Posted on 06 August 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में उ0प्र0 मदरसा शिक्षा परिषद तथा उ0प्र0 संस्कृत शिक्षा परिषद से भी वर्ष 2015 में इण्टरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली मेधावी छात्राओं को संशोधित कन्या विद्या धन योजना से लाभान्वित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
इसके तहत उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा परिषद हेतु आवन्टित 75 प्रतिशत धनराशि में से इन दोनों परिषदों से उत्तीर्ण होने वालीं छात्राओं की संख्या के दृष्टिगत इन दोनों परिषदों के लिए 5-5 प्रतिशत धनराशि का प्रावधान किया गया है। यह भी व्यवस्था की गयी है कि यदि इन दोनों परिषदों से अपेक्षित संख्या में छात्राएं उपलब्ध नहीं हो पाती हैं तब मुख्यमंत्री के अनुमोदनोपरान्त अवशेष छात्राओं का समायोजन उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा परिषद से किया जाए।
योजना के तहत उ0प्र0 मदरसा शिक्षा परिषद तथा उ0प्र0 संस्कृत शिक्षा परिषद से उत्तीर्ण होने वालीं मेधावी छात्राओं को 30 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी। इस योजना का लाभ छात्रवृत्ति एवं अन्य योजना से प्राप्त होने वाले लाभ के अतिरिक्त होगा। योजना के तहत लाभान्वित होने वालीं मेधावी छात्राओं का चयन एवं मानक शर्तें पूर्व में निर्गत शासनादेश संख्या-1268 दिनांक 18 जून, 2015 के अनुरूप होंगी। योजना के संचालन/क्रियान्वयन के विषय में भविष्य में किसी भी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 August 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में डायल-100 की सुविधा हेतु जनपद लखनऊ में एक प्रदेश स्तरीय केन्द्रीय मास्टर को-आॅर्डिनेशन सेण्टर की स्थापना/निर्माण कराने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इसके लिए उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। इसके निर्माण के लिए आवश्यक विशिष्टियों को भी अनुमोदित कर दिया गया है। सेण्टर की स्थापना के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण से 134.1619284 करोड़ रुपए की लागत से 8 एकड़ भूमि क्रय करने की स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है। प्रस्तावित भवन पर लगभग 67.4831 करोड़ रुपए व्यय सम्भावित है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 August 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने सैफई, जनपद इटावा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण का निर्णय लिया है। स्टेडियम के निर्माण हेतु वित्त व्यय समिति द्वारा आंकलित लागत 26030.21 लाख रुपए को भी अनुमोदित कर दिया गया है।
प्रस्तावित क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कराने के उद्देश्य से वाहय वास्तुविद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पिचों की संख्या, फील्ड आॅफ प्ले, 40,000 दर्शक दीर्घा एवं खिलाडि़यों, विशिष्ट व्यक्तियों, मीडिया हेतु आवश्यक भवनों का प्राविधान करते हुए प्रारम्भिक आगणन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मैच की समस्त आवश्यकताएं पूर्ण करने हेतु सभी जरूरी प्राविधान किए गए हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 August 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने जापानी इन्सेफलाइटिस (जे0ई0) तथा एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (ए0ई0एस0) प्रभावित 10 जनपदों की 17 नगर निकायों की मलिन बस्तियों में पेयजल आपूर्ति किए जाने की योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह मंजूरी केन्द्रीय आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा जे0ई0 तथा इ0ई0एस0 की रोकथाम हेतु संचालित योजना के तहत दी गई है। योजना वर्तमान वर्ष के अलावा वर्ष 2016-17 के लिए लागू की गई है, जिसमें 75 प्रतिशत वित्त पोषण केन्द्र सरकार द्वारा तथा 25 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था राज्यांश के रूप में की जाएगी।
