Archive | October 23rd, 2015

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गाय किसकी है, किसकी नहीं के बजाय त्यौहारो के समय प्रशासनिक लापरवाही के कारण राज्य में बिगड़ रहे हालात को देखे।

Posted on 23 October 2015 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गाय किसकी है, किसकी नहीं के बजाय त्यौहारो के समय प्रशासनिक लापरवाही के कारण राज्य में बिगड़ रहे हालात को देखे। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि कही मूर्ति स्थापना, कही राम बारात, तो कही राम लीला जैसे मामलो पर उठ रहे विवाद के कारण राज्य में तनाव का वातावरण बन रहा है। वैसे ही दादरी में सरकार की प्रशासनिक विफलता के कारण उ0प्र0 की बदनामी पूरे देश में हुई। अखिलेश राज में प्रदेश के हालत इस तरह खराब है कि राज्य में बेटियां अस्मत बचाने के लिए अपनी जान दे रही है।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर हल्द्वानी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कथन की गाय तो हमारी है उनका उनसे क्या लेना-देना, पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि बंटवारे की सियासत में जुटे लोग अब पशुओं को भी हमारे-तुम्हारे में बंाटने में जुट गये है। गाय को हमारी कहने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राज्य में गौवंश की अवैध तस्करी और अवैध कटान पर सख्त कानून के तहत कार्यवाही की बात करते है किन्तु जब कार्यवाही करनी होती है तो उनका प्रशासन बगले झाकने लगता है। जो लोग इन पशु तस्करों के काम में अवरोधी होते है उन्हें गोलियों का निशाना तक बनाने में पशु तस्कर परहेज नहीं करते, मनोज मिश्रा काण्ड इसका ज्वंलत उदाहरण है। परिजन न्याय के लिए अनशन तक कर रहे है और सरकार दावों में व्यस्त हैं।
उन्होंने कहा कि नोएडा में एक बेटी को केवल इसलिए जान देनी पड़ी कि उसे लगा कि वह शोहदो से अपनी सुरक्षा कर पाने में असमर्थ हो रही है। उसने पुलिस को शोहदो की शिकायत भी की किन्तु अखिलेश सरकार की चाकर पुलिस आकाओं की चाकरी में इतनी व्यस्त है कि उसने इसे प्राथमिकता पर ही नहीं लिया। अब चूंकि शिकायत वह कर चुकी थी। और जिनके विरूद्ध शिकायत की, वे जान गए थे कि उनकी शिकायत पुलिस में हो चुकी है, अपने प्रभाव के चलते आरोपियों ने न केवल पुलिसिया कार्यवाही को प्रभावित किया, वरन पीडि़ता को उठा ले जाने की धमकी दी। अब क्या करती बेटी, सो उसने अपनी जान ही दे दी। उन्होंने कहा कि घटनाओं के बाद लकीर पीटती पुलिस छोटो पर कार्यवाही कर अपनी नाकामी पर पर्दा भले डाल ले किन्तु कत्र्तव्यों का निर्वहन समय से होता तो लड़की की जान बचाई जा सकती थी। साथ ही प्रकरण में लापरवाही बरतने वाले बड़े अधिकारियों पर भी कार्यवाही हो।
श्री पाठक ने कहा कि बटवारे की सियासत की बजाय कानून व्यवस्था का पालन किया जाये। अपराधी, अपराधी है, उसका न तो कोई मजहब होता है न ही जाति होती है, किन्तु यहां तो जिन पर प्राथमिकी दर्ज होती वे मंत्रीगण के साथ मंच साझा करते है। उन्होंने कहा अपनी नाकामी का ठीकरा दूसरे पर फोड़ने में अभ्यस्त सपाई अपनी जिम्मेदारियों का भी निर्वाहन करे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

