Archive | October 22nd, 2014

प्रकाशनार्थ

Posted on 22 October 2014 by admin

नैनी (इलाहाबाद) अवध साहित्य अकादमी एवं शहर समता विचार मंच के संयुक्त तत्वावधान में पं0 जनार्दन तिवारी की अध्यक्षता में ‘‘जयशंकर प्रसाद के काव्य में शब्द योजना’’ विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता डाॅ0 नरेश कुमार गौड़ ‘अशोक’ ने प्रसाद जी की शब्द योजना पर सारगर्भित वक्तव्य दिया। कामायनी एवं अन्य ग्रन्थों से उदाहरण सहित सांगोपांग व्याख्या करते हुए डाॅ0 गौड़ ने प्रसाद जी को श्रेष्ठतम महाकाव्य रचयिता और विलक्षण काव्य प्रतिभा का धनी बताया।
संगोष्ठी का संचालन करते हुए डाॅ0 भगवान प्रसाद उपाध्याय ने अक्षर को ही ब्रह्मस्वरूप बताया और सरस्वती साधकों के सम्बन्ध की विशद व्याख्या की। विशिष्ट अतिथि कुंवर फतेह बहादुर सिंह ऋषिराज ने अपने काव्यमयी उद्बोधन में माँ भारती की वन्दना की-
शौर्य शान्ति समृद्धि प्रतीक चक्र राष्ट्र ध्वज।
ल्हरें तिरंगा तेरी जय हो मातु भारती।।
ख्याति प्राप्त कवि व पत्रकार जगदम्बा प्रसाद शुक्ल की रचना पर सभी ने खूब वाहवाही दी-
भारत की रक्षा केसे कर पाओगे कृष्ण मुरारी।
देश बेच देने को हैं तैयार यहां व्यापारी।।
ईश्वर शरण शुक्ल की रचनाओं में विकासवाद की छवि स्पष्ट परिलक्षित हुई-
संवादों के बल पर दुनियां मंगल पहुँची,  धरा गगन की दूरी पर से बाँध कट गया।।
पं0 जनार्दन तिवारी जी की रचना भी खूब सराही गयी-
श्रद्धा प्रसाद की आज घिरी लपटों में
चीख रही वेदी पर मंगल सूत्र गले में।
डाॅ0 नरेश कुमार गौड़ अशोक की कविता कुछ यूँ थी-
इन पगडण्डियों को राजपथ रूप दे डालो, पहुँचना इक जगह ही है तो यह बेमानी कैसी।।
युवा कवि रत्नाकर तनहा की पंक्तियाँ-
‘‘जीवन पथ आलोकित हो बस ये कहता है अन्तर्मन’’ सभी के मन को छू गयी। शुभम शुक्ला की बाल कविता ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। राजेन्द्र शुक्ल का गीत- शब्दों के गुम्फन में यदि भावों का इत्र नहीं है’’ ने गोष्ठी को गरिमामय बनाया तो रामनाथ त्रिपाठी रसिकेश की कविता ‘‘दीपक जलाओ अवनि पर सभी मिल’’ ने सबको रससिक्त कर दिया। आयोजक डाॅ0 भगवान प्रसाद उपाध्याय ने अपनी कविता पढ़ी-
‘‘बिखेरो यहाँ रोशनी आज इतनी दिखाई न दे तम कहीं भी धरा पर’’
उमेश चन्द्र श्रीवास्तव की रचना में मन की अतल गहराइयों में छिपी पीड़ा उमर कर आयी। अवध साहित्य अकादमी एवं शहर समता विचार मंच की ओर से डाॅ0 भगवान प्रसाद उपाध्याय ने आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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चीनी मिलों द्वारा गन्ना पेराई शुरू न करने से प्रदेश के गन्ना किसान परेशान हैं।

Posted on 22 October 2014 by admin

चीनी मिलों द्वारा गन्ना पेराई शुरू न करने से प्रदेश के गन्ना किसान परेशान हैं। किसान अपने गन्ने को औने-पौने दामों में बिचैलियों के हाथों बेंचने को मजबूर हैं और खुद को किसानों का हितैषी बताने वाली समाजवादी पार्टी की सरकार किसानों के प्रति उदासीन रवैया अख्तियार किये हुए है।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि गन्ने के समर्थन मूल्य को लेकर लगातार बैठकें चल रही हैं किन्तु राज्य सरकार की किसान विरोधी रवैये के चलते अभी तक समर्थन मूल्य तय नहीं हो पाया है। प्रदेश का गन्ना किसान जहां पिछले बकाये भुगतान को लेकर आन्दोलनरत है वहीं चीनी मिलों के समय से पेराई शुरू न किये जाने से दोहरे संकट से जूझ रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार किसानों की अनदेखी कर रही है। उन्होने मांग की है कि गन्ने का समर्थन मूल्य 350 रूपये प्रति कुंतल तत्काल घोषित किया जाय एवं चीनी मिलों को अविलम्ब चालू किया जाय।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है।

Posted on 22 October 2014 by admin

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जहां महिला उत्पीड़न, हत्या एवं लूट की घटनाएं थम नहीं रहीं हैं वहीं सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाली महिला आईपीएस अधिकारी तक सुरक्षित नहीं रह गयी हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा दिये जा रहे लम्बे-चैड़े भाषण सिर्फ थोथे साबित हो रहे हैं।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अशोक सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चारबाग स्टेशन जैसे क्षेत्र में महिला आईपीएस के साथ जिस प्रकार पुलिसकर्मी द्वारा अभद्रता की गयी, इससे साफ जाहिर होता है कि मुख्यमंत्री चाहे जो दावा करें, आम आदमी की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले ही स्वयं कानून व्यवस्था को धता बताने में जुटे हुए हैं, यह किसी भी सरकार के लिए शर्म की बात है।
प्रवक्ता ने कहा कि इसके पूर्व भी लखनऊ सहित तमाम जनपदों के थानों में महिला पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता की घटनाएं हुई हैं, किन्तु राज्य सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसकी परिणति यह हुई कि प्रदेश के पुलिसकर्मी खुद अपने ही विभाग के अधिकारियों और एक दूसरे के विरूद्ध कदम उठाने से नहीं चूक रहे हैं। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है कि आम महिलाओं की कौन कहे खुद महिला आईपीएस अधिकारी सुरक्षित नहीं रह गयी है। ऐसे में महिला उत्पीड़न कैसे रूकेगा, यह एक बड़ा सवाल है?

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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