Archive | September, 2016

महानिदेशक पर्यटन ने ताजगंज प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया ताजमहल पूर्वी गेट पर सौ मीटर का माॅडल देखा, फिनिसिंग के निर्देश दोनों और सभी दुकानों पर एक जैसा कलर कराने के निर्देश मुगल म्यूजियम के निर्माणाधीन कार्य में तेजी लाने के निर्देश

Posted on 15 September 2016 by admin

प्रमुख सचिव सूचना एवं महानिदेशक पर्यटन श्री नवनीत सहगल ने शनिवार को ताजगंज प्रोजेक्ट के अन्तर्गत ताजमहल पूर्वी गेट पर प्रोजेक्ट में तैयार किये गये सौ मीटर माॅडल को देखा, जिसमें फिनिसिंग को और अधिक अच्छा करने के लिए राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर को निर्देश दिये। माॅडल एरिया में सुरक्षा उपकरण बोलार्ड बैरियर, सीसीटीवी तथा कन्ट्रौल रूम भी बनाया गया है। प्रोजेक्ट में जिस तरह के साइनेज और लाइटें लगी हंै, माॅडल एरिया में उन्हें शुरू करा दिया गया है।
महानिदेशक पर्यटन ने सड़क के दोनों और बनी दुकानों पर रंगाई, पुताई एक ही कलर में तथा दुकानों के ऊपर लगे बोर्डों का साइज तथा कलर भी एक जैसा कराने के लिए निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त उन्होंने सड़क के दोनों ओर कुछ स्थानों पर बाउण्ड्रीबाल के खराब प्लास्टर को हटाकर नया प्लास्टर कराने तथा उसकी रंगाई, पुताई भी एक जैसी कराने के लिए राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर को निर्देश दिये। महानिदेशक पर्यटन ने मुगल म्यूजियम निर्माण कार्य स्थल पर चल रहे निर्माणाधीन कार्य की प्रगति पर असन्तोष प्रकट करते हुये तेजी के साथ कार्य करने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी गौरव दयाल, सचिव एडीए राजकुमार, संयुक्त निदेशक पर्यटन उ0प्र0 पी.के. सिंह, उप निदेशक पर्यटन दिनेश कुमार, राजकीय निर्माण निगम के महाप्रबन्धक यू.क.े गहलोत प्रोजेक्ट मैनेजर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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*राष्ट्रीय एकीकरण के लिए हिन्दी अनिवार्य- श्रीमती अपर्णा यादव *

Posted on 15 September 2016 by admin

हिन्दी हमारी मातृ भाषा है। हमें उसका सम्मान करना चाहिये। क्योकि हिन्दी भाषा ही हमारे महान प्राचीन इतिहास को उजागर करती है और वही हमारी पहचान है। परंतु वर्तमान में आर्थिक और तकनिकी विकास के साथ-साथ हिन्दी भाषा अपने महत्त्व को खोती चली जा रही है। ऐसे में आवश्यकता है कि आज ऐसा माहौल बनाएं कि हिंदी के साथ- साथ, हिन्द देश में रहने वाले नागरिकों का भी सम्मान हो। एक अतिमत्वपूर्ण विन्दु यह कि राष्ट्रीय एकीकरण के लिए हिन्दी अनिवार्य है। उक्त बातें समाज सेविका श्रीमती अपर्णा यादव ने बुद्धवार को हिंदी दिवस पर कहीं।

श्रीमती यादव कैनाल रिंग रोड, तेलीबाग स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो के तत्वावधान आयोजित हिन्दी दिवस एवम
हिन्दी पखवाड़ा के मुख्य समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपना विचार व्यक्त कर रही थीं। उन्होंने हिंदी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हिन्दी हमारी माँ हैं और जहाँ पर माँ का सम्मान नहीं होगा वह राष्ट्र आगे नही बढ़ सकता। आज हर कोई सफलता पाने के लिये इंग्लिश भाषा को सीखना और बोलना चाहता है, क्योकि हम देखते है की आज हर जगह इंग्लिश भाषा की ही मांग शुरू है। ये सच है। भले ही आज इंग्लिश भाषा का ज्ञान होना जरुरी है लेकिन सफलता पाने के लिये हमें अपनी राष्ट्रभाषा को कभी नही भूलना चाहिये। दूसरे देशो में भी हिन्दी भाषा बोलते समय हमें शर्मिंदगी महसूस नही होनी चाहिये बल्कि हिन्दी बोलते समय हमें गर्व होना चाहिये। ऐसे समय में साल में एक दिन हिंदी दिवस मनाना लोगो में हिंदी भाषा के प्रति गर्व को जागृत करता है और लोगो को याद दिलाता है की हिन्दी ही हमारी राष्ट्रभाषा है।

उक्त अवसर पर हिन्दी पखवाड़ा के अन्तर्गत हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेताओं को सम्मानित किया गया। समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि सीआरपीएफ के डीआईजी श्री रविन्द्र सिंह रौतेला, राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो के निदेशक डाँ कुलदीप कुमार लाल, डाँ अखिलेश कुमार मिश्र तथा श्री शरद कुमार सिंह आदि गणमान्यों सहित समस्त अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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राजभाषा के लिए समर्पित गुजराती महिला का हिंदी दिवस पर साहसिक धरना कल 14 सितंबर को दिल्ली में जंतर मंतर पर अकेले

