Archive | May, 2017

आपराधिक मामलों में विवेचना कार्य को और अधिक प्रभावी, विश्वसनीय एवं त्रुटिहीन बनाये जाने के मुख्य सचिव ने दिये निर्देश

Posted on 04 May 2017 by admin

प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर ने आपराधिक मामलों में पुलिस की विवेचना के कार्य को और अधिक प्रभावी, विश्वसनीय एवं त्रुटि रहित  बनाने के प्रयास करने के निर्देश दिये है। शासन द्वारा इस संबंध में जारी निर्देशो के अनुपालन की नियमित रूप से समीक्षा करने का दायित्व अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध) को सौंपा गया है।

मुख्य सचिव नें विवेचना कार्यो में उच्चस्तरीय गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु उच्च न्यायालय द्वारा पारित किये गये आदेश 17 फरवरी, 2017 की प्रति पुलिस महानिदेशक को भेजते हुए उनका अक्षरशः कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है। साथ ही शासन द्वारा यह भी कहा गया है कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इस संबंध में हुई कार्यवाही की प्रभावी समीक्षा प्रणाली विकसित करें ताकि नियमों व निर्देशों का सख्ती से सुनिश्चित किया जा सके। विवेचनाधिकारी द्वारा यदि निर्देशो के अनुपालन में किसी प्रकार की ढ़िलाई या जानबूझ कर शिथिलता पायी जायेगी तो उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही होगी।
शासन द्वारा जारी निर्देशो मे कहा गया है कि सभी विवेचनाधिकारी हर संभव प्रयास करेगें कि सूचना देने वाले व्यक्ति पीड़ित पक्ष, घायल या दूसरे महत्वपूर्ण गवाहों के बयान शीघ्र अतिशीघ्र दर्ज किये जायें और यदि ऐसा न हो सके तो अभियोग पंजीकृत होने के 24 घण्टे के भीतर अवश्य दर्ज किये जायें। प्रत्येक साक्षी के बयान देर से रिकार्ड किये जाने पर बयान के साथ अलग से स्पष्टीकरण प्रस्तुत किये जाने के लिए भी कहा गया है। जांच अधिकारी द्वारा घटनास्थल पर उपलब्ध हर सबूत को भी जल्द से जल्द और 24 घण्टे के भीतर यदि एकत्र नहीं किया जाता है तो इस सम्बन्ध में भी वह अपना स्पष्टीकरण देंगे। साइट से एकत्र की गई सभी प्रासंगिक सामग्री और सबूत विधि विज्ञान प्रयोगशाला को विशेषज्ञ सलाह के लिये भेजा जायेगा।
शासन द्वारा जारी निर्देशो में कहा गया है कि सूचनाकर्ता, पीड़ित अथवा गवाह के बयानों के पंजीकरण में विलम्ब को भी कम किया जायेगा। धारा 161 सीआरपीसी के तहत दर्ज कराये गये बयानों से मुकरने वाले अथवा पक्षद्रोही होने से बचने के लिये विवेचनाधिकारी द्वारा उनकी विश्वसनीयता को भी सुनिश्चित किया जायेगा। विवेचनाधिकारी एवं राज्य सरकार द्वारा बिना किसी विलम्ब के सूचनाकर्ता और सभी गवाहों से कहा जायेगा कि वह अपने साक्ष्य ईमेल, स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड डाक पर शपथ पत्र के माध्यम से दे सकते है जो नोटरी द्वारा प्रमाणित होंगे। इनके सम्बन्ध में विवेचनाधिकारी द्वारा आवश्यकता पड़ने पर आगे पूछताछ भी की जा सकती है।
निर्देशों मे यह भी कहा गया है कि धारा 161 के तहत दर्ज किये गये बयान की काॅपी विवेचनाधिकारी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट देने वाले के साथ ही साथ गवाहों को दी जायेगी इस सूचना के साथ यदि उनके अपने दिये हुये बयान के साथ कोई आपत्ति या संशय है उसे तत्काल शीघ्रताशीघ्र विवेचनाधिकारी के संज्ञान मे लाया जायेगा। इस कार्य को एक सप्ताह के भीतर प्राथमिकता से करते हुए अपनी बात के पुष्ठि के लिये जरूरी प्रमाण सहित जानकारी दी जायेगी, जिसका उल्लेख विवेचनाधिकारी द्वारा जांच डायरी मे किया जायेगा।  जहां जरूरी हो वहां मोबाइल या लैण्डलाइन फोन पर की गयी कालों का विवरण भी एकत्र किया जायेगा, घटनास्थल के आस पास सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग भी ली जायेगी तथा आस पास संदिग्ध व्यक्तियों की फोन नम्बर या मोबाइल नम्बरो की सूची भी तैयार की जायेगी। यह कार्य बिना किसी विलम्ब या गैर वाजिव देर के किया जायेगा।
निर्देशों मे कहा गया है कि सभी मामलों मे विवेचनाधिकारी द्वारा सीआरपीसी के प्रविधानों तथा विवेचना कार्य संबंधी पुलिस एक्ट एवं रेगुलेशन मे दिये गये निर्देशों का सख्ती से पालन किया जायेगा।

Comments (0)

उत्तर प्रदेश बी.एस.पी. संगठन में ज़रूरी परिवर्तन के बाद दूसरे राज्यांे की समीक्षा बैठक के क्रम में हरियाणा, पंजाब व चण्डीगढ़ में पार्टी गतिविधियों की समीक्षा बैठक, जिसमें विरोधी पार्टियों की सरकार की ख़ासकर ग़रीब, किसान, दलित, पिछड़ा व मुस्लिम वर्ग-विरोधी नीतियों के लिये संघर्ष जारी रखने का संकल्प

