Archive | December 12th, 2015

समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में आज महासचिव एवं मंत्री श्री अरविन्द सिंह गोप

Posted on 12 December 2015 by admin

समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में आज महासचिव एवं मंत्री श्री अरविन्द सिंह गोप तथा प्रदेश सचिव श्री एस0आर0एस0 यादव, एमएलसी के समक्ष सोनभद्र के बसपा एवं भाजपा के कई जिला एवं क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने अपने दल छोड़कर समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उन्होने पार्टी की नीतियों एवं श्री मुलायम सिंह यादव एवं मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व के प्रति आस्था जताते हुए वर्ष 2017 में समाजवादी सरकार को पुनः बहुमत में लाने के लिए जीजान से जुटने का संकल्प लिया।
बसपा और भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल होने वालों में प्रमुख हैं जिला पंचायत सदस्य श्रीमती काजल पनिक, श्रीमती कलावती कोल, श्री मान सिंह गांेड तथा क्षेत्र पंचायत सदस्य श्री वीरेन्द्र प्रताप सिंह (पूर्वमंत्री श्री विनय सिंह गोंड के पुत्र) श्रीमती राजमती गोंड और श्री राम प्रसाद गोंड।
इस अवसर पर सोनभद्र के दुद्धी क्षेत्र के विधायक श्री रूबी प्रसाद, घोरावल क्षेत्र के विधायक श्री रमेश दुबे तथा पूर्व जिलाध्यक्ष श्री राम निहोर यादव, संजय यादव तथा हिदायत खान, अवध नारायण यादव, केदार यादव तथा जगदीश यादव आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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बीकानेर के कोटड़ी गांव में राज्यपाल ने सुनीं ग्रामीणों की समस्याएं

Posted on 12 December 2015 by admin

राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कल्याण सिंह ने कहा है कि देश के विकास में गांवों की भूमिका अहम् है, वहां विकृतियां नही रहनी चाहिए। विकसित गांव से ही विकसित देश की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। राज्य के विश्वविद्यालयों ने गांव गोद लेने की अभिनव पहल की है। इसके सार्थक परिणाम आ रहे हैं।
श्री सिंह शुक्रवार को बीेकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव कोटड़ी (जोड़बीड़) में स्थानीय ग्रामीणों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा वे स्वयं गांव में पैदा हुए हैं तथा गांव की प्रत्येक समस्या से वाकिफ हैं। गांवों में आधारभूत सुविधाएं शिक्षा, चिकित्सा की विशेष व्यवस्थाएं करना जरूरी है।
उन्होंने कुलाधिपति का कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रत्येक विश्वविद्यालय को कम से कम एक-एक गांव गोद लेने के निर्देश दिए। प्रत्येक विश्वविद्यालय अपनी क्षमता के अनुसार गांव के विकास में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान वे उस विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांव का दौरा जरूर करते हैं।
बालिका शिक्षा पर दिया जोर
राज्यपाल श्री सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की साक्षरता दर बढ़ाने और महिलाओं की स्थिति में सुधार करने की जरूरत है। उन्हांेने कहा कि हमें यह संकल्प लेना होगा कि कोई बेटी निरक्षर नहीं रहे। बेटी को पराया धन नहीं समझना चाहिए बल्कि उसे अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाएं, जिससे शादी के बाद वह दूसरे घर में जाए, तो वहां भी अपने कुल का नाम रोशन करे।
गांवों में ना रहे विकृतियां
राज्यपाल ने कहा कि हमें नशाखोरी मुक्त, अपराध मुक्त और मुकदमा मुक्त गांवों की परिकल्पना को साकार करना होगा। इसके लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने बाल विवाह और मृत्युभोज जैसी कुरीतियांे को खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गांवों में सभी मिलजुल कर भाईचारे के साथ रहें तथा गांव आदर्श गांव बनें।
लिखित में भेजें समस्याएं, प्राथमिकता से होगा निराकरण
श्री सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव से संबंधित समस्याओं को लिखित में जिला कलक्टर को प्रस्तुत करें। जिला स्तर की प्रत्येक समस्या का समाधान कलक्टर द्वारा करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो समस्याएं राज्य स्तर की हैं, उनके समाधान के लिए राजभवन की रिपोर्ट के साथ संबंधित विभाग को लिखा जाएगा।
बदल गई है कोटड़ी की तस्वीर
राज्यपाल ने महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय द्वारा गांव में आधारभूत सुविधाओं के लिए किए गए कार्यों की सराहना की तथा कहा कि पिछले आठ-दस महिनों में कोटड़ी की तस्वीर बदल गई है। उन्होंने कहा कि यह शुरूआत है, अभी गांव में और अधिक कार्य होंगे।
सुनीं समस्याएं, दिए निस्तारण के निर्देश
राज्यपाल ने ग्रामीणों की विभिन्न समस्याओं को सुना। ग्रामीणों ने कोटड़ी में श्मशान भूमि की चारदीवारी निर्माण, खेल मैदान बनाने, विद्यालय को उच्च प्राथमिक से माध्यमिक तक क्रमोन्नत करने, कोटड़ी को राजस्व गांव का दर्जा दिलाने, पानी की टंकी तथा पशुचिकित्सालय बनवाने, गोपालकों के लिए भूमि आवंटित करवाने सहित विभिन्न समस्याएं रखीं। राज्यपाल ने सभी जनसमस्याओं को सुना और जिला कलक्टर को इनकी वस्तुस्थिति की जानकारी तथा निस्तारण के निर्देश दिए।
विकास कार्यों का किया लोकार्पण
राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कोटड़ी के सामुदायिक भवन के जीर्णोद्धार, चारदीवारी एवं अन्य निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उच्च प्राथमिक विद्यालय के कम्प्यूटर कक्ष और पुस्तकालय का फीता काटकर उद्घाटन किया तथा प्रधानाचार्य कक्ष एवं खेलकूद कक्ष का अवलोकन किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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उ0प्र0 में ‘माॅडल सिटीज’ के विकास की कार्य योजना तैयार

