजतंत्रात्मक एवं गणतंत्रात्मक दोनों शासन व्यवस्थाओं में विभिन्न प्रकार की न्याय प्रणालियों का विकास करके उनका अनुपालन कराया जाता रहा है। यहां तक कि ब्रिटिश भारतीय न्यायालयों में भी अपने समय में भारतीय न्याय व्यवस्था की मौलिकता को स्वीकार किया गया है। वर्तमान में हमारे न्यायालय आवश्यकतानुसार कतिपय परिवर्तनों एवं परिवर्धनों के साथ इसे मान्यता प्रदान करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में राज्य के विभिन्न न्यायालयों में सिविल एवं दाण्डिक वाद बड़ी संख्या में लम्बित हैं, जिनके चलते हमें इनके निस्तारण के लिए न्यायेतर व्यवस्था की आवश्यकता है। इसी क्रम में, केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश शासन द्वारा स्थायी लोक अदालतों का गठन किया गया है, जिनके माध्यम से बड़ी संख्या में आपसी सहमति से वादों के निस्तारण में सफलता मिली है। उन्होंने पंच परमेश्वर की अवधारणा को पुनर्जीवित करने की वकालत की और कहा कि यदि हम इसे फिर से लागू कर सकें तो बहुत सारे वादों का निस्तारण निचले स्तर पर ही सुनिश्चित हो सकेगा।
योगी जी ने कहा कि गरीबों को सस्ता एवं त्वरित न्याय सुलभ कराने के लिए हमें अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा अवकाश के दिनों में कार्य करने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे गरीब जनता का भला होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में न्यायिक क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और इस दिशा में हर सम्भव सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि न्यायालयों पर काम का अतिरिक्त बोझ है, जिसे प्रशासन के सहयोग से कम किया जा सकता है। राज्य सरकार ने तहसील/थाना दिवस को समाधान दिवस के रूप में प्रभावी बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं, ताकि अधिकतर वादों/समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित हो और न्यायालयों में अनावश्यक वाद दायर न हों।
मुख्यमंत्री जी ने ‘टेली लाॅ सर्विस’ के तहत स्थापित किये जा रहे ‘काॅमन सर्विस सेण्टर्स’ के विषय में आशा व्यक्त की कि इनके माध्यम से गरीबों को विभिन्न मामलों पर न्यायिक परामर्श मिलने के साथ-साथ सस्ता न्याय भी शीघ्र उपलब्ध हो सकेगा। प्रारम्भ में इस योजना के तहत 500 केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। बाद में इनकी संख्या बढ़ायी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में पहले से ही 62,000 काॅमन सेण्टर्स मौजूद हैं। केन्द्र सरकार की इस योजना के तहत इन केन्द्रों का उपयोग भी सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि गरीबों को सस्ता व सुलभ न्याय सुनिश्चित हो सके। राज्य सरकार इन केन्द्रों के प्रभावी संचालन के सम्बन्ध में पूरा सहयोग करेगी। उल्लेखनीय है कि ‘टेली लाॅ सर्विस’ के तहत स्थापित किये जा रहे इन ‘काॅमन सर्विस सेण्टर्स’ में पैरा लीगल वाॅलेण्टियर्स की सहायता से लोगों को टेलीफोन पर न्यायिक सलाह/सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। योगी जी ने कहा कि लोग न्यायालय न्याय की आशा में जाते हैं। इसलिए यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि उन्हें न्याय मिलने में कोई दिक्कत न हो और उनका काम शीघ्रता से हो।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री विधि एवं न्याय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि डिजिटल इण्डिया का न्यायिक श्रीगणेश आज इस कार्यक्रम के माध्यम से हो रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इण्डिया एक ‘ट्रांसफाॅर्मेशन प्रोग्राम’ है, जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने रखी थी। भारत तकनीक के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ रहा है। डिजिटल इण्डिया गरीबों की सेवा के लिए है। इसके तहत, अब तक 28 करोड़ खाते खोले गये हैं और डी०बी०टी० के तहत सब्सिडी का ट्रांसफर सीधे लाभार्थियों के खातों में किया जा रहा है। आज गरीब इम्पावर्ड महसूस कर रहा है, क्योंकि उसके खाते में उसकी पूरी सब्सिडी पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों के अन्तर्गत आई०टी० के उपयोग से जीवन को आसान बनाने का काम किया जा रहा है। ई-हाॅस्पिटल, ई-पेंशन, डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (जीवन प्रमाणम) जैसी सेवाओं ने लोगों का जीवन आसान बना दिया है। उन्होंने कहा कि टेली लीगल सर्विस के तहत स्थापित किये जा रहे काॅमन सर्विस सेण्टर्स की संख्या को भविष्य में बढ़ाकर ढाई लाख किया जाएगा। उन्होंने इन सेण्टरों पर काम करने वाले पैरा लीगल वाॅलण्टियर्स को डिजिटल इण्डिया का जमीनी सिपाही बताया। उन्होंने जरूरतमंदों को गुणवत्तापरक न्यायिक सहायता मुफ्त उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में न्याय मित्र योजना भी लागू की जाएगी। मोबाइल तथा आई०टी० के बढ़ते उपयोग की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश में मोबाइल, इण्टरनेट सेवाओं के यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अकेले नोएडा में ही 29 मोबाइल कम्पनियां स्थापित हो चुकी हैं।
कार्यक्रम को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय विधिक प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्रा तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री डी०बी० भोंसले एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण टण्डन ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के विधि एवं न्याय मंत्री श्री बृजेश पाठक, बड़ी संख्या में न्यायमूर्तिगण, अधिवक्ता, पैरा लीगल वाॅलण्टियर्स तथा मीडियाकर्मी मौजूद थे।

