Archive | May, 2017

उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक सम्पन्

Posted on 13 May 2017 by admin

मण्डलायुक्त श्री अनिल गर्ग की अध्यक्षता में उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक मण्डलायुक्त कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुई।
मण्डलायुक्त ने मदवार वास्तविक आय व व्यय की समीक्षा की। मण्डलायुक्त ने कहा कि विकास प्राधिकरण का जो भी डी0पी0आर0 तैयार किया जायेगा उसको वेबसाइट पर लोड किया जायेगा तथा सभी जनप्रतिनिधियों को उसकी कापी उपलब्ध करायी जाये। उन्होने कहा कि  कार्यदायी संस्थाए कार्य की लागत जिलाधिकारी उन्नाव को प्रस्तुत करेंगे।
उन्होने कहा कि कार्यो की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के लिए जिलाधिकारी द्वारा एक समिति का गठन किया जायेगा जिसमे एक मजिस्टेªेट व तीन अधिशासी अभियन्ता अलग-अलग विभाग के शामिल होगें। जो अपनी गुणवत्ता रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रस्तुत करेंगे। उन्होने कहा कि कार्य प्रारम्भ होने के पहले, कार्य के समय तथा कार्य के पश्चात की फोटो भी जिला वेबसाइट पर लोड की जाये।
मण्डलायुक्त ने शुक्लागंज के 29 गांवों  जो उन्नाव जनपद में है लेकिन वो कानपुर विकास प्राध्किरण मे सम्मिलित है जिससे वहां के निवासियों को कई समस्याए आती है। का संज्ञान लेकर मण्डलायुक्त ने जिलाधिकारी उन्नाव को निर्देशित किया कि सन्दर्भित 29 गांवों को उन्नाव- शुक्लागंज विकास प्राधिकरण में  सम्मिलित कराने के लिए पत्र शासन को भेजा जाये । उन्होने कहा कि  उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण द्वारा प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा की जाये कि भवन के नक्शे के कितने प्रकरण आये हैं उनमे कितने लम्बित है, और कितने प्रकरणों को स्वीकृत प्रदान की गई है की आख्या लिखित रूप में जिलाधिकारी उन्नाव और उपाध्यक्ष उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण को उपलब्ध करायी जाये।उन्होने कहा कि नक्शा स्वीकृत कराने में लोगो को दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
बैठक में जिलाधिकारी उन्नाव सुश्री अदिति सिंह, मुख्य विकास अधिकारी श्री संजीव सिंह सहित उन्नाव शुक्लागंज विकास प्राधिकरण बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे

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21 जून को आयोजित होने वाले योग दिवस की तैयारी बैठक सम्पन्न

Posted on 13 May 2017 by admin

मण्डलायुक्त श्री अनिल गर्ग की अध्यक्षता में 21 जून 2017 को आयोजित होने वाले अन्र्तराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों की समीक्षा बैठक मण्डलायुक्त कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुई।
मण्डलायुक्त ने बताया कि योग दिवस के आयोजन के लिए 2 स्थानों स्मृति उपवन व रमाबाई  अम्बेडकर रैली स्थल चिन्हित किये गये हैं इसमें एक स्थल का अन्तिम चयन शासन के निर्देशानुसार किया जायेगा। उन्होने अधिकारियों से कहा कि स्मृति उपवन व रमाबाई अम्बेडकर रैली स्थल का अलग-अलग पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन तैयार करें जिसमे पार्किंग व्यवस्था, पेयजल,, शौचालय, मेडिकल व्यवस्था एवं आने जाने का रूट चिन्हित कर कार्यग् योजना तैयार करें जिसका प्रजेन्टेशन शासन स्तर में किया जायेगा प्रजेन्टेशन के पश्चात् शासन स्तर पर स्थल का चयन हो सके।
मण्डलायुक्त ने कहा कि अन्र्तराष्ट्रीय योग दिवस में लगभग पचास हजार लोग सम्मिलित होगें जिनके प्रशिक्षण हेतु लगभग 1000 से 1200 तक प्रशिक्षक लगेंगे। योग को व्यवस्थित ढंग से  करवाने के लिए पंतजली योग पीठ, ब्रहम कुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय, देव संस्कृत विश्वविद्यालय आर्ट आफ लिविंग तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के योग प्रशिक्षक अलग-अलग स्थानों पर योग का पूर्व प्रशिक्षण देंगे। उन्होने कहा कि मुख्य स्थल के अलावा शहर के अन्य 2-3 पार्को में भी योग की व्यवस्था की जाये।
मण्डलायुक्त ने कहा कि कार्ययोजना में कौन विभाग क्या व्यवस्था करेगा, आयोजन स्थल पर क्या-क्या जरूरत है किस-किस चीज की कितनी उपलब्ध है और कितनी व्यवस्था करनी है उन्होने कहा कि आने जाने वालों के लिए यातायात की व्यवस्था, किस स्थान से वाहन मिलेंगे, किसके जिम्मेदारी मे स्कूल के बच्चे आयेग उनकी बसों की पार्किंग का स्थान निर्धारित किया जायेगा तथा बच्चों के खान पान की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाये, उन्होने कहा कि किस कार्य के लिए कितना बजट चाहिए उसका भी एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर लिया जाये।
बैठक में  पुलिस उपमहानिरीक्षक श्री प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी श्री कौशलराज शर्मा, उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण श्री प्रभु नारायण सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री दीपक कुमार, मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रशान्त शर्मा, अपर आयुक्त प्रशासन श्रीमती सुधा वर्मा, अपर जिलाधिकारी ट्रान्स गोमती श्री अशोक कुमार, अपर नगर आयुक्त श्री नन्दलाल सिंह आदि उपस्थित थे।

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राज्य की अधिकांश आबादी की कृषि पर निर्भरता को देखते हुए कृषि, उद्यान, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और सहकारिता को प्रोत्साहित किया जा रहा है: मुख्यमंत्री

Posted on 13 May 2017 by admin

20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना का कार्य तेज किया जाए

कृषि विज्ञान केन्द्रों में तैनात वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों
को कहीं अन्यत्र तैनात न किया जाए

