Posted on 26 September 2014 by admin
जिला सुरक्षा संगठन के उपाध्यक्ष एवं साहित्यकार कमल नयन पाण्डेय ने कहा कि यह प्रशासन का अनुयायी व पिछलग्गू संगठन नहीं बल्कि मार्गदर्शक संगठन है। जिले में साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए प्रशासन के उलझने की स्थिति में सुलझाने का काम करता है।
दरियापुर स्थित महेन्द्रा संस्थान पर आयोजित बैठक में वार्ड अध्यक्षों व कार्यकारिणी को सम्बोधित करते हुए कहा कि कार्यकर्ता संगठन में सक्रिय रहकर रचनात्मक व सकारात्मक कार्य करें। औपचारिक पाखण्ड के बिना काम करने पर चर्चा को बनाये रखें तथा आपस में एक दूसरे से जुडें़। संगठन के संयोजक सुन्दर लाल टण्डन ने कहा कि संगठन आज शैशव से युवा अवस्था में पहुंच गया है। संगठन में पूरी परिपक्वता आ गयी है, अब हमें आगे बढ़ना चाहिए। नगर क्षेत्र से बढ़कर जिले की सीमा तक पहुंचने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी तमाम समस्याएं और सौहार्द बनाये रखने की जरूरत हैं।
महासचिव सरदार बलदेव सिंह ने कहा कि समाज ने संगठन की भूमिका को कई बार बुरे दिनों में देखा और समझा है। समाज ने संगठन के कार्याें की प्रसंशा भी की है। आज समाज में बड़ी उदासीनता हैं। कार्यकर्ता समय दे और समाज के लिए कम्बल वितरण, रक्तदान, जागरूकता के कार्यक्रम आदि का भी आयोजन हो। दुर्गापूजा बहुत बड़ा महोत्सव है। जिसमें संगठन के कार्यकर्ताओं के सहयोग व योगदान की आवश्यकता है। बैठक को नवनिर्वाचित वार्ड अध्यक्ष डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद, डाॅ. शशिकांत सिंह, सचिव डाॅ. नैय्यर रजा जैदी, वार्ड अध्यक्ष जहीर जैदी, सुरेश पटवा आदि लोगों ने सम्बोधित किया। संचालन कार्यालय सचिव राधेश्याम गुप्ता ने किया।
बैठक में वरिष्ठ सदस्य आशीष अग्रवाल, राम सागर गुप्त, अब्दुल मन्नान, अरूण जायसवाल, विजय विद्रोही, मीडिया प्रभारी सत्य प्रकाश गुप्ता, जाहिद आब्दी, मो. सलीम, परवेज करीम, भुलई राम गुप्ता, राधेश्याम गुप्ता, अशोक जायसवाल आदि मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 September 2014 by admin
जिलाधिकारी अदिति सिंह ने सभी पूजा समितियों से कहा है कि वे दुर्गापूजा के अवसर पर निर्मित आस्थाई संरचनाओं में अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित करें। इस सम्बन्ध में उन्होनें अग्निशमन अधिकारी को निर्देशित किया है कि वे केन्द्रीय पूजा समिति के साथ-साथ सभी पूजा समितियों को अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा से सम्बन्धित व्यवस्थाओं के बारे में लिखित रूप से सूचित करें ताकि कोई असुविधा न हो।
जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में अग्निशमन अधिकारी ने अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी है कि संरचना विद्युत तार के नीचे न की जाय तथा विद्युत तार से न्यूनतम 1.2 मीटर तथा हाई बोल्टेज से न्यूनतम 0.2 मीटर दूर की जाय। संरचना अज्वलनशील सामग्री से की जाय तथा संरचना की ऊचाई 3 मीटर से कम न हो और संरचना के चारो तरफ न्यूनतम 4.5 मीटर की जगह छोडी जाय। संरचना भटठी, रेलवे