Posted on 24 August 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां मौलाना अली मियां मेमोरियल हज हाउस से हज यात्रियों के पहले जत्थे को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर हज यात्रियों को अच्छे स्वास्थ्य और सफल यात्रा की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी धर्म आपस में मिलजुल कर रहने और समाज की खुशहाली के लिए काम करने का संदेश देते हैं। उन्होंने हज यात्रियों से आग्रह किया कि वे अपनी प्रार्थना के दौरान समाज, देश एवं प्रदेश की खुशहाली के लिए भी दुआ करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग हज यात्रा पर जाने में सफल हो पाए हैं, निश्चित रूप से खुदा की उन पर बहुत बड़ी रहमत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी धर्मों, वर्गों, जातियों एवं आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की प्रगति और खुशहाली के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि समाजवादी विचारधारा के लोग हमेशा समाज में अच्छाई फैलाने एवं बुराई से लड़ने के लिए स्वयं तत्पर रहते हैं और समाज के लोगों को भी बुराई के विरूद्ध संघर्ष की प्रेरणा प्रदान करते हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार समाज में खाई पैदा करने वालों के विरुद्ध लगातार संघर्ष करती रहेगी। हज यात्रियों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में हज यात्रियों की सुविधा के लिए और भी हज हाउस के निर्माण के लिए काम कर रही है।
इस मौके पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री मो. आज़म खां ने कहा कि समाज में अमन-चैन बनाए रखना एवं सभी वर्गों के साथ इंसाफ करना हुकूमत का पहला कर्तव्य है। उन्होंने समाज में भाईचारा बनाए रखने और आम जनता की तकलीफों को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। हज यात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी तरफ से हज यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का हर सम्भव प्रयास किया है।
हज यात्रियों को मुबारकबाद देते हुए मौलाना सैय्यद मोहम्मद राबे हसनी नदवी एवं मौलाना खालिद रशीद फि़रंगी महली ने उनकी सफल यात्रा की दुआ की।
ज्ञातव्य है कि इस वर्ष हज यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश से 24,654 हज यात्रियों का प्रोविजनल चयन हज कमेटी आॅफ इण्डिया द्वारा किया गया है। नई दिल्ली से 9,755 हज यात्री, लखनऊ से 10,733 हज यात्री तथा वाराणसी से 4,166 लोग हज यात्रा के लिए रवाना होंगे। सभी हज यात्रियों के पासपोर्ट, वीजा इत्यादि पहले ही प्राप्त हो चुके हैं।
कार्यक्रम में सचिव अल्पसंख्यक कल्याण श्री एस.पी. सिंह सहित अन्य अधिकारी, हज यात्री आदि मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 24 August 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से एन0टी0पी0सी0 की कोयला आधारित इकाई से पैदा हो रही बिजली को एन0टी0पी0सी0 द्वारा सौर ऊर्जा से उत्पादित होने वाली बिजली के साथ बण्डल किए जाने के केन्द्रीय बिजली मंत्रालय के फैसले को स्थगित कराने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकारी मिली है कि केन्द्र सरकार नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने की दृष्टि से नई सौर विद्युत उत्पादन इकाइयां स्थापित कर रही है। इसके मद्देनजर जो कोयला आधारित विद्युत उत्पादन इकाइयां अपनी उपयोगिता के 25 वर्ष पूरे कर चुकी हैं, उनसे उत्पादित बिजली की बण्डलिंग एन0टी0पी0सी0 द्वारा स्थापित की जा रही सोलर विद्युत के साथ की जाएगी।
केन्द्रीय बिजली मंत्रालय द्वारा 16 जुलाई, 2015 को यह नीतिगत निर्णय लिया गया, जिसकी जानकारी मंत्रालय ने 17 जुलाई, 2015 के पत्र के माध्यम से दी है। इस पत्र के अनुसार सिंगरौली एस0टी0पी0एस0 की 1700 मेगावाॅट बिजली (2000 मेगावाॅट क्षमता का 85 प्रतिशत) को एन0टी0पी0सी0 द्वारा उत्पादित 3000 मेगावाॅट सौर ऊर्जा के साथ बण्डलिंग करने का निर्णय लिया है।