Posted on 12 December 2015 by admin

राज्य सरकार ने शहरीकरण की समस्याओं के निराकरण एवं नगरों को स्वच्छ एवं सुरक्षित बनाने के लिए अपने सीमित संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करते हुए कम से कम समय मंे शहरों के स्वरूप में अधिक से अधिक सुधार के मद्देनजर प्रदेश में ‘माॅडल सिटीज’ के विकास हेतु एक कार्य योजना तैयार की है। प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्त तथा जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में शासन द्वारा आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यह जानकारी आज यहां देते हुए बताया कि बढ़ते शहरीकरण की समस्याओं पर अंकुश लगाने के लिए व्यापक विचार-विमर्श करके ‘माॅडल सिटीज’ कार्य योजना तैयार की गई है। इस कार्य योजना की आवश्यकता एवं उद्देश्य, योजना के कम्पोनेन्ट्स, वित्त पोषण एवं क्रियान्वयन तथा नियमित माॅनीटरिंग के सम्बन्ध में भी उत्तरदायित्व एवं  व्यवस्था तय कर दी गई है।
प्रवक्ता ने माॅडल सिटीज कार्य योजना के उद्देश्य एवं आवश्यकता के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि शहरीकरण के फलस्वरूप प्रदेश के सामने अतिक्रमण, अनाधिकृत कालोनियांे एवं मलिन बस्तियों में वृद्धि, मौलिक सुविधाओं का अभाव, टैªफिक कन्जेशन, अव्यवस्थित शहरी विस्तार, अफोर्डेबल हाउसिंग का अभाव, अस्वच्छता तथा पर्यावरण सम्बन्धी चुनौतियां पैदा हो रही हैं। यह चुनौतियां शहरी नागरिकों के जीवन को प्रभावित करने के साथ ही सम्पूर्ण पर्यावरण को प्रभावित कर रही हैं। इसलिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु शहरों को स्वच्छ, सुरक्षित तथा सस्टेनेबल बनाना जरूरी है। इसके लिए स्वदेशीय एप्रोच अपनाए जाने की आवश्यकता है।
प्रवक्ता ने बताया कि अभिकरणों के पास संसाधन सीमित होने के कारण एक ऐसी कार्य नीति की आवश्यकता है, जिसके क्रियान्वयन में कम से कम संसाधनों का उपयोग करते हुए न्यूनतम समय में शहरों के स्वरूप में अधिक से अधिक सुधार लाया जा सके। इसी क्रम में प्रदेश के ऐतिहासिक, सामाजिक-सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहरों को माॅडल सिटीज के रूप में विकसित करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। इस कार्य योजना तहत चयनित शहरों के लिए अल्पकालीन कार्य योजनाएं तैयार कर कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से क्रियान्वित की जाएगी। शहरों का चयन मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि माॅडल सिटीज कार्य योजना के क्रियान्वयन हेतु आवास एवं शहरी नियोजन विभाग नोडल विभाग होगा, जो विभिन्न संस्थाओं एवं अभिकरणों के माध्यम से योजना को अमल में लाएगा।  इस योजना के विभिन्न कम्पोनेन्ट्स के क्रियान्वयन हेतु वित्त पोषण के लिए विकास प्राधिकरण आवास एवं विकास परिषद, आवास एवं शहरी नियोजन, परिवहन विभाग, उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0, ऊर्जा विभाग, चिकित्सा विभाग, बेसिक/माध्यमिक शिक्षा, नगर विकास, स्थानीय विकास, जिलाधिकारी आदि उत्तरदायी होंगे। चयनित शहरों में इस योजना का क्रियान्वयन दो वर्षाें (2015-16 एवं 2016-17) की अवधि में सुनिश्चित किया जाएगा। इस कार्य योजना के क्रियान्वयन में निजी क्षेत्र का भी सक्रिय सहयोग प्राप्त किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि कार्य योजना की डी0पी0आर0 के अनुमोदन एवं क्रियान्वयन में समन्वय तथा स्थानीय स्तर पर प्रगति के अनुश्रवण हेतु मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में एक 13 सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष सम्बन्धित मण्डलायुक्त तथा मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक के प्रतिनिधि सदस्य संयोजक होंगे। राज्य स्तर पर अनुश्रवण हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक 11 सदस्यीय अन्तर्विभागीय समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें अन्य सदस्यों के अलावा मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक सदस्य एवं संयोजक होंगे।