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पतंग उड़ाने हेतु सिन्थेटिक मांझा/सीसा लेपित/नायलान पतंग डोरी एवं ऐसे निर्मित मांझे के निर्माण, भण्डारण एवं बिक्री की रोक हेतु पारित आदेशों का अनुपालन कड़ाई से कराया जाये: मुख्य सचिव

Posted on 06 June 2017 by admin

ऐसे निर्मित मांझे का उपयोग करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध अधिनियम में निहित प्राविधानों के तहत दण्डित कराया जाये, ताकि कोई अप्रिय घटना कतई न होने पाये: राहुल भटनागर

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर ने प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये हैं कि मा0 उच्च न्यायालय एवं मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पारित आदेशों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराते हुये यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराया जाये कि प्रदेश के समस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पतंग उड़ाने हेतु सिन्थेटिक मांझा/सीसा लेपित/नायलान पतंग डोरी (जिसे  चायनीज मांझा भी कहते हैं) का निर्माण, भण्डारण एवं बिक्री कतई न होने पाये। उन्होंने कहा कि संभावित दुर्घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुये ऐसी निर्मित सामग्री के उपयोग पर प्रतिबंध के  आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में ऐसे निर्मित मांझे के प्रयोग पर लगाये गये प्रतिबंध का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु विभागीय अधिकारियों की बैठक कर निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे निर्मित मांझे का प्रयोग करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 में निहित प्राविधानों के अनुसार दण्डनीय अपराध है और अवज्ञा करने पर ऐसे व्यक्तियों को अधिकतम 05 वर्ष तक कारावास अथवा अर्थदण्ड अथवा दोनों का प्राविधान अधिनियम में है। उन्होंने कहा कि ऐसे मांझे का उपयोग करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध अधिनियम के तहत कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये, ताकि कोई अप्रिय घटना कतई न होने पाये।

बैठक में अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण श्री संजीव सरन, सचिव गृह श्री मणि प्रसाद मिश्रा, विशेष सचिव पर्यावरण डाॅ0 रुपेश कुमार, विशेष सचिव वन श्री आशीष तिवारी, सदस्य सचिव उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डाॅ0 राजीव उपाध्याय सहित सम्बन्धित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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नही होगा लोक निर्माण विभाग का निगमीकरण

Posted on 06 June 2017 by admin

उपमुख्यमंत्री श्री केशव मौर्या से वार्ता के बाद धरना स्थल पर विभागाध्यक्ष का आश्वासन

