Posted on 03 June 2012 by admin
मनुष्य और पर्यावरण का परस्पर संबंध काफी पुरना और गहरा है। मानव की उत्पत्ति प्रकृति की गोद में हुई और मानव, माँ प्रकृति का दोहन करने लगा या यूँ कहे उस पर निर्भर रहकर विकसित होने लगा। जंगल के फल, फूल, पत्ते व जीव जंतु उसके जीवन के आधार बने। मानव संस्कृति के विकास एवं अस्तित्व के लिए पर्यावरण या प्रकृति का संरक्षण कितना अवश्यक है, अब दुनिया को समझ में आने लगा है। पर्यावरण ठीक है तो हम है।
आने वाले 30-40 सालें में हो सकता है कि अंटार्कटिका के ऊपर कई किलोमीटर बर्फ की ग्लेशियर पिघल कर समुद्र में आ जाए, तो समुद्र की सतह कई मीटर ऊंची हो जाएगी, फिर दुनिया में हाहाकार मच जाएगा। कलकत्ता, मुंबई और बांग्लादेश डूब जाएंगे, लेकिन यह सब कुछ इतना जल्दी नही होगा और न ही इन सब घटनाक्रमों की गारंटी दी जा सकती है। घटनाक्रम का रूख बदल सकते हैं। यह मानना है जाने-माने वैज्ञानिक और नेशनल रिसर्चर प्रोफेसर यशपाल का। पर्यावरण के प्रति असंवेदनशीलता के भयावह परिणाम दिनो दिन बढ़ता तापमान, आंधी-तूफान और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदा की बड़ती संख्या हमें चेतावनी दे रही है, ग्लोबल वार्मिग के सवाल पर वैज्ञानिक में मतभेद है। जहां कुछ का मानना है कि तापमान बढ़ रहा है, वही कुंछ का कहना है कि यदि 4-5 डिग्री सेंटीगे्रड तापमान बढ़ा भी हो तो इससे ग्लोबल वार्मिंग का कयास नही लगाया जा सकता, क्योंकि पृथ्वी के दीर्घकालिक इतिहास मंे 4-5 डि.सें. टेम्परेचर बढ़ना भूविज्ञानियों की निगाह बहुत कुछ आकलन नही किया जा सकता । प्रो. यशपाल का तर्क है कि इतिहास के आइने में पृथ्वी को देखें, तो हजारों साल में पृथ्वी का तापमान इधर से उधर नही हुआ, जबकि ज्वालामुखी का विस्फोट भी हुआ लेकिन जब से मनुष्य ने प्राकृतिक संसाधनों का अति दोहन शुरू किया, तब से प्राकृतिक संतुलन प्रभावित हुआ। पिछले 60 वर्षो में जितनी तेजी से औद्योगिकरण हुआ है, उतनी ही तेजी से कार्बन डाई-आक्साइड की मात्रा में भी वृद्धि हुई है। यह अजीब विडम्बना है कि भारत में जहां 30 प्रतिशत भू-भाग पर वन होना चाहिए, वहां मात्र 15 प्रतिशत भू-भाग पर ही वन है। इनमें भी बहुत से वन दिनों-दिन साफ होते जा रहे है। ऐसी हालत में तापमान का बढ़ना कोई आश्चर्य की बात नही है।
प्रो. यशपाल की तरह भारतीय सूचना तकनीकी संस्थान (इलाहाबाद) के अध्यक्ष रहे पद्मभूषण प्रो. अजीत राम वर्मा भी मानते है कि कोयला और पेट्रोल के अधिकाधिक उपयोग करने से वायुमंडल में कार्बन डाई-आक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही है, जिसके कारण पृथ्वी के औसत तापमान में वृद्धि हो रही है। प्रो. वर्मा के अनुसार वायुमंडल में कार्बन डाई-आक्साइड की मात्रा में वृद्धि होने से पृथ्वी का तापमान घटेगा। यदि वायुमंडल में कार्बन डाई आक्साइड की मात्रा 0.3 से कम होती, तो पृथ्वी का तापमान अधिका होता। वायुमंडल में कार्बन डाई आक्साइड की मात्रा 0.3 प्रतिशत है और इसी कारण मानव जीवन के लिए 20 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान संभव हो सकता है। प्रकृति की रची हुई पृथ्वी के चारों तरफ का वायुमंडल अद्भुत है। इस वायुमंडल की एक महत्वपूर्ण गैर ओजोन है, जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को सोख लेती है, लेकिन इसकी भी हालत अच्छी नही है। प्रो. वर्मा के अनुसार मनुष्य द्वारा एयर कंडीशनर व पलास्टिक उद्योग में