Posted on 21 May 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने गुलकन्द को उ0प्र0 मूल्य संवर्धित कर अधिनियम 2008 की करमुक्त वस्तुओं की अनुसूची-1 में रखे जाने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश में गुलकन्द वैट से मुक्त हो गया है।
ज्ञातव्य है कि गुलकन्द गुलाब के फूल की पत्तियों को शक्कर के साथ कूट-कूट के तैयार किया जाता है। इसका उपयोग आंख की ज्योति बढ़ाने व पेट से सम्बन्धित रोगों के इलाज में होता है। गुलकन्द का निर्माण लघु गृह उद्योग के तहत होता है, जिसमें काफी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है। गुलकन्द को वैट मुक्त किए जाने से गुलाब की खेती करने वाले किसानों तथा लघु उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 21 May 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल काॅलेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों को संविदा के आधार पर प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर के राजकीय होम्योपैथिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के सेवानिवृत्त चिकित्सा शिक्षकों से भरने, एम.डी. डिग्री धारक होम्योपैथिक चिकित्साधिकारियों को राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल काॅलेजों/ चिकित्सालयों में आवश्यकतानुसार लेक्चरर केे रिक्त पदों पर तैनात करने तथा राजकीय होम्योपैथिक महाविद्यालयों में अतिथि प्रवक्ता के रूप मंे आठ विषय-विशेषज्ञ की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
मंत्रिपरिषद ने इन शिक्षकों की नियुक्ति/चयन प्रक्रिया तथा सम्बन्धित शर्ताें और प्रतिबन्धों को भी अनुमोदित कर दिया है।
राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल काॅलेजों में शिक्षकों की कमी के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 21 May 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने जनपद गाजीपुर में सेवराई को नई तहसील बनाने का निर्णय लिया है। इसका मुख्यालय ग्राम सेवराई में होगा। विशेष परिस्थितियों, जनहित एवं प्रशासनिक सुगमता के दृष्टिगत मंत्रिपरिषद ने निर्धारित मानक में शिथिलीकरण प्रदान करते हुए उच्च स्तरीय समिति की संस्तुति के आधार पर यह निर्णय लिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 21 May 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने आगरा से लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे (ग्रीनफील्ड) परियोजना को 06 के स्थान पर 06 लेन एक्सपैण्डेबल टू 08 लेन में स्ट्रक्चर्स (पुल/पुलिया/अण्डर पास आदि) को 08 लेन चैड़ा बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस निर्णय से भविष्य में पूरी सड़क को 06 लेन से 08 लेन में परिवर्तित करने में कठिनाई नहीं होगी।
ज्ञातव्य है कि स्ट्रक्चर्स को 6 लेन के स्थान पर 8 लेन चैड़ाई में बनाए जाने का प्रस्तावित चेंज आॅफ स्कोप अनुबन्ध में दिए गए प्राविधानों के अनुरूप है तथा अतिरिक्त लागत का आकलन अनुबन्ध के क्लाज 13.2.2 एवं 13.2.3 के अनुसार किया जाएगा। पूर्व में परियोजना लागत में स्ट्रक्चर्स अर्थात् कल्वर्ट, पी.यू.पी., वी.यू.पी. तथा सेतुओं की चैड़ाई 06 लेन चैड़े एक्सप्रेस-वे के अनुसार ली गयी थी।
देश के वर्तमान आर्थिक परिवेश एवं प्रदेश के द्रुतगामी विकास के मद्देनजर परियोजना के लिए सम्पूर्ण धनराशि का प्राविधान राज्य सरकार के बजट में किया जाएगा। परियोजना को 06 लेन चैड़े स्ट्रक्चर्स के स्थान पर 08 लेन चैड़े स्ट्रक्चर्स बनाए जाने की दशा में गठित अनुबंधों में 491 करोड़ 41 लाख रुपए की वृद्धि अनुमानित है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 21 May 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने 2,000 ग्राम पंचायतों में 08 सार्वजनिक स्थलों पर सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना की योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह योजना ‘श्री जनेश्वर मिश्र सोलर स्ट्रीट लाइट योजना’ के नाम से जानी जाएगी।
इस योजना के द्वारा सौर ऊर्जा के माध्यम से स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था होने पर गांवों में सामाजिक उत्थान के साथ-साथ ग्रामीण परिवेश में कार्य क्षमता, सामाजिक सुरक्षा आदि के बोध के साथ ही स्वच्छ वातावरण का निर्माण भी हो सकेगा।
