Archive | March 11th, 2016

री विष्णु सहाय मुजफ्फरनगर दंगा जाँच रिपोर्ट सिर्फ लीपापोती। सपा सरकार को ’’क्लीन चिट’’ दिये जाने से ख़ासकर मुस्लिम समाज व अन्य निर्दोष लोगों को यह सोचना होगा कि इस सपा सरकार में उनका जान-माल व मज़हब कितना सुरक्षित व न्याय पाना कितना ज़्यादा मुश्किल ही नहीं बल्कि एक प्रकार से असम्भव: बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी।

Posted on 11 March 2016 by admin

बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में कल पेश की गयी मुजफ्फरनगर जि़ले में सन् 2013 में हुये भीषण साम्प्रदायिक दंगों से सम्बन्धित विष्णु सहाय न्यायिक आयोग की रिपोर्ट को केवल ’’लीपापोती’’ करके राज्य सरकार को बचाने वाला बताते हुये कहा कि इससे यह साबित होता है कि केन्द्र में भाजपा व प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में ग़रीबों, महिलाओं, किसानों, बेरोज़गारों आदि के साथ-साथ दलितों, अन्य पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्कों में से ख़ासकर मुस्लिम समाज के लोगों को ‘‘जान-माल व मज़हब की सुरक्षा व न्याय‘‘ मिल पाना कितना ज़्यादा मुश्किल ही नहीं, बल्कि एक प्रकार से असम्भव सा हो गया है।
यह एक काफी कड़वा सच है और इसको मानकर ही इन वर्गों के लोगों को आगे सतर्क रहना होगा व साथ ही उसी के अनुसार अपने हित की रक्षा के लिये राजनीतिक क़दम भी उठाने होंगे।
सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ जारी एक बयान में कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान लोगों के जान-माल की व्यापक हानि हुई क्योंकि प्रदेश की सपा सरकार की भाजपा से साफतौर पर मिलीभगत थी। दंगों में व्यापक जान-माल की हानि के साथ-साथ बड़े पैमाने पर घर-बार छोड़कर पलायन करने वाले लोगों के प्रति भी सपा सरकार का रवैया काफी असंवेदनशील व अमानवीय बना रहा था।
और जहाँ तक प्रथम दृष्टि में दोषी पाये गये भाजपा के लोगों आदि के खि़लाफ सख़्त क़ानूनी कार्रवाई करके पीडि़त लोगों को इन्साफ दिलाने की बात थी, तो इस मामले में भी सपा सरकार पूरी तरह से लचर व विफल साबित हुई है।
दंगाई, बलवाई, हत्यारे व दंगा भड़काने का षडयंत्र करने वाले लोग इस सपा सरकार के अत्याधिक लचर रवैये के कारण खुलेआम हीरो बने घूमते रहे। इस कारण अन्ततः आमजनता के दबाव में सपा सरकार को न्यायिक आयोग बनाने को मजबूर होना पड़ा था। परन्तु अब जस्टिस (रि.) विष्णु सहाय की जाँच रिपोर्ट ने इन्साफ पसन्द लोगों को वैसे ही मायूस किया है, जैसाकि इस दंगों के प्रति सपा सरकार के लचर व ग़लत रवैये ने देश व प्रदेशवासियों को मायूस किया था।
वास्तव में सर्वसमाज के लोगों के साथ-साथ ख़ासकर उत्तर प्रदेश के मुस्लिम समाज के लोगों के लिये अब यह सोचने व समझने का समय है कि इस सपा सरकार में उनके जान-माल व मज़हब की क़ीमत क्या रह गई है?
इस मुजफ्फरनगर दंगा जाँच आयोग की रिपोर्ट से इस आरोप को भी बल मिलता है कि वास्तव में न्यायिक जाँच आयोग का सही मकसद दोषियों को सज़ा व पीडि़तों को न्याय दिलाना नहीं होता है, बल्कि सरकारों को क्लीन चिट देना व मामले को रफा-दफा करना व लीपापोती करना होता है। पूर्व में यही काम कांग्रेस व भाजपा की सरकारें भी लगातार करती रही हैं। श्री विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट भी इसी की एक कड़ी है।
मुजफ्फरनगर के भीषण दंगे व उस सम्बन्ध में सपा सरकार की घोर व गम्भीर आपराधिक लापरवाही के बारे में हालांकि माननीय उच्चतम न्यायालय ने अखिलेश यादव सरकार को काफी फटकार लगाते हुये कई सख़्त टिप्पणियाँ की थी, लेकिन विष्णु सहाय जाँच आयोग रिपोर्ट ने काफी निचले स्तर पर छोटे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर दोष डालकर अपनी रिपोर्ट का खुद ही उपहास उड़ाया है क्योंकि ऐसी रिपोर्टें शायद कमिश्नर स्तर पर भी नहीं लिखी जाती है। इतने बड़े व सुनियोजित दंगे में राज्य सरकार को एक प्रकार से क्लीनचिट दे देना वास्तव में व्यवस्था पर से भरोसा उठाने वाला कदम है।
इस रिपोर्ट के बल पर विभिन्न अपराधबोधों से घिरी अखिलेश यादव सरकार भले ही अपने आप में काफी राहत महसूस कर रही हो, परन्तु इस भीषण दंगे की काली छाया व इसमें प्रदेश सपा सरकार की षडयंत्रकारी नीति से दंगा पीडि़त परिवार ही नहीं बल्कि आमजनता के दिल-दिमाग पर भी अंकित हैं और वह उन्हें विचलित करती रहती है। इसका दुष्परिणाम तो अखिलेश यादव सरकार को अवश्य ही झेलना पड़ेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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7 मार्च, 2016 को राजभवन में आयोजित पत्रकार परिषद हेतु माननीय राज्यपाल श्री राम नाईक का उद्बोधन

