01 जून 2013
भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी के नेतृत्व में प्रदेश में बिजली वृद्धि का तीखा और प्रभावी विरोध व्यक्त किया। बिजली वृद्धि के कारण प्रदेश भर में आक्रोश व्याप्त है। डा0 बाजपेयी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय से ”शक्तिभवन” तक नारे लगाते हुए पैदल मार्च किया। पुलिस बल के विरोध के बावजूद भाजपा कार्यकर्ता ”शक्ति भवन” के अन्दर पुलिस को धकियाते हुए अन्दर दाखिल हो गये।
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के जर्बदश्त दबाव के कारण पावर कारपोरेशन के एम.डी. ऐ.पी. मिश्र को स्वयं वार्ता करने भाजपा प्रतिनिधि मण्डल के सामने उपस्थित होना पड़ा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 बाजपेयी के तथ्यों और तर्को के सामने पावर कारपोरेशन के एम.डी. सहित सभी अधिकारी निरूत्तर और असहाय दिखे। प्रदेश अध्यक्ष डा0 बाजपेयी ने एम0डी0 पर प्रश्नों की बौछार करते हुए पूछा कि ऐसी क्या आवश्यकता हुई कि पावर कारपोरेशन को अचानक इतनी ज्यादा मूल्यवृद्धि गुपचुप तरीके से करनी पड़ी ? घरेलू बिजली वृद्धि 26 प्रतिशत तथा सरकारी भवनों/कार्यालयों पर वृद्धि 06 प्रतिशत क्यों की गई? सरकार पर विद्युत मूल्य का बकाया रूपये 9000 करोड़ क्यों नही वसूला गया? पावर कारपोरेशन रूपये 25000 करोड़ का घाटा दिखा रहा है जबकि बकाया रूपये 27500 करोड़ है। यदि लाइन लाॅस 10 प्रतिशत तक कम कर दिया जाये तो पावर कारपोरेशन की आय रूपये 5000 करोड़ तक बढ़ सकती है। डा0 बाजपेयी ने एम.डी. से पूछा कि प्रदेश की उत्पादन क्षमता कितनी है और उत्तर में प्रदेश का वर्तमान कोटा कितना है और उसकी दर क्या है? पावर कारपोरेशन तो लाइन लाॅस बताता है वास्तव मे वह बिजली की चोरी है, इस चोरी के कारण हो रहे घाटे की भरपाई जनता क्यों करे?
वार्ता के दौरान पावर कारपोरेशन के एम.डी. श्री मिश्र ने बिजली मूल्य वृद्धि का ठीकरा जब विद्युत नियामक आयोग पर फोड़ तब डा0 बाजपेयी ने आरोप लगाया कि नियामक आयोग के चैयरमैन श्री श्रीराम 4 जून को सेवा निवृत्त हो रहे है और उनके पूर्व के कार्यकाल की जांच चल रही है अतः दबाव वश उनसे मूल्यवृद्धि का निर्णय कराया गया। डा0 बाजपेयी ने यह भी आरोप लगाया कि मूल्य वृद्धि के पहले दक्षिणांचल और पूर्वांचल में जन सुनवाई नही हुई और जहां सुनवाई हुई वहां समाज के विभिन्न वर्गो के सुझावों का खारिज कर दिया।
डा0 बाजपेयी ने प्रमाण सहित जब यह आरोप लगाया कि विद्युत नियामक आयोग और पावर कारपोरेशन के सलाहकार के फर्म के नाम तो अलग-अलग है परन्तु पता, फोन नं0, एवं ई-मेल आई.डी. एक ही है, जो प्रदेश की जनता के साथ धोखा धड़ी है, पर एम.डी. श्री मिश्र बगले झाकने लगे। प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि विद्युत नियामक आयोग और पावर कारपोरेशन के इस जन विरोधी निर्णय के विरूद्ध न्यायालय तथा भारत विद्युत नियामक आयोग में पार्टी जायेगी तथा सड़क पर भी तीखा जनसंघर्ष करेगी।
प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी के साथ वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष शिवप्रताप शुक्ला, गोपाल टण्डन, महामंत्री स्वतंत्र देव सिंह, देवेन्द्र सिंह चैहान, मंत्री अनूप गुप्ता, श्रीमती मधु मिश्रा, प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र, विजय बहादुर पाठक, डा0 चन्द्र मोहन, मीडिया प्रभारी मनीष शुक्ला, सहमीडिया प्रभारी अनीता अग्रवाल, पूर्व विधायक सुरेश तिवारी, सुरेश श्रीवास्तव तथा विद्यासागर गुप्ता एवं किसान मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री दिनेश दुबे मौजूद थे।
इसके पूर्व जुलूस एवं प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोगों में पंचायतराज प्रकोष्ठ के संयोजक लल्लन तिवारी, अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष रूमाना सिद्दीकी, किसान मोर्चा के सुरजीत सिंह, लघु उद्योग गिरजा शंकर, महानगर उपाध्यक्ष त्रिलोक अधिकारी, मनीष शुक्ला, सुनील मिश्रा, रागिनी रस्तोगी, गिरीश सिंह, विपिन अवस्थी, महानगर महामंत्री राकेश श्रीवास्तव, मुकेश शर्मा, अनुराग मिश्रा, महानगर मंत्री प्रभु जालान, सूर्यमणि सिंह, विजय लक्ष्मी, आशा पाठक, शशि जोशी, अवधेश गुप्ता छोटू, साकेत शर्मा, मान सिंह, प्रदीप भार्गव, राजीव मिश्रा, अन्जनी श्रीवास्तव, अतुल दीक्षित, अभिजात मिश्रा, हरिशंकर बाजपेयी, सुधीर हलवासिया, अशोक द्विवेदी, सत्यव्रत त्रिपाठी, अशोक तिवारी, बीना गुप्ता आदि लोग उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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