Posted on 04 May 2017 by admin

केन्द्र व बीजेपी शासित राज्यों द्वारा ’भगवा तुष्टीकरण’ की नीति पर चलकर इससे जुड़े आपराधिक तत्वों को हर स्तर पर व हर प्रकार का गलत संरक्षण दिया जा रहा है, जिससे देश में एक प्रकार से अव्यवस्था जैसा माहौल: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी।

बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने उत्तर प्रदेश में पार्टी संगठन में जरूरी परिवर्तन करके यहाँ शीघ्र ही होने वाले शहरी निकाय के चुनाव मंे पूरी तैयारी के साथ लड़ने का कार्यक्रम आदि तय करने के बाद दूसरे प्रदेशों में पार्टी संगठन के कार्यकलापों की समीक्षा करने के क्रम में आज यहाँ हरियाणा, पंजाब व चण्डीगढ़ में पार्टी की स्थिति तथा वहाँ सर्वसमाज में जनाधार को बढ़ाने के कार्यों की समीक्षा की।
इस बैठक में इन राज्यों में बी.एस.पी. के वरिष्ठ व जिम्मेवार पदाधिकारियों के साथ पार्टी के केन्द्रीय प्रभारियों ने भी भाग लिया। उन लोगांे ने अपने-अपने राज्यों में पार्टी की गतिविधियों व जमीनी स्तर पर पार्टी की सक्रियता के बारे में अपनी रिपोर्ट पार्टी प्रमुख को पेश की तथा बताया कि बी.एस.पी. के तत्वावधान में ई.वी.एम. के माध्यम से उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड राज्योें मंे हुई चुनावी धांधली के खिलाफ गत दिनांक 11 अप्रैल सन् 2017 को राज्य के मुख्यालय पर सफल धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि भाजपा द्वारा वोटिंग मशीन में गड़बड़ी करके चुनाव जीतने की आशंका आमजनता में काफी प्रबल होती जा रही है, जिसका समुचित समाधान देश के लोकतन्त्र के हित में आवश्यक है और अगले चुनाव से पहले इस सम्बंध में मूलभूत सुधार आवश्यक है।
हरियाणा, पंजाब व चण्डीगढ़ के राजनीतिक हालात का जायजा़ लेने के बाद बैठक को सम्बोधित करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि केन्द्र व बीजेपी शासित राज्यों द्वारा ’भगवा तुष्टीकरण’ की नीति पर चलकर इससे जुड़े आपराधिक तत्वों को हर स्तर पर व हर प्रकार का गलत संरक्षण दिया जा रहा है, जिससे देश में एक प्रकार से अव्यवस्था जैसा माहौल हो गया है।

इसके अलावा, जब भी बीजेपी व मोदी सरकार जनहित, जनकल्याण व देशहित के मामलों में फेल होती हुई नजर आती है तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व आमजनता का ध्यान उस विफलता की तरफ से बाँटने के लिये भगवान के दर्शन व मन्दिरांे के चक्कर काटने शुरू कर देते हैं अर्थात धर्म का राजनीतिक इस्तेमाल करके पार्टी व सरकार की विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बाँटने के लिये लगातार किया जा रहा है जैसाकि बीजेपी के नेताओं द्वारा धर्म का चुनावी लाभ के लिये इस्तेमाल पहले लगातार किया जाता रहा है।
उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य को हालाँकि बीजेपी व अकाली दल की गठबंधन सरकार से मुक्ति मिल गई है, परन्तु हरियाणा में बीजेपी का कट्टरवाद व संकीर्ण राष्ट्रवाद प्रदेश को लगातार पीछे ढकेलता जा रहा है। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों व मंत्रियों आदि की भाषा व व्यवहार संविधान की मंशा व कानून से मेल नहीं खाता है, जिससे अनेकों गलत कराणों से हरियाणा की बीजेपी सरकार सुखर््िायों में रहती है। वहाँ के दलितों के प्रति भी राज्य सरकार का रवैया न्यायपूर्ण व सहानुभूति का नहीं होने कारण उन वर्गों का शोषण व अन्याय पहले की तरह ही लगातार जारी है।

Comments (0)

जिला कार्यसमिति बैठकों में पहुंचेंगे प्रदेश पदाधिकारी

Posted on 03 May 2017 by admin

भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यसमिति की तैयारियां पूर्ण। 5, 6, 7 मई को प्रदेश के सभी जिलों में होगी कार्यसमिति। जिला कार्यसमिति में पं0 दीन दयाल उपाध्याय जन्मशती वर्ष में कार्यक्रमों को बूथ स्तर तक पहुंचाने की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने बताया कि प्रदेश नेतृत्त द्वारा जिला कार्यसमिति प्रवास के लिए पहुंचने वाले वक्ताओं के नाम तय किए जा चुके है।

Comments (0)

राज्यपाल ने प्रथम बार नवनिर्वाचित विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन किया