Posted on 15 September 2016 by admin

मीडिया शायद ही इसे कवर करे, क्योंकि ये कोई हत्या, बलात्कार की खबर नहीं. पर राजभाषा के नाम पर हो रहे जिस भ्रष्टाचार को राजेश्वरी सोलंकी ने उजागर किया है, वह देश भर के हिंदी प्रेमियों के लिए स्तब्ध कर देने वाला है.
राजेश्वरी के इस जज्बे को मेरा सलाम !!
गुजरात के लोग भी कमाल के जुझारू होते हैं. इस मामले में वे यूपी-बिहार आदि से कतई कम नहीं. अब इस महिला को ही देखिये - हिंदी के लिए समर्पित ये गुजराती महिला राजभाषा में बढ़ रहे दिखावे के भ्रष्टाचार  के खिलाफ अहमदाबाद से अकेले दिल्ली चल पड़ी है. कोई संगठन नहीं, कोई साथी नहीं, घर वाले भी नहीं. अब वो कल यहां दिल्ली में धरना देने आ रही हैं ! दिन रात हिंदी के लिए घड़ियाली आंसू बहाने और हिंदी के पैसे पर मौज उड़ाने वालों से इतर इस महिला के साहस को मेरा सलाम !!
यूको बैंक चांदखेडा, अहमदाबाद की राजभाषा अधिकारी (53548) सोलंकी राजेश्वरी नरसिंहभाई ने पूरे साहस के साथ न सिर्फ राजभाषा के क्रियान्वयन में की जा रही धांधली का मामला उजागर किया, बल्कि राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना करने के दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए केन्द्र सरकार के आला नेताओं व अधिकारियों को पत्र लिखकर दस दिनों के भीतर उचित कार्रवाई करने अन्यथा धरने पर बैठने की चेतावनी दी थी. जाहिर है, कोई कार्रवाई हुई नहीं, तो ये महिला अकेले दिल्ली में धरना देने चल पड़ीं. कल वे जंतर मंतर पर सुबह से शाम पांच बजे तक सांकेतिक धरने पर बैठेंगी.
राजेश्वरी ने खुलासा किया है कि-
•         राजभाषा नियमों का हो रहा घोर उल्लंघन
•         रिपोर्टों में झूठा दिखाया जा रहा राजभाषा का कार्यान्वयन
•         राजभाषा अधिकारियों को सौंपे जा रहे कार्यालय के अन्य कार्य
•         नौकरी की फ़िक्र में अधिकारी वह सब करने को मजबूर जिससे हिंदी का सरोकार नहीं
•         राजभाषा का सही कार्यान्वयन कराने वाले को प्रताड़ित करते हैं विभाग
•         उन्हें वार्षिक कार्यनिष्पादन रिपोर्ट में अंक कम देना, ताकि पदोन्नति न मिल पाए
•         होम टाउन से स्थानांतरण कर बनाया जाता है उच्च अधिकारियों का गुलाम
•         प्रवीणता प्राप्त अधिकारी भी नहीं करते हिंदी में कार्य
•         ऐसे अधिकारियों पर भी नहीं होती कोई कार्रवाई
•         कार्यपालक ही कर रहे राजभाषा नियमों की जानबूझकर अवहेलना
•         प्रत्येक वर्ष/तिमाही/माह/दिवस में राजभाषा कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते
•         लेकिन कार्यक्रम की रिपोर्ट / कार्यवृत भेजना अवश्य सुनिश्चित किया जाता
राजेश्वरी ने राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना करने वालों पर उचित कार्रवाई तथा न्याय करने की मांग की थी. मांगें नहीं माने जाने पर वे कल नई दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना देंगी
राजभाषा को लेकर की जा रही घपलेबाजी पर राजेश्वरी सोलंकी ने क्या लिखा है?
- सोलंकी राजेश्वरी के अनुसार रिपोर्ट के आंकड़ों पर तथा हिंदी संबंधी कार्यक्रमों के आधार पर पुरस्कार वितरण करने से राजभाषा कासही कार्यान्वयन तो सुनिश्चित नहीं हो रहा बल्कि राजभाषा में दिखावे का भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, जो दिखावे के रूप में आयोजित कार्यक्रमों के रूप में देश का खर्च बढ़ाता हैं। प्रवीणता प्राप्त अधिकारियों द्वारा हिंदी में कार्य नहीं किया जाने पर कोई कार्रवाई नहीं करना, कार्यपालकों द्वारा राजभाषा नियमों की जानबूझकर अवहेलना करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं करना, लेकिन प्रत्येक वर्ष/तिमाही/माह/दिवस में राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक, कार्यशाला, निरीक्षण, प्रतियोगिताएं, हिंदी दिवस, हिंदी प्रशिक्षण दिलवाना ही है। परिणाम स्वरूप प्रत्येक वर्ष तिमाही / माह / दिवस में यह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं एवं कार्यक्रम न किए जाने पर भी कार्यक्रम की रिपोर्ट/कार्यवृत अवश्य भेजना सुनिश्चित अवश्य किया जाता है।
केन्द्र सरकार के अधीनस्थ कार्यालयों में राजभाषा को लेकर की जा रही घपलेबाजी पर राजेश्वरी ने किसे पत्र लिखा था-
राजेश्वरी ने राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना करने के दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य तमाम केन्द्रीय मंत्रियों को पत्र लिखकर दस दिनों के भीतर उचित कार्रवाई करने अन्यथा धरने पर बैठने की चेतावनी दी थी.
भारतीय रेल विद्युत इंजीनियरिंग संस्थान, नासिकरोड के सेवानिवृत्त राजभाषा अधीक्षक मधुकर अ. सूर्यवंशी के अनुसार सोलंकी राजेश्वरी के आरोपों में कड़वी सच्चाई है.
