Posted on 30 June 2013 by admin
हमारे देष की आत्मा गांव में बसती है, जहां मेडिकल की मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। अधिकांष ग्रामीणों को आज भी उपचार के लिए बड़े शहरों में जाना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल की अच्छी सुविधाएं हों इसके लिए इस क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को ग्रामीण क्षेत्र में जाकर अवष्य सेवा करनी चाहिए।
उक्त उदगार श्री नितिन अग्रवाल,मा0राज्यमंत्री, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य,उ0प्र0 ने मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में गुड़गांव स्थित पैनासिया न्यू राइज सुपर स्पेषलिटी हाॅस्पीटल के उद्घाटन एवं दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर श्री अग्रवाल ने स्काॅलरषिप मिलने वाले डाक्टरों को बधाई देते हुए उत्तर प्रदेष में कालेज खोलने के लिए आमंत्रित किया तथा उत्तर प्रदेष सरकार से भरपूर सहयोग देने का आष्वास भी दिया। श्री अग्रवाल ने इस अवसर पर दीप प्रज्जवलित कर समारोह का उद्घाटन किया तथा मेडिकल के क्षेत्र में पी0एच0डी0 कर विषेष दक्षता प्राप्त करने वाले डाक्टरों को डिग्री प्रदान की। डा0 राजेष जैन, ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर ने मंत्री जी को पुष्प गुच्छ प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व एक कांफ्रेंस भी आयोजित की गई जिससे एनेस्थीया के सम्बन्ध में आधुनिकतम विकास एवं फील्ड में आने वाली दिक्कतों के बारे में चर्चा की गयी।
ज्ञातव्य हो कि पैनासिया, न्यू राइज हाॅस्पीटल 225 बिस्तरों का अस्पताल है जो सुपर स्पेषलिटी से युक्त है तथा गुड़गांव के डी0एल0एफ0फेज-3 में सेवारत है।
इस अवसर पर डा0 टी0 आर0 प्रभाकर, प्रेसीडेंट, आई0एस0ए0,
डा0 मनीष गुप्ता, डिप्टी जनरल मैनेजर,डा0 भुनेष्वर, सेक्रेटरी आई0एस0 ए0, डा0 बी0 राधाकृष्णनन, सीईओ, आई0सी0ए0, डा0 पी0एन0कक्कड़ सहित अन्य गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 June 2013 by admin
रामपुर के उद्योगपति ने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री आजम खां के ऊपर बार-बार प्रताडि़त करने तथा आत्महत्या करने पर विवश करने के आरोप लगाये हैं। जिससे यह साबित हो गया है कि प्रदेश के मंत्री सत्ता को साधन नहीं साध्य मान बैठे हैं। यही कारण है कि उनके आचरण की खबरें बार-बार मीडिया में आने के बाद भी सरकार उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पाती और उनके सामने घुटने टेक देती है। जो किसी भी चुनी हुई सरकार और लोकतंत्र के लिए सबसे खतरनाक स्थिति है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि रामपुर के उद्योगपति ने जिस तरह से खुलेआम अपने उत्पीड़न की दास्तान बयान करते हुए कहा कि ‘‘उनके कारण मुझे आत्महत्या करने पर विवश होना पड़ सकता है’’, यह प्रकरण काफी गंभीर है और यह मामला और भी काफी गंभीर हो जाता है जब प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री पर इस तरह के आरोप लगते हैं और सरकार किंकर्तव्यविमूढ़ और असहाय दिखाई पड़ती है।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री आजम खां ने पहले सार्वजनिक तौर पर अधिकारियों की पिटाई करने की बात कीं। इतना ही नहीं उन्होने जिस तरह से बार-बार अधिकारियों को अपमानित किया, यह बहुत ही दुःखद है। सत्ता के मद में चूर श्री आजम खां को यह भी ज्ञात नहीं है कि किसी अन्य प्रदेश की सरकार के लिए किस भाषा का प्रयोग उन्हें करना चाहिए। यही कारण है कि उन्होने जिस तरह से उत्तराखण्ड की सरकार को ‘‘ईडियट’’ शब्द से संबोधित किया, उनकी कुत्सित मानसिकता और लोकतंत्र में उनके तुच्छ नजरिये को दर्शाता है। राजनीति में भाषा की मर्यादा की अपेक्षा होती है और इसका प्रयोग किसी भी इंसान को बड़ा तथा छोटा बनाता है।