कार्य योजना के विभिन्न कम्पोनेन्ट्स के बारे में जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि योजना के तहत यातायात एवं परिवहन व्यवस्था में सुधार, अवस्थापना सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण, शैक्षिक एवं चिकित्सा सुविधाओं में सुधार, पर्यावरण संरक्षण, हेरिटेज स्थलों का सुधार एवं संरक्षण, अफोर्डेबल हाउसिंग की आपूर्ति, जनसमस्याओं की सुनवाई एवं निस्तारण, जनसुरक्षा एवं जागरूकता अभियान शामिल हैं।
यातायात एवं परिवहन व्यवस्था में सुधार के अन्तर्गत शहर की मुख्य सड़कों को अतिक्रमण मुक्त तथा जरूरत के मुताबिक उनका चैड़ीकरण किया जाएगा। पैदल यात्रियों को तीव्रगामी टैªफिक से अलग करने हेतु फुटपाथ का निर्माण एवं पैदल चलने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा यात्रियों के लिए सुरक्षित एवं सुविधाजनक वातावरण का सृजन भी किया जाएगा। पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए फुटओवर ब्रिज/अण्डरपास का निर्माण तथा खतरनाक मोड़ों/कर्व पर गार्डरेल की व्यवस्था की जाएगी। साइकिल चालकों के सुरक्षित आवागमन हेतु साइकिल टैªक का निर्माण तथा सड़क सुरक्षा हेतु साइकिल को ट्रांसपोर्ट मोड के रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा। शहर के मुख्य चैराहों का सुधार तथा आवश्यकतानुसार रोटरी, टैªफिक आईलैण्ड/सेन्ट्रल वर्ज अथवा स्पीड ब्रेकर आदि का निर्माण भी सुधार कार्याें में शामिल है।
शहरों के महत्वपूर्ण स्थानों, कार्य केन्द्रों के नजदीक बस-स्टाप की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। आन्तरिक सड़कों एवं अन्य प्रतिबन्धित स्थानों पर अनाधिकृत पार्किंग पर नियंत्रण तथा उपयुक्त स्थलों पर पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। टैªफिक कन्जेशन कम करने हेतु ‘नान व्हीकलर स्ट्रीट्स/जोन्स’ का चिन्हीकरण तथा ‘वेंडिंग जोन्स’ का चिन्हीकरण सड़कों, पार्काें, अन्य सार्वजनिक स्थलों से वेंडर्स को चिन्हित जोन्स में स्थानान्तरित किया जाएगा। इसके अलावा शारीरिक रूप से अशक्त व्यक्तियों की सुविधा एवं सुरक्षा हेतु पार्किंग व्यवस्था, रैम्प, फुटपाथ तथा जनसुविधाओं का प्राविधान सुनिश्चित किया जाएगा। टैªफिक मैनेजमेन्ट के अन्तर्गत ‘वन-वे स्ट्रीट’ घोषित करना, पार्किंग प्रबन्धन, टैªफिक सिग्नल्स की व्यवस्था के साथ ही बस कनेक्टिविटी में सुधार की योजना बनायी जाएगी।
शहरीकरण के फलस्वरूप अवस्थापना सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण एवं सुधार के बारे में प्रवक्ता ने बताया कि ड्रेनेज व्यवस्था में सुधार हेतु नालों-नालियों की सफाई, सड़कों पर पाट’होल्स की मरम्मत एवं जल भराव वाले क्षेत्रों का सुधार तथा सुनिश्चित विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था करने के साथ अण्डर ग्राउण्ड केबलिंग की जाएगी। कूड़े के एकत्रीकरण हेतु उपयुक्त स्थानों पर डस्टबिन्स स्थापित की जाएगी। साथ ही, कूड़े का सेग्रीगेशन, एकत्रीकरण, स्थानान्तरण एवं रिसाइक्लिंग/शहर के बाहर निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा विद्युत लाइनों एवं विद्युत पोल्स के