उपयोग किए जाने वाले क्लोरोफ्लोरो कार्बन के लीक होने से ओजोन परत का लगातार क्षरण हो रहा है। श्री वर्मा के अनुसार प्रकृति द्वारा बनाए गए ओजोन परत के क्षरण से सौर मंडल से खतरनाक पराबैंगनी किरणों पृथ्वी पर पहुचने लगेंगी, जिससे त्वचा कैंसर व कई अन्य बीमारियां फैलेंगी। श्री वर्मा का मानना है कि आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए मनुष्य को चाहिए कि प्रकृति द्वारा बनाए वायुमंडल से छेड़छाड़ न करें व इसे अक्षुण्ण बनाए रखने का प्रयास करें, तभी पृथ्वी पर मानव जीवन कायम रह सकेगा।
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना अपनी मौत का इंतजाम खुद करने के बराबर है। जानकार मानते है कि जलवायु परिवर्तन से मानवता को उतना ही खतरा है, जितना कि परमाणु हथियारों की बढ़ती होड़ से हो सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के असर से सालाना करीब तीन लाख लोग मर रहे है। इनमें से ज्यादातर विकासशील देशों के होते है। ग्लोबल हा्रमैनिटेरियन फोरम की रिपोर्ट मंे आगाह किया गया है कि धरती के तापमान में लगातार वृद्धि होने से 30 करोड़ लोग प्रभावित वृद्धि होने से 30 करोड़ लोग प्रभावित वृद्धि होने से 30 करोड़ लोग प्रभावित है। 2030 तक यह संख्या दोगुनी हो सकती है। पर्यावरण को नुकसान से मानवता को खतरे पर यह पहली विस्तृत रिपोर्ट है। फोरम के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान ने दुनिया के सभी देशों से इस ओर ध्यान देने की अपील की हा्रूमन इंपैक्ट रिपोर्ट क्लाइमेेट चेंज- द एनाटमी आफ ए साइलेंट क्रइसिस नाम की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल जिस देश को जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा खतरा है, वह है आस्ट्रेलिया। रिपोर्ट के आंकड़े चैकाने वाले है। इसके मुताबिक 10?906 से 2005 के बीच धरती का तापमान 0.74 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। हाल के दशकों में यह बढ़ोत्तरी उल्लेखनीय रही है। वर्ष 2100 तक तापमान न्यूनतम दो डिग्री सेल्सियस बढ़ने के आसार है। इतनी वृद्धि सुनने में भले मामूली लगती हो, पर असल में यह बेहद विनाशकारी होगी। रिपोर्ट में बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हर साल मरने वाले तीन लाख लोगांे में 99 फीसदी विकासशील देशों के होते है। दुनिया के कुल कार्बन उत्सर्जन में इनका योगदान महज एक फीसदी है। रिपोर्ट में चेताया गया कि जलवायु परिवर्तन से इस सहस्राब्दी क ेलिए तय आठ विकास लक्ष्य (मिलोनियम गोल्स) भी प्रभावित हो सकते है। इन लक्ष्यों में 2015 तक गरीबी खत्म करना, भूखमरी मिटाना, शिशुओं की मृत्यु दर को घटाना और एड्स सहित तमाम जानलेवा बीमारियों को फैलने से रोकना शामिल है।
तमाम विकसित देशों में आस्ट्रेलिया पर जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर पड़ने की आशंका व्यक्त की गई है। बीते 15 सालों में बढ़तें तापमान और बारिश में कमी से यहां भीषण सूखा पड़ा। एक अनुमान के मुताबिक हर साल जलवायु परिवर्तन के कारण करीब 125 अरब डालर का वित्तीय नुकसान होता है। दुनिया पर मंडरा रहे जलवायु परितर्वन के खतरे से निपटने के लिए राज्य में कागजी घोड़े दौड़ रहे है। पर अमल जुम्मेदरी एक दूसरी पर टालते रहने की परम्परा का परिणाम है कि प्रदूषण के मामले में हमेशा ही हम गच्चा खाते रहे है। देश की लाईफ लाईन गंगा नदी की हालत बताती है कि आने वाले कल कैसा होगा?
