Posted on 13 June 2014 by admin
भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों या विद्यालयों को मास्टर डाटाबेस में सम्मिलित होने के लिये 5 जून 2014 से 15 जुलाई 2014 तक स्वयं आनलाइन आवेदन करना होगा। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर स्थित मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों/विद्यालयों एवं उनमें संचालित पाठ्यक्रमों आदि का विवरण केवल आनलाइन आवेदन कर मास्टर डाटाबेस में सम्मिलित होने की अनिवार्य व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2014-15 से लागू कर दी गयी है।
यह जानकारी प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री श्री अवधेश प्रसाद ने दी है। उन्होंने बताया कि मान्यता प्राप्त ऐसे शिक्षण संस्थान/विद्यालय जो 15 जुलाई 2014 तक मास्टर डाटाबेस में सम्मिलित कर लिये गये होंगे उनके दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामान्य वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं को दशमोत्तर एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि का वितरण नियमावली के निर्धारित प्राविधानों के अनुसार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मास्टर डाटाबेस में वही शिक्षण संस्थान/विद्यालय सम्मिलित हो सकेंगे जिनको एवं जिनमें संचालित पाठ्यक्रमों की मान्यता एवं सम्बद्धता 30 जून 2014 तक प्राप्त हो चुकी होगी।
विभागीय मंत्री ने बताया कि मास्टर डाटाबेस में जिन शिक्षण संस्थानों/विद्यालयों के नाम पहले से शामिल हैं उन्हें भी शैक्षणिक वर्ष 2014-15 के लिये अपने शिक्षण संस्थान से सम्बन्धित समस्त विवरण पूर्व में प्रदान किये गये लाॅगिन आईडी एवं पासवर्ड के माध्यम से आॅन-लाइन भर कर मास्टर डाटाबेस में सम्मिलित होना होगा। उन्होंने बताया कि मास्टर डाटाबेस में सम्मिलित होने के लिये 30 जून 2014 तक मान्यता/सम्बद्धता प्राप्त नये शिक्षण संस्थानों या विद्यालयों को सम्बन्धित जनपद के जिला समाज कल्याण अधिकारी से निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार लाॅगिन आईडी एवं पासवर्ड प्राप्त कर निर्धारित अवधि के अंदर आॅनलाइन आवेदन करना होगा।
श्री प्रसाद ने बताया कि मास्टर डाटाबेस में शिक्षण संस्थानों एवं पाठ्यक्रमों को सम्मिलित करने के लिये निर्धारित अंतिम तिथि 15 जुलाई 2014 है। इसके बाद कोई भी आॅनलाइन आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाहर स्थित शिक्षण संस्थानों को भी निर्धारित तिथि तक स्वयं आॅनलाइन आवेदन कर मास्टर डाटाबेस में सम्मिलित होना होगा तथा ऐसे संस्थानों को लाॅगिन आईडी एवं पासवर्ड प्राप्त करने के लिये समाज कल्याण निदेशालय, उ0प्र0 के उपनिदेशक/नोडल अधिकारी दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना (प्रदेश के बाहर) श्री पी0के0 त्रिपाठी को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आवेदन करना होगा, जिनका मोबाइल नम्बर 9452139277 है। इन संस्थानों को लाॅगिन आईडी एवं पासवर्ड प्राप्त करने हेतु निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र की हार्ड काॅपी रजिस्टर्ड/स्पीड पोस्ट से अथवा आवेदन पत्र को स्कैन करके कपतमबजवतण्ेू/कपतेंउंरांसलंदण्पद ईमेल पर 01 जुलाई 2014 तक उपलब्ध कराना होगा।
समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि मास्टर डाटाबेस में उक्त प्रक्रिया के अनुसार जिन शिक्षण संस्थानों/विद्यालयों का नाम निर्धारित तिथि तक सम्मिलित होगा तथा सत्यापन एवं जांच के बाद सही पाया जायेगा उन्हीं शिक्षण संस्थानों/विद्यालयों के संस्थागत दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को नियमावली के प्राविधानों के अन्तर्गत उपलब्ध बजट की सीमा तक दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की जायेगी। उन्होंने बताया कि मास्टर डाटाबेस में सम्मिलित होने की प्रक्रिया तथा आवेदन पत्र का प्रारूप वेबसाइट ीजजचरूध्ध्ूूूण्ेबीवसंतेीपचण्नचण्दपबण्पद पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि जिला समाज कल्याण अधिकारियों द्वारा 05 जून 2014 से 15 जुलाई 2014 तक अपने जनपद के बैंक, बैंक शाखाओं के नाम एवं उनके आई0एफ0एस0 कोड को मास्टर डाटाबेस में आॅनलाइन विवरण भरकर अपडेशन, डिलीशन एवं संशोधन किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 June 2014 by admin
उत्तर प्रदेश विकलांग कल्याण विभाग से संचालित प्रयास राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोहान रोड (निकट शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय) लखनऊ में शारीरिक रूप से अक्षम बालकों को वर्तमान शैक्षिक सत्र 2014-15 के लिये 01 जूलाई 2014 से निःशुल्क प्रवेश किया जायेगा।
यह जानकारी लखनऊ के जिला विकलांग कल्याण अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि इस संस्था में ऐसे अस्थिबाधित विकलांगजन जिनके माता-पिता/अभिभावक की मासिक आय 1000 रुपये या इससे कम है। ऐसे अक्षम विद्यार्थियों को कक्षा-1 से कक्षा-9 तक निःशुल्क प्रवेश दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि ऐसे शारीरिक रूप से अक्षम बालाकों को प्रयास विद्यालय में जो कि पूर्णतया आवासीय है में शिक्षण, प्रशिक्षण, भोजन एवं आवास की सुविधा निःशुल्क मिलेगी।
उन्होंने बताया कि प्रवेश हेतु इच्छुक ऐसे छात्र एक जुलाई से 15 जुलाई 2014 के बीच किसी भी कार्य दिवस में विद्यालय आकर प्रवेश फार्म प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि और अधिक जानकारी के लिये मोबाइल नम्बर 9415752291 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 June 2014 by admin
राज्य सम्पत्ति विभाग में रिक्त वाहन चालक के 22 पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने के लिये आगामी 15 जून से अभ्यर्थियों का ‘ड्राइविंग टेस्ट’ प्रातः 7 बजे से मध्याह्न 12 बजे तक लिया जायेगा।
राज्य सम्पत्ति विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह टेस्ट लखनऊ स्थित काल्विन ताल्लुकेदार्स कालेज के मैदान में होगा। भर्ती से संबंधित अधिक जानकारी राज्य सम्पत्ति विभाग की वेबसाइट ूूूण्तंरलंेंउचंजजपण्नचण्दपबण्पद से प्राप्त की जा सकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 June 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में अप्रशिक्षु सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त तथा प्रशिक्षित वेतन प्राप्त कर रहे अध्यापकों को सेवा सम्बन्धी लाभ प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री श्री रामगोबिन्द चैधरी के आदेशानुसार इस क्रम में सचिव बेसिक शिक्षा ने शासनादेश जारी कर दिया है।