प्रदेष में भू-जल स्तर में आई गिरावट बेहद चिन्ताजनक - हरिष्चन्द्र श्रीवास्तव

Posted on 23 October 2015 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में भूगर्भ जलस्तर की भारी गिरावट को लेकर गम्भीर चिन्ता व्यक्त की है। प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि पूरे प्रदेश में औसत आधे से भी कम जल वृष्टि के कारण और लगातार वनसम्पदा के दोहन से उत्तर प्रदेश में भू-जल स्तर में आई गिरावट बेहद भयावह हैं।
हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने  प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा  कि भू-जल स्तर में निरन्तर गिरावट प्रदेश के आम नागरिकों को पीने के पानी तथा किसानों के समक्ष फसलों की सिचाई को लेकर उत्पन्न होने वाली समस्या के प्रति उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह बेखबर है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि लखनऊ में प्राप्त भू-जल के सन्दर्भ में प्रकाशित आंकडे़ चैकाने वाले हैं 2006 में जहां में 35 मी0 भू-जल स्तर लगभग 25 मी था अब घटकर 35 मीटर आ गया। पिछले 10 वर्षो में यह गिरवाट लगभग 10 मीटर की हैं जों बेहद चिन्ताजनक है। हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि राजधानी में जहां 10-15 वर्ष पहले 8 से 10 मीटर गहराई में भू-जल उपलब्ध अब 35 से 40 मी तक नीचे भू-जल उपलब्ध हो पाता है।
हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि कमोवेश यही स्थितियंा ग्रामीण क्षेत्रों की है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार को प्रदेश के आम जनता व किसानों के समक्ष सिचाई के पानी को लेकर आने वाली समस्या के निदान हेतु कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए जिसको लेकर प्रदेश सरकार पूरी तरह उदासीन है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

‘‘छायावाद नवचेतना एवं नवजागरण का काव्यान्दोलन था।

Posted on 23 October 2015 by admin

‘‘छायावाद नवचेतना एवं नवजागरण का काव्यान्दोलन था। देवरिया की माटी में जन्मे डा. शम्भुनाथ सिंह ने वाराणसी को केन्द्र बनाकर समकालीन कवि गीतकारों के साथ मिलकर इस प्रगतिशील चेतना को नवस्वर प्रदान किया।’’ यह विचार साहित्यकार एवं दीनानाथ पाण्डेय महिला राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा. दिवाकर प्रसाद तिवारी ने विश्व भोजपुरी सम्मेलन एवं डा. शम्भुनाथ सिंह शोध संथान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित ‘‘डाॅ शम्भुनाथ सिंह स्मृति समारोह एवं काव्य संध्या’’ में मुख्य अतिथि पद से व्यक्त किए। साहित्यिक पत्रिका ‘अंचल भारती’ के सम्पादक श्री जयनाथ मणि त्रिपाठी जी ने कहा कि उन्होने नवगीत को नई ऊँचाई और नूतन संस्कार दिया। वे छायावादोत्तर गीतधारा के सुयोग्य-सशक्त हस्ताक्षर थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुप्रसिद्ध नवगीतकार श्री गिरीधर ‘करूण’ ने कहा कि ‘‘छायावादी गीतो के अवसान के समय डाॅ. शम्भुनाथ सिंह ने नवगीतात्मकाता की शक्ति लेकर गीतों को एक सहज और सहज अभिव्यक्ति दी।‘‘

प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत करते हुए फाउण्डेशन के महासचिव एवं मुख्य कार्यकारी डा. राजीव कुमार सिंह ने कहा कि देवरिया की माटी के सपूत तथा हिन्दी गीतों को नया तेवर देने वाले तथा साहित्य की सभी विधाओ पर समान रूप से हस्तक्षेप रखने वालो मूर्धन्य साहित्यकार स्व. डा. शम्भुनाथ सिंह की जन्मशती समारोह श्रृंखला की कड़ी में आज यह कार्यक्रम देवरिया में आयोजित हो रहा है। इस श्रृंखला का उद्घाटन विगत 16 जून 2015 को वाराणसी में देश के शीर्षस्थ कवि-समालोचक डा. केदारनाथ सिंह ने किया था। उन्होने कहा कि देवरिया जिले के ग्राम- राउतपार अमेठिया में 17 जून 1916 को जन्मे डा. शम्भुनाथ सिंह का स्मारक उनके जन्म स्थान पर बनाने के लिए समाज के सभी वर्गो को आगे आने की जरूरत है।

कार्यक्रम के द्वितीय चरण में श्री योगेन्द्र नारायण मिश्र ‘वियोगी’ के संयोकत्व में आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों ने अपने काव्य सुमन अर्पित किए।

