Archive | December, 2018

पंचायतें भारतीय संस्कृति की लोकतांत्रिक धरोहर है -मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी

Posted on 07 December 2018 by admin

लखनऊ: 07 दिसम्बर, 201811
प्रदेश के पंचायतीराज राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्गदर्शन में पंचायतीराज विभाग प्रगति के पथ पर अग्रसर है। वर्तमान सरकार ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों को संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप कार्य एवं अधिकार देने तथा उसकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए कटिबद्ध है। पंचायतें भारतीय संस्कृति की लोकतांत्रिक धरोहर है। पंचायतीराज व्यवस्था का उद्देश्य है कि गांव के आम आदमी की लोकतांत्रिक व्यवस्था एवं विकास कार्यों में सहभागिता सुनिश्चित कराना है, ताकि पंचायतीराज व्यवस्था की स्थापना के मूल उद्देश्यों की पूर्ति हो सके।
ये बातें श्री चैधरी आज यहां विभूति खण्ड गोमतीनगर स्थित होटल हिल्टन गार्डन इन में जन योजना अभियान अन्तर्गत सामाजिक, आर्थिक परिवर्तन विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के शुभारम्भ के उपरान्त कही। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 की ग्राम पंचायतों द्वारा जीर्ण-शीर्ण पंचायत भवनांे, स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं स्वास्थ्य उपकेन्द्रों की मरम्मत एवं रख-रखाव की दिशा में सार्थक प्रयास किये गये हैं। उन्होंने बताया कि 7285 पंचायत भवनों का मरम्मत, 60714 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों का अनुरक्षण व मरम्मत, 30339 आंगनबाड़ी भवनों में सुदृढ़ीकरण का कार्य, 61441 विद्यालयों में आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय का मरम्मत का कार्य कराया गया है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 97,39,922 व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है। श्री चैधरी ने बताया कि जन योजना अभियान के अन्तर्गत इंडो गैंगेटिक प्लेनस् के 06 राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल के विशेषज्ञों द्वारा आज यहां एक साथ उपस्थित होकर अपने-अपने राज्यों में पंचायतीराज विभाग सहित अन्य विभागों की विकासपरक योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज श्री आर0के0 तिवारी ने कहा कि पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजन हेतु उत्तर प्रदेश का चयन कर प्रदेश को यह अवसर दिया है कि वह लखनवी तहजीब के साथ विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों को अन्य प्रदेशों के साथ भी साझा कर सके, साथ ही सामाजिक आर्थिक परिवर्तन पर अन्य राज्यों द्वारा किये जा रहे नवीन प्रयासों को भी अभ्यास में ला सके। उन्होंने बताया कि कुल 58808 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 58750 ग्राम पंचायतों की वार्षिक कार्य योजनायें प्लान-प्लस पर अपलोड की जा चुकी हैं।
इस कार्यशाला की अध्यक्षता सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मंत्रालय श्री अमरजीत सिन्हा ने की। इस अवसर पर अपर सचिव ग्राम्य विकास मंत्रालय श्री संजीव कुमार, अपर सचिव पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार श्री बाला प्रसाद, संयुक्त सचिव पंचायतीराज मंत्रालय श्री के0एस0 सेठी, पंजाब, हरियाणा, उ0प्र0, बिहार, मध्यम प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल राज्यों के प्रतिनिधि व उनकी टीम, निदेशक पंचायतीराज श्री मासूम अली सरवर, अपर निदेशक पंचायतीराज श्री राजेन्द्र सिंह, उपनिदेशक पंचायत श्रीमती प्रवीणा चैधरी सहित विभागीय अधिकारी आदि उपस्थित थे।

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जावेद मलिक राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (NCPUL) मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य नियुक्त

