Archive | April, 2017

प्रदेश के हर घर को सातों दिन, चैबीसों घण्टे विद्युत आपूर्ति करने के लिए भारत सरकार के साथ 14 अप्रैल, 2017 को

Posted on 12 April 2017 by admin

साइन किए जाने हेतु निर्धारित सहमति पत्र अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के हर घर को सातों दिन, चैबीसों घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के साथ 14 अप्रैल, 2017 को साइन किए जाने के लिए निर्धारित सहमति पत्र को अनुमोदित कर दिया है।

ज्ञातव्य है कि प्रदेश के सभी घरों, उद्योगों, वाणिज्यिक संस्थानों एवं कृषि क्षेत्र तथा अन्य आवश्यकताओं के दृष्टिगत 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार के संयुक्त प्रयास से “24×7 पावर फाॅर आॅल’’ योजना को लागू किया जाना है। “24×7 पावर फाॅर आॅल’’ का मुख्य उद्देश्य वित्तीय वर्ष, 2019 के अंत तक प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को गुणवत्तापरक विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराना, कृषि क्षेत्र के बिजली की आपूर्ति के घण्टों को आवश्यकतानुसार प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित किया जाना एवं प्रदेश के सभी असंयोजित घरों को समयबद्ध सीमा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष, 2019 के अंत तक विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराना है।

वित्तीय वर्ष, 2019 में प्रदेश के प्रत्येक घर को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने में यह आंकलन है कि वित्तीय वर्ष, 2019 में ‘पीक’ विद्युत की आवश्यकता 18,918 मेगावाॅट होगी, जो वित्तीय वर्ष, 2022 में 24,770 मेगावाॅट हो जाएगी। इस कार्य हेतु पावर ग्रिड द्वारा 765/400 के0वी0ए0 विभव स्तर की क्षमता 24000 मेगावाॅट से बढ़ाकर 30,500 मेगावाॅट करना एवं 400 से 220 विभव स्तर को 9,615 एम0वी0ए0 से बढ़ाकर 10,430 मेगावाॅट करना जरूरी है। उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन काॅर्पोरेशन लि0 द्वारा वित्तीय वर्ष, 2017-19 के बीच में ट्रांसमिशन की क्षमता 765/400 के0वी0ए0 को 9000 एम0वी0ए0 से बढ़ाकर 16000 एम0वी0ए0 करना एवं 400 से 220 के0वी0ए0 क्षमता 16,500 मेगावाॅट से बढ़ाकर 24,585 मेगावाॅट करना प्रस्तावित है।

इसी प्रकार उ0प्र0 पावर ट्रांसमिशन काॅर्पोरेशन लि0 द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-19 के बीच में 32 के0वी0 क्षमता 29,650 एम0वी0ए0 बढ़ाकर 39,040 एम0वी0ए0 किया जाना प्रस्तावित है। 33 के0वी0ए0 क्षमता को वर्तमान में 49,670 मेगावाॅट बढ़ाकर 52,430 किया जाना प्रस्तावित है। इसी प्रकार जनरेशन में विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने हेतु प्रस्ताव किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित कार्य योजना तथा नीति को भारत सरकार के सहयोग से लागू किया जाएगा।

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कृषकों की गेहूं क्रय में आने वाली समस्याओं के निस्तारण हेतु समिति का गठन-

Posted on 11 April 2017 by admin

जिलाधिकारी श्री जी0एस0प्रियदर्शी ने  बताया कि  मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत  व्यवस्था की गयी है कि किसान का गेहूं मानक के अनुरूप न होने के कारण यदि क्रय केन्द्र पर क्रय नहीं हो पा रहा है तो उस कृषक का नाम व मोबाइल नम्बर ले लिया जाये तथा एक रजिस्टर व्यवस्थित कर उसमें गेहूॅं क्रय न होने का स्पष्ट कारण अंकित किया जायेगा। ऐसे प्रकरणों के निस्तारण हेतु  जिला खाद्य विपणन अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है।  जिसमें सम्बन्धित क्रय एजेन्सी के जनपद स्तरीय अधिकारी, सम्बन्धित क्रय केन्द्र प्रभारी, जिसके द्वारा गेहूं अस्वीकृत किया गया है। मण्डी सचिव (यदि गेहूं मण्डी समिति में अस्वीकृत किया गया तो मण्डी सचिव, जिला कृषि अधिकारी द्वारा नामित किसान तथा सम्बन्धित कृषक जिसका गेहूं अस्वीकृत किया गया है समिति के सदस्य होगें।
जिलाधिकारी ने बताया कि  समिति द्वारा 48 घण्टे में ऐसे प्रकरण का निस्तारण करेगी तथा समिति द्वारा लिया गया निर्णय सभी को मान्य होगा तथा जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा कार्यालय में एक रजिस्टर व्यवस्थित का ऐसे समस्त सन्दर्भो को अंिकत किया जायेगा।

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14 अप्रैल से ग्रामीण इलाकों को 18 घण्टे, तहसील व बुन्देलखण्ड क्षेत्र को 20 घण्टे एवं सभी जनपद मुख्यालयों को 24 घण्टे की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए

Posted on 11 April 2017 by admin

  • विद्युत कर्मी गांव का भ्रमण कर बिजली से जुड़ी समस्याओं का मौके पर समाधान करें: मुख्यमंत्री
  • ग्रामीण इलाकों में वृहद अभियान चलाकर सितम्बर, 2018 तक अनमीटर्ड विद्युत उपभोक्ताओं के लिए मीटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी
  • अक्टूबर, 2018 से 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति किए जाने की कार्य योजना मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में 14 अप्रैल, 2017 से रात्रि कालीन विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सहित ग्रामीण इलाकों को 18 घण्टे, तहसील व बुन्देलखण्ड क्षेत्रों को 20 घण्टे एवं सभी जनपद मुख्यालयों को 24 घण्टे की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रिपरिषद द्वारा अक्टूबर, 2018 से 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति किए जाने की कार्य योजना का भी अनुमोदन कर दिया गया है। ज्ञातव्य है कि बिजली जैसी जनोन्मुखी आधारभूत आवश्यकता की 24 घण्टे निरंतर आपूर्ति को लोक कल्याण संकल्प पत्र में सम्मिलित किया गया है, जिसके क्रियान्वयन के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा यह फैसला लिया गया।
उल्लेखनीय है कि 14 अप्रैल, 2017 से प्रभावी होने वाले विद्युत आपूर्ति शेड्यूल के लिए वर्तमान अप्रैल-मई, 2017 विद्युत मांग के आंकड़ों से परिलक्षित स्थिति के आधार पर तथा ‘पावर फाॅर आॅल’ के समक्ष मांग के आंकड़ों के आधार पर डीबीएफओओ 3800 मेगावाॅट की प्राप्त बिड्स अथवा अन्य विद्यमान व्यवस्थाओं से उक्त निर्धारित विद्युत आपूर्ति शेड्यूल का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
अक्टूबर, 2018 से 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति किए जाने की कार्य योजना के सम्बन्ध में मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया कि मांग एवं उपलब्धता का सही प्रक्षेपण कर एवं ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित कर माह अक्टूबर, 2018 से पूरे प्रदेश में 24ग7 विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए मांग एवं उपलब्धता के अनुरूप पारेषण एवं वितरण तंत्र विकसित करने की माहवार कार्य योजना बनाकर उसका अनुश्रवण करते हुए क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाएगा।
अक्टूबर, 2018 से 24ग7 घण्टे बिजली उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2017 की ग्रीष्मकाल अवधि में मांग के आधार पर, वर्ष 2019 की ग्रीष्मकाल अवधि की मांग का आंकलन उत्तर प्रदेश पाॅवर कारपोरेशन द्वारा किया जाएगा। इस आंकलन के आधार पर यदि अतिरिक्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होनी है तो उसके लिए आवश्यक कार्यवाही केस-1 अथवा अन्य विकल्पों से, दीर्घकालीन अवधि हेतु अथवा अल्पकालीन अवधि हेतु, विद्युत क्रय करने की प्रक्रिया समय से सम्पादित की जाएगी।
ग्रामीण इलाकों में मीटरिंग के लिए वृहद अभियान चलाकर सितम्बर, 2018 तक अनमीटर्ड विद्युत उपभोक्ताओं के लिए मीटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डी0डी0यू0जी0जे0वाई0) के अन्तर्गत स्वीकृत फीडर सेपरेशन के कार्य को प्राथमिकता पर प्रभावी अनुश्रवण करके सम्पादित एवं सुनिश्चित किया जाएगा। यह कार्य सितम्बर, 2018 तक पूरा किया जाना है।
भारत सरकार की ‘पावर फाॅर आॅल’ योजना के लिए उत्तर प्रदेश राज्य एवं भारत सरकार के मध्य हस्ताक्षरित किए जाने वाले एम0ओ0यू0 को 14 अप्रैल, 2017 को हस्ताक्षरित किया जाएगा। समझौता ज्ञापन (एम0ओ0यू0) का प्रपत्र मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत करते हुए हर घर को बिजली पहुंचाने की कार्य योजना भी प्रस्तुत की गई।
बाद में प्रेस से वार्ता करते हुए ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार गांव, किसान के साथ-साथ नौजवानों को हर सम्भव सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है। इसीलिए मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति के लिए बनाए गए रोस्टर का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने विद्युत कार्मिकों से अपेक्षा की है कि वे अब गांव का भ्रमण कर विद्युत से सम्बन्धित समस्याओं को जानें और उनका समाधान मौके पर ही करें। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों के रोस्टर में विद्युत आपूर्ति पर छात्रों की परीक्षा को दृष्टिगत रखते हुए और अधिक सतर्क रहने का निर्देश दिया है।

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बुन्देलखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में पेय जल समस्या के समाधान की कार्य योजना को मंजूरी

Posted on 11 April 2017 by admin

मुख्यमंत्री ने बुन्देलखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में पेय जल की व्यवस्था के लिए ग्राम्य विकास राज्य मंत्री को कैम्प करके योजनाओं को त्वरित गति से पूरा कराने के निर्देश दिए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में बुन्देलखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में पेय जल समस्या के समाधान की कार्य योजना को क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत बुन्देलखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रीष्म ऋतु में पेय जल समस्या के समाधान हेतु पी0एल0ए0 में रखी गई 47.36 करोड़ रुपए की धनराशि के सापेक्ष 47.03 करोड़ रुपए की कार्य योजना पर अमल किया जाएगा।
इसमें 31.80 करोड़ रुपए की लागत से बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 07 जनपदों में पहले से स्थापित 3,815 हैण्डपम्पों की रीबोरिंग तथा 8.75 करोड़ रुपए की लागत से 1,174 नये हैण्डपम्पों का अधिष्ठापन कराया जाएगा। इस प्रकार इन दोनों कार्यों हेतु कुल 40.55 करोड़ रुपए धनराशि की कार्य योजना प्रस्तुत की गई, जिसे मंत्रिपरिषद ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके अतिरिक्त बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 07 जनपदों में उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा संचालित पाइप पेय जल योजनाओं को पूरी क्षमता पर क्रियाशील करने हेतु आवश्यकतानुसार नये नलकूप के निर्माण, खराब नलकूपों की रीबोरिंग, पम्प एवं पाइप लाइन इत्यादि कार्यों की मरम्मत हेतु 6.48 करोड़ रुपए की कार्य योजना पर भी सहमति प्रदान कर दी गई है।
बुन्देलखण्ड विशेष पैकेज के अंतर्गत द्वितीय चरण में वर्ष 2013-14 में प्रस्तावित पाइप पेय जल योजनाओं की अवशेष परियोजनाओं को शीघ्र पूरा कराने का निर्णय भी लिया गया है। इनमें 20 योजनाएं जून, 2017 तक, 02 योजनाएं सितम्बर, 2017 तथा 01 योजना मार्च, 2018 तक पूरा कराने के लिए ग्राम्य विकास विभाग को निर्देशित किया गया है। इसी प्रकार राज्य ग्रामीण पेय जल योजना के तहत जनपद झांसी की 5.2202 करोड़ रुपए की लागत की स्वीकृत 02 ग्रामीण पाइप पेय जल योजनाओं की निविदा प्रक्रिया पूरा कर शीघ्र कार्य शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए 2.0881 करोड़ रुपए भी अवमुक्त कर दिए गए हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय ग्रामीण पेय जल कार्यक्रम के तहत बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी 07 जनपदों में निर्माणाधीन 28 ग्रामीण पाइप पेय जल योजनाओं में से 17 परियोजनाओं को इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण कराकर पेय जल आपूर्ति प्रारम्भ करने के लिए कहा गया है।
बाद में प्रेस वार्ता में मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह एवं श्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बुन्देलखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में पेय जल की व्यवस्था के लिए ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह को आवश्यकतानुसार क्षेत्र में कैम्प करके योजनाओं को त्वरित गति से पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों में पेय जल की समस्या के समाधान के लिए नगर विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना के स्तर से त्वरित निर्णय लेने की अपेक्षा की गई है।