छेदी प्रसाद गुप्त ने पढ़ा-‘‘प्रशासन आजकल बा हो गइल, अन्धा और बहरा, भला फरियाद के सुनी, जहाँ बा धूर्तन का पहरा।’’ गौरी बाजार से आए सूर्यनारायण गुप्त ‘सूर्य’ ने कहा-‘‘चीर हरण आज भी है जारी, मौन है नारी’’

उत्तराखण्ड में कार्यरत डा. महेन्द्र प्रताप पाण्डेय ‘नन्द’ ने पढ़ा, ‘‘दुनिया निष्ठुर तुमको कहती, मुझसे नही सहा जाता है, मुझको इक लावारिस व्यक्ता, फेंकी नाम दिया जाता है।’’  दयाशंकर कुशवाहा ने पढ़ा, ‘‘चल रही कैसी हवा, जल रहा तन-मन यहाँ। छा रहा ये बबूल कैसे, खो गया चन्दन कहाँ।’’

मुझे चिंता नही उसकी, उसे चिंता हमारी है।
खुदा से कम नही है वो, मेरी बेटी जो प्यारी है।।

-योगेन्द्र तिवारी ‘‘योगी’’
देवी गीत-
‘‘आइल नवरात्रि त्योहार, सजि गइल मैया के घर-बार।
मलिया करेला पुकार, कि माई के पहरा आइल बा।।’’

-प्रस्तुति- शैलेष चन्द्र तिवारी

यह वक्त बदलता ही रहता है हर छन,चेहरा बदले पर नहीं बदलता दर्पण,
कैसे अनजाने भी पहचाने हो जाते हैं, मैने देखा है !’’
-उमाशंकर द्विवेदी
तीनो लोक जानेला, मईया दुर्गाकाली की तरे,
दर्शन दे द मईया हमके महतारी की तरे।।

-सौदागर सिंह

परिवर्तन से गुजर रही है मानवता की भाषा
तुम्ही कहो मै कैसे लिख दूँ जीवन की परिभाषा।।

-इन्द्रकुमार दीक्षित

जय आदि शक्ति देवी जननी, भगवती जयति दुर्गा माता,
सबसे सुन्दर सबसे पावन, अति मन भावन भारत माता।।

-विनोद पाण्डेय

वंसती विवाह के झोकों में, रूपयों का दिवार अड़ा है।
कैसे कहें संबध इसे, जब रिश्तों में व्यापार खड़ा है।।

-सच्चिदानन्द पाण्डेय

आह बाकी कराट बाकी है,उनसे मिलने की माह बाकी है।
जिन्दगी ने सजा सुना दी,अब तो केवल गुनाह बाकी है।।
-योगेन्द्र नारायण ‘वियोगी’

भाव नहीं तो आदर की, राह कहाॅ दिखती
भाव मिल जाते, तो आदर की आशा कहाॅ रहती।
मुलाकातें स्नेह की प्रतीक होती है जनाब
बिछुड़े हुओं से मिलने की आषा कहाॅ रहती।।
-कृष्ण मुरारी तिवारी

शहर-शहर गली आइल चुनाव बा
ओटवा के नाम पर समाज इ लुटात बा।
-अनिल गौतम

कार्यक्रम का संयोजन व संचालन श्री उद्भव मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन पं. जगदीश उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर सर्वश्री जगन्नाथ श्रीवास्तव, अभिनव मिश्र, रविन्द्र बरनवाल, राजेश मणि आदि उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि कहावत है झूठ के पैर नहीं होते है