लाइन, विद्युत सब स्टेशन, चिमनी आदि से न्यूनतम 15 मीटर दूर बनायी जाय एवं संरचना तक फायर टेण्डर के आगमन को सुलभ बनाये रखा जाय। संरचना के अन्दर आई0एस0आई0 मार्क रबर, कोटेड तार का प्रयोग किया जाय, नंगी जोडे हुए तार का प्रयोग न किया जाय। संरचना से बल्ब, टयूबलाइट आदि न्यूनतम 15 सेन्टी मीटर दूर ही रखे जाय। संरचना के अन्दर हैलोजन लैम्प, चिमनी, लौ युक्त जलने वाला प्रकाश यंत्र, विस्फोटक, आतिशबाजी, आदि न रखी जाय। संरचना के अन्दर अगरबत्ती, धूपबत्ती, दीपक, हवन आदि पूजा के कार्य पर बराबर नजर रखी जाय जब तक बुझ न जाय। संरचना पर न्यूनतम एक ड्रम पानी, दो फायर बकेट, 25 घन फिट सूखी बालू तथा 02 ए0बी0सी0 पाउडर, टाईप एक्सटिग्यूशर आई0एस0आई0 मार्क क्षमता 06 किलोग्राम उपर्युक्त स्थान पर रखा जाय। जिनके प्रयोग की जानकारी पूजा समिति के समस्त सदस्यों एवं कार्यकर्ताओं को होनी चाहिए। आपातकालीन दूरभाष नम्बरों की सूची एवं धूम्रपान निषेध बोर्ड सहजदृष्टया स्थान पर लगाया जाय। पुलिस नियन्त्रण कक्ष 100, 9454417466, फायर स्टेशन-101, 9454418737, एम्बुलेन्स-108 आदि की जानकारी रखी जाय। किसी दुर्घटना पर पूजा समिति एनांउसमेंट द्वारा एवं कार्यकर्ताओं की सहायता से दुर्धटना राहत दल/वाहनों के आवागमन को सुगम बनाने का यथासम्भव प्रयास करें। अग्नि दुर्घटना की सूचना तत्काल आपातकालीन नम्बरों पर दी जाय। अग्निशमन अधिकारी मदन सिंह ने यह भी जानकारी दी कि अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में जानकारी लिखित रूप में अध्यक्ष केन्द्रीय पूजा समिति तथा समस्त पूजा पण्डालों को दी जा चुकी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 26 September 2014 by admin
उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन के बैनर तले हजारों की संख्या में ग्रामीण गरीबों ने विधानसभा पर प्रदर्शन किया। जुलूस रेलवे स्टेशन चारबाग से शुरू हुआ तथा बर्लिंग्टन चैराहा, राॅयल होटल चैराहा होते हुए दयानिधान पार्क लालबाग पहुंचकर कर सभा में बदल गया। हाथों में यूनियन के लाल झंडे लिये यूनियन कार्यकर्ता इंकलाब जिन्दाबाद, रोजी रोटी दे से, वह सरकार निकम्मी है, महंगाई को रोक न पाये वह सरकार निकम्मी है। खेत मजदूरों के हित में सर्व समावेशी कानून बनाओ, खाद्य सुरक्षा लागू करो, भूमिहीनों को भूमि दो, नहीं तो कुर्सी छोड़ दो, मनरेगा के तहत 200 दिन रोजगार की गारंटी करो, बकाया मजदूरी का भुगतान कराओ, गरीबों को आवास व पीने का पानी दो, वनाधिकार कानून लागू करो, दलितों व महिलाओं पर होने वाले अपराध सख्ती से रोको, दलित हितों की बंद योजनायें चालू करो आदि नारे लगा रहे थे। ग्रामीण गरीबों के चेहरे पर केन्द्र व राज्य सरकार के खिलाफ गुस्सा साफ झलक रहा था।
दयानिधान पार्क में जनसभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार गरीबों को रोजगार व रोटी देने में विफल है। प्रदेश की आधे से अधिक जनता गरीब है जिनके सामने दो वक्त की रोटी का संकट है ये कुपोषण ओर खून की कमी से जूझ रहे हैं। इनकी प्रमुख समस्या रोजगार रोटी, आवास, स्वास्थ्य और सामाजिक सम्मान की है। ग्रामीण गरीबों में रोजगार का संकट गहराता जा रहा है। खेती में खेत मजदूरों के रोजगार के दिन लगातार घटते ही जा रहे हैं। मनरेगा मजदूरों में रोजगार का औसत भी नीचे की ओर जा रहा है। मनरेगा में बजट आवंटन में कमी तथा इसे ठीक प्रकार से लागू करने में कमजोर इच्छाशक्ति के कारण शहरों की ओर ग्रामीण मजदूरों का पलायन जारी है।