Posted on 07 December 2018 by admin

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय एकीकृत समाजिक संस्था के अध्यक्ष जावेद मलिक राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद, जो भारत के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आता है, के सदस्य नियुक्त किए गए है। राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में उत्तर प्रदेश से नामित किया गया है। परिषद का सदस्य नियुक्त होने के पश्चात जावेद मलिक ने कहा के उर्दू भाषा विकास परिषद की स्थापना का उद्देश्य के अनुसार सम्पूर्ण भारत वर्ष में उर्दू के विकास के लिए कार्य करने के संकल्प को दोहराया। जावेद मलिक ने कहा कि निसंदेह उत्तर प्रदेश के उर्दू विद्वानों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना मेरी प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा के जल्द ही उत्तर प्रदेश के सभी उर्दू भाषा के विद्वानों के साथ एक बैठक करेंगे तथा राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर उर्दू भाषा के उन्नति पर विचार विमर्श करेंगे। उन्होने कहा के उर्दू भाषा संस्कृति को आपस में जोड़ने वाली भाषा है तथा वर्त्तमान परिक्षेप में आवश्यक है के उर्दू का ज्यादा से ज्यादा प्रचार एंव प्रसार सम्पूर्ण देश में किया जाए। राज्य में परिषद के जितने उर्दू सेंटर चलाए जा रहे है, उनकी समीक्षा करके उत्तर प्रदेश में और उर्दू के सेंटर को बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। जावेद मलिक ने परिषद का सदस्य नियुक्त होने पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर जी का भी अभार व्यक्त किया है। जावेद मलिक के सदस्य बनाये जाने पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के चेयरमैन श्री प्रियंक कानूनगो, उत्तर प्रदेश वक्फ विकास निगम के निदेशक शफात हुसैन, मदरसा बोर्ड के सदस्य ज़िरगाम खान, उर्दू अकादमी से सदस्य कुंवर बासित अली, नदीम अख्तर, डा शादाब, व मो अनीस लखनऊ, एडवोकेट अस्लम खान आदी ने बधाई दी ।

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उत्तर प्रदेश के 69 जनपद ओडीएफ घोषित -मंत्री, भूपेन्द्र सिंह चैधरी

Posted on 06 December 2018 by admin

सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊ: दिनांक 06 दिसम्बर, 2018

panchatप्रदेश के पंचायतीराज राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के तहत जनपद फतेहपुर, जौनपुर व सीतापुर में प्रगति खराब होने पर विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। विभागीय योजनाओं के क्रियान्वय में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। श्री चैधरी ने कहा कि प्रदेश के 69 जनपदों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। अवशेष 06 जनपदों को भी शीघ्र ओडीएफ घोषित कराये जाने के निर्देश दिये हैं।
यह निर्देश पंचायती राज राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी आज यहां पंचायतीराज निदेशालय अलीगंज में विभागीय योजनाओं की प्रगति समीक्षा के दौरान दिये हैं। उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन समयानुसार सही ढंग से किया जाये। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने पाया कि जनपद रायबरेली, फतेहपुर, जौनपुर, सीतापुर, पीलीभीत, चित्रकूट ओ0डी0एफ0 घोषित होने में अवशेष रह गये हैं, जिन्हें शीघ्र ओडीएफ घोषित कराये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इन जनपदों को ओडीएफ घोषित कराये जाने के लिए पूरी ईमानदारी मेहनत से कार्य करना सुनिश्चित करें, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं की जाये। उन्होंने कहा कि स्वच्छ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के तहत फोटो अपलोडिंग का कार्य लक्ष्य के सापेक्ष निर्धारित समय में कराया जाये। मुख्यमंत्री समग्र ग्राम योजना के तहत वर्ष 2018-19 में चयनित ग्रामों में शौचालय निर्माण पर संतृप्त किये जाने में हमीरपुर, महराजगंज तथा ललितपुर की प्रगति खराब होने पर कड़े निर्देश दिये है कि एक सप्ताह में संतृप्त कराना सुनिश्चित किया जाये। स्वच्छाग्राहियों का भुगतान समयानुसार कराया जाये। ग्राम पंचायत विकास योजना अभियान को सफल बनाने हेतु आवश्यक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये हैं।
श्री चैधरी ने प्रदेश में ग्राम पंचायतों द्वारा स्वच्छ पेयजल हेतु हैण्डपम्प रिबोर कराये जाने की प्रगति की समीक्षा करते हुए पाया कि सन्तकबीर नगर, हमीरपुर, अमरोहा, सीतापुर, बस्ती, इटावा, गाजीपुर, अम्बेडकर नगर, चित्रकूट एवं कानपुर नगर की प्रगति खराब होने पर इन जनपदों में जिला पंचायतराज अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिये हैं। राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के अन्तर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में क्षेत्र पंचायतों को आवंटित धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र 07 जनपदों द्वारा उपलब्ध कराया है, शेष जनपदों द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया जिन्हें शीघ्र उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। जनपद अलीगढ़ के जिला पंचायतीराज अधिकारी बैठक में अनुपस्थित होने पर स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना के तहत स्वच्छ पेयजल हेतु हैण्डपम्प की प्रगति की समीक्षा करते हुए लखनऊ सहित 13 जनपदों की स्थिति अत्यन्त ही खराब पायी गयी, जिस पर उन्होंने नराजगी व्यक्त करते हुए लखनऊ, गोण्डा, फतेहपुर सहित 13 जनपदों के जिला पंचायतराज अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये है कि इन जनपदों के ग्रामों का संतृप्तिकरण शीघ्र कराना सुनिश्चित करें।
श्री चैधरी ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत विशेष सर्वेक्षण 2018, ओडीएफ वेरीफिकेशन, परिवार रजिस्टर के डिजिटाइजेशन, प्लान-प्लस, एक्शन साफ्ट एवं प्रिया साफ्ट एवं एम0 एक्शन साफ्ट पर जियो टैगिंग, आपेरशन कायाकल्प, बहुउद्देशीय पंचायत भवन, ग्रामीण अंत्येष्टि स्थल का निर्माण, सहित आदि विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज श्री आर0के0 तिवारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि मंत्री जी द्वारा जो भी निर्देश दिये गये है उनका अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।
इस अवसर पर निदेशक पंचायतीराज श्री मासूम अली सरवर, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन श्री आकाशदीप, अपर निदेशक पंचायतीराज श्री राजेन्द्र सहित उप निदेशक पंचायत व जिला पंचायतराज अधिकारी तथा अन्य विभागीय अधिकारी आदि उपस्थित थे।