प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों, किसान विकास केन्द्रों तथा बीज निगमों से ही प्रजनक बीजों की खरीद्दारी को प्राथमिकता दी जाए: योगी जी

पहली बार राज्य में बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत
लगभग 13,000 कु0 आलू क्रय किया गया

केन्द्रीय योजनाओं को समयबद्ध रूप से लागू करने से किसानों
की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा: केन्द्रीय कृषि मंत्री

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्री के साथ कृषि, सहकारिता, पशुपालन एवं मत्स्य सम्बन्धी योजनाओं की समीक्षा की
upcm-yogiउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य की अधिकांश आबादी आर्थिक रूप से कृषि पर निर्भर है। इसलिए कृषि, उद्यान, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और सहकारिता को प्रोत्साहित कर किसानों की आमदनी दोगुनी करने का काम शुरु किया गया है। उन्होंने प्रदेश में स्थापित होने वाले 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों के लिए भूमि उपलब्ध कराने की जानकारी देते हुए कहा कि अब इन केन्द्रों की स्थापना का कार्य तेजी से शुरु किया जाए, जिससे इनका लाभ क्षेत्रीय किसानों को मिल सके।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में केन्द्रीय कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह के साथ कृषि, सहकारिता, पशुपालन एवं मत्स्य सम्बन्धी योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने पहले से स्थापित कृषि विज्ञान केन्द्रों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि यहां तैनात वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को कहीं अन्यत्र तैनात न किया जाए। उन्होंने  प्रमुख सचिव, कृषि को निर्देशित किया कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता का बीज उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों, किसान विकास केन्द्रों तथा बीज निगमों से ही प्रजनक बीजों की खरीद्दारी को प्राथमिकता दी जाए।
योगी जी ने विगत कुछ वर्षों में किसानों एवं कृषि की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। प्रदेश के किसानों विशेष रूप से बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सिंचाई, भण्डारण एवं विपणन की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध न कराए जाने के कारण इन क्षेत्रों में उत्पादकता का स्तर काफी कमजोर है। इस वर्ष बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा के लिए 3,384 खेत तालाबों का निर्माण कराया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना को प्रभावी रूप से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत राज्य की 66 मण्डियों को आॅनलाइन जोड़ने का प्रयास तेज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि बाजार के पोर्टल के माध्यम से उत्तर प्रदेश में भी इण्टर मण्डी टेªड के तहत जोड़ने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए आवश्यकतानुसार कदम उठाते हुए किसानों को पंजीयन शुल्क आदि में पर्याप्त राहत प्रदान करने पर गम्भीरता से विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि समेकित बागवानी विकास योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों को उनकी उपज का प्रभावी मूल्य दिलाने के लिए समर्थन मूल्य योजना को गम्भीरता से लागू किया जा रहा है। इसी क्रम में वर्तमान राज्य सरकार ने गेहूं क्रय केन्द्रों के माध्यम से किसानों से गेहूं क्रय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आलू उत्पादक किसानों की समस्याओं को देखते हुए पहली बार राज्य में बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत लगभग 13,000 कुन्टल आलू क्रय किया गया। इस योजना के लागू हो जाने से प्रदेश में आलू के थोक भाव में 100 रुपए प्रति कुन्टल तक की वृद्धि हुई, जिसका सीधा लाभ आलू किसानों को प्राप्त हुआ।
प्रदेश में पशुपालन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों के अलावा केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय गोकुल ग्राम योजना को प्रभावी रूप से लागू करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि वाराणसी एवं मथुरा में गायों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए गोकुल ग्राम योजना संचालित की जा रही है। इस वर्ष इस योजना के तहत करीब 03 केन्द्र स्थापित किए जाएंगे, जिसमें 01 बुन्देलखण्ड क्षेत्र में होगा। इसी प्रकार भू्रण प्रत्यारोपण तकनीक का प्रयोग कर गुणवत्तायुक्त गोवंश की वृद्धि का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को इस योजना को पारदर्शी ढंग से लागू करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति को बड़े पैमाने पर सुधारा जा सकता है। इस मौके पर केन्द्रीय कृषि मंत्री द्वारा बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2015 में समेकित सहकारी विकास योजना के तहत प्रदेश को 401 करोड़ रुपए स्वीकृत करते हुए 257 करोड़ रुपए अवमुक्त भी किए गए थे। लेकिन इस सम्बन्ध में अब तक प्राप्त की गई प्रगति से केन्द्र सरकार को अवगत नहीं कराया गया है। मुख्यमंत्री ने इस मामले में तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए बताया कि प्रदेश में सहकारी समितियों की स्थिति ठीक नहीं है। इस मामले में वर्तमान राज्य सरकार रणनीति बनाकर कार्य करने के लिए संकल्पबद्ध है।
योगी जी ने केन्द्रीय कृषि मंत्री से आग्रह किया कि प्रदेश की बड़ी आबादी की कृषि पर निर्भरता को देखते हुए यहां हर क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त मदद उपलब्ध करायी जानी चाहिए। उन्होंने आधुनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 05 फार्म मशीनरी टेस्टिंग एण्ड टेªनिंग इन्स्टीट्यूट की स्थापना कराए जाने पर बल दिया, जिससे कृषि यंत्रों की उपयोगिता बढ़ सके। इसके साथ ही, 04 आधुनिक बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, 25 नई मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में दो-दो आधुनिक संयत्र की उपलब्धता, किसानों को कृषि निवेशों की सुविधा हेतु इस वर्ष 100 किसान कल्याण केन्द्रों की स्थापना के अलावा राज्य में धान तथा गेहूं के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शोध केन्द्र स्थापित कराने का भी आग्रह किया।
योगी जी ने बागवानी को बढ़ावा देने के लिए राज्य में 05 सेण्टर आॅफ एक्सीलेंस की स्थापना के साथ-साथ मधुमक्खी पालन के लिए प्रेषित की गई योजनाओं को शीघ्र स्वीकृत करने का अनुरोध किया। साथ ही, उन्होंने ‘ए’ श्रेणी में चिन्हित अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र, बाबूगढ़, जनपद हापुड़ में  वर्गीकृत वीर्य उत्पादन हेतु लैब स्थापित करने तथा जोखिम प्रबन्धन एवं पशुधन बीमा योजना के तहत अधिक से अधिक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया। उन्होंने बुन्देलखण्ड एवं पूर्वान्चल क्षेत्र में आगामी पांच वर्षों में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लगभग 2967 करोड़ रुपए उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया। इसी प्रकार उन्होंने मत्स्य तथा सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध करते हुए प्रदेश की प्रारम्भिक ऋण समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए 225 करोड़ रुपए, उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक की 323 शाखाओं को कम्प्यूटरीकृत करने के लिए 11.50 करोड़ रुपए आदि सहयोग उपलब्ध कराने की भी अपेक्षा की।
योगी जी ने कहा कि प्रदेश के किसानों की बेहतरी के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्रभावी रूप से लागू कराते हुए अधिक से अधिक किसानों को आच्छादित कराने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना के तहत स्मार्ट फोन के उपयोग को बढ़ावा देने तथा क्लस्टर बनाकर योजना के तहत कम्पनियों से टेण्डर आमंत्रित किए जाएंगे। इसी प्रकार स्वायल हेल्थ कार्ड योजना को भी तेजी से लागू किया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत माइक्रो इरिगेशन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सभी 271 डार्क जोन को आच्छादित कराने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे जहां भूमिगत जल के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, वहीं किसानों की उत्पादकता में भी वृद्धि होगी।
इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री ने कृषि, सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य आदि विभागों के तहत संचालित केन्द्र सरकार की योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि विगत तीन वर्षों में कई योजनाओं की धनराशि का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि इन योजनाओं को समयबद्ध रूप से पारदर्शिता के साथ लागू किया जाए तो राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा। उन्होंने राज्य सरकार को हर सम्भव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है। यदि यहां के किसानों तथा पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा तो इसका प्रगटीकरण देश की अर्थव्यवस्था पर निश्चित रूप से पड़ेगा।
कार्यक्रम में राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य, केन्द्र एवं राज्य सरकार के अधिकारी उपस्थित थे।