वक्ताओं ने जोर देकर मांग की कि खाद्य सुरक्षा कानून तुरन्त लागू किया जाय। नये राशनकार्ड जारी किये जायें। वक्ताओं ने आगे कहा कि दलितों के अंदर अधिकतर लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। इनके सामने सामाजिक सम्मान का सवाल भी बना हुआ है। संविधान के मौलिक अधिकारों को नकारते हुए भेदभाव, ऊंचनीच, छुआछूत जारी है। कई जगह दलित उस हैण्डपम्प से पानी नहीं ले सकते जिससे सवर्ण पीते हैं। दलित बाहुल्य गांव को छोड़कर सरकारी विद्यालयों तक में दलित रसोइयों का बना भोजन ऊंची जाति के बच्चे व अध्यापक नहीं खा सकते। प्रदेश में दलितों व उनकी महिलाओं पर अपराध करने में सामंती मानसिकता वाले गुण्डा जरा भी नहीं हिचकते हैं। पुलिस प्रशासन दलितों की रिपोर्ट दर्ज करने में टाल-मटोल का रवैया अपनाता है।
वक्ताओं ने दलित हितों की बंद योजनायें चालू करने तथा दलितों के लिए सबप्लान बनाने और आबादी के अनुपात में अधिक धन आवंटित करने की मांग की और कहा कि अल्पसंख्यकों में ईसाइयों और मुस्लिमों को कई क्षेत्रों में समान अवसरों सेवंचित रखा गया है। इन्हें भेदभाव व साम्प्रदायिक हिंसा का शिकार होना पड़ता है। वक्ताओं ने 53 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर मजदूरों को अधिक रोजगार व राशन देने की मांग की। उदारीकरण के दौर में खेत मजदूर परिवार सूदखोरों के रहमोकरम पर जिंदा हैं। सरकारी संस्थाओं से ऋण व अनुदान मिलना बंद है। दुर्घटना बीमा का लाभ भी इन्हें नहीं मिलता है। इनके लिए कोई पेंशन योजना भी नहीं है। 80 फीसदी गरीब खुले में शौच जाने को मजबूर हैं और बिजली की रोशनी से भी दूर बने हुए हैं। इनके लिए आवास, पीने का पानी, चिकित्सा, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। ग्रामीण दस्तकारों कुम्हार, बुनकर, लुहार, बढ़ई, नाई आदि के रोजगार धंधे चैपट हो जाने की वजह से पलायन करने को मजबूर हुए हैं।
सभा को मुख्य रूप से सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो सदस्य एवं पूर्व सांसद कामरेड वृंदा करात, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के सहसचिव कामरेड सुनीत चोपड़ा, यूनियन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद कामरेड सुभाषिनी अली, सीपीआई (एम) राज्य सचिव कामरेड एस.पी. कश्यप, यूनियन के उ0प्र0 राज्य महासचिव कामरेड बृजलाल भारती ने सम्बोधित किया। सभा की अध्यक्षता यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड बृह्मस्वरूप ने की। सभा में यूनियन के राज्य उपाध्यक्षगण कामरेड अम्बिका प्रसाद मिश्र, का0 रामजग, सहसचिवगण का0 जयलाल सरोज, का0 सतीशकुमार भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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