उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिये हैं कि किसानों को बीमित फसल का नियमानुसार आंशिक क्षतिपूर्ति का भुगतान न करने वाली बीमा कंपनियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि जिन बैंकों द्वारा किसानों से बीमित राशि का प्रीमियम काटने के बावजूद भी सम्बन्धित बीमा एजेन्सी को समय से धनराशि हस्तांतरित नहीं की गयी है, उनके विरुद्ध भी दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाये कि किसानों का किसी भी स्तर पर शोषण न होने दिया जाये। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसानों की फसल का बीमा कराने हेतु वर्तमान एवं पूर्व में चल रही बीमा योजनाओं का परीक्षण करने हेतु एक अनुभवी अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाये, जो अपनी रिपोर्ट यथाशीघ्र प्रस्तुत करे कि किसानों को बीमित फसल का भुगतान प्राप्त होने में लाभदायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि किसानों की फसल का बीमा कराने का उद्देश्य किसानों को लाभान्वित कराना है, जिसका अक्षरशः पालन होना अनिवार्य है। उन्होंने बीमा कम्पनियों को यह भी निर्देश दिये कि आगामी 05 जून, 2015 तक प्रदेश के बीमित किसानों को वास्तविक क्षतिपूर्ति का भुगतान प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में फसल बीमा योजनाओं, किसान क्रेडिट कार्ड, फसली ऋण वितरण एवं पुनर्निर्धारण की समीक्षा श्री सिराज हुसैन, सचिव, कृषि मंत्रालय, कृषि एवं सहकारिता विभाग, भारत सरकार के साथ कर रहे थे। बैठक में सलाहकार कृषि विभाग डाॅ0 रमेश यादव, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आनंद मिश्रा, प्रमुख सचिव कृषि श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री शैलेष कृष्ण, प्रमुख सचिव सिंचाई श्री दीपक सिंघल, प्रमुख सचिव उद्यान श्री दीपक त्रिवेदी सहित बैंक एवं बीमा कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारी एवं संयुक्त सचिव भारत सरकार, कृषि मंत्रालय भी बैठक में उपस्थित थे।
श्री रंजन ने कहा कि बीमित किसानों को फसल बीमा के सम्बन्ध में रसीद उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने कहा कि किसानों के खाते से बीमा का प्रीमियम काटने के उपरान्त एस0एम0एस0 के माध्यम से बैंकों को किसानों को अवगत कराना होगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि गैर ऋणी किसानों को अधिक संख्या में योजना में बीमा कम्पनियाँ कवर करें। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत आधार पर ओलावृष्टि/भूस्खलन से प्रभावित किसानों को 48 घन्टे के अन्दर बीमा कम्पनी को सूचित करने की समय सीमा को किसानों के हित में बढ़ा कर 7 दिन किया जाये। उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा प्रीमियम की धनराशि तथा त्रुटि रहित घोषणा पत्र निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत बीमा कम्पनियों को उपलब्ध न कराने की स्थिति में सम्बन्धित बैंक द्वारा किसानों को क्षतिपूर्ति प्रदान की जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि क्षतिपूर्ति का भुगतान त्वरित तथा निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत बीमा कम्पनियों द्वारा सुनिश्चित किया जाये। ऐसा न करने की स्थिति में बीमा कम्पनियों को दण्डित करने का प्राविधान किया जाय। उन्होंने कहा कि खरीफ तथा रबी 2014-15 मौसम में सूखे/बाढ़/बेमौसम वर्षा/ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ इस कारण किसानों की फसलों के साथ ही साथ आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए किसानों को आर्थिक सहायता के रूप में उनके गतवर्ष के ऋण को पुनर्निर्धारित किया जाय।
प्रमुख सचिव, कृषि, श्री अमित मोहन प्रसाद ने अवगत कराया कि प्रदेश के 65 जनपदों में संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना तथा 10 जनपदों में मौसम आधारित फसल बीमा योजना संचालित की जा रही है। खरीफ 2014 मौसम में प्रदेश के कुल 7.36 लाख किसानों द्वारा बीमा कराया गया तथा प्रीमियम के रूप में बीमा कम्पनियों को 213.35 करोड़ रू0 प्राप्त हुए। रबी 2014-15 के अन्तर्गत कुल 7.99 लाख किसानों द्वारा बीमा कराया गया तथा प्रीमियम के रूप में 181.08 करोड़ रू0 बीमा कम्पनियों को प्राप्त हुए।
उन्होंने बताया कि खरीफ 2014 मौसम के लिए 3.25 लाख किसानों को रू0 156.26 करोड़ रू0 की क्षतिपूर्ति प्रदान की जा चुकी है। रबी 2014-15 मौसम में बेमौसम वर्षा/ओलावृष्टि के कारण रबी फसलों को व्यापक रूप से नुकसान हुआ है। संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के अन्तर्गत निर्धारित प्राविधानों के अनुसार फसल के मध्य अवस्था में उपज में 50 प्रतिशत से अधिक की क्षति की स्थिति में आंशिक क्षति का प्राविधान है। बीमा कम्पनियों को शासन द्वारा इस प्राविधान के अनुसार आंशिक क्षतिपूर्ति प्रदान करने के लिए बार-बार निर्देशित करने के उपरान्त कुछ कम्पनियों द्वारा आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में केवल 17140 किसानों को रू0 5.38 करोड़ की क्षतिपूर्ति प्रदान की गयी है जो वास्तविक क्षति की तुलना के बहुत ही कम है। फसल कटाई प्रयोगों के अधिकांश जनपदों के परिणाम बीमा कम्पनियों को उपलब्ध करा दिये गये हैं, शेष जनपदों के परिणाम दो दिन के अन्दर उपलब्ध करा दिये जायंेगे।
बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों की कुल संख्या (200.91 लाख) तथा वर्ष 2015-16 में सहकारी तथा व्यवसायिक बैंकों को निर्धारित लक्ष्य (32 लाख) के सम्बन्ध में अवगत कराया गया तथा वर्ष 2015-16 में खरीफ तथा रबी मौसम में फसल ऋण के वितरण के लक्ष्य निर्धारित किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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