श्री यादव ने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में यह सूचनीय है कि उत्तर प्रदेश को सिंगरौली एस0टी0पी0एस0 से उत्पादित 2000 मेगावाॅट विद्युत क्षमता का 44 प्रतिशत अर्थात 754 मेगावाॅट बिजली मिलती है। एन0टी0पी0सी0 द्वारा स्थापित किए गए बिजली घरों में से यह पहला विद्युत उत्पादन प्लाण्ट है और प्रदेश सरकार द्वारा इस प्लाण्ट के लिए भूमि तथा पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई थी। सिंगरौली एस0टी0पी0एस0 से मिलने वाली बिजली पावर पर्चेज बास्केट के अन्तर्गत सबसे सस्ती बिजली है और इसके चलते उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खरीदी जा रही बिजली का मूल्य काफी कम हो जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि 3000 मेगावाॅट सौर ऊर्जा के साथ इस पारम्परिक ऊर्जा की बण्डलिंग लागू की जाती है, तो सिंगरौली एस0टी0पी0एस0 से मिलने वाली विद्युत का मूल्य काफी बढ़ जाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश को बहुत महंगे मूल्य पर बिजली उपलब्ध हो सकेगी। उत्तर प्रदेश के लिए इसका वाणिज्यिक मूल्य सर्वाधिक होगा, क्योंकि इस परियोजना से राज्य ही सबसे ज्यादा लाभान्वित होता है।
श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश द्वारा खरीदी जा रही बिजली का कीमत काफी अधिक है, क्योंकि अधिकतर नवीन विद्युत उत्पादन इकाइयों को लिंकेज कोयले की आपूर्ति सिर्फ 50 प्रतिशत ही है, जिसके चलते महंगी दर पर आयातित कोयला खरीदना पड़ रहा है। विभिन्न राज्यों द्वारा बिजली खरीद मूल्यों की यदि तुलना की जाए, तो उत्तर प्रदेश ऊँचे मूल्यों पर बिजली खरीदने वाले राज्यों में शामिल है। राज्य को 3.80 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीद मूल्य चुकाना होता है, जबकि उत्तराखण्ड के लिए यही मूल्य 2.61 रुपए, मध्य प्रदेश के लिए 2.76 रुपए, गुजरात 3.52 रुपए, हिमाचल प्रदेश 2.34 रुपए, राजस्थान 3.59 रुपए, उड़ीसा 2.84 रुपए, पश्चिम बंगाल 3.41 रुपए, झारखण्ड 3.69 रुपए तथा छत्तीसगढ़ के लिए 3.09 रुपए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे स्पष्ट हो जाता है कि उत्तर प्रदेश महंगी बिजली खरीदने वाले राज्यों में से एक है। ऐसे में यदि बण्डल्ड पावर की यह शर्त राज्य पर थोपी जाती है, तो इससे बिजली मूल्यों में अत्यधिक बढ़ोत्तरी होगी। सिंगरौली विद्युत संयंत्र, जिसकी स्थापना में प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है, पर यह शर्त लागू होने से राज्य को 1331 मेगावाॅट अतिरिक्त विद्युत अत्यन्त महंगे मूल्य, लगभग 7-8 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदने पर मजबूर होना पड़ेगा, वह भी नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की आड़ में।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार नियामक ढांचे के अन्तर्गत सौर ऊर्जा खरीद की शर्त को पहले ही पूरा कर रही है। इस शर्त के अन्तर्गत राज्य की विद्युत वितरण कम्पनियां बण्डल्ड पावर के अन्तर्गत एन0टी0पी0सी0 से पहले ही सौर ऊर्जा खरीद रही हैं। यही नहीं, राज्य सरकार द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा खरीद योजना के अन्तर्गत 500 मेगावाॅट विद्युत उत्पादन क्षमता के कई सोलर पावर प्लाण्ट्स की स्थापना का कार्य किया जा चुका है। ऐसे में राज्य को आवंटित की जा रही बिजली में से 754 मेगावाॅट विद्युत को एन0टी0पी0सी0 द्वारा उत्पादित सौर ऊर्जा के साथ बण्डल करना प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के हक में नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों पर उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में घरेलू/अनुदानित श्रेणी की बिजली का मूल्य बढ़ने पर जनता पर इसका गलत प्रभाव पड़ेगा। अतः विद्युत मूल्य में कोई भी बढ़ोत्तरी बिना मंत्रणा के न की जाए। पारम्परिक ऊर्जा के साथ सौर ऊर्जा की बण्डलिंग का यह निर्णय राज्य की सहमति के बिना लिया गया है और एकतरफा है। विचाराधीन टैरिफ नीति में पारम्परिक ऊर्जा उत्पादन का 10 प्रतिशत भाग सौर ऊर्जा के तौर पर बण्डल किया जाना प्रस्तावित है। बण्डलिंग नीति के अन्तर्गत सम्बन्धित स्टेकहोल्डर्स से सलाह मशविरा किए बगैर एकाएक 3000 मेगावाॅट सौर ऊर्जा को 1700 मेगावाॅट पारम्परिक ऊर्जा के साथ सम्मिलित करना विधिक तौर पर भी उचित नहीं होगा।
श्री यादव ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए केन्द्रीय बिजली मंत्रालय को इस बण्डलिंग नीति को फिलहाल स्थगित रखते के निर्देश दें, क्योंकि इससे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को अनावश्यक रूप से अधिक विद्युत मूल्य चुकाना होगा। साथ ही, केन्द्रीय बिजली मंत्रालय को इस बात के लिए भी निर्देशित किया जाए कि वह इस योजना को लागू करने से पहले सभी राज्यों से सलाह मंत्रणा करे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 24 August 2015 by admin
दिनांक 17 अगस्त, 2015 को होने वाले कंाग्रेस पार्टी के विधान सभा घेराव एवं प्रदर्शन को अधिक से अधिक कामयाब बनाने एवं आम जनमानस में जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश कंाग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅं0 निर्मल खत्री के निर्देश पर दिनांक 16 अगस्त, 2015 को एक मोटर साइकिल रैली निकाली जायेगी। इस मोटर साइकिल रैली का आयोजन उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के महासचिव श्री मारूफ खान द्वारा किया गया है।
उक्त जानकारी देते हुए उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आर0पी0 सिंह बताया कि यह मोटर साइकिल रैली प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय, 10 माल एवेन्यू, लखनऊ से सायं 4.30 बजे निकल कर शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए सायंकाल 7.00 बजे ऐशबाग चैराहा पर समाप्त होगी। इस मोटर साइकिल रैली को उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅं0 निर्मल खत्री झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 24 August 2015 by admin
उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में उत्तर प्रदेश कंाग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅं0 निर्मल खत्री के आवाह्न पर 17 अगस्त, 2015 को विशाल प्रदर्शन एवं विधान सभा घेराव कार्यक्रम को वृहद रूप देने की श्रृखला में प्रदेश के कंाग्रेसजनों को लामबन्द किये जाने के उद्देश्य से आज उत्तर प्रदेश कंाग्रेस कमेटी के विभिन्न विभागों एवं प्रकोष्ठों की एक बैठक प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय, लखनऊ में विभाग एवं प्रकोष्ठों के प्रभारी महासचिव श्री दीपक सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक को सम्बोधित करते हुए श्री दीपक सिंह ने उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के समस्त विभाग एवं प्रकोष्ठों के चेयरमैनों/संयोजकों से इस विधानसभा घेराव एवं प्रदर्शन को ऐतिहासिक बनाने की अपील करते हुए कहा कि आप अपने सभी प्रदेश पदाधिकारियों एवं जिला/शहर अध्यक्षों के साथ भारी संख्या में राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में पहुॅंच कर कार्यक्रम को सफल बनायें।
