मंत्रिपरिषद ने आलिया स्तर के स्थाई मान्यता प्राप्त 99 मदरसों को अनुदान सूची में लिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इनमें से 6 मदरसे, जिन्हें मा. उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में पहले ही अनुदान सूची पर लिया जा चुका है, को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई है। शासन स्तर पर गठित समिति द्वारा अर्ह पाए जाने पर 93 मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करने का फैसला लिया गया है। मदरसों को दो चरणों में अनुदान सूची पर लिए जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद ने अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के मदरसों के उत्थान तथा इनके शैक्षिक स्तर में सुधार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 2003 तक के स्थाई मान्यता प्राप्त मदरसों में से 146 मदरसों को अनुदानित करने की प्राथमिकता निर्धारित करते हुए, इन्हें दो वर्षोंे में अनुदान सूची में लिए जाने का निर्णय लिया गया था। निर्णय को कार्यान्वित करने के लिए मदरसों को अनुदान सूची पर लिए जाने हेतु शर्तें एवं मानक निर्धारित करते हुए प्रस्ताव प्राप्त किए गए। निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण द्वारा 192 प्रस्तावों पर संस्तुति सहित आख्या उपलब्ध कराई गई। इनमें से 6 मदरसों को मा. उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में 20 मार्च, 2015 को अनुदान सूची पर लिया गया है। शेष 186 प्रस्तावों पर इस हेतु गठित समिति द्वारा 27 फरवरी, 2015 के शासनादेश में निर्धारित मानक एवं शर्तों को पूर्ण करने की स्थिति को देखते हुए, 93 मदरसों को अर्ह पाते हुए इनकी मान्यता की तिथि से, वरिष्ठता क्रम में अनुदान सूची पर लिए जाने की संस्तुति की गई है।
मान्यता एवं सेवा नियमावली 1987 के नियम 22 का पालन किए जाने पर नियमानुसार नियुक्त शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को वेतन दिया जा सकेगा। इस सम्बन्ध में रजिस्ट्रार, उ0प्र0 मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा पुष्टि के उपरान्त आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इस शर्त एवं प्रतिबंध के तहत ही 93 मदरसों को अनुदान सूची में लिया गया है। पूर्व सन्दर्भित शासनादेश की व्यवस्थानुसार प्रत्येक मदरसे में एक प्रधानाचार्य, 12 अध्यापक, एक लिपिक तथा एक अनुचर सहित कुल 15 पदों का मानक निर्धारित है, जिसके लिए छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार प्रत्येक मदरसे पर कुल 46 लाख 6 हजार 612 रुपए प्रतिवर्ष का व्यय भार सम्भावित है। इस इस प्रकार 146 मदरसों को अनुदानित किए जाने हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 में 41 करोड़ 80 लाख रुपए का बजट प्राविधान किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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