ज्ञातव्य है कि राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद द्वारा श्री जनेश्वर मिश्र ग्रामों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु आवश्यकतानुसार सी.सी. रोड का निर्माण, नाली निर्माण, इण्डिया मार्का-2 हैण्डपम्प की स्थापना एवं ग्रामों के विद्युतीकरण के कार्य कराए जा रहे हैं। विकास एजेण्डा सूत्र-25 (ख) के अनुक्रम में मंत्रिपरिषद द्वारा जनेश्वर मिश्र ग्रामों में अवस्थापना कार्य हेतु वर्ष 2014-15 में चयनित 1,000 गांवों एवं वर्ष 2015-16 में चयनित होने वाले 1,000 श्री जनेश्वर मिश्र गांवों में उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) द्वारा 08 सार्वजनिक स्थलों पर सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना का प्रस्ताव है।
श्री जनेश्वर मिश्र ग्रामों में सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना हेतु छाया रहित सार्वजनिक स्थल का चयन, खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, परियोजना अधिकारी, यूपीनेडा की उपस्थिति में डुग-डुगी बजाकर अधिक से अधिक ग्रामवासियों को एकत्रित कर ग्राम सभा की खुली बैठक में किया जाएगा। संयंत्र की स्थापना हेतु आबादी के मध्य सार्वजनिक स्थान पर चैराहा/स्कूल/ आंगनबाड़ी/हाट/पंचायत घर जैसे स्थानों का चयन किया जाएगा। चयनित स्थलों की सूची खुली बैठक में पढ़कर सुनाई जाएगी।
यदि किसी ग्राम में, पूर्व में, किसी योजनान्तर्गत पर्याप्त संख्या में सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना कराई गई है तो उस ग्राम में सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्र की स्थापना नहीं कराई जाएगी तथा नवीन श्री जनेश्वर मिश्र ग्राम का चयन, मण्डी परिषद द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत किया जाएगा।
परियोजना का क्रियान्वयन यूपीनेडा द्वारा किया जाएगा। अभिकरण द्वारा प्रदेश के वित्तीय नियमों के अंतर्गत ई-टेण्डर के माध्यम से संयंत्रों की आपूर्ति एवं स्थापना तथा 5 वर्ष के कम्प्रीहेन्सिव मेन्टिनेन्स के साथ दरें एवं आपूर्तिकर्ता का चयन कर अनुबन्ध किया जाएगा एवं चयनित फर्मों को कार्यादेश दिया जाएगा।
संयंत्र की स्थापना व्यक्तिगत स्थान/घर के अंदर नहीं की जाएगी। सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्र की स्थापना हेतु ग्राम पंचायत का सहयोग स्थल चयन से संयंत्र की स्थापना तक लिया जाएगा। संयंत्र की स्थापना के उपरान्त सामुदायिक उपयोग हेतु ग्राम पंचायत को हस्तगत किया जाएगा।
संयंत्रों की मरम्म्त, रख-रखाव तथा स्पेयर पाटर््स की उपलब्धता के लिए 5 वर्ष के बाद भी सर्विस जारी रखने के उद्देश्य से सम्बन्धित आपूर्तिकर्ताओं द्वारा अनिवार्य रूप से जनपदीय स्तर पर एक सर्विस सेण्टर की स्थापना की जाएगी। वारण्टी अवधि के पश्चात् संयंत्रों का संचालन/रख-रखाव पर होने वाले व्यय का वहन सम्बन्धित ग्राम पंचायत द्वारा किया जाएगा।
संयंत्रों की कार्यशीलता सुनिश्चित करने हेतु यूपीनेडा का टोल फ्री नं0 1800 180 0005 उपलब्ध रहेगा ताकि संयंत्रों के काम न करने की दशा में ग्रामीणों द्वारा शिकायत दर्ज कराई जा सके। जनपद स्तर पर समय-समय पर परियोजना की फीडबैक प्राप्त की जाएगी तथा फीडबैक के आधार पर योजना को और सुदृढ़ बनाया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 21 May 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने आलिया स्तर के स्थाई मान्यता प्राप्त 99 मदरसों को अनुदान सूची में लिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इनमें से 6 मदरसे, जिन्हें मा. उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में पहले ही अनुदान सूची पर लिया जा चुका है, को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई है। शासन स्तर पर गठित समिति द्वारा अर्ह पाए जाने पर 93 मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करने का फैसला लिया गया है। मदरसों को दो चरणों में अनुदान सूची पर लिए जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद ने अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के मदरसों के उत्थान तथा इनके शैक्षिक स्तर में सुधार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 2003 तक के स्थाई मान्यता प्राप्त मदरसों में से 146 मदरसों को अनुदानित करने की प्राथमिकता निर्धारित करते हुए, इन्हें दो वर्षोंे में अनुदान सूची में लिए जाने का निर्णय लिया गया था। निर्णय को कार्यान्वित करने के लिए मदरसों को अनुदान सूची पर लिए जाने हेतु शर्तें एवं मानक निर्धारित करते हुए प्रस्ताव प्राप्त किए गए। निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण द्वारा 192 प्रस्तावों पर संस्तुति सहित आख्या उपलब्ध कराई गई। इनमें से 6 मदरसों को मा. उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में 20 मार्च, 2015 को अनुदान सूची पर लिया गया है। शेष 186 प्रस्तावों पर इस हेतु गठित समिति द्वारा 27 फरवरी, 2015 के शासनादेश में निर्धारित मानक एवं शर्तों को पूर्ण करने की स्थिति को देखते हुए, 93 मदरसों को अर्ह पाते हुए इनकी मान्यता की तिथि से, वरिष्ठता क्रम में अनुदान सूची पर लिए जाने की संस्तुति की गई है।
मान्यता एवं सेवा नियमावली 1987 के नियम 22 का पालन किए जाने पर नियमानुसार नियुक्त शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को वेतन दिया जा सकेगा। इस सम्बन्ध में रजिस्ट्रार, उ0प्र0 मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा पुष्टि के उपरान्त आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इस शर्त एवं प्रतिबंध के तहत ही 93 मदरसों को अनुदान सूची में लिया गया है। पूर्व सन्दर्भित शासनादेश की व्यवस्थानुसार प्रत्येक मदरसे में एक प्रधानाचार्य, 12 अध्यापक, एक लिपिक तथा एक अनुचर सहित कुल 15 पदों का मानक निर्धारित है, जिसके लिए छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार प्रत्येक मदरसे पर कुल 46 लाख 6 हजार 612 रुपए प्रतिवर्ष का व्यय भार सम्भावित है। इस इस प्रकार 146 मदरसों को अनुदानित किए जाने हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 में 41 करोड़ 80 लाख रुपए का बजट प्राविधान किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 21 May 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार जनपद झांसी सहित सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर कर उसे विकास के मुख्य रास्ते पर लाने के लिए कटिबद्ध है। प्रदेश सरकार गरीबों के उत्थान और उनके हित में अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। वर्तमान सरकार ने ऐसी नीतियां एवं कार्यक्रम लागू किये हैं, जिससे गरीब लोग सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि अभी भी प्रदेश के विकास के लिए बहुत से कार्य किये जाने बाकी हैं।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज झांसी जनपद की तहसील मोंठ के ग्राम जुझारपुरा में 612.04 करोड़ रुपये की लागत से एरच बहुउद्देशीय बांध परियोजना का शिलान्यास करते हुए व्यक्त किए। साथ ही, उन्होंने सैनिक स्कूल का भी शिलान्यास किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि एरच बहुउद्देशीय बांध परियोजना दिसम्बर-2016 तक पूरी होगी। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड में 13 विभिन्न परियोजनायें निर्माणाधीन हंै। प्राथमिकता के आधार पर जो परियोजना अति महत्वपूर्ण होगी उसके लिए तत्काल धनराशि आवंटित कर शीघ्रता से कार्य पूर्ण कराया जायेगा, इसमें धन की कमी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने सिंचाई विभाग के शीर्ष अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे समय-सारणी निर्धारित करते हुए तय समय सीमा में कार्य पूर्ण कराएं, जिससे प्रदेश की जनता को इसका लाभ मिल सके।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार किसानों की हितैषी है। इसी के दृष्टिगत इस वित्तीय वर्ष को किसान वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को हर संभव मदद उपलब्ध करा रही है। पिछले दिनों बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रभावित किसानों को राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर मदद उपलब्ध करायी गई है। राज्य सरकार पूरे देश में किसानों को सबसे अधिक मुआवजा दे रही है। उन्होंने कहा कि अब तक अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के लिए लगभग 2,500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जा चुकी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से मृत 18 किसानों के परिजनों को मुख्यमंत्री पीडि़त सहायता कोष से सात-सात लाख रुपये के चेक भी प्रदान किये।
उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी समाज को आगे बढ़ने के लिए गरीबी और अशिक्षा से लड़ना होगा। प्रदेश की समाजवादी सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्य कर रही है। इसके दृष्टिगत वर्तमान सरकार ने निःशुल्क लैपटाॅप वितरण तथा कन्या विद्या धन जैसी अनेक योजनाएं संचालित की हैं, जिससे प्रदेश के छात्र-छात्राएं शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।
श्री यादव ने कहा कि कामधेनु डेयरी योजना, लोहिया ग्रामीण आवास, मण्डियों की स्थापना आदि योजनायें गरीबों और अति पिछड़े लोगों के लिए चलाई जा रही हंै, ताकि वे भी प्रगति कर सके और उनका भी आर्थिक विकास हो। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों के लिए समाजवादी पेंशन योजना चलायी जा रही है। प्रदेश सरकार जनता को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। इसी उद्देश्य से प्रदेश के भी चिकित्सालयों में सभी प्रकार की जांचें मुफ्त कर दी गई हैं तथा मुफ्त इलाज के साथ-साथ दवा भी मुफ्त मिल रही है। बीमारों/गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने-लाने की मुफ्त सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा तथा ‘102’ नेशनल एम्बुलेन्स सर्विस लागू की गई है और प्रदेश की जनता को इसका भरपूर लाभ भी मिल रहा है। चिकित्सा व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने के उद्देश्य से एम0बी0बी0एस0 की 500 की सीटों में वृद्धि की गई तथा नये राजकीय मेडिकल काॅलेज भी स्थापित किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि पानी बुन्देलखण्ड की बड़ी समस्या है, जिसे दूर करने के लिए 13 परियोजनाओं का कार्य शुरू कराया गया है। विगत तीन वर्षों में 4 परियोजनायें पूर्ण हो चुकी हैं, जिनका लोकार्पण भी किया जा चुका है। जिन पांच परियोजनायें पर कार्य चल रहा है उनमें से दो परियोजनायें 80 प्रतिशत और तीन 60 प्रतिशत पूर्ण हो चुकी हैं। जल्द ही सभी 13 परियोजनायें पूर्ण हो जाएंगी। एरच बहुद्देशीय बांध परियोजना 02 मेगावाट बिजली भी उत्पादन करेगी, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा।
मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता में है कि बुन्देलखण्ड का विकास हो और ऐसी परियोजनाएं लागू की जाएं, जिनसे कृषि लाभान्वित हो। सरकार बुन्देलखण्ड के विकास के लिए संकल्पित है। इस क्षेत्र में कृषि विकास की अपार संभावनाएं हैं। यदि उद्यान, पशुधन और सिंचाई के क्षेत्र में मिलकर कार्य किया जाए तो सभी को लाभ होगा। झांसी और महोबा में दो नदियों को पुनर्जीवित करने हेतु तालाब खोदे जा रहे हंै जिसका लाभ किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि 612.04 करोड़ रुपये लागत वाली एरच बांध बहुद्देशीय परियोजना है। इसके पूर्ण होने के उपरान्त 1850 हे. भूमि पर सिंचाई हो सकेगी। इस परियोजना को दिसम्बर 2016 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। इस परियोजना से किसानों को पीने के पानी एवं सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा।
इस मौके पर राजनीतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, कई जनप्रतिनिधि तथा मण्डल तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 21 May 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिये हैं कि किसानों को बीमित फसल का नियमानुसार आंशिक क्षतिपूर्ति का भुगतान न करने वाली बीमा कंपनियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि जिन बैंकों द्वारा किसानों से बीमित राशि का प्रीमियम काटने के बावजूद भी सम्बन्धित बीमा एजेन्सी को समय से धनराशि हस्तांतरित नहीं की गयी है, उनके विरुद्ध भी दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाये कि किसानों का किसी भी स्तर पर शोषण न होने दिया जाये। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसानों की फसल का बीमा कराने हेतु वर्तमान एवं पूर्व में चल रही बीमा योजनाओं का परीक्षण करने हेतु एक अनुभवी अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाये, जो अपनी रिपोर्ट यथाशीघ्र प्रस्तुत करे कि किसानों को बीमित फसल का भुगतान प्राप्त होने में लाभदायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि किसानों की फसल का बीमा कराने का उद्देश्य किसानों को लाभान्वित कराना है, जिसका अक्षरशः पालन होना अनिवार्य है। उन्होंने बीमा कम्पनियों को यह भी निर्देश दिये कि आगामी 05 जून, 2015 तक प्रदेश के बीमित किसानों को वास्तविक क्षतिपूर्ति का भुगतान प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में फसल बीमा योजनाओं, किसान क्रेडिट कार्ड, फसली ऋण वितरण एवं पुनर्निर्धारण की समीक्षा श्री सिराज हुसैन, सचिव, कृषि मंत्रालय, कृषि एवं सहकारिता विभाग, भारत सरकार के साथ कर रहे थे। बैठक में सलाहकार कृषि विभाग डाॅ0 रमेश यादव, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आनंद मिश्रा, प्रमुख सचिव कृषि श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री शैलेष कृष्ण, प्रमुख सचिव सिंचाई श्री दीपक सिंघल, प्रमुख सचिव उद्यान श्री दीपक त्रिवेदी सहित बैंक एवं बीमा कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारी एवं संयुक्त सचिव भारत सरकार, कृषि मंत्रालय भी बैठक में उपस्थित थे।
श्री रंजन ने कहा कि बीमित किसानों को फसल बीमा के सम्बन्ध में रसीद उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने कहा कि किसानों के खाते से बीमा का प्रीमियम काटने के उपरान्त एस0एम0एस0 के माध्यम से बैंकों को किसानों को अवगत कराना होगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि गैर ऋणी किसानों को अधिक संख्या में योजना में बीमा कम्पनियाँ कवर करें। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत आधार पर ओलावृष्टि/भूस्खलन से प्रभावित किसानों को 48 घन्टे के अन्दर बीमा कम्पनी को सूचित करने की समय सीमा को किसानों के हित में बढ़ा कर 7 दिन किया जाये। उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा प्रीमियम की धनराशि तथा त्रुटि रहित घोषणा पत्र निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत बीमा कम्पनियों को उपलब्ध न कराने की स्थिति में सम्बन्धित बैंक द्वारा किसानों को क्षतिपूर्ति प्रदान की जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि क्षतिपूर्ति का भुगतान त्वरित तथा निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत बीमा कम्पनियों द्वारा सुनिश्चित किया जाये। ऐसा न करने की स्थिति में बीमा कम्पनियों को दण्डित करने का प्राविधान किया जाय। उन्होंने कहा कि खरीफ तथा रबी 2014-15 मौसम में सूखे/बाढ़/बेमौसम वर्षा/ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ इस कारण किसानों की फसलों के साथ ही साथ आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए किसानों को आर्थिक सहायता के रूप में उनके गतवर्ष के ऋण को पुनर्निर्धारित किया जाय।
प्रमुख सचिव, कृषि, श्री अमित मोहन प्रसाद ने अवगत कराया कि प्रदेश के 65 जनपदों में संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना तथा 10 जनपदों में मौसम आधारित फसल बीमा योजना संचालित की जा रही है। खरीफ 2014 मौसम में प्रदेश के कुल 7.36 लाख किसानों द्वारा बीमा कराया गया तथा प्रीमियम के रूप में बीमा कम्पनियों को 213.35 करोड़ रू0 प्राप्त हुए। रबी 2014-15 के अन्तर्गत कुल 7.99 लाख किसानों द्वारा बीमा कराया गया तथा प्रीमियम के रूप में 181.08 करोड़ रू0 बीमा कम्पनियों को प्राप्त हुए।