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राज्य सरकार ने किसानों सहित सभी ग्रामीण एवं शहरी निम्न एवं मध्यम विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी

Posted on 11 April 2017 by admin

घरेलू, वाणिज्यिक, निजी संस्थान, निजी नलकूप एवं लघु उद्योगों के
लिए विलम्बित भुगतान अधिभार ऐमनेस्टी योजना को मंजूरी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में किसानों सहित सभी ग्रामीण एवं शहरी निम्न एवं मध्यम विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए घरेलू, वाणिज्यिक, निजी संस्थान, निजी नलकूप एवं लघु उद्योगों के लिए विलम्बित भुगतान अधिभार ऐमनेस्टी योजना को मंजूरी प्रदान की गई है।
इसके तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के घरेलू, वाणिज्यिक एवं निजी संस्थानों को विद्युत के मूल बकाए के एकमुश्त भुगतान पर 100 प्रतिशत अधिभार माफ करने का फैसला लिया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के निजी नलकूप, जो सिंचाई हेतु विद्युत का उपभोग करते हैं, उन्हें सरचार्ज में 100 प्रतिशत अधिभार माफ करने के साथ ही, भुगतान हेतु 04 किश्तों की सुविधा दी गई है, जिसमें प्रथम किश्त बकाए का 25 प्रतिशत या रुपए 10,000 जो भी अधिक हो। द्वितीय किश्त बचे बकाए का एक तिहाई, तृतीय किश्त बचे बकाए का एक तिहाई और चतुर्थ किश्त बचे बकाए का एक तिहाई। दूसरी से चैथी किश्तों का भुगतान दो माह के अंतराल में किया जा सकेगा।
लघु उद्योगों को मूल बकाए के एकमुश्त भुगतान पर 50 प्रतिशत अधिभार में माफी की योजना को मंजूरी प्रदान की गई है। अधिभार माफी योजना का लाभ प्राप्त करने वाले विभिन्न श्रेणियों के उपभोक्ताओं हेतु समयावधि भी निर्धारित की गई है। शहरी, शहरी वाणिज्यिक, शहरी निजी संस्थान तथा शहरी निजी नलकूप के लिए योजना प्रारम्भ की तिथि से 45 दिन, ग्रामीण, ग्रामीण वाणिज्यिक, ग्रामीण निजी संस्थान तथा ग्रामीण निजी नलकूप को योजना प्रारम्भ की तिथि से 60 दिन एवं लघु उद्योग के लिए 30 दिन का समय निर्धारित किया गया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश की विद्युत वितरण कम्पनियों के खाते में दिसम्बर, 2016 तक छोटे और मझोले, घरेलू, वाणिज्यिक, निजी नलकूप, निजी संस्थान (75 किलोवाॅट से कम), लघु एवं मध्यम उद्योगों, विद्युत उपभोक्ताओं से 15,100.67 करोड़ रुपए धनराशि वसूली जानी थी। मंत्रिपरिषद के इस फैसले से विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है।

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मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

Posted on 11 April 2017 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-

ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घण्टे में क्षतिग्रस्त विद्युत ट्रांसफाॅर्मर को बदलने की नई व्यवस्था का प्रस्ताव मंजूर
किसानों के निजी नलकूप के क्षतिग्रस्त ट्रांसफाॅर्मर को विभागीय वाहन से 48 घण्टे में बदला जाएगा

मंत्रिपरिषद ने ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घण्टे में क्षतिग्रस्त विद्युत ट्रांसफाॅर्मर को बदलने की नई व्यवस्था को मंजूरी प्रदान कर दी है। नवीन व्यवस्था 01 मई, 2017 से लागू की जाएगी। इस निर्णय के तहत, किसानों का विद्युत देयक बकाया नहीं होने की दशा में, उनके निजी नलकूप के क्षतिग्रस्त ट्रांसफाॅर्मर को विभागीय वाहन से 48 घण्टे में बदलने की व्यवस्था की जाएगी। जबकि वर्तमान व्यवस्था के अनुसार किसान को निजी नलकूप का क्षतिग्रस्त ट्रांसफाॅर्मर स्वयं उतार कर वर्कशाॅप लाना पड़ता है।
नई व्यवस्था में विभागीय वाहन निविदा द्वारा वर्कशाॅप डिवीजन में ही अनुबन्धित किए जाएंगे तथा उनके नियंत्रण में रहेंगे। सभी वाहनों में जी0पी0एस0 माॅनीटरिंग सिस्टम उपलब्ध रहेगा। ट्रांसफाॅर्मर के क्षतिग्रस्त होने पर विभिन्न स्रोतों से सूचना प्राप्त होने पर वर्कशाॅप द्वारा जिस क्षमता का ट्रांसफाॅर्मर क्षतिग्रस्त हुआ है उसी क्षमता का ट्रांसफाॅर्मर वाहन द्वारा, ट्रांसफाॅर्मर क्षतिग्रस्त होने के स्थान पर भेजा जाएगा। सम्बन्धित लाइनमैन/संविदा कर्मचारी उस स्थान में सम्बन्धित फीडर का शट-डाउन लेकर उपलब्ध रहेगा। वाहन के साथ मौजूद टीम द्वारा स्थानीय स्तर पर सम्बन्धित लाइनमैन/संविदा कर्मचारी के समन्वय से पुराना क्षतिग्रस्त ट्रांसफाॅर्मर उतार लिया जाएगा तथा मरम्मतशुदा ट्रांसफाॅर्मर स्थापित कर दिया जाएगा।

विकास प्राधिकरणों, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण एवं उ0प्र0
आवास एवं विकास परिषद का महालेखाकर द्वारा किया जाएगा आॅडिट

विकास प्राधिकरणों, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद  की महालेखाकर (आर्थिक एवं राजस्व सेक्टर आॅडिट) से सम्परीक्षा कराने के सम्बन्ध में शासन द्वारा अब तक की गई कार्यवाही से मंत्रिपरिषद को अवगत कराया गया है। कार्यवाही के तहत गाजियाबाद विकास प्राधिकरण सहित आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अधीन गठित प्राधिकरणों, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की आॅडिट कराने के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।

बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत प्रदेश में 487 रु0 प्रति कुन्तल की
दर से किसानों का एक लाख मीट्रिक टन आलू खरीदने की व्यवस्था

प्रदेश के आलू उत्पादक किसानों की विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु पूर्व में गठित मंत्रियों की समिति की रिपोर्ट पर की गई कार्यवाही से मंत्रिपरिषद को अवगत कराया गया है। उपलब्ध करायी गई जानकारी के अनुसार बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत प्रदेश में 487 रुपए प्रति कुन्तल की दर से किसानों का एक लाख मीट्रिक टन आलू खरीदने के लिए शासन द्वारा भारत सरकार को प्रेषित प्रस्ताव की स्वीकृति 07 अप्रैल, 2017 को प्राप्त हुई। इसके क्रम में राज्य सरकार द्वारा क्रय एजेन्सियों-यू0पी0 एग्रो, पी0सी0एफ0, हाॅफेड तथा उ0प्र0 उपभोक्ता सहकारी संघ के माध्यम से किसानों का आलू क्रय करने का फैसला लिया गया है। किसानों से आलू क्रय करने में यदि नामित संस्थाओं को किसी प्रकार की हानि होती है तो उसे भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा 50ः50 के अनुपात में वहन किया जाएगा, जिसमें अनुमन्य ओवरहेड चार्जेज भी सम्मिलित है, किन्तु हानि क्रय लागत के 25 प्रतिशत की सीमा तक ही अनुमन्य होगी।
बाद में प्रेस वार्ता में मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह एवं श्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि इस वर्ष आलू की अच्छी पैदावार हुई है, लेकिन पिछली राज्य सरकार ने समय रहते आलू उत्पादक किसानों को लाभ उपलब्ध कराने के लिए कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की, जिसके फलस्वरूप किसानों की कठिनाइयों को देखते हुए वर्तमान राज्य सरकार ने आलू खरीद का निर्णय लिया है। सभी जिलाधिकारियों से अपेक्षा की गई है कि वे किसानों की मांग के अनुसार तत्काल आलू क्रय केन्द्रों की स्थापना करते हुए किसानों को राहत पहुंचाने का काम करें।

सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2013 में सम्मिलित अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में छूट देते हुए वर्ष 2017 एवं 2018 की सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु 02 अतिरिक्त अवसर प्रदान किये जाने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2013 में सम्मिलित अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में छूट देते हुए वर्ष 2017 एवं 2018 की सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु 02 अतिरिक्त अवसर प्रदान किये जाने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि शासन द्वारा निर्गत उत्तर प्रदेश सेवाओं में भर्ती (आयु सीमा) (दसवां संशोधन) नियमावली, 2012 के प्रख्यापन के फलस्वरूप राज्याधीन सेवाओं में अधिकतम आयु 35 वर्ष से बढ़ाकर 40 वर्ष कर दी गई। इसका लाभ वर्ष 2013 की परीक्षा में सम्मिलित अभ्यर्थियों को प्राप्त हुआ। वर्ष 2012 में जिन अभ्यर्थियों का अंतिम अवसर था, उन्हें आयु सीमा बढ़ाए जाने के कारण, वर्ष 2017 तक प्रारम्भिक परीक्षा में सम्मिलित होने का अवसर विद्यमान है। परन्तु वर्ष 2013 में आयु सीमा बढ़ने का लाभ उन अभ्यर्थियों को, जिनकी आयु 39 वर्ष या इससे अधिक थी, उनके लिए केवल एक अवसर वर्ष 2013 की परीक्षा सम्मिलित होने का विद्यमान रहा। इस सम्बन्ध में प्रतियोगी छात्रों/अभ्यर्थियांे द्वारा लगातार की जा रही मांग के दृष्टिगत मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया। प्रेस वार्ता में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मंत्रिपरिषद के इस फैसले से लगभग 40 हजार नौजवानों को लाभ होगा।

बार्डर एरिया डेवलपमेंट कार्यक्रम के
फण्डिंग पैटर्न में परिवर्तन का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने बार्डर एरिया डेवलपमेंट कार्यक्रम के फण्डिंग पैटर्न में परिवर्तन सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। परिवर्तन के फलस्वरूप योजना की 60 प्रतिशत धनराशि भारत सरकार से प्राप्त होगी तथा 40 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जानी होगी। अर्थात विगत वर्षाें में प्राप्त केन्द्रीय सहायता के आधार पर औसतन 50 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की केन्द्र सरकार से अनुमोदित कार्य योजना के सापेक्ष अब लगभग 33 करोड़ रुपए की धनराशि राज्य सरकार को वहन करनी होगी।
वित्तीय वर्ष 2016-17 से भारत सरकार से प्राप्त धनराशि के सापेक्ष 40 प्रतिशत राज्यांश के समायोजन के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 की कार्य योजना संरचना में इस धनराशि (वर्ष 2016-17 में वांछित राज्यांश की सीमा तक) को अतिरिक्त धनराशि के रूप में जोड़ते हुए कार्य योजना तैयार कर, आगामी वर्षाें में भी तदनुसार कार्यवाही की जाएगी।

उ0प्र0 राज्य की सड़कों को 15 जून, 2017 तक गड्ढा मुक्त करने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश राज्य की सड़कों को 15 जून, 2017 तक गड्ढा मुक्त करने का निर्णय लिया है। इस क्रम में लोक निर्माण विभाग के विभिन्न श्रेणी के 85,943 कि0मी0 मार्गों को 4,502 करोड़ रुपए की लागत से गड्ढा मुक्त करने की अनुमति प्रदान की गई है।
मार्च, 2017 में इस प्रयोजन हेतु 282 करोड़ रुपए की धनराशि निर्गत की जा चुकी है, जबकि शेष 4,220 करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 3100 कि0मी0 नेशनल हाइवे की मरम्मत का कार्य भी लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा। किन्तु इस पर आने वाले व्यय की धनराशि भारत सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी। इस सम्बन्ध में कार्य योजना बनाकर एन0एच0ए0आई0 को पे्रषित करते हुए अधिक से अधिक धनराशि प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त पंचायती राज, मण्डी परिषद, गन्ना एवं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अतिरिक्त स्थानीय नगर निकायों की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का कार्य सम्बन्धित विभागों द्वारा किया जाएगा। प्रेस वार्ता में ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकान्त शर्मा ने बताया कि इसके साथ ही, यह भी निर्णय लिया गया है कि बरसात के दौरान एवं घरों से निकलने वाले पानी को सड़कों पर आने से रोकने के लिए सड़कों के किनारे डेªनेज सिस्टम पर भी ध्यान दिया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि पूरे प्रदेश में सड़कों की लम्बाई लगभग 2,25,885 कि0मी0 है, जिनमें 7,147 कि0मी0 राज्य मार्ग, 7,637 कि0मी0 प्रमुख जिला मार्ग, 48,006 कि0मी0 अन्य जिला मार्ग तथा लगभग 1,63,035 कि0मी0 ग्रामीण मार्ग हैं।

