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अखिलेश अब बच्चे नहीं बड़े हो गए

Posted on 15 September 2016 by admin

अखिलेश अब बच्चे नहीं बड़े हो गए
चेन्नई में सपा सांसद अमर सिंह ने कहा कि अखिलेश को कल और आज में समन्वय करना होगा। अखिलेश मेरे बच्चे की तरह है लेकिन वह अब बच्चे नहीं बड़े हो गए हैं। फिलहाल मैं किसी भी मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करूंगा। कुछ और कुरेदने पर अमर सिंह ने कहा कि मुलायम मुझे प्यार करते हैं ये लोगों को समस्या है। कुछ लोग चाहते हैं की वो मुझसे घृणा करें। मुलायम कहेंगे तो खुद को दोषी मान लूंगा। मुलायम सिंह से मुलाकात करता रहता हूं। इससे पहले उन्होंने कहा कि अखिलेश ने मुझे आज तक कुछ नहीं कहा।
कल पूरे दिन चला धूप-छांव का खेल
सियासी परिवार में कल दोपहर से रात तक धूप-छांव का खेल चलता रहा। कद्दावर मंत्री शिवपाल यादव के चेहरे के रह-रहकर बदले भावों को थोड़ा पढऩे की कोशिश करें तो यूं ही लगा कि वह खुद उलझे रहे कि ये वक्त उनके लिए ‘मुलायम है या ‘कठोर। उनके अजीम दीपक सिंघल की कुर्सी छिनने के बाद ‘चाचा-भतीजे प्रकरण गर्माने से पहले परिवार और दल के मुखिया मुलायम सिंह ने छोटे भाई को प्रदेश की कमान सौंप कर बेहतर ‘संतुलन का प्रयास
मगर, रात होते ही उनके मंत्रलय में फेरबदल पर सवालों के बदले मिली शिवपाल की खामोशी और चेहरे पर शिकन। इटावा में लोक निर्माण विभाग के डाक बंगले में और बाद में कानपुर देहात के आंट गांव में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की मर्जी पर निर्भर करता है कि वे किससे सलाह लें या न लें। अगर मुख्यमंत्री उनसे सलाह मांगेंगे तो वे अपनी सलाह देंगे।
तीन फैसलों से बढ़ी रार
समाजवादी कुनबे की रार में तीन फैसलों ने उत्तर प्रदेश की सियासत और नौकरशाही में हलचल पैदा कर दी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल की छुट्टी करते हुए उनकी जगह राहुल भटनागर की ताजपोशी कर दी तो शाम होते-होते सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपने अनुज और मंत्री शिवपाल सिंह यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंप दी थी। अभी तक यह दायित्व मुख्यमंत्री के ही पास था। इसके कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री ने मंत्री शिवपाल सिंह यादव से सभी महत्वपूर्ण विभाग ले लिए। समाजवादी कुनबे में ये तीनों फैसले बड़े कलह की ओर इशारा कर रहे थे।
अन्तर्कलह दूर करने का प्रयास
मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ऐसे समय पर सौंपी है जिसे परिवार की अन्तर्कलह दूर करने का प्रयास माना जा रहा है। दरअसल, मंत्रियों गायत्री प्रसाद प्रजापति और राजकिशोर सिंह की बर्खास्तगी और कल मुख्य सचिव दीपक सिंघल को अचानक हटा दिए जाने से यह सवाल उठने लगा था कि चाचा-भतीजे के बीच फिर रार बढ़ेगी। दीपक सिंघल और राजकिशोर शिवपाल के ही करीबी माने जाते हैं। वैसे भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मंत्री शिवपाल सिंह यादव के तल्ख रिश्ते समय-समय पर सार्वजनिक होते रहे हैं। कभी शिवपाल ने आगे बढ़कर इस पर विराम लगाया तो कभी खुद मुख्यमंत्री ने।
महत्वपूर्ण विभाग छिन गए
सभी महत्वपूर्ण विभाग छिनने से नाराज शिवपाल सिंह इस्तीफा देने की तैयारी कर चुके थे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रस्ताव पर राज्यपाल राम नाईक ने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल का आदेश रात जारी कर दिया था। अब शिवपाल यादव के पास परती भूमि विकास, भूमि विकास एवं जल संसाधन के साथ समाज कल्याण विभाग का अतिरिक्त कार्यप्रभार रहेगा। पीडब्लूडी और सिंचाई शिवपाल का पसंदीदा विभाग है। अब पीडब्लूडी मुख्यमंत्री के पास रहेगा। राज्यपाल ने मंत्री अवधेश प्रसाद को सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण का अतिरिक्त प्रभार दिया है जबकि बलराम यादव को वर्तमान विभाग के साथ ही राजस्व, अभाव, सहायता एवं पुनर्वासन।
मुख्य सचिव को हटाया जाना
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दो मंत्रियों को बर्खास्त किये जाने के अगले ही दिन कल मुख्य सचिव दीपक सिंघल को भी हटा दिया। 1982 बैच के आइएएस सिंघल को मुख्य सचिव के साथ ही प्रमुख स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली और अध्यक्ष पिकप, उत्तर प्रदेश के पद से भी हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है। सिंघल की जगह 1983 बैच के आइएएस राहुल भटनागर को मुख्य सचिव का दायित्व सौंपा गया है। भटनागर के पास पिकप और प्रमुख सचिव स्थानिक आयुक्त का भी दायित्व रहेगा। अभी तक वित्त आयुक्त एवं प्रमुख सचिव वित्त संस्थागत, वित्त एवं चीनी उद्योग तथा गन्ना विकास के पद पर रहे राहुल भटनागर प्रदेश के 49 वें मुख्य सचिव होंगे। भटनागर ने कल दोपहर कार्यभार भी ग्रहण कर लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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