वर्ष 2006 में सपा सरकार द्वारा सूबे की आब-ओ-हवा को दुरूस्त करने की गरज से राज्य की पहली पर्यावरण नीति का मसौदा तैयार किया गया था। सरकार गई तो पर्यावरण नीति का मसौदा तैयार किया गया था। सरकार गई तो पर्यावरण नीति को भी ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया गया। अब जबकि पुनः सपा की सरकार है और पर्यावरण मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पसंदीदा विषय है। यही नही विभाग के मुखिया भी वही है। ऐसे मंे सवाल यह है कि क्या पर्यावरण नीति को हरी झंडी मिल पाएगी ?
पर्यावरण नीति लागू होने के बाद विभागों के लिए यह जरूरी होगा कि वह बजट का कुछ अंश पर्यावरण के लिए खर्च करें। यही नही विभागीय योजनाओं को पर्यावरण संगत बनाया जाए। विकास योजनाओं में प्राकृतिक संसाधनों के बेहिसाब इस्तेमाल पर रोक लगे।
केवल गंगा ही नही रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी में वरूणा 44.6 वीओडी और 1.34 लाख जीवाणुओं सहित गंगा मंे मिल रही है। मेरठ मंे काली व हिंडन प्रदेश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियां है। इनमें घुलित आॅक्सीजन की मात्रा जीरो है। पानी में पुलिस आक्सीजन उसकी गुणवत्ता का संकेत है। काली में बीओडी 90.7 मिलीग्राम के खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, जबकि जीवाणु 2.77 लाख मिले है। हिंडन में भी बीओडी 39 मिलीग्राम पाया गया है। सहारनपुर में हिंडन का बीओडी 18.2 और नोयडा में 34.5 के स्तर में दर्ज किया गया है। यहां जीवाणुओं की संख्या भी लाखों में पाई गई है, जबकि नदी जल में आक्सीजन शून्य है। प्रकृति द्वारा प्रदत्त एक और अनमोल वस्तु इस दुनिया में उपलब्ध होता है जिसे जल के नाम से जाना जाता है। जल के बिना जीवन संभवन नही है। इसीलिए तो कहा जाता है कि जल ही जीवन है।
‘गंगे व यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिम् कुरू।।’
अनादिकाल से मनुष्य के जीवन में नदियों के जल का महत्व रहा है। विश्व की प्रमुख संस्कृतियाँ नदियों के किनारें ही विकसित हुई है। भारत में सिधु घाटी की सभ्यता इसका ज्वलंत उदाहरण है। भारत का प्राचीन सांस्कृतिक इतिहास गंगा, यमुना, सरस्वती और नर्मला नदियों के तट के इतिहास से जुड़ हुआ है। माना जाता है कि सरस्वती नदी के तट पर वेदों की ऋचाएँ रची गई है। तमसा नदी के तट पर क्रौंच वध की घटना ने रमणीयता नदियों के किनारे पनपी और नगर सभ्यता का वैभव नदियों के किनारे ही बढ़ा। बड़े से बड़े धार्मिक अनुष्ठान नदियों के पास करने की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है।
-सुरेन्द्र अग्निहोत्री
राजसदन- 120/132
बेलदारी लेन, लालबाग, लखनऊ।
मो0ः 9415508695
Posted on 03 June 2012 by admin
सहयोग परिवार तकनीकी शिक्षण संस्थान के निदेशक राज किशोर पासी ने कहा कि हरे पेड़ों की कटान, सड़कों पर बढ़ती वाहनों की संख्या व अंधाधुंध इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के उपयोग से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। यही कारण है कि मौसम का मिजाज बिगड़ता जा रहा है। जो हमारे समाज के लिए खतरनांक है। इस समस्या के हल के जिए हम सभी को मिलजुल कर उपाय करना होगा। श्री पासी रविवार को सरोजनीनगर के स्कूटर्स इण्डिया चैराहा स्थित एस.पी. इस्टीट्यूट आफ कम्प्यूटर एजूकेशन द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आयोजित पोस्टर, निबंधन, स्लोगन व सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के मौके पर प्रतिभागियों को सम्बोधित कर रहे थे।