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तीन जनपदों के नगर प्रतिकर भत्ते और डीआरडीए सम्मिलियन कार्मियों पर मुख्यसचिव के निर्देष

Posted on 06 December 2018 by admin

परिषद नेताओं की षिकायत पर अपर मुख्य सचिव कार्मिक से बैठक कर निस्तारण रिपोर्ट मांगी
लखनऊ,06 दिसम्बर। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा सहानपुर सहित तीन जनपदों के कर्मचारियों को सी श्रेणी से बी श्रेणी नगर प्रतिकर भत्ते का शासनादेश होने के बावजूद इसका लाभ कर्मचारियेां को न मिलने का मामला उठाते हुए मुख्य सचिव से अतिशीघ्र कर्मचारियों को उक्त शासनादेश लाभ दिलाने की मांग थी। इसके साथ ही परिषद के नेताओं द्वारा डीआरडीए कार्मिकों के सम्मिलिन होनेे के बाद हो रही समस्याओं की षिकायत की गई। इस सम्बंध में प्रदेश के मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव वित्त को निर्देश दिये की अतिशीघ्र बैठक कर उक्त बैठक में लिए गए निर्णय से अवगत कराये।
परिषद के प्रतिनिधि मण्डल में प्रदेश अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी, महामंत्री शिवबरन सिंह यादव और संगठन मंत्री संजीव गुप्ता शामिल थे। उन्होंने बताया कि वित्त विभाग सामान्य अनुभागएक द्वारा निर्गत शासनादेश संख्या जी-1-14/दस -2013-226/2008 के माध्यम से प्रदेश के सहारनपुर, झाॅसी और फिरोजाबाद को नगर प्रतिकर भत्ता श्रेणी सी से श्रेणी बी दिये जाने का निर्णय लिया गया था। इस परिपेक्ष्य में 18 जुलाई 18 को निर्गत शासनादेश में बी श्रेणी के नगरों में सहारनपुर,झाॅसी और फिरोजाबाद का नाम अंकित न होने से इन शहरों मेें रहने वाले कर्मचारियों को उक्त शासनादेश का लाभ नही मिल पा रहा है।परिषद के नेताओं ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि डीआरडीए कार्मिकों का ग्राम्य विकास विभाग में समायोजन तो कर दिया गया है लेकिन समय समय पर सेवा निवृत्त हो रहे कार्मिकांे की देयता सम्बंधी और अन्य कई समस्याएं सामने आ रही है। मुख्य सचिव ने इन प्रकारण को गम्भीर मानते हुए तत्काल अपर मुख्य सचिव वित्त को लिखित रूप में दिशा निर्देश जारी करते हुए लिए गए निर्णयों से अवगत कराने के निर्देष दिये है।

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आत्मनिर्भर बनने के लिए गांधी जी के इस विचार पर काम करना होगा: मुख्यमंत्री

Posted on 06 December 2018 by admin

उ0 प्र0 के सर्वांगीण विकास के लिए यह आवश्यक है कि
प्रदेश के सभी गांव आत्मनिर्भर व स्वतंत्र बनें: मुख्यमंत्री

खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने में ‘एक जनपद एक उत्पाद’
योजना काफी प्रभावी साबित हो सकती है: मुख्यमंत्री
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खादी को बढ़ावा देने और इसके माध्यम से रोजगार के
अवसर सृजित करने के लिए इसे नयी तकनीक से जोड़ना होगा

राज्य सरकार परम्परागत चर्खाें की जगह
सोलर चर्खाें को बढ़ावा दे रही है: मुख्यमंत्री