Posted on 11 March 2016 by admin

राजभवन में आयोजित इस पत्रकार वार्ता में आप सबका स्वागत है। आज भोलेनाथ भगवान शिव शंकर का पर्व महाशिवरात्रि है। आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक बधाई। काफी समय के अंतराल पर एक साथ आपसे बात करने का अवसर मिला है। जैसा कि आप जानते हैं कि समय-समय पर स्वयं द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी से आपको अवगत कराता रहा हूँ, इसी क्रम में आज आपसे कुलाधिपति की हैसियत से विश्वविद्यालयों पर बात करूंगा।
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए मैं प्रयासरत हूँ। विश्वविद्यालयों के शैक्षिक कलेण्डर में दीक्षान्त समारोह का महत्वपूर्ण स्थान होता है। राज्य के 25 विश्वविद्यालयों में से 20 के दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हो चुके हैं। चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर का दीक्षान्त समारोह 18 मार्च को होना है तथा डाॅ0 शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ का दीक्षान्त समारोह शीघ्र ही प्रस्तावित है। 03 विश्वविद्यालय नवगठित होने के कारण जिनमें दीक्षान्त समारोह अभी अपेक्षित नहीं है, वे हैं ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय लखनऊ, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर एवं सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थ नगर।
इसके अतिरिक्त इस वर्ष दीक्षान्त समारोह में भारतीय वेशभूषा धारण करना एक अच्छी और सराहनीय पहल रही। ब्रिटिश काल से दीक्षान्त समारोह की निर्धारित वेशभूषा (गाउन और हैट) दासता सूचक होने के कारण कुलपति सम्मेलन में इसे आंचलिक परिवेश के अनुरुप निर्धारित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ था। मुझे प्रसन्नता है कि सम्पन्न हुए दीक्षान्त समारोहों में सभी विश्वविद्यालयों ने भारतीय एवं आंचलिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए नई वेशभूषा निर्धारित कर धारण की।
वर्तमान समय विश्वविद्यालयों में परीक्षा का समय है। मेरे द्वारा सभी राज्य विश्वविद्यालयों को 26 फरवरी को पत्र भेजकर सुचितापूर्ण ढंग से नकल विहीन परीक्षा कराने, परीक्षाओं के परिणाम ससमय घोषित करने के निर्देश दिये गये हैं। मैं यह सुनिश्चित करने का प्रयास भी कर रहा हूँ कि आदेशों का पालन हों।
कल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। मैं अपनी ओर से सभी को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ। यह सर्वविदित है कि गत वर्षों में महिलाओं ने सभी क्षेत्रों यथा शिक्षा, शोध, खेल, प्रशासनिक, पर्वतारोहण आदि में अपना परचम फहराया है। इसका मूल उद्देश्य समाज में बढ़ती जागरूकता और बेटियों का भी बेटों की तरह ही पालन पोषण करना एवं उन्हें उच्च शिक्षा प्रदान कराना है।
सम्पन्न हुए दीक्षान्त समारोहों में पदकों हेतु चयनित उत्कृष्ट छात्र/छात्राओं के आकड़ों से जो तथ्य उभर कर आये है उनमें छात्रों की तुलना में छात्राओं का प्रदर्शन अत्यन्त सराहनीय है, जिसे मुझे आपके साथ साझा करने में अत्यन्त हर्ष हो रहा है। महिला सशक्तिकरण का यह सुखद अनुभव है।
1ण्    कुल 6,35,930 विद्यार्थियों को दीक्षान्त समारोह में उपाधियाँ वितरित की गई, जिनमें लगभग 40 प्रतिशत छात्राएं रही, किन्तु इन समारोहों में कुल वितरित पदकों में से छात्राओं की संख्या कम होने के बावजूद भी उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु कुल वितरित 1,196 पदकों में से 67 प्रतिशत (806) पदक छात्राओं के पक्ष में गये। राज्य के विभिन्न क्षेत्र में स्थापित विश्वविद्यालयों में प्राप्त पदकों में सर्वाधिक 79 प्रतिशत (49) पदक छात्राओं द्वारा प्राविधिक शिक्षा क्षेत्र में प्राप्त किये। कृषि शिक्षा में छात्राओं का रूझान कम होने के कारण मात्र 34 प्रतिशत (21) पदक ही छात्राओं के पक्ष में गये।
2ण्    विश्वविद्यालयों द्वारा कुल 191 छात्र/छात्राओं को ‘चान्सलर मेडल‘ प्रदान करने हेतु चयनित किया गया, जिनमें से 62 प्रतिशत (118) पदक पर छात्राओं द्वारा कब्जा किया गया।
3ण्    कुल 964 छात्र/छात्राओं को ‘स्वर्ण पदकों‘ से सम्मानित किया गया, उनमें 63 प्रतिशत (609) स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली छात्राएं हैं। विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित विश्वविद्यालयों में प्रदत्त स्वर्ण पदकों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि प्राविधिक शिक्षा मंे 71 प्रतिशत पदक छात्राओं ने प्राप्त किये, वहीं सामान्य विश्वविद्यालय, चिकित्सा शिक्षा एवं राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में भी छात्राओं द्वारा क्रमशः 65, 65 एवं 63 प्रतिशत पदक प्राप्त किए गए।
4ण्    ‘रजत पदक‘ प्राप्त करने वाले कुल 142 छात्र/छात्राओं में से 66 प्रतिशत (94) पदक छात्राओं ने प्राप्त किये। प्राविधिक शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा एवं सामान्य विश्वविद्यालयों द्वारा वितरित किये गये रजत पदकों में से छात्राओं द्वारा क्रमशः 81, 70 एवं 72 प्रतिशत पदक हासिल किये गये।
5ण्    ‘कांस्य पदक‘ हेतु चयनित कुल 134 छात्र/छात्राओं में से 73 प्रतिशत (98) पदक छात्राओं ने प्राप्त किये। प्रदत्त कांस्य पदकों की संख्या के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि लगभग तीन चैथाई पदक छात्राओं द्वारा प्राप्त किए गए। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में छात्राओं द्वारा 89 प्रतिशत पदक प्राप्त किये गये।
6ण्    ‘अन्य श्रेणी‘ पदक (जो किसी व्यक्ति विशेष के नाम से दिये जाते हैं) के अन्तर्गत विश्वविद्यालय स्तर पर कुल 255 पदक भी वितरित किये गये। इस श्रेणी से 76 प्रतिशत (193) पदक छात्राओं द्वारा प्राप्त किये गये, जो लगभग तीन चैथाई से अधिक है।
7ण्    कुल 69 दिव्यांग छात्र/छात्राओं को भी विभिन्न पदकों से सम्मानित किया गया जिनमें से 33 प्रतिशत (23) पदक प्राप्त करने वाली छात्राएं रही।
आॅकड़ों के विश्लेषण से यह भी स्पष्ट होता है कि जिन संकायों में छात्राओं का अध्ययन में रूझान कम देखा गया, वहाॅं भी छात्राओं के प्रदर्शन में वृद्धि हो रही है।
उच्च शिक्षा क्षेत्र में कुल प्रवेश अनुपात (ळतवेे म्दतवसउमदज त्ंजपव) प्रगतिशील देशों यथा अमेरिका, इग्लैण्ड में जहाँ 89 प्रतिशत एवं 59 प्रतिशत है वहीं भारत में यह मात्र 17.90 प्रतिशत है। देश में छात्राओं की उच्च शिक्षा में प्रवेश की दर और भी कम है जो मात्र 12.70 प्रतिशत है। ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च शिक्षण संस्थाओं के अभाव में स्थिति और भी दयनीय है। अतः छात्राओं की शिक्षा के विकास हेतु यथा सम्भव सभी स्तर पर प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
वर्तमान समाजिक परिवेश में किन्ही कारणों से दिव्यांग छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित नहीं किया जाता है। अतः परिवार एवं समाज का दायित्व है कि दिव्यांग छात्राओं को भी समाज की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु प्रोत्साहित किया जाय।
उच्च शिक्षा के संस्थानों में उन्मुक्त प्रतिस्पर्धी वातावरण में बेटियाँ उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम हुई है। उच्च शिक्षा महिला सशक्तिकरण का प्रतिबिम्ब है और यदि बेटियों को उच्च शिक्षा प्रदान करने हेतु सुअवसर प्रदान किया जाय तो वह आने वाले समय में देश के विकास को नई दिशा प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान कर सकेंगी। राजनैतिक क्षेत्र में आरक्षण प्रदान कर नीति निर्धारण एवं समाज के विकास में उनकी सहभागिता सुनिश्चित किया जाना देश के चहुँमुखी विकास हेतु समय की मांग है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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भारतीय जनता पार्टी ने कहा मुजफ्फरनगर दंगों के लिए सपा सरकार और उसकी नीतियां ही जिम्मेदार है।