श्री त्रिपाठी ने कैबिनेट मंत्री श्री आजम खां द्वारा अपनी भाषा से बार-लोगों को अपमानित करने तथा उद्योगपति को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के प्रकरण की जांच कराने तथा लोकतंत्र की मर्यादा हेतु सरकार की तमाम मजबूरियों के बादजूद भी उनकी भाषा पर नियंत्रण लगाने की मांग की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 June 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ0 मुरली मनोहर जोशी कल कानपुर रहेंगें।
डाॅ0 जोशी कल (1 जुलाई) शाम लखनऊ आयेगें। लखनऊ से डाॅ0 जोशी कानपुर चले जायेंगें। जहां 2 जुलाई को आयोजित विभिन्न राजनैतिक सामाजिक व व्यक्तिगत कार्यक्रमों में भाग लेंगें।
डाॅ0 जोशी 3 जुलाई को वापस दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 June 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के साक्षात्कार पर बिन्दुवार प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मनोज मिश्र ने माननीय मुख्यमंत्री जी के इस कथन पर कि यह गुजरात नहीं है, यहां नही चलेगा करिश्मा, पर जवाब देते हुए कहा कि जब करिश्मा चलता है तो पूरे देश में चलता है वो चाहे गुजरात हो, उत्तर प्रदेश हो या कोई अन्य राज्य। डाॅ0 मिश्र ने बाहर से अमित शाह जी को प्रभारी बनाये जाने के अखिलेश के बयान पर कहा कि सपा एक क्षेत्रीय दल है तो स्वाभाविक है कि राष्ट्रीय दल भाजपा की कार्यप्रणाली की उन्हें जानकारी नहीं होगी। भारतीय जनता पार्टी चीजों को राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में देखती और करती है जबकि सपा की कहानी ’यहीं से शुरू यहीं पर खत्म’ समाप्त होती है। सत्य बात तो यह है कि सपा सहित सभी दल भाजपा से डरे है।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मनोज मिश्र ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी अपनी पीठ खुद ही थप थपा रहे हैं। यूपी को धर्म निरपेक्ष्य राज्य तथा अपने दल के धर्म निरपेक्षता के पैरोकार बताने वाले मुख्यमंत्री जी बतायें कि क्या धर्म निरपेक्षता की परिभाषा एक वर्ग विशेष का तुष्टीकरण है? या बहुसंख्यकों का सम्मान भी उसमें शामिल है। एक साम्प्रदाय विशेष के आतंकवादियों पर मुकदमों की वापसी का फरमान क्या धर्मनिरपेक्षता है? सपा ने मुस्लिम तुष्टीकरण को धर्म निरपेक्षता समझ लिया है अतः उन्हें लगता है वो और उनका दल ही धर्म निरपेक्षता का प्रबल पैरोकार है।
डाॅ0 मिश्र ने प्रदेश को राजनैतिक स्टेट बताये जाने पर कहा कि मुख्यमंत्री जी बतायें कि कौन सा स्टेट राजनैतिक स्टेट नहीं है? और क्या राजनैतिक स्टेट की कानून-व्यवस्था खराब होती है? उन्होंनें मुख्यमंत्री जी से राजनैतिक स्टेट की परिभाषा जाननी चाही। डाॅ0 मिश्र ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर कहा कि प्रदेश के बच्चे-बच्चे की जुबान पर प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था का जिक्र है। सत्ता पक्ष के मंत्री, विधायक तथा सांसद और उनके ही पिता जी ने सपा सरकार की कानून-व्यवस्था पर अंगुली उठाई है। डाॅ0 मिश्र ने आबकारी अधिकारियों और वनाधिकारियों के निलम्बन पर कहा कि क्या प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले में कोई सुधार हुआ है? डाॅ0 मिश्र ने कहा कि रोज-रोज कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार का मामला मीडिया की सुर्खियां बटोरते है। सच बात तो यह है कि प्रदेश में गवर्नेन्स का अभाव है, कानून-व्यवस्था पूरी तरह फेल है, विकास कार्य ठप पड़े हैं, अराजकता चरम पर है और प्रदेश की जी.एस.डी.पी. घट गई है। मुख्यमंत्री जी फिर भी संतुष्ट हैं तो यह चैंकाने वाली बात है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 30 June 2013 by admin