सुरेन्द्र अग्निहोत्री लखनऊ: 06 दिसम्बर, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150वीं जयन्ती वर्ष पर आयोजित ‘उत्तर प्रदेश खादी महोत्सव’ का शुभारम्भ करते हुए कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से सभी को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में खादी की महत्ता, खादी की आवश्यकता व खादी की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महती भूमिका के साथ-साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के आदर्शांे और सिद्धान्तों को जानने-समझने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांधी जी का मानना था कि खादी स्वदेशी का प्रतीक है और स्वदेशी स्वाबलम्बन का। आत्मनिर्भर बनने के लिए गांधी जी के इस विचार पर काम करना होगा। उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए यह आवश्यक है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत प्रदेश के सभी गांव आत्मनिर्भर व स्वतंत्र बनें। खादी लाखों ग्रामीण कारीगरों की आजीविका का स्रोत रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की खादी के प्रति गहरी रुचि है। इसलिए उन्होंने खादी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन, समावेशी ग्रामोद्योग के माध्यम से गाँवों का स्थायी विकास तथा खादी के माध्यम से ग्रामीण औद्योगीकरण को बढ़ावा देने का आह्वान किया है। प्रदेश सरकार द्वारा उनके इस आह्वान को जमीन पर उतारने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने में राज्य सरकार द्वारा लागू की गयी ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना काफी प्रभावी साबित हो सकती है। प्रदेश के सभी जनपदों में कम से कम एक विशिष्ट उत्पाद मौजूद है। इन उत्पादों की ब्राण्डिंग, मैपिंग और मार्केटिंग करने से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित किये जा सकते हैं। इन उद्योगों तथा उत्पादों को शासकीय प्रोत्साहन की आवश्यकता है और राज्य सरकार इन्हें हर सम्भव सहायता प्रदान करेगी।
स्वच्छ भारत मिशन का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांधी जी को स्वच्छता अत्यन्त प्रिय थी। राज्य सरकार ने प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बडे़ पैमाने पर गरीबों के लिए शौचालय निर्मित करवाए हैं। स्वच्छता के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान लम्बी छलांग लगायी है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता में प्लास्टिक का प्रयोग एक बड़ी बाधा थी। राज्य सरकार द्वारा इस पर चरणबद्ध तरीके से बैन लगाया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने गोसंवर्धन का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें धन की कमी आडे़ नहीं आ रही है। राज्य सरकार द्वारा नगर निगमों को गोसंरक्षण केन्द्र स्थापित करने के लिए धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि एक गाय तीस एकड़ खेती के लिए खाद और कीटनाशक उपलब्ध करा सकती है। गोबर गैस प्लाण्ट स्थापित करने से लोगों की ऊर्जा आवश्यकताएं पूरी हो सकती हैं। साथ ही, खाद भी प्रचुर मात्रा में मिल सकती है। उन्होंने कहा कि भारत प्रतिवर्ष 8 लाख करोड़ रुपए का पेट्रोल, डीजल इत्यादि पेट्रोलियम उत्पाद आयात करता है। यदि हम गोबर गैस का प्रयोग शुरू कर दें तो इस आयात में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए की कमी की जा सकती है। ऐसे ऊर्जा स्रोतों के उपयोग से काफी बचत की जा सकती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग के क्षेत्र में वर्तमान राज्य सरकार ने विशेष प्रयास किये हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रदेश में पहली बार ‘खादी एवं ग्रामोद्योग विकास तथा सतत् स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति’ लागू की गई है। इस नीति से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में सहायता मिलेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर भी पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खादी को बढ़ावा देने और इसके माध्यम से रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए इसे नयी तकनीक से जोड़ना होगा। समय के साथ बदलती हुई तकनीक को अपनाना होगा। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा परम्परागत चर्खाें की जगह सोलर चर्खाें को बढ़ावा दिया जा रहा है राज्य सरकार इन पर छूट भी दे रही है। उन्होंने कहा कि खादी को प्रमुख ब्राण्ड बनाना होगा। इसे हर मौसम के अनुसार स्वीकार्य बनाना होगा। साथ ही, इसकी स्वीकार्यता बढ़ाने के उद्देश्य से इसे फैशन से भी जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराना होगा ताकि उनका जीवन भी खुशहाल बन सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 823 विकास खण्ड और 653 नगर निकाय हैं। यहां के लोगों को खादी की अवधारणा पर चलते हुए स्वदेशी से जोड़कर स्वावलम्बी बनाना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में खादी का उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने अनेक निर्णय लिये हैं। सरकार ने पं0 दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना प्रारम्भ की है। खादी की बिक्री पर दी जाने वाली छूट के स्थान पर खादी के उत्पादन पर छूट की व्यवस्था की गई है। खादी के उत्पादन पर दी जा रही छूट से प्रदेश में खादी उत्पादन बढ़ाने में सहायता तो मिलेगी ही, साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार पैदा होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्व में खादी पर केवल 108 दिनों के लिए 10 प्रतिशत छूट दी जाती थी। इसे हमारी सरकार ने बढ़ाकर पूरे वर्ष के लिए 15 प्रतिशत कर दिया है। इसमें यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि इस 15 प्रतिशत में 5 प्रतिशत अनुदान की धनराशि, खादी एवं ग्रामोद्योग से जुड़े कारीगरों के आधार लिंक खाते में विभाग द्वारा सीधे स्थानान्तरित की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस वर्ष गांधी जी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर खादी की बिक्री पर भी 60 दिन के लिए 5 प्रतिशत की विशेष छूट दी गयी है। प्रदेश की खादी की संस्थाओं को उनके उत्पादों की बिक्री में सहायता के लिए उन्हें आॅनलाइन प्लेटफार्म पर भी सीधे जोड़ा गया है। इसके अन्तर्गत अमेजन इत्यादि के साथ एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित कर, खादी इकाइयों के उत्पाद अमेजन पर उपलब्ध कराये गये हैं। अब तक 44 इकाइयों के विशेष उत्पाद अमेजन के माध्यम से बिक्री किये जा रहे हैं। इस संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी हो रही है। अमेजन के अतिरिक्त ‘फ्लिपकार्ट’ जैसी संस्थाओं से भी अनुबन्ध किया जाना प्रस्तावित है, ताकि अधिक से अधिक इकाइयों की सामग्री आॅनलाइन भी उपलब्ध करायी जा सके। राज्य सरकार के प्रयासों से पिछले वर्ष खादी की बिक्री लगभग 700 करोड़ रुपये की हुई थी। इस वर्ष भी खादी की बिक्री में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘पं0 दीन दयाल उपाध्याय ग्रामोद्योग रोजगार योजना’ प्रारम्भ की गयी है। इसमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के अन्तर्गत वित्त पोषित इकाइयों को पहले 3 वर्ष के लिए शत प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। इस प्रकार इन इकाइयों के प्रारम्भिक चरण में आर्थिक मदद मिल रही है। ‘खादी एवं ग्रामोद्योग विकास तथा सतत् स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति’ के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य है, जिसने सोलर चर्खे से तैयार किये गये कपड़ों को भी खादी की श्रेणी में रखा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इससे परम्परागत तरीकों से खादी बुनने की विलुप्त होती हुई कला को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रदेश सरकार सोलर चर्खों पर काम करने का प्रशिक्षण देकर, कारीगरों को कच्चा माल मुहैया कराकर उनसे उत्पाद खरीदने का विशेष कार्यक्रम चला रही है, इसमें कारीगरों को सोलर चर्खों पर काम करने का प्रशिक्षण दिया जायेगा एवं उन्हें सुविधाएं मुहैया कराकर रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। इस क्रम में आज हरित खादी, नाबार्ड एवं उत्तर प्रदेश खादी बोर्ड के मध्य एक समझौता भी किया गया है जो कि निश्चित रूप से सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कम विद्युत उपलब्धता वाले क्षेत्रों में सोलर पावर की उपलब्धता हेतु उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड एवं यू0एन0ई0पी0 के बीच एक एम0ओ0यू0 भी हस्ताक्षरित किया गया है, जो गरीबों के लिए काफी सहायक और लाभकारी सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा पुराने कम्बल कारखानों का पुनरूद्धार कर पुनः उत्पादन करने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी है। प्रथम चरण में गोपीगंज, भदोही कम्बल कारखाने का संचालन कर उत्पादन प्रारम्भ कराया गया है। खादी में बिक्री को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में खादी पार्क व खादी प्लाजा का निर्माण कराया जायेगा, जिसमें एक ही छत के नीचे प्रदेश तथा देश के अन्य इलाकों में खादी की बिक्री की सहूलियत दी जायेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ‘माटी कला बोर्ड’ के गठन का भी निर्णय लिया गया है। इसके माध्यम से मिट्टी से बनने वाले बर्तन और अन्य उत्पादों को बढ़ावा देते हुए, माटी कला में लगे कारीगरों की पहचान कर उन्हें सुविधाएं प्रदान करने, उन्हें मिट्टी का पट्टा आवंटित करने तथा नये और आधुनिक औजार उपलब्ध कराने की जो प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी है, इसे और तेजी से आगे बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि इससे कुम्हारी कला को बढ़ावा मिल रहा है। इस वर्ष दीपावली के दौरान मिट्टी के दीयों का प्रयोग बढ़ा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान राज्य सरकार द्वारा खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। राज्य सरकार ने खादी को नया रूप दिया है। सोलर चर्खे वितरित किए गए हैं। इससे खादी का उत्पादन तिगुना होने की सम्भावना है। राज्य में पी0पी0पी0 के आधार पर खादी को विकसित किया जा रहा है। राज्य में 128 खादी समितियों को कर्ज मुक्त किया गया है। खादी के विकास के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। नौजवानों को खादी से जोड़ने के लिए इसे फैशन के अनुरूप ढाला जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी द्वारा कार्यक्रम का उद्घाटन द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। उन्होंने ‘खादी उत्तर प्रदेश’ का लोगो भी लांच किया। उन्होंने बटन दबाकर विभिन्न परियोजनाओं को आॅनलाइन प्रक्रिया से जोड़ा। उन्होंने समाधान सेल का भी शुभारम्भ किया। उन्होंने इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया और उसका अवलोकन भी किया। कार्यक्रम के दौरान खादी के विकास पर निर्मित एक फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
इस अवसर पर केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरिराज सिंह, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना, प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग श्री नवनीत सहगल, वरिष्ठ अधिकारीगण सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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विश्व मृदा दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित

Posted on 05 December 2018 by admin

भूमि का स्वास्थ्य खराब होगा, तो विषैली होगी उपज

मृदा स्वास्थ्य कार्ड की संस्तुतियों को अपनाकर भूमि की उर्वरा शक्ति एवं उत्पादन में बढ़त कर सकते हैं हासिल
-सूर्य प्रताप शाही
उत्तर प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि वर्ष 2015 से प्रतिवर्ष सम्पूर्ण विश्व में 05 दिसम्बर को विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि विश्व मृदा दिवस के अवसर पर मिट्टी के महत्व एवं उसकी उर्वरा शक्ति को कैसे बढ़ाया जाय, पर चर्चा की जाती है। मंत्री ने कहा कि अथर्ववेद में भी उल्लेख है कि भूमि हमारी माँ है और हम इसके पुत्र हैं। भूमि का स्वास्थ्य खराब होगा, तो इससे निकलने वाली उपज भी विषैली हो जायेगी।
कृषि मंत्री आज कृषि भवन में विश्व मृदा दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित सभी किसान भाईयों से अपील की कि वे खेतों में कम से कम रासायनिक खाद का इस्तेमाल करें। साथ ही अधिक से अधिक जैविक खाद का प्रयोग किये जाने पर बल दिया। श्री शाही ने कहा कि अधिकारी नगर पंचायतों में किसान पाठशाला लगाकर किसानों को जैविक खाद के प्रयोग के बारे में जागरूक करें। इस अवसर पर उन्होंने 24 किसान भाइयों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड की संस्तुतियों को अपनाकर किसान भाई भूमि की उर्वरा शक्ति एवं उत्पादन दोनों में बढ़त हासिल कर सकते हैं।
प्रमुख सचिव कृषि, श्री अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि हमें जीवन के प्रति गंभीर होने के लिये मिट्टी के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर होना होगा। उन्होंने कहा कि मिट्टी का स्वास्थ्य खराब करने के पीछे रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग बहुत बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिये उत्पादकता बढ़ानी होगी, जिसके लिये भूमि का उपजाऊ होना आवश्यक है। प्रमुख सचिव ने भूमि को उपजाऊ बनाने के लिये रासायनिक उर्वरक की अपेक्षा अधिक से अधिक जैविक खाद का इस्तेमाल करने की सलाह दी।
इस अवसर पर कृषि निदेशक, श्री सोराज सिंह, अपर कृषि निदेशक, श्री राम चन्द्र सिंह सहित कृषि विभाग के अधिकारीगण एवं भारी संख्या में किसान उपस्थित थे।

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‘नन्द बाबा पुरस्कार‘ के लिए 52.01 लाख रूपये मंज़ूर

Posted on 05 December 2018 by admin

लखनऊः 05 दिसम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने दुग्ध विकास कार्यक्रम के तहत संचालित ‘‘नन्द बाबा पुरस्कार‘‘ के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 52.01 लाख रूपये की धनराशि मंजूर की है।
इस पुरस्कार का उद्देश्य भारतीय गोवंश की गाय के दूध में वृद्धि करने हेतु किसानों को प्रोत्साहित करना है। दुग्धशाला विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय गोवंश की गाय के सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले एक दुग्ध उत्पादक को, जो दुग्ध विकास विभाग के अधीन कार्यरत दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अन्तर्गत गठित दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति का सदस्य हो तथा समिति के माध्यम से दुग्ध संघ को वर्ष में कम से कम 1500 लीटर दूध का विक्रय किया हो को विभिन्न स्तर पर गठित चयन समितियों द्वारा की गई संस्तुतियों के आधार पर ‘‘नन्द बाबा पुरस्कार‘‘ के रूप में विकास खण्ड/जनपद/राज्य स्तर पर क्रमशः 5100 रूपये, 21,000 रूपये एवं 51,000 रूपये की धनराशि से सम्मानित किया जायेगा। साथ ही उन्हें पीतल धातु पर एक शील्ड, जिस पर भारतीय गोवंश की गाय एवं बछड़े के साथ नंद बाबा की मूर्ति होगी को प्रमाण पत्र के साथ दिया जायेगा।