प्रदेश में इंसेफेलाइटिस एवं अन्य जल एवं विषाणु जनित
बीमारियों के रोकथान के लिए प्रभावी उपाय करने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में इंसेफेलाइटिस एवं अन्य जल एवं विषाणु जनित बीमारियों के रोकथान के लिए प्रभावी उपाय करने का निर्णय लिया है, जिसके क्रम में प्रदेश के सभी मेडिकल काॅलेजों में 10 बेड जे0ई0/ए0ई0एस0 के मरीजों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार प्रदेश के समस्त जिला चिकित्सालयों में 20 बेड की अतिरिक्त व्यवस्था करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
बाद में प्रेस वार्ता में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इंसेफेलाइटिस से सर्वाधिक प्रभावित जनपदों के सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सकों को मस्तिष्क ज्वर से प्रभावित रोगियों के उपचार के लिए बाबा राघवदास मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वेक्टर नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत फाॅगिंग एवं कीटनाशक छिड़काव तथा एण्टी लारवल स्प्रे का सतत् अनुश्रवण करने का निर्देश सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिया गया है। मुख्यालय से भी छिड़काव के सम्बन्ध में फीडबैक प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि लगभग दो सप्ताह पूर्व ही जनपद स्तरीय अधिकारियों को वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से इस रोग से निपटने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

गन्ना मूल्य का समय से भुगतान सुनिश्चित कराने एवं बकाया
भुगतान न करने वाली चीनी मिलों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने गन्ना मूल्य का समय से भुगतान सुनिश्चित कराने एवं बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान न करने वाली चीनी मिलों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
इस सम्बन्ध में मंत्रिपरिषद को अवगत कराया गया कि पेराई सत्र 2014-15 के लिए गन्ना किसानों का अवशेष देय 20,646.07 करोड़ रुपए के सापेक्ष 10 अप्रैल, 2017 तक 20,605.96 करोड़ (99.81 प्रतिशत) गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है। इसी प्रकार पेराई सत्र 2015-16 के लिए देय 18,003.21 करोड़ के सापेक्ष किसानों को अब तक 17,853.11 करोड़ (99.17 प्रतिशत) रुपए का भुगतान किया जा चुका है। पेराई सत्र 2016-17 की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया गया कि 10 अप्रैल, 2017 तक (अध्यासी चीनी मिल को गन्ना आपूर्ति किए जाने की तिथि से 14 दिन पूर्व तक) कुल देय गन्ना मूल्य 22,630.67 करोड़ रुपए के सापेक्ष किसानों को 18,327.52 करोड़ (80.99 प्रतिशत) गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। पेराई सत्र 2016-17 अभी चल रहा है, इसलिए इस पेराई सत्र के समाप्त हो जाने के उपरान्त गन्ना मूल्य की वास्तविक देयता निर्धारित की जाएगी।
बाद में प्रेस वार्ता में मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह एवं श्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों एवं गन्ना आयुक्त को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि किसी भी चीनी मिल द्वारा गन्ना किसानों के भुगतान के लिए निर्धारित समय सारणी का अनुपालन न करने की दशा में सख्त कार्रवाई की जाए।

प्रदेश में बालू/मौरम की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए उ0प्र0 उपखनिज (परिहार) नियमावली, 1963 में संशोधन करने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में बालू/मौरम की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए तात्कालिक निर्णय लेते हुए उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली, 1963 में संशोधन करने का निर्णय लिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में नदी तल में उपलब्ध बालू/मौरम आदि के पट्टे पर खनन संक्रियाएं मा0 उच्च न्यायालय के आदेशों से स्थगित हैं। दिनांक 21 दिसम्बर, 2016 को मा0 उच्च न्यायालय ने यह भी व्यवस्था दी कि वर्तमान में लागू नियमावली किसी दूसरे प्रदेश से जारी परिवहन प्रपत्र के आधार पर प्रदेश में उपखनिजों के परिवहन से मान्य नहीं करते। इसके कारण अन्य प्रदेशों से आने वाले उपखनिजों की आपूर्ति भी रुकी है, जिसके क्रम में मंत्रिपरिषद ने आज यह निर्णय लिया है।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में गठित मंत्री समूह की संस्तुति के आधार पर उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली के नियम-70 में संशोधन करके अन्य प्रदेशों द्वारा जारी वैध परिवहन प्रपत्र को प्रदेश में उपखनिजों के परिवहन हेतु मान्य करने का फैसला लिया है। यह भी निर्णय लिया गया है कि इस नियम का उल्लंघन करने पर पूर्व निर्धारित 01 हजार रुपए दण्ड के स्थान पर 25 हजार रुपए का दण्ड रोपित किया जाएगा।
बाद में प्रेस वार्ता में मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह एवं श्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण करने तथा प्रदेश में पर्याप्त बालू एवं मौरंग इत्यादि उपलब्ध कराने के लिए मंत्री समूह का गठन किया था। मंत्री समूह ने तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए जो संस्तुति की है। इसके आधार पर व्यवस्था की गई है कि जिलाधिकारियों के माध्यम से मात्र 06 माह के लिए ई-निविदा के माध्यम से 10 एकड़ तक के पट्टे दिए जाएंगे। इस व्यवस्था के प्रभावी होने से पहले अन्य प्रदेशों द्वारा जारी वैध परिवहन प्रपत्र को मानने का निर्णय लिया गया है, जिससे तात्कालिक बालू/मौरम की कमी को दूर किया जा सके। आगे मंत्री समूह के निर्णय के आधार पर दीर्घावधि नीति बनाने का निर्णय लिया जाएगा।