समाजवादी पार्टी उ0प्र0 के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि लोकसभा चुनाव का मौसम आया तो बसपा, कांगे्रस और भाजपा सभी जातीयता और संाप्रदायिकता की राजनीति को हवा देने में लग गए हैं। उत्तराखण्ड की भयानक त्रासदी और प्रदेश की जनता के आम सरोकारों की भी उन्हें परवाह नहीं है। इनके समस्त क्रियाकलाप सिर्फ समाजवादी पार्टी के खिलाफ हो रहे हैं। श्री अखिलेश यादव केे नेतृत्व में समाजवादी पार्टी सरकार की लोकप्रियता और कार्यदक्षता से उन्हें अपनी जमीन दरकती नजर आ रही है। इसलिए वे जाति और संप्रदाय की जहरीली राजनीति को हवा देने में लग गए हैं।
उत्तराखंण्ड की भयंकर विपदा के समय श्री अखिलेश यादव ने जहाॅ राहत कार्यो में बढ़कर मदद की वहीं बाकी दल विपक्ष की अपनी सामान्य भूमिका भी निभाने में पीछे रहे हैं। बसपा की इस त्रासदी पर कोई प्रतिक्रिया नजर नही आई। प्रदेष के हजारों पीडि़तों की दुुश्वारियों के प्रति बसपा अध्यक्ष को फिक्र नहीं हुई। केदारनाथ में जल प्रलय में अपनी जान गवांने वालों के लिए कोई हमदर्दी नहीं। कर्तव्य पालन में अपने षहीद जवानों के लिए भी उनकी आॅखों में एक आॅसू नहीं। भाजपा और कांग्रेस दोनों केदारनाथ के संकट के समय भी अपनी राजनीति करने से बाज नहीं आए और परस्पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर अपनी जिम्मेदारियों से मुंह चुरा रहे हैं।
केन्द्र की कांगे्रस सरकार मंहगाई बढ़ा रही है। कांगे्रस का हाथ अब आम आदमी के साथ न होकर पूंजी घरानों के लिए वरदहस्त हो गया है। उत्तर प्रदेश की समस्याओं से ध्यान हटाकर कांगे्रस प्रदेश में अल्पसंख्यक सम्मेलन कर मुस्लिमों को गुमराह करने के खेल में लग गयी है। खुद केन्द्र की कांगे्रस सरकार ने सच्चर कमेटी बनाई थी जिसने अपनी रिपोर्ट में मुस्लिमों की हालत दलितों से बदतर बताई। रंगनाथ मिश्र आयोग भी कांगे्रस ने बिठाया लेकिन उसकी सिफारिशें कूड़े के ढेर में डाल दीं। श्री मुलायम सिंह यादव ने संसद में जब इस बारे में सवाल उठाए तो प्रधानमंत्री तक जबाब टाल गए। मुस्लिमों की घोर उपेक्षा करने वाले और बाबरी मस्जिद ध्वंस में भाजपा के सहयोगी कांगे्रस नेता अब मुस्लिमों को बरगलाने के काम में लग गए हैं। गोकि मुस्लिम समाज उनके बहकावे में आने वाला नहीं हैं। उसे कांगे्रस की हकीकत पता है।
कांगे्रस और भाजपा से समान रिष्ता जोड़े रखने वाली बसपा को अब ब्राह्मणों की चिंता सताने लगी है। बसपा में ब्राह्मण का अर्थ केवल एक परिवार तक सीमित है और बाकी सब ब्राह्मण उपेक्षा तथा अपमान के पात्र हैं। बसपा सरकार में ब्राह्मणों को पूरे पाॅच साल हाशिये पर रखकर अब लोकसभा चुनाव में बतौर वोट बैंक उन्हें फिर बटोरने का काम किया जा रहा है। लेकिन अब ब्राह्मण हाथी का साथी बनने को तैयार नहीं है। बसपा राज में सर्वाधिक पीडि़त ब्राह्मण ही रहे हैं।
उत्तर प्रदेश का यह दुर्भाग्य है कि इन्हीं विपक्षी दलों के राज में यहाॅ विकास की राजनीति उपेक्षित रही है और यथास्थितिवादी, जातिवादी तथा सांप्रदायिक तत्व हावी रहे हैं। श्री अखिलेश यादव ने विकास के एजेंडा पर काम षुरू किया तो विपक्ष रचनात्मक विरोध की जगह विरोध के लिए विरोध की राजनीति पर उतर आया है। श्री मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश को आदर्श प्रदेश बनाने का सपना देखा था, उसको जमीनी हकीकत में बदलने का काम समाजवादी पार्टी की सरकार कर रही है। जो समाज को बाॅटने का काम कर रहे हैं, उन्हें जनता पहले भी नकार चुकी है और अब आगे उन्हें सत्ता के करीब भी नहीं पहुॅचने देगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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