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आई0जी0आर0एस0 के तहत राजस्व एवं पुलिस विभाग से सम्बन्धित सन्दर्भों के निस्तारण में स्थलीय निरीक्षण या कार्यवाही के समय स्थलीय निरीक्षण टिप्पणी पर दो स्थानीय निष्पक्ष गवाहों के नाम, स्पष्ट हस्ताक्षर एवं मोबाइल नम्बर दर्ज करने के निर्देश

Posted on 13 May 2017 by admin

*आई0जी0आर0एस0 पर आख्या फीड करते समय भी साक्षीगण के नाम और मोबाइल नम्बर अनिवार्य रूप से अंकित किए जाएं*
*स्थलीय निरीक्षण किए बिना कार्यालय स्तर पर ही आख्या तैयार करके शिकायतों का निस्तारण करने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश*
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस उप महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली(आई0जी0आर0एस0) के तहत राजस्व एवं पुलिस विभाग से सम्बन्धित ऐसे सन्दर्भों, जिनके निस्तारण में स्थलीय निरीक्षण या कार्यवाही की जानी है, में स्थलीय निरीक्षण या कार्यवाही के समय तैयार की जाने वाली स्थलीय निरीक्षण टिप्पणी (स्पाॅट मेमो) पर दो स्थानीय निष्पक्ष गवाहों के नाम एवं स्पष्ट हस्ताक्षर उनके मोबाइल नम्बर के साथ दर्ज कराया जाए। साथ ही, आई0जी0आर0एस0 पर आख्या फीड करते समय भी साक्षीगण के नाम और मोबाइल नम्बर अनिवार्य रूप से अंकित किए जाएं।
यह जानकारी देते हुए आज यहां राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। साथ ही, मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आई0जी0आर0एस0) में आवश्यक तकनीकी व्यवस्थाएं कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि सम्बन्धित अधिकारियों को इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के साथ ही, किन्हीं गवाह विशेष के नाम एवं मोबाइल नम्बर एक से अधिक बार अंकित न किए जाने की भी अपेक्षा की गई है।
प्रवक्ता ने बताया कि समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली(आई0जी0आर0एस0) द्वारा विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा है। इनमें राजस्व एवं पुलिस विभाग से सम्बन्धित शिकायतें अधिक संख्या में प्राप्त होती हैं। सन्दर्भों के निस्तारण के पश्चात, शिकायतकर्ता या आवेदक द्वारा अंकित किए जाने वाले फीडबैक के परीक्षण से यह तथ्य प्रकाश में आया कि जिन सन्दर्भों के निस्तारण के लिए स्थलीय निरीक्षण या कार्यवाही की जानी अपेक्षित है, उनमें भी स्थलीय निरीक्षण किए बिना कार्यालय स्तर पर ही आख्या तैयार करके शिकायतों का निस्तारण कर दिया जा रहा है। इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिए हैं।

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लोक रंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया

Posted on 11 May 2017 by admin

0710 मई क्रान्ति दिवस के अवसर पर चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में संस्कृतिक मंत्रालय की ओर से संस्कृतिक संस्था सोनचिरैया द्वारा आजादी के लोक रंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सोनचिरैया  संस्था की सचिव व प्रसिद्ध लोकगायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी जी द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया तथा सन्दुर एवं मनमोहक गीत प्रस्तुत किया गया। इस अवसर सोनचिरैया के  अन्य कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, मुख्य अतिथि जिलाधिकारी समीर वर्मा और विशेष अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एन के तनेजा सहित अन्य गणमान्य एवं आमजन उपस्थित रहे।

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सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश के सीमित संसाधनों के दृष्टिगत भारत सरकार से सभी स्तरों पर सहयोग की अपेक्षा होगी: मुख्यमंत्री

Posted on 10 May 2017 by admin

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत अब 250 से 499 आबादी वर्ग
की पक्के मार्गाें से अब तक नहीं जुड़ी बसावटों को ‘आॅल वेदर रोड’ से जोड़े जाने की योजना पर काम किया जाए