निगमीकरण के विरोध में कर्मचारी अधिकारी महासंघ का आन्दोलन स्थगित
लोक निर्माण विभाग के निगमीकरण की सुगबुगाहट के विरोध में कर्मचारी अधिकारी महासंघ का आज मुख्यालय पर प्रदर्षन शुरू होने के कुछ घन्टे बाद ही विभागीय मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्या को सिर्फ दो दर्जन जनपद से आए लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों की भीड़ एवं नाराजगी का पता चल गया। इधर धरना स्थल पर कर्मचारी अधिकारी महासंघ के पदाधिकारी गर्जना कर रहे थे तो उधर तेजी के साथ सरकार सक्रिय हुई और उन्होंने लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष इं. वी.के. सिंह को वार्ता के लिए आमंत्रित किया और आश्वासन दिया कि लोक निर्माण विभाग के निगमीकरण का फिलहाल कोई प्रस्ताव नही है अगर भविष्य में ऐसा किया गया तो पहले कर्मचारी अधिकारी संगठनो से मंत्रणा की जाएगी। इस पर मंच पर उपस्थिति कर्मचारी अधिकारी महासंघ के वाइस चेयरमेन इं. हरिकिशोर तिवारी के यह कहने पर कि बिना लिखित आश्वासन के हम आन्दोलन वापस नही ले सकते तो पुनः विभागाध्यक्ष इं. वी.के. सिंह ने कहा कि मै लिखित रूप से आश्वासन देने को तैयार हूॅ। इसके उपरान्त मंच पर बैठे कर्मचारी अधिकारी महासंघ के पदाधिकारियों ने संघर्ष समिति के चेयरमेन इं. एच.एन. पाण्डेय की अध्यक्षता में हुई मंत्रणा के उपरान्त फिलहाल आन्दोलन स्थगित करने का निर्णय लिया।
लोक निर्माण विभाग मुख्यालय पर आज निगमीकरण के विरोध में सुबह से ही हजारों कर्मचारी उपस्थित थे। इस दौरान वक्ताओं  ने कहा कि सरकार यह बताए कि कौन सा निगम फायदे में है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग का निगमीकरण कहा से उचित होगा। इसके उपरान्त जब विभागाध्यक्ष इं. वी.के. सिंह ने हर स्तर पर उपस्थित कर्मचारियों को समझाते हुए विभाग के निगमीकरण न होने तथा इसका लिखित आश्वासन देने का वायदा किया तब जाकर उत्तेजित और नाराज कर्मचारियों में कुछ राहत दिखाई पड़ी। विभागाध्यक्ष के सम्बोधन के उपरान्त इं. हरिकिशोर तिवारी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर इस लिखित आश्वासन के बाद भी विभागीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी या गुपचुप तरीके से निगमीकरण का प्रयास किया गया तो यह आन्दोलन पूरे प्रदेश में नजर आएगा और इसकी सीधे जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अब अगर अगला आन्दोलन करना पड़ा तो इस मंच पर विभाागाध्यक्ष भी नजर आएगे। आज के विशाल धरना प्रदर्शन को ं इं. एच.एन.पाण्डेय मुख्य अभियंता (चेयरमैन संघर्ष समिति), इं.हरि किशोर तिवारी, त्रिलोक सिंह एवं रामराज दुबे (वाइस चेयरमैन), इं.वी.के. कुशवाहा (अध्यक्ष) भारत सिंह यादव (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), पुनीत त्रिपाठी (महामंत्री), इं.सुरजीत सिंह निरंजन, इं.देवेन्द्र निगम, इं.दिवाकर राय, राम सुरेष, विजय गोपाल मिश्र, सुनील यादव, पुनीत सिंह, एस.पी. सिंह एवं रवि वर्मा (उपाध्यक्ष), रामफेर पाण्डेय (कोषाध्यक्ष), जय प्रकाष तिवारी, पंकज यादव, ज्योति पाण्डेय, यदुवीर सिंह, शत्रुघ्न नायक, हरिकेष प्रसाद एवं दामोदर (संयुक्त मंत्री), इं.मनोज श्रीवास्तव (मीडिया प्रभारी), इं. एन.डी.द्विवेदी (वाद सलाहकार) इसके अतिरिक्त अन्य सहयोगी और समर्थक संगठनों की तरफ से राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री श्री शिवबरन ंिसह यादव,कमलेश मिश्रा अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ,बजरंग बली यादव महामंत्री राज्य कर्मचारी महासंघ (अजय सिंह गुट) ने लोक निर्माण विभाग के निगमीकरण के प्रयास को गलत बताते हुए कहा कि अगर भविष्य में ऐसा कोई प्रयास किया गया तो कर्मचारी-अधिकारी कंघे से कंधा मिलाकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने तथा उग्र प्रदर्शन के लिए मजबूर होगे। कार्यक्रम के अंत में चेयरमेन संघर्ष समिति इं. एच.एन. पाण्डेय ने आन्दोलन के स्थगन की सूचना देते हुए  अपने विभाग के कई जनपदों से आए कर्मचारियों एवं अधिकारियों को इस एकजुटता के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि एकता में ही शक्ति है हमें अपने उत्पीड़न एवं अधिकारों के हनन के खिलाफ हमेशा एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।