बैठक में उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन श्री सिराज मेंहदी-पूर्व एम.एल.सी., उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष एवं प्रभारी संगठन श्री हरीश बाजपेयी-पूर्व एम.एल.सी., विचार विभाग के चेयरमैन-डाॅं0 सम्पूर्णानन्द, चिकित्सा प्रकोष्ठ के चेयरमैन-डा0 जियाराम वर्मा, जनसमस्या प्रकोष्ठ की चेयरमैन-श्रीमती नूतन बाजपेयी, खेल-कूद प्रकोष्ठ के चेयरमैन-श्री अरशी रजा सहित समस्त विभाग एवं प्रकोष्ठों के चेयरमैन मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 24 August 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन कराकर आम नागरिकों को लाभान्वित कराने हेतु प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि डाॅ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान से पढ़कर निकलने वाले युवा चिकित्सक अपना उद्देश्य व्यावसायिक न बनाकर बल्कि अपने प्रदेश के नागरिकों की सामाजिक सेवा के समर्पण हेतु बनाये। उन्होंने कहा कि शासकीय चिकित्सा संस्थान छात्रों से बेहतर चिकित्सक बनाने हेतु न्यूनतम फीस लेकर अधिकतम धनराशि राज्य सरकार स्वयं खर्च करती है। उन्होंने कहा कि जबकि निजी चिकित्सा संस्थायें शासकीय विद्यालयों की अपेक्षा कई गुना फीस वसूलती हैं।
मुख्य सचिव कल डाॅ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के अनेक फैकल्टी अपार्टमेंट का लोकार्पण करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोहिया संस्थान में कार्य करने वाले स्टाफ के लिये भी बेहतर आवासों का निर्माण कराया है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों का भी दायित्व है कि प्रदेश के आम नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर उनका समुचित इलाज समय से उपलब्ध करायें।
श्री रंजन ने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि डाॅ0 राम मनोहर लोहिया संस्थान की पहचान गुणवत्ता के आधार पर पूरे देश में बने। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गंभीर/असाध्य रोगों (किडनी, लीवर, हृदय व कैंसर) से ग्रसित निर्धन वर्ग के लोगों को निःशुल्क इलाज की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि बीमारी से ग्रसित सभी व्यक्तियों को समुचित इलाज समय से अवश्य प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों का भी दायित्व है कि आने वाले मरीजों का इलाज बेहतर ढंग से कर अपने दायित्वों का समुचित निर्वहन सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव वित्त तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आम नागरिकों को बधाई देते हुये पौधा रोपण भी किया।
मुख्य सचिव द्वारा कल किये गये लोकार्पण में रैम्प एण्ड मल्टीपरपज हाॅल, इमरजेन्सी ओ0टी0 एण्ड इमरजेन्सी वार्ड, रोबोटिक गेट ट्रेनर इन फिजिकल मेडिसिन एण्ड रिहैबिलिटेशन डिपार्टमेंट, लाण्ड्री सर्विसेज, रेजिडेंट हाॅस्टल एण्ड पी0आर0ए0 बिल्डिंग और कैण्टीन शामिल है।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव वित्त श्री राहुल भटनागर एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री आर0पी0सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 24 August 2015 by admin
उत्तर प्रदेश आकांक्षा समिति की अध्यक्षा श्रीमती सुरभि रंजन ने आकांक्षा समिति द्वारा गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दिलाये जाने हेतु संचालित आकांक्षा विद्या केन्द्र बटलर पैलेस काॅलोनी में स्वतंत्रता दिवस की 69वीं वर्षगांठ पर ध्वजारोहण करते हुये अध्ययनरत प्राइमरी स्कूल के बच्चों के समक्ष भारत को स्वतंत्रता दिलाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियांे के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बच्चों को बताया कि हमारे भारत के राष्ट्रीय ध्वज की ऊपरी पट्टी का केसरिया रंग, देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है, बीच की पट्टी का श्वेत रंग धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि निचली हरी पट्टी उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि सफेद पट्टी पर बने चक्र को धर्म चक्र कहते हैं, जो जीवन की गतिशीलता को दर्शाता है।