राजेश्वरी के पत्र पर आधारित रिपोर्ट
एक तरफ जहां देश भर में राजभाषा को लेकर एक सप्ताह, पखवाड़ा और माह भर तक आयोजन करने की तैयारियां चल रही हैं, वहीं एक महिला राजभाषा अधिकारी ने राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना किये जाने तथा राजभाषा अधिकारियों के साथ निष्पक्ष न्याय नहीं रखने का गंभीर आरोप लगाया है. यूको बैंक चांदखेडा, अहमदाबाद की राजभाषा अधिकारी (53548) सोलंकी राजेश्वरी नरसिंहभाई ने पूरे साहस के साथ न सिर्फ राजभाषा के क्रियान्वयन में की जा रही धांधली का मामला उजागर किया है, बल्कि राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना करने के दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए केन्द्र सरकार के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर दस दिनों के भीतर उचित कार्रवाई करने अन्यथा धरने पर बैठने की चेतावनी दी है.
सोलंकी राजेश्वरी के अनुसार रिपोर्ट के आंकड़ों पर तथा हिंदी संबंधी कार्यक्रमों के आधार पर पुरस्कार वितरण करने से राजभाषा का सही कार्यान्वयन तो सुनिश्चित नहीं हो रहा बल्कि राजभाषा में दिखावे का भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, जो दिखावे के रूप में आयोजित कार्यक्रमों के रूप में देश का खर्च बढ़ाता हैं। प्रवीणता प्राप्त अधिकारियों द्वारा हिंदी में कार्य नहीं किया जाने पर कोई कार्रवाई नहीं करना, कार्यपालकों द्वारा राजभाषा नियमों की जानबूझकर अवहेलना करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं करना, लेकिन प्रत्येक वर्ष/तिमाही/माह/दिवस में राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक, कार्यशाला, निरीक्षण, प्रतियोगिताएं, हिंदी दिवस, हिंदी प्रशिक्षण दिलवाना ही है। परिणाम स्वरूप प्रत्येक वर्ष/तिमाही/माह/दिवस में यह कार्यक्रम आयोजित किए जाते है एवं कार्यक्रम न किए जाने पर भी कार्यक्रम की रिपोर्ट/कार्यवृत अवश्य भेजना सुनिश्चित अवश्य किया जाता है।
भारतीय रेल विद्युत इंजीनियरिंग संस्थान, नासिकरोड के सेवानिवृत्त राजभाषा अधीक्षक मधुकर अ. सूर्यवंशी ने सोलंकी राजेश्वरी के आरोपों का समर्थन करते हुए लिखा है कि सोलंकी राजेश्वरी के आरोपों में कड़वी सच्चाई है। वास्तव में तिमाही के जो आँकडे जाते हैं, वह वास्तविक नहीं होते। किसी भी अधिकारी को हिंदी नियमों की जानकारी नहीं होती। फिर भी हिंदी कर्मचारी को बेवजह प्रताडित किया जाता है। आपने जो आवाज उठाई है वह सही है। मैं भी इसका शिकार हूँ। मैं भी हरेक को लिख चुका हूँ लेकिन कोई असर नही हुआ है।
दरअसल राजभाषा अधिकारी सोलंकी राजेश्वरी नरसिंहभाई का पत्र देश भर के राजभाषा अधिकारियों के गूगल समूह में चर्चा का विषय बना हुआ है. अपने पत्र में राजेश्वरी ने बताया है कि उन्होंने राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना किये जाने के मामले पर 01.08.2016 को केन्द्रीय गृह मंत्रालय एवं वित्त मंत्रालय को एक पत्र भेजकर पूछा था कि क्या ऐसे दोषी कर्मचारी या अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. राजेश्वरी को मंत्रालय से जवाब मिला कि उनका पत्र कार्यालय ज्ञापन सं:12019/04/2016-रा.भा.(शिका.)/ अन्य शिका.-3 दिनांक 12.08.2016 के तहत विभाग द्वारा आवश्यक कार्रवाई हेतु संयुक्त सचिव (प्रशासन), वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय को भेजा गया है।
इस पत्र में दो बातें लिखी गई हैं, (1) यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी जानबूझकर राजभाषा के बारे में लागू प्रावधानों की अवहेलना करता है तो प्रकरण में संबंधित नियमों एवं आदेशों के उल्लंघन होने के आधार पर कार्रवाई की जा सकती है। (2) राजभाषा विभाग सभी केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों/कार्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको एवं केंद्रीय उपक्रमों से समस्त कार्यपालिका को राजभाषा प्रयोग संबंधी सौंपे गए संवैधानिक और सांविधिक दायित्वों के निष्पादन में और वार्षिक कार्यक्रम में उल्लिखित लक्ष्यों की पूर्ति की दिशा में अभीष्ट स्वैच्छिक समर्थन की आशा और अपेक्षा करता है।
इससे पहले राजेश्वरी राजभाषा अधिकारी, यूको बैंक ने उपर्युक्त विषय में विभिन्न सरकारी कार्यालयों को भी ई-मेल व पत्र भेजा था,जिसमें केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण और प्रणाली के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक के बैंकिंग लोकपाल एवं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के ई-मेल से उन्हें केवल अंग्रेजी में उत्तर प्राप्त हुए. उन्होंने सूचना का अधिकार कानून-2005 के अंतर्गत सूचना प्राप्ति के लिए पोस्टल ऑर्डर के साथ यूको बैंक के सूचना अधिकारी को भी आवेदन भेजा था, जिसका उत्तर राजेश्वरी को अंग्रेजी में प्राप्त हुआ है। जो राजभाषा नियम 5 का घोर उल्लंघन है।
