हिन्दी हमारी मातृ भाषा है। हमें उसका सम्मान करना चाहिये। क्योकि हिन्दी भाषा ही हमारे महान प्राचीन इतिहास को उजागर करती है और वही हमारी पहचान है। परंतु वर्तमान में आर्थिक और तकनिकी विकास के साथ-साथ हिन्दी भाषा अपने महत्त्व को खोती चली जा रही है। ऐसे में आवश्यकता है कि आज ऐसा माहौल बनाएं कि हिंदी के साथ- साथ, हिन्द देश में रहने वाले नागरिकों का भी सम्मान हो। एक अतिमत्वपूर्ण विन्दु यह कि राष्ट्रीय एकीकरण के लिए हिन्दी अनिवार्य है। उक्त बातें समाज सेविका श्रीमती अपर्णा यादव ने बुद्धवार को हिंदी दिवस पर कहीं।
श्रीमती यादव कैनाल रिंग रोड, तेलीबाग स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो के तत्वावधान आयोजित हिन्दी दिवस एवम
हिन्दी पखवाड़ा के मुख्य समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपना विचार व्यक्त कर रही थीं। उन्होंने हिंदी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हिन्दी हमारी माँ हैं और जहाँ पर माँ का सम्मान नहीं होगा वह राष्ट्र आगे नही बढ़ सकता। आज हर कोई सफलता पाने के लिये इंग्लिश भाषा को सीखना और बोलना चाहता है, क्योकि हम देखते है की आज हर जगह इंग्लिश भाषा की ही मांग शुरू है। ये सच है। भले ही आज इंग्लिश भाषा का ज्ञान होना जरुरी है लेकिन सफलता पाने के लिये हमें अपनी राष्ट्रभाषा को कभी नही भूलना चाहिये। दूसरे देशो में भी हिन्दी भाषा बोलते समय हमें शर्मिंदगी महसूस नही होनी चाहिये बल्कि हिन्दी बोलते समय हमें गर्व होना चाहिये। ऐसे समय में साल में एक दिन हिंदी दिवस मनाना लोगो में हिंदी भाषा के प्रति गर्व को जागृत करता है और लोगो को याद दिलाता है की हिन्दी ही हमारी राष्ट्रभाषा है।
उक्त अवसर पर हिन्दी पखवाड़ा के अन्तर्गत हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेताओं को सम्मानित किया गया। समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि सीआरपीएफ के डीआईजी श्री रविन्द्र सिंह रौतेला, राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो के निदेशक डाँ कुलदीप कुमार लाल, डाँ अखिलेश कुमार मिश्र तथा श्री शरद कुमार सिंह आदि गणमान्यों सहित समस्त अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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