Archive | May 10th, 2017

सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश के सीमित संसाधनों के दृष्टिगत भारत सरकार से सभी स्तरों पर सहयोग की अपेक्षा होगी: मुख्यमंत्री

Posted on 10 May 2017 by admin

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत अब 250 से 499 आबादी वर्ग
की पक्के मार्गाें से अब तक नहीं जुड़ी बसावटों को ‘आॅल वेदर रोड’ से जोड़े जाने की योजना पर काम किया जाए

मुख्यमंत्री ने प्रत्येक 05 वर्ष में बी0पी0एल0 सर्वे कराए जाने की वकालत की

मुख्यमंत्री ने बुन्देलखण्ड पैकेज के विस्तार का अनुरोध किया

मुख्यमंत्री ने कार्यकारी ग्रुप गठित करने के
उपाध्यक्ष नीति आयोग के प्रस्ताव का स्वागत किया

उत्तर प्रदेश नीति आयोग की
‘डेवलपमेन्ट सपोर्ट सर्विस’ योजना में भागीदार बनेगा

‘ईज आॅफ डुइंग बिजनेस’ के लिए प्रदेश में
‘आॅनलाइन पोर्टल व्यवस्था’ लागू की जाएगी: मुख्यमंत्री

नीति आयोग उत्तर प्रदेश को हर क्षेत्र में
पूरा सहयोग देगा: उपाध्यक्ष नीति आयोग
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां योजना भवन में नीति आयोग के साथ आयोजित बैठक के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के चहुंमुखी विकास के सम्बन्ध मंे आवश्यक बिन्दुओं को रेखांकित करते हुए कहा कि सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश के सीमित संसाधनों के दृष्टिगत भारत सरकार से सभी स्तरों पर सहयोग की अपेक्षा होगी।press-34
श्री योगी ने कहा कि वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर राज्य में 500 या उससे अधिक आबादी वर्ग की समस्त बसावटें ‘आॅल वेदर रोड’ से संतृप्त हैं। उन्होंने नीति आयोग से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत अब 250 से 499 आबादी वर्ग की पक्के मार्गाें से अब तक नहीं जुड़ी बसावटों को ‘आॅल वेदर रोड’ से जोड़े जाने की योजना पर काम किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं में बी0पी0एल0 परिवारों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि वर्तमान समय में जिस सर्वेक्षण के आधार पर कार्य किया जा रहा है वह काफी वर्ष पुराना होने के कारण जमीनी वास्तविकताओं से काफी भिन्न है। उन्होंने प्रत्येक 05 वर्ष में बी0पी0एल0 सर्वे कराए जाने की वकालत की।
श्री योगी ने बुन्देलखण्ड पैकेज की अवधि समाप्त होने के मसले को नीति आयोग के संज्ञान में लाते हुए कहा कि इस क्षेत्र में अभी भी समन्वित विकास की दिशा में बहुत से कार्य कराए जाने शेष हैं। उन्होंने पैकेज के विस्तार का अनुरोध करते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में शीघ्र ही प्रस्ताव विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नीति आयोग इस पर सकारात्मक रुख अपनाएगा।press-13
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में खारे पानी, आर्सेनिक एवं फ्लोराइड प्रभावित जल की विकट समस्या के स्थायी समाधान हेतु बड़े पैमाने पर सरफेस सोर्स आधारित ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं के लिए नीति आयोग से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने आज नीति आयोग के साथ हुई सकारात्मक चर्चा के क्रम में विभिन्न विभागों के लिए कार्यवाही के बिन्दु तय करने के लिए एक कार्यकारी ग्रुप गठित करने के उपाध्यक्ष नीति आयोग के प्रस्ताव का स्वागत किया।
श्री योगी ने नीति आयोग के साथ बैठक में हुई चर्चा के दौरान उभरने वाले बिन्दुओं का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार को 10 प्रतिशत आर्थिक ग्रोथ का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए तेजी से काम करना होगा। ऐसी वृद्धि से ही राज्य में खुशहाली आएगी। उन्होंने कहा कि कृषि विकास सर्वाधिक आवश्यक है। कानूनी प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कानूनों का सरलीकरण अपेक्षित है।press-23
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन के धन का सदुपयोग पारदर्शिता के साथ करना चाहिए। प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी ठेकों इत्यादि में ई-टेण्डरिंग अनिवार्य करने के निर्णय की सभी ओर से प्रशंसा हो रही है। उन्हांेने चिंता व्यक्त की कि राज्य की प्रगति पिछले वर्षाें में आवश्यकता से कम हुई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कराए गए कार्याें की गुणवत्ता के सम्बन्ध में नीति आयोग द्वारा प्रकट की गई चिंता का समाधान करना होगा।
श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, नीति आयोग की ‘डेवलपमेन्ट सपोर्ट सर्विस’ योजना में भागीदार बनेगा। उन्होंने कृषि क्षेत्र की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों को जैविक कम्पोस्ट का उपयोग बढ़ाने के लिए प्रेरित करना होगा। किसानों के बीच सामुदायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देना होगा। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में ‘अन्ना प्रथा’ की सीमित करने के लिए वहां खरीफ फसल की बुआई बढ़ानी होगी। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए विस्तार से चर्चा कर इस दिशा में प्रयास करने होंगे।
‘ईज आॅफ डुइंग बिजनेस’ के विषय पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की सुविधा के लिए ‘आॅनलाइन पोर्टल व्यवस्था’ लागू की जाएगी। सरकारी फाॅर्माें में स्वःप्रमाणन व्यवस्था लागू की जाएगी। गांवों के विकास पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए महिला समूहोें को सुदृढ़ किया जाएगा। राज्य सरकार बाल विकास, बच्चों के स्वास्थ्य तथा पोषण को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान प्रदेश के विकास के सम्बन्ध में दिए गए सुझावों पर राज्य सरकार गम्भीरता से कार्य करेगी और उन्हें धरातल पर उतारेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नीति आयोग द्वारा सहकारी संघवाद की सोच के साथ विचार-विमर्श के लिए आयोग की प्रशंसा की।
इससे पूर्व, बैठक को ‘सम-अप’ करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री अरविन्द पनगढ़िया ने कहा कि उत्तर प्रदेश पिछले कुछ वर्षाें में विकास की दौड़ में पिछड़ गया था, परन्तु अब मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार आवश्यक निर्णय तेजी से लेकर उन्हें लागू कर रही है। नीति आयोग उत्तर प्रदेश को हर क्षेत्र में पूरा सहयोग देगा। किसी भी देश अथवा प्रदेश की प्रगति के लिए सबसे पहले कृषि में प्रगति सबसे आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जापान, सिंगापुर इत्यादि जैसे विकसित देशों ने पहले अपनी कृषि पर ध्यान दिया फिर उद्योगों पर अपना फोकस किया।
श्री पनगढ़िया ने कहा कि किसानों की भलाई के लिए कृषि में सुधारांे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ‘ईज आॅफ डुइंग बिजनेस’ के लिए उत्तर प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ानी होंगी, ताकि प्रदेश की ओर घरेलू तथा विदेशी निवेशक आकर्षित हों। शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने फाउण्डेशनल लर्निंग पर फोकस करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति को चिंताजनक बताया। उन्होंने सभी स्तर की कक्षाओं में ‘टेस्ट’ को अनिवार्य करने की सलाह दी। उन्होंने स्वास्थ्य, स्वच्छ भारत मिशन, पेयजल व्यवस्था इत्यादि पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने नीति आयोग तथा उत्तर प्रदेश सरकार का एक संयुक्त ग्रुप गठित करने का भी सुझाव दिया जो राज्य की प्रगति के विषय में अपनी सिफारिशें देगा।