राजेश्वरी का सवाल वाजिब है कि राजभाषा कार्यान्वयन के लिए 1950 से नियम लागू होने के पश्चात भी सरकारी कार्यालयों द्वारा ऑटो जनरेटेड, सिस्टम जनरेटेड ई-मेल केवल अंग्रेजी में भेजने की व्यवस्था क्यों है? यह विडंबना ही है कि उपर्युक्त उल्लंघनों के पश्चात भी कार्यालयों की रिपोर्टों में राजभाषा कार्यान्वयन सुनिश्चित कर दिया जाता है तथा रिपोर्ट के आंकड़ों व हिंदी संबंधी कार्यक्रमों/ प्रतियोगिताओं के आधार पर पुरस्कार वितरण भी किए जाएंगे। इसी कारण अभी तक राजभाषा का उल्लंघन भी चलता रहा है तथा रिपोर्टों में राजभाषा अनुपालन का दिखावा भी चल रहा है।
हकीकत ये है कि रिपोर्टों में राजभाषा का कार्यान्वयन दिखाकर तमाम राजभाषा अधिकारियों को कार्यालय के अन्य कार्य सौंपे जा रहे हैं। अधिकारी भी अपनी नौकरी की फ़िक्र में वह सब काम करने के लिए बाध्य होता है जिससे हिंदी का सरोकार नहीं होता है और कार्यालय को भी एक ऐसा जीव मिल जाता है जो हिंदी में काम करने या न करने पर भी राजभाषा अनुपालन की ही रिपोर्ट तैयार करता है। जो राजभाषा अधिकारी सही रूप से राजभाषा कार्यान्वयन करना चाहे तथा उल्लंघन करने वाले उच्च कार्यालय व उच्च कार्यपालकों को सूचित करें, तो उसे वार्षिक कार्यनिष्पादन रिपोर्ट में अंक कम देना, ताकि पदोन्नति न मिल पाएं तथा होम टाउन से स्थानांतरण कर देना, ताकि वह अधिकारी भी स्वतंत्र भारत में
राजभाषा के कार्यान्वयन को छोड़कर उच्च अधिकारियों का गुलाम बन जाए तथा राजभाषा कार्यान्वयन का दिखावा करके देश व अपने दायित्वों के प्रति बेईमान बनें।
ज्यादातर सरकारी विभागों में एक धारणा बनी हुई है कि राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है. जबकि ऐसा कहीं पर भी नहीं लिखा गया है तथा किसी भी सरकारी अधिकारी को जानबूझकर राजभाषा नियमों के उल्लंघन का अधिकार भी नहीं दिया गया है. राजभाषा कार्यान्वयन न करने के बावजूद रिपोर्ट में कार्यान्वयन दिखाकर भ्रष्टाचार करना तो कानूनन गुनाह है। रिपोर्ट के आंकड़ों पर तथा हिंदी संबंधी कार्यक्रमों के आधार पर पुरस्कार वितरण करने से राजभाषा का सही कार्यान्वयन तो
सुनिश्चित नहीं हो रहा बल्कि राजभाषा में दिखावे का भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, जो दिखावे के रूप में आयोजित कार्यक्रमों के रूप में देश का खर्च बढ़ाता है। प्रवीणता
प्राप्त अधिकारियों द्वारा हिंदी में कार्य नहीं किया जाने पर कोई कार्रवाई नहीं करना, कार्यपालकों द्वारा राजभाषा नियमों की जानबूझकर अवहेलना करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं करना, लेकिन प्रत्येक वर्ष/तिमाही/माह/दिवस में राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक, कार्यशाला, निरीक्षण, प्रतियोगिताएं, हिंदी दिवस, हिंदी प्रशिक्षण दिलवाना ही है। परिणाम स्वरूप प्रत्येक वर्ष/तिमाही/माह/दिवस में यह कार्यक्रम आयोजित किए जाते है एवं कार्यक्रम न किए जाने पर भी कार्यक्रम की रिपोर्ट/कार्यवृत अवश्य भेजना सुनिश्चित अवश्य किया जाता है।
राजेश्वरी का मानना है कि राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना होने पर भी कार्रवाई न करना, तो राजभाषा कार्यान्वयन में दिखावे रूपी भ्रष्टाचार को प्रेरणा और प्रोत्साहन देना है। तथापि यदि उल्लंघन पर कोई कार्रवाई नहीं करनी है तो रिपोर्टिंग में राजभाषा की वास्तविक स्थिति नहीं दर्शाने वाले भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी तथा वास्तविकता की जांच किए बिना ही रिपोर्ट के आंकड़ों को सही मानकर पुरस्कार प्रदान करने हेतु चयन करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों पर भी कार्रवाई करनी होगी, ताकि राजभाषा कार्यान्वयन की वास्तविक स्थिति बनी रहे एवं राजभाषा के कार्यान्वयन के दिखावे का भ्रष्टाचार भी बंद हो। राजभाषा के वास्तविक कार्यान्वयन से या राजभाषा के दिखावे को समाप्त करके हमारे देश के आदर्श सूत्र वाक्य ‘सत्यमेव जयते’ को सार्थक करना होगा। राजभाषा अधिकारियों/कार्यपालकों का भी राजभाषा कार्यान्वयन की सही रिपोर्ट तैयार करके प्रेषित करने से स्वमान बढ़ेगा तथा अपने कर्तव्यों के प्रति बेईमानी करने के बोझ से मुक्ति मिल जाएगी।
राजेश्वरी ने पत्र में कि देश में राजभाषा के सही सम्मान हेतु उचित कार्रवाई करने का अनुरोध करते हुए लिखा है कि वास्तविकता के बिना हिंदी दिवस मनाना केवल
दिखावा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए अधिक प्रयास की जरूरत