उन्होंने बताया कि खरीफ 2014 मौसम के लिए 3.25 लाख किसानों को रू0 156.26 करोड़ रू0 की क्षतिपूर्ति प्रदान की जा चुकी है। रबी 2014-15 मौसम में बेमौसम वर्षा/ओलावृष्टि के कारण रबी फसलों को व्यापक रूप से नुकसान हुआ है। संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के अन्तर्गत निर्धारित प्राविधानों के अनुसार फसल के मध्य अवस्था में उपज में 50 प्रतिशत से अधिक की क्षति की स्थिति में आंशिक क्षति का प्राविधान है। बीमा कम्पनियों को शासन द्वारा इस प्राविधान के अनुसार आंशिक क्षतिपूर्ति प्रदान करने के लिए बार-बार निर्देशित करने के उपरान्त कुछ कम्पनियों द्वारा आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में केवल 17140 किसानों को रू0 5.38 करोड़ की क्षतिपूर्ति प्रदान की गयी है जो वास्तविक क्षति की तुलना के बहुत ही कम है। फसल कटाई प्रयोगों के अधिकांश जनपदों के परिणाम बीमा कम्पनियों को उपलब्ध करा दिये गये हैं, शेष जनपदों के परिणाम दो दिन के अन्दर उपलब्ध करा दिये जायंेगे।
बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों की कुल संख्या (200.91 लाख) तथा वर्ष 2015-16 में सहकारी तथा व्यवसायिक बैंकों को निर्धारित लक्ष्य (32 लाख) के सम्बन्ध में अवगत कराया गया तथा वर्ष 2015-16 में खरीफ तथा रबी मौसम में फसल ऋण के वितरण के लक्ष्य निर्धारित किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 21 May 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों में डाॅक्टरों की उपलब्धता प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की तैनाती हेतु ग्रामीण भत्ता, वाहन भत्ता आदि दिये जाने पर भी नियमानुसार विचार कर आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में आधुनिक मर्चरी/पोस्टमार्टम हाउसों का निर्माण आगामी मार्च, 2016 तक कराने हेतु आवश्यक धनराशि निर्गत करा दी गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की चिकित्सा सेवा में आशाओं की कमी को दूर करने हेतु लगभग 2500 आशाओं की भर्ती भी नियमानुसार यथाशीघ्र कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि अपने दायित्वों में रुचि न लेने वाली 1500 आशाओं के अतिरिक्त भी आशाओं को चिन्हित कर कार्य से हटाया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि ग्रामीण स्तर पर बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक सप्ताह में दो दिन बुधवार एवं शनिवार को ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस का आयोजन प्रत्येक ग्राम में अवश्य सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि जनपदवार लक्ष्य निर्धारित कर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की प्रतिमाह बैठक कर कार्यों की समीक्षा अवश्य सुनिश्चित हो।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं का नियमित टीकाकरण, सुरक्षित संस्थागत प्रसव का गुणवत्तापरक प्रयास किये जाने एवं संस्थागत प्रसव में कम उपलब्धि वाले इकाइयों को चिन्हित कर आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश मे और बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 108 सेवा के अन्तर्गत 500 अतिरिक्त एम्बुलेंस तथा 102 सेवा के लिये 1000 अतिरिक्त एम्बुलेंस खरीदने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने हेतु सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त किया जाये। उन्होंने कहा कि दवा के स्टाक की अद्यतन स्थिति आदि की जानकारी हेतु ब्लाक स्तर पर कम्प्यूटराईज किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवाओं में नर्सेज की कमी को दूर करने हेतु आगामी 01 माह में आवश्यकतानुसार शासकीय कार्य हित में यथावश्यक संशोधन कर लगभग 2200 नर्सों की भर्ती नियमानुसार सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि लैब टेक्निशियन के रिक्त पदों पर तैनाती हेतु चयन प्रक्रिया यथाशीघ्र अपनाने हेतु अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से अनुरोध किया जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था हेतु 66 प्राथमिक केन्द्रों की स्थापना हेतु 2.21 करोड़ रुपये तथा उपकरणों आदि की व्यवस्था हेतु 71.16 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 26 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना हेतु 9.34 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि जनपद मिर्जापुर, हापुड़, कानपुर देहात, सीतापुर, मुरादाबाद, सोनभद्र, इलाहाबाद, बलिया व झांसी में निर्माणाधीन ट्राॅमा सेण्टर के निर्माण हेतु 7.25 करोड़ रुपये की धनराशि चालू वित्तीय वर्ष में निर्गत कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल चिकित्सालय, लखनऊ परिसर के विस्तार हेतु सूचना विभाग से प्राप्त भूमि पर विस्तार हेतु भवन निर्माण के लिये वित्तीय स्वीकृति वर्तमान वर्ष में ही निर्गत कर दी जाये।