इस अवसर पर नीति आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारी, राज्य सरकार के मंत्रिगण तथा प्रदेश के मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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वर्तमान सरकार के गठन के साथ ही प्रदेश में परिवर्तन, विकास एवं गरीबों के सशक्तिकरण का नया युग प्रारम्भ हुआ: मुख्यमंत्री

Posted on 10 May 2017 by admin

नीति आयोग से प्राप्त सुझाव पर गम्भीरता से अमल किया जाएगा

प्रदेश की वर्तमान विकास दर को बढ़ाने की सख्त जरूरत: श्री योगी

कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि कर
किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा

राज्य सरकार मण्डियों को आॅनलाइन जोड़ने पर बल दे रही है

नई औद्योगिक नीति पर तेजी से काम किया जा रहा है

औद्योगिकीकरण के लिए भूमि बैंक बनाया जा रहा है

उद्योगों की स्थापना में लाल फीताशाही
तथा इंस्पेक्टर राज समाप्त करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं

औद्योगिकीकरण से सम्बन्धित समस्त आवश्यकताओं की
पूर्ति हेतु प्रक्रिया को आॅनलाइन किया जा रहा है

प्रदेश सरकार प्रत्येक इच्छुक परिवार के कम से कम
एक सदस्य को कौशल विकास प्रशिक्षण देने का काम करेगी

राज्य सरकार वर्तमान मृत्यु दर को तेजी से घटाने
के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए कृत संकल्पित

राज्य सरकार मजदूरों एवं भूमिहीनों के लिए
आजीविका एवं आय की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी
प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेय जल
उपलब्ध कराने के लिए काम किया जा रहा है

प्रदेश के सभी नगर निकायों को 02 अक्टूबर, 2018
तक ओ0डी0एफ0 बनाने का लक्ष्य निर्धारित

गरीबी की रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले
परिवारों का प्रत्येक 05 वर्ष में सर्वेक्षण किया जाना चाहिए