Posted on 15 September 2016 by admin

हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में आकाशवाणी द्वारा हिन्दी पखवाड़े का आयोजन किया गया। इस दौरान बुधवार को एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने
हिंदी के महत्व और इसके भविष्य पर विस्तार से चर्चा की।  कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि खैर कन्या महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. बॉबी शर्मा ने कहा कि अन्य भाषाओं के आने से हिंदी का महत्व कम नहीं हुआ। उन्होंने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि डेनमार्क, ओमान, कतर, श्रीलंका, इजरायल, हिब्रो सहित पश्चिमी देशों में उनकी अपनी राष्ट्र भाषा है लेकिन आज तक भारतवर्ष में हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया। आज भी सभी काम अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में हो रहे हैं, यह बड़ा खेद का विषय है। इस पर साहित्यकारों को ध्यान देने की जरूरत है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमहानिदेशक रमेश चंद्र ने कहा कि हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और उसके विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हिंदी का प्रचार-प्रसार करने में आकाशवाणी का विशेष योगदान सदैव रहा है। कार्यक्रम में सहायक निदेशक जगपाल सिंह ने राजभाषा और राष्ट्रभाषा के अंतर को विस्तार से स्पष्ट किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए फोटो जर्नलिस्ट मनोज अलीगढ़ी ने कहा कि फोटोग्राफी के माध्यम से लोगों को हिंदी के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे वर्ष में सरकारी विभागों को हिंदी की याद केवल हिंदी दिवस के चार दिन में ही क्यों आती है? उन्होंने कहा कि हिंदी के विकास के लिए पूरे साल सतत प्रयास करने की जरूरत है। अतिथियों का स्वागत सहायक अभियंता वाईके वर्मा ने और संचालन पीएल पिप्पल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी बृजनंदन ने किया।

सेमिनार में राजेंद्र सिंह, वीके मिश्रा, एचके आदिल, हरीश चंद्र सक्सैना, वीपी सिंह, भगवती प्रसाद, मुकुल कुमार, राजकुमार सहित अनेक अधिकारी व कर्मचारी और
वक्ता मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.संजय कुमार निषाद ने बताया है

Posted on 15 September 2016 by admin

निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.संजय कुमार निषाद ने बताया है कि सपा, बसपा ने मछुआ समुदाय के साथ हमेशा वोट लेकर धोका देने के अलावा कुछ नही किया है।निषाद समाज प्रदेश मे 16% से अधिक होने के बाद अपनी सख्या के अनुसार हमेशा हासिऐ पर साजिश के सहित रखी गयी है।सरकार बनाओ अधिकार पाओ महारैली के माध्यम से अपनी ताकत का प्रर्दशन कल रमाबाई मैदान मे किया जायेगा।2017का विधान सभा चुनाव मे पीस पार्टी,महान दल के साथ चुनावी गठबन्धन किया गया है।पार्टी का विधान सभा चुनाव मे 100सीटे जीतने का लक्ष्य है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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हिन्दी संस्थान के पुरूस्कार वितरण समारोह पर सियासी उठापटक की रही छाया, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के बावजूद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सम्मान समारोह में नहीं पहुंचे,

Posted on 15 September 2016 by admin

हिन्दी संस्थान के पुरूस्कार वितरण समारोह पर सियासी उठापटक की रही छाया, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के बावजूद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सम्मान समारोह में नहीं पहुंचे, मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में राज्यमन्त्त्री अभिषेक मिश्र ने समारोह में शिरकत की. हिन्दी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अभिषेक  मिश्रा ने अंग्रेजी शब्दों का जम कर इस्तेमाल किया। सम्मान समारोह में वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्रा को मधुलिमये साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया इस मौक़े पर हिन्दी संस्थान के अध्यक्ष दादा उदय प्रताप सिंह मौजूद थे

उत्तर प्रदेश में मची सियासी नूरा कुश्ती के बीच हिन्दी संस्थान के पुरूस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए। मुख्यमंत्री की जगह सम्मान समारोह में राज्यमंत्री अभिषेक मिश्रा ने साहित्यकारों को सम्मानित किया। इस मौक़े पर अभिषेक मिश्रा ने कहा की इस दौर में साहित्यकारों पर समाज को दिशा दिखाने की बड़ी ज़िम्मेदारी है. हिन्दी दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में अभिषेक मिश्रा ने हिन्दी से ज़्यादा अंग्रेज़ी शब्दो का प्रयोग किया, सम्मान समारोह में वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्रा को मधुलिमये साहित्य सम्मान, भारत भारती सम्मान से समानित डा विश्वनाथ त्रिपाठी की जगह उन का सम्मान असग़र वजाहत ने लिया, सम्मानित होने वालों में लोहिया साहित्य सम्मान सैयद असग़र वजाहत, हिन्दी गौरव सम्मान डा शेरजंग गर्ग, महात्मा गाँधी साहित्य सम्मान डा गंगा प्रसाद विमल, प दीन दयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान डा रमानाथ त्रिपाठी, अवंतीबाई साहित्य सम्मान डा दीन मोहम्मद दीन, राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन सम्मान हिन्दी प्रचार सभा हैदराबाद को दिया गया