इस मौके पर श्री पासी ने कहा कि पर्यावरण के कुदरती नियमों से छेड़छाड़ किये जाने के चलते मौसम में बदलाव हो रहा है। इससे जहां फसलों की पैदावार कम हो रही है, वहीं नई-नई बीमारियां घर कर रही है। उन्होंने कहा कि वनों की अंधाधुंध कटाई से बाढ़ और बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। मिट्टी की कटाव व जमाव क्षमता की निर्वहनीयता में कमी आती है। इसके चलते जल स्रोतां के स्थायित्व पर असर पड़ता है। हर वर्ष वनों की अंधाधुंध कटाई से तकरीबन 80 अरब मीट्रिक टन कार्बन वातावरण में उत्सर्जित हो रहा है। श्री पासी ने कहा कि आधुनिक परिवेश में इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों के उपयोग में बेतहासा वृद्धि हो रही है। जिससे पर्यावरण के साथ मानवीय स्वास्थ्य और स्वभाव में बदलाव जैसे विपरीत प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। पर्यावरण संकट रोकने के लिए हमारा खान-पान, आचार-विचार और जीवन का आधार स्वावलंबी होना चाहिए। इस मौके पर श्री पासी ने प्रतियोगिता में शामिल सभी बच्चों को आगामी पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक-एक पेड़ लगाने की शपथ दिलाई।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 June 2012 by admin
प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने गेहूं खरीद में अनियमितता बरतने, क्रय केन्द्रों पर कार्यभार ग्रहण न करने एवं गेहूं खरीद में रूचि न लेने वाले पी.सी.एफ. के चार अधिकारियों को निलम्बित कर दिया है। इन चारों अधिकारियों को मिलाकर अब तक 53 अधिकारी/कर्मचारी निलम्बित किए जा चुके हैं, जिसमें 01 क्षेत्रीय प्रबन्धक, 09 जिला प्रबन्धक एवं 43 केन्द्र प्रभारी हैं तथा 05 केन्द्र प्रभारियों के विरूद्ध विभागीय जांच शुरू कर दी गयी है। इसके अलावा श्री यादव ने बलिया के अधिशासी अभियन्ता ट्यूबवेल को शासकीय कार्य में उदासीनता बरतने के आरोप में श्री काशीराम को भी निलम्बित कर दिया है।
श्री यादव ने बताया कि कृषकों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से मूल्य समर्थन योजनान्तर्गत गेहूं की खरीद किसानों से राज्य सरकार की क्रय एजेन्सियों द्वारा की जाती है। रबी विपणन वर्ष 2012-13 में केन्द्रीकृत प्रणाली के अन्तर्गत न्यूनतम समर्थन मूल्य 1285 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। रबी क्रय योजनान्तर्गत गेहूं क्रय करने हेतु पूरे प्रदेश में 9 एजेन्सियों का चयन किया गया है। पूरे प्रदेश में गेहूं खरीद का कार्यकारी लक्ष्य 42 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है तथा क्रय केन्द्रों की संख्या-4500 है। उन्होंने बताया कि कोआपरेटिव फेडरेशन का लक्ष्य 13,39,540 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है तथा चयनित क्रय केन्द्रों की संख्या-2554 है, जिसमें पी0सी0एफ0 के निजी क्रय केन्द्र-555 तथा सहकारी समितियों द्वारा स्थापित क्रय केन्द्रों की संख्या-1999 है।
अब तक पी.सी.एफ. द्वारा 923023.604 मीट्रिक टन मूल्य 118608.53 लाख रूपये की गेहूं खरीद की जा चुकी है, जो लक्ष्य का 69 प्रतिशत है। भारतीय खाद्य निगम को क्रमिक डिलिवरी 692613.820 मीट्रिक टन की जा चुकी है, जो खरीद का 75.04 प्रतिशत है। भारतीय खाद्य निगम से अवशेष पावती पत्र 142034.466 मीट्रिक टन तथा अवशेष भुगतान 9311.91 लाख रूपये है। बोरों की कमी के निराकरण हेतु खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा निर्धारित दरों एवं गुण-विनिर्दिष्टयों के आधार पर एच.डी.पी.ई/पीपी बैग्स क्रय करने की अनुमति दी जा चुकी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 June 2012 by admin
राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव व प्रवक्ता अनिल दुबे ने विधान सभा में प्रस्तुत बजट को किसानों और नौजवानों की आशाओं के विपरीत बताते हुए कहा है कि किसान की कर्जमाफी के लिए 500 करोड़, बेरोजगारी भत्ते के लिए 1100 करोड़ रुपए मात्र का प्रावधान ऊँट के मुँह में जीरे के समान है।
आज बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री दुबे ने कहा कि जिस प्रदेश में 2 करोड ़25 लाख किसान और 1करोड़ से अधिक बेरोजगार हांे, ऐसे में 500 करोड़ से मात्र एक लाख किसान की कर्जमाफी हो सकेगी और 1100 करोड़ से एक लाख बेरोजगार ही बेरोजगारी भत्ता पा सकेंगें तथा प्रदेश के बाकी किसान और नौजवान लाभ से बंचित रह जायेंगें।
श्री दुबे ने कहा कि प्रदेश के किसानों और युवाओं को प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से बहुत आशाएं हैं और बजट ठीक उसके विपरीत है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से बजट में सभी किसानों की कर्जमाफी व सभी बेरोजगारों को भत्ता देने के लिए बजट में संशोधन करने के साथ-साथ रोज़गार सृजन के उपाय करने के साथ-साथ उद्योग धन्धों की स्थापना तथा चुनाव घोषणा पत्र में किसानों को पानी और बिजली मुफ्त दिये जाने का अपना वायदा भी इस बजट में पूरा करने की मांग की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 June 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने हजरत अली के जन्म दिन पर प्रदेशवासियों, विशेषकर मुस्लिम भाईयों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी है।
एक बधाई संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि हजरत अली की शिक्षाएं आज के दौर में पूरी तरह प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि हजरत अली ने आपसी सद्भाव एवं सामाजिक समरसता का जो सन्देश जन-जन में प्रसारित किया, वह सभी के लिए प्रेरणास्पद है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 June 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने राज्य भण्डारण निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि खुले स्थान पर गेहूं भण्डारण के लिए आवश्यक तिरपाल, बल्लियां आदि आवश्यक सामग्री अपने स्तर पर तत्काल निर्धारित दर पर क्रय कर लें। उन्होंने कहा कि खुले स्थान पर भण्डारित गेहूं की सुरक्षा हेतु स्थानीय स्तर पर सुरक्षाकर्मी भी तैनात कर दिये जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि खुले स्थान पर भण्डारित गेहूं का उठान पहले कराया जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए अधिकारियों को सचेत किया कि खुले स्थान पर भण्डारित गेहूं का नुकसान होने की स्थिति में सम्बन्धित अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने क्रय एजेन्सियों को भी निर्देश दिये कि क्रय केन्द्रों पर यदि गेहूं खुले स्थान पर पड़ा हो तो सम्भावित मौसम से गेहूं की सुरक्षा हेतु निर्धारित दर पर आवश्यक तिरपाल, बल्लियां आदि सामग्री की व्यवस्था समय से कर लें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में