हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में आकाशवाणी द्वारा हिन्दी पखवाड़े का आयोजन किया गया। इस दौरान बुधवार को एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने
हिंदी के महत्व और इसके भविष्य पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि खैर कन्या महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. बॉबी शर्मा ने कहा कि अन्य भाषाओं के आने से हिंदी का महत्व कम नहीं हुआ। उन्होंने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि डेनमार्क, ओमान, कतर, श्रीलंका, इजरायल, हिब्रो सहित पश्चिमी देशों में उनकी अपनी राष्ट्र भाषा है लेकिन आज तक भारतवर्ष में हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया। आज भी सभी काम अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में हो रहे हैं, यह बड़ा खेद का विषय है। इस पर साहित्यकारों को ध्यान देने की जरूरत है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमहानिदेशक रमेश चंद्र ने कहा कि हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और उसके विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हिंदी का प्रचार-प्रसार करने में आकाशवाणी का विशेष योगदान सदैव रहा है। कार्यक्रम में सहायक निदेशक जगपाल सिंह ने राजभाषा और राष्ट्रभाषा के अंतर को विस्तार से स्पष्ट किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए फोटो जर्नलिस्ट मनोज अलीगढ़ी ने कहा कि फोटोग्राफी के माध्यम से लोगों को हिंदी के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे वर्ष में सरकारी विभागों को हिंदी की याद केवल हिंदी दिवस के चार दिन में ही क्यों आती है? उन्होंने कहा कि हिंदी के विकास के लिए पूरे साल सतत प्रयास करने की जरूरत है। अतिथियों का स्वागत सहायक अभियंता वाईके वर्मा ने और संचालन पीएल पिप्पल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी बृजनंदन ने किया।
सेमिनार में राजेंद्र सिंह, वीके मिश्रा, एचके आदिल, हरीश चंद्र सक्सैना, वीपी सिंह, भगवती प्रसाद, मुकुल कुमार, राजकुमार सहित अनेक अधिकारी व कर्मचारी और
वक्ता मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com