साहित्य भूषन सम्मान से रमाकांत पांडेय “अकेले” रवीन्द्र वर्मा, दिनेश पालीवाल, राजाराम सिंह, डा महाश्वेता चतुर्वेदी, संजीव, दामोदर दत्त दीक्षित, विजय किशोर मानव, राजेन्द्र “राजन” और डा सुधाकर अदीब को दिया गया, लोक भूषन सम्मान से कैलाश मड़बैया, कलभूषण सम्मान नन्द किशोर खन्ना, विधा भूषन सम्मान डा रामानंद शर्मा, विज्ञान भूषण सम्मान काली शंकर, पत्रकारिता भूषण सम्मान शीला झुनझुनवाला, प्रवासी भारतीय हिंदी भूषण सम्मान मेजर शेर बहादुर सिंह- न्यूयार्क, बाल साहित्य भारती सम्मान बाबूलाल शर्मा “प्रेम” , पं श्रीनारायण चतुर्वेदी साहित्य सम्मान अरविन्द तिवारी, विधि भूषण सम्मान शैलेन्द्र कुमार अवस्थी, हिन्दी विदेश प्रसार सम्मान रामदेव धुरंधर (मॉरीशस) और आलोक मिश्रा (यू. एस. ए) जबकि विश्वविद्यालयस्तरीय सामान अनिल कुमार त्रिपाठी और प्रो वशिष्ठ अनूप को दिया गया
सम्मान समारोह में सौहार्द सम्मान से ओम प्रकाश गासो (पंजाब), डा विश्वास किशन पाटील (मराठी), थिंडूजम श्याम किशोर सिंह (मणिपुर), डा रमरप्रिया मिश्रा (उड़िया), प्रो मीनाक्षी जोशी (गुजराती), एस एम सुभ्रमण्यम ‘मोती मद्रासी’ (तमिल), डा प्रत्यूष गुलेरी (डोंगरी), महाराजकृष्ण शाह (कश्मीरी), एहतराम इस्लाम (उर्दू), घीसा लाल अगरवाला, डॉ जे रामचंद्रन नायर (मलयालम) डा उषाकिरन खान (मैथिलि) और डा प्रभुनाथ दिवेदी (संस्कृत) को सम्मानित किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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यह व्यवस्था अधिकतम 3 वर्ष के लिये होगी

Posted on 15 September 2016 by admin

राज्य स्तरीय डायल-100 परियोजना में अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को
गृह जनपद के सीमावर्ती जिले में तैनात किया जा सकेगा
शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि राज्य स्तरीय पुलिस इमरजेंसी प्रबन्धन प्रणाली (पीईएलएस) डायल-100 परियोजना में नियुक्त किये जाने वाले अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को उनके गृह जनपद के सीमावर्ती जनपद में स्थानान्तरित किया जा सकेगा। इसमें प्रतिबंध यह होगा कि परियोजना में नियुक्त होने वाले ऐसे अराजपत्रित पुलिस कर्मियों का वहां पर कार्यकाल अधिकतम 3 वर्ष होगा।
प्रमुख सचिव, गृह श्री देबाशीष पण्डा ने उक्त जानकारी देते हुये आज यहां बताया कि डायल-100 परियोजना में पुलिस बल के अराजपत्रित कर्मियों की तैनाती के संबंध में दिनांक 11 जुलाई, 1986 के शासनादेश में दी गयी व्यवस्था को इसके लिये उक्त सीमा तक शिथिल किया गया है। अतः यह शिथिलिकरण डायल-100 परियोजना में कार्य करने वाले अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को अधिकतम 3 वर्ष तक के लिये ही मान्य होगा
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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दो अलग - अलग स्थानों में आकाशीय बिजली गिरने से एकअबिवाहित युवती की हुई मौत पाँच अन्य झुलसे*

Posted on 15 September 2016 by admin

विकास खंड के अलग अलग दो ग्राम पंचायतो  रामपुर कल्याण गढ़ व सरैया के अहरी पुरवा में बुधवार को सायं 5 बजे खेत में काम कर रही एक अबिवाहित युवती की मौत और दो लोग बुरी तरह से झुलस गयी है ।

जानकारी के अनुसार बुधवार को सायं करीब 5 बजे अचानक  बारिश के साथ तेजी के साथ बिजली के तड़पने की आवाज हुई अपने खेत में काम कर रही साबित्री देवी 65 वर्ष पत्नी उदय नरायन यादव एवं उसकी बेटी शिवकुमारी 21 वर्ष , अनुपमा 14 वर्ष पुत्री उदय नरायन आकाशीय विजली की चपेट में आ गयी जिसकी वजह से उदय नरायन की बड़ी वेटी शिव कुमारी 21 वर्ष की मौके पर ही मौत हो गयी और उनकी पत्नी सावित्री देवी व दूसरी पुत्री अनुपमा बुरी तरह से झुलस गयी है जिनका इलाज मानिकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है । वही सरैया ग्राम पंचायत के मजरा अहरी पुरवा में संतोष के घर में जमीन से अचानक विजली निकली जिसमे संतोष की पत्नी सुकन्या 40 वर्ष व पड़ोस की महिला सोनिया 41 वर्ष पत्नी अशोक व सोनिया के दामाद जयपाल 27 वर्ष बुरी तरह से झुलस गए है तीनो घायलो का इलाज सरैया ग्राम प्रधान कमल यादव ने करवा दिया है जिनकी स्थित ठीक बताई जा रही है । घटना की जानकारी होने पर नायब तहसीलदार राजेश कुमार मौके में पहुँच घायलो को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा और मृत युवती के परिवारी जनो को ढाढ़स बाधने की सम्बेदना व्यक्त की और शासन स्तर से मदद का भरोसा दिया ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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सपा का अंतर्कलह फैमिली ड्रामा और छबि बचाने का नाटक