Posted on 03 May 2017 by admin

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज विधान भवन स्थित तिलक हाल में उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा में प्रथम बार निर्वाचित विधायकों के लिये आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विधान सभा के अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित, गुजरात विधान सभा के अध्यक्ष श्री रमनलाल वोरा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संसदीय कार्यमंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविन्द चैधरी, प्रदेश के सभी मंत्री, राज्यमंत्री तथा नवनिर्वाचित विधायकगण उपस्थित थे। प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित द्वारा किया गया है।

up-governor-sri-ram-nyakराज्यपाल ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि भारत सबसे बड़ा जनतांत्रिक देश है। देश की सर्वाधिक आबादी वाले प्रदेश की 22 करोड़ जनता 403 विधायक चुनकर विधान सभा भेजती है। 17वीं विधान सभा में 238 सदस्य यानि 59 प्रतिशत नये सदस्य प्रथम बार निर्वाचित हुये हैं। विधान सभा के तीन महत्वपूर्ण घटक होते हैं, विधान सभा अध्यक्ष, सत्तारूढ़ दल के मंत्री एवं सदस्य तथा अन्य विरोधी दल के सदस्य। सदन की गरिमा बनाये रखते हुये सत्तारूढ़ पार्टी अपने विकास कार्यक्रम सदन में रखे और विपक्ष उस पर सुझाव दे, टिप्पणी करे तथा अध्यक्ष की जिम्मेदारी बनती है कि वह यह देखे कि सदन की कार्यवाही सार्थक रूप से चले। विरोधी पक्ष को अपनी बात रखने का अधिकार होना चाहिये और सरकार को अपना काम करने का रास्ता मिलना चाहिये।
up-governor-sri-ram-nyak1श्री नाईक ने कहा कि विधायक निधि का उपयोग पारदर्शिता के साथ करें। अपनी कल्पना से जनहित में परियोजनाओं का चयन करें। समिति बनाकर परियोजना के अनुसार विधायक निधि का नियोजन करें और यह सुनिश्चित करें कि सही ढंग से धन का उपयोग हो। भ्रष्टाचार से बचें क्योंकि भ्रष्टाचार से संदेह निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि कमीशन जैसे लाभ से स्वयं को दूर रखें। मतदाताओं के प्रति जवाबदेही और पारदर्शिता के आधार पर प्रतिवर्ष कार्यवृत्त प्रकाशित करना लाभदायक होता है। राज्यपाल ने बताया कि 23 दिसम्बर, 1993 को उनके प्रस्ताव पर सांसद निधि की शुरूआत हुई। इसी तरह संसद में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाये जाना उनके प्रयास से संभव हुआ और ‘बाम्बे’, बम्बई को उसका असली नाम मुंबई दिलाया।
राज्यपाल ने कहा कि जनप्रतिनिधि को अपने निर्वाचन क्षेत्र से जीवंत सम्पर्क बनाये रखना चाहिये। विधायक के नाते सबको साथ लेकर चलें, चाहे चुनाव में समर्थन किया हो अथवा विरोध में मतदान किया हो। कार्यकर्ताओं के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार रखें तथा पदाधिकारियों को भी उचित सम्मान दें। जनता को सहज उपलब्ध हों। जनप्रतिनिधियों के लिये सक्षम कार्यालय आवश्यक है जहाँ आम जनता सहजता से मिल सके तथा व्यवस्थित रूप से पत्राचार के माध्यम से भी संपर्क बनाये रखें। वक्तव्य देते समय भाषा को संयमित रखें। मीडिया से निरन्तर संवाद बनाये रखते हुये अच्छे संबंध बनायें। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि को अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण करते हुये उसे सही ढंग से संवारना चाहिये।
श्री नाईक ने कहा कि विधान सभा की कार्यवाही में सक्रिय प्रतिभाग मतदाताओं को प्रभावित करता है इसलिये कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहिये। विधान सभा सत्र के समय उपस्थित रहें। तारांकित और अतारांकित विभिन्न नियमों के अधीन वक्तव्य, शून्यकाल में अपना सहभाग बढ़ायें। उन्होंने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष के साथ अच्छा सम्पर्क रखें जिससे आपको शून्यकाल में या अन्य चर्चा में अपनी बात रखने का मौका मिले। राज्यपाल ने यह भी कहा कि महापुरूषों, शहीदों एवं बलिदानियों की जयंती एवं पुण्यतिथि के अवसर पर सम्मिलित होकर जनसम्पर्क बनाये रखें तथा जनहित के मुद्दों में सहभाग करना राजनैतिक लाभ देता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतंत्र में विधायिका का बहुत महत्व है। विधान सभा प्रदेश की सबसे बड़ी संस्था है जिसकी भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। आज सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले जनप्रतिनिधियों के लिये विश्वसनीयता का संकट है। नियम के दायरे में रहकर अपनी बात रखी जाये तो ज्यादा प्रभावी भी होती है और समाधान भी निकलता है। अमर्यादित व नियम विरूद्ध बात न कहें। विधायिका के माध्यम से तकदीर और तस्वीर दोनों बदल सकती है। जनप्रतिनिधि जनता के दुःख-दर्द को समझें और जनता के प्रति जवाबदेह रहें। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार भी विश्वसनीयता की कमी का कारण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान सभा में आदर्श माहौल बनायें और ज्यादा से ज्यादा दिन विधान सभा की कार्यवाही हो। विधायक बिना किसी पूर्वाग्रह के सदन में अपनी बात रखें। सरकार बिना भेदभाव के विधान सभा में सबकी बात सुनेगी और विचार करेगी। उन्होंने कहा कि पूरा विधान मंडल मिलकर काम करे और जनता की अपेक्षा पर खरा उतरने का प्रयास करे। श्री योगी ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि पहली बार कोई राज्यपाल विधायकों को प्रबोधन दे रहा है कि सदन कैसे चले और विधायकों का व्यवहार कैसा हो। लोकतंत्र के लिये यह शुभ लक्षण है। विधान सभा में जनहित में चर्चा होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख के साथ-साथ प्रदेश के अभिभावक की तरह हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने सांसद निधि, राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत व अनेकों ऐसे मुद्दे संसद में उठाकर श्रेष्ठ परम्परा को आगे बढ़ाने का काम किया।
कार्यक्रम में विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने सबका स्वागत किया तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि विरोधी पक्ष को सत्ता पक्ष को सुझाव देने की जिम्मेदारी होती है तथा सत्ता पक्ष का दायित्व है कि सबको साथ लेकर चले।
कार्यक्रम का संचालन प्रमुख सचिव विधान सभा श्री प्रदीप दुबे ने किया।