मुख्यमंत्री नीति आयोग तथा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के

उच्चस्तरीय दल द्वारा दिए गए प्रस्तुतिकरण में सम्मिलित हुए

press-34 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के गठन के साथ ही प्रदेश में परिवर्तन, विकास एंव गरीबों के सशक्तिकरण का एक नया युग प्रारम्भ हुआ है। विकास की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वर्तमान में उपलब्ध संसाधनों को तेजी से बढ़ाते हुए आर्थिक विकास दर को 10 प्रतिशत तक प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ऐसा होने पर ही राज्य को विकास के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे। इसके लिए कृषि जैसे प्राथमिक सेक्टर के साथ-साथ उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ‘ईज़ आॅफ डुइंग बिजनेस’ व टैक्स रिफाॅर्म जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग से प्राप्त सुझाव पर गम्भीरता से अमल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां योजना भवन में नीति आयोग तथा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के उच्चस्तरीय दल द्वारा महत्वपूर्ण विषयों पर दिए जा रहे प्रस्तुतिकरण के दौरान अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने संसाधनों के मामले में उत्तर प्रदेश को एक सम्पन्न राज्य बताते हुए कहा कि करीब 22 करोड़ की आबादी वाला यह प्रदेश, देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद विकास के सूचकांकों में पिछड़ा माना जाता है।
press-13 मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश को एक कृषि प्रधान राज्य बताते हुए कहा कि यहां की लगभग 77 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। प्रदेश के कुल ग्रामीण परिवारों का लगभग 75 प्रतिशत परिवार कृषक है। इनमें से लगभग 65 प्रतिशत परिवारों की आय का मुख्य स्रोत कृषि ही है। जबकि इस क्षेत्र में वास्तविक आमदनी बहुत कम है। प्रति व्यक्ति आय का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012-13 में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय जहां 36 हजार रुपए थी, वहीं 2016-17 में करीब 53 हजार रुपए अनुमानित है। इस प्रकार प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय, देश की प्रति व्यक्ति आय से लगभग आधी है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रदेश की विकास दर 7.4 प्रतिशत आकलित की गई है, जिसे बढ़ाए जाने की सख्त जरूरत है।
प्रदेश की आबादी का अधिकांश भाग कृषि क्षेत्र पर निर्भर होने के नाते इस क्षेत्र को मजबूत बनाने की प्राथमिकता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य तभी हासिल होगा, जब कृषि उत्पादन एवं कृषि उत्पादकता, दोनों में वृद्धि की जाए। इसके लिए किसानों को नवीन तकनीक से जोड़ने, कृषि में निवेश बढ़ाने तथा कृषि के लिए वैज्ञानिक विधियों को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार खाद्य प्रसंस्करण तथा अन्य प्रकार के मूल्य संवर्धन कार्यकलापों को बढ़ाने तथा मण्डियों को आॅनलाइन जोड़ने पर बल दे रही है।
press-23प्रदेश की विकास दर को बढ़ाने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन देने की तत्काल जरूरत पर बल देते हुए श्री योगी ने कहा कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति में भी तेजी से सुधार लाया जा सकता है। राज्य सरकार औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए नई औद्योगिक नीति पर तेजी से काम कर रही है। अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण को गति प्रदान की जा रही है। बुन्देलखण्ड जैसे पिछड़े क्षेत्र को भी एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की योजना को मूर्त रूप देने तथा औद्योगिकीकरण के लिए भूमि की आवश्यकता के दृष्टिगत भूमि बैंक बनाया जा रहा है।
नियमों और प्रक्रियाओं का सरलीकरण करते हुए उद्योगों की स्थापना में लाल फीताशाही तथा इंस्पेक्टरराज की दखलंदाजी समाप्त करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों के अनावश्यक चक्कर काटने से बचाने के लिए औद्योगिकीकरण से सम्बन्धित समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रक्रिया को आॅनलाइन किया जा रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार जी0एस0टी0 लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विद्युत जैसी मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न निर्णयों की जानकारी देते हुए श्री योगी ने कहा कि 14 अप्रैल, 2017 से रात्रिकालीन विद्युत आपूर्ति सहित प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों को 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों को 20 घण्टे, ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति शुरु कर दी गई है। अक्टूबर, 2018 से पूरे प्रदेश को चैबीस घण्टे विद्युत आपूर्ति करने का निर्णय लिया गया है। क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर बदलने के लिए भी सख्त कदम उठाए गए हैं, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में 48 घण्टे में तथा शहरी क्षेत्र में 24 घण्टे में खराब ट्रांसफार्मर को बदला जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को तकनीकी रूप से दक्ष श्रम शक्ति उपलब्ध कराने के लिए गम्भीरता से प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश सरकार प्रत्येक इच्छुक परिवार के कम से कम एक सदस्य को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने का काम करेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रदेश के औद्योगिकीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा अभी तक किए गए प्रयासों को और अधिक गति प्रदान करने के लिए नीति आयोग की विशेषज्ञता एवं अनुभव का लाभ उठाया जाएगा।
राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में अभी और अधिक प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने मातृ एवं शिशु की वर्तमान मृत्यु दर पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार वर्तमान मृत्यु दर को तेजी से घटाने के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए कृत संकल्पित है।
प्रदेश सरकार प्रत्येक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की आधारभूत संरचना का विकास करेगी। नियमित टीकाकरण अभियान की गुणवत्ता को सुधारते हुए इसे और अधिक व्यापक बनाने तथा संस्थागत प्रसव को शत्-प्रतिशत पहुंचाने के लिए सख्ती से काम किया जाएगा। लिंगानुपात को सुधारने के लिए चिन्हित जनपदों में बेटियों के प्रति प्रेम की सामाजिक चेतना जाग्रत कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा। शिक्षा के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक सभी बालक-बालिकाओं के लिए निःशुल्क, समान एवं गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर की शिक्षा सुलभ कराने के लिए काम किया जाएगा।
प्रदेश के विकास में आर्थिक एवं क्षेत्रीय विषमता को कम करना एक बड़ी चुनौती बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण की समस्या है। प्रदेश के लगभग 92 प्रतिशत किसान सीमान्त एवं लघु कृषक की श्रेणी में आते हैं। इन सभी वर्गों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए लक्ष्य आधारित नीति एवं योजना तैयार की जाएगी।
कृषि को अधिकाधिक लाभकारी बनाने के साथ ही रोजगार के वैकल्पिक स्रोतों का भी विकास किया जाएगा। गरीबों विशेषकर मजदूरों एवं भूमिहीनों के लिए आजीविका एवं आय की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी बताते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में नीति आयोग के भी सुझाव को अमल में लाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के विकास तथा कौशल उन्नयन पर बल दिया जाएगा।
श्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है। जलापूर्ति परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों को समयबद्ध ढंग से गुणवत्ता के साथ पूरा कराने के साथ ही बुन्देलखण्ड क्षेत्र तथा प्रदेश के मध्य एवं पश्चिम क्षेत्रों में गिरते हुए जल स्तर को रोकने के लिए गम्भीरता से काम किया जा रहा है। इस मामले में नीति आयोग से तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर विशेष रूप से डार्क एवं ग्रे जोन में तालाबों के निर्माण की योजना बना रही है ताकि स्थानीय स्तर पर लोग भूमिगत जल के बजाय इन जल स्रोतों पर निर्भर होने की आदत डाल सकें। प्रदेश के सभी 654 नगर निकायों को 02 अक्टूबर, 2018 तक शत्-प्रतिशत ओ0डी0एफ0 बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने गरीबी की रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों (बी0पी0एल0) के लिए प्रत्येक 05 वर्ष में सर्वेक्षण कराने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे बी0पी0एल0 परिवारों की सूची अद्यतन करने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार देश के विभिन्न प्रदेशों में प्रयोग की जा रही नवीनतम तकनीक, नई सोच और अभिनव प्रयोग को आवश्यकतानुसार उत्तर प्रदेश में भी लागू करने के लिए काम कर रही है, जिससे विकास योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ जनता को मिल सके। उन्होंने सीमित संसाधनों में बेहतर परिणाम प्राप्त करने तथा संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग के बारे में नीति आयोग से मार्गदर्शन उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया है।
इससे पूर्व, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डाॅ0 अरविन्द पनगढ़िया ने ट्रांसफाॅर्मिंग उत्तर प्रदेश शीर्षक के तहत विस्तार से विभिन्न बिन्दुओं पर तुलनात्मक आंकड़े प्रस्तुत करते हुए राज्य सरकार को आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार 09 फीसदी की वृद्धि दर भी प्राप्त कर ले तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति में गुणात्मक सुधार हो जाएगा। उन्होंने तेज गति से विकास पर बल देते हुए कहा कि परम्परागत ढंग की कार्यप्रणाली से विकास को तेजी से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री अमिताभ कान्त ने विद्युत उत्पादन की दर कम करने, विद्युत वितरण कम्पनियों की क्षमता में विकास तथा ‘उदय’ को प्रभावी रूप से लागू करने पर बल दिया। उन्होंने विस्तार से शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण सम्पर्क मार्ग, हेल्थ इंडेक्स तथा गरीबी उन्मूलन जैसे विषयों पर चर्चा करते हुए प्रदेश में सुधार की सम्भावनाओं को रेखांकित किया।
नीति आयोग के सदस्य श्री रमेश चन्द्र ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए किए जाने वाले कार्यों की विस्तार से चर्चा करते हुए प्रदेश के विकास के लिए कृषि क्षेत्र में सुधार की सख्त जरूरत पर बल दिया।
इसी प्रकार भारत सरकार के औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के सचिव श्री रमेश अभिषेक ने ‘ईज़ आॅफ डुइंग बिजनेस’ तथा स्टार्टअप कार्यक्रम, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री अमरजीत सिन्हा ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास एवं आवास से सम्बन्धित विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। बैठक में स्वास्थ्य, कुपोषण, शिक्षा, पेय जल तथा स्वच्छता आदि विषयों पर भी भारत सरकार एवं नीति आयोग के अधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण दिया।
इससे पूर्व नीति आयोग की इस पहल का स्वागत करते हुए प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार देश के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित अच्छी योजनाओं को प्रदेश की परिस्थितियों के हिसाब से लागू करने पर विचार करेगी, जिससे अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके।
कार्यक्रम में राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य श्री सूर्य प्रताप शाही, श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, श्रीमती अनुपमा जयसवाल, डाॅ0 महेन्द्र सिंह सहित मुख्य सचिव, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सविच/सचिव एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन प्रमुख सचिव नियोजन द्वारा किया गया।