Posted on 15 September 2016 by admin

यूपी में समाजवादी पार्टी की कलह को बसपा फैमिली ड्रामा, भाजपा छबि बचाने का नाटक और कांग्रेस सत्ता के भूखे लोगों का जनता के साथ छल के रूप में देख रही है।
लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी परिवार में घमासान पर नजर लगाए विपक्षी दलों को प्रदेश सरकार की विदाई और अपनी जीत के आसार दिख रहे हैं। बसपा फैमिली ड्रामा, भाजपा छबि बचाने का नाटक और कांग्रेस की नजर में सत्ता के भूखे लोगों का जनता के साथ छल है।
बाप-बेटे की ड्रामेबाजी : बसपा
बसपा प्रमुख मायावती ने समाजवादी सरकार में जारी उठापटक को बाप बेटे की ड्रामेबाजी करार देते हुए आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव से पहले अपनी खामियां छिपाने के लिए ही दिखावटी नाटकबाजी कर जनता को भ्रम में डाला जा रहा है। प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने आरोप लगाया कि दो मंत्रियों को घोर भ्रष्टाचार के मामलों में बर्खास्त कर देने से प्रदेश सरकार का महापाप कम नहीं हो पाएगा। गायत्री प्रजापति व राजकिशोर सिंह जैसे भ्रष्टाचार में फंसे लोगों को संरक्षण देने की समाजवादी पार्टी में पुरानी परंपरा है। भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ लोकायुक्त की रिपोर्ट को दबाए रखने वाली सरकार से राज्यपाल द्वारा बार-बार पूछने पर भी कोई कार्रवाई न हो पाना समाजवादी नेतृत्व की मंशा को दर्शाता है। मायावती का कहना है कि बसपा शासन में ऐसे मामलों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाती थी।
उत्तर प्रदेश की सियासत पर शुक्रवार को होगा मुलायम का कठोर फैसला
मुलायम के घर मैराथन पांच घंटे तक चली मीटिंग समाप्त हो गई है। इसमें अहम फैसले किए गए हैं। अब शुक्रवार को मुलायम सिंह यादव इस मामले पर कठोर फैसला लेंगे।
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में लगातार बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच प्रोफेसर रामगोपाल यादव गुरुवार को लखनऊ पहुंचने वाले हैं। वह यहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे। इस बीच दिल्ली में शिवपाल और मुलायम सिंह यादव की मैराथन मीटिंग में ‘बाहरी व्यक्ति’ का नाम आने की चर्चा है। सपा सूत्रों के मुताबिक फिलहाल लखनऊ में सपा की किसी तरह की मीटिंग प्रस्तावित नहीं है। असल में गुरुवार को होने वाली संसदीय बोर्ड की बैठक स्थगित कर दी गयी है। अब यह बैठक शुक्रवार को होगी। इस बैठक में सपा महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी शामिल होंगे। कल रामगोपाल यादव की अखिलेश से ही भेंट होनी है। इस बीच मुलायम के घर चल रही मैराथन मीटिंग समाप्त हो गई है। पांच घंटे से ज्यादा चली मीटिंग में अहम फैसले किए गए हैं। अब शुक्रवार को मुलायम सिंह यादव इस मामले पर फैसला लेंगे। बताया गया है कि मामला सामने आने पर ‘बाहरी व्यक्ति’ चेन्नई चले गए हैं।
मुख्यमंत्री को पद छोडऩे का निर्देश दें मुलायम: भाजपा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के अनुसार मुलायम सिंह बुरी तरह फेल सपा सरकार से जनता का ध्यान हटाने के लिए ही अपने पुत्र व मुख्यमंत्री की छवि बचाने का नाटक कर रहे हैं जबकि अखिलेश से इस्तीफा देने के लिए कहना चाहिए। सैफई परिवार जनधन की लूट, अराजकता व अपराधवृद्धि से त्रस्त जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है।
जनता को फैसला करने दें : कांग्रेस
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर का कहना है कि समाजवादी घमासान की वजह भ्रष्टाचारी व सत्ता के भूखे लोगों की अतिमहत्वाकांक्षा है। 27 साल से प्रदेश की जनता बदहाली झेलती चली आ रही हैं। सरकारी धन की लूट, भ्रष्टाचार व जमीनों के कब्जे के माहिर दलों से छुटकारे का जनता ने मन बना लिया हैं। विदाई की वेला पर समाजवादी कुनबे में बिखराव भी दिख रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश को चाहिए कि त्यागपत्र दे कर जनता के बीच जाने का साहस दिखाए।
डूबती नाव के सवारों में कलह : लोकदल
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद का कहना है कि जिस तरह डूबती नाव के सवारों में कलह होती है उसी तरह से आकंठ भष्ट्राचार डूबे समाजवादी कुनबे की आपसी रार जनता के सामने आ रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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अखिलेश अब बच्चे नहीं बड़े हो गए