Posted on 23 October 2015 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि कहावत है झूठ के पैर नहीं होते है। झूठे वादों की कलई शीघ्र खुल जाती है। भाजपा नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव के समय झूठे वादों की मीनार खड़ी कर दी थी। भ्रमजाल में आकर जनता ने उन्हें केन्द्र की सत्ता में बिठा दिया। लेकिन जल्दी ही जनता को पता चल गया है कि प्रधानमंत्री के वादे ढपोरसंखी थे। तब जनता मंहगाई, भ्रष्टाचार और बेकारी से परेशान थी। वादा किया गया था कि इन सबसे निजात मिलेगी। अब डेढ साल होने को आ गए उनका एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है।
जनता मंहगाई से त्रस्त है। रोजाना घरों में इस्तेमाल होने वाली अरहर की दाल के भाव आसमान छूने लगे हैं। वर्ष भर पहले इस दाल का दाम 85 रूपए प्रति किलो था। आज बाजार मंे इसके दाम 200 रुपए प्रतिकिलो हो गए हैं। इससे घरेलू बजट पर संकट हो गया है। लेकिन भाजपा के ही केन्द्र में प्रवासी भारतीय विभाग के राज्यमंत्री का कहना है कि यह तो पहले भी मंहगी थी। लगता है भाजपा को आम आदमी की पीड़ा से कोई वास्ता नहीं हैं।  मंहगाई रोकने की भाजपा की बात तो अब गुजरे जमाने की बात हो चली है, क्यांेकि महीने में दो बार डीजल के दाम ही बढ़ा दिये गये है। डीजल के दामों में 95 पैसे की वृद्धि हो गई है। लेकिन इसके चलते परिवहन मंहगा होने से खाद्य पदार्थ तथा सब्जी-फल आदि की ढुलाई की दरें बढ़ने की सरकार को चिंता नहीं। इसका भार तो आम आदमी को ही उठाना पडे़गा।
भाजपा की गलत आर्थिक नीतियों के चलते निर्यात में लगातार गिरावट आंकी गयी है। स्वंय केन्द्र सरकार ने स्वीकार किया है कि सितम्बर, 2015 में देश के निर्यात में 24.3 फीसद की गिरावट आई है। इसका सीधा असर यह होगा कि उद्योग यूनिटें बंद होने लगेगी और उसमें काम कर रहे लोगों की छंटनी के चलते बेकार होते जाएगें। एक ओर नौजवानों की प्रतिभा का पलायन रोकने की हवाई बातें हो रही हैं तो दूसरी ओर हकीकत में उन्हें बेरोजगारों की लाइन में खड़े होने को मजबूर बनाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव केन्द्र की नई नीतियों से कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं से लगातार अपनी चिंता जताते रहे हैं। उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार जहाॅ चैमुखी विकास के कदम उठा रही है वहीं केन्द्र का सौतेला व्यवहार रोड़ा बन रहा है। विकास के तेज कदम बढ़ाते हुए उ0प्र0 को 15,257 करोड़ केंद्रांश कम मिलने की आशंका है। यह स्थिति देश के साथ प्रदेश के विकास के लिए भी चिंता एवं क्षोभ का विषय है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव द्वारा समाजवादी पार्टी झारखण्ड की राज्य कार्यकारिणी में निम्नलिखित पदाधिकारियों को नामित किया गया है।

Posted on 23 October 2015 by admin

1.   श्री केश्वर यादव उर्फ रंजन यादव, नामकूल, रांची      प्रदेश अध्यक्ष
2.   श्री केदारनाथ यादव, ग्राम पो0 बघौत लगमा गढ़वा     प्रदेश उपाध्यक्ष
3.   श्री मुमताज अली, चन्दन कियारी रोड चास बोकारो     प्रदेश महासचिव
4.   श्री राजेष कुमार शर्मा, ग्राम चायबगान पो0 बरगांवा
नामकूल जनपद रांची-                    प्रदेेश कोषाध्यक्ष
प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के संविधान के अनुसार प्रदेश कार्यसमिति का गठन कर एक सप्ताह के अन्दर केन्द्रीय कार्यालय को अनुमोदन हेतु प्रेषित करेगें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