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उत्तर प्रदेश खादी महोत्सव-2018 का मुख्यमंत्री कल करेंगे इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शुभारम्भ

Posted on 05 December 2018 by admin

महोत्सव में खादी फैशन शो का भी होगा आयोजन
लखनऊ: 05 दिसम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड लखनऊ द्वारा चार दिवसीय खादी महोत्सव का आयोजन 6 दिसम्बर 2018 से स्थाानीय इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान के जूपिटर हाल प्रेक्षागृह में किया गया है। महोत्सव एवं इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी कल पूर्वान्ह 11 बजे करेंगे। महोत्सव में विशिष्ट अतिथि के रूप में केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री गिरिराज सिंह तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग भारत सरकार के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना भी भाग लेंगे।
यह जानकारी खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के प्रमुख सचिव श्री नवनीत सहगल ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि 09 दिसम्बर तक चलने वाले इस महोत्सव में खादी की पारम्परिक कला और शिल्प को प्रदर्शित करने तथा खादी उत्पादों को अधिकाधिक लोकप्रिय बनाने के लिये खादी एवं ग्रामोद्योग विषय पर परिचर्चा का भी आयोजन किया गया है, जिसें लघु उद्योग एवं ग्रामोद्योग क्ष्रेत्र के विशेषज्ञ सम्बोधित करेंगे।
श्री सहगल ने बताया कि इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में ही 6 दिसम्बर को सायं 7 बजे उत्तर प्रदेश खादी महोत्सव-2018 को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से ‘‘खादी फैशन शो’’ का भी आयोजन किया गया है। फैशन शो में मुख्य अतिथि केन्द्रीय सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री श्री गिरिराज सिंह तथा विशिष्ट अतिथि विनय कुमार सक्सेना अध्यक्ष खादी ग्रामोद्योग भारत सरकार होंगे। फैशन शो कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश खादी एवं गा्रमोद्योग विभाग के मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी करेंगे।
प्रमुख सचिव के अनुसार महोत्सव में खादी एवं ग्रामोद्योग क्षेत्र के उत्पादों का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जायेगा। खादी के उत्पाद आम लोगों को बिक्री के लिये भी उपलब्ध होंगे। यह महोत्सव निःशुल्क है, जो दर्शकों के अवलोकन के लिये पूर्वान्ह 12 बजे से रात्रि 09 बजे तक खुला रहेगा।

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कृषि मंत्री से आस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त की शिष्टाचार भेंट

Posted on 05 December 2018 by admin

लखनऊ: 05 दिसम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही से आज यहां उनके कार्यालय में भारत में आस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त सुश्री हरिन्दर सिद्धू ने शिष्टाचार भेंट की और ‘एन इंडिया इकोनामिक स्ट्रेटेजी टू 2035’ (।द प्दकपं म्बवदवउपब ैजतंजमहल 2035द्ध नामक पुस्तक भेंट की।
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने उत्तर प्रदेश में सरप्लस उत्पादन वाले कृषि उत्पादों में निवेश की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश के लिए व्यापार सुगमता ;म्ंेम व िक्वपदह ठनेपदमेेद्ध के लिए एकल विण्डो सिस्टम के साथ ही कई तरह की छूट भी दी गयी है तथा इन छूटों का लाभ निवेश करने वाली आस्ट्रेलियन उद्यमियों को भी प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जैविक कृषि उत्पादों पर विशेष बल दिया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव कृषि श्री अमित मोहन प्रसाद, उच्चायुक्त की सहयोगी सुश्री कैथरिन के अलावा विशेष सचिव सुश्री श्रुति सिंह भी उपस्थित थी।

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पावर कारपोरेषन मँहगी बिजली के बोझ से ग्राहकों को बचाएगी -आलोक कुमार