एलाइनमेन्ट को व्यवस्थित किया जाएगा। महत्वपूर्ण सड़कों पर प्रकाश व्यवस्था हेतु सोलर स्ट्रीट लाइटिंग एवं एल0ई0डी0 के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। सार्वजनिक स्थलों पर जन सुविधाओं जैसे शौचालय, डस्टबिन, बैठने हेतु बेंच, पेयजल व्यवस्था आदि का प्राविधान किया जाएगा। इसके अलावा शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर ‘वाई-फाई’ कनेक्टिविटी की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि शहरीकरण की चुनौतियांे को देखते हुए शैक्षिक एवं चिकित्सा सुविधाओं में सुधार के लिए शिक्षण संस्थाओं जैसे नर्सरी, प्राइमरी एवं अन्य उच्चतर विद्यालयों का जीर्णाेद्धार के साथ ही, चिकित्सा सुविधाओं (प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, डिस्पेन्सरी, अस्पताल आदि) सेवाओं में सुधार एवं संवर्धन किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण एवं सुधार के लिए शहर के अन्दर खाली एवं अप्रयुक्त जमीनों पर पार्क तथा ग्रीन बेल्ट/सिटी फाॅरेस्ट का विकास किया जाएगा। पार्क एवं हरित क्षेत्रों का सुधार के साथ ही सौन्दर्यीकरण एवं वृक्षारोपण के साथ ही वाटरबाॅडीज, तालाब पोखर आदि का संरक्षण एवं सुधार किया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण हेतु बैट्री चालित रिक्शा, टैम्पो तथा आॅटो को प्रोत्साहित किया जाएगा। रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तथा जल की रिसाइक्लिंग की भी व्यवस्था की जाएगी।
प्रवक्ता ने माॅडल सिटीज कार्य योजना के तहत हेरिटेज स्थलों का सुधार एवं संरक्षण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शहर के ऐतिहासिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों के आस-पास अतिक्रमण निवारण, सफाई, सौन्दर्यीकरण, पार्किंग व्यवस्था तथा जन सुविधाओं का प्राविधान किया जाएगा। स्थानीय कला एवं संस्कृति का संरक्षण एवं प्रोत्साहन जैसे (पाॅटरीज, कांच उद्योग, कालीन बुनाई, हैण्डलूम, इत्र उद्योग) आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। अफोर्डेबल हाउसिंग की आपूर्ति हेतु राज्य सरकार द्वारा घोषित अफोर्डेबल हाउसिंग नीति के अधीन संचालित समाजवादी आवास योजना का शासकीय अभिकरणों के माध्यम क्रियान्वयन सुनिश्चिित किया जाएगा। इस योजना के क्रियान्वयन के फलस्वरूप स्थानीय नागरिकों को उनकी माली हैैैसियत के हिसाब से आवास उपलब्ध हो सकेंगे तथा अवैध कालोनियों तथा मलिन बस्तियों के फैलाव पर नियंत्रण लग सकेगा। शहरी निर्धनों के लिए लो-कास्ट हाउसिंग/आसरा योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि माॅडल सिटीज कार्य योजना के तहत जन समस्याओं की सुनवाई एवं उसके निस्तारण की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, जन सुरक्षा के लिए समुचित पुलिस चैकियों, पुलिस स्टेशनों की व्यवस्था तथा इलेक्ट्राॅनिक सर्विलेन्स सिस्टम की स्थापना भी की जाएगी। कार्य योजना के तहत जनता को स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण, जल एवं विद्युत संरक्षण तथा यातायात नियमों के पालन हेतु जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। चयनित शहरों की मैपिंग एवं डी0पी0आर0 तैयार करने का कार्य नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के निर्देशन में किया जाएगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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दुनिया के पटल पर जौहर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जायेगा जनपद रामपुर रामपुर में हुए विकास कार्यों से हमें लेनी होगी सीख