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बड़ा मंगल के अवसर पर श्रीमती अपर्णा यादव ने की गौ सेवा

Posted on 06 June 2017 by admin

कान्हा उपवन में मंगल के दीर्घायु होने के लिए की गयी पूजा- अर्चना

img_06471जेष्ठ माह का चौथा एवं आखिरी मंगल (बड़ा मंगल) राजधानी लखनऊ में धूम-धाम से मनाया गया। इस पावन अवसर पर पवनसुत हनुमान जी की पूजा अर्चना के साथ शहर में तमाम जगहों पर भंडारे का आयोजन किया गया। इसी क्रम में राजधानी के सरोजनी, नादरगंज स्थित जीवाश्रय संस्था द्वारा संचालित कान्हा उपवन में सामाजिक संस्था ‘बी अवेयर फाउंडेशन’ की संरक्षिका, समाज सेविका श्रीमती अपर्णा यादव ने सुन्दर काण्ड पाठ तथा भंडारे का आयोजन कर पवन सुत हनुमान जी की पूजा अर्चना की और प्रसाद वितरित किये। साथ ही श्रीमती यादव ने कान्हा उपवन में गौ सेवा भी की। उन्होंने गायों को लड्डू तथा चारा खिलाया। पूजा पाठ के दौरान सत्रह दिन के मंगल (बन्दर का बच्चा) जिसकी मां की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हो गई थी, उसके चिरायु होने के लिए विशेष पूजा अर्चना की गयी। श्रीमती यादव ने मंगल को अपने हाथों से दूध पिलाया और दीर्घायु होने की कामना की। बताते चलें कि मंगल, मगलवार के दिन कान्हा उपवन लाया गया था इसलिए उसका नाम मंगल रखा गया।

img_0626श्रीमती यादव ने आवाम को बड़ा मंगल की शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्र के सुख, समृद्धि और शांति की कामना की, साथ ही गौसेवा करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि बड़ा मंगल यहाँ की गंगा-जमुनी तहजीब का जीवंत उदहारण है इसलिए हम सब को आपसी मतभेद दूर आपसी सौहार्द तथा एकता कायम करने के लिए दृढ संकल्पित होना है। उन्होंने सभी से आग्रह करते हुए कहा कि आप सब भी अपने अंदर सरलता लाइये और दूसरों के प्रति सेवा भाव रखिये यही सबसे बड़ा मानव धर्म है। श्रीमती यादव ने विधान सभा मार्ग स्थित कोआपरेटिव बैंक के पास तथा अन्य जगहों पर आयोजित भंडारे में उपस्थित होकर प्रसाद वितरित किया।

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राज्यपाल से मिले केन्द्रीय कानून मंत्री

Posted on 06 June 2017 by admin

aks_8583उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक से आज राजभवन में केन्द्रीय कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने शिष्टाचारिक भेंट की। इस अवसर पर उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा एवं मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद न्यायमूर्ति डी0बी0 भोसले भी उपस्थित थे।
केन्द्रीय कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद एवं न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा  को राज्यपाल के विधि परामर्शी श्री एस0एस0 उपाध्याय ने अपनी पुस्तक ‘गवर्नर्स गाइड’ के प्रति भी भेंट की।
aks_8456उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद आज उच्च न्यायालय लखनऊ में यू0पी0 स्टेट लीगल सर्विसेज अथाॅरिटी व भारत सरकार के न्याय विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिये लखनऊ आये थे जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा एवं मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद न्यायमूर्ति डी0बी0 भोसले ने भी शिरकत की।

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