सहयोग परिवार तकनीकी शिक्षण संस्थान के निदेशक राज किशोर पासी ने कहा कि हरे पेड़ों की कटान, सड़कों पर बढ़ती वाहनों की संख्या व अंधाधुंध इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के उपयोग से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। यही कारण है कि मौसम का मिजाज बिगड़ता जा रहा है। जो हमारे समाज के लिए खतरनांक है। इस समस्या के हल के जिए हम सभी को मिलजुल कर उपाय करना होगा। श्री पासी रविवार को सरोजनीनगर के स्कूटर्स इण्डिया चैराहा स्थित एस.पी. इस्टीट्यूट आफ कम्प्यूटर एजूकेशन द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आयोजित पोस्टर, निबंधन, स्लोगन व सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के मौके पर प्रतिभागियों को सम्बोधित कर रहे थे।
इस मौके पर श्री पासी ने कहा कि पर्यावरण के कुदरती नियमों से छेड़छाड़ किये जाने के चलते मौसम में बदलाव हो रहा है। इससे जहां फसलों की पैदावार कम हो रही है, वहीं नई-नई बीमारियां घर कर रही है। उन्होंने कहा कि वनों की अंधाधुंध कटाई से बाढ़ और बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। मिट्टी की कटाव व जमाव क्षमता की निर्वहनीयता में कमी आती है। इसके चलते जल स्रोतां के स्थायित्व पर असर पड़ता है। हर वर्ष वनों की अंधाधुंध कटाई से तकरीबन 80 अरब मीट्रिक टन कार्बन वातावरण में उत्सर्जित हो रहा है। श्री पासी ने कहा कि आधुनिक परिवेश में इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों के उपयोग में बेतहासा वृद्धि हो रही है। जिससे पर्यावरण के साथ मानवीय स्वास्थ्य और स्वभाव में बदलाव जैसे विपरीत प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। पर्यावरण संकट रोकने के लिए हमारा खान-पान, आचार-विचार और जीवन का आधार स्वावलंबी होना चाहिए। इस मौके पर श्री पासी ने प्रतियोगिता में शामिल सभी बच्चों को आगामी पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक-एक पेड़ लगाने की शपथ दिलाई।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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