Posted on 05 September 2014 by admin
प्रदेश सरकार ने वर्तमान शैक्षिक सत्र में कक्षा 09 एवं 10 में अध्ययनरत् पात्र छात्र-छात्राओं को पूर्वदशम् छात्रवृत्ति के लिए आॅनलाइन आवेदन पत्र भरने की अन्तिम तिथि 30 सितम्बर 2014 निर्धारित की है। इसके साथ ही छात्र द्वारा छात्रवृत्ति के लिए मैनुअल ढंग से भरा हुआ आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जायेगा। 30 सितम्बर के पश्चात वेबसाइट लाॅक कर दी जायेगी, तथा अन्तिम तिथि के बाद आवेदन नहीं किया जा सकेगा।
निदेशक, समाज कल्याण श्री सुरेन्द्र विक्रम ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आॅनलाइन आवेदन पत्र का प्रारूप छात्रवृत्ति की वेबसाइट ीजजचरूध्ध्ेबीवसंतेीपचण्नचण्दपबण्पद पर उपलब्ध है। वेबसाइट खेालते ही होम पेज पर ‘‘स्टुडेण्ट सेक्शन’’ में पूर्वदशम् छात्रवृत्ति हेतु आवेदन के संबंध में निर्देश दिये गये हैं। छात्र को सर्वप्रथम आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। उन्होंने बताया कि आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन फार्म भरते ही एक रजिस्ट्रेशन नम्बर जनरेट होगा। जिसके आधार पर ही छात्रवृत्ति संबंधी आगे की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होगी, रजिस्ट्रेशन फार्म में ही 6 से 8 अंकों का स्वतः निर्मित पासवर्ड डालना पड़ेगा, जिसे छात्र द्वारा भविष्य के लिए नोट किया जायेगा। आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन करने पर कम्प्यूटर से आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन स्लिप प्राप्त होगी, जिसके आधार पर छात्र द्वारा आॅनलाइन आवेदन फार्म भरा जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 September 2014 by admin
विधानसभा उपचुनाव-2014 (विधानसभा क्षेत्र-लखनऊ पूर्वी) के दृष्टिगत अवैध मदिरा के आवागमन, उत्पादन एवं उपभोग पर नियंत्रण स्थापित करने एवं प्राप्त शिकायतों के निस्तारण हेतु चलाये जा रहे विशेष प्रवर्तन अभियान के संबंध में आबकारी आयुक्त इलाहाबाद के निर्देश के अनुपालन में 03 सितम्बर 2014 को आबकारी निरीक्षकों द्वारा अपने अधीनस्थों के साथ ग्राम/स्थल अकबरनगर बंधा रोड व आर0बी0एल0रोड थाना-महानगर तथा लवकुशनगर थाना-गाजीपुर, खरगापुर व रामआसरे पुरवा थाना-गोमतीगनगर, लखनऊ में 08 स्थानों पर सघन छापामारी की गयी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 September 2014 by admin
प्रदेश के वन राज्यमंत्री श्री फरीद महफूज किदवई आज श्री कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना, नई कालोनी, पारा लखनऊ मंे कनकचम्पा के 14 फीट ऊॅचे पौधों का रोपण किया गया तथा गुब्बारे उड़ाकर शान्ति का संदेश दिया गया। इस कार्यक्रम के उपरान्त राज्यमंत्री द्वारा वर्ष 2012 के 3.00 हेक्टयर ग्रीन बेल्ट तथा वर्ष 2013 में 50 एकड़ बनाये गये ग्रीन बेल्ट, वर्ष 2014 में 75 एकड़ में बनाये गये ग्रीन बेल्ट का निरीक्षण किया। राज्यमंत्री द्वारा वन विभाग द्वारा कराये गये वृक्षारोपण की सफलता एवं पौधों के वृद्धि की प्रशंसा करते हुए कार्मिकों के कार्यों को सराहना किया तथा उपस्थित जनसामान्य को आश्वासन दिया गया कि वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश के हरीतिमा विकास में उत्रोत्तर वृद्धि की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 September 2014 by admin
लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा 2001 नये एलोपैथिक चिकित्साधिकारियों का चयन कर दिया गया है। सभी चयनित चिकित्साधिकारियों की तैनाती शीघ्र ही कर दी जायेगी।