Posted on 11 March 2016 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने कहा मुजफ्फरनगर दंगों के लिए सपा सरकार और उसकी नीतियां ही जिम्मेदार है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सरकार की साम्प्रदायिक नीतियों के चलते जनधन की व्यापक हानि हुई है। भाजपा की मांग है कि इस पूरे दुर्भाग्यपूर्ण मामले की नए सिरे से गहन जांच जरूरी है। यह जांच सी0बी0आई0 करे तो दंगों के असली कारण व असली अभियुक्त कानून की गिरफ्त में होंगे। श्री पाठक ने सपा सरकार और भाजपा की मिली भगत का का संदेश देने में जुटी बसपा प्रमुख को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बसपा प्रमुख ये क्यों नहीं खुलाशा करती कि जब यह सब हो रहा था तो तत्कालीन केन्द्र की यूपीए सरकार को सपा के साथ गलबंहिया डाले बसपा समर्थन दे रही थी।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर विष्णु सहाय आयोग को लेकर बसपा प्रमुख द्वारा भाजपा पर राजनैतिक आरोप लगाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि आयोग की रिपोर्ट से केन्द्र में भाजपा की सरकार की गरीब, महिला, किसान, बेरोजगार के साथ किये जा रहे न्याय और अन्याय का प्रश्न कहा से आ गया। अब विष्णु सहाय आयेाग पर आयी रिपोर्ट पर सियासी बयानबाजी में जुटी बसपा प्रमुख केन्द्र की तत्कालीन यूपीए सरकार के समर्थन के मुद्दे पर सपा के साथ खड़ी थी, आज भी बयानबाजी में वे मुस्लिम समाज व अन्य निर्दोषों को सोचने और समझने की बात तो करती है पर इसकी सच्चाई बाहर आए इस पर मौन है। आखिर विष्णु सहाय आयोग रिपोर्ट के बावजूद जो सच सामने नहीं आया है उस पर बसपा प्रमुख का क्या दृष्टिकोण है ?
उन्होंने कहा कि भाजपा का निश्चित मानना है कि मुजफ्फरनगर दंगो पर विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट दंगों के कारण व तत्सम्बन्धी तथ्यों का खुलासा नहीं करती। आयोग को सौंपे गए मुख्य चार बिन्दुओं (ज्मतउे व ितममितमदबम) में प्रथम बिन्दु “तथ्यों को सुनिश्चित करना और घटनाओं के कारणों का पता लगाना” था। आयोग ने इस प्रमुख बिन्दु “तथ्य और कारण” पर भी लीपापोती की है। भाजपा की सुनिश्चित राय है कि दंगो की दोषी सपा सरकार है। सरकार और स्थानीय प्रशासन तंत्र से लगातार बाते हुई हैं। वरिष्ठ मंत्रियों व राजधानी में बैठे नौकरशाहों ने स्थानीय प्रशासन तंत्र को पंगु बनाया। आयोग ने उस समय के ‘काल डिटेल’ को जांचना जरूरी नहीं समझा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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राज्यपाल ने पत्नी सहित ‘सोनचम्पा‘ के फूल का अवलोकन किया

Posted on 11 March 2016 by admin

राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज अपनी पत्नी श्रीमती कुंदा नाईक सहित राजभवन में खिले सोनचम्पा के पहले फूल को देखा। राज्यपाल ने गत 26 फरवरी को राजभवन के प्रांगण में महाराष्ट्र से आये ‘सोनचम्पा‘ के पौधों को रोपित किया था। सोनचम्पा अपने सुनहरे रंग के पुष्प एवं सुगंध की लिए विख्यात है। सोनचम्पा का पुष्प गणपति को बहुत प्रिय है ऐसी मान्यता है। महाराष्ट्र सहित अन्य प्रदेशों में भी इसकी व्यवसायिक खेती की जा रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि विकास के दावें करने वाली अखिलेश सरकार 115 मदों में 100 प्रतिशत आवंटित धनराशि को नहीं खर्च कर पायी।