मुख्यमंत्री ने प्रत्येक 05 वर्ष में बी0पी0एल0 सर्वे कराए जाने की वकालत की

मुख्यमंत्री ने बुन्देलखण्ड पैकेज के विस्तार का अनुरोध किया

मुख्यमंत्री ने कार्यकारी ग्रुप गठित करने के
उपाध्यक्ष नीति आयोग के प्रस्ताव का स्वागत किया

उत्तर प्रदेश नीति आयोग की
‘डेवलपमेन्ट सपोर्ट सर्विस’ योजना में भागीदार बनेगा

‘ईज आॅफ डुइंग बिजनेस’ के लिए प्रदेश में
‘आॅनलाइन पोर्टल व्यवस्था’ लागू की जाएगी: मुख्यमंत्री

नीति आयोग उत्तर प्रदेश को हर क्षेत्र में
पूरा सहयोग देगा: उपाध्यक्ष नीति आयोग
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां योजना भवन में नीति आयोग के साथ आयोजित बैठक के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के चहुंमुखी विकास के सम्बन्ध मंे आवश्यक बिन्दुओं को रेखांकित करते हुए कहा कि सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश के सीमित संसाधनों के दृष्टिगत भारत सरकार से सभी स्तरों पर सहयोग की अपेक्षा होगी।press-34
श्री योगी ने कहा कि वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर राज्य में 500 या उससे अधिक आबादी वर्ग की समस्त बसावटें ‘आॅल वेदर रोड’ से संतृप्त हैं। उन्होंने नीति आयोग से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत अब 250 से 499 आबादी वर्ग की पक्के मार्गाें से अब तक नहीं जुड़ी बसावटों को ‘आॅल वेदर रोड’ से जोड़े जाने की योजना पर काम किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं में बी0पी0एल0 परिवारों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि वर्तमान समय में जिस सर्वेक्षण के आधार पर कार्य किया जा रहा है वह काफी वर्ष पुराना होने के कारण जमीनी वास्तविकताओं से काफी भिन्न है। उन्होंने प्रत्येक 05 वर्ष में बी0पी0एल0 सर्वे कराए जाने की वकालत की।
श्री योगी ने बुन्देलखण्ड पैकेज की अवधि समाप्त होने के मसले को नीति आयोग के संज्ञान में लाते हुए कहा कि इस क्षेत्र में अभी भी समन्वित विकास की दिशा में बहुत से कार्य कराए जाने शेष हैं। उन्होंने पैकेज के विस्तार का अनुरोध करते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में शीघ्र ही प्रस्ताव विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नीति आयोग इस पर सकारात्मक रुख अपनाएगा।press-13
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में खारे पानी, आर्सेनिक एवं फ्लोराइड प्रभावित जल की विकट समस्या के स्थायी समाधान हेतु बड़े पैमाने पर सरफेस सोर्स आधारित ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं के लिए नीति आयोग से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने आज नीति आयोग के साथ हुई सकारात्मक चर्चा के क्रम में विभिन्न विभागों के लिए कार्यवाही के बिन्दु तय करने के लिए एक कार्यकारी ग्रुप गठित करने के उपाध्यक्ष नीति आयोग के प्रस्ताव का स्वागत किया।
श्री योगी ने नीति आयोग के साथ बैठक में हुई चर्चा के दौरान उभरने वाले बिन्दुओं का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार को 10 प्रतिशत आर्थिक ग्रोथ का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए तेजी से काम करना होगा। ऐसी वृद्धि से ही राज्य में खुशहाली आएगी। उन्होंने कहा कि कृषि विकास सर्वाधिक आवश्यक है। कानूनी प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कानूनों का सरलीकरण अपेक्षित है।press-23
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन के धन का सदुपयोग पारदर्शिता के साथ करना चाहिए। प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी ठेकों इत्यादि में ई-टेण्डरिंग अनिवार्य करने के निर्णय की सभी ओर से प्रशंसा हो रही है। उन्हांेने चिंता व्यक्त की कि राज्य की प्रगति पिछले वर्षाें में आवश्यकता से कम हुई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कराए गए कार्याें की गुणवत्ता के सम्बन्ध में नीति आयोग द्वारा प्रकट की गई चिंता का समाधान करना होगा।
श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, नीति आयोग की ‘डेवलपमेन्ट सपोर्ट सर्विस’ योजना में भागीदार बनेगा। उन्होंने कृषि क्षेत्र की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों को जैविक कम्पोस्ट का उपयोग बढ़ाने के लिए प्रेरित करना होगा। किसानों के बीच सामुदायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देना होगा। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में ‘अन्ना प्रथा’ की सीमित करने के लिए वहां खरीफ फसल की बुआई बढ़ानी होगी। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए विस्तार से चर्चा कर इस दिशा में प्रयास करने होंगे।
‘ईज आॅफ डुइंग बिजनेस’ के विषय पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की सुविधा के लिए ‘आॅनलाइन पोर्टल व्यवस्था’ लागू की जाएगी। सरकारी फाॅर्माें में स्वःप्रमाणन व्यवस्था लागू की जाएगी। गांवों के विकास पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए महिला समूहोें को सुदृढ़ किया जाएगा। राज्य सरकार बाल विकास, बच्चों के स्वास्थ्य तथा पोषण को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान प्रदेश के विकास के सम्बन्ध में दिए गए सुझावों पर राज्य सरकार गम्भीरता से कार्य करेगी और उन्हें धरातल पर उतारेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नीति आयोग द्वारा सहकारी संघवाद की सोच के साथ विचार-विमर्श के लिए आयोग की प्रशंसा की।
इससे पूर्व, बैठक को ‘सम-अप’ करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री अरविन्द पनगढ़िया ने कहा कि उत्तर प्रदेश पिछले कुछ वर्षाें में विकास की दौड़ में पिछड़ गया था, परन्तु अब मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार आवश्यक निर्णय तेजी से लेकर उन्हें लागू कर रही है। नीति आयोग उत्तर प्रदेश को हर क्षेत्र में पूरा सहयोग देगा। किसी भी देश अथवा प्रदेश की प्रगति के लिए सबसे पहले कृषि में प्रगति सबसे आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जापान, सिंगापुर इत्यादि जैसे विकसित देशों ने पहले अपनी कृषि पर ध्यान दिया फिर उद्योगों पर अपना फोकस किया।
श्री पनगढ़िया ने कहा कि किसानों की भलाई के लिए कृषि में सुधारांे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ‘ईज आॅफ डुइंग बिजनेस’ के लिए उत्तर प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ानी होंगी, ताकि प्रदेश की ओर घरेलू तथा विदेशी निवेशक आकर्षित हों। शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने फाउण्डेशनल लर्निंग पर फोकस करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति को चिंताजनक बताया। उन्होंने सभी स्तर की कक्षाओं में ‘टेस्ट’ को अनिवार्य करने की सलाह दी। उन्होंने स्वास्थ्य, स्वच्छ भारत मिशन, पेयजल व्यवस्था इत्यादि पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने नीति आयोग तथा उत्तर प्रदेश सरकार का एक संयुक्त ग्रुप गठित करने का भी सुझाव दिया जो राज्य की प्रगति के विषय में अपनी सिफारिशें देगा।