बेसिक शिक्षा सचिव श्री नीतिश्वर कुमार ने बताया कि ‘डायट’ में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण हेतु समय-सारणी जारी कर दी गई है। प्रशिक्षण ‘डायट’ स्तर पर आयोजित होगा तथा द्धिवर्षिय प्रशिक्षण होगा, जिसमें चार सेमेस्टर में परीक्षायें आयोजित की जायेगी। उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा सचिव ने निदेशक को निर्देशित किया है कि निर्धारित समय-सारणी के अनुसार परिषद प्राथमिक विद्यालयों में अप्रशिक्षित सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त तथा प्रशिक्षित वेतनमान प्राप्त कर रहे अध्यापकों को प्रशिक्षण हेतु निर्धारित की गई समय-सारणी के अनुसार प्रवेश दिलाकर वरिष्ठता आदि का निर्धारण कर समस्त सेवा सम्बन्धी लाभ दिया जाय।
सेवारत प्रशिक्षण में सम्मिलित किये जाने वाले शिक्षकों का विवरण डायट को प्रेषित किया जाना है जो जून, 2014 तक (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा) तथा शेष छूटे शिक्षकों को सम्मिलत कराने सम्बन्धी कार्यवाही 31 जुलाई, 2014 तक होगी। प्रथम सेमेस्टर का प्रशिक्षण प्रारम्भ जुलाई, 2014 के प्रथम कार्य दिवस से होगा।
प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा अवधि 20 दिसम्बर, 2014 तक होगी तथा प्रथम सेमेस्टर का परीक्षाफल घोषित होने की अवधि जनवरी, 2015 प्रथम सप्ताह है। इसी प्रकार सेमेस्टर का प्रशिक्षण प्रारम्भ 15 जनवरी, 2015 से होगी। द्वितीय सेमेस्टर का परीक्षा अवधि मई, 2015 से जून, 2015 तक होगी तथा द्वितीय सेमेस्टर का परीक्षाफल घोषित होने की अवधि जून, 2015 अंतिम सप्ताह है। तृतीय सेमेस्टर की प्रशिक्षण प्रारम्भ जुलाई, 2015 के प्रथम कार्य दिवस से होगी। तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा अवधि 20 दिसम्बर, 2015 तक होगी तथा तृतीय सेमेस्टर का परीक्षाफल घोषित होने की अवधि जनवरी, 2016 से प्रथम सप्ताह है। चतुर्थ सेमेस्टर का प्रशिक्षण प्रारम्भ 15 जनवरी, 2016 से होगी। चतुर्थ सेमेस्टर का परीक्षा अवधि मई, 2016 से जून 2016 तक होगी तथा चतुर्थ सेमेस्टर का परीक्षाफल घोषित होने की अवधि जून, 2016 अंतिम सप्ताह है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 June 2014 by admin
उ0प्र0 राज्य महिला आयोग द्वारा कल 12 जून को मध्यान्ह 12ः00 बजे से फैजाबाद जनपद में विगत तीन माह में महिला उत्पीड़न की घटित घटनाओं की समीक्षा की जायेगी।
यह जानकारी आयोग की सदस्य सचिव, सुश्री अनीता वर्मा सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती जानकी पाल, सदस्य श्रीमती माला द्विवेदी, डा0 श्वेता सिंह एवं डा0 विनीता सिंह, पुलिस/प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 June 2014 by admin
निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन तथा मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा प्रदेश के सात राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का औचक निरीक्षण गत दिवस किया गया। इस निरीक्षण के दौरान इन सभी संस्थानों में 38 कर्मचारी बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित पाये गये। संस्थानों में इस प्रकार की अनुशासनहीनता पाये जाने पर रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, फैजाबाद तथा कौशाम्बी के प्रधानाचार्यों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी है। साथ ही अवकाश पर पाये गये मोहनलालगंज एवं बाराबंकी के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्यों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन श्री अनिल कुमार ने बताया कि निरीक्षण के दौरान राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मोहनलालगंज में 08, बाराबंकी में 04, रायबरेली में 01, सीतापुर में 13, उन्नाव में 06, फैजाबाद में 04 तथा कौशाम्बी में 02 कर्मचारी बिना किसी पूर्व सूचना अथवा कारण के अनुपस्थित पाये गये थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 June 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के वाणिज्यकर आयुक्त कार्यालय लखनऊ के सभागार में 13 जून को प्रातः 10ः00 बजे से वाणिज्यकर की वसूली एवं विभागीय कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की जायेगी। बैठक में प्रमुख सचिव वाणिज्यकर श्री बीरेश कुमार, वाणिज्यकर आयुक्त श्री मृत्युंजयकुमार, नारायण सहित समस्त अपर वाणिज्यकर आयुक्त, जोनल एडीशनल कमिश्नर ग्रेड प्रथम/द्वितीय, संयुक्त वाणिज्यकर आयुक्त उपस्थित रहेंगे।
यह जानकारी उपायुक्त तथा मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी वाणिज्यकर सुश्री निधि मोहन कटियार ने दी। उन्होंने बताया कि बैठक में गेहूँ की खरीद पर प्राप्त होने वाले देयकर को जमा करने, कर चोरी के मामलों की जांच, आटा मिलों द्वारा गेहूँ खरीद पर देयकर, ईट भट्टा समाधान की शत्-प्रतिशत राशि को जमा कराने, बकाया कर वसूली, वाणिज्यकर की जोन, संभाग, कारपोरेट सर्किलवार प्राप्तियों की समीक्षा वाणिज्यकर की खण्डवार/अधिकारिक राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा, 20 वस्तुओं पर वस्तुकर, वाणिज्यकर संग्रह करने, 37 वस्तुओं की वस्तुवार वाणिज्यकर की समीक्षा होगी।
उपायुक्त वाणिज्यकर सुश्री कटियार ने बताया कि जोन के दस बड़े करदाताओं, वाणिज्यकर बकाया वसूली एवं सृजित मांग, एक करोड़ रू0 से अधिक के बकायेदारों से वसूली, मासिक/त्रैमासिक कर रिटर्न रिकवरी के दाखिले, विभाग में नये पंजीयन, लम्बित रजिस्ट्रेशन के प्रार्थना पत्रों की समीक्षा होगी। कर निर्धारण वादों तथा 2011-12 के डीम्ड वादों के निस्तारण की समीक्षा की जायेगी। टैक्स आडिट वादों, सचलदल इकाईयों के कार्यों की प्रगति, रेलमार्ग से आयातित माल की जांच की समीक्षा, टी0डी0एस0 से सम्बन्धित वाहनों की जांच, सर्वेक्षण, टर्नओवर, 50 लाख रू0 तक टर्न ओवर के आईटीसी दावों के सत्यापन तथा 50 लाख रू0 से अधिक टर्नओवर के आई0टी0सी0 की त्रुटिपूर्ण दावों की समीक्षा। आयुक्त ने बताया कि वाणिज्यकर वादों जोन के सचल दल इकाईयों द्वारा सूचित उल्लेखनीय मामलों, बोगस पंजीयन की जांच, सीमावर्ती स्थलों पर शाखा फर्मों की जांच की कार्रवाई की प्रगति, वाणिज्यकर विभाग के जोनल वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण में पायी गयी शिकायतों समस्याओं के निराकरण की समीक्षा की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 June 2014 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीद जताई कि कल दिल्ली में होने वाले निवेशक सम्मेलन का हश्र आगरा सम्मेलन जैसा न हो, क्योंकि दावे तो उसमें भी बहुत हुए सुबे के विकास को लेकर लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। निवेश के लिए निवेशकों की सबसे पहली आवश्यकता सुरक्षा होती है, जो अखिलेश सरकार देने में नाकामयाब रही। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा खराब कानून व्यवस्था के कारण देश भर में उत्तर प्रदेश की छवि खराब हो रही है, ऊपर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़े वसूली गिरोहों और माफिया तत्वों की रोजमर्रा के कामकाज में दखलअंदाजी के कारण निवेशक पलायन को मजबूर है। निवेशक सम्मेलन से पहले बेहतर हो अखिलेश सरकार राज्य में निवेश का माहौल बनाये।
