उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों में डाॅक्टरों की उपलब्धता प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की तैनाती हेतु ग्रामीण भत्ता, वाहन भत्ता आदि दिये जाने पर भी नियमानुसार विचार कर आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में आधुनिक मर्चरी/पोस्टमार्टम हाउसों का निर्माण आगामी मार्च, 2016 तक कराने हेतु आवश्यक धनराशि निर्गत करा दी गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की चिकित्सा सेवा में आशाओं की कमी को दूर करने हेतु लगभग 2500 आशाओं की भर्ती भी नियमानुसार यथाशीघ्र कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि अपने दायित्वों में रुचि न लेने वाली 1500 आशाओं के अतिरिक्त भी आशाओं को चिन्हित कर कार्य से हटाया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि ग्रामीण स्तर पर बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक सप्ताह में दो दिन बुधवार एवं शनिवार को ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस का आयोजन प्रत्येक ग्राम में अवश्य सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि जनपदवार लक्ष्य निर्धारित कर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की प्रतिमाह बैठक कर कार्यों की समीक्षा अवश्य सुनिश्चित हो।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं का नियमित टीकाकरण, सुरक्षित संस्थागत प्रसव का गुणवत्तापरक प्रयास किये जाने एवं संस्थागत प्रसव में कम उपलब्धि वाले इकाइयों को चिन्हित कर आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश मे और बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 108 सेवा के अन्तर्गत 500 अतिरिक्त एम्बुलेंस तथा 102 सेवा के लिये 1000 अतिरिक्त एम्बुलेंस खरीदने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने हेतु सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त किया जाये। उन्होंने कहा कि दवा के स्टाक की अद्यतन स्थिति आदि की जानकारी हेतु ब्लाक स्तर पर कम्प्यूटराईज किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवाओं में नर्सेज की कमी को दूर करने हेतु आगामी 01 माह में आवश्यकतानुसार शासकीय कार्य हित में यथावश्यक संशोधन कर लगभग 2200 नर्सों की भर्ती नियमानुसार सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि लैब टेक्निशियन के रिक्त पदों पर तैनाती हेतु चयन प्रक्रिया यथाशीघ्र अपनाने हेतु अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से अनुरोध किया जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था हेतु 66 प्राथमिक केन्द्रों की स्थापना हेतु 2.21 करोड़ रुपये तथा उपकरणों आदि की व्यवस्था हेतु 71.16 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 26 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना हेतु 9.34 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि जनपद मिर्जापुर, हापुड़, कानपुर देहात, सीतापुर, मुरादाबाद, सोनभद्र, इलाहाबाद, बलिया व झांसी में निर्माणाधीन ट्राॅमा सेण्टर के निर्माण हेतु 7.25 करोड़ रुपये की धनराशि चालू वित्तीय वर्ष में निर्गत कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल चिकित्सालय, लखनऊ परिसर के विस्तार हेतु सूचना विभाग से प्राप्त भूमि पर विस्तार हेतु भवन निर्माण के लिये वित्तीय स्वीकृति वर्तमान वर्ष में ही निर्गत कर दी जाये।
श्री रंजन ने बताया कि प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सालय भवनों के निर्माण हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2015-16 378.58 करोड़ रुपये की बजट की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि जिन निर्माणाधीन परियोजनाओं की पिछली किश्त का उपयोगिता प्रमाण पत्र विगत 30 अप्रैल तक प्राप्त हो गया हो, उनकी अवशेष स्वीकृतियां आगामी 31 मई तक अवश्य निर्गत कर दी जायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि परियोजना के नये कार्यों का आगणन एवं प्रस्ताव आगामी 31 जुलाई, 2015 तक अवश्य प्राप्त कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाये कि समस्त निर्माण कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां यथाशीघ्र निर्गत हो जाये। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में स्थापित प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को क्रियाशील कराये जाने हेतु आवश्यक पदों एवं उपकरण एवं साज-सज्जा की आवश्यकता का आकलन कर वित्तीय स्वीकृति का प्रस्ताव आगामी 31 मई तक अवश्य प्राप्त कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य पूर्ण होने वाले प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला/मण्डलीय चिकित्सालयों को क्रियाशील किये जाने हेतु आवश्यक पदों एवं उपकरणों व साज-सज्जा की आवश्यकता का आकलन कर वित्तीय स्वीकृति का प्रस्ताव आगामी 31 जुलाई तक अवश्य प्राप्त कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाये कि चिकित्सा उपकरणों की क्रय प्रक्रिया आगामी 31 दिसम्बर, 2015 एवं उपकरणों की स्थापना का कार्य आगामी 28 फरवरी, 2016 तक अवश्य पूर्ण हो जाये।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि प्रदेश के चिन्हित 50 महिला चिकित्सालयों में 100 बेड मैटरनिटी विंग के निर्माण कार्यों को जनपद बागपत में अक्टूबर, 2015, बदायुं नवम्बर, 2015, बिजनौर व अमरोहा दिसम्बर, 2015, हरदोई, गाजियाबाद, सहारनपुर, मैनपुरी, फिरोजाबाद जनवरी, 2016 तथा शेष फरवरी, 2016 तक प्रत्येक दशा में निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराया जाये। उन्होंने कहा कि ट्रामा सेण्टर एवं ट्रामा विंग के समस्त निर्माण कार्य मार्च, 2016 तक पूर्ण कराया जाये। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में संस्थागत प्रसव में जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से भुगतान कराया जाना सुनिश्चित किया जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अरविन्द कुमार, मिशन निदेशक एन0एच0एम0 श्री अमित कुमार घोष सहित सम्बन्धित विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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