Posted on 05 December 2018 by admin

लखनऊ: दिनांक 05 दिसम्बर, 2018
अलकनन्दा हाइड्रो परियोजना तथा ललितपुर थर्मल परियोजना की लागत में अत्यधिक बढ़ोत्तरी हो गयी है। मंहगी बिजली के बोझ से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए कारपोरेषन ने व्यापक प्रयास षुरू किये हंै।
प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उ0प्र0 पावर कारपोरेषन अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने बताया है कि पावर कारपोरेषन के स्तर पर उदय योजना के अन्तर्गत सभी स्रोतों से क्रय की जा रही ऊर्जा की लागत को कम करने के लिये हर स्तर पर, वृहद् प्रयास किये जा रहे हंै। जैसे कि प्रत्येक उत्पादन स्त्रोत से प्रत्येक माह में क्रय की गई विद्युत की लागत की गत वर्श के संगत माह की उसी उत्पादन स्रोत से विद्युत क्रय लागत के साथ तुलना की जाती है। क्रय लागत में कोई भी अवांछनीय बढ़ोत्तरी पाए जाने पर उसके कारणों की विस्तृत समीक्षा कर आवष्यक कदम उठाये जाते हैं ताकि उपभोक्ताओं पर मॅंहगी बिजली का बोझ न पड़े।
प्रमुख सचिव ने बताया कि उदय योजना की राज्य स्तरीय माॅनीटरिंग कमेटी की बैठक में विभाग के कैष-गैप की विस्तृत समीक्षा के दौरान हुई चर्चा के परिप्रेक्ष्य में यह बात सामने आयी है कि एम0ओ0यू0 आधार पर लगाई गई अलकनन्दा हाइड्रो तथा ललितपुर थर्मल विद्युत परियोजनाओं की कैपिटल काॅस्ट इन विद्युत उत्पादकों द्वारा अभी तक विद्युत नियामक आयेाग से अंतिम रूप से तय नहीं कराई गई है। अलकनन्दा हाइड्रो परियेाजना की कमिषनिंग जून 2015 में तथा ललितपुर थर्मल परियोजना की कमीषनिंग दिसम्बर 2016 में हो चुकी है। इन दोनों ही परियोजनाओं का टैरिफ अत्यधिक हो गया है जिसके कारण पावर कारपोरेषन को कैष-गैप कम करने में चुनौती आ रही है। अलकनन्दा परियेाजना की विद्युत लागत रू0 6.73 प्रति यूनिट तक पहॅंुच रही है, जो कि अन्य हाइड्रो परियोजनाओं की तुलना में सर्वाधिक है। वहीं ललितपुर परियोजना की इस वित्तीय वर्श के प्रथम छमाही में ऊर्जा क्रय की औसत लागत रू0 6.82 प्रति यूनिट आई है, जिसमें माह सितम्बर 2018 में ऊर्जा की लागत सर्वाधिक रू0 12.67 प्रति यूनिट तक पहुॅंच गई। अलकनन्दा परियेाजना के संबंध में मार्च 2016 में ही विद्युत नियामक आयोग ने परियोजना के विकासकर्ता मेसर्स जी0वी0के0 को स्पश्ट निर्देष दिये थे कि हाइड्रो परियोजना होने के बावजूद अत्यधिक ऊर्जा लागत के दृश्टिगत वह अपने पॅंूजीगत लाभ को कम करते हुए एवं ऋण वापसी तथा पी0पी0ए0 की अवधि को बढ़ाते हुए षीघ्रातिषीघ्र एक संषोधित टैरिफ माॅडल प्रस्तुत करे ताकि बिजली उपभोक्ताओं को मॅंहगी बिजली के बोझ से बचाया जा सके। परन्तु विकासकर्ता द्वारा आज तक ऐसा नहीं किया गया। ऐसे में कमेटी ने निर्देष दिये कि ऐसी परियोजनाओं की कैपिटल काॅस्ट की विधिवत् समीक्षा कराकर इन विद्युत उत्पादकों से निगोसिएषन का प्रयास कर विद्युत क्रय लागत को कम करने की कार्यवाही की जाये। पावर कारपोरेषन ने इन दोनों ही ऊर्जा उत्पादकों से निगोसिएषन कर तत्काल आधार पर लागत कम कराने हेतु प्रयास षुरू कर दिये हैं। साथ ही इन ऊर्जा उत्पादकों से नियमित रूप से मौखिक एवं लिखित निवेदन भी किया जा रहा है कि वे षीघ्रातिषीघ्र विद्युत नियामक आयोग से नियमानुसार अपनी फाइनल कैपिटल कास्ट का अन्तिम निर्धारण करा लें ताकि दीर्घकालीन स्तर पर विद्युत उपभोक्ताओं को मॅंहगी बिजली के बोझ से बचाया जा सके।
इसी क्रम में प्रदेष में स्थित निजी एवं राज्य सेक्टर के सभी उत्पादन स्रोतांे पर थर्ड पार्टी सैम्पलिंग के माध्यम से प्राप्त कोयले की वास्तविक गुणवत्ता की कड़ी जाॅंच कराए जाने हेतु आवष्यक कार्यवाही भी की जा रही है ताकि उत्पादित ऊर्जा की बिलिंग कोयले की वास्तविक कैलोरिफिक वैल्यू के अनुसार ही सुनिष्चित की जाये।

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