उन्होने कहा लगातार सरकारी दावों को चुनौती देते अराजक और माफिया तत्वों का सरकार में बोलबाला है, नतीजा डरा सहमा व्यापारी वर्ग जो निवेश किया है उसी को बचाये रखने में उसके पसीने छूट रहे है। निवेश को अमंत्रित करने की सरकारी नीतियों का आलम यह है कि जिन औद्योगिक प्रस्तावों को सरकार अपना ड्रीम प्रोजेक्ट मानकर चल रही थी उनके लिए बीडर ही नही मिले। औद्योगिक वातावरण बनाने के लिए सरकार में एक स्वस्थ कार्य संस्कृति विकसित करनी पड़ेगी, पर यहां तो चचा खफा तो योजना ही नही चल पायेगी।
श्री पाठक ने कहा उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार आदमी की सुरक्षा हो या पूॅजी की सुरक्षा दोनों ही देने में नाकामयाब रही है। सरकारी अस्थिरता की स्थिति यह है कि एक बार जिस अधिकारी से निवेशक मिलता। अगली बार उसे नए आदमी से मिलना पड़ता है क्योकि तब तक वह सपा नेताओं की कृपा से पदस्थपित हो चुका होता है। अखिलेश सरकार निवेशकों को आमंत्रित करने से पहले राज्य की नौकरशाही में कार्य संस्कृति विकसित करे। सुरक्षा का वातावरण बनाये। भाजपा प्रवक्ता ने उम्मीद जताते हुए कहा कि जो दावे निवेशक सम्मेलन को लेकर किये जा रहे है उससे खाली हाथ सरकार नही लौटेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 13 June 2014 by admin
मंत्रिपरिषद नें भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 (अधिनियम संख्या-02, सन् 1899) की अनुसूची 1-ख के अनुच्छेद 31, 33, 35, 48 एवं 63 में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इसके लिए मंत्रिपरिषद ने भारतीय स्टाम्प (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2014 के प्रारूप को स्वीकृत कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि स्टाम्प शुल्क की प्रभार्यता सम्बन्धी स्टाम्प शुल्क के आगणन के तरीकों ;डवकम व िब्ंसबनसंजपवद व िैजंउच क्नजलद्ध में संशोधन आवश्यक हो गया है क्योंकि भारतीय स्टाम्प अधिनियम की अनुसूची 1-ख के अनुच्छेद 31, 33 एवं 63 के अन्तर्गत क्रमशः विनमय पत्र, दानपत्र तथा लीज के अन्तरण के विलेख आच्छादित है तथा वर्तमान स्टाम्प अधिनियम के प्राविधानों के अधीन इन विलेखों में अचल सम्पत्ति के बाजार मूल्य के स्थान पर विलेख में उल्लिखित मूल्य पर स्टाम्प शुल्क देय है। इस कारण पक्षकारों द्वारा अपनी इच्छानुसार मूल्य का उल्लेख करते हुए स्टाम्प शुल्क अदा किया जाता है, जो कि बाजार मूल्य से बहुत कम होता है, परन्तु फिर भी विधिक व्यवस्था के अभाव में इन विलेखों पर स्टाम्प शुल्क की अपवंचना के सम्बन्ध में कोई भी विधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती है।
भारतीय स्टाम्प अधिनियम की अनुसूची 1-ख के अनुच्छेद 48 के अधीन अचल सम्पत्ति के अन्तरण का अखण्डनीय अधिकार दिए जाने वाले पावर आफ अटार्नी के विलेख पर स्टाम्प शुल्क की प्रभार्यता उसमें उल्लिखित अचल सम्पत्ति के बाजार मूल्य पर है। परन्तु वास्तविकता यह है कि एक-दो पावर आफ अटार्नी के विलेख को छोड़कर किसी भी विलेख में अचल सम्पत्ति के अन्तरण करने का अखण्डनीय अधिकार दिए जाने का उल्लेख नहीं किया जाता है तथा विलेख में शब्द खण्डनीय का प्रयोग किया जाता है, जिसके कारण बाजार मूल्य के आधार पर स्टाम्प शुल्क देय न होकर मात्र 50 रुपये का स्टाम्प शुल्क देय होता है।