यह जानकारी आज यहां चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अहमद हसन ने दी है। उन्होंने बताया कि 2001 नये चिकित्साधिकारियों की तैनाती हो जाने से प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं में काफी बेहतरी आयेगी। प्रदेश की जनता को और अधिक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं स्थानीय स्तर पर प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने बताया कि लोक सेवा आयोग से चयनित चिकित्साधिकारियों की प्रथम नियुक्ति हेतु गृह जनपद को छोड़कर उनसे मनपसन्द के तीन जनपदों के विकल्प मांगे गये हैं। उन्होंने बताया कि विभागीय वेबसाइट नचीमंसजीण्नचण्दपबण्पद पर आयोग द्वारा अन्तिम चयन सूची में औपबन्धिक (प्रोविजनल) चिकित्सकों को छोड़कर शेष अभ्यर्थियों से तैनाती के लिए विकल्प मांगे गये हैं जिसे 10 सितम्बर 2014 तक प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के इ-मेल ेेमबनचण्उमकपबंस/दपबण्पद या विकास भवन सचिवालय पांचवा तल लखनऊ स्थित कार्यालय में उपलब्ध कराना आवश्यक है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 September 2014 by admin
उ0प्र0 सरकार ने मत्स्य विभाग के नियंत्रण वाले तालाबों/जलाशयों एवं हैचरियों में मत्स्य पालन तथा मत्स्य बीज उत्पादन एवं संचयन हेतु उनकी सुरक्षा के लिए उनके, क्षेत्रफल का डिमार्केशन किये जाने तथा खतौनी सहित वास्तविक क्षेत्रफल की सूचना मत्स्य निदेशालय तथा शासन को भेजने के निर्देश जनपद एवं मण्डल स्तरीय मत्स्य विकास विभाग के अधिकारियों को दिये हैं। शासन ने उक्त जलशयों/तालाबों/हैचरियों पर किये गये अवैध कब्जों पर भी प्रभावी रोकथाम लगाने एवं अवैध अतिक्रमण को हटाने के भी निर्देश दिये हैं।
राज्य सरकार ने मत्स्य विकास हेतु जनपदों में संचालित की जा रही समस्त योजनाओं का सीधा लाभ मत्स्य पालकों/मधुआ समुदाय के व्यक्तियों को दिलाने तथा सभी योजनाओं की फोटोग्राफी कराने, फोल्डर बनाने और उक्त कार्यों को विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करने और फोल्डर बनाकर मत्स्य निदेशालय को भिजवाने के निर्देश दिये हैं। विभागीय सभी लाभार्थीपरक योजनाओं में 20 प्रतिशत अल्पसंख्यकों का चयन सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये हैं। जिन जनपदों में मत्स्य उत्पादन कम हुआ हो उक्त जिलों की मत्स्य विकास कार्यक्रमों हेतु कार्य योजना शीघ्र तैयार करके मत्स्य निदेशालय उ0प्र0 लखनऊ को भेजने के निर्देश दिये हैं।
शासन ने मत्स्य विभाग के जिला एवं मण्डल स्तरीय अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करके मत्स्य पालन वाले जलाशयों तथा तालाबों की मत्स्य उत्पादकता की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिये हैं। लाभार्थी को मत्स्य उत्पादन का रजिस्टर बनाने उत्पादकता की सूचना को अंकित कराने के लिए भी कहा गया है। जनपद स्तरीय अधिकारी प्रत्येक ब्लाक के 5 या 6 तालाबों को चयनित करके मोटीवेटर का कार्य करते हुए उत्पादन संबंधी आंकड़ों को एकत्र करें।
सरकार ने प्रत्येक जनपद से दो-दो प्रगतिशील मत्स्य पालकों का चयन करके उन्हें एन0एफ0डी0बी0 योजना में प्रशिक्षण दिलाने उन्हें वैज्ञानिक विधि से मत्स्य पालन हेतु तालाब को विकसित कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं एन0एफ0डी0बी0 योजना के अन्तर्गत गाईड लाइन के अनुसार प्रत्येक जनपद को एक-एक कार्य योजना बनाकर तद्नुसार मत्स्य विकास कार्यों में सक्रियता लाने के लिए निर्देशित किया गया है। क्रियाशील योजनाओं के अन्तर्गत स्थापित निजी क्षेत्र की मत्स्य हैचरियों के लाभार्थियों को शासन द्वारा प्रदत्त की जाने वाली सुविधाओं को दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
शासन ने मत्स्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को मत्स्य विकास कार्यक्रमों/योजनाओं की जानकारी जन सामान्य, मत्स्य पालकों/मछुआ समुदाय के लोगों को देने हेतु उनका व्यापक प्रचार-प्रसार ग्रामीण, ब्लाक, तहसील तथा जिला स्तर पर भी किये जाने के निर्देश दिये हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 September 2014 by admin
उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद ने पशुपालकों की मदद से दुधारू पशुओं की देशी नस्ल सुधारने के लिए सराहनीय पहल की है। पशुपालकों के लिए उक्त स्कीम लाभप्रद है। उच्च गुणवत्ता वाले देशी नस्लों के साड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए पशुपालकों के दुधारू पशुओं का चयन करके उनका उच्च गुणवत्ता वाले सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान कराया जायेगा। उक्त कार्य फील्ड परफारमेंस रिकार्डिंग (एफ0पी0आर0) कार्यक्रम के अन्तर्गत अच्छी नस्ल की गाय या भैंस का चयन करके कृत्रिम गर्भाधान किया जायेगा।
यह जानकारी उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0बी0बी0एस0 यादव ने दी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत पशुपालकों की गायों का कृत्रिम गर्भाधान किये जाने के उपरान्त यदि बछिया पैदा होती है तो उसे पशुपालक को दे दी जायेगी। यदि बछड़ा उत्पन्न होगा तो उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद उस अच्छी नस्ल के बछड़े को 5000 रुपये में पशुपालक से खरीदेगा। पशु की देख-रेख हेतु पशुपालक को 1000 रुपये प्रोत्साहन हेतु प्रदत्त किये जायेंगे।
परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 यादव ने बताया कि प्रारम्भ में कृत्रिम गर्भाधान हेतु मुर्रा भैंस, गंगातीरी तथा साहीवाल गायों को शामिल किया गया है। तीनो स्वदेशी दुधारू नस्लों के संर्वधन हेतु 8 जनपदों लखनऊ, बाराबंकी, बस्ती, फैजाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, जौनपुर तथा मुरादाबाद
का चयन किया गया है। उक्त चयनित जनपदों के ग्रामों में उच्च गुणवत्ता को दुधारू पशुओं के चयन के लिए मिल्क रीडरों की नियुक्तियों की जायेगी जो ग्रामों में पशुपालकों के घर-घर जाकर दुधारू पशुओं का सर्वेक्षण करेंगे। सर्वेक्षण के बाद कृत्रिम गर्भाधान हेतु मादा दुधारू पशुओं का चयन किया जायेगा। कृत्रिम गर्भाधान से यदि बछिया जन्मेंगी तो पशुपालक को दी जायेगी और यदि बछड़े का जन्म होगा तो परिषद उसे स्वयं खरीद लेगा और उसका अच्छी नस्ल के सांड़ के रूप में पालन पोषण किया जायेगा।
डा0 यादव ने यह भी बताया कि फील्ड परफारमेंस रिकार्डिंग कार्यक्रम के अन्तर्गत नियुक्त किये गये मिल्क रीडरों को प्रति पशु प्रति रिकार्डिंग हेतु पन्द्रह रुपये का भुगतान पशुधन विकास परिषद द्वारा किया जायेगा। उन्होंने बताया कि एक पशु की रिकार्डिंग हेतु मिल्क रीडर को तीन सौ रुपये प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु प्रत्येक बीस ग्रामों पर एक पर्यवेक्षक तथा 50 ग्रामों पर उक्त कार्यक्रम की सक्रियता एवं सफलता की निगरानी हेतु योजना प्रभारी की नियुक्ति की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 September 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग को समाप्त किये जाने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा सुझाव देने हेतु विशेषज्ञों की एक समिति बनाये जाने के निर्देश शासन को दिये गये हैं। मा0 उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार समिति के सदस्यों को माननीय राज्यपाल शासन के अनुरोध पर नामित करेंगे। शासन द्वारा किये गये अनुरोध पर माननीय राज्यपाल ने तीन प्रमुख शिक्षाविदों प्रो0 एम0एस0 औलख, कुलपति, मान्यवर काशीराम कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा (अध्यक्ष), प्रो0 खान मसूद अहमद, कुलपति, ख्वाजा मुईनुद्दनी चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ (सदस्य) एवं डा0 निशि पाण्डेय, प्रोफेसर अंग्रेजी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ (सदस्य) को उक्त समिति में नामित कर दिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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