Posted on 12 December 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण, सहकारिता, सिंचाई एवं जल संसाधन, परती भूमि विकास, राजस्व, अभाव, सहायता पुनर्वास तथा लोक सेवा प्रबन्धन विभाग के मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने मो0 अली जौहर यूनिवर्सिटी के कैम्पस में उनके यौमे-पैदाइश के अवसर पर आयोजित “याद-ए-जौहर“ जनपद रामपुर में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के काबीना मंत्री/चान्सलर मो0 अली जौहर विश्वविद्यालय श्री मो0 आज़म खां ने जिस तरह से पूरे शहर को सजाया और सवाॅरा है साथ ही मौलाना जौहर की विरासत को आगे बढ़ाया हैं, हम सभी को इससे सीख लेने की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग अपनी विरासत को भूल जाते हैं, वे दुनिया के नक्शे पटल से मिट जाते हैं। रामपुर के विकास के लिए जो भी आवश्यकता होगी प्राथमिकता के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार उसे पूरा करेगी। बजट की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी।
श्री यादव के समक्ष विश्वविद्यालय कैम्पस में सड़कों के निर्माण, लालपुर पुल को बनवाने तथा निर्मित सेंजनी के पुल को लिंक रोड से जोड़ने में आ रही दिक्कतों को भूमि अधिग्रहण करके दूर किये जाने तथा पुल व सड़को के निर्माण की मांग रखे जाने को स्वीकार करते हुए कहा कि इसके अलावा जनपद के विकास में जो भी आवश्यकता पड़ेगी सरकार उसे पूरा करेगी। यूनिवर्सिटी रोड का नाम राहे आज़म रखने की भी स्वीकृति प्रदान करते हुए उन्होंने टीपू सूल्तान मार्केट में 22 दुकानों को लाटरी के माध्यम से जो आवंटित किये गये हैं। लाभार्थियों को आवंटित करते हुए उन्हें मालिकाना हक प्रदान की। आवंटित दुकानों में श्रीमती नसरीन, मो0 नवाब, महेन्द्र कुमार, श्रीमती गुलजारा, मुमताज अली, फिरासत अली, अतीक अहमद, सलमान खां, शहजाद, सद्दीक खां, महफूज अहमद, कामरान, इरकान, फाजिल खां, शादाब अहमद, तौसीफ अहमद, राजू, खालिद रजा, दाउद अहमद, मुजाहिद रजा, नजमी अहमद एवं श्रीमती बादशाही बेगम लाभार्थियों में शामिल हैं।
श्री यादव ने याद-ए-जौहर कार्यक्रम के तहत आयोजित खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम वाद-विवाद, पोस्टर प्रतियोगिता, वेतबाजी, भाषण आदि में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पाने वाले छात्र-छात्राओं को तथा शिक्षण एवं अन्य क्षेत्र में सराहनीय एवं बेहतरीन कार्य करने वालों पुरस्कार वितरित किये। पुरस्कृत किये जाने वालों में अम्मार विलाल, मो0 रिजवान, अकील अहमद, मो0 हारून, आईशानुमा, इकरा मुअज्जम, आईशा सिद्दीक, अली अख्तर, सानिया खां, मुर्तजा, मोईन खां, मो0 हारून, सादिया जाफर, आफरीन, आरिफ, गुलरेज निजामी, सीमा प्रसाद, कलीम, परमान, अकबर मसउद, अफसर उद्दीन, कलीमु र्रहमान एवं गज़ल कार्यक्रम में- शाकिब, सुरसंगम में- फराहान खुर्शीद, स्कीट में जाहॅगीर, कब्बाली में एकता शिक्षकों में डा0 गुलरेज, डा0 अतिया कमर आदि शामिल हैं।
प्रदेश के काबीना मंत्री श्री मो0 आज़म खां ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनपद रामपुर मो0 अली जौहर विश्वविद्यालय के नाम से पूरी दुनिया में जाना जायेगा। इस विश्वविद्यायल में 23 हजार बच्चें लगभग 33 विषयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। छात्र-छात्राओं को अलग-अलग कक्षाओं का प्रबन्ध किया गया हैं। उनके चहुमुखी प्रतिभा को निखारने के लिए शिक्षा के साथ-साथ यहाॅ पर कल्चरल प्रोग्राम भी आयोजित किये जाते हैं। बच्चों ने आज यहाॅ विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किये हैं, और जिस तरह से संजीदगी का सुबूत दिया हैं वह काबिले तहसीन हैं। मैं इनके अच्छे मुस्तकबिल की कामना करता हॅू। हमने जिन्दगी में जो सोचा था सुनहरा ख्वव देखा था, वह आज पाय-ए-तकमील तक पहंुच रहा हैं। जनपद रामपुर में प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के साथ ही इस शहर का काफी विकास हुआ हैं। रामपुर का मुस्तकबिल अच्छा हैं। उन्होंने कहा कि जिस मौहाल में बच्चों को तालीम से आरास्ता किया जा रहा हैं, कल दुनिया के आसमान पर यही बच्चें सितारा बनकर रौशन होंगे। उन्होंने कहा कि गरीबों को आसरा योजना के तहत आवास बनाकर उन्हें दिये जा रहें हैं तथा उन्हें रोजगार स्थापित करने के लिए गांधी माल, बी-अम्मा एवं टीपू सुल्तान मार्केट में दुकानें आवंटित की गई हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्यमंत्री ने लखनऊ की लम्बित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के लिए रक्षा मंत्री से अपने मंत्रालय की अनुमति दिलाने का अनुरोध किया