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भाजपा ने अनुशासनात्मक कार्यवाही में 87 कार्यकर्ता निष्कासित किए

Posted on 10 May 2017 by admin

भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अनुशासन समिति की संस्तुति पर प्रदेश अध्यक्ष मा0 केशव प्रसाद मौर्य द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए 87 पार्टी कार्यकर्ताओं को 6 वर्षो के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
प्रदेश महामंत्री तथा मुख्यालय प्रभारी विद्यासागर सोनकर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश भर से जिन 87 नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने तथा पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने या प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार करने के आरोप तथात्मक पाए गए उन्हें अनुशासन समिति की जांच की संस्तुति के पश्चात प्रदेश अध्यक्ष मा0 केशव प्रसाद मौर्य ने 06 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है।
श्री सोनकर ने बताया कि जिला रामपुर सेे कपिल देव कोरी, मुरादाबाद महानगर से वी0के0 सैनी, हरपाल सिंह, दिनेश सैनी, मुरादाबाद जिला से रामप्रसाद प्रजापति, बिजनौर जिले से इन्द्रदेव सिंह, श्रीमती राधा सैनी, श्रीमती लीना सिंघल, एस0के0 वर्मा, बुलन्दशहर जिले सेे शान्ति स्वरूप शर्मा, होशियार सिंह, सहारनपुर जिले सेे आदित्य राणा, शामली जिले सेे अनिल चैहान, बागपत जिले सेे  श्रीमती इन्दु सिंह, विकल शर्मा, आशीष वशिष्ठ, सम्भल जिले सेे उमेश सक्सेना, धीरेन्द्र यादव, फिरोजाबाद जिले से शिवसिंह चक, सुशील चक, संजय चक, हाथरस जिले से चन्द्र शेखर रावल, प्रताप चैधरी , मथुरा जिले से शिवशंकर वर्मा, अलीगढ़ जिले से अतुल गुप्ता, केशव बघेल़, नीरज शर्मा़, राजेश भारद्वाज, हेमन्त चैहान, बरेली जिले से  एम0पी0 आर्या, बदायूं जिले से रामसेवक पटेल, शैलेश पाठक, पीलीभीत जिले से प्रवक्ता नन्द, श्रीमती राजरानी , कासगंज जिले से श्याम सुन्दर, गोण्डा जिले से श्रीमती प्रतिभा सिंह, महेश नारायण तिवारी , निर्मल श्रीवास्तव, वैभव पाण्डेय, विद्याभूषण द्विवेदी, नीरज मौर्य, रामभजन चैबे, जसवंत लाल सोनकर, बलरामपुर जिले से  अंगद शरण गौतम, अनुराग यादव, राजेश्वर मिश्रा, सीतापुर जिले से श्रीमती कमला रावत, श्यामल लाल रावत, बाराबंकी जिले से जंग बहादुर पटेल, श्रीमती रानी कन्नौजिया , नीलेन्द्र बक्शदास, उन्नाव जिले से कृपाशंकर सिंह, लखनऊ महानगर से मनोज के0 गुप्ता, श्रावस्ती जिले से राम अभिलाख, विनोद त्रिपाठी, अम्बेडकरनगर जिले से छोटे पाण्डे, चित्रकूट जिले से दिनेश मिश्रा, औरैया जिले से  बादशाह राजपूत, फतेहपुर जिले से आदित्य पाण्डेय, बांदा जिले से रामकरण सिंह उर्फ बच्चन, गाजीपुर  जिले से राणा विजय राजभर, श्रीमती ज्योत्सना सिंह, संजय सोनकर, सुल्तानपुर जिले से श्रीमती रेखा निषाद, प्रतापगढ जिले से लक्ष्मीनारायण पाण्डे़, प्रमोद मौर्या़, अशोक सरोज, भदोही जिले से रामकिशोर बिन्द, डाॅ0 आर0के0 पटेल, मिर्जापुर जिले से राहुल बरनवाल, सोनभद्र जिले से देवेन्द्र शास्त्री, वाराणसी महानगर जिले से सुजीत सिंह ‘टीका’, महराजगंज जिले से रामाधार दुबे, संतोष सिंह, चन्दन गुप्ता, गिरधारी गुप्ता, सदानन्द उपाध्याय, मऊ जिले सेयोगेन्द्र राय, बलिया जिले से अरविन्द राय, श्रीमती केतकी सिंह, आजमगढ जिले से  रणविजय सिंह चैहाऩ, रामसूरत राजभऱ, सिद्धार्थनगर जिले से श्रीमती सरोज शुक्ला, राधा रमण त्रिपाठी, कुशीनगर जिले से संजय श्रीवास्तव, नन्दकिशोर मिश्रा , श्रीकान्त मिश्रा को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निस्कासित किया गया।