Posted on 11 March 2016 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि विकास के दावें करने वाली अखिलेश सरकार 115 मदों में 100 प्रतिशत आवंटित धनराशि को नहीं खर्च कर पायी। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा लैपटाप वितरण योजना को ऐतिहासिक बताने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2014-15 के समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 1 प्रतिशत भी धनराशि इस मद में नहीं खर्च कर पाये, यही हाल कन्या विद्या धन योजना का है जिसमें 100 प्रतिशत धनराशि व्यय न होने के कारण अभ्यर्पित कर दी गयी।
बहृस्पतिवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा पूरे होते वादों का नारा देने वालो का हाल कि बजट में बीपीएल परिवार के महिलाओं को साड़ी, बीपीएल परिवार के वृद्धजनों को कम्बल की योजना के लिए धन आवंटन करते है, सभाओं में तालिया भी बटोरते है किन्तु जब धन खर्च करने की बारी आती है तो पूरा का पूरा पैसा अभ्यर्पित हो जाता है। किसान वर्ष मना रही सरकार जैव उर्वरकों के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए धन आवंटन करती है, किन्तु पूरे वर्ष भर अपने अन्र्तविरोधों के चलते निविदा की प्रक्रिया को पूर्ण नहीं कर पाती है, नतीजन आवंटित धनराशि शत प्रतिशत खर्च होने से रह जाती है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में जहां भारी अनिमियकता की शिकायते है वहीं आवंटित 71,700.00 की राशि का एक भी पैसा पूरे वित्तीय वर्ष में खर्च नहीं हो पाने को लेकर भी सवाल उठे है, किन्तु राजनैतिक आरोप जरूर मढ़े जाते है कि उ0प्र0 से इतना समर्थन मिलने के बावजूद उ0प्र0 से भेद-भाव हो रहा है।
उन्होंने कहा ऐसा नहीं है कि अखिलेश सरकार केवल अपने वादों से मुकर रही है यह तो अपने मुखिया मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र में भी योजनाओं को परवाना नहीं चढ़ने दे रही है, योजनाओं के प्रति लापरवाह है। बड़े जोर-शोर से कहा गया कि आजमगढ़ में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी। किन्तु योजना खटाई में, योजना की धनराशि अभ्यर्पित कर दी गयी। आजमगढ़ में हरिओद्य कला केन्द्र भवन के लिए पैसा आवंटित हुआ किन्तु एक ही पैसा खर्च नहीं होने की सूचनाऐं है। खेल और खिलाडि़यों को प्रोत्साहन देने विशिष्ट खिलाडि़यों को प्रदेशीय पुरूस्कार देने की योजना महज इसलिए मुर्तरूप नहीं ले पायी कि उसकी स्वीकृतियां ही नही ंप्राप्त हो पायी। क्रीड़ा संघो को प्रोत्साहन देने के लिए धनराशि तो आवंटित हुई किन्तु खर्च एक पाई भी नहीं हो पाया।
श्री पाठक ने कहा सबसे अधिक लैपटाप बांटने का दावा करते नहीं थकते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2014-15 में चुनावी खींज के कारण आवंटित लैपटाप के पैसे को खर्च ही नहीं किया और तो और योजना ही स्थगित कर दी। कन्या विद्या धन का हाल है कि करोड़ों रूपये बजटीय आवंटन तो हुए किन्तु खर्च नहीं हुए, पिछड़े वर्गो के व्यक्तियों की पुत्र्रियो के विवाह एवं बीमारी के सहायता के लिए बजटीय आवंटन कर तालियां बटोरने वाली सरकार धन अवांटन के बाद योजना स्थगित कर दी। यही नहीं जिला योजना में भी अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की बीमारी के इलाज तथा प्रार्थियों की पुत्रियों की शादी हेतु मद में धनराशि के नहीं खर्च कर पायी। सरकार ने डा0 अम्बेडकर जन्म शताब्दी फाउन्डेशन योजना के लिए धन आवंटन किया, किन्तु पैसा खर्च करने की बारी आयी तो मौन।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा ये तथ्य विधानसभा में प्रस्तुत सीएजी की रिपोर्ट के कुछ अंश है। लगातार सरकार में जारी असमंजस के कारण राज्य में कानून व्यवस्था से लेकर विकास कार्याे तक को लेकर असमंजस का वातावरण है यही कारण है नारे पूरे होते वादे के है किन्तु वादे पूरे ही नहीं हो रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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राष्ट्रीय राजनैतिक परिदृश्य पर अमितोदय (विकास प्रीतम-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