षड्यंत्र को जानो ! हिन्दूओ और मुसलमानो विचार नवनीत . डॉण्मनोहर भण्डारी

Posted on 23 October 2015 by admin

यह मेरा नितान्त व्यक्तिगत मत है कि भारत के अधिकांश मुस्लिम शान्ति चाहते हैं और हिन्दुओं के साथ बिना लड़ाई झगड़ों तथा मतभेदों के अपना अमन चैन भरा जीवन बिताना चाहते हैं प् यही बात हिन्दुओं के लिए भी सत्य है प् परन्तु मुस्लिमों के दिलोदिमाग में हिन्दुओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ;आरण्एसण्एसण्द्ध के प्रति नफरत घुसेड़ने का काम बड़ी ईमानदारी से दशकों से किया जाता रहा है प् यह भी सच है कि आरण्एसण्एसण् के ही वरिष्ठ स्वयंसेवक श्री इन्द्रेश कुमार मुस्लिम भाइयों के बीच प्रेम और सौहार्द्र के लिए सतत प्रयास कर रहे हैं प्
इतने सालों में जिस कदर से मुस्लिमों का धार्मिक ;केवलद्ध तुष्टीकरण किया गयाए उसके अनुपात में यदि उनके सर्वांगीण और वास्तविक विकास पर भी ध्यान दिया जाता तो क्या वर्तमान में भारत के मुस्लिम शिक्षा अथवा अन्य क्षेत्र में अग्रणी नहीं होतेए क्या इतना पिछड़ापन रहता घ् यह बड़ा गम्भीर सवाल हैए जो मेरे मन मस्तिष्क में अनेक बार उठा प् हालांकि हर बार मुझे भीतर से यही जवाब मिला कि कहीं न कहीं मुस्लिमों के साथ गहरा छल हो रहा है प्
न तो मैं राजनीतिज्ञ हूंए न कोई बड़ा विचारकए या समाज सुधारक परन्तु फिर भी स्थितियों का विश्लेषण करने की मेरी सीमित योग्यता के चलते मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि मुसलमानों को हिन्दुओं के खिलाफ भड़काकर उनके उस विकास को अवरुद्ध किया जाता रहा हैए जिसके वे हकदार रहे हैं प् मुझे लगता है कि श्कुछश् लोगों को लगता रहा है कि यदि मुस्लिम पढ़ लिखकर समझदार और अथवा सम्पन्न हो गए तो हिन्दुओं की तरह वे किसी के भी एकमुश्त वोट बैंक नहीं रह जाएंगे प् वे अपनी बुद्धि से वोट देने लगेंगे और अपने हितों के विषय में निर्णय लेने लगेंगे प्
बेहद अफ़सोसनाक और खौफनाक हकीकत यह है कि वही सिलसिला निरन्तर बेरोकटोक चल रहा है प् इन दिनों एक नया चलन चला हैए मुस्लिम के साथ व्यक्तिगत या किसी भी कारण से अत्याचार होता है तो उसे खूब दिखाओए दिनभर दिखाओए बार बार दिखाओ ताकि पूरे देश में ही नहीं बल्कि विश्वभर में यह सन्देश जाए कि मुस्लिम भारत में पूरीतरह असुरक्षित हैंए इससे उनमें भय तथा आक्रोश पैदा हो रहा है प् हिन्दू के साथ चाहे जो हो जाएए उसे या तो दिखाया ही नहीं जाए या कम महत्व दिया जाए ताकि हिन्दुओं के साथ हुई घटना उस शहर में ही सिमट कर रह जाएए ;हालांकि सारी घटनाएं फेसबुक के माध्यम से पूरे देश में पता चल रही हैंद्धए ताकि हिन्दू आक्रोशित और एकजूट हों कि वे मुसलमानों के कारण उपेक्षित हैं प्
इन सबके दो बहुत ही बड़ेए दुखदए राष्ट्र विरोधी और दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम सामने आए हैंए पहला तो यह कि हिन्दुओं को लगने लगा है कि वे एकता के अभाव में अपने देश में ही नेग्लेक्टेडए असुरक्षित और उपेक्षित हैं तथा मुस्लिम प्रोटेक्टेड और वीण्आईण्पीण् हैं प् दूसरा मुस्लिम यह समझने लगे हैं कि अपने अस्तित्व के लिए उन्हें श्कुछ न कुछश् करना ही पड़ेगा प् इसका फायदा भारत विरोधी ताकतें उठा रही हैं और मौका लगने पर ज्यादा आक्रामकता के साथ उठा सकती हैं प्
एक दूसरे के प्रति अविश्वास और वैमनस्य की बहुत बड़ी दीवार खड़ी होने लगी है प् जिसके समग्र परिणामों का अनुमान लगाना बेहद कठिन है प्
मैं पिछले दो माह से फेसबुक की दुनिया में सक्रिय हुआ हूंए ऐसी घटनाओं को हर दिन देख . पढ़ रहा हूं और हिन्दू होने के नाते ऐसा लगने लगा कि हम छले जा रहे हैं प् एक नफरत भरा आक्रोश भीतर आकार लेने लगा है प्