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सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के लीकेज बंद होने से राजस्व बढ़ेगा - केशव मौर्य

Posted on 10 May 2017 by admin

keshav-maurya1भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए पीडब्लूडी, मनोरंजन कर, खाद्य प्रसंस्करण सहित सरकार के कार्यो पर वार्ता की। सरकार की आगामी योजनाओं और जनता को उनसे होने वाले लाभ पर भी चर्चा की।
श्री मौर्य ने कहा कि गढ्ढा मुक्त सड़के उ0प्र0 की जनता के लिए बहुत आवश्यक है। सड़कों को गढ्ढा मुक्त करने का काम तेजी से शुरू हो चुका है। प्रदेश में पीडब्लूडी की ढाई लाख किलोमीटर सड़के है जिनमें 86 हजार किलोमीटर सड़के गढ्ढा युक्त है। ऐसी सभी सड़कों को 15 जून तक गढ्ढा मुक्त करने का काम किया जाना है। इसके साथ ही 35 हजार किलोमीटर अन्य विभागों की भी सड़कें सरकार गढ्ढा मुक्त करने के काम में जुटी है। 58 राजमार्गो को राष्ट्रीय राजमार्ग में परिवर्तित करने का अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया है। पिछली सरकार में हीलाहवाली से एनओसी नहीं दी थी। 13 अन्य सड़कों के प्रस्ताव भी केन्द्र सरकार को भेज दिए है। 12 मई को भूतल एवं परिवहन मंत्रालय के साथ बैठक है।
श्री मौर्य ने कहा कि सपा सरकार द्वारा जानबूझ कर यूपी के विकास को रोकने का काम किया गया था। किसानों के मुआवजे के लिए आया धन किसानों को नहीं बांटा गया। योगी जी के नेतृत्व में सरकार ने रूके हुए मुआवजे के वितरण का काम शुरू किया है। अधिकारियों और ठेकेदारों की जांच कराई गई और जांच के बाद पुष्टि होने पर कुछ अधिकारियों का निलम्बन किया गया है। छात्र शक्ति एवं में राजा इन्फ्रास्ट्रक्चर नाम की दो फर्मों को ब्लैक लिस्ट किया गया है, जो सरकारी तंत्र से मिलकर लूट मचाएं थे। एक तकनीकि समिति बनाकर जिन्हें ब्लैक लिस्ट सूची में डाला गया है उनकी बनाई सड़कों की जांच होगी। जांच के बाद आगे की कार्यवाही होगी। योगी जी की सरकार में गलत काम करने वाले बच नहीं पाएंगे। पिछली सरकार में प्रदेश को लूटने और लुटाने का काम किया गया। सरकार को सौ दिन व्यवस्थित करने का अवसर दीजिए, उसके बाद सब कुछ साफ दिखेगा।
श्री मौर्य ने कहा कि किसी भी घटना के दोषियों पर बिना राजनीतिक दबाव के कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश तेजी के साथ भ्रष्टाचार से मुक्त हो रहा है। गढ्ढा मुक्त सड़के, किसानों की कर्ज माफी, बिजली की उपलब्धता, क्रय केन्द्रांे को खोलकर गेहूॅ की खरीद, गन्ना भुगतान, एन्टी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन, अयोध्या, मथुरा (वृन्दावन) को नगर निगम का दर्जा देना यह बड़े निर्णय है। तीर्थ स्थलों के विकास से प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में आगे बढे़गा।
श्री मौर्य ने कहा कि सरकार खनन की दीर्घ कालिक नीति तैयार कर रही है। समिति के अब तक दो बैठके हो चुकी है। कई राज्यों की खनन नीति के प्रारूप का भी अध्य्यन किया जा रहा हैं। हम खनन में राजस्व की क्षति को समाप्त करना चाहते है। खनन की लूट को बंद करना है। दूसरे राज्यों से आने वाले खनन पर रोक हटा ली गई है। प्रदेश सरकार में गरीब और किसानों के हित प्रभावित नहीं होंगे। मनोरंजन विभाग में नए सिरे से काम की तैयारी हो रही है। फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में कई कम्पनियों से बात हुई है। कई कम्पनियां आने के लिए उत्साहित है। रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए हम प्रयास कर रहे है। राजस्व बढ़ाने के लिए लीकेज बंद करने की आवश्कता है। आबकारी, खनन, बिजली सहित तमाम विभागों में बड़े लीकेज है। इनकों बंद करके सरकारी खजाने में उबाल आ जाएगा। जिस उम्मीद से जनता ने भाजपा की समर्थन दिया है हम उस भरोसे को कायम रखेंगे।