Posted on 11 March 2016 by admin

भारतीय जनता पार्टी की कमान अब पुनः अमित शाह के हाथों में है। 24 जनवरी को भाजपा मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव हेतु चली प्रक्रिया में अमित शाह का निर्वाचन निर्विरोध सम्पन्न हुआ। अभी तक पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के कार्यकाल की शेष अवधि की अध्यक्षता कर रहे अमित शाह अब भारतीय जनता पार्टी के पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे।
कुशाग्र बुद्धि और सांस्कृतिक अंतदृष्टि के धनी अमित शाह का राजनैतिक जीवन अथाह चुनौतियों और उसी अनुपात में सफलताओं की मिसाल है। जहाँ उन्होंने सफलताओं को कभी स्वयं पर हावी नहीं होने दिया वहीँ चुनौतियों के समक्ष खुद को सहज एवं सहर्ष प्रस्तुत किया ।
शतरंज के बेहतरीन खिलाड़ी अमित शाह का विश्लेषणात्मक तीव्रता में कोई सानी नहीं है। 1978 में मात्र 14 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में तरुण स्वयंसेवक के रूप में प्रशिक्षित होने वाले अमित शाह आज भी सार्वजनिक जीवन में कठोर अनुशासन, नैतिकता और शुचिता के सशक्त पैरोकार हैं।
बायोकेमिस्ट्री से बीएससी और गुजरात के एक समृद्ध परिवार से ताल्लुक रखने वाले अमित शाह ने अपने पारिवारिक कारोबार के जरिये से आगे बढ़ने की बजाय जीवन को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से राष्ट्र एवं समाज निर्माण के लिए समर्पित करने का रास्ता चुना।
वर्ष 1997 में सरखेज विधानसभा सीट से अपने चुनावी कैरियर का आगाज करने वाले अमित शाह इस सीट से लगातार चार बार रिकॉर्ड मतों से विजयी हुए। वर्ष 2012 में वे नरनपुरा विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए, जहाँ उन्होंने कुल मतों का लगभग 70 प्रतिशत मत प्राप्त कर जनता के मध्य अपनी पकड़ और लोकप्रियता को साबित किया।
18 महीने के अभी तक के कार्यकाल में अमित शाह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने कल्पनातीत सफलताएं हासिल की हैं। जुलाई 2014 में अध्यक्ष पद का दायित्व सँभालने से पूर्व अमित शाह अपने संगठनात्मक कौशल एवं चुनावी प्रबन्धन का कमाल लोकसभा चुनावों में दिखा चुके थे, जहाँ उन्होंने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 71 सीटें भाजपा की झोली में डालकर न केवल अपने समर्थकों बल्कि अपने विरोधियों को भी हतप्रभ कर दिया था।
सफलता का वही सिलसिला अमित शाह ने पार्टी की राष्ट्रीय कमान सँभालने के बाद भी जारी रखा। 2014 महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा और 122 सीटें जीतीं जबकि पिछली विधानसभा में पार्टी की महज 47 सीटें ही थीं। भाजपा ने जहाँ राज्य में शिवसेना के सहयोग से सरकार बनाया वहीँ महाराष्ट्र राज्य में पहली बार भाजपा का मुख्यमंत्री बना।
वहीँ हरियाणा में जहाँ पार्टी चुनावी मुकाबलों में तीसरे और चैथे नम्बर के लिए संघर्षरत रहती थी उसी राज्य में पार्टी ने 90 में से 47 सीटें जीत कर पूर्ण बहुमत हासिल किया और 10 साल से काबिज कांग्रेस सरकार को राज्य से बेदखल कर कमल पताका फहराई।
अमित शाह के ही अध्यक्षीय कार्यकाल में पार्टी झारखंड और जम्मू-कश्मीर राज्यों में विधानसभा चुनाव में उतरी और शानदार सफलताएँ अर्जित कीं। अपनी स्थापना के बाद से ही लगातार राजनैतिक अस्थिरता से जूझ रहे झारखंड में भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया और पूर्वी भारत के इस राज्य को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की विकास यात्रा का सहयोगी बनाया।
जम्मू-कश्मीर की बात करें तो पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों तक राजनैतिक विश्लेषक राज्य में भाजपा की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर रहे थे। ऐसे हालातों में भी पार्टी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। राज्य की कुल 87 विधानसभा सीटों में से 25 सीटें जीतकर राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा हासिल किया तथा पीडीपी के साथ मिलकर राज्य में राजनैतिक अनिश्चितता के कयासों को समाप्त कर लोकप्रिय सरकार का गठन किया।
इसके अतिरिक्त पार्टी ने सुदूर उत्तर में लद्धाख तो दक्षिण में केरल राज्य के स्थानीय निकाय के चुनावों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया जो कि पार्टी की अखिल भारतीय स्तर पर बढ़ रही लोकप्रियता और स्वीकार्यता को दर्शाता है। यह चुनावी जीत महज साख या दम्भ के प्रदर्शन का मसला नहीं है बल्कि यह आम जन के मन में भाजपा के प्रति जो लगाव है, उम्मीद एवं आकांक्षाएं हैं उनको चुनावी जीत के माध्यम से साकार करने का प्रयास है। लोकतंत्र में जनभावनाएं सर्वोपरि हैं और भाजपा इस तथ्य को बखूबी समझती है, आत्मसात करती है।
अमित शाह ने पार्टी संगठन के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया। अधिक से अधिक लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए उन्होंने सदस्यता अभियान चलाया। इस सफलतम अभियान के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी ने अपने सदस्यों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की और आज 11 करोड़ से अधिक सदस्यों के साथ भाजपा दुनिया का सबसे बड़ा राजनैतिक दल है।
सदस्यता अभियान के पश्चात उन्होंने महासम्पर्क अभियान की शुरुआत की जिसमें सदस्यता अभियान के माध्यम से जुड़े लोगों से व्यक्तिगत स्तर पर पार्टी के द्वारा सम्पर्क साधा गया। सदस्यों को पार्टी की विचारधारा और सरकार की उपलब्धियों से सम्बंधित साहित्य व राष्ट्रीय अध्यक्ष का सन्देश दिया गया। जिला स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक का एक व्यापक डाटाबेस तैयार किया गया और सदस्यों की रूचि-अनुसार उन्हें विभिन्न सामाजिक विषयों व क्षेत्रों में पार्टी के विस्तार के लिए कार्य भी सौंपे गए।
महाप्रशिक्षण अभियान अमित शाह की एक और अध्यक्षीय पहल रही जिसके तहत देश भर में 15 लाख चुने हुए कार्यकर्ताओं को संगठन विस्तार के लिए तथा पार्टी की विचारधारा और देशहित के विभिन्न मुद्दों को जनता के समक्ष सशक्त रूप से रखने के लिए प्रशिक्षित किया गया।
उन्होंने हर स्तर के पार्टी पदाधिकारियों, जन प्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं और आम लोगों से बिना किसी पूर्व निर्धारित समय के मिलने के लिए जन संवाद का आयोजन किया। जहाँ उन्होंने हर महीने के पहले और तीसरे सोमवार को पार्टी मुख्यालय में अपनी सहज उपलब्धता सुनिश्चित की।
अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी के विभिन्न विभागों की कार्ययोजनाओं का पुनर्गठन किया गया। विभिन्न स्तरों पर पार्टी कार्यक्रमों के सुचारु संचालन के लिए राष्ट्रीय, प्रदेश और जिला स्तर पर विभिन्न विभागों एवं प्रकल्पों का पुनर्गठन करके उनके कार्यक्रमों का विस्तार किया। इस क्रम में पार्टी के विभिन्न विभागों को 19 विभागों में पुनर्गठित किया और 10 नए प्रकल्प बनाये गए। यह सभी प्रकल्प संगठन को मजबूत करने और सरकार की ध्वजवाहिनी योजनाओं को जन जन तक पहुँचाने का संकल्प लिए हुए हैं जिनमें प्रमुख हैं स्वच्छता अभियान प्रकल्प, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रकल्प, नमामि गंगे प्रकल्प, जिला कार्यालय निर्माण प्रकल्प एवं कार्यालय आधुनिकीकरण प्रकल्प।
यह सब अमित शाह के कुशल नेतृत्व, उनके मार्गदर्शन, दृढ़ निश्चय, दूर दृष्टि और पार्टी जनों के उन पर अटूट विश्वास से संभव हो सका । वे भाजपा परिवार के ऐसे मुखिया हैं, जो सबको साथ लेकर चलने में यकीन रखते हैं। वे कार्यकर्ताओं को धैर्य से सुनते हैं तथा उनको प्रोत्साहित करते हैं कि पार्टी के हित में रचनात्मक सुझावों को बेझिझक उनके सामने रखें।
लेकिन हम यहाँ केवल सफलताओं का जिक्र करें तो यह भाजपा जैसे लोकतांत्रिक दल के लिए उचित नहीं होगा । दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनावों के परिणाम निश्चित तौर पर पार्टी के उम्मीदों के विपरीत थे। दिल्ली में जहाँ आम आदमी पार्टी ने नकारात्मक और विभाजनकारी राजनीति करके लोगों को भ्रमित किया, वहीं बिहार में राजद, जदयू और कांग्रेस ने आपस में मिलकर महज सत्ता हथियाने के लिए अपने सभी सिद्धांतों और विचारधारा को ताक पर रख दिया। चूँकि लोकतंत्र में संख्या बल महत्वपूर्ण होता है और इसलिए इस संख्या बल को हासिल करने के लिए बिहार के तीन ‘अनुत्तीर्ण छात्रों’ ने अपने-अपने अंक जोड़कर उत्तीर्ण होने का ठप्पा लगा लिया।
इन दोनों राज्यों में भाजपा अपने आधार मतों में बढ़ोतरी करते हुए भी सरकार न बना सकी यह विश्लेषण का विषय है, लेकिन जो दल और लोग आज दिल्ली एवं बिहार की सत्ताओं पर काबिज है उनकी राजनीति का हश्र आज पूरा देश देख रहा है वहीँ दिल्ली के लोग उस अंधेर नगरी को और बिहार के लोग जंगलराज को फिर से भुगतने के लिए विवश हैं।
अमित शाह की कमान में भाजपा का संगठन और मजबूत होगा, उसे निरंतरता हासिल होगी, सरकार एवं संगठन के
मध्य समन्वय बेहतर होगा। 2016 में पश्चिम बंगाल और असम सहित पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होना है। पार्टी कैडर, कार्यकर्ताओं और समर्थकों में भरपूर उत्साह है और पार्टी सभी चुनावी राज्यों में सफलता की ओर अग्रसर होगी।
भाजपा के लिए सत्ता सुख का नहीं अपितु जनहित, लोककल्याण और राष्ट्रवाद के पथ पर निरंतर आगे बढ़ने का माध्यम हैं जिसके लिए पार्टी सम्पूर्ण रूप से समर्पित हैं। (हिफी)

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भारत ने दिया सारी दुनिया को ज्ञान: प्रो0 बिहारीलाल बबेले