Posted on 12 December 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने लखनऊ की विभिन्न लम्बित परियोजनाओं को पूरा कराने के लिए केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री पर्रीकर से रक्षा मंत्रालय की अनुमति दिलाने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में श्री पर्रीकर को एक पत्र लिखकर 3 प्रकरणों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए विश्वास जताया है कि केन्द्रीय रक्षा मंत्री के सहयोग से इन परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किया जा सकेगा।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने लखनऊ शहर के समग्र विकास एवं जनता की सुविधा हेतु राज्य सरकार द्वारा विभिन्न महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को प्रारम्भ किए जाने का उल्लेख करते हुए यह भी लिखा कि कतिपय प्रकरण रक्षा मंत्रालय में लम्बित होने की वजह से इन परियोजनाओं को पूरा करने में समस्या आ रही है और जनता को इनका लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा।
रक्षा मंत्रालय मंे लम्बित प्रकरणों की ओर श्री पर्रीकर का ध्यान आकृष्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा कि लखनऊ शहर की बढ़ती आबादी व विकास को दृष्टिगत रखते हुए यातायात समस्या से निजात पाने के लिए पेरिफरियल सड़क के निर्माण हेतु कुकरैल नाले पर बनने वाले मार्ग व सेतु निर्माण से सम्बन्धित विवाद को दूर करने के लिए 17 दिसम्बर, 2013 को तत्कालीन रक्षा मंत्री एवं 13 फरवरी, 2015 को श्री पर्रीकर को पत्र लिखा गया था। किन्तु यह प्रकरण रक्षा मंत्रालय स्तर पर अब भी लम्बित है। उन्होंने कहा है कि जिला प्रशासन तथा राज्य सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में रक्षा मंत्रालय से लगातार अनुरोध किया जा रहा है, किन्तु वांछित अनुमति न मिलने के कारण सड़क व सेतु के निर्माण अधूरे पड़े हैं। यदि रक्षा मंत्रालय से इसकी अनुमति शीघ्र प्राप्त हो जाती है तो सड़क व सेतु का अधूरा निर्माण कार्य अतिशीघ्र पूरा कराया जा सकेगा।
रक्षा मंत्रालय में लम्बित एक अन्य महत्वपूर्ण प्रकरण की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ शहर में कुकरैल बन्धे के ऊपर 6 लेन चैड़े 4.180 कि0मी0 निर्माणाधीन फ्लाईओवर/उपरगामी सेतु, जिसका 2.55 कि0मी0 का भाग काफी पहले ही पूर्ण हो चुका है, लेकिन सेना से ‘आपरेशनल’ अनुमति न मिलने के कारण अभी तक अवशेष निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। इस सम्बन्ध में 12 जून, 2013, 05 अगस्त, 2013, 19 अगस्त, 2013 तथा 19 अगस्त, 2014 को शासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा तथा 11 मार्च, 2015 को उनके द्वारा अनुरोध पत्र भेजा गया था। सेना से ‘वर्किंग परमीशन’ न मिल पाने के कारण जनता की सुविधा के लिए शुरू किया गया यह प्रोजेक्ट अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। उन्होंने इस प्रकरण में भी शीघ्र अनुमति देने का अनुरोध किया है।
श्री यादव ने रक्षा मंत्रालय स्तर पर लम्बित एक और मामले की ओर श्री पर्रीकर का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि लखनऊ शहर में ट्रैफिक दबाव को कम करने व आम जनता के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए, दिलकुशा एवं जनेश्वर मिश्र पार्क के मध्य गोमती नदी (पिपराघाट) पर 260.68 मीटर लम्बाई में एक सेतु निर्माणाधीन है, जिसका 40 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस बारे में प्रदेश शासन द्वारा 04 जुलाई, 2015 व 31 अगस्त, 2015 को सम्बन्धित अधिकारियों को अनुरोध पत्र भेजे गये तथा उनके द्वारा भी 02 नवम्बर, 2015 को पत्र के माध्यम से अनुरोध किया गया, किन्तु सेना से वर्किंग परमीशन न मिलने के कारण यह प्रोजेक्ट भी अभी अधूरा पड़ा है।
श्री यादव ने केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय के स्तर पर लम्बित इन समस्त प्रकरणों के बारे में पूर्व में लिखे गये अपने पत्रों की छायाप्रति संलग्न करते हुए लखनऊ शहर की जनता की सुविधा के लिए इन लम्बित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रीकर से शीघ्र अनुमति एवं सहयोग देने का पुनः अनुरोध किया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को बोहइया गांव के 05 पात्र व्यक्तियों को लोहिया ग्रामीण आवास एवं सभी पात्र व्यक्तियों को समाजवादी पेंशन देने के निर्देश दिए