इस अवसर पर नीति आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारी, राज्य सरकार के मंत्रिगण तथा प्रदेश के मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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वर्तमान सरकार के गठन के साथ ही प्रदेश में परिवर्तन, विकास एवं गरीबों के सशक्तिकरण का नया युग प्रारम्भ हुआ: मुख्यमंत्री

Posted on 10 May 2017 by admin

नीति आयोग से प्राप्त सुझाव पर गम्भीरता से अमल किया जाएगा

प्रदेश की वर्तमान विकास दर को बढ़ाने की सख्त जरूरत: श्री योगी

कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि कर
किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा

राज्य सरकार मण्डियों को आॅनलाइन जोड़ने पर बल दे रही है

नई औद्योगिक नीति पर तेजी से काम किया जा रहा है

औद्योगिकीकरण के लिए भूमि बैंक बनाया जा रहा है

उद्योगों की स्थापना में लाल फीताशाही
तथा इंस्पेक्टर राज समाप्त करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं

औद्योगिकीकरण से सम्बन्धित समस्त आवश्यकताओं की
पूर्ति हेतु प्रक्रिया को आॅनलाइन किया जा रहा है

प्रदेश सरकार प्रत्येक इच्छुक परिवार के कम से कम
एक सदस्य को कौशल विकास प्रशिक्षण देने का काम करेगी

राज्य सरकार वर्तमान मृत्यु दर को तेजी से घटाने
के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए कृत संकल्पित

राज्य सरकार मजदूरों एवं भूमिहीनों के लिए
आजीविका एवं आय की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी
प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेय जल
उपलब्ध कराने के लिए काम किया जा रहा है

प्रदेश के सभी नगर निकायों को 02 अक्टूबर, 2018
तक ओ0डी0एफ0 बनाने का लक्ष्य निर्धारित

गरीबी की रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले
परिवारों का प्रत्येक 05 वर्ष में सर्वेक्षण किया जाना चाहिए