प्रदेश के हर घर को सातों दिन, चैबीसों घण्टे विद्युत आपूर्ति करने के लिए भारत सरकार के साथ 14 अप्रैल, 2017 को
साइन किए जाने हेतु निर्धारित सहमति पत्र अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के हर घर को सातों दिन, चैबीसों घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के साथ 14 अप्रैल, 2017 को साइन किए जाने के लिए निर्धारित सहमति पत्र को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के सभी घरों, उद्योगों, वाणिज्यिक संस्थानों एवं कृषि क्षेत्र तथा अन्य आवश्यकताओं के दृष्टिगत 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार के संयुक्त प्रयास से “24×7 पावर फाॅर आॅल’’ योजना को लागू किया जाना है। “24×7 पावर फाॅर आॅल’’ का मुख्य उद्देश्य वित्तीय वर्ष, 2019 के अंत तक प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को गुणवत्तापरक विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराना, कृषि क्षेत्र के बिजली की आपूर्ति के घण्टों को आवश्यकतानुसार प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित किया जाना एवं प्रदेश के सभी असंयोजित घरों को समयबद्ध सीमा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष, 2019 के अंत तक विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराना है।
वित्तीय वर्ष, 2019 में प्रदेश के प्रत्येक घर को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने में यह आंकलन है कि वित्तीय वर्ष, 2019 में ‘पीक’ विद्युत की आवश्यकता 18,918 मेगावाॅट होगी, जो वित्तीय वर्ष, 2022 में 24,770 मेगावाॅट हो जाएगी। इस कार्य हेतु पावर ग्रिड द्वारा 765/400 के0वी0ए0 विभव स्तर की क्षमता 24000 मेगावाॅट से बढ़ाकर 30,500 मेगावाॅट करना एवं 400 से 220 विभव स्तर को 9,615 एम0वी0ए0 से बढ़ाकर 10,430 मेगावाॅट करना जरूरी है। उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन काॅर्पोरेशन लि0 द्वारा वित्तीय वर्ष, 2017-19 के बीच में ट्रांसमिशन की क्षमता 765/400 के0वी0ए0 को 9000 एम0वी0ए0 से बढ़ाकर 16000 एम0वी0ए0 करना एवं 400 से 220 के0वी0ए0 क्षमता 16,500 मेगावाॅट से बढ़ाकर 24,585 मेगावाॅट करना प्रस्तावित है।
इसी प्रकार उ0प्र0 पावर ट्रांसमिशन काॅर्पोरेशन लि0 द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-19 के बीच में 32 के0वी0 क्षमता 29,650 एम0वी0ए0 बढ़ाकर 39,040 एम0वी0ए0 किया जाना प्रस्तावित है। 33 के0वी0ए0 क्षमता को वर्तमान में 49,670 मेगावाॅट बढ़ाकर 52,430 किया जाना प्रस्तावित है। इसी प्रकार जनरेशन में विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने हेतु प्रस्ताव किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित कार्य योजना तथा नीति को भारत सरकार के सहयोग से लागू किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने 23 दिन में ही उत्तर प्रदेश की जनता को अच्छे दिन की सौगात- मनीष शुक्ला

Posted on 10 April 2017 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि  किसानों की कर्जमाफी, अवैध बूचड़खानों पर रोक, नकल माफियाओं पर नकेल, एंटी रोमियों दल  का गठन विद्युत तारों से होने वाली फसलों के नुकसान पर 7 दिन के अन्दर मुआवजा और जिला मुख्यालय पर 24 घंटे, तहसील मुख्यालय पर 20 घंटे और गांव में 18 घंटे विद्युत उपलब्ध जैसे करीब 60 जनहित के फैसले लेकर योगी सरकार ने मात्र 23 दिन में ही उत्तर प्रदेश की जनता को अच्छे दिन की सौगात दे दी है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने प्रदेश की राज्य सरकार के कार्यो का उल्लेख करते हुए कहा की सीमान्त एवं छोटे किसानों के हित में उनके फसली ऋण को माफ करने का ऐतिहासिक निर्णय पहली ही कैबिनेट में करके योगी सरकार ने पार्टी के लोक कल्याण संकल्प पत्र के वायदे को पूरा किया। सरकार ने अवैध बूचड़खानों पर शपथ लेते ही रोक लगाई। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की गुणवत्ता में सुधार के लिए बडे कदम उठाते हुए नकल के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं प्रबन्धन को जिम्मेदार माना है। श्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश की जर्जर संडकों को 16 जून तक गढ्ढमुक्त करने का निर्देश देकर योगी सरकार ने विकास के प्रति अपने इरादे स्पष्ट कर दिये है। विभिन्न विभागों में दागी ठेकेदारों एवं फर्मो को ठेको  लिए ई-टेण्डर समेत कई निर्णय सरकार ने किये है।
श्री शुक्ल ने कहा कि वर्तमान सरकार ने गेहूॅ खरीद की सीमा 40 मीट्रिक टन  से 80 मीट्रिक टन किया और प्रचुर मात्रा में क्रय केन्द्र खोले गये है। वर्तमान सरकार जनता के हित में फैसले स्वतः संज्ञान लेकर ले रही है। बसपा कार्यकाल में चीनीमिलों की विक्री में हुए हजारों करोड़ के घोटालों तथा किसानों के साथ हुए छल के खिलाफ  माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गए जांच के आदेश ने किसानों के भरोसे को पक्का करने का काम किया है। अब न तो जनधन की लूट कोई कर सकेगा न ही किसानों के हित से जुड़ी किसी संस्था के साथ खिलवाड़।
श्री शुक्ल ने कहा कि योगी सरकार के पारदर्शी निर्णयों से प्रदेश की जनता का विश्वास मजबूत हुआ कि आने वाले दिनों में प्रदेश बिमारू राज्य की श्रेणी से निकलकर देश के उत्तम प्रदेश की श्रेणी में खडा होगा।

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8 से 14 अप्रैल के बीच 15 लाख युवाओं को भीम एप के माध्य से प्रशिक्षित करेगा युवा मोर्चा - सौरभ चैधरी