Posted on 11 March 2016 by admin

विन्ध्य सृजन सेवा समिति के तत्वावधान में पूर्व माध्यमिक विद्यालय ग्राम बुढ़वार में बहुउद्देशीय जन जागरूकता के अंतर्गत विधिक साक्षरता शिविर, स्वास्थ्य शिविर, गौरैया सरंक्षण शिविर एवं चैपाल आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उपजिलाधिकारी सदर रमेश चन्द्र तिवारी ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर शिविर का शुभारम्भ किया। इस दौरान शिविर को सम्बोधित करते हुये वरिष्ठ पत्रकार विनोद त्रिपाठी सर्वनिष्ठ ने विन्ध्य सृजन सेवा समिति द्वारा आयोजित शिविर का लाभ आमजन तक पहुचाने की दिशा में अभिनव प्रयोग बताया और जनसामान्य से विधिक साक्षरता शिविर, स्वास्थ्य जागरूकता शिविर में ऐलोपैथिक एवं हौम्योपैथिक चिकित्सा का लाभ लेने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि गौरैया सरंक्षण की दिशा में कार्य करते हुए हम विलुप्त होते जीव-जन्तुओं की प्रजातियों की रक्षा करें और वृक्षारोपण एवं जल संरक्षणं द्वारा आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर पर्यावरण निर्माण का प्रयास करे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उपजिलाधिकारी सदर रमेश चन्द्र तिवारी ने कहा कि इस शिविर में पर्यावरण पर मुख्य रूप से चिन्तन किया गया है, जिसमें गौरैया संरक्षण के बहाने वन्य जीव जन्तुओं की विलुप्त होती प्रजातियों की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया गया है। जंगलों में अवैध कटान एवं अवैध खनन से पारिस्थितिकीय तंत्र बिगड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाये रखने के लिए समालोचनात्मक ढंग से पर्यावरण संरक्षण करके उनके हल का समुचित प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता और विकास के बिन्दुओं पर चिन्तन की आवश्यकता है। इसके लिए जनसहभागिता होनी चाहिए, जिससे जागरूकता आयेगी और आसपास के संसाधनों के द्वारा अथवा उसे छेड़े बिना भी हम अपना विकास कर सकते है। श्री तिवारी ने आगे कहा कि हमें गांव में पैदा हो रही समस्याओं पर भी कार्य करने की आवश्यकता है। जानकारी के अभाव में आपकी समस्याओं का लाभ कर्मचारी उठाते हैं। रोजमर्रा के कार्यों की जानकारी सभी को होनी चाहिए। शिविर के दौरान बुढ़वार ग्रामवासियों ने अन्यत्र गांव में अपना राशन लेने जाने की समस्या से अवगत कराया, जिस पर उन्होंने समस्या का समाध्ाान करते हुये कहा कि बुढ़वार ग्राम का राशन कोटेदार द्वारा बुढ़वार में ही वितरित किया जायेगा। उन्होंने नवीन राजस्व संहिता एवं पेंशन योजनाओं आदि से सम्बन्धित जानकारी भी दी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वीरेन्द्र कुमार जैन प्रभागीय निदेशक सामजिक वानिकी ने कहा कि विश्व में गिद्धों की चार प्रकार की प्रजातियां है, जिसमें सभी चारों प्रकार की गिद्ध प्रजाति देवगढ़ (ललितपुर) में उपलब्ध है और उनके संरक्षण के लिए कार्य निरन्तर जारी है। उन्होंने कहा कि जागरूकता के अभाव में अकेले ललितपुर जनपद में ढाई लाख परिवारों में से 2 लाख से अधिक परिवार आज भी लकडि़यों का प्रयोग ईधंन के रूप में करके उस पर खाना बना रहे है, जो चिन्ता का विषय एवं जंगल कटान का कारण है। उन्होंने कहा ललितपुर की पथरीली जमीन है, जिसके कारण मिट्टी में पानी न रूकने, पर्याप्त नमी न होने के कारण पौधों के सफल रोपण पर प्रतिकूल प्रभाव प़ड़ रहा है। उन्होेंने कहा कि गौरैया चिडि़या विश्व में प्यार का सबसे बड़ा उदाहरण है। दोनों जोड़े में साथ-साथ रहते है। इनमें से कोई मर जाता है तो दूसरा प्राण छोड़ देता है। उन्होंने गौरैया संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया तथा राजेश पाठक, सन्तोष सिंह परिहार, महेन्द्र सिंह यादव एवं जितेन्द्र रिछारिया को गौरैया संरक्षण हेतु काष्ठ के गौरैया घर भी भेंट किये।
नेहरू महाविद्यालय के सेवानिवृत्त इतिहासविद् प्रो0 बिहारी लाल बबेले ने कहा कि विंध्य सृजन सेवा समिति विंध्याचल को समेटे हुये अपने कार्य का शुभारम्भ कर रही है, बधाई की पात्र है। भारत ने सारा ज्ञान एवं सभ्यता विश्व को दिया। वेद, उपनिषद, विविध्ा ग्रंथ, कला सौष्ठव ज्ञान के रूप है। समता, समरसता, स्वतंत्रता और बन्धुत्व की भावना से भरे सभी ग्रन्थ दया, करूणा और संवेदनाओं से भरे हुये है जो कहते हैं सब बराबर है। वर्णाश्रम लोगों में कार्य के बंटवारें के लिए बनाया गया। उन्होंनें कहा ललितपुर पुरातत्व के मामले में सबसे अधिक समृद्ध है, फिर भी गरीब है, बड़े आश्चर्य की बात है।  आध्यात्म में कहा गया है कि दया, परोपकार के बिना प्रकृति अपना फल नहीं देती है। वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र दिवाकर ने विलुप्त होती गौरैया को बचाने की दिशा में वन विभाग द्वारा किये गये प्रयासों में सहयोग देने की आवश्यकता पर बल दिया।
युवा अधिवक्ता स्वतंत्र व्यास ने कहा कि जनसामान्य जानकारी के अभाव में अपने अधिकारों का ज्ञान न होने के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं, जबकि कार्यपालिका उन्हीं के कार्य करने के लिए बैठी है। विध्ािक साक्षरता शिविर एवं अन्य जागरूता शिविर लोगों को उनके अध्ािकारों एवं कर्तव्यों का बोध कराने के लिए होते है।
डा0 राजेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि विन्ध्य सृजन सेवा समिति द्वारा घरेलू चिडि़या को लुप्त होने से बचाना अच्छा प्रयास है। इसके लिए राजेश पाठक बधाई के पात्र है कि वह जनसामान्य में ज्ञानवर्धन कर रहें है और उनकी समस्याओं को दूर करने में लगे है। महेन्द्र पांचाल एड0 ने जनसामान्य से मूलभूत सुविधाओं का लाभ उठाने का आव्हान किया। शिविर के दौरान मानव आर्गेनाइेजेशन के संयोजक पुष्पेन्द्र सिंह चैहान एड0 ने गौरैया संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक किया और बताया कि किस प्रकार गौरैया संरक्षण करके प्रकृति का संन्तुलन स्थापित कर सकते है। इस दौरान पत्रकार सुरेश कौंते एवं कन्हैयालाल विश्वकर्मा ने वन विभाग की भूमि पर वन माफियाओं द्वारा किये जा रहे अवैध खनन, अवैध कृषि, अवैध कटान को रोके लगाये जाने की बात कही।
कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक एवं सामाजिक पर्यावरण के निर्माण के लिए राष्ट्रीय युवा योजना के समन्वयक सुधाकर तिवारी ने सर्वधर्म प्रार्थना सम्पन्न करायी, जिसमें उपस्थित सभी लोगों ने हिन्दू वैदिक, सनातन, इस्लाम, ताओ, पारसी, यहूदी, जैन, ईसाई, सिक्ख, बौद्ध आदि धर्मो की प्रार्थना करते हुए जयजगत एवं विश्व शांति का उद्घोष किया तथा “सबके लिए खुला है मन्दिर है ये हमारा“ गीत का गायन जनसमूह ने उच्च स्वर में कर समरसता एवं विश्वबन्धुत्व की भावना का सन्देश दिया। इस अवसर पर एलोपैथिक चिकित्सा शिविर डा0 जयराम वर्मा ने नेतृत्व में लगाया, जिसमें जन सामान्य के रक्तचाप एवं ब्लड सुगर एवं अन्य जांचंे श्रीमती मीरा वर्मा, श्रीमती शकुन्तला, सरोज, जयन्ती, मीना, कल्पना द्वारा की गयी तथा दवाओं का निःशुल्क वितरण किया गया, वहीं हौम्योपैथिक चिकित्सा शिविर मुहम्मद वसीम द्वारा, विधिक साक्षरता शिविर स्वतंत्र व्यास द्वारा, गौरैया संरक्षण शिविर पुष्पेन्द्र सिंह द्वारा आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्री कृष्ण मुरारी पाठक, पुष्पेन्द्र जैन, वरिष्ठ पत्रकार जमना प्रसाद यादव, वैभव जैन एड0, परशुराम उदैनिया एड0, राहुल गोस्वामी, युवा पत्रकार अमित लखेरा, गोपी भारती, सचिन जैन, नीलेश पाठक, अखिलेश पाठक, ऋषि हीरा नन्दानी, संजय सेन, अमन पाठक, बृजभान सिंह, हरी पाल जगदीश कुशवाहा, क्लेश परिहार, नरेन्द्र सेन, वीरन प्रजापति, राहुल पाठक, अरविन्द परिहार, धनसिंह प्रजापति, रामकिशोर कांकर, हरकिशन कुशवाहा, राजेश मिश्रा, रवि रजक, रमजू रजक, शिवशंकर कांकर, एवं भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन बार एसोसियेशन के महामंत्री राजेश देवलिया ने किया तथा आभार विन्ध्य सजृन सेवा समिति के अध्यक्ष राजेश पाठक ने किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्य सचिव ने लखनऊ कैंसर संस्थान का ओ0पी0डी0 निर्धारित तिथि से 02 माह पूर्व अर्थात दिसम्बर, 2016 के स्थान पर अक्टूबर, 2016 को ही प्रारम्भ कराये जाने पर व्यक्त किया संतोष