मुख्यमंत्री नीति आयोग तथा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के

उच्चस्तरीय दल द्वारा दिए गए प्रस्तुतिकरण में सम्मिलित हुए

press-34 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के गठन के साथ ही प्रदेश में परिवर्तन, विकास एंव गरीबों के सशक्तिकरण का एक नया युग प्रारम्भ हुआ है। विकास की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वर्तमान में उपलब्ध संसाधनों को तेजी से बढ़ाते हुए आर्थिक विकास दर को 10 प्रतिशत तक प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ऐसा होने पर ही राज्य को विकास के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे। इसके लिए कृषि जैसे प्राथमिक सेक्टर के साथ-साथ उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ‘ईज़ आॅफ डुइंग बिजनेस’ व टैक्स रिफाॅर्म जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग से प्राप्त सुझाव पर गम्भीरता से अमल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां योजना भवन में नीति आयोग तथा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के उच्चस्तरीय दल द्वारा महत्वपूर्ण विषयों पर दिए जा रहे प्रस्तुतिकरण के दौरान अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने संसाधनों के मामले में उत्तर प्रदेश को एक सम्पन्न राज्य बताते हुए कहा कि करीब 22 करोड़ की आबादी वाला यह प्रदेश, देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद विकास के सूचकांकों में पिछड़ा माना जाता है।
press-13 मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश को एक कृषि प्रधान राज्य बताते हुए कहा कि यहां की लगभग 77 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। प्रदेश के कुल ग्रामीण परिवारों का लगभग 75 प्रतिशत परिवार कृषक है। इनमें से लगभग 65 प्रतिशत परिवारों की आय का मुख्य स्रोत कृषि ही है। जबकि इस क्षेत्र में वास्तविक आमदनी बहुत कम है। प्रति व्यक्ति आय का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012-13 में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय जहां 36 हजार रुपए थी, वहीं 2016-17 में करीब 53 हजार रुपए अनुमानित है। इस प्रकार प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय, देश की प्रति व्यक्ति आय से लगभग आधी है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रदेश की विकास दर 7.4 प्रतिशत आकलित की गई है, जिसे बढ़ाए जाने की सख्त जरूरत है।
प्रदेश की आबादी का अधिकांश भाग कृषि क्षेत्र पर निर्भर होने के नाते इस क्षेत्र को मजबूत बनाने की प्राथमिकता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य तभी हासिल होगा, जब कृषि उत्पादन एवं कृषि उत्पादकता, दोनों में वृद्धि की जाए। इसके लिए किसानों को नवीन तकनीक से जोड़ने, कृषि में निवेश बढ़ाने तथा कृषि के लिए वैज्ञानिक विधियों को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार खाद्य प्रसंस्करण तथा अन्य प्रकार के मूल्य संवर्धन कार्यकलापों को बढ़ाने तथा मण्डियों को आॅनलाइन जोड़ने पर बल दे रही है।
press-23प्रदेश की विकास दर को बढ़ाने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन देने की तत्काल जरूरत पर बल देते हुए श्री योगी ने कहा कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति में भी तेजी से सुधार लाया जा सकता है। राज्य सरकार औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए नई औद्योगिक नीति पर तेजी से काम कर रही है। अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण को गति प्रदान की जा रही है। बुन्देलखण्ड जैसे पिछड़े क्षेत्र को भी एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की योजना को मूर्त रूप देने तथा औद्योगिकीकरण के लिए भूमि की आवश्यकता के दृष्टिगत भूमि बैंक बनाया जा रहा है।
नियमों और प्रक्रियाओं का सरलीकरण करते हुए उद्योगों की स्थापना में लाल फीताशाही तथा इंस्पेक्टरराज की दखलंदाजी समाप्त करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों के अनावश्यक चक्कर काटने से बचाने के लिए औद्योगिकीकरण से सम्बन्धित समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रक्रिया को आॅनलाइन किया जा रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार जी0एस0टी0 लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विद्युत जैसी मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न निर्णयों की जानकारी देते हुए श्री योगी ने कहा कि 14 अप्रैल, 2017 से रात्रिकालीन विद्युत आपूर्ति सहित प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों को 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों को 20 घण्टे, ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति शुरु कर दी गई है। अक्टूबर, 2018 से पूरे प्रदेश को चैबीस घण्टे विद्युत आपूर्ति करने का निर्णय लिया गया है। क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर बदलने के लिए भी सख्त कदम उठाए गए हैं, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में 48 घण्टे में तथा शहरी क्षेत्र में 24 घण्टे में खराब ट्रांसफार्मर को बदला जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को तकनीकी रूप से दक्ष श्रम शक्ति उपलब्ध कराने के लिए गम्भीरता से प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश सरकार प्रत्येक इच्छुक परिवार के कम से कम एक सदस्य को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने का काम करेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रदेश के औद्योगिकीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा अभी तक किए गए प्रयासों को और अधिक गति प्रदान करने के लिए नीति आयोग की विशेषज्ञता एवं अनुभव का लाभ उठाया जाएगा।
राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में अभी और अधिक प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने मातृ एवं शिशु की वर्तमान मृत्यु दर पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार वर्तमान मृत्यु दर को तेजी से घटाने के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए कृत संकल्पित है।
प्रदेश सरकार प्रत्येक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की आधारभूत संरचना का विकास करेगी। नियमित टीकाकरण अभियान की गुणवत्ता को सुधारते हुए इसे और अधिक व्यापक बनाने तथा संस्थागत प्रसव को शत्-प्रतिशत पहुंचाने के लिए सख्ती से काम किया जाएगा। लिंगानुपात को सुधारने के लिए चिन्हित जनपदों में बेटियों के प्रति प्रेम की सामाजिक चेतना जाग्रत कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा। शिक्षा के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक सभी बालक-बालिकाओं के लिए निःशुल्क, समान एवं गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर की शिक्षा सुलभ कराने के लिए काम किया जाएगा।
प्रदेश के विकास में आर्थिक एवं क्षेत्रीय विषमता को कम करना एक बड़ी चुनौती बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण की समस्या है। प्रदेश के लगभग 92 प्रतिशत किसान सीमान्त एवं लघु कृषक की श्रेणी में आते हैं। इन सभी वर्गों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए लक्ष्य आधारित नीति एवं योजना तैयार की जाएगी।
कृषि को अधिकाधिक लाभकारी बनाने के साथ ही रोजगार के वैकल्पिक स्रोतों का भी विकास किया जाएगा। गरीबों विशेषकर मजदूरों एवं भूमिहीनों के लिए आजीविका एवं आय की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी बताते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में नीति आयोग के भी सुझाव को अमल में लाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के विकास तथा कौशल उन्नयन पर बल दिया जाएगा।
श्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है। जलापूर्ति परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों को समयबद्ध ढंग से गुणवत्ता के साथ पूरा कराने के साथ ही बुन्देलखण्ड क्षेत्र तथा प्रदेश के मध्य एवं पश्चिम क्षेत्रों में गिरते हुए जल स्तर को रोकने के लिए गम्भीरता से काम किया जा रहा है। इस मामले में नीति आयोग से तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर विशेष रूप से डार्क एवं ग्रे जोन में तालाबों के निर्माण की योजना बना रही है ताकि स्थानीय स्तर पर लोग भूमिगत जल के बजाय इन जल स्रोतों पर निर्भर होने की आदत डाल सकें। प्रदेश के सभी 654 नगर निकायों को 02 अक्टूबर, 2018 तक शत्-प्रतिशत ओ0डी0एफ0 बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने गरीबी की रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों (बी0पी0एल0) के लिए प्रत्येक 05 वर्ष में सर्वेक्षण कराने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे बी0पी0एल0 परिवारों की सूची अद्यतन करने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार देश के विभिन्न प्रदेशों में प्रयोग की जा रही नवीनतम तकनीक, नई सोच और अभिनव प्रयोग को आवश्यकतानुसार उत्तर प्रदेश में भी लागू करने के लिए काम कर रही है, जिससे विकास योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ जनता को मिल सके। उन्होंने सीमित संसाधनों में बेहतर परिणाम प्राप्त करने तथा संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग के बारे में नीति आयोग से मार्गदर्शन उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया है।
इससे पूर्व, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डाॅ0 अरविन्द पनगढ़िया ने ट्रांसफाॅर्मिंग उत्तर प्रदेश शीर्षक के तहत विस्तार से विभिन्न बिन्दुओं पर तुलनात्मक आंकड़े प्रस्तुत करते हुए राज्य सरकार को आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार 09 फीसदी की वृद्धि दर भी प्राप्त कर ले तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति में गुणात्मक सुधार हो जाएगा। उन्होंने तेज गति से विकास पर बल देते हुए कहा कि परम्परागत ढंग की कार्यप्रणाली से विकास को तेजी से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री अमिताभ कान्त ने विद्युत उत्पादन की दर कम करने, विद्युत वितरण कम्पनियों की क्षमता में विकास तथा ‘उदय’ को प्रभावी रूप से लागू करने पर बल दिया। उन्होंने विस्तार से शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण सम्पर्क मार्ग, हेल्थ इंडेक्स तथा गरीबी उन्मूलन जैसे विषयों पर चर्चा करते हुए प्रदेश में सुधार की सम्भावनाओं को रेखांकित किया।
नीति आयोग के सदस्य श्री रमेश चन्द्र ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए किए जाने वाले कार्यों की विस्तार से चर्चा करते हुए प्रदेश के विकास के लिए कृषि क्षेत्र में सुधार की सख्त जरूरत पर बल दिया।
इसी प्रकार भारत सरकार के औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के सचिव श्री रमेश अभिषेक ने ‘ईज़ आॅफ डुइंग बिजनेस’ तथा स्टार्टअप कार्यक्रम, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री अमरजीत सिन्हा ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास एवं आवास से सम्बन्धित विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। बैठक में स्वास्थ्य, कुपोषण, शिक्षा, पेय जल तथा स्वच्छता आदि विषयों पर भी भारत सरकार एवं नीति आयोग के अधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण दिया।
इससे पूर्व नीति आयोग की इस पहल का स्वागत करते हुए प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार देश के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित अच्छी योजनाओं को प्रदेश की परिस्थितियों के हिसाब से लागू करने पर विचार करेगी, जिससे अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके।
कार्यक्रम में राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य श्री सूर्य प्रताप शाही, श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, श्रीमती अनुपमा जयसवाल, डाॅ0 महेन्द्र सिंह सहित मुख्य सचिव, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सविच/सचिव एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन प्रमुख सचिव नियोजन द्वारा किया गया।