Posted on 09 April 2017 by admin

photo_1भारतीय जनता पार्टी प्रदेेश मुख्यालय पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के नवनियुक्त राष्ट्रीय महामंत्री एवं उत्तर प्रदेश के प्रभारी माननीय सौरभ चैधरी जी का प्रथम लखनऊ आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। स्वागत कार्यक्रम के बाद आयोजित बैठक में  मुख्य रूप से संगठन मंत्री एवं मोर्चा प्रभारी प्रद्युमन जी भाजयुमों के राष्ट्रीय महामंत्री अभिजात मिश्रा की गरिमामई उपस्थित रही बैठक में माननीय सौरभ जी ने 8 अप्रैल से 14 अप्रैल तक चलने वाले कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी मुख्यरूप से उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा जारी भीम एप के बारे में बताया और युवा मोर्चा प्रदेश में 15 लाख नव युवको को भीम एप के इस्तेमाल का भी लक्ष्य दिया। बैठक में भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री कुॅवर सिंह निषाद, उपाध्यक्ष श्री राघुवेन्द्र तिवारी, मंत्री सोनू सिंह, प्रदेश कार्यालय प्रभारी विक्रम सिकरवार, महानगर अध्यक्ष टिंकू सोनकर अश्वनी पाठक, संतोष राय, सौरभ शुक्ला, विशाल सिंह, अमरेन्द्र शुक्ला, रवीश शुक्ला, आनन्द दुबे, धन्जय सिंह, हिमांशु पाण्डेय, गनेश शुक्ला, अभयंक अवस्थी, सुमित, दुर्गेश, चन्द्रमोहन चैबे, राजेश सिंह, रोहन मिश्रा आदि कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया।

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स्थापना दिवस मनाया गया

Posted on 09 April 2017 by admin

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के स्थापना दिवस के अवसर पर आज एनएसयूआई मध्य जोन द्वारा स्थापना दिवस प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय में स्थित एनएसयूआई मुख्यालय पर मनाया गया। इस मौके पर एनएसयूआई के मध्य जोन के अध्यक्ष श्री मयंक तिवारी द्वारा झण्डारोहण किया गया व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एनएसयूआई व छात्र संघों के पूर्व अध्यक्षों को सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में कंाग्रेस विधान परिषद सदस्य श्री दीपक सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे।

photo-nsui-002यह जानकारी देते हुए प्रदेश एनएसयूआई के मीडिया प्रभारी रोहित कुमार कश्यप ने बताया कि झण्डारोहण के मौके पर एनएसयूआई मध्य जोन के अध्यक्ष श्री मयंक तिवारी ने कहा कि एनएसयूआई आज अपना 46वीं वर्षगांठ मना रहा है। इसकी स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 इन्दिरा गांधी जी ने वर्ष 1971 में की थी। तबसे यह संगठन छात्रों के हितों के लिए सतत संघर्ष करता चला आ रहा है।
श्री कश्यप ने बताया कि झण्डारोहण के उपरान्त पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एनएसयूआई एवं पूर्व छात्र संघ अध्यक्षों को प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्षों में पूर्व विधायक श्री श्यामकिशोर शुक्ल, डॉ0 रेहान अहमद खान, श्री सुबोध श्रीवास्तव, श्री राघवेन्द्र नारायण, श्री राहुल सचान, श्री कनिष्क पाण्डेय, पूर्व राष्ट्रीय प्रतिनिधि श्री विक्रम पाण्डेय एवं श्री आदित्य श्रीवास्तव अंशू, पूर्व उपाध्यक्ष मो0 इरफान खान एवं पूर्व छात्र संघ अध्यक्षों में श्री रमेश श्रीवास्तव, श्री मनोज तिवारी, श्री प्रदीप सिंह, श्री पंकज तिवारी, श्री मनोज तिवारी केकेसी, श्री आसिफ रिजवी रिन्कू एवं राजीव गांधी स्टडी सर्किल के कोआर्डिनेटर डॉ0 विनोद चन्द्रा को सम्मानित किया गया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद कंाग्रेस विधान परिषद सदस्य श्री दीपक सिंह ने सैंकड़ों की संख्या में मौजूद एनएसयूआई के पदाधिकारियों एवं छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एनएसयूआई कांग्रेस पार्टी की छात्र विंग है, छात्र संघों और एनएसयूआई से निकले हुए छात्र आगे आकर देश और प्रदेश की राजनीति में न सिर्फ सक्रिय भूमिका निभाते हैं बल्कि आने वाले भविष्य का निर्माण करते हैं। एनएसयूआई को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अधिक से अधिक छात्रों को जोड़ने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से श्री प्रशान्त तिवारी, श्री हिमांशु शर्मा, मो0 तौशीफ, श्री प्रशान्त सिंह, श्री सचिन कुमार, श्री गुरूदीप प्रकाश, श्री अनस रहमान, श्री पंकज यादव, श्री आकाश मिश्रा, श्री दीप सिंह, मो0 तौहीद, श्री रमन प्रताप सिंह, श्री अमित त्रिपाठी, श्री राहुल प्रियदर्शी, श्री कर्मवीर सिंह आदि सैंकड़ों की संख्या में एनएसयूआई के पदाधिकारी मौजूद रहे।

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बुन्देलखंड़ राज्य की मांग

Posted on 08 April 2017 by admin

नेशनल फेडरेशन फार न्यू स्टेट के बैनर तले नये राज्य की मांग को लेकर प्रेस क्लब में बुन्देलखंड़ राज्य की मांग करने बाले राजा बुन्देला ने कहा कि छोटे राज्य के बिना उत्तर प्रदेश का विकास नहीं हो सकता है। बाईस करोड़ जनता बाले उत्तर प्रदेश में कई राज्य बन सकते है। बुन्देलखन्ड़ की लड़ाई मकान मालिक और किरायेदार बाली लड़ाई है।हमारी खनिज संपदा पर किरायेदार काबिज है और इसका लाभ यहां की जनता को नहीं मिल पा रहा है।तेलंगाना आन्दोलन से जुड़े रहे पी.निरूप ने कहा कि नेशनल फेडरेशन फॉर न्यू स्टेट्स एक फ्रंट संगठन है जो छोटे एवं नए राज्यों के निर्माण एवं अध्ययन पे काम करती है जिससे की देश में सुशासन और सर्वांगीण विकास हो सके। उनके भौगोलिक और ऐतिहासिक पक्ष को देखते हुए यह संगठन नवभारत के निर्माण हेतु नए राज्यों की स्थापना एवं अध्ययन के लिए आज 8 अप्रैल 2017 को लखनऊ प्रेस क्लब में 3 बजे एक मूवमेंट लांच कर रही है। जिस सम्बन्ध में यह प्रेस वार्ता आयोजित की गई।

