मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश जोत चकबंदी अधिनियम, 1953 (उ0प्र0 अधिनियम संख्या-5 सन् 1954) की धारा-54 के अधीन परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करके उ0प्र0 जोत चकबंदी नियमावली, 1954 का संशोधन करने की दृष्टि से नया नियम 17 (क) जोड़े जाने के लिए ‘उत्तर प्रदेश जोत चकबंदी (23वां संशोधन) नियमावली-2015’ बनाए जाने का निर्णय लिया है।
प्रस्तावित नियम 17 (क) के तहत व्यवस्था की गई है कि निर्विवाद नामांत्रण/निर्विवाद वरासत के सम्बन्ध में प्रस्तुत किए गए प्रार्थना पत्रों पर क्रमशः सहायक चकबंदी अधिकारी/चकबंदीकर्ता द्वारा आदेश सम्यक जांच के उपरान्त चकबंदी समिति के परामर्श से पारित किया जाएगा।
इस प्रक्रिया के किसी चरण में यदि सहायक चकबंदी अधिकारी/चकबंदीकर्ता के संज्ञान में यह बात आती है कि उक्त नामांतरण/वरासत का मामला विवादग्रस्त है तो, मामले को धारा-9 के अधीन प्रकाशन के पूर्व तैयार किए जाने वाले जोत चकबंदी आकार पत्र 4 में दर्ज कराने हेतु आदेश पारित करेगा और मामले को धारा-9 क की उपधारा-(2) के अंतर्गत चकबंदी अधिकारी को निर्दिष्ट किया जाएगा
यदि धारा-6 क के अंतर्गत विवादित मामलों में आदेश पारित किए जाते हैं तो ऐसा मामला स्वतः संज्ञान में आने पर अथवा किसी व्यक्ति द्वारा संज्ञान में लाए जाने पर बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी/उपसंचालक चकबंदी, प्रशासनिक आधार पर तत्काल उक्त आदेश को निरस्त कर देंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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