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संगठनात्मक चुनाव को लेकर कंाग्रेस नेताओं से विचार-विमर्श किया

Posted on 10 May 2017 by admin

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के संगठनात्मक चुनाव के प्रदेश चुनाव अधिकारी श्री किशोर उपाध्याय पूर्व प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखण्ड प्रदेश कंाग्रेस ने आज प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय में संगठनात्मक चुनाव को लेकर कंाग्रेस नेताओं से विचार-विमर्श किया।

प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता आर0ए0 प्रसाद ने बताया कि बैठक में प्रमुख रूप से प्रदेश कंाग्रेस के अनुशासन समिति के चेयरमैन एवं पूर्व मंत्री श्री रामकृष्ण द्विवेदी, मीडिया इंचार्ज एवं पूर्व मंत्री श्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व विधायक एवं संगठन प्रभारी श्री फजले मसूद, महामंत्री एवं संगठनात्मक चुनाव प्रभारी श्री हनुमान त्रिपाठी, प्रवक्ता श्री वीरेन्द्र मदान, महामंत्री-प्रशासन डॉ0 आर0पी0 त्रिपाठी एवं श्री प्रमोद सिंह, महामंत्री चौ0 सत्यवीर सिंह, सचिव श्री आर0पी0 सिंह आदि वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

श्री प्रसाद ने बताया कि बैठक में संगठनात्मक चुनाव की रूपरेखा और उन्हें सम्पन्न कराने के तमाम प्रयासों पर कंाग्रेसजनों ने अपने सुझाव दिये।

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वरिष्ठ कंाग्रेस नेताओं को मंडलवार प्रभारी नियुक्त किया

Posted on 10 May 2017 by admin

नगर निकाय चुनाव को लेकर अखिल भारतीय कंाग्रेस कमेटी के महासचिव-प्रभारी उ0प्र0 श्री गुलाम नबी आजाद नेता प्रतिपक्ष राज्यसभा की सहमति से प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष श्री राजबब्बर सांसद ने वरिष्ठ कंाग्रेस नेताओं को मंडलवार प्रभारी नियुक्त किया है।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता आर0ए0 प्रसाद ने बताया कि मंडल नियुक्त किये गये प्रभारियों में मंडलवार क्रमशः आगरा मंडल में श्री पंकज मलिक पूर्व विधायक, अलीगढ़ मंडल में श्रीमती अन्नू टण्डन पूर्व सांसद, इलाहाबाद मण्डल में पूर्व सांसद श्री राजेश मिश्रा, आजमगढ़ मंडल में पूर्व विधायक श्री अखिलेश प्रताप सिंह, बरेली मंडल में श्री इमरान मसूद, बस्ती मंडल में श्री वीरेन्द्र चौधरी, चित्रकूट मंडल में श्री राहुल राय, देवीपाटन मंडल में पूर्व विधायक श्री नदीम जावेद, फैजाबाद मण्डल में विधायक श्रीमती अराधना मिश्रा‘मोना’, गोरखपुर मंडल में पूर्व विधायक श्री अजय राय, झांसी मण्डल में कंाग्रेस विधानमंडल दल के पूर्व नेता श्री प्रदीप माथुर, कानपुर मंडल में पूर्व विधायक श्री विनोद चतुर्वेदी, लखनऊ मंडल में पूर्व विधायक श्री ललितेशपति त्रिपाठी, मेरठ मण्डल में पूर्व एमएलसी श्री विवेक बंसल, मुरादाबाद मण्डल में श्री सोहेल अंसारी को प्रभारी नियुक्त किया गया है।

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आम लोगों को पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के साथ-साथ त्वरित विभागीय सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएं: नंदी

Posted on 10 May 2017 by admin

*कार्यालय की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए*

*कार्यालयों में शिकायत और सुझाव पेटी लगाने के निर्देश*

*राजस्व बढ़ाने के लिए अधिकारी मण्डल, जिला व तहसील स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा करें*