Posted on 11 March 2016 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने लखनऊ कैंसर संस्थान का ओ0पी0डी0 निर्धारित तिथि से 02 माह पूर्व अर्थात दिसम्बर, 2016 के स्थान पर अक्टूबर, 2016 में ही प्रारम्भ कराये जाने पर सन्तोष प्रकट करते हुये कहा कि अन्य परियोजनाओं का कार्य भी निरन्तर अनुश्रवण कर निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि आगामी 31 मार्च तक लखनऊ कैंसर संस्थान के आवश्यक पदों एवं उपकरणों को क्रय करने सम्बन्धी प्रक्रिया नियमानुसार संपादित कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि लखनऊ कैंसर संस्थान के निदेशक पद का चयन भी पारदर्शिता के साथ वर्तमान माह मार्च में ही नियमानुसार अवश्य पूर्ण करा लिया जाये। उन्होंने डाॅयल 100 निर्माणाधीन भवन के प्रथम फ्लोर की छत का निर्माण 30 अप्रैल तक अवश्य पूर्ण कराते हुये निर्देश दिये कि आगामी माह जुलाई, 2016 तक डाॅयल-100 सेवा का क्रियान्वयन प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराने हेतु आगामी 15 मई तक सम्बन्धित क्रय किये जा रहे वाहनों (इनोवा व बोलेरो) की आपूर्ति अवश्य प्रारम्भ हो जानी चाहिये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप की बैठक कर निर्माणाधीन कैंसर संस्थान, डाॅयल-100, नवीन मेडिकल काॅलेज, सरस्वती हाईटेक सिंटी, ट्रांस गंगा परियोजना तथा लाॅयन सफारी आदि परियोजना के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लखनऊ कैंसर संस्थान में रेडियोथेरेपी डिपार्टमेंट को भी आगामी जनवरी, 2017 से अवश्य क्रियाशील करा दिया जाये। उन्होंने बांदा मेडिकल काॅलेज में एम0सी0आई0 का निरीक्षण विगत 06 व 07 जनवरी को हो जाने के फलस्वरूप निर्देश दिये कि बांदा मेडिकल काॅलेज में 100 एम0बी0बी0एस0 सीटों का शैक्षिक सत्र आगामी जुलाई माह से अवश्य प्रारम्भ करा दिया जाये।
श्री रंजन ने निर्माणाधीन 21 ट्राॅमा सेण्टरों में से अवशेष 02 ट्राॅमा सेण्टरों आजमगढ़ व सुल्तानपुर को अधिकतम 15 मार्च तक पूर्ण कराकर विभाग को हस्तगत कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नवनिर्मित 21 ट्राॅमा सेण्टरों को यथाशीघ्र क्रियाशील कराने हेतु पैरामेडिकल स्टाफ एवं शिक्षकों की तैनाती के साथ-साथ आवश्यक उपकरणांे की खरीद भी नियमानुसार सुनिश्चित करा ली जाये। उन्होंने जनपद औरैया और कन्नौज के निर्माणाधीन 100 शैय्यायुक्त चिकित्सालयों का निर्माण पूर्ण हो जाने के फलस्वरूप मा0 मुख्यमंत्री जी के कर-कमलों द्वारा लोकार्पण कराये जाने हेतु समय प्राप्त करने के निर्देश दिये। उन्होंने 50 महिला चिकित्सालयों में 100 शैय्यायुक्त मैटरनिटी विंग का निर्माण आगामी अक्टूबर, 2016 तक पूर्ण कराने के भी निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने ट्रांस गंगा परियोजना के अन्तर्गत आमंत्रित आवेदनों के आधार पर प्लाटों का आवंटन आगामी 09 अप्रैल तक लाटरी निकालने की कार्रवाई  कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ट्रांस गंगा सिटी परियोजना को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे से जोड़ने एवं लखनऊ-कानपुर नेशनल हाई-वे पर आर0ओ0बी0 का सर्वे कराने का कार्य प्राथमिकता पर सुनिश्चित करा लिया जाये, ताकि ट्रांस गंगा सिटी परियोजना 02 मुख्य एक्सप्रेस-वे मार्ग से अवश्य जोड़ी जा सके। उन्होंने सरस्वती हाईटेक सिटी नैनी इलाहाबाद के आवासीय प्लाण्टों के आवंटन की कार्यवाही नियमानुसार कराये जाने के साथ-साथ अवस्थापना कार्यों को पूर्व निर्धारित तिथि 31 दिसम्बर, 2016 तक पूर्ण कराने के निर्देश दिये। उन्होंने लाॅयन सफारी में विजिटर फैसिलिटेशन सेण्टर योजना का कार्य आगामी नवम्बर, 2016 तक निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के समयबद्ध अवधि में पूर्ण कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वर्तमान माह मार्च में फैसिलिटेशन सेण्टर के मेन बिल्डिंग के नींव का कार्य, सड़क के बेस का कार्य, पार्किंग क्षेत्र का निर्माण कार्य, बाउण्ड्रीवाल के नींव का कार्य, फीचर वाल के स्ट्रक्चरल वर्क का कार्य अवश्य प्रारम्भ करा दिया जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव वित्त श्री राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री महेश कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव वन श्री संजीव सरन, प्रमुख सचिव गृह श्री देवाशीष पण्डा, सचिव मुख्यमंत्री श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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आगामी 20 मार्च को जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ में गौरैया पक्षी के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु गौरैया दिवस का आयोजन व्यापक रूप से कराया जाये: मुख्य सचिव