Posted on 12 December 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जिलाधिकारी बाराबंकी को गांव बोहइया के राज्य सरकार द्वारा संचालित समाजवादी पेंशन योजना के अन्तर्गत सभी पात्र व्यक्तियों का चयन करा कर उन्हें पेंशन दिलाने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्हांेने इसी गांव के 05 पात्र व्यक्तियों को लोहिया ग्रामीण आवास योजनान्तर्गत आवास दिलाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री आज बाराबंकी जनपद की तहसील फतेहपुर के अन्तर्गत गांव बोहइया में राज्य प्रदूषण बोर्ड के सदस्य श्री राजेश यादव उर्फ राजू के यहां एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे।
इस अवसर पर राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य श्री अरविन्द कुमार सिंह ‘गोप’, श्री फरीद महफूज किदवई, श्री राजीव कुमार सिंह के अलावा विधायकगण तथा अन्य पदाधिकारी व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 12 दिसम्बर को-एस.एन. अग्निहोत्री

Posted on 12 December 2015 by admin

जनता की समस्याओं के तुरंत समाधान के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 12 दिसम्बर को पूरे प्रदेश की सभी अदालतो में कर के एक बार फिर देश में रिकार्ड कायम करने की कोशिश शुरू हो गयी है। प्रदेश के सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक आशुतोष निरंजन ने बताया है कि बीते बर्ष में उ0प्र0विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में देश में सबसे अधिक मामलो का निपटारा करने के कारण कीर्तिमान बना था। उ0प्र0विधिक सेवाप्राधिकरण के सचिव एस.एन. अग्निहोत्री ने बताया कि लोक अदालत से जनता को सस्ता, षीघ्र और सुलभ न्याय मिलता हैं। हर साल हजारों फरियादियों को लोक अदालत से न्याय मिलता रहा हैं। इसलिये लोक अदालत की प्रासंगिकता और उपादेयता बनी हुई हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 12 दिसम्बर को पूरे प्रदेश की सभी स्थानो पर होगा।सचिव तेज प्रताप तिवारी ने लोक अदालत में लिए जाने बाले बाद के बारे में बिस्तार से जानकारी देते हुए सफलता के लिए मीडिया का जागरूकता अभियान में सहयोग की बात कही। ज्ञातव्य हैं कि लोक अदालत जनता को सस्ता, शीघ्र और सुलभ न्याय के लिये आयोजित किये जाते हैं। इन न्यायालयों में आपसी समझौते से प्रकरणों का निराकरण किया जाता हैं। वर्षो से लंबित प्रकरण एक दिन में निराकृत हो जाते हैं, जिससे फरियादी का समय और धन दोनों की बचत होती हैं। लोक अदालत में न्यायालय, अभिभाषक और फरियादी की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। तीनों के सहयोग से प्रकरणों का निराकरण सम्भव हो पाया हैं।  लोक अदालत द्वारा मुकदामों का निपटारा करने के निम्नलिखित लाभ हैं वकील पर खर्च नहीं होता। कोर्ट-फीस नहीं लगती। पुराने मुकदमें की कोर्ट-फीस वापस हो जाती है।
किसी पक्ष को सजा नहीं होती। मामले को बातचीत द्वारा सफाई से हल कर लिया जाता है। मुआवजा और हर्जाना तुरन्त मिल जाता है। मामले का निपटारा तुरन्त हो जाता है। सभी को आसानी से न्याय मिल जाता है। फैसला अन्तिम होता है। फैसला के विरूद्ध कहीं अपील नहीं होती है।वर्ष 1976 में 42वें संशोधन के द्वारा भारत के संविधान में अनुच्छेद 39 के जोड़ा गया जिसके द्वारा शासन से अपेक्षा की गई कि वह यह सुनिश्चित करे कि भारत को कोई भी नागरिक आर्थिक या किसी अन्य अक्षमताओं के कारण न्याय पाने से बंचित न रह जाये। इस उददेश्य की प्राप्ति के लिए सबसे पहले 1980 में केन्द्र सरकार के निर्देश पर सारे देश में कानूनी सहायता बोर्ड की स्थापना की गई। बाद में इसे कानूनी जामा पहनाने हेतु भारत सरकार द्वारा विधिक सेवा प्राधिकार अधिनियम 1987 पारित किया गया जो 9 नवम्बर 1995 में लागू हुआ। इस अधिनियम के अन्तर्गत विधिक सहायता एवं लोक अदालत का संचालन का अधिकार राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकार को दिया गया।