श्री रंजन ने बताया कि प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सालय भवनों के निर्माण हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2015-16 378.58 करोड़ रुपये की बजट की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि जिन निर्माणाधीन परियोजनाओं की पिछली किश्त का उपयोगिता प्रमाण पत्र विगत 30 अप्रैल तक प्राप्त हो गया हो, उनकी अवशेष स्वीकृतियां आगामी 31 मई तक अवश्य निर्गत कर दी जायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि परियोजना के नये कार्यों का आगणन एवं प्रस्ताव आगामी 31 जुलाई, 2015 तक अवश्य प्राप्त कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाये कि समस्त निर्माण कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां यथाशीघ्र निर्गत हो जाये। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में स्थापित प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को क्रियाशील कराये जाने हेतु आवश्यक पदों एवं उपकरण एवं साज-सज्जा की आवश्यकता का आकलन कर वित्तीय स्वीकृति का प्रस्ताव आगामी 31 मई तक अवश्य प्राप्त कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य पूर्ण होने वाले प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला/मण्डलीय चिकित्सालयों को क्रियाशील किये जाने हेतु आवश्यक पदों एवं उपकरणों व साज-सज्जा की आवश्यकता का आकलन कर वित्तीय स्वीकृति का प्रस्ताव आगामी 31 जुलाई तक अवश्य प्राप्त कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाये कि चिकित्सा उपकरणों की क्रय प्रक्रिया आगामी 31 दिसम्बर, 2015 एवं उपकरणों की स्थापना का कार्य आगामी 28 फरवरी, 2016 तक अवश्य पूर्ण हो जाये।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि प्रदेश के चिन्हित 50 महिला चिकित्सालयों में 100 बेड मैटरनिटी विंग के निर्माण कार्यों को जनपद बागपत में अक्टूबर, 2015, बदायुं नवम्बर, 2015, बिजनौर व अमरोहा दिसम्बर, 2015, हरदोई, गाजियाबाद, सहारनपुर, मैनपुरी, फिरोजाबाद जनवरी, 2016 तथा शेष फरवरी, 2016 तक प्रत्येक दशा में निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराया जाये। उन्होंने कहा कि ट्रामा सेण्टर एवं ट्रामा विंग के समस्त निर्माण कार्य मार्च, 2016 तक पूर्ण कराया जाये। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में संस्थागत प्रसव में जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से भुगतान कराया जाना सुनिश्चित किया जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अरविन्द कुमार, मिशन निदेशक एन0एच0एम0 श्री अमित कुमार घोष सहित सम्बन्धित विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 21 May 2015 by admin
रामभक्त हनुमान गुणगान समिति लखनऊ के तत्वाधान में पूरे ज्येष्ठ माह निरन्तर 720 घण्टे चलने वाले श्री हनुमान चालीसा व श्री हनुमाननाष्टक पाठ के आज मंगलवार प्रातः 11.00 बजे 336 घण्टे निरन्तर पूरे हो गये।
समिति के सचिव राकेश कुमार शर्मा एडवोकेट ने बताया कि बुद्धपूर्णिमा दिनांक 04 मई 2015 को राजस्थान के मेहदीपुर बालाजी मन्दिर से जोत प्रज्जवलित कर श्री हनुमान मन्दिर कासिमपुर पकरी आजाद नगर रोड आलमबाग लखनऊ में स्थापित कर श्री हनुमान चालीसा व श्री हनुमान नाष्टक पाठ 05 मई 2015 से प्रारम्भ हुआ था जो 02 जून 2015 को रात और दिन चलकर सम्पन्न होगा। इसी धार्मिक आयोजन के अन्तर्गत ज्येष्ठ के तीसरे बड़े मंगल के अवसर पर भवनेश्वर मन्दिर मंे वानर भण्डारा किया गया, इसमंे सैकड़ो वानरों को 51 दर्जन केले व बिस्कुट खिलाकर वानर स्वरूप श्री हनुमान जी के चरणों मे सर्वस्य के भले की प्रार्थना की गयी।
श्री हनुमान चालीसा व श्री हनुमाननाष्टक पाठ पढ़ने वालों में परमानन्द मिश्रा, लक्ष्मी पाण्डेय, कैलाश सिंह यादव, सुधीश तिवारी, हरिश्चन्द्र तिवारी दीपक दूबे आदि लोग शामिल है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com