Posted on 15 September 2016 by admin

अखिलेश अब बच्चे नहीं बड़े हो गए
चेन्नई में सपा सांसद अमर सिंह ने कहा कि अखिलेश को कल और आज में समन्वय करना होगा। अखिलेश मेरे बच्चे की तरह है लेकिन वह अब बच्चे नहीं बड़े हो गए हैं। फिलहाल मैं किसी भी मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करूंगा। कुछ और कुरेदने पर अमर सिंह ने कहा कि मुलायम मुझे प्यार करते हैं ये लोगों को समस्या है। कुछ लोग चाहते हैं की वो मुझसे घृणा करें। मुलायम कहेंगे तो खुद को दोषी मान लूंगा। मुलायम सिंह से मुलाकात करता रहता हूं। इससे पहले उन्होंने कहा कि अखिलेश ने मुझे आज तक कुछ नहीं कहा।
कल पूरे दिन चला धूप-छांव का खेल
सियासी परिवार में कल दोपहर से रात तक धूप-छांव का खेल चलता रहा। कद्दावर मंत्री शिवपाल यादव के चेहरे के रह-रहकर बदले भावों को थोड़ा पढऩे की कोशिश करें तो यूं ही लगा कि वह खुद उलझे रहे कि ये वक्त उनके लिए ‘मुलायम है या ‘कठोर। उनके अजीम दीपक सिंघल की कुर्सी छिनने के बाद ‘चाचा-भतीजे प्रकरण गर्माने से पहले परिवार और दल के मुखिया मुलायम सिंह ने छोटे भाई को प्रदेश की कमान सौंप कर बेहतर ‘संतुलन का प्रयास
मगर, रात होते ही उनके मंत्रलय में फेरबदल पर सवालों के बदले मिली शिवपाल की खामोशी और चेहरे पर शिकन। इटावा में लोक निर्माण विभाग के डाक बंगले में और बाद में कानपुर देहात के आंट गांव में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की मर्जी पर निर्भर करता है कि वे किससे सलाह लें या न लें। अगर मुख्यमंत्री उनसे सलाह मांगेंगे तो वे अपनी सलाह देंगे।
तीन फैसलों से बढ़ी रार
समाजवादी कुनबे की रार में तीन फैसलों ने उत्तर प्रदेश की सियासत और नौकरशाही में हलचल पैदा कर दी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल की छुट्टी करते हुए उनकी जगह राहुल भटनागर की ताजपोशी कर दी तो शाम होते-होते सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपने अनुज और मंत्री शिवपाल सिंह यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंप दी थी। अभी तक यह दायित्व मुख्यमंत्री के ही पास था। इसके कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री ने मंत्री शिवपाल सिंह यादव से सभी महत्वपूर्ण विभाग ले लिए। समाजवादी कुनबे में ये तीनों फैसले बड़े कलह की ओर इशारा कर रहे थे।
अन्तर्कलह दूर करने का प्रयास
मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ऐसे समय पर सौंपी है जिसे परिवार की अन्तर्कलह दूर करने का प्रयास माना जा रहा है। दरअसल, मंत्रियों गायत्री प्रसाद प्रजापति और राजकिशोर सिंह की बर्खास्तगी और कल मुख्य सचिव दीपक सिंघल को अचानक हटा दिए जाने से यह सवाल उठने लगा था कि चाचा-भतीजे के बीच फिर रार बढ़ेगी। दीपक सिंघल और राजकिशोर शिवपाल के ही करीबी माने जाते हैं। वैसे भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मंत्री शिवपाल सिंह यादव के तल्ख रिश्ते समय-समय पर सार्वजनिक होते रहे हैं। कभी शिवपाल ने आगे बढ़कर इस पर विराम लगाया तो कभी खुद मुख्यमंत्री ने।
महत्वपूर्ण विभाग छिन गए
सभी महत्वपूर्ण विभाग छिनने से नाराज शिवपाल सिंह इस्तीफा देने की तैयारी कर चुके थे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रस्ताव पर राज्यपाल राम नाईक ने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल का आदेश रात जारी कर दिया था। अब शिवपाल यादव के पास परती भूमि विकास, भूमि विकास एवं जल संसाधन के साथ समाज कल्याण विभाग का अतिरिक्त कार्यप्रभार रहेगा। पीडब्लूडी और सिंचाई शिवपाल का पसंदीदा विभाग है। अब पीडब्लूडी मुख्यमंत्री के पास रहेगा। राज्यपाल ने मंत्री अवधेश प्रसाद को सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण का अतिरिक्त प्रभार दिया है जबकि बलराम यादव को वर्तमान विभाग के साथ ही राजस्व, अभाव, सहायता एवं पुनर्वासन।
मुख्य सचिव को हटाया जाना
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दो मंत्रियों को बर्खास्त किये जाने के अगले ही दिन कल मुख्य सचिव दीपक सिंघल को भी हटा दिया। 1982 बैच के आइएएस सिंघल को मुख्य सचिव के साथ ही प्रमुख स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली और अध्यक्ष पिकप, उत्तर प्रदेश के पद से भी हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है। सिंघल की जगह 1983 बैच के आइएएस राहुल भटनागर को मुख्य सचिव का दायित्व सौंपा गया है। भटनागर के पास पिकप और प्रमुख सचिव स्थानिक आयुक्त का भी दायित्व रहेगा। अभी तक वित्त आयुक्त एवं प्रमुख सचिव वित्त संस्थागत, वित्त एवं चीनी उद्योग तथा गन्ना विकास के पद पर रहे राहुल भटनागर प्रदेश के 49 वें मुख्य सचिव होंगे। भटनागर ने कल दोपहर कार्यभार भी ग्रहण कर लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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