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भाजपा ने अनुशासनात्मक कार्यवाही में 87 कार्यकर्ता निष्कासित किए

Posted on 10 May 2017 by admin

भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अनुशासन समिति की संस्तुति पर प्रदेश अध्यक्ष मा0 केशव प्रसाद मौर्य द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए 87 पार्टी कार्यकर्ताओं को 6 वर्षो के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
प्रदेश महामंत्री तथा मुख्यालय प्रभारी विद्यासागर सोनकर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश भर से जिन 87 नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने तथा पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने या प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार करने के आरोप तथात्मक पाए गए उन्हें अनुशासन समिति की जांच की संस्तुति के पश्चात प्रदेश अध्यक्ष मा0 केशव प्रसाद मौर्य ने 06 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है।
श्री सोनकर ने बताया कि जिला रामपुर सेे कपिल देव कोरी, मुरादाबाद महानगर से वी0के0 सैनी, हरपाल सिंह, दिनेश सैनी, मुरादाबाद जिला से रामप्रसाद प्रजापति, बिजनौर जिले से इन्द्रदेव सिंह, श्रीमती राधा सैनी, श्रीमती लीना सिंघल, एस0के0 वर्मा, बुलन्दशहर जिले सेे शान्ति स्वरूप शर्मा, होशियार सिंह, सहारनपुर जिले सेे आदित्य राणा, शामली जिले सेे अनिल चैहान, बागपत जिले सेे  श्रीमती इन्दु सिंह, विकल शर्मा, आशीष वशिष्ठ, सम्भल जिले सेे उमेश सक्सेना, धीरेन्द्र यादव, फिरोजाबाद जिले से शिवसिंह चक, सुशील चक, संजय चक, हाथरस जिले से चन्द्र शेखर रावल, प्रताप चैधरी , मथुरा जिले से शिवशंकर वर्मा, अलीगढ़ जिले से अतुल गुप्ता, केशव बघेल़, नीरज शर्मा़, राजेश भारद्वाज, हेमन्त चैहान, बरेली जिले से  एम0पी0 आर्या, बदायूं जिले से रामसेवक पटेल, शैलेश पाठक, पीलीभीत जिले से प्रवक्ता नन्द, श्रीमती राजरानी , कासगंज जिले से श्याम सुन्दर, गोण्डा जिले से श्रीमती प्रतिभा सिंह, महेश नारायण तिवारी , निर्मल श्रीवास्तव, वैभव पाण्डेय, विद्याभूषण द्विवेदी, नीरज मौर्य, रामभजन चैबे, जसवंत लाल सोनकर, बलरामपुर जिले से  अंगद शरण गौतम, अनुराग यादव, राजेश्वर मिश्रा, सीतापुर जिले से श्रीमती कमला रावत, श्यामल लाल रावत, बाराबंकी जिले से जंग बहादुर पटेल, श्रीमती रानी कन्नौजिया , नीलेन्द्र बक्शदास, उन्नाव जिले से कृपाशंकर सिंह, लखनऊ महानगर से मनोज के0 गुप्ता, श्रावस्ती जिले से राम अभिलाख, विनोद त्रिपाठी, अम्बेडकरनगर जिले से छोटे पाण्डे, चित्रकूट जिले से दिनेश मिश्रा, औरैया जिले से  बादशाह राजपूत, फतेहपुर जिले से आदित्य पाण्डेय, बांदा जिले से रामकरण सिंह उर्फ बच्चन, गाजीपुर  जिले से राणा विजय राजभर, श्रीमती ज्योत्सना सिंह, संजय सोनकर, सुल्तानपुर जिले से श्रीमती रेखा निषाद, प्रतापगढ जिले से लक्ष्मीनारायण पाण्डे़, प्रमोद मौर्या़, अशोक सरोज, भदोही जिले से रामकिशोर बिन्द, डाॅ0 आर0के0 पटेल, मिर्जापुर जिले से राहुल बरनवाल, सोनभद्र जिले से देवेन्द्र शास्त्री, वाराणसी महानगर जिले से सुजीत सिंह ‘टीका’, महराजगंज जिले से रामाधार दुबे, संतोष सिंह, चन्दन गुप्ता, गिरधारी गुप्ता, सदानन्द उपाध्याय, मऊ जिले सेयोगेन्द्र राय, बलिया जिले से अरविन्द राय, श्रीमती केतकी सिंह, आजमगढ जिले से  रणविजय सिंह चैहाऩ, रामसूरत राजभऱ, सिद्धार्थनगर जिले से श्रीमती सरोज शुक्ला, राधा रमण त्रिपाठी, कुशीनगर जिले से संजय श्रीवास्तव, नन्दकिशोर मिश्रा , श्रीकान्त मिश्रा को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निस्कासित किया गया।