Posted on 11 March 2016 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने आगामी 20 मार्च को जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ में वन्य जीव संरक्षण एवं पर्यावरणीय संतुलन के उद्देश्य से गौरैया पक्षी के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु गौरैया दिवस का आयोजन व्यापक रूप से कराया जाये। उन्होंने कहा कि गौरैया दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन मा0 मुख्यमंत्री के कर कमलों द्वारा कराने हेतु समय लिये जाने का अनुरोध किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि आगामी 14 मार्च को प्रदेश के समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों को गौरैया के संरक्षण के लिये जागरूक किया जाये तथा कार्यक्रम में बच्चों को ‘‘हम उत्तर प्रदेश को ‘क्लीन यू0पी0-ग्रीन यू0पी0’ के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश को हरा-भरा एवं स्वच्छ बनाएंगे।’’, ‘‘हम वृक्षों-वनस्पतियों एवं वन्यजीवों का संरक्षण व संवर्धन करेंगे।’’, ‘‘हम विलुप्त हो रही गौरैया को संरक्षण प्रदान करेंगे एवं गौरैया को वापस लाने हेतु पूर्ण मनोयोग से प्रयास करेंगे।’’, ‘‘हम पर्यावरण को बचाने हेतु प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे।’’ शपथ दिलायी जाये। उन्होंने कहा कि गौरैया संरक्षण के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य कर रहे आम जनों व वन अधिकारियों को गौरैया मित्र पुरस्कार से सम्मानित किया जाये। उन्होंने कहा कि गौरैया संरक्षण कार्यक्रम का वृहद् प्रचार-प्रसार विभिन्न प्रचार माध्यमों के साथ-साथ सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी सुनिश्चित कराया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में आगामी 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर प्रदेश में कार्यक्रम के आयोजन हेतु सम्बन्धित अधिकारियों की बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि गौरैया दिवस के अवसर पर कार्यक्रमों का आयोजन कर गौरैया संरक्षण हेतु जन जागरण अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि गौरैया संरक्षण हेतु इच्छुक व्यक्तियों एवं संस्थाओं को गौरैया बाक्स का वितरण भी सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौरैया पक्षी की कमी को दृष्टिगत रखते हुये अधिक स्थानों पर गौरैया संरक्षण हेतु आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करायी जायें।
बैठक में अवगत कराया गया कि गौरैया संरक्षण हेतु वेबसाइट ूूूण्ेचंततवूनचण्बवण्पद का निर्माण कराया गया है तथा 07 मार्च, 2016 तक लगभग 33,000 व्यक्तियों द्वारा साइट को विजिट किया गया है। 07 मार्च, 2016 तक गौरैया संरक्षण हेतु एक लाख गौरैया बाॅक्स वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अभी तक लगभग 30,000 गौरैया बाॅक्स वितरित किये जा चुके हैं। गौरैया बाॅक्स वितरण कार्यक्रम पूर्णतः जनसहयोग के माध्यम से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में कई संस्थाएं यथा ज्पउमे व िप्दकपंए ब्म्म्ए स्नबादवू न्दपअमतेपजलए थ्प्ब्ब्प्ए च्भ्क्ब्ब्प्ए ॅमसेचनद प्दकनेजतपमे तथा त्मसपंदबम जैसी संस्थाएं सक्रिय सहभागिता निभा रही हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण श्री संजीव सरन, सचिव बेसिक शिक्षा श्री आशीष कुमार गोयल, सचिव वन श्री सुनील पाण्डेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री उमेन्द्र शर्मा सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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राज्य सरकार किसानों सहित ग्रामीण जनता के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है: मुख्यमंत्री

Posted on 11 March 2016 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से आज उनके सरकारी आवास पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान नेताओं के एक दल ने मुलाकात की।
भेंट के दौरान सभी किसान नेताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसान हित में चलाई जा रही योजनाओं की प्रशंसा की और कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों का पूरा ध्यान रख रही है। उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का समर्थन करते हैं, क्योंकि इनका सीधा लाभ गांव की जनता विशेषकर किसानों, महिलाओं इत्यादि को मिल रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण जनता, जिसमें बड़ी संख्या में किसान भी शामिल हैं, के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। ‘डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना’ एवं ‘जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना’ के माध्यम से गांवों में विभिन्न विकास कार्य सम्पादित किए जा रहे हैं। कुपोषण समाप्त करने के लिए ‘राज्य पोषण मिशन’ चलाया जा रहा है। ग्रामीण समाज में स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण की जरूरत को देखते हुए ‘ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण समिति’ गठित की गई है।
श्री यादव ने कहा कि इन योजनाओं के अलावा ‘समाजवादी पेंशन योजना’ से ऐसे 45 लाख गरीब परिवारों, जो किसी भी पेंशन योजना के तहत आच्छादित नहीं हैं, को लाभान्वित किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से भी बहुत से किसानों को मदद मिल रही है। अगले वित्तीय वर्ष में इस योजना के माध्यम से 55 लाख गरीब परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा। प्रदेश में किसान दुर्घटना बीमा के माध्यम से भी किसानों को सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार किसानों की हर सम्भव मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की सच्ची हितैषी है। वर्ष 2015-16 और 2016-17 को ‘किसान वर्ष’ भी घोषित किया गया है, ताकि उनकी पूरी मदद की जा सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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