गेहूं खरीद के सम्बन्ध में आयोजित पाक्षिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निर्धारित क्रय लक्ष्य 42 लाख मी0 टन के सापेक्ष लगभग 32.25 लाख मी0 टन से अधिक गेहूं की खरीद की जा चुकी है, जो क्रय लक्ष्य का लगभग 73.30 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि किसानों को 4136.04 करोड़ रुपये का भुगतान भी कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष की अपेक्षा 25 प्रतिशत अधिक गेहूं खरीदा जा चुका है।
श्री उस्मानी ने महाप्रबन्धक भारतीय खाद्य निगम को निर्देशित किया कि एक्नाॅलेजमेन्ट समय से निर्गत कराते हुए क्रय एजेंसियों का लम्बित भुगतान शीघ्रता से कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने चिन्हित गोदामों पर गेहूं की डिलीवरी भारतीय खाद्य निगम द्वारा विलम्ब से लेने पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सभी गोदामों पर पर्याप्त लेबर की व्यवस्था कर अधिक से अधिक उतार की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए ताकि गोदामों पर ट्रकों की लम्बी कतार न लगने पाए।
प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्री बलविन्दर कुमार ने बताया कि वर्तमान में गेहूं खरीद हेतु बोरों की समस्या अब नहीं रह गई है। उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों ने खाद्य विभाग द्वारा 15340 तथा पी0सी0एफ0 द्वारा 4500 कुल 19840 पी0पी0 बोरों का क्रय आदेश सम्बन्धित फर्म को दिया गया है, जिसकी डिलीवरी प्रारम्भ हो गई है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त 20000 पी0पी0 बोरों की निविदा आगामी 06 जून तक आमंत्रित की गई है, जिसके अनुसार इन गांठों की आपूर्ति आगामी 18 जून तक सम्भावित है। उन्होंने यह भी बताया कि जूट बोरों की आपूर्ति हेतु पूर्व में दिये गये 1,15,000 गांठ बोरों के अतिरिक्त 53,500 गांठ बोरों का इन्डेण्ट डी0जी0एस0 एण्ड डी0 कोलकाता के पास लम्बित है, जिसके सापेक्ष 65,350 गांठ बोरा रैक एवं सड़क मार्ग द्वारा प्राप्त हो चुका है। शेष गांठों की आपूर्ति जूट कमिश्नर कोलकाता द्वारा दी गई सूचना के अनुसार लगभग 20 दिनों में प्राप्त हो जाएगी।
बैठक में खाद्य आयुक्त श्रीमती अर्चना अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 June 2012 by admin
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इनर्जी टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न इनर्जी टास्क फोर्स की बैठक में मेमोरेण्डम आॅफ अण्डरस्टैण्डिंग (एम0ओ0यू0) रूट से निजी क्षेत्र में लगायी जाने वाली 09 विद्युत परियोजनाओं के विकासकर्ताओं को 18 माह तक के लिए समय में बढ़ोत्तरी प्रदान करने की संस्तुति की गई है। हरदुआगंज विस्तार परियोजना के अन्तर्गत 660 मेगावाट की एक तापीय विद्युत इकाई स्थापित किये जाने का भी निर्णय लिया गया है।
प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि पनकी में अधिकतम सम्भव क्षमता की तापीय विद्युत परियोजना स्थापित करने की सम्भाव्यता तलाशने हेतु तकनीकी सलाहकार से स्टडी कराने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि जवाहरपुर तापीय परियोजना को पर्यावरण क्लीयरेन्स प्राप्त होने की प्रत्याशा में आर0एफ0पी0 जमा करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है।