Comments (0)

भाजपा प्रदेश मुख्यालय में जनसमस्याओं के निदान का क्रम अनवरत जारी

Posted on 03 May 2017 by admin

कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य मौजूद रहे जनता के दरबार में
4 मई को कैबिनेट मंत्री सतीष महाना रहेगें उपस्थित

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने जनता की समस्याओं को सुना और उनके निस्तारण के लिए त्वरित प्रयास किए। 127 लोग अपनी समस्याओं को लेकर कबीना मंत्री से मिले।
कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य अपने समय से 15 मिनट पूर्व ही जनता के दरबार मेें पहुॅचे और 12ः30 तक समस्याओं को निपटाने में जुटे रहे। जिला स्तर की समस्याओं में तत्काल जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से बात की और समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए। अन्य समस्याओं को संबधित मंत्रालय में भेज दिया गया ताकि न्यायोचित कार्यवाही संभव हो सके। सपा सरकार में नौकरियों में हुए भ्रष्टाचार के मसले लेकर भी युवा पहुॅचे। समस्याएं लेकर पहुचे जनमानस ने कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद राजनीति और प्रशासनिक वातारण में परिवर्तन हुआ है आज मंत्रियों, विधायकों से मिलना बहुत सहज है। प्रशासन में भी सुधार हुआ है, स्वभाविक है जनता की अपेक्षाएं बढी है जिन्हें योगी सरकार पूरा करेगी।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर जनसमस्याओं को निस्तारित करने के अनवरत क्रम में 4 मई को पूर्वांह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक कैबिनेट मंत्री सतीश महाना उपस्थित रहेगें। संगठन और सरकार के समन्वय से पं0 दीन दयाल उपाध्याय के लक्ष्य अन्योदय, प्रण अंत्योदय एवं पथ अंत्योदय के सिद्धान्त के साथ जनसमस्याओं का निदान और जनसेवा के राजनीतिक दायित्व के साथ भाजपा आगे बढ़ रही है।

Comments (0)

जन समस्याओं एवं शिकायतों के समयपरक एवं गुणवत्तापरक निस्तारण हेतु तहसील समाधान दिवस एवं थाना समाधान दिवस के आयोजन निर्धारित दिवस में निर्धारित समय में आयोजित कराये जायें: मुख्य सचिव

Posted on 02 May 2017 by admin

*तहसील समाधान दिवस एवं थाना समाधान दिवसों में प्राप्त शिकायतों को पंजिका में अंकित किया जाना अनिवार्य, शिकायतों के निस्तारण के दिनांक का उल्लेख करते हुये कृत कार्यवाही का सारांश भी सम्बन्धित पंजिका में अंकित कर समीक्षा अगले समाधान दिवस पर किया जाना अनिवार्य होगा: राहुल भटनागर*

*मण्डलायुक्तों एवं पुलिस उपनिरीक्षकों को प्रत्येक सप्ताह में 02 दिन मण्डल के जिलों का भ्रमण करना अनिवार्य, विवेकानुसार किसी भी सरकारी कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण कर जन समस्याओं की सुनवाई कर त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करना होगा: मुख्य सचिव*

*जिलाधिकारियों द्वारा प्रत्येक सप्ताह कम से कम एक तहसील एवं कम से कम एक विकास खण्ड का आकस्मिक निरीक्षण करने के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट एवं ज्येष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों को प्रत्येक दिन कम से कम एक थाने का आकस्मिक निरीक्षण करना अनिवार्य: राहुल भटनागर*
*सी0यू0जी0 मोबाइल फोन सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा स्वयं रिसीव करना अनिवार्य: मुख्य सचिव*


*सम्बन्धित जिलाधिकारियों द्वारा जनपद में चल रहे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों एवं कानून व्यवस्था से सम्बन्धित संवेदनशील घटनाओं की रिपोर्ट नियमित रूप से कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग के ई-मेल ााअनचसाव/हउंपसण्बवउ पर शासन को भेजना अनिवार्य: राहुल भटनागर*