राज्य विधिक सेवा प्राधिकारण में कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत अथवा सेवारत न्यायाधीश और सदस्य सचिव के रूप में वरिष्ट जिला जज की नियुक्ति की जाती है। इसके अतिरिक्त महाधिवक्ता, सचिव वित, सचिव विधि, अध्यक्ष अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग, मुख्य न्यायाधीश जी के परामर्श से दो जिला न्याशीधीश, अध्यक्ष बार काउन्सिल, इस राजय प्राधिकरण के सचिव सदस्य होते हैं और इनके अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से 4 अन्य व्यक्तियों को नाम निर्दिष्ट सदस्य बनाया जाता है। इसी प्रकार प्रत्येक जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है।लोक अदालत को सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८ के तहत सिविल कार्यवाही की शक्ति होगी। दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 195, और के अध्याय 6 के प्रयोजन हेतु की कार्यवाही सिविल कार्यवाही होगी। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 193ए, 219 - 228 के तहत की गई कार्यवाही न्यायिक कार्यवाही मानी जाएगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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पेराई सत्र शुरू होने के लगभग डेढ़ माह देरी से आगामी 15 दिसम्बर से प्रदेश की अधिकांश चीनी मिलें पेराई शुरू करने का मन बना रही हैं

Posted on 12 December 2015 by admin

पेराई सत्र शुरू होने के लगभग डेढ़ माह देरी से आगामी 15 दिसम्बर से प्रदेश की अधिकांश चीनी मिलें पेराई शुरू करने का मन बना रही हैं, जबकि अभी तक प्रदेश सरकार ने गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा नहीं की है जिसके चलते एक बार फिर प्रदेश के गन्ना किसान ठगा महसूस कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जे0पी0 सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि प्रदेश सरकार गन्ना किसानों से विमुख हो पंचायत चुनावों में जुटी रही और खून पसीने से तैयार करके किसान अपनी गन्ने की उपज की बिक्री के लिए दर-दर भटकने और बिचैलियों के हाथों ठगे जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि समाजवादी पार्टी की प्रदेश सरकार ने एक सोची समझी चाल के तहत पंचायत चुनावों को देखते हुए गन्ने के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा नहीं किया, ताकि इसका कोई प्रभाव चुनाव पर न पड़े। गन्ना किसान और कांग्रेस पार्टी गन्ने के न्यूनतम समर्थन मूल्य केा बढ़ाने हेतु बार-बार मांग कर रही है किन्तु चीनी मिल मालिकों से सांठ-गांठ के चलते राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के पक्ष में नहीं है यही कारण है कि चीनी मिलों द्वारा अभी तक पेराई शुरू नहीं की गयी है। यदि राज्य सरकार नहीं चेती और न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया तो गन्ना किसानों की माली हालत बद से बदतर हो जायेगी। यदि राज्य सरकार ने अपनी नीति नहीं बदली तो गन्ना किसानों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
श्री सिंह ने कहा कि साल दर साल गन्ने की फसल को तैयार करने में गन्ना किसानों को खाद, बीज, पानी, कीटनाशक, ढुलाई आदि के मद में अधिक पैसा खर्च करना पड़ रहा है जिससे प्रति वर्ष गन्ने की लागत बढ़ती जा रही है किन्तु न्यूनतम समर्थन मूल्य विगत कई साल से नहीं बढ़ रहा है, जिससे गन्ना किसान को गन्ने की फसल से लाभ के बजाय हानि उठानी पड़ रही है। यदि इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं बढ़ेगा तो गन्ना किसानों को काफी हानि उठानी पड़ेगी।
प्रवक्ता ने मांग की है कि समाजवादी पार्टी द्वारा अपने घोषणा पत्र में किये गये वादे के अनुसार राज्य सरकार 380 रूपये प्रति कुंतल गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य की तत्काल घोषणा करे और चीनी मिलों को तुरन्त चलाये जाने हेतु निर्देशित करे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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