मैंने अभी तीन चार दिन पहले ही आत्म विश्लेषण किया तो लगा कि इन तमाम घटनाओं को पढ़ पढ़ कर मेरे भीतर का मनुष्य अचानक कमजोर होने लगा है प् और मैं स्वयं को मनुष्य की बजाय हिन्दू मानने की राह पर चल पड़ा हैए जबकि मैं दिन में तीन चार बार सर्व कल्याण मन्त्र श्सर्वे भवन्तु सुखिनःए सर्वे सन्तु निरामया ण्ण्ण्श् को पूरे मनोयोग से दोहराता रहता हूं प् नियमित श्रीरामचरितमानसए श्रीमद्भागवत गीता और जैनदर्शन के कुछ श्लोकों का पठन करने वालेए मुझमें ऐसा अधोपतन होने लगेए यह मेरे लिए बेहद दुखद था प् मेडिकल शिक्षक होने के नाते मैं पिछले तीस सालों से लगातार प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से अपने युवा विद्यार्थियों को यह सन्देश स्पष्ट रूप से देता रहा हूं कि हमारे पास जो रोगी आएगाए वह न तो हिन्दू होगा न मुस्लिमए अमीर या गरीब भी नहींए काला या गोरा भी नहींए गन्दा.स्वच्छ भी नहींए सुन्दर. भद्दा भी नहीं बल्कि वह एक दर्द या रोग से कराहता विवश इंसान होगाए जिसे रोगमुक्त करने का प्रयास हमें पूरी ईमानदारी से करना है प्
इस पूरे विषय पर सोचा तो लगा कि इसतरह तो हिन्दू और मुस्लिम एक दूसरे के खिलाफ एकजुट होकर कुछ भी करने को तत्पर हो सकते हैं प् हिंसा और अशान्ति और न जाने क्या क्या सम्भव है प् नतीजा भारत विकास की बजाय पतन की राह पर दौड़ने लगेगा प्
मुझे लगता है कि पूरे देश में जगह जगह पढ़े.लिखे और समझदार मुस्लिम एक जाजम पर बैठकर पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर तथा परिस्थितियों के सन्दर्भ में गहन चिन्तन मनन और विश्लेषण करें तथा प्रयोग के तौर पर ही एक बार कुछ सालों के लिए ही सहीए उन ताकतों को अपने पास न आने देंए जो नफरत की बुनियाद पर मुस्लिमों को तरक्की का सपना दिखा . दिखा कर इस्तेमाल करए उन्हें तरक्की से दूर रखने में में कामयाब होते रहे हैं प् जो मुस्लिम इस्लाम के नाम पर वैमनस्य फैलाना चाहते हैं या अशान्ति चाहते हैंए उनको या तो हतोत्साहित किया जाए अथवा उनके खिलाफ हिम्मत से खड़े हों प् पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे से आम मुसलमानों को दूरी बनाए रखने का साहस भी करना चाहिएए क्योंकि गलतफहमियों को दूर करना आज की ख़ास और बड़ी जरूरत है प्
इन दिनों बिलावजह ही जानबूझकर गौवध और गौमांस को मुस्लिमों से जोड़कर देखने का उपक्रम कर बयानबाजी की जा रही हैए जबकि कुरआन शरीफ में गौमांस को कई बीमारियों का कारण बताया गया है प् ;ज्ञनतंद ैींतपरिू  ।ांतउववस इंांत ंिीपदंीं ेंपलकनस इंींपेंी डमंदपदहरू त्मेचमबज जीम बवू इमबंनेम पज पे जीम समंकमत व ि4 समहहमक ंदपउंसेण् ज्ीम उपसाए हीमम ;ेीपंिद्धए इनजजमत व िबवू पे दमबजंतण् प्जे सिमेी पे जीम उंपद बंनेम व िंसस जीम कपेमंेमेण् दृज्ञनतंद ेींतप िचंतं 14 तनाूं 7.15द्धण् राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दिनांक 16ण्11ण्1994 के सन्दर्भ में बताया गया था कि बाबर से बहादुर शाह जफ़र तक के शासन काल में गोहत्या प्रतिबंधित थी प् बहादुरशाह जफर ने स्वयं मुनादी फिरवाई थी कि बकरीद पर गाय की कुर्बानी करने वाले को तोप से उड़ा दिया जायेगा प् यह देवबंद के फतवे का सार है कि ष्गो हत्या करने वाले के विरुद्धए क़यामत के दिनए  मोहम्मद साहब गवाही देंगेष् प् मुस्लिम धर्मगुरुओं से गुजारिश है कि राष्ट्रहित और राष्ट्रीय एकता को ध्यान में रखते हुएए इन तमाम बातों का जोरशोर से प्रचार करना चाहिए प्
हिन्दुओं से मेरी प्रार्थना है कि उस षड्यंत्र को समझेंए जो बड़ी तरकीब से चलाया जा रहा है प् आखिर हिन्दुओं के साथ हुए अत्याचारों को मीडिया द्वारा नहीं दिखाए जाने में मुस्लिमों का क्या हाथ है घ् मैं सोचता हूं कि सोश्यल मीडिया का उपयोग हम सभी को हिन्दू मुस्लिम एकता के लिए खुलकर करना चाहिए ताकि अपने लाभों के लिए देश में अशान्ति चाहने वाले लोगों को करारा जवाब दिया जा सके प् नफरत से किसी का भी लाभ या भला नहीं होने वाला हैए परन्तु भारत के विश्वगुरुत्व का सपना अवश्य चूर चूर हो जाएगा प्
भारत को बारूद के ढेर पर खड़ा करने वाले लोग कामयाब न होए यही विनम्र प्रार्थना है प्
मैं सभी पाठकों से निवेदन करता हूं कि यदि मेरी बात में दम लगेए सच्चाई दिखाई देंए तो मानवताए राष्ट्रहित एवं राष्ट्रव्यापी शान्ति को सर्वोपरि मानते हुएए इसे सभी दूर भेजें