श्री गुप्ता ने बताया कि बैठक में ई0टी0एफ0 ने ओबरा ‘सी’ परियोजना के अन्तर्गत 2ग660 मेगावाट तापीय विद्युत गृह को राज्य सेक्टर में उ0प्र0 राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के अधीन स्थापित करने की संस्तुति की गई है। उन्होंने बताया कि 220 के0वी0 द्विपथ झांसी-ललितपुर-ललितपुर स्विच यार्ड लाईन 90 किमी0 के निर्माण कार्य को करने की संस्तुति दी गई है। इसके अतिरिक्त ललितपुर के 220 के0वी0 उपकेन्द्र को बनाने की अनुमति भी प्रदान की गई है।
बैठक में प्रमुख सचिव नियोजन श्री आर0पी0 सिंह, प्रबन्ध निदेशक पावर कार्पोरेशन श्री अवनीश कुमार अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 June 2012 by admin
कांग्रेस पार्टी के महापौर प्रत्याशी डा. नीरज बोरा एवं प्रदेश अध्यक्ष डा. रीता बहुगुणा जोशी द्वारा आज एक प्रेसवार्ता कैपिटल सेन्टर में सम्बोधित की गई।
इस अवसर पर हमारा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री स्वदेश कुमार कोरी द्वारा प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान किया गया इस अवसर पर श्री कोरी ने कहा कि आज के समय में सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही लोगों की समस्याए हल कर सकती है। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. रीता बहुगुणा जोशी ने स्वदेश कुमार कोरी के इस फैसले का स्वागत किया।
प्रेस वार्ता में डा. रीता बहुगुणा जोशी, बेगम हामिदा हबीबुल्ला, स्वरूप कुमारी बक्शी, वीरेन्द्र मदान, डा. नीरज बोरा, श्याम किशोर शुक्ला आदि मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 June 2012 by admin
ऽ इलाज के दौरान हुई मौत
ऽ चार लोगों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत
थाना कूरेभार ग्राम पिपरी, साॅईनाथपुर निवासी छोटे लाल पुत्र स्व0 सुदीन ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर कूरेभार पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस उसे पिता की हत्या करने का आरोप लगा रही है। न्याय एवं निष्पक्ष जाॅच कराने की मांग करते हुए कहा कि थाना कूरेभार पुलिस ने एक सादे कागज पर जबरजस्ती हस्ताक्षर करवा लिया मना करने पर गाली भी दिया। षिकायती पत्र के जरिये छोटे लाल ने कथनानुसार 30 मई को उसके पट्टीदार पुरीनी रंजिष के कारएा पिता को अकेला पाकर घर आकर गाली-गलौज करने लगे। मना करने पर लाठी-डण्डों से मारने लगे। जिससें उसके तिा को गम्भीर चोटों आई। जिसे धनपतगंज के सामुदायिक केन्द्र पर इलाज के लिए ले जाया गया। जहाॅ चिकित्सकों ने जिला अस्पताल रिफर कर दिया। जहाॅ इलाज के दौरान उसके पिता की मृत्यु हो गई। जिसकी सूचना थाना कूरेभार को दी गई। जहाॅ मामले को गम्भीरता से न लेकर हल्की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया। षिकायत कर्ता छोेटे लाल ने पोस्ट मार्टम किसी विषेष चिकित्सक दल से करवाने तथा मामले की निष्पक्ष जाॅच करवा कर न्याय दिलाने की मांग की है। उकत सम्बन्ध में थानाध्यक्ष कूरेभार आर0 बी0 सिंह ने दूरभाष पर बताया कि मृतक के पुत्र की तहरीर पर चार लोगों के विरुद्ध गम्भीर रूप घायल कर देने का मुकदमा दर्जं किया गया था जिसे वृद्ध की मौत हो जाने के बाद हत्या में तरमीम कर दिया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सम्भावित स्थानों पर दबिष दी जा रही है।षीघ्र ही हत्यारे जेल की सलाखों के पीछे होंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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