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सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के लीकेज बंद होने से राजस्व बढ़ेगा - केशव मौर्य

Posted on 10 May 2017 by admin

keshav-maurya1भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए पीडब्लूडी, मनोरंजन कर, खाद्य प्रसंस्करण सहित सरकार के कार्यो पर वार्ता की। सरकार की आगामी योजनाओं और जनता को उनसे होने वाले लाभ पर भी चर्चा की।
श्री मौर्य ने कहा कि गढ्ढा मुक्त सड़के उ0प्र0 की जनता के लिए बहुत आवश्यक है। सड़कों को गढ्ढा मुक्त करने का काम तेजी से शुरू हो चुका है। प्रदेश में पीडब्लूडी की ढाई लाख किलोमीटर सड़के है जिनमें 86 हजार किलोमीटर सड़के गढ्ढा युक्त है। ऐसी सभी सड़कों को 15 जून तक गढ्ढा मुक्त करने का काम किया जाना है। इसके साथ ही 35 हजार किलोमीटर अन्य विभागों की भी सड़कें सरकार गढ्ढा मुक्त करने के काम में जुटी है। 58 राजमार्गो को राष्ट्रीय राजमार्ग में परिवर्तित करने का अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया है। पिछली सरकार में हीलाहवाली से एनओसी नहीं दी थी। 13 अन्य सड़कों के प्रस्ताव भी केन्द्र सरकार को भेज दिए है। 12 मई को भूतल एवं परिवहन मंत्रालय के साथ बैठक है।
श्री मौर्य ने कहा कि सपा सरकार द्वारा जानबूझ कर यूपी के विकास को रोकने का काम किया गया था। किसानों के मुआवजे के लिए आया धन किसानों को नहीं बांटा गया। योगी जी के नेतृत्व में सरकार ने रूके हुए मुआवजे के वितरण का काम शुरू किया है। अधिकारियों और ठेकेदारों की जांच कराई गई और जांच के बाद पुष्टि होने पर कुछ अधिकारियों का निलम्बन किया गया है। छात्र शक्ति एवं में राजा इन्फ्रास्ट्रक्चर नाम की दो फर्मों को ब्लैक लिस्ट किया गया है, जो सरकारी तंत्र से मिलकर लूट मचाएं थे। एक तकनीकि समिति बनाकर जिन्हें ब्लैक लिस्ट सूची में डाला गया है उनकी बनाई सड़कों की जांच होगी। जांच के बाद आगे की कार्यवाही होगी। योगी जी की सरकार में गलत काम करने वाले बच नहीं पाएंगे। पिछली सरकार में प्रदेश को लूटने और लुटाने का काम किया गया। सरकार को सौ दिन व्यवस्थित करने का अवसर दीजिए, उसके बाद सब कुछ साफ दिखेगा।
श्री मौर्य ने कहा कि किसी भी घटना के दोषियों पर बिना राजनीतिक दबाव के कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश तेजी के साथ भ्रष्टाचार से मुक्त हो रहा है। गढ्ढा मुक्त सड़के, किसानों की कर्ज माफी, बिजली की उपलब्धता, क्रय केन्द्रांे को खोलकर गेहूॅ की खरीद, गन्ना भुगतान, एन्टी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन, अयोध्या, मथुरा (वृन्दावन) को नगर निगम का दर्जा देना यह बड़े निर्णय है। तीर्थ स्थलों के विकास से प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में आगे बढे़गा।
श्री मौर्य ने कहा कि सरकार खनन की दीर्घ कालिक नीति तैयार कर रही है। समिति के अब तक दो बैठके हो चुकी है। कई राज्यों की खनन नीति के प्रारूप का भी अध्य्यन किया जा रहा हैं। हम खनन में राजस्व की क्षति को समाप्त करना चाहते है। खनन की लूट को बंद करना है। दूसरे राज्यों से आने वाले खनन पर रोक हटा ली गई है। प्रदेश सरकार में गरीब और किसानों के हित प्रभावित नहीं होंगे। मनोरंजन विभाग में नए सिरे से काम की तैयारी हो रही है। फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में कई कम्पनियों से बात हुई है। कई कम्पनियां आने के लिए उत्साहित है। रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए हम प्रयास कर रहे है। राजस्व बढ़ाने के लिए लीकेज बंद करने की आवश्कता है। आबकारी, खनन, बिजली सहित तमाम विभागों में बड़े लीकेज है। इनकों बंद करके सरकारी खजाने में उबाल आ जाएगा। जिस उम्मीद से जनता ने भाजपा की समर्थन दिया है हम उस भरोसे को कायम रखेंगे।

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संगठनात्मक चुनाव को लेकर कंाग्रेस नेताओं से विचार-विमर्श किया

Posted on 10 May 2017 by admin

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के संगठनात्मक चुनाव के प्रदेश चुनाव अधिकारी श्री किशोर उपाध्याय पूर्व प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखण्ड प्रदेश कंाग्रेस ने आज प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय में संगठनात्मक चुनाव को लेकर कंाग्रेस नेताओं से विचार-विमर्श किया।

प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता आर0ए0 प्रसाद ने बताया कि बैठक में प्रमुख रूप से प्रदेश कंाग्रेस के अनुशासन समिति के चेयरमैन एवं पूर्व मंत्री श्री रामकृष्ण द्विवेदी, मीडिया इंचार्ज एवं पूर्व मंत्री श्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व विधायक एवं संगठन प्रभारी श्री फजले मसूद, महामंत्री एवं संगठनात्मक चुनाव प्रभारी श्री हनुमान त्रिपाठी, प्रवक्ता श्री वीरेन्द्र मदान, महामंत्री-प्रशासन डॉ0 आर0पी0 त्रिपाठी एवं श्री प्रमोद सिंह, महामंत्री चौ0 सत्यवीर सिंह, सचिव श्री आर0पी0 सिंह आदि वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

श्री प्रसाद ने बताया कि बैठक में संगठनात्मक चुनाव की रूपरेखा और उन्हें सम्पन्न कराने के तमाम प्रयासों पर कंाग्रेसजनों ने अपने सुझाव दिये।

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