पेयजल आपूर्ति की यह योजना जनपद आजमगढ़, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज, संतकबीरनगर तथ सिद्धार्थनगर के 17 नगर निकायों में लागू होगी। योजना के क्रियान्वयन एवं निगरानी के लिए प्रमुख सचिव/सचिव नगर विकास की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति का गठन किया गया है, जिसमें प्रमुख सचिव/सचिव वित्त, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के साथ-साथ निदेशक स्थानीय निकाय, मुख्य अभियन्ता नगर विकास तथा नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी सम्बन्धित नगर निकाय सदस्य होंगे। जबकि राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। इस योजना के लिए राज्य नगरीय विकास अधिकरण (सूडा) को राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी नामित किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 August 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 सचिवालय में वर्ष 1992, 1994/95 व 1998 में सेवा स्थानांतरण के आधार पर अस्थाई रूप से नियुक्त तथा कालान्तर में सीधी भर्ती से तदर्थ आधार पर नियुक्त घोषित एवं विनियमित किए गए वैयक्तिक सहायकों (सम्प्रति अपर निजी सचिव) को विशेष परिस्थितियों एवं नैसर्गिक न्याय के दृष्टिकोण से, पूर्व विभाग की नियमित सेवाओं के दृष्टिगत वेतन संरक्षण तथा पूर्व विभाग में की गई सेवाओं को गणना में लेते हुए स्वीकृत किए गए पदोन्नति वेतनमान/वित्तीय स्तरोन्नयन के लाभ को बनाए रखे जाने के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान कर दिया है। यह सुविधा मात्र उक्त कार्मिकों के मामले के लिए ही प्रभावी होगी और इसे अन्य मामलों में दृष्टान्त नहीं माना जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 August 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने सरकारी विभागों एवं शासकीय नियंत्रणाधीन उपक्रमों/निगमों/प्राधिकरणों/परिषदों एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं हेतु 11 प्रकार के वस्त्रों की क्रय की अनिवार्यता विषयक व्यवस्था वित्तीय वर्ष 2014-15 की भांति चालू वित्तीय वर्ष में दिनांक 31 मार्च, 2016 तक पूर्व की भांति बढ़ाए जाने का निर्णय लिया है।
इन वस्त्रों का क्रय उ0प्र0 राज्य हथकरघा निगम लि0, यूपिका, उ0प्र0 खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा वित्त पोषित एवं प्रमाणित संस्थाओं जैसे श्री गांधी आश्रम तथा उ0प्र0 हस्त शिल्प विकास एवं विपणन निगम के माध्यम से किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के औद्योगिक एवं आर्थिक विकास में लघु एवं कुटीर इकाइयों के महत्व तथा हथकरघा उद्योग से जुड़े बुनकरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से यह निर्णय लिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 August 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की धारा-40 में प्रदत्त शक्ति के अंतर्गत, पूर्व प्रकाशन की शर्त का अनुपालन करते हुए प्रस्तावित ‘उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा नियमावली, 2015‘ को समस्त सम्बन्धित व्यक्तियों के सूचनार्थ एवं उनके सम्बन्ध में उनकी आपत्तियां/सुझाव आमंत्रित करने की दृष्टि से प्रकाशित किए जाने के बिन्दुओं को अनुमोदित कर दिया है।