*मुख्य सचिव ने परिपत्र भेजकर मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों सहित पुलिस अधिकारियों को दिये कड़े निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर ने समस्त मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये हैं कि जन समस्याओं एवं शिकायतों के समयपरक एवं गुणवत्तापरक निस्तारण हेतु तहसील समाधान दिवस एवं थाना समाधान दिवस का आयोजन निर्धारित दिवस में निर्धारित समय में आयोजित कराया जाये। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी फील्ड कार्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण कर संवेदनशीलता के साथ जनहित के कार्यक्रमों का क्रियान्वयन प्राथमिकता से सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त जिलों में समस्त थाना कार्यालयों पर प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय शनिवार को पूर्वान्ह 10 बजे से 02 बजे तक आयोजित होने वाले थाना दिवस अब थाना समाधान दिवस एवं प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय मंगलवार को सभी जनपदों के समस्त तहसील मुख्यालयों पर पूर्वान्ह 10 बजे से आयोजित होने वाले तहसील दिवस अब तहसील समाधान दिवस के नाम से जाना जायेगा। उन्होंने कहा कि इन दिवसों के निर्धारित दिन सार्वजनिक अवकाश होने की स्थिति में अगले कार्यदिवस में निर्धारित तहसील एवं थाने पर समाधान दिवस आयोजित कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित जिलाधिकारियों को क्रमानुसार तहसील समाधान दिवसों पर जाना अनिवार्य होगा और उनकी अध्यक्षता में ही तहसील समाधान दिवसों के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि शेष तहसीलों में उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील समाधान दिवस सम्पन्न कराने होंगे, जिसमें उपखण्ड स्तरीय अधिकारीगणों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि जिस तहसील दिवस पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील समाधान दिवस सम्पन्न होगा, वहां पर शेष पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश परिपत्र भेजकर मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों सहित समस्त पुलिस अधिकारियों को देते हुये कहा है कि तहसील समाधान दिवस एवं थाना समाधान दिवसों में प्राप्त शिकायतों को पंजिका में अंकित किया जाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि प्राप्त शिकायतों के निस्तारण के दिनांक का उल्लेख करते हुये कृत कार्यवाही का सारांश भी सम्बन्धित पंजिका में अंकित किया जायेगा, जिसकी समीक्षा अगले समाधान दिवस पर किया जाना अनिवार्य होगा।
श्री भटनागर ने प्रशासन को अपेक्षाकृत अधिक संवेदनशील, जनोन्मुख एवं उत्तरदायी बनाये जाने के उद्देश्य से निर्देश दिये हैं कि मण्डलायुक्तों एवं पुलिस उपनिरीक्षकों को प्रत्येक सप्ताह में 02 दिन मण्डल के जिलों का भ्रमण करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारी विवेकानुसार किसी भी सरकारी कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण कर जन समस्याओं की सुनवाई कर त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करायेंगे। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों द्वारा प्रत्येक सप्ताह कम से कम एक तहसील एवं कम से कम एक विकास खण्ड का आकस्मिक निरीक्षण करना अनिवार्य होगा। उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट एवं ज्येष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों को यह भी निर्देश दिये हैं कि प्रत्येक दिन कम से कम एक थाने का आकस्मिक निरीक्षण किया जाना अवश्य सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों द्वारा प्रत्येक दिन गेहूँ क्रय केन्द्रों का निरीक्षण कर गेहूँ खरीद की समीक्षा किया जाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित जिलाधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारियों से इसी प्रकार कार्य करवाना सुनिश्चित करवायेंगे।
मुख्य सचिव ने शिविर/आवासीय कार्यालयों से कार्य करने की प्रथा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के निर्देश देते हुये कहा है कि समस्त फील्ड अधिकारीगण अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर पूर्वान्ह 09 बजे से 11 बजे तक आम नागरिकों की समस्याओं की सुनवाई कर नियमानुसार निस्तारण करने के साथ-साथ कार्यालय से ही शासकीय दायित्वों का निर्वहन करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा उपलब्ध कराये गये सी0यू0जी0 मोबाइल फोन को सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा स्वयं न उठाने पर इसे गंभीरता से संज्ञान में लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित जिलाधिकारियों द्वारा जनपद में चल रहे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों एवं कानून व्यवस्था से सम्बन्धित संवेदनशील घटनाओं की रिपोर्ट नियमित रूप से कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग के ई-मेल ााअनचसाव/हउंपसण्बवउ पर शासन को भेजना अनिवार्य होगा।
श्री भटनागर ने यह भी निर्देश दिये हैं कि भूमि विवादों के निपटारे हेतु राजस्व, पुलिस तथा सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों की टीम तहसील समाधान दिवस एवं थाना समाधान दिवस के दिन ही सायं तक स्थल पर जाकर विवाद का समुचित समाधान कर किये गये समाधानों को पृथक रजिस्टर में अंकित किया जाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि तहसील समाधान दिवसों का उपयोग जन सामान्य को आवश्यक प्रमाण पत्र यथा-आय, निवास, जाति आदि को उपलब्ध कराने हेतु भी कराया जाये। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरण जिनमें जांच के अभाव उसी दिन प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना संभव न हो पा रहा हो, उन्हें ऐसी स्थिति मे विलम्बतम 03 दिन के अन्दर उसी तहसील से प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार दिव्यांगों को प्रत्येक पक्ष में किसी एक दिन निर्धारित कर दिव्यांग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि आगामी दिनों में मा0 मंत्रिगणों द्वारा अपने आवंटित जनपदों का भ्रमण किये जाने पर मा0 मंत्रिगणों द्वारा जनपद में आगमन एवं उनके विभिन्न कार्यक्रमों एवं निर्माण कार्यों आदि का निरीक्षण किये जाने के दौरान उन्हें समुचित सहयोग एवं प्रोटोकाल उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सम्बन्धित विभागीय अधिकारी मा0 मंत्रिगण के भ्रमण एवं निरीक्षण के समय स्वयं उपस्थित भी रहें। उन्होंने कहा कि दैवीय आपदा, सूखा राहत एवं ओलावृष्टि से पीड़ित ऐसे किसानों, जिनकों सहायता राशि वितरित किया जाना अभी भी शेष हो, ऐसे किसानों को शीर्ष प्राथमिकता पर एक माह के अन्दर सहायता राशि का भुगतान सीधे बैंक खाते में स्थानान्तरण प्रणाली द्वारा कराना सुनिश्चित कराया जाये।