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

सिन्धु दर्शन तीर्थ यात्रियों को प्रदेश सरकार देगी आर्थिक सहायता उ0प्र0 के मूल निवासियों को मिलेगा 10 हजार रूपये का अनुदान

Posted on 23 October 2015 by admin

लेह लद्दाख स्थित सिन्धु दर्शन की तीर्थ यात्रा से होकर लौटने वाले उ0प्र0 राज्य के मूल निवासियों को राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी । धर्मार्थ कार्य विभाग उ0प्र0 शासन के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल द्वारा मण्डलायुक्त/जिलाधिकारियों को पे्रषित शासनादेश के अन्तर्गत उ0प्र0 के मूल निवासियों को 100 यात्रियों की सीमा तक जो वर्तमान में भी प्रदेश में निवास कर रहे हों, ऐसे व्यक्तियों को प्रदेश सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति को 10 हजार रूपये की धनराशि, अनुदान स्वरूप दी जायेगी। जिसमें आवेदक द्वारा सक्षम स्तर से निर्गत प्रमाण पत्र की प्रमाणित छायाप्रति प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि लेह लद्दाख स्थित सिन्धु  दर्शन की तीर्थ यात्रा हेतु अर्थिक सहायता प्राप्त करने हेतु अनुदान , वर्तमान लागू प्रक्रिया के अनुसार यात्रा में सम्मिलित होने वाले तथा यात्रा पूर्ण करने वाले यात्रियों को ही प्रदान की जायेगी। किसी व्यक्ति को जीवन में एक ही बार अनुदान दिया जायेगा। यात्रा में सम्मिलित यात्रियों की यात्रा समाप्त होने के पश्चात तीन माह के अन्दर प्रदेश के मूल निवासी प्रमाण-पत्र के आधार पर अनुदान स्वीकृत किया जायेगा।
अपरजिलाधिकारी (नगर) राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लेह लद्दाख स्थित सिन्धु  दर्शन की तीर्थ यात्रा हेतु अर्थिक सहायता प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र के अन्तर्गत यात्री का नाम, पिता/पति का नाम, व्यवसाय, निवास स्थान का पूर्ण पता फोन नम्बर सहित, यात्रा पूर्ण करने का प्रमाण पत्र, यात्रा पर हुये व्यय का विवरण, प्रथम यात्रा है या नहीं, पहचान पत्र, आवेदक के हस्ताक्षर, स्थान व दिनांक सहित, अभिलेखो की  छायाप्रतियां किसी राजपत्रित अधिकारी से प्रमाणित कराना अनिवार्य होगा। आवेदन पत्र भरकर संलग्नकों के साथ कर कलेक्टेªट स्थित न्याय सहायक-3 पटल पर जमा करायें, जिससे आवेदन पत्रों को समय से धर्मार्थ कार्य विभाग, उ0प्र0 शासन को प्रेषित किये जा सकें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

October 2015
M T W T F S S
« Sep   Nov »
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
-->









 Type in