श्रीमती सुरभि रंजन ने अध्ययनरत गरीब बच्चों को मिठाईयां वितरित करते हुये उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। आकांक्षा विद्या केन्द्र के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के साथ-साथ दर्शकों का मन मोह लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 24 August 2015 by admin
देश की लोकप्रिय एवं पुरातन चिकित्सा पद्धतियाँ आयुर्वेद एवं यूनानी विधा के प्रति लोगों का रूझान तेजी से बढ़ रहा है वहीं राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सकों के प्रति आम जनता को सम्यक जानकारी न होने के कारण लोग भ्रामक प्रचार कर रहे क्षद्मचर वैद्य (अयोग्य चिकित्सक) एवं हकीमों के जाल में फंसकर अपमिश्रित एवं अनुपयुक्त औषधियों का सेवन कर जहां हजारों रूपया गवाँ बैठते है वही उनके दुष्प्रभाव से रोग की दशा सुधरने की बजाय और भी जटिल एवं गम्भीर हो जाती है जिससे समाज में आयुर्वेद एवं यूनानी विधा की प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है जनपद लखनऊ में प्रदेश सरकार के 39 आयुर्वेदिक एवं 7 यूनानी चिकित्सालय संचालित हंै जो क्षेत्रीय आयुर्वैदिक एवं यूनानी अधिकारी लखनऊ कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत हंै। आयुर्वेद एवं यूनानी विधा में प्रति जागरूक करने एवं आम जनता को उसका लाभ पहँुचाने के उद्देश्य को लेकर वन महोत्सव के उपलक्ष्य में चिकित्सालयों में खाली पड़ी जमीन में औषधीय पौधे यथा- कचनार, अर्जुन हरसिंगार, बेल, आंवला, सीता अशोक, अमलतास, गिलोय निर्गुण्डी, शतावरी आदि का रोपण तथा चिकित्सालयों में तुलसी, एलोवेरा, भ्रंगराज, कालमेघ, ज्वराकुंश, मीठी नीम, अश्वगंधा औषधीय पौधों को गमलों में लगाकर प्रदर्शित किया जा रहा है। इसी दिशा में अब आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सालयों में विभिन्न रोगों यथा - हेपेटाइटिस (यकृत रोग), माइग्रेन, जटिल चर्मरोग (सोरियासिस) बवासीर, भगन्दर, आमवात, गठिया, स्पाॅन्डलाइटिस आदि अनेक जीर्ण रोगों की चिकित्सा के लिए आयुर्वेदीय निदान एवं विशिष्ट चिकित्सा शिविरों का आयोजन भी प्रारम्भ किया गया है। प्रथम शिविर तेलीबाग स्थित राजकीय आयुर्वैदिक चिकित्सालय में दिनांक 12.08.2015 को आयोजित किया गया। इस शिविर में वात एवं संधि रोग (आमवात, गठिया, स्पान्डलाइटिस) त्वचा रोग एवं मूत्र रोगों से सम्बन्धित 154 रोगियों को प्रभारी चिकित्साधिकारी डा0 सीमा कुन्द्रा एवं आयुर्वेद विशेषज्ञ डा0 कमल सचदेवा द्वारा उपचारित किया गया और उन्हें निःशुल्क औषधियाँ भी प्रदान की गई। क्षेत्रीय आयुर्वैदिक एवं यूनानी अधिकारी लखनऊ डा0 शिव शंकर त्रिपाठी ने बताया कि इस तरह के विशिष्ट चिकित्सा शिविरों का आयोजन लखनऊ क्षेत्र में राजकीय आयुर्वैदिक एवं यूनानी चिकित्सालयों में जारी रहेंगे और उन्होंने अपेक्षा की है कि जन सामान्य को प्रदेश सरकार द्वारा संचालित आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सालों में उपलब्ध विशेषज्ञ सुविधाओं का लाभ अधिक से अधिक उठाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि जो चिकित्सक एवं औषधि निर्माता रोग एवं औषधियों के गुणों व प्रभावों को बढ़ा-चढ़ाकर भ्रामक एवं अतिश्योक्तिपूर्ण विज्ञापन पटोें तथा समाचार पत्रों के माध्यम से चिकित्सा का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं उनके विरूद्ध क्तनह - डंहपब तमउमकपमे ;व्इरमबजपवदंइसम ंकअजण्द्ध 1954 में विहित प्राविधानों के आलोक में कार्यवाही भी की जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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