Comments (0)

BJP national president Amit Shah and UP CM Yogi Adityanath at Party’s State working commitee meeting at Lucknow taday

Posted on 02 May 2017 by admin

img-20170502-wa0010

Comments (0)

दिव्यांग जन, वरिष्ठ नागरिक तथा अन्य निवासी जिनके आधार नामांकन में अंगुलियों के छाप न होने के कारण हो रही कठिनाई के सम्बन्ध में

Posted on 02 May 2017 by admin

आधार नामांकन पूर्णतः निःशुल्क है तथा देश का प्रत्येक निवासी, दिव्यांग जन हो यावरिष्ठ नागरिक आधार नामांकन का हकदार है, भले ही उसके अंगुलियों के छाप कम या अस्पष्ट हो|

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण,  क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ ने पिछले दिनों, आधार नामांकन केन्द्रों द्वारा दिव्यांग जनों एवं वरिष्ठ नागरिकों, जिनके अंगुलियों के छाप कम हैं, या नहीं हैं, के आधार नामांकन न किए जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही है |

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की बायोमेट्रिकअपवाद दिशानिर्देश के अनुसार, जिन निवासियों का बायोमेट्रिक उपलब्ध नहीं है, उसे भी इंगित करने की सुविधा है| साथ हीनामांकन सॉफ्टवेयर में ऐसी सुविधा भी है जिसके माध्यम से जिन निवासियों के बायोमेट्रिक निशान उचित गुणवत्ता के नहीं है उनको भी, संकलित किया जा सकता है |
जिन निवासियों के अंगुलियों के निशान चोट, विकृति, अंगुली/हाथ कटे होने या किसी अन्य सम्बंधित कारण से लेना संभव ना हो उनके केवल आँखों की पुतलियों के स्कैन लिए जायेंगे और अनुपलब्ध बायोमेट्रिक को इंगित कर दिया जायेगा| अंगुलियों की छाप की गुणवत्ता कम होने पर चार प्रयासों में प्राप्त उच्चतम गुणवत्ता की बायोमेट्रिक को संकलित किया जायेगा |
आपरेटर के उक्त दिशानिर्देश के पालन नहीं किये जाने की स्थिति में निवासी सुधारात्मक कार्यवाही हेतु दूरभाष सं- 0522- 23004978/2304979, 8004913798/ 8004913799 अथवा ई- मेल- uidai.lucknow@uidai.net.in पर शिकायत दर्ज कर सकते है |
सौरभ गुप्ता
(उपनिदेशक)

Comments (0)

24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस के रूप में मनाने का निर्णय मंत्रिपरिषद की समिति उ0प्र0 दिवस आयोजन की कार्ययोजना को अंतिम स्वरूप प्रदान करेगी

Posted on 02 May 2017 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।

प्रदेश की जिन महान विभूतियों ने देश की आजादी में योगदान दिया है, उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर उन्हें प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा। साथ ही, प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर एवं विविधता को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा। नई पीढ़ी को प्रदेश के विकास एवं परिवेश से जोड़ने के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह भी निर्णय लिया गया है कि राज्य के बाहर अन्य प्रान्तों में वहां रहने वाले प्रवासी प्रदेशवासियों के बीच भी उत्तर प्रदेश दिवस सम्बन्धी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिससे उनकी प्रतिबद्धता उत्तर प्रदेश के प्रति बढ़ सके।
उत्तर प्रदेश दिवस के आयोजन हेतु मंत्रिपरिषद की एक समिति गठित की जाएगी, जो 01 माह में दिवस आयोजन की कार्ययोजना को अंतिम स्वरूप प्रदान करेगी। उत्तर प्रदेश दिवस के कार्यक्रमों को मुख्यतः सूचना, संस्कृति तथा पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किया जाएगा, जिसका समन्वय सूचना विभाग द्वारा किया जाएगा। इस आयोजन में ग्राम्य विकास, नगर विकास, आवास एवं शहरी नियोजन तथा औद्योगिक विकास विभाग सहित अन्य विभागों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश का नाम पूर्व में यूनाइटेड प्राॅविन्सेंस था, जिसे गवर्नमेंट आॅफ इण्डिया एक्ट, 1935 के तहत 24 जनवरी, 1950 को परिवर्तित कर उत्तर प्रदेश कर दिया गया था, जो गजट आॅफ इण्डिया एक्स्ट्राआॅर्डिनरी में दिनांक 24 जनवरी, 1950 को प्रकाशित हुआ।