*स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन मंत्री ने विभागीय समीक्षा की*
प्रदेश के स्टाम्प एवं रजिस्टेªशन मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आम लोगों को पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के साथ-साथ त्वरित विभागीय सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा कि कार्यालयों में आधुनिक कार्य प्रणाली अपनायी जाए। विभाग द्वारा अधिक से अधिक राजस्व प्राप्ति के उपाय सुनिश्चित किए जाएं और बिना किसी जांच-पड़ताल के भूमि की रजिस्ट्री तथा एक ही भूमि की रजिस्ट्री बार-बार किए जाने की घटनाओं को रोके जाने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि कार्यालय की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
श्री नंदी ने यह विचार आज यहां आई0जी0 कैम्प कार्यालय, गोमतीनगर, लखनऊ में विभागीय राजस्व समीक्षा के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने कार्यालयों में शिकायत और सुझाव पेटी अवश्य लगायें, ताकि जनता की समस्याओं का त्वरित निस्तारण हो सके।
स्टाम्प एवं रजिस्टेªशन मंत्री ने कहा कि कार्यालयों में अधिकारी तकनीकी दक्षता हासिल करें। उन्होंने कहा कि राजस्व प्राप्तियों के लक्ष्य में हो रही कमी को गम्भीरता से लिया जाए। माह अप्रैल, 2017 में राजस्व लक्ष्य 1270 करोड़ रुपए का था, जिसके सापेक्ष 880.17 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई, जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। माह अप्रैल 2017 में 100 प्रतिशत से अधिक राजस्व प्राप्त करने वाले जनपद मऊ, गाजीपुर, अमेठी, सुल्तानपुर एवं कुशीनगर की प्रगति पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राजस्व बढ़ाने के लिए अधिकारी मण्डल, जिला व तहसील स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा करें और शत्-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करें। उन्होंने स्टाम्प वाद शीघ्रता व गुणवत्तापरक रूप से निपटाने व एक माह में सारे वाद, विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव स्टाम्प एवं रजिस्टेªशन श्री अनिल कुमार, महानिरीक्षक सुश्री कामिनी चैहान रतन एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

Posted on 10 May 2017 by admin

*नगर पालिका परिषद मथुरा एवं नगर पालिका परिषद वृन्दावन को मिलाकर नगर निगम मथुरा-वृन्दावन के गठन का फैसला*

मंत्रिपरिषद ने नगर पालिका परिषद मथुरा एवं नगर पालिका परिषद वृन्दावन को मिलाकर नगर निगम मथुरा-वृन्दावन के गठन का फैसला लिया है। साथ ही, इसके लिए अधिसूचना की अन्तर्वस्तु में संशोधन अथवा परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता पर आवश्यक सुसंगत संशोधन हेतु नगर विकास मंत्री को अधिकृत करने का निर्णय लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि मथुरा एवं वृन्दावन एक प्रमुख धार्मिक नगरी है एवं श्रीकृष्ण की जन्म स्थली होने के कारण राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के क्षेत्र में मथुरा एवं वृन्दावन का महत्वपूर्ण स्थान है। मथुरा एवं वृन्दावन के धार्मिक, सांस्कृतिक एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व को देखते हुए स्थानीय निवासियों व वहां आने वाले विदेशी पर्यटकों सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने हेतु नगर पालिका परिषद मथुरा एवं नगर पालिका परिषद वृन्दावन को मिलाकर नगर निगम बनाया जाना आवश्यक है।
नगर निगम का गठन होने से निकाय की आय में वृद्धि होगी, जिससे नगर निगम को वहां अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता होगी। इसके अतिरिक्त इस वर्णित कारणों से इन क्षेत्रों के समुचित विकास एवं वहां निवास करने वाले व्यक्तियों को रोजगार आदि के पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाने के उद्देश्य से नगर पालिका परिषद मथुरा एवं नगर पालिका परिषद वृन्दावन को मिलाकर नगर निगम मथुरा-वृन्दावन के गठन का फैसला लिया गया है।
*नगर पालिका परिषद अयोध्या एवं नगर पालिका परिषद फैजाबाद को मिलाकर नगर निगम अयोध्या बनाए जाने का प्रस्ताव मंजूर*
मंत्रिपरिषद ने नगर पालिका परिषद अयोध्या एवं नगर पालिका परिषद फैजाबाद को मिलाकर नगर निगम अयोध्या बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। साथ ही, इसके लिए अधिसूचना की अन्तर्वस्तु में संशोधन अथवा परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता पर आवश्यक सुसंगत संशोधन हेतु नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया गया है।
ज्ञातव्य है कि फैजाबाद एवं अयोध्या एक प्रमुख धार्मिक नगरी है एवं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्म स्थली होने के कारण राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के क्षेत्र में इन स्थलों का महत्वपूर्ण स्थान है। फैजाबाद एवं अयोध्या के धार्मिक, सांस्कृतिक एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व को देखते हुए स्थानीय निवासियों व वहां आने वाले विदेशी पर्यटकों सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने हेतु नगर पालिका परिषद फैजाबाद एवं नगर पालिका परिषद अयोध्या को मिलाकर नगर निगम बनाया जाना आवश्यक है।
नगर निगम का गठन होने से निकाय की आय में वृद्धि होगी, जिससे नगर निगम को वहां अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता होगी। इसके अतिरिक्त इस वर्णित कारणों से इन क्षेत्रों के समुचित विकास एवं वहां निवास करने वाले व्यक्तियों को रोजगार आदि के पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाने के उद्देश्य से नगर पालिका परिषद फैजाबाद एवं नगर पालिका परिषद अयोध्या को मिलाकर नगर निगम अयोध्या के गठन का फैसला लिया गया है।
*उ0प्र0 पथ विक्रेता नियमावली, 2017 अनुमोदित*
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश पथ विक्रेता (जीविका संरक्षण एवं पथ विक्रय विनियमन) नियमावली, 2017 को अनुमोदित कर दिया है। भारत सरकार के पथ विक्रेता (जीविका संरक्षण एवं पथ विक्रय विनियमन) अधिनियम, 2014 (अधिनियम संख्या-7 सन् 2014) की धारा-36 के अधीन प्रदत्त शक्तियों के अन्तर्गत नगरीय पथ विक्रेताओं के अधिकारों का संरक्षण और पथ विक्रय की गतिविधियों तथा इससे सम्बद्ध या अनुषांगिक मामलों के विनियमन के दृष्टिगत यह फैसला लिया गया है।
नियमावली में विहित व्यवस्थानुसार प्रत्येक निकाय में यथास्थिति नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी की अध्यक्षता में नगर पथ विक्रय समिति का गठन किया जाएगा। समिति का कार्यकाल प्रथम बैठक की दिनांक से 5 वर्ष की अवधि के लिए होगा। किन्तु नियमावली के अनुरूप कार्य नहीं करने पर राज्य सरकार समिति को भंग कर सकती है। भंग किए जाने की दिनांक से 03 माह के भीतर नई नगर पथ विक्रय समिति का गठन किया जाएगा।
नगर पथ विक्रय समिति सभी विद्यमान पथ विक्रेताओं का सर्वेक्षण, पथ विक्रय परिक्षेत्र की धारण क्षमता और पथ विक्रय परिक्षेत्र में पथ विक्रेताओं को स्थान देना सुनिश्चित करेगी। पथ विक्रय प्रमाण पत्र दिए जाने के पश्चात् पथ विक्रेताओं को समिति द्वारा परिचय पत्र भी जारी किया जाएगा। नई अवस्थापना विकास योजनाओं द्वारा हटाए गए पथ विक्रेताओं को समायोजित किया जाएगा, ताकि वह नई अवस्थापना द्वारा उत्पन्न आजीविका अवसरों का उपयोग कर सकें।
प्रत्येक नगर पथ विक्रय समिति में नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी अध्यक्ष होगा। समिति की सदस्य संख्या नगर पंचायत के मामले में अनधिक 10, नगर पालिका परिषद के मामले में अन्यून 10 और अनधिक 20 और नगर निगम के मामले में अन्यून 20 और अनधिक 40 होगी। समिति में गैर सरकारी संगठनों और समुदाय आधारित संगठनों का प्रतिनिधित्व करने के लिए नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी द्वारा कम से कम 10 प्रतिशत सदस्य नामनिर्दिष्ट किए जाएंगे। समिति में नगर पालिका क्षेत्र के पथ विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्यों की संख्या 40 प्रतिशत से कम नहीं होगी। पथ विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्यों के एक तिहाई सदस्य महिला पथ विक्रेताओं में से होंगी। साथ ही, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों तथा अल्पसंख्यकों व निःशक्त पथ विक्रेताओं को समुचित प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाएगा। प्रथम बार पथ विक्रय कार्य करने वाले का पथ विक्रेता के रूप में आवेदन करना होगा और उन्हें यह शपथ पत्र देना होगा कि उनके पास आजीविका का कोई अन्य साधन नहीं है।
14 वर्ष से कम आयु के लोगों को पथ विक्रेता के रूप में पंजीकृत नहीं किया जाएगा। प्रत्येक स्थिर पथ विक्रेता को पथ विक्रय परिक्षेत्र में, जहां समुचित रूप से उपलब्ध हो, 2ग2 मीटर से अनधिक क्षेत्र इस रीति से उपलब्ध कराया जा सकेगा कि यानीय और पैदल यातायात में बाधा उत्पन्न न हो और दुकानों एवं आवासों तक की पहुंच बन्द न हो। पैदल सेतुओं, ऊपरिगामी सेतुओं और फ्लाईओवर के ऊपर पथ विक्रय क्रिया-कलाप नहीं किया जाएगा। राज्य स्तर पर पथ विक्रय से सम्बन्धित समस्त मामलों के समन्वय के लिए निदेशक, स्थानीय निकाय या उसके द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत कोई अधिकारी राज्य नोडल अधिकारी होगा।

