उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद ने पशुपालकों की मदद से दुधारू पशुओं की देशी नस्ल सुधारने के लिए सराहनीय पहल की है। पशुपालकों के लिए उक्त स्कीम लाभप्रद है। उच्च गुणवत्ता वाले देशी नस्लों के साड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए पशुपालकों के दुधारू पशुओं का चयन करके उनका उच्च गुणवत्ता वाले सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान कराया जायेगा। उक्त कार्य फील्ड परफारमेंस रिकार्डिंग (एफ0पी0आर0) कार्यक्रम के अन्तर्गत अच्छी नस्ल की गाय या भैंस का चयन करके कृत्रिम गर्भाधान किया जायेगा।
यह जानकारी उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0बी0बी0एस0 यादव ने दी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत पशुपालकों की गायों का कृत्रिम गर्भाधान किये जाने के उपरान्त यदि बछिया पैदा होती है तो उसे पशुपालक को दे दी जायेगी। यदि बछड़ा उत्पन्न होगा तो उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद उस अच्छी नस्ल के बछड़े को 5000 रुपये में पशुपालक से खरीदेगा। पशु की देख-रेख हेतु पशुपालक को 1000 रुपये प्रोत्साहन हेतु प्रदत्त किये जायेंगे।
परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 यादव ने बताया कि प्रारम्भ में कृत्रिम गर्भाधान हेतु मुर्रा भैंस, गंगातीरी तथा साहीवाल गायों को शामिल किया गया है। तीनो स्वदेशी दुधारू नस्लों के संर्वधन हेतु 8 जनपदों लखनऊ, बाराबंकी, बस्ती, फैजाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, जौनपुर तथा मुरादाबाद
का चयन किया गया है। उक्त चयनित जनपदों के ग्रामों में उच्च गुणवत्ता को दुधारू पशुओं के चयन के लिए मिल्क रीडरों की नियुक्तियों की जायेगी जो ग्रामों में पशुपालकों के घर-घर जाकर दुधारू पशुओं का सर्वेक्षण करेंगे। सर्वेक्षण के बाद कृत्रिम गर्भाधान हेतु मादा दुधारू पशुओं का चयन किया जायेगा। कृत्रिम गर्भाधान से यदि बछिया जन्मेंगी तो पशुपालक को दी जायेगी और यदि बछड़े का जन्म होगा तो परिषद उसे स्वयं खरीद लेगा और उसका अच्छी नस्ल के सांड़ के रूप में पालन पोषण किया जायेगा।
डा0 यादव ने यह भी बताया कि फील्ड परफारमेंस रिकार्डिंग कार्यक्रम के अन्तर्गत नियुक्त किये गये मिल्क रीडरों को प्रति पशु प्रति रिकार्डिंग हेतु पन्द्रह रुपये का भुगतान पशुधन विकास परिषद द्वारा किया जायेगा। उन्होंने बताया कि एक पशु की रिकार्डिंग हेतु मिल्क रीडर को तीन सौ रुपये प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु प्रत्येक बीस ग्रामों पर एक पर्यवेक्षक तथा 50 ग्रामों पर उक्त कार्यक्रम की सक्रियता एवं सफलता की निगरानी हेतु योजना प्रभारी की नियुक्ति की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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