यह कोई संयोग नहीं है कि इस लांच के लिए लखनऊ को चुना गया है, वास्तव में लखनऊ जो की ह्रदय है देश  का और यहाँ पे लांच करने का मकसद हम इस संघ संबंधों पे आधारित बहस को ह्रदय की धमनियों के माध्यम से पूरे देश में जाना चाहते हैं, ताकी एक प्रभावशाली और वायबल बहस एक मजबूत और एकीकृत सुखी शांत भारत पे चालु हो। और भारत एक मजबूत एकीकृत संगठित सुगठित और संगत विकसित भारत के रूप में आगे बढे।

मौजूदा यूपी चुनाव देश की राजनीती के लिए एक बेंचमार्क है जिसने सिद्ध किया है कि वह प्रदेश जिसे बीमारू राज्य कहा जाता था उस प्रदेश की जनता जात पात और अन्य दबाबों के बंधनों को तोड़कर एक आवाज़ और एक वोट के रूप में बाहर आई और वह एक आवाज़ है विकास वो भी सर्वांगीण विकास, सबका साथ सबका विकास।

अगर आप गौर करें तो विकास के इतिहास में पूरे विश्व में और भारत में यह बात सिद्ध है कि सुशासन और सर्वांगीण विकास छोटे और न्यायसंगत विकाससंगत आकार के राज्यों से ही सुनिश्चित हुआ है। अंतराष्ट्रीय उदाहरण के रूप में स्वीडन और नार्वे हैं तो भारत में पंजाब हरियाणा और हिमांचल प्रदेश है जो की PEPSU से अलग हुए, पूर्वोत्तर भी इसके उदाहरण है। इसके अलावा पिछले एनडीए सरकार ने भी तीन नए राज्यों उत्तराखंड, झारखण्ड और छत्तीसगढ़ का गठन किया था और अभी हाल में 29वें राज्य तेलंगाना का गठन सुशासन एवं सर्वांगीण विकास के आधार पर  हुआ। ये सब उदाहरण हैं कि नए राज्यों का पुनर्गठन एक सतत विषय है जिसपे लगातार बदलते वक़्त एवं जरूरतों के साथ बहस होनी चाहिए। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का आप देखें तो आप पाएंगे कि अपने निर्माण के ढाई साल के अंदर ही यह दोनों प्रदेश नव निवेश के नए केंद्र बन चुके हैं एवं भारत में व्यवसाय एवं निवेश करने के लिए सबसे अनुकूल एवं दोस्ताना राज्य के रूप में विकसित हो रहे हैं।

फिलहाल जो क्षेत्र नए राज्यों के निर्माण की बहस में सबसे आगे हैं वह है पुर्वांचल बुन्देलखण्ड और विदर्भ। और इस सत्य को एक आम नागरिक भी समझता है कि सुशासन और सर्वांगीण विकास के लिए इन राज्यों का गठन होना आवश्यक है। अगर ऐतिहासिक तौर पे देखें तो मध्य काल में अकबर के समय पुर्वांचल एक अलग सूबे के रूप में था। आज का जौनपुर तत्कालीन समय में एक प्रमुख स्थान हुआ करता था जबकि आज यह जौनपुर अपने पहचान के लिए आवाज लगा रहा है और आज तक सबसे अधिक पलायन वहीँ से हुआ है।

दूसरी तरफ बुंदेलखंड की बात करें तो इतिहास में भी वह एक अलग राज्य रहा है वहां पुरे देश की औसत बारिश से ज्यादा बारिश होने के बाद भी उधर पर्याप्त नजर शासन की नहीं जा पाई और आज वह क्षेत्र सूखाग्रस्त है और पानी के लिए तरस रहा है और यहाँ कृषि की प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है और लोग बेहाल हैं और लोग पलायन कर रहें हैं और जो गांव से पलायन नहीं कर पाये उनकी हालत और ख़राब है । गांव में पानी, पोषण, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है।

तीसरी जो सबसे वक़्ती जरुरत है वह है विदर्भ की। वह क्षेत्र जो भगवान् श्री कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी के नाम से जाना जाता है , जो पूर्व में एक गणराज्य के रूप में था उसकी एक अलग पहचान और संस्कृति थी आज किसानों की आत्महत्या के लिए जाना जाता है। जबकि यह क्ष्रेत्र तीन महत्वपूर्ण आंदोलनों के लिए जाना जाता है। पहला 1950 में श्री बापू जी आने के द्वारा 1960 में श्री जामवंत राव धोते एवं 1990 में श्री वसंत साठे, श्री एन के पी साल्वे कांग्रेस, एवं श्री वनवारी लाल पुरोहित बीजेपी वर्तमान में आसाम के राज्यपाल के द्वारा।  श्री पुरोहित तो 1998 में बीजेपी के घोषणापत्र निर्माण में सहायक थे जिसमें छोटे राज्यों के निर्माण की बात कही गई थी। यहाँ तक की यूपी के नए मुख्यपन्त्री श्री आदित्यनाथ ने पुर्वांचल और बुंदेलखंड के निर्माण के संबंध में अपने वेबसाइट में एक लेख भी लिख चुके हैं।

व्यापक सीमाओं और बड़ी आबादी वाले प्रदेश यूपी, एमपी एवं महाराष्ट्र के अलावा नए एवं छोटे प्रदेशों की मांग अन्य जगहों से भी आ रही है जैसे की आसाम से बोडोलैंड की पश्चिम बंगाल से गोरखालैंड की। इन दोनों जगहों का एक लंबा इतिहास अलग पहचान और अलग संस्कृति रही है।

यह संगठन इस मूवमेंट से और इस मंच के माध्यम से केंद्रीय सरकार से यह आग्रह करता है कि वह नए राज्यों के निर्माण के संबंध में अपनी राष्ट्रीय नीति को प्रकट और स्पष्ट करे, ताकि इन क्षेत्रों में सुशासन और सर्वांगीण विकास हो सके। साथ ही यूपी महाराष्ट्र आसाम पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों से भी अनुरोध है  कि राष्ट्रीय नीति के तहत इस संबंध में इनकी क्या नीति है प्रकट करें। मौजूदा दौर में केंद्रीय सरकार और यूपी सरकार से हम इस विषय को लेकर काफी आशान्वित हैं।

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