*भारतीय स्टाम्प अधिनियम के तहत जारी 16 सितम्बर, 2016 की अधिसूचना में संशोधन का निर्णय*
मंत्रिपरिषद ने भारतीय स्टाम्प (उत्तर प्रदेश संशोधन) अधिनियम, 2015 प्रवृत्त हो जाने के फलस्वरूप, साधारण खण्ड अधिनियम, 1897 (अधिनियम संख्या-10, सन् 1897) की धारा-21 के साथ पठित भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 (अधिनियम संख्या-2, सन् 1899) की धारा-76क के खण्ड (ख) के अधीन शक्ति का प्रयोग करके और इस निमित्त जारी पूर्ववर्ती अधिसूचना संख्या- 24/2016-889/94 स्टा0नि0-2-16-500(5)91 टी0सी0 दिनांक 16 सितम्बर, 2016 में संशोधन का निर्णय लिया है।
इस निर्णय के तहत स्टाम्प शुल्क की सुनवाई हेतु ‘न्यायिक सदस्य राजस्व परिषद’ के स्थान पर ‘सदस्य/न्यायिक सदस्य राजस्व परिषद’ किया गया है। साथ ही, उपायुक्त, स्टाम्प, सम्बन्धित मण्डल/वृत्त की स्टाम्प शुल्क के विवादों की अधिकारिता की सीमा में भी संशोधन किया गया है। इसके अन्तर्गत मुख्य नियंत्रण राजस्व प्राधिकारी की शक्तियां विभागीय उपायुक्त, स्टाम्प के अतिरिक्त मण्डलायुक्त एवं अपर मण्डलायुक्त को अपीलों के निस्तारण हेतु प्रतिनिधानित किया गया है।
साथ ही, सदस्य/न्यायिक सदस्य, राजस्व परिषद को 25 लाख रुपए से अधिक, मण्डलायुक्त को 25 लाख रुपए तक तथा अपर मण्डलायुक्त/उपायुक्त स्टाम्प को 10 लाख रुपए तक की सीमा तक स्टाम्प वाद के मामलों में सुनवाई का अधिकार दिया गया है। उपायुक्त स्टाम्प, सम्बन्धित मण्डल/वृत्त की स्टाम्प शुल्क के विवादों की अधिकारिता में संशोधन करते हुए 10 लाख रुपए तक की सीमा तक का अधिकार दिया गया है, जिससे जनसामान्य के स्थानीय स्तर पर स्टाम्प वाद के प्रकरणों का शीघ्रता से निस्तारण किया जा सके।

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