Archive | May 6th, 2017

सिंचाई के कार्यों में किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नही होगी -धर्मपाल सिंह

Posted on 06 May 2017 by admin

हर खेत को पानी, हर बूंद जल से अधिक फसल प्रधानमंत्री जी के इस संकल्प को धारातल पर उतारना हम सब का नैतिक दायित्व हैं यह विचार सिंचाई मंत्री श्री धर्म पाल सिंह ने सिंचाई विभाग के परिकल्प सभागार में आयोजित विशेष समीक्षा बैंठक में व्यक्त किये। सिंचाई मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता है गांव, गरीब, किसान तथा भ्रष्टाचार मुक्त शासन। इसका अक्षरशः अनुपालन करना हम सब का परम् कर्तव्य है।
irrigation-departmentप्रदेश के सिंचाई मंत्री श्री धर्म पाल सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सिंचाई कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है। सिंचाई विभाग के प्रत्येक कार्य में समयबद्धता, गुणवत्ता व पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने हेतु कई कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जायेगा। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि नदियों में स्वच्छ जल बना रहे तथा हर खेत को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो।
उन्होंने प्रदेश केे जनपदों व सिंचाई विभाग के मुख्यालय के अधिकारीगणों से यह अपेक्षा कि वे कार्यालय में समय से उपस्थित रहें तथा विभागीय योजनाओं को निर्धारित अवधि में पूरा करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि योजनाओं को समय से पूरा न करने पर जहां उनकी लागत बढ़ जाती है वहीं किसानों को समय से योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।
सिंचाई मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि किसान हित के कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही बुन्देलखण्ड में पानी का अभाव न रहे इसलिए माइक्रो सिंचाई पद्धति को अपना कर सिंचाई की समस्या को हल किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित नहरों की सिल्ट सफाई के लिए 50 क्यूसेक से कम डिस्चार्ज वाले भाग में आवश्यक मजदूर लगाकर सिल्ट सफाई कराई जाए। जल भराव वाले क्षेत्रों में ड्रेनों/नालों की सफाई का कार्य बरसात के पहले कराया जाये। उन्होंने कहा कि किसानों को अधिक से अधिक सिंचाई का लाभ पहुंचाने के लिए टेल तक पानी पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए।
श्री सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रीष्मकाल में पशुओं के लिए पानी तथा पेयजल हेतु 32 हजार तालाबों को नहरों एवं नलकूपों से शीघ्र भरने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्यांचल में सिंचाई एवं पेयजल हेतु 69 जलाशय हैं। इन जलाशयों में जल की उपलब्धता तत्काल सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि 18 हजार करोड़ रुपये की लागत की केन-बेतवा लिंक परियोजना भारत सरकार द्वारा अनुमोदित हो चुकी है। इस परियोजना को मूर्त रूप देने के कार्यों में तेजी लाई जाय। इससे प्रदेश के लगभग 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।
सिंचाई मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड एवं विध्यांचल में सिंचाई की नई तकनीक को अपनाने के लिए ‘मोर क्राप फार ईच ड्राप’ को प्रमुखता से लागू किया जाय इससे ड्रिप एवं स्प्रिंकलर द्वारा सिंचाई की परियोजनाओं को बेहतर ढंग से लागू किया जा सकेगा। उन्होंने प्रदेश में सोलर पाॅवर चालित नलकूपों की कार्य योजना बनाये जाने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।
श्री सिंह ने संभावित बाढ़ से प्रदेश को बचाने के लिए बरसात से पूर्व सभी आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने आॅवला क्षेत्र (जनपद बरेली) में राम गंगा नदी से लिफ्ट सिंचाई स्कीम बनाकर अथवा पूर्व प्रस्तावित बदायंू लिफ्ट स्कीम से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के कार्य में तेजी लाये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
सिंचाई राज्यमंत्री बलदेव सिंह ओलख ने कहा कि यह  पहला अवसर है कि जिलो में तैनात अधिकारियों के सुझाव और समास्याओं पर आमने-सामने बैठकर विचार-विमर्श किया जा रहा है यह योगी सरकार की पारिदर्शिता का प्रत्यक्ष प्रमाण है, अधिकारियों से नवीन कार्य संस्कृति अपनाने की अपील की है।
बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई सुरेश चन्द्रा ने किसानों की समस्याओं को तुरन्त निस्तारण हेतु संबंधित अभियन्ताओं के टेलीफोन नम्बरो को राजकीय नलकूपो सिंचाई विभाग के कार्यालयों के पटल पर अकिंत करने के सख्त निर्देश दिये।
बैठक में सिंचाई विभाग के सचिव शम्भूनाथ तथा सभी मुख्य अभियन्ता व प्रमुख अभियन्ता सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक का संचालन प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह ने किया।

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