यह भी उल्लेखनीय है कि वास्तव में पक्षकार स्टाम्प शुल्क की अपवंचना के दृष्टिकोण से विक्रय पत्र न कराकर पावर आफ अटार्नी का विलेख करा लेते हैं, जिसके कारण रियल स्टेट में अपराधीकरण तथा कालेधन का प्रभाव होना स्वाभाविक है, जिसकी पुष्टि मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा सूरज लैम्प एण्ड इण्डस्ट्रीज बनाम हरियाणा राज्य व अन्य में पारित निर्णय से भी होती है। यह स्वाभाविक है कि सामान्यतया अचल सम्पत्ति के अन्तरण का अधिकार रक्त सम्बन्ध यथा पिता-पुत्र आदि के मध्य ही होता है, परन्तु यदि किसी व्यक्ति द्वारा अपनी अचल सम्पत्ति का रक्त सम्बन्ध से भिन्न किसी व्यक्ति को विक्रय का अधिकार दिया जाता है, तो स्पष्ट है कि ऐसा अधिकार बिना प्रतिफल नहीं दिया जाएगा। अतः रियल स्टेट में होने वाले अपराधीकरण एवं कालेधन के प्रवाह को रोकने के लिए यह अपरिहार्य हो गया है कि रक्त सम्बन्ध से भिन्न व्यक्तियों के पक्ष में अचल सम्पत्ति के अन्तरण के अधिकार से सम्बन्धित पावर आफ अटार्नी के विलेखों पर स्टाम्प शुल्क की दरें बढ़ा दी जाएं।
इसी प्रकार भारतीय स्टाम्प अधिनियम की अनुसूची 1-ख के अनुच्छेद 35 के अन्तर्गत 30 वर्ष से अधिक अवधि के लिए निष्पादित लीज के विलेख पर स्टाम्प शुल्क की प्रभार्यता लीज के विलेख में उल्लिखित अचल सम्पत्ति के बाजार मूल्य पर है, परन्तु 30 वर्ष से कम अवधि के लिए निष्पादित लीज के विलेख पर स्टाम्प शुल्क की प्रभार्यता विलेख में उल्लिखित प्रीमियम एवं/या रेन्ट (जैसा भी हो) पर है। इस कारण पक्षकारों द्वारा मनमाने ढंग से विलेख में किराए का उल्लेख करते हुए तथा वास्तविक किराया छिपाते हुए स्टाम्प शुल्क अदा किया जाता है।
उपरोक्त कारणों से करापवंचन की इस प्रवृत्ति पर प्रभावी नियंत्रण हेतु भारतीय स्टाम्प अधिनियम (अधिनियम संख्या 2, सन् 1899) में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 13 June 2014 by admin
मंत्रिपरिषद नें गाजियाबाद नगर में मेट्रो रेल परियोजना (द्वितीय चरण) के अन्तर्गत दिलशाद गार्डन, नई दिल्ली से नया बस अड्डा, गाजियाबाद तक विस्तार किये जाने के दृष्टिगत दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन एवं गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के मध्य प्रस्तावित मेमोरेंडम आॅफ अन्डरस्टैंडिंग (एम.ओ.यू.) पर अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि मेट्रो रेल सेवा का विस्तार दिल्ली से गाजियाबाद तक होने की स्थिति में गाजियाबाद नगर एवं आस-पास के क्षेत्रों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से सीधे आवागमन का माध्यम उपलब्ध हो जायेगा। जिससे सड़क परिवहन निगम की बसों पर निर्भरता घटेगी तथा गाजियाबाद शहर जो कि एक महानगर के स्वरुप में विकसित हो रहा है को एक तीव्र एवं प्रदूषण रहित परिवहन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इससे गाजियाबाद शहर एवं आस-पास के क्षेत्रों में व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ेगी तथा राज्य सरकार के राजस्व में भी वृ़़ि़़़द्ध होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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