प्रस्तावित नियमावली पर आपत्तियां/सुझाव प्रमुख सचिव उ0प्र0 शासन, खाद्य एवं रसद अनुभाग-6 लखनऊ को लिखित रूप में प्रेषित की जाएंगी। केवल उन्हीं आपत्तियों और सुझावों पर विचार किया जाएगा, जो इस अधिसूचना के गजट में प्रकाशित होने के 30 दिन के भीतर प्राप्त होंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 August 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसाइटी की शासी निकाय व कार्यकारी निकाय का गठन करने एवं नियमावली के अनुसार संचालित/क्रियान्वित किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि केन्द्र प्रायोजित इस योजना के अंतर्गत आयुष (आयुर्वेद, योगा एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी) अस्पताल एवं औषधालय सेवाएं, स्नातक एवं स्नातकोत्तर शैक्षणिक संस्थानों सहित आयुष शैक्षणिक संस्थानों का विकास, राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं, औषधि नियंत्रण ढांचे सहित एएसयू एवं एच औषधि नियंत्रण तथा औषधीय पादकों के प्रसार सम्बन्धी मूल/आवश्यक कार्यकलाप शामिल हैं। योजना में 75 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 25 प्रतिशत राज्यांश शामिल है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 August 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950 में संशोधन के लिए उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था (संशोधन) विधेयक, 2015 के प्रारूप को अनुमति प्रदान कर दी है।
अभी तक उ0प्र0 जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950 की धारा-157-क के अंतर्गत अनुसूचित जाति के भूमिधर को कलेक्टर की पूर्व स्वीकृति के बिना अनुसूचित जाति के सदस्य के अलावा अन्य व्यक्ति को किसी भूमि के विक्रय, दान, बंधक अथवा पट्टा द्वारा अंतरण कराने का अधिकार नहीं है।
इस सम्बन्ध में प्रतिबन्ध यह है कि ऐसी कोई स्वीकृति कलेक्टर द्वारा उस दशा में न दी जाएगी, जहां इस धारा के अन्तर्गत प्रार्थना पत्र देने की तारीख पर उत्तर प्रदेश में धारित भूमि 1.26 हेक्टेयर से कम है अथवा जहां संक्रामण करने वाले द्वारा उत्तर प्रदेश में इस प्रकार धारित भूमि कथित तारीख पर ऐसा अन्तरण करने के पश्चात् 1.26 हेक्टेयर के कम हो जानी सम्भाव्य हो।
इस प्रतिबंध के कारण अनुसूचित जाति का भूमिधर अपनी भूमि का विक्रय सरलता से नहीं कर सकता। इसलिए वर्तमान परिदृश्य के दृष्टिगत इस प्राविधान को सरल बनाने के उद्देश्य से परन्तुक को निकालने का निर्णय लिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 August 2015 by admin
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश जोत चकबंदी अधिनियम, 1953 (उ0प्र0 अधिनियम संख्या-5 सन् 1954) की धारा-54 के अधीन परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करके उ0प्र0 जोत चकबंदी नियमावली, 1954 का संशोधन करने की दृष्टि से नया नियम 17 (क) जोड़े जाने के लिए ‘उत्तर प्रदेश जोत चकबंदी (23वां संशोधन) नियमावली-2015’ बनाए जाने का निर्णय लिया है।
प्रस्तावित नियम 17 (क) के तहत व्यवस्था की गई है कि निर्विवाद नामांत्रण/निर्विवाद वरासत के सम्बन्ध में प्रस्तुत किए गए प्रार्थना पत्रों पर क्रमशः सहायक चकबंदी अधिकारी/चकबंदीकर्ता द्वारा आदेश सम्यक जांच के उपरान्त चकबंदी समिति के परामर्श से पारित किया जाएगा।
इस प्रक्रिया के किसी चरण में यदि सहायक चकबंदी अधिकारी/चकबंदीकर्ता के संज्ञान में यह बात आती है कि उक्त नामांतरण/वरासत का मामला विवादग्रस्त है तो, मामले को धारा-9 के अधीन प्रकाशन के पूर्व तैयार किए जाने वाले जोत चकबंदी आकार पत्र 4 में दर्ज कराने हेतु आदेश पारित करेगा और मामले को धारा-9 क की उपधारा-(2) के अंतर्गत चकबंदी अधिकारी को निर्दिष्ट किया जाएगा
यदि धारा-6 क के अंतर्गत विवादित मामलों में आदेश पारित किए जाते हैं तो ऐसा मामला स्वतः संज्ञान में आने पर अथवा किसी व्यक्ति द्वारा संज्ञान में लाए जाने पर बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी/उपसंचालक चकबंदी, प्रशासनिक आधार पर तत्काल उक्त आदेश को निरस्त कर देंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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