Comments (0)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

Posted on 02 May 2017 by admin

शासकीय विभागों में ई-टेंडरिंग तथा ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली लागू किये जाने का फैसला
मंत्रिपरिषद ने शासकीय विभागों में ई-टेंडरिंग तथा ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली लागू किये जाने का फैसला लिया है। यह निर्णय वर्तमान सरकार के लोक-कल्याण संकल्प पत्र 2017 के ‘सभी सरकारी काॅन्ट्रैक्ट के लिए ई-टेंडरिंग व्यवस्था लागू की जायेगी‘ के वायदे के अनुरूप लिया गया है।
इस निर्णय के तहत प्रदेश के सभी शासकीय विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, विकास प्राधिकरणों, नगर निगमों, स्वायत्त शासी संस्थाओं, निकायों इत्यादि में एन.आई.सी. के ई-प्रोक्योरमेंट प्लेटफार्म का प्रयोग करते हुये सभी निर्माण कार्यो, सेवाओं, जाॅब वर्क, सामग्री क्रय के लिए ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली को लागू किया जाएगा। निर्माण कार्यो, सेवाओं, जाॅब वर्क, सामग्री क्रय के लिए निविदा प्रक्रिया मैनुअल विधि से संपादित की जाती है, उन निविदाओं को ई-प्रोक्योरमेंट एवं ई-टेंडरिंग के माध्यम से कराया जाना प्रत्येक विभाग के लिए अनिवार्य होगा।
संबंधित विभागों, उपक्रमों इत्यादि द्वारा ई-टेंडरिंग तथा ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली लागू करने हेतु आवश्यक हार्डवेयर, प्रशिक्षण, साॅफ्टवेयर कस्टमाईजेशन, डिजिटल सिग्नेचर आदि व्यवस्थायंे तीन माह में पूर्ण करायी जायेगी। निविदा शुल्क (टेण्डर फीस) के भुगतान तथा धरोहर राशि (ई.एम.डी) के भुगतान एवं वापसी की प्रक्रिया भी भौतिक प्रारूप में न करके आॅनलाइन व्यवस्था के माध्यम से की जायेगी।
ई-प्रोक्योरमेंट एवं ई-टेंडरिंग प्रणाली के अन्तर्गत विभिन्न कार्यवाहियां जैसे ई-रजिस्ट्रेशन, ई-कोडिंग, टेण्डर क्रियेशन, टेण्डर प्रकाशन, टेण्डर परचेज, सबमिशन, बिड-ओपनिंग आदि समस्त कार्य इलेक्ट्रानिक माध्यम से किये जायेंगे। सर्वाधिक प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त करने के लिए अलग-अलग ई-प्रोक्योरमेंट प्लेटफार्म का प्रयोग करने के स्थान पर सभी विभागों द्वारा एन.आई.सी. द्वारा विकसित ई-प्रोक्योरमेंट प्लेटफार्म पर ई-प्रोक्योरमेंट किया जायेगा।
ई-प्रोक्योरमेंट के  बिड्स एवं डाटा की गोपनीयता, सुरक्षा तथा अनुरक्षण का दायित्व एन.आई.सी. का होगा। ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली में नियमों एवं प्रक्रियाओं में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा है, अपितु वर्तमान नियमों एवं प्रक्रियाओं के अन्तर्गत ही केवल इलेक्ट्रानिक मीडिया का उपयोग करते हुए टेण्डरिंग की कार्यवाही की जायेगी। स्टोर-परचेज रूल्स, टेण्डर रूल्स एवं तत्सम्बंधी अन्य नियम उक्त श्रेणियों की ई-टेंडरिंग में यथावत् लागू रहेंगे एवं इनमें, प्रचलित पेपर ट्राजेक्शन के स्थान पर मात्र इलेक्ट्रानिक माध्यम का प्रयोग करते हुए ई-टेंडरिंग/ई-प्रोक्योरमेंट की जायेगी।
आईटी एवं इलेक्ट्रानिक विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के अधीनस्थ यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड, पूर्ववत् प्रदेश में ई-टेंडरिंग/ई-प्रोक्योरमेंट लागू करने हेतु नोडल एजेन्सी होगी तथा ई-टेंडरिंग करने वाले विभागों/उपक्रमों इत्यादि को एन.आई.सी. लखनऊ तथा यूपीएलसी द्वारा आवश्यकतानुसार हैण्डहोल्डिंग सहायता प्रदान की जायेगी। ई-प्रोक्योरमेंट/ई-टंेडरिंग में प्रतिभाग करने वाले ठेकेदारों और विभागीय अधिकारियों एवं टेण्डर समिति के सदस्यों को डिजिटल सिग्नेचर प्राप्त करने होंगे। ये डिजिटल सिग्नेचर भारत सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी संस्था से लिये जा सकते हंै।
मंत्रिपरिषद द्वारा इस संबध में अन्य निर्णय लिए जाने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
ज्ञातव्य है कि इस व्यवस्था के लागू होने से टेण्डर एवं ठेकेदारी प्रक्रिया में माफिया राज समाप्त होगा तथा कोई भी व्यक्ति कहीं से भी भयमुक्त होकर निविदा प्रक्रिया में आवेदन कर सकेगा। प्रतिस्पर्धा बढ़ने से विभागों को वस्तुओं एवं सेवाओं के क्रय के लिए न्यूनतम तथा विक्रय के लिए अधिकतम दरें प्राप्त होंगी। इससे इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ने से अधिकारियों पर से अवांछित दबाव समाप्त होगा। मैनुअल टेण्डर के तहत इनडेंट के प्रारम्भ से लेकर तुलनात्मक परिक्षण तक लगने वाले तीन माह के समय में कमी आयेगी तथा यह प्रक्रिया एक माह में पूरी हो सकेगी। टेण्डर प्रक्रिया के असफल प्रतिभागियों को स्वतः सूचना उनके ई-मेल पर मिल जायेगी। टेण्डर से संबंधित सभी प्रत्रावलियां ई-टेण्डर डाटा बेस पर सुरक्षित रहती है। इससे पांच-दस वर्षो के बाद भी टेण्डर से संबंधित किसी अभिलेख को देखा जा सकेगा।
गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट कोे पुनर्जीवित करने के लिए हिन्दुस्तान उवर्रक एवं रसायन लिमिटेड को भूमि के अन्तरण हेतु स्टाम्प शुल्क में छूट के प्रस्ताव को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट कोे पुनर्जीवित करने के लिए फर्टिलाइजर कारपोरेशन आॅफ इण्डिया लिमिटेड (एफ.सी.आई.एल.) से हिन्दुस्तान उवर्रक एवं रसायन लिमिटेड को भूमि के अन्तरण के लीज विलेख हेतु अनुमानित स्टाम्प शुल्क 210 करोड़ रूपये की छूट के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि हिन्दुस्तान उवर्रक और रसायन लिमिटेड, एनटीपीसी, कोल इंडिया लिमिटेड तथा इंडियन आॅयल कारपोरेशन का संयुक्त उपक्रम है। भारत सरकार द्वारा दिनांक 13 जुलाई, 2016 को इस संयुक्त उपक्रम के द्वारा गोरखपुर स्थित उवर्रक प्लांट को पुनर्जीवित किये जाने का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया है।
इस उवर्रक प्लांट को पुनर्जीवित करने के लिए 6500 करोड़ रूपये का निवेश होना प्रस्तावित है। इस निवेश से सम्पूर्ण क्षेत्र में आर्थिक विकास और अतिरिक्त निवेश होगा। उवर्रक प्लांट के पुनर्जीवित होने से बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा। जिससे क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को विकास के अवसर प्राप्त होंगे। प्लांट के उत्पादन आरम्भ करने से उवर्रक आपूर्ति में सुगमता आयेगी जो इस क्षेत्र के किसानों के लिये लाभदायक सिद्ध होगी। उवर्रक उत्पादन से आपूर्ति में वृद्वि होने से देश में उवर्रक आयात में कमी आयेगी और विदेशी मुद्रा भण्डार की बचत होगी।
इस उवर्रक प्लांट की स्थापना फर्टिलाइजर कारपोरेशन आॅफ इण्डिया लिमिटेड (एफ.सी.आई.एल.) की विद्यमान भूमि के 630 एकड़ पर की जानी है। जिसका चिन्हांकन कर लिया गया है। यह भूमि फर्टिलाइजर कारपोरेशन आॅफ इण्डिया लिमिटेड से हिन्दुस्तान उवर्रक और रसायन लिमिटेड को 55 वर्ष की अवधि के लिए लीज पर दी जानी है।
उ0प्र0 जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास नियमावली, 2017 को प्रख्यापित करने की अनुमति
मंत्रिपरिषद ने खनन संक्रिया से प्रभावित व्यक्तियों एवं क्षेत्रों के विकास के लिए जनपदों में स्थापित जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास हेतु उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास नियमावली, 2017 को प्रख्यापित करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
इसके तहत जिला खनिज फाउण्डेशन की निधि के 60 प्रतिशत फण्ड का उपयोग प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र यथा-पेय जल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण उपाय, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, स्वच्छता, कौशल विकास पर खर्च किया जाएगा। इसके अलावा 40 प्रतिशत अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों यथा-भौतिक संरक्षण, सिंचाई आदि पर व्यय किया जाएगा। जिला खनिज निधि में पट्टा धारक द्वारा जमा की जाने वाली धनराशि राॅयल्टी के अतिरिक्त होगी और राॅयल्टी के एक तिहाई से अधिक नहीं होगी। न्यास की निधि में प्राप्त होने वाली धनराशि वाणिज्यिक राष्ट्रीयकृत बैंक में रखी जाएगी, जिसका संचालन सम्बन्धित खान अधिकारी व प्रबन्ध समिति द्वारा नामित सदस्य के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि जिला खनिज फाउण्डेशन की स्थापना 25 अप्रैल, 2017 को अधिसूचना के माध्यम से की गयी है। इस फाउण्डेशन की संरचना एवं क्रिया-कलाप हेतु उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास नियमावली, 2017 का प्रख्यापन किया जा रहा है। नियमावली के अनुसार फाउण्डेशन की निधि में मुख्य खनिज के प्रत्येक पट्टा धारक द्वारा खनिज की निकासी के सापेक्ष देय राॅयल्टी के ऐसे प्रतिशत की धनराशि, जिसका निर्धारण भारत सरकार द्वारा किया जाएगा एवं जो राॅयल्टी के अतिरिक्त होगा, जमा की जाएगी। इसी प्रकार उप खनिज के पट्टा धारकों द्वारा खनिज की निकासी के सापेक्ष देय राॅयल्टी के 10 प्रतिशत की धनराशि या ऐसी धनराशि, जो राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जाएगी, जिला खनिज फाउण्डेशन की निधि में जमा होगी।
उल्लेखनीय है कि खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जिला खनिज फाउण्डेशन की निधि के उपयोग सम्बन्धी निर्देश ‘प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना’ में दिए गए हैं।
उ0प्र0 माल और सेवा कर विधेयक, 2017’ के प्रारूप का अनुमोदन करते हुए विधान मण्डल में इसका पारण कराए जाने का निर्णय
प्रदेश में जी0एस0टी0 प्रणाली लागू किए जाने के उद्देश्य से मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर विधेयक, 2017’ के प्रारूप का अनुमोदन करते हुए विधान मण्डल में विधेयक को पुरःस्थापित किए जाने व इसका पारण कराए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2017
M T W T F S S
« Apr   Jun »
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
-->









 Type in